यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 15 अगस्त 2019

#भारतकासबसेधृणितशत्रु_जिन्ना - बहुत कठोर पोस्ट है पर जानना जरूरी है,

#भारतकासबसेधृणितशत्रु_जिन्ना😈😈😈

जिन्ना का दोष यही था कि उसने मुसलमानों को सीधे क़त्ले आम कर के पाकिस्तान लेने का निर्देश दिया था ! वह चाहता तो यह क़त्ले आम रुक सकता था लेकिन उसे मुसलमानों की ताक़त दर्शानी थी !

बहुत कठोर पोस्ट है पर जानना जरूरी है,

"जिन्ना" को

16 अगस्त 1946 से दो दिन पूर्व ही जिन्ना नें "सीधी कार्यवाही" की धमकी दी थी! गांधीजी को अब भी उम्मीद थी कि जिन्ना सिर्फ बोल रहा है, देश के मुस्लिम इतने बुरे नहीं कि 'पाकिस्तान' के लिए हिंदुओं का कत्लेआम करने लगेंगे। पर गांधी यहीं अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल कर बैठे, सम्प्रदायों का नशा शराब से भी ज्यादा घातक होता है।
बंगाल और बिहार में मुश्लिमों की संख्या अधिक है और मुस्लिम लीग की पकड़ भी यहाँ मजबूत है।
बंगाल का मुख्यमंत्री शाहिद सोहरावर्दी जिन्ना का वैचारिक गुलाम है, जिन्ना का आदेश उसके लिए खुदा का आदेश है।
पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश ) का मुस्लिम बहुल्य नोआखाली जिला। यहाँ अधिकांश दो ही जाति के लोग हैं, गरीब हिन्दू और मुस्लिम। हिंदुओं में 95 फीसदी पिछड़ी जाति के लोग हैं, गुलामी के दिनों में किसी भी तरह पेट पालने वाले।
लगभग सभी जानते हैं कि जिन्ना का "डायरेक्ट एक्शन" यहाँ लागू होगा पर हिन्दुओं में शांति है। आत्मरक्षा की भी कोई तैयारी नहीं। कुछ गाँधी जी के भरोसे बैठे हैं। कुछ को मुस्लिम अपने भाई लगते हैं, उन्हें भरोसा है कि मुस्लिम उनका अहित नहीं करेंगे।

सुबह के दस बज रहे हैं,  सड़क पर नमाजियों की भीड़ अब से ही इकट्ठी हो गयी है। बारह बजते बजते यह भीड़ तीस हजार की हो गयी, सभी हाथों में तलवारें हैं।
मौलाना मुसलमानों को बार बार जिन्ना साहब का हुक्म पढ़ कर सुना रहा है- "बिरदराने इस्लाम! हिंदुओं पर दस गुनी तेजी से हमला करो..."
मात्र पचास वर्ष पूर्व ही हिन्दू से मुसलमान बने इन मुसलमानों में घोर साम्प्रदायिक जहर भर दिया गया है, इन्हें अपना पाकिस्तान किसी भी कीमत पर चाहिए।
एक बज गया। नमाज हो गयी। अब जिन्ना के डायरेक्ट एक्शन का समय है। इस्लाम के तीस हजार सिपाही एक साथ हिन्दू बस्तियों पर हमला शुरू करते हैं। एक ओर से, पूरी तैयारी के साथ, जैसे किसान एक ओर से अपनी फसल काटता है। जबतक एक जगह की फसल पूरी तरह कट नहीं जाती, तबतक आगे नहीं बढ़ता।
जिन्ना की सेना पूरे व्यवस्थित तरीके से काम कर रही है। पुरुष, बूढ़े और बच्चे काटे जा रहे हैं, स्त्रियों-लड़कियों का बलात्कार किया जा रहा है।
हाथ जोड़ कर घिसटता हुआ पीछे बढ़ता कोई बुजुर्ग, और छप से उसकी गर्दन उड़ाती तलवार...
माँ माँ कर रोते छोटे छोटे बच्चे, और उनकी गर्दन उड़ा कर मुस्कुरा उठती तलवारें...
अपने हाथों से शरीर को ढंकने का असफल प्रयास करती बिलखती हुई एक स्त्री, और राक्षसी अट्टहास करते बीस बीस मुसलमान... उन्हें याद नहीं कि वे मनुष्य भी हैं। उन्हें सिर्फ जिन्ना याद है, उन्हें बस पाकिस्तान याद है।
शाम हो आई है। एक ही दिन में लगभग 15000 हिन्दू काट दिए गए हैं और लगभग दस हजार स्त्रियों का बलात्कार हुआ है।
जिन्ना खुश है, उसके "डायरेक्ट एक्शन" की सफल शुरुआत हुई है।
अगला दिन, सत्रह अगस्त....
मटियाबुर्ज का केसोराम कॉटन मिल! जिन्ना की विजयी सेना आज यहाँ हाथ लगाती है। मिल के मजदूर और आस पास के स्थान के दरिद्र हिन्दू....
आज सुबह से ही तलवारें निकली हैं। उत्साह कल से ज्यादा है। मिल के ग्यारह सौ मजदूरों, जिनमें तीन सौ उड़िया हैं, को ग्यारह बजे के पहले ही पूरी तरह काट डाला गया है। मोहम्मद अली जिन्ना जिन्दाबाद के नारों से आसमान गूंज रहा है...
पड़ोस के इलाके में बाद में काम लगाया जाएगा, अभी मजदूरों की स्त्रियों के साथ खेलने का समय है।
कलम कांप रही है, नहीं लिख पाऊंगा। बस इतना जानिए, हजार स्त्रियाँ...
अगले एक सप्ताह में रायपुर, रामगंज, बेगमपुर, लक्ष्मीपुर.... लगभग एक लाख लाशें गिरी हैं। तीस हजार स्त्रियों का बलात्कार हुआ है। जिन्ना ने अपनी ताकत दिखा दी है....
हिन्दू महासभा "निग्रह मोर्चा" बना कर बंगाल में उतरी , और सेना भी लगा दी। कत्लेआम रुक गया ।
बंगाल विधान सभा के प्रतिनिधि हारान चौधरी घोष कह रहे हैं, " यह दंगा नहीं, मुसलमानों की एक सुनियोजित कार्यवाही है, एक कत्लेआम है।
गांधीजी का घमंड टूटा, पर भरम बाकी रहा। वे वायसराय माउंटबेटन से कहते हैं, "अंग्रेजी शासन की फूट डालो और राज करो की नीति ने ऐसा दिन ला दिया है कि अब लगता है या तो देश रक्त स्नान करे या अंग्रेजी राज चलता रहे"।
सच यही है कि गांधी अब हार गए थे और जिन्ना जीत गया था।
कत्लेआम कुछ दिन के लिए ठहरा भर था या शायद अधिक धार के लिए कुछ दिनों तक रोक दिया गया था।

6 सितम्बर 1946...

गुलाम सरवर हुसैनी, मुस्लिम लीग का अध्यक्ष बनता है और शाहपुर में कत्लेआम दुबारा शुरू...
10 अक्टूबर 1946
कोजागरी लक्ष्मीपूजा के दिन ही कत्लेआम की तैयारी है। नोआखाली के जिला मजिस्ट्रेट M J Roy रिटायरमेंट के दो दिन पूर्व ही जिला छोड़ कर भाग गए हैं। वे जानते हैं कि जिन्ना ने 10 अक्टूबर का दिन तय किया है, और वे हिन्दू हैं।
जो लोग भाग सके हैं वे पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और आसाम के हिस्सों में भाग गए हैं, जो नहीं भाग पाए उनपर कहर बरसी है। नोआखाली फिर जल उठा है।
लगभग दस हजार लोग दो दिनों में काटे गए हैं। इस बार नियम बदल गए हैं। पुरुषों के सामने उनकी स्त्रियों का बलात्कार हो रहा है, फिर पुरुषों और बच्चों को काट दिया जाता है। अब वह बलत्कृता स्त्री उसी राक्षस की हुई जिसने उसके पति और बच्चों को काटा है।
एक लाख हिन्दू बंधक बनाए गए हैं। उनके लिए मुक्ति का मार्ग निर्धारित है, "गोमांस खा कर इस्लाम स्वीकार करो और जान बचा लो"।

एक सप्ताह में लगभग पचास हजार हिंदुओं का धर्म परिवर्तन हुआ है।
जिन्ना का "डायरेक्ट एक्शन" सफल हुआ ! नेहरू और पटेल मन ही मन भारत विभाजन को स्वीकार कर चुके हैं।

आज सत्तर साल बाद ......

"जिन्ना सेकुलर थे।" ऐसा कहने वाले अय्यर हो या सर्वेश तिवारी हों या कोई अन्य हो, भारत की धरती पर खड़े हो कर जिन्ना की बड़ाई करने वाले से बड़ा गद्दार इस विश्व में दूसरा कोई नहीं हो सकता।

इतिहास पढ़ो और थोड़ा सोचो, शेअर कीजिए इस पोस्ट को ताकि सेक्युलर हिन्दुओ को पता तो चले कि कौन था जिन्ना ।।

गूगल पर नोआखाली दर्दनाक हत्याकांड लिखकर  शोध कर सकते है !

स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं

रक्षाबंधन विशेष

🌹 रक्षाबंधन विशेष🌹


इस बार सावन माह में 15 अगस्त के दिन चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र में स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन का संयोग एक साथ बन रहा है।

इस बार बहनों को भाई की कलाई पर प्यार की डोर बांधने के लिए मुहूर्त का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इस बार राखी बांधने के लिए काफी लंबा मुहूर्त मिलेगा।

15 अगस्त की सुबह 5 बजकर 49 मिनट से शाम 6 बजकर 01 मिनट तक बहने राखी बांध सकेंगी।

रक्षाबंधन पर लगभग 13 घंटे तक शुभ मुर्हूत रहेगा। जबकि दोपहर 1:43 से 4:20 तक राखी बांधने का विशेष फल मिलेगा।

इस बार 19 साल बाद रक्षाबंधन और स्वतंत्रता दिवस एक साथ मनाया जाएगा। चंद्र प्रधान श्रवण नक्षत्र का संयोग बहुत ख़ास रहेगा। सुबह से ही सिद्धि योग बनेगा जिसके चलते पर्व की महत्ता और अधिक बढ़ेगी।

इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं है, इसलिए पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ रहेगा।

🌹 आइए जानते हैं राशि अनुसार बहनें अपने भाई को हाथ पर कौन से रंग की राखी कैसे बांधें।🌹

        मेष
राशि के भाई को मालपुए खिलाएं एवं लाल डोरी से निर्मित राखी बांधे।

       वृषभ
 राशि के भाई को दूध से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं सफेद रेशमी डोरी वाली राखी बांधे।

       मिथुन
राशि के भाई को बेसन से निर्मित मिठाई खिलाएं एवं हरी डोरी वाली राखी बांधे।

       कर्क
राशि के भाई को रबड़ी खिलाएं एवं पीली रेशम वाली राखी बांधे।

       सिंह
राशि के भाई को रस वाली मिठाई खिलाएं एवं पंचरंगी डोरे वाली राखी बांधे।

       कन्या
राशि के भाई को मोतीचूर के लड्डू खिलाएं एवं गणेशजी के प्रतीक वाली राखी बांधे।

        तुला
राशि के भाई को हलवा या घर में निर्मित मिठाई खिलाएं एवं रेशमी हल्के पीले डोरे वाली राखी बांधे।

       वृश्चिक
राशि के भाई को गुड़ से बनी मिठाई खिलाएं एवं गुलाबी डोरे वाली राखी बांधे।

       धनु
राशि के भाई को रसगुल्ले खिलाएं एवं पीली व सफेद डोरी से बनी राखी बांधे।

       मकर
राशि के भाई को मिठाई खिलाएं एवं मिलेजुले धागे वाली राखी बांधे।

      कुंभ
राशि के भाई को हरे रंग की मिठाई खिलाएं एवं नीले रंग की राखी बांधे।

      मीन
राशि के भाई को मिल्क केक खिलाएं एवं पीले-नीले जरी की राखी बांधे।

 रक्षाबंधन का मंत्र

येन बद्धो बलिः राजा दानवेन्द्रो महाबलः

तेन त्वाम भिबध्नामि रक्षे मा चलः

रक्षाबंधन का धार्मिक महत्व भाई बहनों के अलावा पुरोहित भी अपने यजमान को राखी बांधते हैं  इस प्रकार राखी बंधकर दोनों एक दूसरे के कल्याण एवं उन्नति की कामना करते हैं।

रक्षाबंधन विशेष

 पूजा की थाली में ये 7 चीजें अनिवार्य रूप से होनी चाहिए।
इस दिन सभी बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने से पहले एक विशेष थाली सजाती है. इस थाली में 7 खास चीजें होनी चाहिए.
 1. कुमकुम
 2. चावल
 3. नारियल
 4. रक्षा सूत्र (राखी)
 5. मिठाई
 6. दीपक
 7. गंगाजल से भरा कलश

पूजा की थाली में क्यों रखनी चाहिए यह खास 7 चीजें?

1) कुमकुम- बहन भाई को कुमकुम का तिलक लगाती है, (जो सूर्य ग्रह से connected है) और दुआएँ करती है कि आने वाले साल में भाई को हर प्रकार का यश और ख्याति प्राप्त हो।

2) चावल(अक्षत) - पूजा में चावल को सबसे शुभ माना जाता है। बहन भाई को कुमकुम के तिलक के ऊपर चावल लगाती है, (जो कि शुक्र ग्रह से connected है) और दुआएँ करती है कि "मेरे भाई के जीवन में हर तरह की शुभता आए और मेरा मेरे भाई से हमेशा प्रेम बना रहे।"

3) नारियल - इसको पूजा में श्रीफल कहा जाता है। (यह राहु ग्रह से connected है) बहन जब भाई को श्रीफल देती है तो इसका अर्थ है कि आने वाले वर्ष में भाई को सभी प्रकार के सुख सुविधा मिले।

 4) रक्षा सूत्र (राखी) - रक्षासूत्र हमेशा दाएँ हाथ (right hand) की कलाई पर बांधा जाता है। (यह मंगल ग्रह से connected है) जो कहता है कि बहन की दुआएँ हैं कि उसके भाई सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष मुश्किलों से उसकी रक्षा करें।

5) मिठाई- बहन भाई को मिठाई खिलाती है, (जो कि गुरु ग्रह से connected है) और दुआ करती है कि उसके भाई पर लक्ष्मी की कृपा बनी रहे। भाई के संतान और वैवाहिक जीवन भी सुखद रहे। भाई के घर में सभी कार्य निर्विघ्न पूरे हों।

6) दीपक-  बहन भाई की दीपक से आरती करती है, (जो शनि और केतु ग्रह से connected है) और दुआएँ करती है कि मेरे भाई के जीवन में आने वाले रोग और कष्ट सभी दूर हों।

7) जल से भरा कलश - फिर जल से भरे कलश से भाई की पूजा करें, (जो कि चंद्रमा से connected है) जिसमें बहन दुआएँ करती है कि मेरे भाई के जीवन में मानसिक शांति हमेशा बनी रहे।

 8) इन 7 चीजों में बहन की दुआओं के साथ आप के 8 ग्रह शुभ होते हैं। अब रहा नवाँ ग्रह - बुध।
बुध ग्रह को बहन का कारक ग्रह माना गया है। अब आप जो बहन को उपहार देंगे उससे आपका बुध ग्रह शुभ होकर फल देगा। (बुध ग्रह जो आपके व्यापार से connected है,)अगर आपकी बहन या भाई की दुआएँ मिल जाए तो आपके व्यापार में वृद्धि कर देता है। इसलिए हमेशा अपनी बहन को गिफ्ट देकर उनकी दुआएँ लेते रहें।

यह "रक्षा सूत्र" का पर्व  जिसमें बहन की शुभकामनाओं से भाई का आने वाला समय शुभ होता है। इसलिए हर्ष के साथ अपनी बहन की शुभकामनायें लीजिए।

function disabled

Old Post from Sanwariya