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गुरुवार, 12 नवंबर 2020

धनतेरस पर वास्तु के 10 टिप्स, जानिए किस द्वार पर दीपक में क्या डालें

*🌹धनतेरस पर वास्तु के 10 टिप्स, जानिए किस द्वार पर दीपक में क्या डालें🌹*
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*⭕आपका घर या मकान किस दिशा में है और उसका मुख्य द्वार किस दिशा में है यह जानकर आप क्या खरीदे और द्वार पर कौनसा दीपक जलाएं इसके लिए आप जानिए सामान्य वास्तु टिप्स जिससे आपका धनतेरस पर लाभ मिल सकता है। निम्नलिखित टिप्स मान्यता पर आधारित हैं।*
 
*🚩1.* यदि आपके घर का मुख्‍य द्वार आग्नेय कोण में है तो आप चांदी का सामान जरूर खरीदें। क्षमता है तो हीरा भी खरीद सकते हैं और फिर द्वार पर दीपक जलाएं तो उसमें कौड़ी जरूर डालें।
 
*🚩2.* यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है तो सोने या तांबे से बना सामान खरीदें। मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं तो उसमें राईं अवश्य डालें।

*🚩3.* यदि आपके घर का मुख्‍य द्वार नैऋत्य दिशा में है तो चांदी या तांबे से बनी वस्तु खरीदें और द्वार पर दीपक जलाएं तो उसमें लौंग जरूर डालें।

*🚩4.* यदि आपके घर का मुख्‍य द्वार पश्चिम दिशा में है तो आप चांदी की वस्तुएं खरीदें और घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं तो उनमें एक किशमिश जरूर डालें।
 
*🚩5.* यदि आपके घर का मुख्‍य द्वार वायव्य कोण की दिशा में है तो चांदी या मोती खरीदें और दीपक में थोड़ी मिश्री जरूर डालें।
 
*🚩6.* यदि आपके घर का मुख्‍य द्वार उत्तर दिशा में है तो सोना खरीदें, पीतल खरीदें या लक्ष्मी-नारायण की तस्वीर जरूर खरीदें और अपने मुख्य द्वार पर जब दीपक जलाएं तो उनमें एक इलायची जरूर डालें।

*🚩7.* यदि आपके घर का मुख्‍य द्वार ईशान दिशा में है तो सोना, पीतल खरीदें या लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा जरूर खरीदें और जब भी मुख्‍य द्वार पर दीपक जलाएं तो उनमें एक चुटकी हल्दी जरूर डाल दें।
 
*🚩8.* यदि आपके घर का मुख्‍य द्वार पूर्व दिशा में है तो आपको सोना या तांबा खरीदना चाहिए और मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं तो उनमें थोड़ा कुमुकुम जरूर डाल दें।
 
*🚩9.* इसके अलावा इस दिन नवीन झाडू एवं सूपड़ा खरीदकर उनका पूजन करें। यथाशक्ति तांबे, पीतल, चांदी के गृह-उपयोगी नवीन बर्तन व आभूषण क्रय करें। शुभ मुहूर्त में अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान में नई गादी बिछाएं अथवा पुरानी गादी को ही साफ कर पुनः स्थापित करें। पश्चात नवीन वस्त्र बिछाएं। 
 
*🚩10.* इसके अलावा मंदिर, गौशाला, नदी के घाट, कुओं, तालाब, बगीचों में भी दीपक लगाएं। तेरस के सायंकाल किसी पात्र में तिल के तेल से युक्त दीपक प्रज्वलित करें। सायंकाल पश्चात तेरह दीपक प्रज्वलित कर तिजोरी में कुबेर का पूजन करें।
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