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रविवार, 31 मार्च 2019

अप्रैल फूल किसी को कहने से पहले इसकी वास्तविक सत्यता जरुर जान ले.!!

आवश्यक सूचना।
अप्रैल फूल बोलना गुलामी मानसिकता है।
🕉️

"अप्रैल फूल" किसी को कहने से पहले
इसकी वास्तविक सत्यता जरुर जान ले.!!

ये नाम अंग्रेज ईसाईयों की देन है…

पावन महीने की शुरुआत को मूर्खता दिवस
कह रहे हो !! पता भी है क्यों कहते है अप्रैल फूल (अप्रैल फुल का अर्थ है - हिन्दु संप्रदाय के लोगों का मूर्खता दिवस).??

मुर्ख हिंदू संप्रदाय के लोग कैसे समझें "अप्रैल फूल" का मतलब बहुत दिनों से बिना सोचे समझे चल रहा है अप्रैल फूल, अप्रैल फूल ??? इसका मतलब क्या है.??

दरअसल जब ईसाइयत के संप्रदायिक अंग्रेजो द्वारा हम पर 1 जनवरी का नववर्ष थोपा गया तो उस समय लोग विक्रमी संवत के अनुसार
01 अप्रैल से अपना नया साल बनाते थे और उत्सव मनाते थे, जो आज भी सच्चे हिन्दु संप्रदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है, आज भी हमारे बही खाते और बैंक 31 मार्च को बंद होते है और 01 अप्रैल से शुरू होते है, पर उस समय जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था, तो इसी ईसाइयत के मानने वाले अंग्रेजों ने विक्रमी संवत का नाश करने के लिए साजिश करते हुए 01 अप्रैल को मूर्खता दिवस "अप्रैल फूल" का नाम दे दिया ताकि हमारी सभ्यता मूर्ख लगे और कही जाए।

अब आप ही सोचो अप्रैल फूल कहने वाले कितने
सही हो आप ?

याद रखो अप्रैल माह से जुड़े हुए इतिहासिक दिन और त्यौहार

1. हिंदू संप्रदाय के लोगों का पावन महिना इस दिन से शुरू होता है (शुक्ल प्रतिपदा)

2. हिन्दु संप्रदाय के लोगों के रीति -रिवाज़ सब इस दिन के कैलेण्डर के अनुसार बनाये जाते है।

01 अप्रैल का दिन दुनिया को दिशा देने वाला है।

अंग्रेज ईसाई, हिन्दु संप्रदाय के लोगों के विरुद्ध थे इसलिए हिन्दू संप्रदाय के लोगों के त्योहारों को मूर्खता के दिन कहते थे, और उन्होंने इसे ऐसे फैलाया कि, आज भी हिन्दू संप्रदाय के मानने वाले सब लोग भी बहुत शान से  01 अप्रैल को  मूर्खता दिवस कह रहे हो !! आपसे आग्रह है कि, 01 अप्रैल को मूर्खों (Fools') का दिन लिखकर बनाकर और मनाकर आप अपनी गुलाम मानसिकता का सुबूत ना दो

अप्रैल फूल का दिवस जोकि भारतीय सनातन कैलेंडर के हिसाब से नववर्ष का दिवस था और जिसका अनुसरण आदिकाल से पूरा विश्व करता था, उसको भुलाने और मजाक उड़ाने के लिए ईसाईयों के द्वारा बनाया गया था।

1582 में पोप ग्रेगोरी ने नया कलेण्डर अपनाने का फरमान जारी कर दिया जिसमें  01 जनवरी को नया साल का प्रथम दिन बनाया गया।

जिन लोगो ने इसको मानने से इंकार किया, इसाई संप्रदाय के लोगों ने 01 अप्रैल वाले दिन उनका  मजाक उड़ाना शुरू कर दिया, और धीरे-धीरे 01 अप्रैल नया साल का नया दिन होने के बजाय मूर्ख दिवस बन गया।

आज भारत के सभी लोग अपनी ही संस्कृति का मजाक उड़ाते हुए 'अप्रैल फूल डे' मना रहे है।

जागो हिन्दु संप्रदाय के लोगों जागो।।
अपने संप्रदाय को पहचानो।

इस जानकारी को इतना फैलाओ कि कोई भी इस आने वाली  01 अप्रैल से अपनी  मूर्खता का परिचय न दे और और अंग्रेजों द्वारा प्रसिद्ध किया गया ये हिंदु संप्रदाय के लोगों का मजाक तुरंत बंद हो जाये।
www.sanwariyaa.blogspot.in

शनिवार, 30 मार्च 2019

गलतियां सिर्फ लड़कियों की नही है उनके नादान माता पिता की भी है

ध्यान देने योग्य बाते खासकर माता पिता को
🌚🌚🌚🌚🌚🌚🌛🌚🌚🌚🌚🌚
🔍🔍गलतियां सिर्फ लड़कियों की नही है उनके नादान माता पिता की भी है !

क्या आपने कभी इस पर ध्यान दिया है
नहीं ना तो आगे से ध्यान दीजिए देखिए आपके आसपास तो यह ऐसा घटित नहीं हो रहा...???

शहरों में जगह जगह हाई प्रोफाइल localities में कम उम्र, वयस्क युवतियां और महिलाएं आपको मेहंदी लगवाती दिख जाएंगी !

 करवाचौथ और त्यौहारी सीजन में तो इतनी भीड़ हो जाती है कि मेहंदी लगाने वाले लड़के मुँह मांगे पैसे वसूल करते हैं !

आज ही मैंने देखा कि
 4 लड़के 4 लड़कियों के हाथों में मेहंदी लगा रहे थे और काफी स्मार्ट और मेन्टेन लग रहे थे !

मेरी समझ में ये नहीं आया कि क्या उन स्मार्ट पढि लिखी लड़कियों को ये नही दिखता कि गली गली यूँ मेहँदी लगाने वालों के पास इतना सजने सवरने के लिए समय और पैसा कहाँ से आता होगा ।

 या इनके पास पैसा है तो ये छोटा सा काम क्यों कर रहे हैं ।??
 
4 लड़के मेहँदी लगा रहे थे

मैं इस तरह वहाँ खड़ा हो गया कि वो लड़के मुझे किसी युवती का भाई या कोई रिश्तेदार समझें !

 एक युवक ने मेहंदी लगाने के बाद युवती से कहा कि
"आपका हाथ गज़ब लग रहा है मैडम ", युवती शर्मा गई और युवक ने आँखों-आँखों में मुस्कान फेंकी ! और कुछ न कुछ ऐसे बोलना कि वो नव यौवनाएं उनसे प्रभावित हों।

फिर युवती गदगद मन से  200 रु देकर मेहंदी लगा हाथ सँभालते हुए रवाना हो गई !

शहरी क्षेत्र में अनेक इंजीनियरिंग और एमबीए की स्टूडेंट्स पीजी के रूप में रहती हैं,

मेरे समझ के बाहर की बात है कि अपने शहर से दूर पढ़ने के लिए आई युवती को मेहंदी और सौंदर्य प्रसाधनों की आवश्यकता क्यों है ?
            
बहरहाल मैंने चारों लड़कों से उनके नाम पूछे ।

 लड़के हिचकिचाये, कुछ और नाम बताये,
मैंने कहा कि ID दिखाओ, ID में लड़कों के नाम,

चारों नाम गौर से पढ़िए :-
1.रुसलान 2.अल्तमष 3.मुज़म्मिल 4.वहीद !
              
साथियों, हमारी बेटियों बहनो का हाथ पकड मेहंदी लगाते यह शातिर शिकारी लोग इन भोली-भाली बच्चियों को किधर मोड़ ले जाएं, कुछ मालूम नहीं !!

मेरे समझ के बाहर का विषय है कि अब घर में माँ बहन और बेटी एक दूसरे के हाथ में मेहंदी क्यों नहीं लगा सकती ?

बाहर जाकर मेंहदी लगवाना कौनसा फैशन है ?
कहीं यह लव जिहाद का कोई नया एंगल तो नही

#नोट इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और लोगों को इसके दुष्परिणाम  से बचाएं 🙏🙏🙏🙏🙏
सारिका बहन की वाल से
#कॉपी_पेस्ट

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इस योजना में जीवन बीमा के बराबर दुर्घटना बीमा भी बिना कोई अतिरिक्त चार्ज , बीमा राशि के बराबर मिलेगा

इस प्लान में 12 वर्ष प्रीमियम भरना है और बीमा (+1 yr) total 13 वर्ष रहेगा

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उदाहरण किसी ने 1लाख रुपया 12 वर्ष तक जमा करवाया है तो उससे सारे 16.50 lac का जीवन बीमा एवं 16 .50lac लाख का दुर्घटना बीमा मिलेगा

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और विकल्प B लेने पर
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यह योजना पूरी तरह गारंटेड है
Kailash chandra ladha
9352174466

Congress सत्ता में वापसी के लिए इस देश को Venezuela बना देगी

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ,
जब पूरी दुनिया मे तेल की जबरदस्त demand थी और दाम आसमान छू रहे थे , Venezuela की पांचों उँगलियाँ घी में थीं । 1945 में ही देश रोज़ाना 1 Million Barrel तेल बना रहा था ।

सरकार ने अपने नागरिकों को खैरात बांटना शुरू किया ।
देश की हर सेवा सरकारी थी और हर सेवा Free थी ।
तेल के बदले में दुनिया भर से सामान आता था , राशन , अनाज , फल ,सब्जी , दवाइयां , मशीनरी , कपड़ा हर चीज़ Import ही होती थी । तेल के बदले में ....... और सरकार अपने नागरिकों को सबकुछ फ्री देती थी ।
50 और 60 के दशक में जब कि सारी दुनिया हाड़ तोड़ मेहनत कर उत्पादन Manufacturing में लगी थी , Venezuela में एक सूई तक न बनती थी और उनकी तो गोभी और टमाटर भी यूरोप से आती थी ।

बहुत खूबसूरत देश है Venezuela..…... पर यदि कोई Tourist भूला भटका आ भी जाता तो पूरे देश मे कोई उसको पानी पूछने वाला न था .....… आमतौर पे ऐसे देशों में बाहर से विदेशी आ जाते हैं रोज़ी रोज़गार की तालाश में , पर चूंकि इस देश मे फ्री सेवा थी इसलिए सभी पार्टियां और जनता विदेशी लोगों के देश मे प्रवेश के खिलाफ थी कि हमारी मुफ्त सेवा का लाभ विदेशी क्यों लें ।
इसका नतीजा ये हुआ कि कोई नागरिक खुद तो कुछ करता नही था , खेती बाड़ी , कोई उद्योग धंदा , और बाहर से लेबर ही import कर ले सरकार , ये होने नही देता था । इसलिए देश मे Tourism तक develop न हुआ ।
बताया जाता है कि 70 के दशक में अगर भूला भटका सैलानी अगर आ भी जाता तो ये उससे कहते ....... FCUK off .......

फिर एक दिन तेल के दाम गिरने लगे ........ सरकार की एक तेल कंपनी थी ...... PDVSA ...... सरकार ने कंपनी से कहा , सबको नौकरी दे दो ....... कंपनी बोली हुज़ूर हमको employee की ज़रूरत ही नही ....... सरकार बोली , फिर भी दे दो ....... इस तरह सरकार ने हर परिवार के कम से कम एक आदमी को सरकारी तेल कंपनी PDVSA में नौकरी दे दी जहां वो कोई काम नही करता था और मुफ्त की मोटी पगार लेता ........
फिर तेल के दाम और गिरे ........ अब जब तेल कंपनी बुरी तरह घाटे में आ गयी और तेल बिकना बंद हो गया तो खैरात भी बंद हो गयी .........
धीरे धीरे हर चीज़ की कमी होने लगी ।
3.5 करोड़ मुफ्तखोर जिनने ज़िन्दगी में कोई काम नही किया था वो लूट खसोट करने लगे ।
लड़कियां सब वेश्यावृत्ति में उतर गई ।
समाजवादी सरकार फिर भी नही चेती ........ वो कर्ज़ा ले के घी पिलाने लगी अपनी मुफ्तखोर जनता को ........

आज राजधानी कराकास दुनिया का सबसे असुरक्षित शहर है जहां एक Bread के टुकड़े के लिए हत्या हो जाती है और लड़कियां सिर्फ एक पीस bread के लिए शरीर बेचती हैं ।
डेढ़ करोड़ बोलिवर में एक थाली खाना मिलता है ........

1999 के बाद देश की ये दुर्दशा शुरू हुई .......

इतना बड़ा देश सिर्फ 3.5 करोड़ लोगों के लिए गेहूं चावल सब्जी दूध पैदा नही कर सकता ?????

मैं कहता हूँ कि आज अगर वेनेजुएला की सरकार यहां पंजाब से सिर्फ 1000 किसानों को अपने यहां आमंत्रित कर ले और सिर्फ जरूरी मशीनरी दे दे तो सिर्फ 6 महीने में हमारे किसान इतना अनाज , सब्जी , फल और दूध पैदा कर देंगे कि पूरे वेनेजुएला से खाया न जाये ........ अकेला एक कपूरथला जिला इतना खरबूजा पैदा करता है कि पूरा North India खाता है .......

सवाल है कि सरकार ने ये मुफ्तखोरी अपने नागरिकों को क्यों सिखाई ?
अपने देश की जनता को निकम्मा , नकारा , हरामखोर किसने बनाया ?
जब इतनी भुखमरी है देश मे तो भी क्या जनता अपने घर के पिछवाड़े घीया तोरी कद्दू के बीज सिर्फ डाल दे तो भी दो महीने में इतनी सब्जी हो जाएगी कि उसको उबाल के खा के पेट भर लेंगे लोग ........
पिछले 10 साल से भुखमरी है देश मे ........ न सरकार चेती न जानता ???????

आज राहुल G चुनावी वादा कर रहे कि 5 करोड़ गरीब परिवारों को 6000 महीना 72000 सालाना दे के भारत मे 7 venezuela बनाना चाहते हैं ।
3.5 करोड़ लोगों का एक Venezuela है ।
राहुल G 25 करोड़ लोगों को मुफ्तखोर बनाना चाहते हैं यानी 7 Venezuela .........

राहुल G / कांग्रेस की इस मुफ्तखोरी योजना का बजट होगा 3 ,60,000 करोड़ रु यानी हमारे कुल रक्षा बजट से भी ज़्यादा ........

Congress सत्ता में वापसी के लिए इस देश को Venezuela बना देगी .........

Congress से बचो .......

कांग्रेस के 49 वर्षीय युवा नेता माननीय राहुल गांधी जी बस नाम ही काफी है

राहुलजी का जीवन परिचय

कांग्रेस के 49 वर्षीय युवा नेता माननीय राहुल गांधी जी बस नाम ही काफी है।
राहुल जी एक ज़मीनी और तो और बुनियादी नेता हैं जो बचपन से ही देश के तमाम सामाजिक आंदोलनों में भागीदार रहे हैं…
तमाम संघर्षों में भाग लेने वो इटली से अमेरिका तक भी जाते रहे… थाईलैण्ड के संघर्षों में तो उनकी प्रमुख भूमिका रही है…😜

ग़रीबी और अभावग्रस्त जीवन होने के कारण उन्हें कई बार ग़रीबों, दलितों की झोपड़ियों में जाकर खाना माँग कर खाना पड़ा…
उनके कुर्ते की जेब भी अक़्सर फटी रहती है…

नोटबन्दी के दौरान उन्हें हज़ार दो हज़ार रुपये के लिए भी ATM की भीड़ में धक्का-मुक्की झेलनी पड़ी थी..

उनके द्वारा सभी देशवासियों को भैया सम्बोधित करने के कारण अस्सी-नब्बे साल के बुज़ुर्ग भी ख़ुद को युवा महसूस करने लगे हैं… 😎

सन् 2004 में अपने इंग्लैण्ड सत्संग के दौरान वेनेजुएला निवासिनी एक स्पेनिश आर्किटेक्ट उनकी शिष्या बन गयी थी… 😚

उनके शिष्यों के क्रांतिकारी दार्शनिक विचारों से भारत के जनमानस में कई बार रिक्टर स्केल पर 9.0 तक के भूचाल आते रहे हैं।

उनका दर्शन है कि कांग्रेस एक सोच है जो 3000 साल पुरानी है…

भारतीय इतिहास, अध्यात्म, दर्शन, धर्म पर उनकी पकड़ और ज्ञान अद्वितीय है… उनके इसी दर्शन के आधार पर मनमोहन सरकार ने पुरातत्व विभाग से उन्नाव में ख़ुदाई तक करवा डाली थी…

मोदी सरकार का स्वच्छता अभियान उन्हीं के एक विचार से प्रभावित है - जहाँ सोच वहीं शौचालय… 😜

समाजशास्त्र और अर्थशास्त्र पर उनका ज्ञान कौटिल्य के समकक्ष है… खेत की बजाय आलू बनाने वाली फ़ैक्टरी और आलू डालकर सोना निकालने वाली मशीनों की उनकी थ्योरी से विज्ञान जगत में हलचल मच गई है… 😏

सुना है कि भौतिक शास्त्र के नॉबेल पुरस्कार से उन्हें महज़ एक ग़रीब इण्डियन होने के कारण वंचित कर दिया गया… खेती-किसानी और ग़रीबी की रेखा के नीचे वाले अंत्योदय फार्म हाउस उन्हें विरासत में मिले... उनके माननीय इकलौते भगिनी-वर भी देश के सबसे ग़रीब भूमिहीन किसानों में हैं...

राहुल जी को गुड़ की खेती जैसी विस्मयकारी कलाएं अपने पिता से विरासत में मिलीं...

अब उनका अपनी किसानी में कटहल की बेल और पुदीने के विशाल वृक्षों पर शोध जारी है...

खाट पर चर्चा और गब्बर सिंह टैक्स जैसी अद्वितीय खोजों से वो देश के जनमानस पर छा गए…

राहुल जी जनेऊधारी कट्टर कर्मकाण्डी दरिद्र हिन्दू ब्राह्मण हैं…💐

वो कान पर जनेऊ चढ़ाए बिना संसद के शौचालय में भी नहीं जाते... उन्होंने इटली में रोमा देवी और थाईलैण्ड में थाई नाथ की घोर तपस्या की है...

पिछले वर्ष जब असम में सुबह मंदिर जाते समय किसी महिला ने उनको रोका-टोका तो उसे और असम की जनता को उन्होंने श्राप दे दिया… श्राप के परिणामस्वरूप असम की जनता आज भाजपा का सुशासन झेलने को मज़बूर है…

ज्योतिष का प्रकाण्ड ज्ञानी होने के कारण शुभ दिन बीतते ही खरमास के पहले दिन उन्होंने अध्यक्ष पद जैसा हलाहल पीया...

राहुल जी भी ब्राह्मण रावण की ही तरह परम शिवभक्त हैं… अपने गुजरात मेधयज्ञ के दौरान वो नियमित रूप से बीसियों मंदिरों में जाकर नियमित कर्मकाण्ड करते रहे…

अपने पौराणिक चुनाव क्षेत्र अमेठी को विश्वस्तरीय बनाने में राहुल जी एक मिसाल हैं… आज अमेठी की गिनती दुनिया के सबसे बेहतरीन 10 शहरों में है… राहुल जी का संसद की बहसों में भी अपना एक कीर्तिमान है…
कई बार जब वह संसद में बैठकर राष्ट्र चिंतन करते थे तो विपक्षी उनसे जलते हुए उन पर संसद में सोने का आरोप लगाते रहे हैं…

अपने कार्यों को तुरंत निपटने के वो सैद्धांतिक प्रतिबद्ध रहे हैं… एक बार तो इसी सिद्धान्त के तहत उन्होंने मंत्री के हाथ से छीनकर प्रस्तावित बिल फाड़कर तुरन्त निपटारा कर डाला था…

एक हिन्दू और ब्राह्मण होने के नाते हमें उनपर मीट्रिक टनों गर्व है… हमें उम्मीद है कि इस देश को उनके रूप में एक कुशल, ज्ञानी, अनुभवी, प्रतापी, जुझारू, संघर्षलीन नेतृत्व मिलेगा जो इण्डिया को दुनिया से भी बाहर ले जाकर तीनों लोकों में अपनी कीर्ति स्थापित करेगा…
😢😜😃👍

साभार

मतदान अवश्य करें क्योंकि

(1)मतदान अवश्य करें......................क्योंकि
1875 में फ्रांस में मात्र एक वोट से राजतंत्र के स्थान पर गणतंत्र आया ।

(2)मतदान अवश्य करें...................क्योंकि 1998 में वाजपेयी सरकार मात्र एक वोट से गिर गयी थी।

(3)मतदान अवश्य करें ......................
वर्ष 2008 में राजस्थान की नाथद्वारा सीट से सी. पी. जोशी मात्र एक वोट से चुनाव हार गए थे मजे़ की बात ये हे कि उनके ड्राइवर को वोट डालने का समय नहीं मिला ।

(4)मतदान अवश्य करें......................क्योंकि
1776 में अमेरिका में एक वोट ज्यादा मिलने से जर्मन भाषा के स्थान पर अंग्रेज़ी राजभाषा बनी ।

(5)मतदान अवश्य करें........................क्योंकि
1923 में एक वोट ज्यादा मिलने से हिटलर नाजी़ पार्टी का प्रमुख बना ओर हिटलर युग की शुरुआत हुई ।

(6)मतदान अवश्य करें......................क्योंकि
1917 में सरदार पटेल अहमदाबाद म्यूनसिपल कारपोरेशन का चुनाव मात्र एक वोट से हार गये थे ।

नोट: इसका वास्तविक चुनावी गठबंधन से कोई संबंध नही है

हमारे बाथरूम मे जब नहाने का साबुन बिल्कुल छोटा हो जाता है तो ...
हम उसे साबुन दानी मे छोडकर नया साबुन निकाल लेते हैं।
जब ऐसा 3चार बार होता है तो
छोटे छोटे साबुन के कई टुकडे इकट्ठे हो जाते हैं।
हम सोचते हैं इसे फेकने की बजाय इसका "गठबंधन" बना दिया जाये फ़िर भी वो गठ बंधन वाला साबुन नहाने के काम नही आता सिर्फ़ शौच के हाथ धोने के काम ही आता है।☹😊😷🙄😎

नोट: इसका वास्तविक चुनावी गठबंधन से कोई संबंध नही है

think decide and vote

एक नेता को सत्ता की इतनी चाह  है की उसने एक लॉलीपॉप कल फेंक दिया - minimum guarantee scheme जिसमें वो ये निश्चित करेगा की हर फ़ैमिली को १२००० Rs permonth मिले यदि कोई अभी ६००० कमाता है तो ६००० उसे सरकार देगी , क्या आपने सोचा इसका नतीजा क्या होगा
१- यदि आपके यहाँ कोई खाना बनाने या घर साफ़ करने कोई domestic helper आता है और वो महीने में १०००० कमाता है तो मान के चलिए वो आना बंद कर देगा क्योंकि बिना काम किए १२००० मिलेंगे और काम करके १०००० , तो वो मूर्ख थोड़ी है जो काम करेगा , फिर आपको या आपकी पत्नी को ये काम करना पड़ेगा.
२- यदि आप ड्राइवर को १२००० सैलरी देते है तो ready हो जाए या तो १८०००-२०००० salary दे या ख़ुद ड्राइविंग करने की आदत डाले
३- यदि आप सब्ज़ी खरदीने मार्केट जाते है तो ready हों जाए अब सब्ज़ी लेने के लिए आपको खेत मैं ही जाना पड़ेगा
४-यदि आप दुकानदार है और मोदी को GST के लिए कोसते है तो ready हो जाए , क्योंकि आपको काम करने के लिए worker नहीं मिलेंगे , जब बिना काम १२००० मिलते है तो कोई क्यों काम करेगा , ready हो जाए अब आप को दुकान की शटर उठाने से सफ़ाई तक सब काम करना है
५- आपके खेत है तो ready हो जाए आपको सिंचाई , बीज बोना , फ़सल काटना सब काम करना पड़ेगा
६- जो अभी १०-२० % इंकम टैक्स पर रोते है उन्हें ready रहना चाहिए ३०-४० या ५० प्रतिशत टैक्स के लिए। क्योंकि इस योजना से ५ -१० lac करोड़ ख़र्च होगे और साल का incomeटैक्स collection १० lac करोड़ , ये पैसे राहुल अपने अकाउंट से तो नहीं देगा तो कहा से आएगा , आप से ही निकालेगा फिर बैठ कर झुनझुना बजाना
७ - उद्योगों का क्या हाल होगा , minimum सैलरी इंडस्ट्री में १८०००-२०००० करना पढ़ेगी और इसका भार आप पर हीं आना है एक साबुन २०० Rs का और। toothpaste ५०० Rs का हो सकता है
ये तो कुछ example मैंने दिए है ऐसी अनगिनत problems आपकी लाइफ़ में आ सकती है , महँगाई अनाप शनाप तरीक़े से बढ़ेगी , आपकी सैलरी उतनी रहेगी या कम होगी और टैक्स बढ़ेंगे फिर कोसते रहना अपने आप को अपने वोट को , ध्यान रखिए बंदर के हाथ में उस्तरा दिया तो वो आपकी शेविंग नहीं बनायेगा आपका गला काटेगा - think decide and vote

हिन्दू नव वर्ष के स्वागत के लिए तैयार हो जाऐं

नव सम्वत का स्वागत है 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
🚩🇮🇳*

 हिन्दू नव वर्ष के स्वागत के लिए तैयार हो जाऐं ! 🚩

1. घर के आंगन को रंग पोत कर साफ करिये | आंगन में तुलसी का पौधा नहीं है तो अभी लगायें।

2. घर की छत या सबसे उपर के हिस्से पर एक मजबूत पोल या पाईप गडवा दीजिए, नये वर्ष पर ध्वज जो लगाना है।

3 . घर के बाहर लगाने के लिए ऊँ व स्वास्तिक के अच्छे स्टिकर इत्यादि ले आईये।

4. घर के आसपास नीम का पेड ढूंढ कर रखिए। नव वर्ष तक उसमें नई कोंपलें आ जायेंगी। नव वर्ष के दिन सुबह सुबह वे कोपलें मिश्री के साथ स्वयं भी खानी है और ओरों को भी बांटनी हैं |

5. अच्छे शुभकामना संदेश ढूंढ कर रखिये, मित्रों को जो भेजने हैं। क्या कहा? कार्ड भेजेगें । हां तो उसकी डिजाइन तैयार करने का समय आ गया है। सम्राट विक्रमादित्य, श्री राम जी कृशन जी  आदि महापुरुषों के अच्छे चित्र ढूंढना प्रारंभ कर दीजिये। शुभ-कामनाएँ पोस्ट कार्ड पर भी भेजी जा सकती हैं। अपनापन लगता है।

6. नव-वर्ष की पूर्व संध्या पर अपने गाँव, शहर, मोहल्ले, प्रतिष्ठान में सांस्कृतिक कार्यक्रम कवि सम्मेलन की योजना भी बनायी जा सकती है।

7 . नववर्ष के दिन घरों में, प्रतिष्ठानों में रोशनी करना नहीं भूलें।

8. उस दिन सुबह प्रभात-फेरी भी निकाली जा सकती है।

9. हमारे यहाँ तो उस दिन मीठे व नमकीन बासंती चावल बनाने की परम्परा भी है।

हाँ जी, इतने सारे काम ???

हमारा नव वर्ष प्रतिपदा 2076 इस वर्ष दिनांक 6 अप्रैल 2019 शनिवार को है।
तैयार रहें!!

हिन्दू होने पर गर्व करो !!!
अपने नव वर्ष को मनाने का संकल्प लें ...

!! जय श्री राम !!🚩

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रविवार, 24 मार्च 2019

आपको एक ऐसी चीज बताएं जिस से के आपके शरीर के सभी रोग स्वतः ही समाप्त हो जाए

दोस्तों कई दिनों से हम

https://sanwariyaa.blogspot.com  सोच रहे थे के हम आपको एक ऐसी चीज बताएं जिस से के आपके शरीर के सभी रोग स्वतः ही समाप्त हो जाए--- जैसे : डायबिटीज, कैंसर, हार्ट, ब्लड प्रेशर, जोड़ों का दर्द, UTI – पेशाब के रोग, Osteoporosis, सोरायसिस, यूरिक एसिड का बढ़ना, गठिया – Gout, थाइरोइड, गैस, बदहजमी, दस्त, हैजा, थकान, किडनी के रोग, पेशाब सम्बंधित रोग, पत्थरी और अन्य कई प्रकार के जटिल रोग। इन सबको सही करने का सबसे सही और सस्ता उपयोग है शरीर को एल्कलाइन कर लेना।
*पहले तो जानिए पी एच लेवल क्या है?*
इसको समझने के लिए सबसे पहले आपको PH को समझना होगा, हमारे शरीर में अलग अलग तरह के द्रव्य पाए जाते हैं, उन सबकी PH अलग अलग होती है,
हमारे शरीर की सामान्य *Ph 7.35 से 7.41* तक होती है,
PH पैमाने में PH 1 से 14 तक होती है, 7 PH न्यूट्रल मानी जाती है, यानी ना एसिडिक और ना ही एल्कलाइन। 7 से 1 की तरफ ये जाती है तो समझो *एसिडिटी* यानी *अम्लता* बढ़ रही है, और 7 से 14 की तरफ जाएगी तो *Alkalinity* यानी *क्षारीयता* बढ़ रही है।
अगर हम अपने शरीर के अन्दर पाए जाने वाले विभिन्न द्रव्यों की PH को Alkaline की तरफ लेकर जाते हैं। तो हम बहुत सारी बीमारियों के मूल कारण को हटा सकते हैं, और उनको हमेशा के लिए Cure कर सकते हैं।
*Cancer and PH – कैंसर*
*उदहारण के तौर पर सभी तरह के कैंसर सिर्फ Acidic Environment में ही पनपते हैं।*
क्यूंकि कैंसर की कोशिका में शुगर का ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में Fermentation होता है जिससे अंतिम उत्पाद के रूप में लैक्टिक एसिड बनता है और यही लैक्टिक एसिड Acidic Environment पैदा करता है जिस से वहां पर एसिडिटी बढती जाती है और कैंसर की ग्रोथ बढती जाती है। और ये हम सभी जानते हैं के कैंसर होने का मूल कारण यही है के कोशिकाओं में ऑक्सीजन बहुत कम मात्रा में और ना के बराबर पहुँचता है। और वहां पर मौजूद ग्लूकोस लैक्टिक एसिड में बदलना शुरू हो जाता है।
*Gout and PH – गठिया*
*दूसरा उदहारण है*--  Gout जिसको गठिया भी कहते हैं, इसमें रक्त में *यूरिक एसिड* की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे रक्त एसिडिक होना शुरू हो जाता है, जितना ब्लड अधिक एसिडिक होगा उतना ही यूरिक एसिड उसमे ज्यादा जमा होना शुरू हो जायेगा। अगर हम ऐसी डाइट खाएं जिससे हमारा पेशाब Alkaline हो जाए तो ये बढ़ा हुआ यूरिक एसिड Alkaline Urine में आसानी से बाहर निकल जायेगा।
*UTI and PH – पेशाब का संक्रमण*
*तीसरा उदहारण है* --  UTI जिसको Urinary tract infection कहते हैं, इसमें मुख्य रोग कारक जो बैक्टीरिया है वो E.Coli है, ये बैक्टीरिया एसिडिक वातावरण में ही ज्यादा पनपता है। इसके अलावा Candida Albicanes नामक फंगस भी एसिडिक वातावरण में ही ज्यादा पनपता है। इसीलिए UTI तभी होते हैं जब पेशाब की PH अधिक एसिडिक हो।
*Kidney and PH – किडनी*
*चौथी एक और उदाहरण देते हैं*--- किडनी की समस्या मुख्यतः एसिडिक वातावरण में ही होती है, अगर किडनी का PH हम एल्कलाइन कर देंगे तो किडनी से सम्बंधित कोई भी रोग नहीं होगा। मसलन क्रिएटिनिन, यूरिक एसिड, पत्थरी इत्यादि समस्याएँ जो भी किडनी से सम्बंधित हैं वो नहीं होंगी।
*वर्तमान स्थिति*
――――――――
आजकल हम जो भी भोजन कर रहें हैं वो *90 प्रतिशत* तक एसिडिक ही है, और फिर हमारा सवाल होता है कि हम सही क्यों नहीं हो रहे ? या फिर कहते हैं कि हमने ढेरों इलाज करवाए मगर आराम अभी तक नहीं आया। बहुत दवा खायी मगर फिर भी आराम नहीं हो रहा। तो उन सबका मुख्यः कारण यही है के उनका PH लेवल कम हो जाना अर्थात एसिडिक हो जाना।
*आज हम इसी विषय पर बात करेंगे कि कैसे हम अपना PH level बढ़ाएं और इन बिमारियों से मुक्ति पायें।_*
*कैसे बढ़ाएं PH level ? --*
इन सभी Alkaline क्षारीय खाद्य पदार्थो का सेवन नित्य करिये...
फल –* सेब, खुबानी, ऐवोकैडो, केले, जामुन, चेरी, खजूर, अंजीर, अंगूर, अमरुद, नींबू, आम, जैतून, नारंगी, संतरा, पपीता, आड़ू, नाशपाती, अनानास, अनार, खरबूजे, किशमिश, इमली, टमाटर इत्यादि फल।
- इसके अलावा तुलसी, सेंधा नमक, अजवायन, दालचीनी, बाजरा इत्यादि।
*मुख्य बात --:* आज सभी घरों में कंपनियों का पैकेट वाला आयोडीन सफेद नमक प्रयोग हो रहा है, ये धीमा ज़हर है, यह अम्लीय(acidic) होता है और इसमें सामान्य से आयोडीन की अधिक मात्रा भी होती है, जो अत्यंत घातक है शरीर के लिए।  इस नमक से हृदय रोग, थाइरोइड, कैंसर, लकवा, नपुंसकता, मोटापा, एसिडिटी, मधुमेह, किडनी रोग, लिवर रोग,बाल झड़ना, दृष्टि कम होना जैसे अनेको रोग काम आयु से बड़े आयु तक के सभी घर के सदस्यों को हो रहे हैं। जो पैकेट नमक के प्रयोग से पूर्व कभी नही होते थे। इसलिए आयोडीन की कमी का झूठ फैलाकर बीमारी का सामान हर घर तक पहुंचाया गया, जिसने दवाइयों के कारोबार को अरबो, खरबो का लाभ पहुंचाया है।
इसके विकल्प के रूप में आज से ही *सेंधा नमक* का प्रयोग शुरू कर दीजिए। यह पूरी तरह से प्राकृतिक और क्षारीय (Alkaline) होता है और आयोडीन भी सामान्य मात्रा में होता है। अन्यथा आपके सारे उपचार असफल सिद्ध होते रहेंगे, क्योंकि हर भोजन को सफेद नमक ज़हरीला बना देगा, चाहे कितनी अच्छी सब्जी क्यों न बनाएं आप।
*AlkaLine Water बनाने की विधि*
रोगी हो या स्वस्थ उसको यहाँ बताया गया ये *Alkaline Water* ज़रूर पीना है।
*इसके लिए ज़रूरी क्षारीय सामान –―*
1 निम्बू,
25 ग्राम खीरा,
5 ग्राम अदरक,
21 पोदीने की पत्तियां,
21 पत्ते तुलसी,
आधा चम्मच सेंधा नमक,
चुटकी भर मीठा सोडा।
अभी इन सभी चीजों को लेकर पहले छोटे छोटे टुकड़ों में काट लीजिये, निम्बू छिलके सहित काटने की कोशिश करें। एक कांच के बर्तन में इन सब चीजों को डाल दीजिये और इसमें डेढ़ गिलास पानी डाल दीजिये, पूरी रात इस पानी को ढक कर पड़ा रहने दें। और सुबह उठ कर शौच वगैरह जाने के बाद खाली पेट सब से पहले इसी को छान कर पीना है। छानने से पहले इन सभी चीजों को हाथों से अच्छे से मसल लीजिये और फिर इसको छान कर पीजिये। फिर चमत्कार होते देखिए।
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*Alkaline के लिए दूसरी विधि*
1 लौकी जिसे दूधी भी कहा जाता हैं का जूस एक गिलास इसमें 5-5 पत्ते तुलसी और पोदीने के डालिए इसमें सेंधा नमक या काला नमक डाल कर पियें।
‍ *ध्यान रहे* --- कि इनको सुबह खाली पेट ही पीना है, अर्थात इनसे पहले कुछ भी खाना पीना नहीं है और इनको पीने के बाद एक घंटे तक कुछ भी खाना पीना नहीं है।
*सावधानी---* चाय, कॉफ़ी, चीनी , पैकेट वाला सफेद नमक ये सब ज़हर के समान है, अगर आप किसी रोग से ग्रस्त हैं तो सबसे पहले आपको इनको छोड़ना होगा, और इसके साथB ऊपर बताये गए फल सब्जियां कच्चे ही सेवन करें।

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शनिवार, 23 मार्च 2019

सभी व्यस्त मित्रों को सादर समर्पित

*पछतावा*

आस्ट्रेलिया की ब्रोनी वेयर कई वर्षों तक कोई meaningful काम तलाशती रहीं, लेकिन कोई शैक्षणिक योग्यता एवं अनुभव न होने के कारण बात नहीं बनी।
फिर उन्होंने एक हॉस्पिटल की Palliative Care Unit में काम करना शुरू किया। यह वो Unit होती है जिसमें Terminally ill या last stage वाले मरीजों को admit किया जाता है। यहाँ मृत्यु से जूझ रहे लाईलाज बीमारियों व असहनीय दर्द से पीड़ित मरीजों के मेडिकल डोज़ को धीरे-धीरे कम किया जाता है और काऊँसिलिंग के माध्यम से उनकी spiritual and faith healing की जाती है ताकि वे एक शांतिपूर्ण मृत्यु की ओर उन्मुख हो सकें।
ब्रोनी वेयर ने ब्रिटेन और मिडिल ईस्ट में कई वर्षों तक मरीजों की counselling करते हुए पाया कि मरते हुए लोगों को कोई न कोई पछतावा ज़रूर था।
कई सालों तक सैकड़ों मरीजों की काउंसलिंग करने के बाद ब्रोनी वेयर  ने मरते हुए मरीजों के सबसे बड़े 'पछतावे' या 'regret' में एक कॉमन पैटर्न पाया।
जैसा कि हम सब इस universal truth से वाकिफ़ हैं कि मरता हुआ व्यक्ति हमेशा सच बोलता है, उसकी कही एक-एक बात epiphany अर्थात 'ईश्वर की वाणी' जैसी होती है। मरते हुए मरीजों के इपिफ़नीज़ को  ब्रोनी वेयर ने 2009 में एक ब्लॉग के रूप में रिकॉर्ड किया। बाद में उन्होनें अपने निष्कर्षों को एक किताब “THE TOP FIVE REGRETS of the DYING" के रूम में publish किया। छपते ही यह विश्व की Best Selling Book साबित हुई और अब तक  लगभग 29 भाषाओं में छप चुकी है। पूरी दुनिया में इसे 10 लाख से भी ज़्यादा लोगों ने पढ़ा और प्रेरित हुए।

ब्रोनी द्वारा listed 'पाँच सबसे बड़े पछतावे' संक्षिप्त में ये हैं:

1) "काश मैं दूसरों के अनुसार न जीकर अपने अनुसार ज़िंदगी जीने की हिम्मत जुटा पाता!"

यह सबसे ज़्यादा कॉमन रिग्रेट था, इसमें यह भी शामिल था कि जब तक हम यह महसूस कर पाते हैं कि अच्छा स्वास्थ्य ही आज़ादी से जीने की राह देता है तब तक यह हाथ से निकल चुका होता है।

2) "काश मैंने इतनी कड़ी मेहनत न की होती"

ब्रोनी ने बताया कि उन्होंने जितने भी पुरुष मरीजों का उपचार किया लगभग सभी को यह पछतावा था कि उन्होंने अपने रिश्तों को समय न दे पाने की ग़लती मानी।
ज़्यादातर मरीजों को पछतावा था कि उन्होंने अपना अधिकतर जीवन अपने कार्य स्थल पर खर्च कर दिया!
उनमें से हर एक ने कहा कि वे थोड़ी कम कड़ी मेहनत करके अपने और अपनों के लिए समय निकाल सकते थे।

3) "काश मैं अपनी फ़ीलिंग्स का इज़हार करने की हिम्मत जुटा पाता"

ब्रोनी वेयर ने पाया कि बहुत सारे लोगों ने अपनी भावनाओं का केवल इसलिए गला घोंट दिया ताकि शाँति बनी रहे, परिणाम स्वरूप उनको औसत दर्ज़े का जीवन जीना पड़ा और वे जीवन में अपनी वास्तविक योग्यता के अनुसार जगह नहीं पा सके! इस बात की कड़वाहट और असंतोष के कारण उनको कई बीमारियाँ हो गयीं!

4) "काश मैं अपने दोस्तों के सम्पर्क में रहा होता"

ब्रोनी ने देखा कि अक्सर लोगों को मृत्यु के नज़दीक पहुँचने तक पुराने दोस्ती के पूरे फायदों का वास्तविक एहसास ही नहीं हुआ था!
अधिकतर तो अपनी ज़िन्दगी में इतने उलझ गये थे कि उनकी कई वर्ष पुरानी 'गोल्डन फ़्रेंडशिप' उनके हाथ से निकल गयी थी। उन्हें 'दोस्ती' को अपेक्षित समय और ज़ोर न देने का गहरा अफ़सोस था। हर कोई मरते वक्त अपने दोस्तों को याद कर रहा था!

5) "काश मैं अपनी इच्छानुसार स्वयं को खुश रख पाता!!!"

आम आश्चर्य की यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण बात सामने आयी कि कई लोगों को जीवन के अन्त तक यह पता ही नहीं लगता है कि 'ख़ुशी' भी एक choice है!

हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि-
'ख़ुशी वर्तमान पल में है'...
'Happiness Is Now'...

सभी व्यस्त मित्रों को सादर समर्पित

बुधवार, 20 मार्च 2019

होलीका दहन, होलिका की कहानी, होली के आसान टोटके

 

होलिका दहन मूहूर्त्त
शास्त्रोक्त मत -  दहन फाल्गुन शुक्ल की प्रदोष व्यापिनी पूर्णिमा को भद्रा रहित करना चाहिए।

मुहूर्त निर्णय - इस वर्ष फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा दिनांक 20 मार्च 2019 बुधवार को दिन के 10:45 a.m. पर पूर्णिमा प्रारंभ होगी। जोकि अगले दिन गुरुवार को प्रातः 07:13 a.m. पर समाप्त होगी।

अतः प्रदोष काल में पूर्णिमा 20 मार्च को ही होने से होली पर्व इसी दिन मनाया जाएगा परन्तु 20 मार्च को भद्रा 10:45 a.m. से शुरु होकर 08:59 p.m. तक रहेंगी । शास्त्रानुसार होली का दहन भद्रा पश्चात ही किया जाता है । अतः दिनांक 20 मार्च 2019 दिन बुधवार को भद्रा के पश्चात 09:00 p.m. पर होलिका दहन का श्रेष्ठ मुहूर्त होगा।

 होलिका दहन मुहूर्त
20 मार्च रात्रि 9 बजे बाद अति विशेष शुभ
होलिका दहन भद्रा रहित प्रदोष व्यापिनी फाल्गुन पूर्णिमा के दिन
प्रदोष काल में किया जाना शास्त्र सम्मत है, इस वर्ष फाल्गुन शुक्ला
पूर्णिमा बुधवार 20 मार्च को प्रात: 10.45 बजे से प्रारंभ होकर 21 मार्च
को प्रात:. 7.13 बजे तक है। अत: 20  मार्च बुधवार को पूर्णिमा तिथि
प्रदोष व्यापिनी है। प्रदोष काल सूर्यास्त 6.34 बजे से रात्रि 8.58 बजे
तक है। किन्तु भद्रा प्रात: 10.45 बजे से रात्रि 8.59 बजे तक पृथ्वी लोक
की अशुभ एवं अनिष्टकारी है। अत: होलिका दहन भद्रा समाप्ति उपरांत रात्रि 9 बजे से रात्रि 11.4 बजे तक शुभ व अमृत के चौघडिय़ा में  शास्त्र सम्मत है जो देश व राज्य एवं जनता के लिए श्रेष्ठ है। होलिका दहन
मुहूर्त इस वर्ष फाल्गुन शुक्ला पूर्णिमा बुधवार 20 मार्च प्रात: 10.45
बजे से प्रारंभ होकर दूसरे दिन प्रात: 7.13 बजे तक है। भ्रदा योग प्रात:
10.45 बजे से रात्रि 8.59 बजे तक है। अत: होलिका दहन भ्रदा समाप्ति
उपरान्त रात्रि 9 बजे से रात्रि 11.4 बजे तक शुभ व अमृत के चौघडिय़ा में
अति विशेष शुभ है। होलिका दहन के आठ दिनों पूर्व से होलाष्टक प्रारंभ हो
जाता है जिसमें सभी ग्रह एवं देवगण अग्रि स्वरूप उग्र रूप धारण किये होते है। जिनका होलिका दहन के बाद जल से शीतल करने पर स्वभाव शांत हो जाता है। इस दिन नवान्नेष्टि यज्ञ भी सम्पन्न होते है। होलाष्टक प्रारंभ होते ही दो डांडो को एक होलिका का प्रतीक एवं एक प्रहलाद के रूप में स्थापित किया जाता है जो वर्तमान में होलिका दहन के दिन ही स्थापित किये जाते है।
शास्त्रों अनुसार होलाष्टक में किये गये वृत एवं दान आदि करने से कष्टों
से मुक्ति मिलती है।

होली पर्व के साथ ही जुड़ी है होलिका की कहानी। या यूं कहें कि होलिका की वजह से ही रंग-गुलाल के इस पर्व का नाम होली पड़ा तो यह कहना गलत नहीं होगा। होली को यूं तो बुराई का प्रतीक मानते है और होलिका जलाकर बुराई के अंत का उत्सव मनाते है। लेकिन सच यह भी है कि होलिका को जलाने से पहले उसकी पूजा की जाती है। होलिका अगर वास्तव में बुराई की प्रतीक होती तो उसकी पूजा नहीं की जाती। हिमाचल के लोककथाओं में होलिका की वह कहानी मिलती है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे और कहेंगे होली बुराई की प्रतीक नहीं बल्कि प्रेम की देवी थी जिसने प्यार की खातिर अपने जीवन का बलिदान दे दिया। आइए जानें होलिका की वह अनजानी अनसुनी कहानी। होलिका राक्षस कुल के महाराज हिरण्यीकश्यप की बहन थी। यह अग्निदेव की उपासक थी। अग्निदेव से इन्हें वरदान में ऐसा वस्त्र मिला था जिसे धारण करने के बाद अग्नि उन्हें जला नहीं सकती थी। बस इसी बात के चलते हिरण्य्कश्यप ने उन्हेंं यह आदेश दिया कि वह उनके पुत्र प्रह्लाद यानी कि होलिका के भतीजे को लेकर हवन कुंड में बैठें। भाई के इस आदेश का पालन करने के लिए वह प्रहलाद को लेकर अग्नि कुंड में बैठ गईं। इसके बाद ईश्वइर की कृपा से इतनी तेज हवा चली कि वह वस्त्र  होलिका के शरीर से उड़कर भक्त  प्रहलाद के शरीर पर गिर गया। इससे प्रहलाद तो बच गए लेकिन होलिका जलकर भस्म  हो गईं। लेकिन होलिका के अग्नि में बैठने के पीछे जो कथा है उसे कम लोग ही जानते है। कथा के अनुसार होलिका इलोजी नाम के राजकुमार से प्रेम करती थी। इन दोनों ने विवाह की योजना भी बना ली थी। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन इलोजी बारात लेकर होलिका से विवाह करने आने वाला था। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। हिरण्यकश्यप ने होलिका को आदेश दिया कि वह प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर चिता पर बैठ जाए। अग्नि देव के वरदान के कारण तुम्हें कुछ नहीं होगा लेकिन प्रह्लाद जल जाएगा। होलिका इस क्रूर काम के लिए तैयार नहीं हुई तो हिरण्यकश्यप ने होलिका को यह भय दिखाया कि अगर उसने आदेश का पालन नहीं किया तो इलोजी के साथ विवाह नहीं होने देंगे और इलोजी को दंडित भी करेंगे। अपने प्रेम को बचाने के लिए होलिका ने आदेश का पालन किया और चिता पर प्रह्लाद को लेकर बैठ गई। लेकिन चुपके से प्रह्लाद को अग्निदेव के वरदान से बचा लिया और खुद जलकर खाक हो गई। इलोजी इन सब बातों से अंजान जब होलिका से विवाह करने बारात लेकर आया तो सामने होलिका की राख देखकर व्याकुल हो उठा और हताश होकर वन में चला गया।
 होलीका दहन
( होलीका जलाने का दिन ) की तारीख़  :  ” 20 मार्च ,        2019  ”
 होली पूजने की सामग्री –

गोबर से बने बड़कूले , रोली , मौली , अक्षत , अगरबत्ती , फूलमाला ,  कच्चा सूत , गुड़ , साबुत हल्दी , मूंग-चावल  ,  फूले , बताशे , गुलाल , नारियल , जल का लोटा , गेहूं की नई हरी बालियां , हरे चने का पौधा आदि। 
होली से दस बारह दिन पहले शुभ दिन देखकर गोबर से सात बड़कूले ( Badkule ) बनाये जाते है। गोबर से बने बड़कूले  को भरभोलिए ( bharbholiye ) भी कहा जाता है। पाँच बड़कूले छेद वाले बनाये जाते है ताकि उनको माला बनाने के लिए पिरोया जा सके।दो बड़कूले बिना छेद वाले बनाये जाते है । इसके बाद गोबर से ही सूरज , चाँद , तारे , और अन्य खिलौने बनाये जाते है। पान , पाटा , चकला ,एक जीभ , होला – होली बनाये जाते है। इन पर आटे , हल्दी , मेहंदी , गुलाल आदि से बिंदियां लगाकर सजाया जाता है। होलिका की आँखें चिरमी या कोड़ी से बनाई जाती है। अंत में ढाल और तलवार बनाये जाते है। बड़कूले से माला बनाई जाती है। माला में होलिका , खिलोंने , तलवार , ढाल आदि भी पिरोये जाते है। एक माला पितरों की , एक हनुमान जी की , एक शीतला  माता की और एक घर के लिए बनाई जाती है। बाजार से तैयार माला भी खरीद सकते है। यह पूजा में काम आती है।
 💐पूजन करने का तरीका💐
पूजन करते समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए।
जल की बूंदों का छिड़काव आसपास तथा पूजा की थाली और खुद पर करें।
इसके पश्चात नरसिंह भगवान का स्मरण करते हुए उन्हें रोली , मौली , अक्षत , पुष्प अर्पित करें। इसी प्रकार भक्त प्रह्लाद को स्मरण करते हुए उन्हें रोली , मौली , अक्षत , पुष्प  अर्पित करें। इसके पश्चात् होलिका को रोली , मौली , चावल अर्पित करें , पुष्प अर्पित करें  , चावल मूंग का भोग लगाएं।  बताशा , फूले आदि चढ़ाएं। हल्दी , मेहंदी , गुलाल , नारियल और बड़कूले चढ़ाएं। हाथ जोड़कर होलिका से सुख समृद्धि की कामना करें। सूत के धागे से होलिका के चारों ओर घूमते हुए तीन , पाँच या सात बार लपेट दें । जल का लोटा वहीं पूरा खाली कर दें। इसके बाद होलीका दहन किया जाता है। पुरुषों के माथे पर तिलक लगाया जाता है। होली जलने पर रोली चावल चढ़ाकर सात बार अर्घ्य देकर सात परिक्रमा करनी चाहिए ।  इसके बाद साथ लाये गए हरे गेहूं और चने होली की अग्नि में भून लें। होली की अग्नि थोड़ी सी अपने साथ घर ले आएं। ये दोनों काम बड़ी सावधानी पूर्वक करने चाहिए। होली की अग्नि से अपने घर में धूप दिखाएँ। भूने हुए गेहूं और चने प्रसाद के रूप में ग्रहण करें घर के ऊपर के हिस्से में तांग दे 1 वर्ष के लिए होलिका की पूजा करने से लाभ मिलता है और व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसी तरह होली के दिन के कुछ टोटके हैं, जिन्हें अपनाकर नकारात्कमता को दूर करने के साथ ही बीमारियों से बचाव और अन्य शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं। होली के दिन अपनी राशि के अनुसार रंगों का प्रयोग कर भी शुभ फल को अपने पक्ष में कर सकते हैं। यहां हम उन बातों को जानेंगे, जिसे होली के दिन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
होली के आसान टोटके
– होलिका दहन के दिन घर से उतारा गया टोटका और शरीर के उबटन को होलिका में जलाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं।
– घर, दुकान और कार्यस्थल की नजर उतारकर उसे होलिका में दहन करने से लाभ होता है।
– भय और कर्ज से निजात पाने के लिए नरसिंह स्तोत्र का पाठ करना लाभदायक होता है।
–  होलिका दहन के बाद जलती अग्नि में नारियल दहन करने से नौकरी की बाधाएं दूर होती हैं।
– लगातार बीमारी से परेशान हैं, तो होलिका दहन के बाद बची राख मरीज के सोने वाले स्थान पर छिड़कने से लाभ मिलता है।
– सफलता प्राप्ति के लिए होलिका दहन स्थल पर नारियल, पान तथा सुपारी भेंट करें।
– गृह क्लेश से निजात पाने और सुख-शांति के लिए होलिका की अग्नि में जौ-आटा चढ़ाएं।
– होलिका दहन के दूसरे दिन राख लेकर उसे लाल रुमाल में बांधकर पैसों के स्थान पर रखने से बेकार खर्च रुक जाते हैं।
– दांपत्य जीवन में शांति के लिए होली की रात उत्तर दिशा में एक पाट पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर मूंग, चने की दाल, चावल, गेहूं, मसूर, काले उड़द एवं तिल के ढेर पर नवग्रह यंत्र स्थापित करें। इसके बाद केसर का तिलक कर घी का दीपक जलाकर पूजन करें।
– जल्द विवाह के लिए होली के दिन सुबह एक पान के पत्ते पर साबूत सुपारी और हल्दी की गांठ लेकर शिवलिंग पर चढ़ाएं और बिना पलटे घर आ जाएं। अगले दिन भी यही प्रयोग करें।
– बुरी नजर से बचाव के लिए गाय के गोबर में जौ, अरसी और कुश मिलाकर छोटा उपला बना कर इसे घर के मुख्य दरवाजे पर लटका दें।
– होलिका दहन की रात तगर, काकजंघा, केसर को “क्लीं कामदेवाय फट् स्वाहा” मंत्र से अभिमंत्रित कर होली के दिन इसे अबीर या गुलाल में मिलाकर किसी के सिर पर डालने से वह वश में हो जाता है।
– इसी तरह होली पूजा के समय वैजयंती माला को ॐ क्रीं कामेश्वरी वश्य प्रियाय क्रीं ॐ का जाप कर सिद्ध कर ले। इसके बाद 11 माला का जाप करने के बाद वह माला पहनकर किसी पुरूष के सामने जाने से वह धीरे-धीरे वश में हो जाएगा।
– होली की रात “ॐ नमो धनदाय स्वाहा” मंत्र के जाप से धन में वृद्धि होती है।
– 21 गोमती चक्र लेकर होलिका दहन की रात शिवलिंग पर चढ़ाने से व्यापार में लाभ होता है।
– किसी टोटके से राहत पाने के लिए होली की रात होलिका दहन स्थल पर एक गड्ढा खोदकर उसमें 11 अभिमंत्रित कौड़ियां दबा दें। अगले दिन कौड़ियों को निकालकर अपने घर की मिट्टी के साथ नीले कपड़े में बांधकर बहते जल में प्रवाहित कर दें।
– उधार की रकम वापस पाने के लिए होलिका दहन स्थल पर अनार की लकड़ी से उसका नाम लिखकर होलिका माता से अपने धन वापसी का निवेदन करते हुए उसके नाम पर हरा गुलाल छिड़कने से लाभ होगा।
– होली की रात 12 बजे किसी पीपल वृक्ष के नीचे घी का दीपक जलाने और सात परिक्रमा करने से सारी बाधाएं दूर होती हैं।

ग्रह दोष दूर करने के लिए राशि के रंगों से खेलें होली
होली के दिन अगर अपनी राशि के अनुसार रंगों से होली खेलें तो, इससे ग्रह दोष भी शांत होते हैं। आइए जानते हैं किस राशि के लोगों के लिए कौन सा रंग शुभ होता है। इस होली में अाप इसे अाजमा सकते हैं।

मेष राशि – मेष राशि वालों के लिए लाल और गुलाबी रंग सर्वोत्तम है।
वृषभ राशि – वृषभ राशि के लोग सफेद और क्रीम रंग से होली खेलें।
मिथुन राशि –  मिथुन राशि के लोगों के लिए हरा और पीले रंग शुभ होता है।
कर्क राशि – कर्क राशि के लोगों के लिए सफेद और क्रीम रंग का उपयोग बेहतर होगा।
सिंह राशि – सिंह राशि वालों के लिए पीला और केसरिया रंग काफी अच्छा होता है।
कन्या राशि – कन्या राशि के लोगों के लिए हरा रंग श्रेष्ठ माना जाता है।
तुला राशि –  तुला राशि के लोगों के लिए सफेद और पीला रंग शुभ होता है।
वृश्चिक राशि – वृश्चिक राशि के लोगों के लिए लाल और गुलाबी रंग श्रेष्ठ है।
धनु राशि – धनु राशि के लोगों के लिए लाल व पीला रंग सर्वोत्तम है।
मकर राशि – मकर राशि के लोगों के लिए नीला और हरा रंग शुभ माना गया है।
कुंभ राशि – कुंभ राशि के लोगों के लिए नीला रंग शुभ होता है।
मीन – मीन राशि वालों को हर संभव पीले और लाल रंग से ही होली खेलना चाहिए।

होली के दिन हनुमानजी की पूजा से लाभ
– इस दिन स्वच्छ होकर स्वच्छ वस्त्र खासकर लाल रंग की धोती धारण कर हनुमानजी को चोला और गुलाब फूल की माला चढ़ाएं।
– गुलाब की माला की एक पंखुड़ी लेकर उसको लाल कपड़े में बांध कर घर की तिजोरी में रखने से धन की कमी नहीं होती है।
– पूजन के लिए चमेली के तेल का उपयोग शुभ होता है।
– पूजन के वक्त श्रीराम और हनुमान का स्मरण करें।
– तुलसी माला से निम्न मंत्र का पांच माला जाप करने से लाभ होता है।
             राम रामेति रामेति रामे रामे मनोरमे।
             सहस्त्र नाम तत्तुल्यं राम नामं वारानने।।

 एक विशेष उपाय
आटे का एक चौमुखा दीपक सरसो या तिल के तेल का उसमे थोड़ा सा सिंदूर दो लोंग डाल कर चौराहे पर भैरब नाथ के नाम का अवश्य जलाएं
 कल के लिए एक प्रयोग
तीन छोटी छोटी कटोरिया लें उनमें क्रमशः तिल , साबुत धनियां तथा पीली सरसों भरकर अवश्य रखे यह कार्य अभिजित मुहूर्त अर्थात 11 50 से 12 15 मिनट तक कर सकते है । रखते समय नवार्ण मन्त्र का जप अवश्य करें।
नवार्ण मन्त्र दुर्गा सप्तशती में सिद्ध कुंजिकास्तोत्र से जप सकते है । मंत्र पूरा जपे।
 पीली सरसों के स्थान पर ब्रत बाला नमक प्रयोग किया जा सकता है । प्रभाव में कोई कमी नही होगी। अतः सुविधानुसार नमक रखदें।
 तीनो बस्तुए कार्य स्थल आफिस या अपने कारखाने में रख सकते हैं। दीपक बाला प्रयोग तो आज के लिए ही है दूसरा कल दोपहर में करना है
 धन हानि से बचाव का प्रयोग
यदि आपको बार-बार आर्थिक हानि का सामना करना पड़ रहा है तो आप होलिका दहन की शाम को अपने मुख्यद्वार की चोखट पर दोमुखी आटे का दीपक बनायें। चौखट पर थोड़ा सा गुलाल छिड़ककर दीपक जलाकर रख दे। दीपक जलने के साथ ही मानसिक रूप से आर्थिक हानि दूर होने के लिए निवेदन करना चाहिए। यह उपाय कारगर सिद्ध होगा।
नकारात्मकता मुक्ति प्रयोग
यदि किसी के उपर कोई भय का साया है या नकारत्मकता ज़्यादा है तो वह होली पर एक नारियल, एक जोड़ा लौंग व पीली सरसों इन सभी वस्तुओं को लेकर पीडि़त व्यक्ति के उपर से 21 बार उतार होली की अग्नि में डाल दें। सारा दुष्प्रभाव समाप्त हो जायेगा
राहु एवं शनि का उपाय -
एक नारियल का गोला लेकर उसमे सरसो का तेल भरकर..उसी में थोडा सा गुड डाले..फिर उस नारियल के गोलेको राहू या शनि से ग्रस्त व्यक्ति अपने शरीर के अंगो से स्पर्श करवा कर जलती हुई होलिका में डाल देवे.
 शीघ्र विवाह हेतु
जो युवा विवाह योग्य हैं और सर्वगुण संपन्न हैं,फिर भी शादी नहीं हो पा रही है तो यह उपाय करें। होली के दिन किसी शिव मंदिर जाएं और अपने साथ 1 साबुत पान, 1 साबुत सुपारी एवं हल्दी की गांठ रख लें। पान के पत्ते पर सुपारी और हल्दी की गांठ रखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके बाद पीछे देखेंबिना अपने घर लौट आएं। 21 दिनों तक ये प्रयोग करें।
भय मुक्त और शुभ फल के लिए प्रयोग
होली दहन के पश्चात उसकी राख और कोयला को घर लाये, कोयले से सफ़ेद कागज में स्वस्तिक बनाकर तावीज़ में डाले, उसमे थोड़ी राख डालें, और गले में धारण करे। आपको आपकी संतान को आंतरिक भय,आशंका से मुक्ति मिलेगी, और शुभ फल मिलेंगे।
 दुकान की नज़र उतारने के लिए
यदि आपको लगता है कि लाख प्रयास के बाद भी आपका व्यापार बढ़ नहीं रहा है तो होलिका दहन से एक दिन पहले फिटकरी के 6 टुकड़े अपनी दुकान / कार्यालय में छोड़ दें और अगले दिन उन्हें लेकर होलिका दहन के समय कपूर और किसी अनाज के साथ चुपचाप जलती हुई होलिका में डाल दें, आपके कारोबार को किसी की नज़र नहीं लगेगी, अगर नज़र लगी होगी तो उतर जाएगी, और कारोबार फलना फूलना शुरू हो जाएगा।
 समृद्धि के लिए
11 गोमती चक्र, 11 हल्दी की गांठ, 11  गट्टे  और 1 रूपये का एक सिक्का पीले कपडे में बांध के होली की रात अपने तिजोरी में रखे, फिर अगले साल उसे विसर्जित करके ये उपाय फिर करे, धन के नए स्त्रोत आपके खुलेंगे।
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए प्रयोग
यदि किसी का पति दूसरी महिला के सम्पर्क में रहता है, तो आप होली पर दो लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता लें और इन्हें घी में मिला कर होलिका अग्नि को अर्पित करें एवं 7 बार होली की जलती आग की परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय हर बार 1 गोमती चक्र अपने पति का नाम लेकर आग में डालें। ऐसा करने से महिला का पति उसके पास वापस लौट आ सकता है।
होली में करने योग्य कुछ ज्योतिषीय  उपाय
होली दहन के दिन हनुमान जी के आगे घी का दिया जलायें तथा यह प्रार्थना जरूर करें -

श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि ।
बरनउ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ।।
मनोजवं मारुततुल्य वेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं ।
वातात्मजं वानरयूथ मुख्यं श्री राम दूतं शरणं प्रपद्ये ।।

* होली की रात सरसों के तेल का चौमुखी दीपक घर के मुख्य द्वार पर लगाएं ।  हर प्रकार की बाधा का निवारण होता है।
* यदि व्यापार या नौकरी में उन्नति न हो रही हो, तो 21 गोमती चक्र लेकर होलिका दहन की रात में शिवलिंग पर चढ़ा दें। इससे बिजनेस में फायदा होने लगेगा।
.* यदि राहु के कारण परेशानी है तो एक नारियल का गोला लेकर उसमें अलसी का तेल भरें। उसी में थोड़ा सा गुड़ डालें और इस गोले को जलती हुई होलिका में डाल दें। इससे राहु का बुरा प्रभाव समाप्त हो जाएगा।
* धन हानि से बचने के लिए होली के दिन घर के मुख्य द्वार पर गुलाल छिड़कें और उस पर दो मुखी दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय धन हानि से बचाव की कामना करें। जब दीपक बुझ जाए तो उसे होली की अग्नि में डाल दें। यह क्रिया श्रद्धापूर्वक करें, धन हानि नहीं होगी।
. घर की सुख-समृद्धि के लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए। साथ ही होली की 11 परिक्रमा करते हुए होली में सूखे नारियल की आहुति देनी चाहिए ।
. यदि आप बेरोजगार हैं तो होली की रात 12 बजे से पहले एक नींबू लेकर चौराहे पर जाएं और उसके चार टुकड़े कर चारों दिशाओं में फेंक दें। वापिस घर आ जाएं किन्तु ध्यान रहे, वापिस आते समय पीछे मुड़कर न देखें।
 यदि आपका पैसा कहीं फंसा है तो होली के दिन 11 गोमती चक्र हाथ में लेकर जलती हुई होलिका की 11 बार परिक्रमा करते हुए धन प्राप्ति की प्रार्थना करें । फिर एक सफेद कागज पर उस व्यक्ति का नाम लाल चन्दन से लिखें जिससे पैसा लेना है फिर उस सफेद कागज को वही 11 गोमती चक्र के साथ में कहीं गड्ढा खोदकर दबा दें। इस प्रयोग से धन प्राप्ति की संभावना बढ़ जाएगी।
*यदि आपको कोई अज्ञात भय रहता है तो होली पर एख सूखा जटा वाला नारियल, काले तिल व पीली सरसों एक साथ लेकर उसे सात बार अपने सिर के ऊपर उतार कर जलती होलिका में डाल देने से अज्ञात भय समाप्त हो जाएगा।
* होलिका दहन के दूसरे दिन होलिका की राख को घर लाकर उसमें थोड़ी सी राई व नमक मिलाकर रख लें। इस प्रयोग से भूत-प्रेत या नजर दोष से मुक्ति मिलती है।
. शत्रुओं से छुटकारा पाने के लिए होलिका दहन के समय 7 गोमती चक्र लेकर भगवान से प्रार्थना करें कि आपके जीवन में कोई शत्रु बाधा न डालें। प्रार्थना के पश्चात पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ गोमती चक्र जलती हुई होलिका में डाल दें।
. शीघ्र विवाह के लिए होली के दिन किसी शिव मंदिर जाएं और अपने साथ 1 साबुत  पान, 1 साबुत  सुपारी एवं हल्दी की गांठ रख लें। पान के पत्ते पर सुपारी और हल्दी की गांठ रखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके बाद पीछे देखे बिना अपने घर लौट आएं। यही प्रयोग अगले दिन भी करें। इसके साथ ही समय-समय पर शुभ मुहूर्त में यह उपाय करते रहें । जल्दी ही विवाह के योग बन जाएंगे।
. होली के दिन से शुरू करके बजरंग बाण का 40 दिन तक नियमित पाठ करने से हर मनोकामना पूर्ण होगी।  
होली री घणी घणी बधायाँ।

रामजी थाने सगळा नै निरोगा राखै
कमाई दुनी चोगुणी बढ़ावे
टाबरिया आपस्यूं भी ऊँचा चढ़े।
 देश रो मान बढ़े


मारवाड़ री ईण पावन धरा माथै विराजियोड़ा
मोतिया सू महग़ा अर म्हारे हिवड़े रा हार
थानै " होली " रै ईण  पर्व माथै
हैत प्रिंत  अर औलखाण सारू
म्हारे अन्तस हिवड़ै अर कालजिये री कोर सू
थानै अर थ्हारे सगले कूटूम्ब नै
घणी मोकली  शुभ कामना
वा सा ,
HAPPY Holi my all friends

और हा ऐक बात और सूणजो
 सब ने ऐक ही केणो वोट मोदी जी ने देणो है लोगारी बाता मायने कोणी अणु है

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होली री घणी घणी बधायाँ


होली री घणी घणी बधायाँ।
रामजी थाने सगळा नै निरोगा राखै
कमाई दुनी चोगुणी बढ़ावे
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मारवाड़ री ईण पावन धरा माथै विराजियोड़ा
मोतिया सू महग़ा अर म्हारे हिवड़े रा हार
थानै " होली " रै ईण  पर्व माथै
हैत प्रिंत  अर औलखाण सारू
म्हारे अन्तस हिवड़ै अर कालजिये री कोर सू
थानै अर थ्हारे सगले कूटूम्ब नै
घणी मोकली  शुभ कामना
वा सा ,
HAPPY Holi my all friends


💐जय जय श्री राधे रानी की💐


और हा ऐक बात और सूणजो

 
सब ने ऐक ही केणो वोट मोदी जी ने देणो है लोगारी बाता मायने कोणी अणु है

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मंगलवार, 19 मार्च 2019

कुछ ऐसे थे मनोहर पर्रिकर जी

कुछ ऐसे थे मनोहर पर्रिकर जी

1. सादगी के लिए चर्चा में रहने वाले। बेटे की शादी में जहां तमाम मेहमान शानदार सूट-बूट से लैस थे, पर्रिकर हाफ शर्ट (जो कि उनकी पहचान बन चुकी थी), क्रीज वाली साधारण पैंट और सैंडिल पहने सबकी आवभगत करने में जुटे थे। आप उन्हें गोवा की सड़कों पर स्कूटर चलाते और बिना सिक्यॉरिटी के साधारण से रेस्ट्रॉन्ट में चाय पीते भी देखा जा सकता था।

2. 63 वर्ष तक मनोहर पर्रीकर सोलह से अठारह घंटे काम करते थे॥ गोवा के मुख्यमंत्री रहते समय मुख्यमंत्री कार्यालय के कर्मचारियों को साँस लेने की भी फुर्सत नहीं मिलती थी॥
एक बार पर्रीकर अपने सचिव के साथ रात बारह बजे तक काम कर रहे थे॥ जाते समय सचिव ने पूछा, “सर, यदि कल थोड़ी देर से आऊँ तो चलेगा क्या?”, पर्रीकर ने कहा, “हाँ ठीक है, थोड़ी देर चलेगी, सुबह साढ़े छः बजे तक आ ही जाना”॥ सचिव महोदय ने सोचा कि वही सबसे पहले पहुँचेंगे, लेकिन जब अगले दिन सुबह साढ़े छः बजे वे बड़ी शान से दफ्तर पहुँचे तो चौकीदार ने बताया कि पर्रीकर साहब तो सवा पाँच बजे ही आ कर ऑफिस में जमे हैं और फाइलें निपटा रहे हैं !

3. फिल्म फेस्टिवल 2004 के उद्घाटन समारोह में आए मेहमान ये देखकर हैरान रह गए कि पसीने से लथपथ पर्रिकर पुलिस वालों के साथ आयोजन स्थल के बाहर ट्रैफिक कंट्रोल में जुटे थे। 2012 में खुले मैदान में तीसरी बार शपथ लेने के बाद पर्रिकर ने हर उस आदमी से हाथ मिलाया, जो उन्हें बधाई देने के लिए स्टेज के पास आया। पिछले चुनाव से पहले गोवा के लोगों ने उन्हें 15 दिन तक लगातार रोज 18 से 20 घंटे तक जनसंपर्क करते देखा।

4. बेहद अनुशासित और सख्त प्रशासक कहे जाने वाले पर्रिकर को मार्च 2012 में पर्यटन मंत्री मातनही सलदन्हा के निधन पर फूट-फूट कर रोते देखा गया। 2005 में जब कुछ विधायकों की खरीद-फरोख्त से पर्रिकर की सरकार डिगा दी गई, मातनही उनके साथ चट्टान की तरह खड़े रहे थे। जब मातनही बीमार पड़े, तो पर्रिकर लगातार उनके बेड के सिहराने बैठे रहे। जब डॅाक्टरों ने उन्हें घर जाकर आराम करने के लिए कहा तो जवाब था, मैं उस व्यक्ति को कैसे छोड़कर चला जाऊं, जो इतने सालों तक साए की तरह मेरे साथ बना रहा।

5. नियमों के पक्के पर मानवीय भी। साप्ताहिक जनता दरबार में एक महिला बेटे को लेकर पहुंची और उसके लिए सरकारी लैपटॅाप मांगा। मौजूद अधिकारी ने बताया कि ये लड़का उस सरकारी योजना में नहीं आ पाएगा। बहरहाल, पर्रिकर को याद आ गया कि वे अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान इस महिला से मिले थे और उसे योजना के बारे में बताया था। उन्होंने तत्काल उस लड़के को नया लैपटॅाप दिलाने की व्यवस्था की। इसका भुगतान उन्होंने अपनी जेब से किया!

6. पर्रिकर हमेशा इकॅानमी क्लास में विमान यात्रा करते थे। उन्हें आम लोगों की तरह अपना सामान लिए यात्रियों की लाइन में खड़े और बोर्डिंग बस में सवार होते देखा जा सकता था। टेलीफोन पर पर्सनल बातचीत का भुगतान जेब से करते थे। टैक्सी लेने या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करने में कभी नहीं झिझकते। पत्नी के निधन के बाद दोनों बेटों के लिए मां की जिम्मेदारी भी उन्होंने बखूबी निभाई थी।

अलग-अलग तरीकों से मनोहर पर्रीकर को रिश्वत देने की कोशिशें भी हुईं, लेकिन उनका कठोर व्यक्तित्त्व और स्पष्ट वक्ता व्यवहार के कारण उद्योगपति इसमें सफल नहीं हो पाते थे और पर्रीकर के साथ जनता थी, इसलिए उन्हें कभी झुकने की जरूरत भी महसूस नहीं हुई॥

एक बार पर्रीकर के छोटे पुत्र को ह्रदय संबंधी तकलीफ हुई. डॉक्टरों के अनुसार जान बचाने के लिए तत्काल मुम्बई ले जाना आवश्यक था. उस समय गोवा का एक उद्योगपति उन्हें विमान से मुम्बई ले गया॥
चूँकि पर्रीकर के बेटे को स्ट्रेचर पर ले जाना था, इस लिए विमान की छह सीटें हटा कर जगह बनाई गई और उसका पैसा भी उस उद्योगपति ने ही भरा॥
पर्रीकर के बेटे की जान बच गई. उस उद्योगपति के मांडवी नदी में अनेक कैसीनो हैं और उसमें उसने अवैध निर्माण कर रखे थे. बेटे की इस घटना से पहले ही पर्रीकर ने उसके अवैध निर्माण तोड़ने के आदेश जारी किए हुए थे॥
उस उद्योगपति ने सोचा कि उसने पर्रीकर के बेटे की जान बचाई है, इस लिए शायद पर्रीकर वह आदेश रद्द कर देंगे॥
ख़ाँग्रेस को भी इस बात की भनक लग गई और वह मौका ताड़ने लगी, कि शायद अब पर्रीकर जाल में फंसें॥ लेकिन हुआ उल्टा ही॥
पर्रीकर ने उस उद्योगपति से स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि एक पिता होने के नाते मैं आपका आजन्म आभारी रहूँगा, परन्तु एक मुख्यमंत्री के रूप में अपना निर्णय नहीं बदलूँगा॥ उसी शाम उन्होंने उस उद्योगपति के सभी अवैध निर्माण कार्य गिरवा दिए और विमान की छः सीटों का पैसा उसके खाते में पहुँचा दिया॥

पढ़ने में भले ही यह सब फ़िल्मी टाईप का लगता हो, परन्तु जो लोग पर्रीकर को नज़दीक से जानते थे, उन्हें पता है कि पर्रीकर के ऐसे कई कार्य मशहूर हैं॥ चूँकि भारत की मीडिया गुडगाँव और नोएडा की अधिकतम सीमा तक ही सीमित रहती है, इसलिए पर्रीकर के बारे में
यह बातें अधिक लोग जानते नहीं हैं॥

ऐसे अनमोल रतन की परख करके नरेंद्र मोदी नामक पारखी ने उन्हें एकदम सटीक भूमिका सौंपी है, वह है रक्षा मंत्रालय॥

पिछले चालीस वर्षों में दलाली और भ्रष्टाचार (अथवा एंटनी के कार्यकाल में अकार्यकुशलता एवं देरी से लिए जाने वाले निर्णयों) के लिए सर्वाधिक बदनाम हो चुके इस मंत्रालय के लिए मनोहर पर्रीकर जैसा व्यक्ति ही चाहिए था॥

यह देश का सौभाग्य ही था कि पर्रीकर जैसे क्षमतावान व्यक्ति के सुरक्षित हाथों में रक्षा मंत्रालय की कमान थी॥

जिस समय पर्रीकर को शपथविधी के लिए दिल्ली आमंत्रित किया गया था, उस समय एक “सत्कार अधिकारी” नियुक्त किया गया. जब अधिकारी ने पर्रीकर से संपर्क किया तो उन्होंने कहा, “आपको एयरपोर्ट पर आने की जरूरत नहीं, मैं खुद आ जाऊँगा”॥
जब होटल के सामने ऑटो रिक्शा से सादे पैंट-शर्ट में “रक्षामंत्री” को उतरते देखा तो दिल्ली की लग्ज़री लाईफ में रहने का आदी वह अधिकारी भौंचक्का रह गया
दोस्तों मुझे गर्व है ऐसे महान व्यक्तियों पर और मोदीजी की परख पर॥

तो क्यों न हम सब मिल कर अपने मित्रों, देश के शुभचिंतकों और देश के सच्चे देशभक्तों को ये सीना 56 इंच कर देने वाली इस प्रेरणा दायक जानकारी से अवगत कराएँ !!!                               

सादगी भरें जीवन को शत-शत नमन🙏🏻🙏🏻
भगवान उनकी आत्मा को शांती🙏🏻🙏🏻

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