गुणकारी है तीखी मिर्च--------
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1 छोटी-छोटी फुन्सियां उठने पर हरी मिर्च का लेप लगाने से फुन्सियां बैठ जाती है।
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1 छोटी-छोटी फुन्सियां उठने पर हरी मिर्च का लेप लगाने से फुन्सियां बैठ जाती है।
2 खाज-खुजली के लिए मिर्च को तेल में जलाकर मालिश करने से आराम मिलता है।
3 जोड़ों का दर्द होने पर भी यह तेल फायदेमंद होता है।
4 कुत्ते के काट लेने पर या ततैया के के डंक मारने पर मिर्च को पीस कर लगाने से विषैले असर से छुटकारा मिलता है।
5 मकड़ी त्वचा पर चल जाती है, तब छोटे-छोटे दाने उभर आते हैं। उन पर भी मिर्च पीसकर लगाने से फायदा होता है।
6 हरी मिर्च अधिक मात्रा में नहीं ली जानी चाहिए, अन्यथा अम्ल-पित्त की शिकायत हो सकती है।
7 और शायद आपको पढ़कर आश्चर्य हो कि कई बुजुर्ग तीनों प्रकार की मिर्च काली, लाल और हरी को मिलाकर बनाए घोल से लंबे समय से चले आ रहे छालों का इलाज करते हैं। लेकिन बिना विशेषज्ञ की सलाह के आप ऐसा ना करें क्योंकि इसके लिए तीनों मिर्च की सुनिश्चित मात्रा लेकर कटोरी में घोल बनाया जाता है और जी कड़ा करके उसे एक साथ पी लिया जाता है। यह हर किसी पर कारगर हो आवश्यक नहीं।
3 जोड़ों का दर्द होने पर भी यह तेल फायदेमंद होता है।
4 कुत्ते के काट लेने पर या ततैया के के डंक मारने पर मिर्च को पीस कर लगाने से विषैले असर से छुटकारा मिलता है।
5 मकड़ी त्वचा पर चल जाती है, तब छोटे-छोटे दाने उभर आते हैं। उन पर भी मिर्च पीसकर लगाने से फायदा होता है।
6 हरी मिर्च अधिक मात्रा में नहीं ली जानी चाहिए, अन्यथा अम्ल-पित्त की शिकायत हो सकती है।
7 और शायद आपको पढ़कर आश्चर्य हो कि कई बुजुर्ग तीनों प्रकार की मिर्च काली, लाल और हरी को मिलाकर बनाए घोल से लंबे समय से चले आ रहे छालों का इलाज करते हैं। लेकिन बिना विशेषज्ञ की सलाह के आप ऐसा ना करें क्योंकि इसके लिए तीनों मिर्च की सुनिश्चित मात्रा लेकर कटोरी में घोल बनाया जाता है और जी कड़ा करके उसे एक साथ पी लिया जाता है। यह हर किसी पर कारगर हो आवश्यक नहीं।