यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 18 अप्रैल 2019

फोड़ा घणा घाले


 *'फोड़ा घणा घाले'*

थोथी हथाई,
पाप री कमाई,
उळझोड़ो सूत,
माथे चढ़ायोड़ो पूत.... *फोड़ा घणा घाले।*

झूठी शान,
अधुरो ज्ञान,
घर मे कांश,
मिरच्यां री धांस.... *फोड़ा घणा घाले।*

बिगड़ोडो ऊंट,
भीज्योड़ो ठूंठ,
हिडकियो कुत्तो,
पग मे काठो जुत्तो.... *फोड़ा घणा घाले।*

दारू री लत,
टपकती छत,
उँधाले री रात,
बिना रुत री बरसात.... *फोड़ा घणा घाले।*

कुलखणी लुगाई,
रुळपट जँवाई,
चरित्र माथे दाग,
चिणपणियो सुहाग.... *फोड़ा घणा घाले।*

चेहरे पर दाद,
जीभ रो स्वाद,
दम री बीमारी,
दो नावाँ री सवारी.... *फोड़ा घणा घाले।*

अणजाण्यो संबन्ध,
मुँह री दुर्गन्ध,
पुराणों जुकाम,
पैसा वाळा ने 'नाम'.... *फोड़ा घणा घाले।*

घटिया पाड़ोस,
बात बात में जोश,
कु ठोड़ दुखणियो,
जबान सुं फुरणियो.... *फोड़ा घणा घाले।*

ओछी सोच,
पग री मोच,
कोढ़ मे खाज,
मूरखां रो राज.... *फोड़ा घणा घाले।*

कम पूंजी रो व्यापार,
घणी देयोड़ी उधार,
बिना विचार्यो काम .... *फोड़ा घणा घाले !*

*फोड़ा उ पार पावन वास्त खान-पान और संगत सात्विक राखणी पड़ ह*

*सही नही (खानपान और संगत ) राख्या हु टाबर पप्पू जियांका हु जाएं*

*कांग्रस न दियोडो वोट भी घणो फोड़ा का साथ टाबरां को भविष्य ख़राब  करहै*

*ओ बेमौसम पानी जो आवे है कीचड़ कर लो औरउ कमल ही कमल खिलासी*

www.sanwariyaa.blogspot.in

function disabled

Old Post from Sanwariya