सारा भरम दूर कर देगा ये पोस्ट गर्व कर देगा हिन्दु होने पर, शायद जातिवाद भी कम हो जाए पढ़कर पीढ़ियों से आरक्षण किसके पास...?
गहना बनाने का आरक्षण -- सुनार
हथियार बनाने का आरक्षण -- लोहार
पत्तल बनाने का आरक्षण -- बारी
सूप बनाने का आरक्षण -- धरिकार
नाव चलाने का आरक्षण -- मल्लाह
बर्तन बनाने का आरक्षण -- ठठेरा
कपड़े सिलने का आरक्षण -- दर्जी
फर्नीचर बनाने का आरक्षण -- बढ़ई
बाल काटने का आरक्षण -- नाई
ईंट बनाने का आरक्षण -- प्रजापति
मूर्ति बनाने का आरक्षण -- शिल्पकार
घर बनाने का आरक्षण -- राजमिस्त्री
तेल पेरने का आरक्षण -- तेली
पान बेचने का आरक्षण -- बरई
दूध बेचने का आरक्षण --- ग्वाला
मांस बेचने का आरक्षण -- खटिक
जूता बनाने का आरक्षण -- चर्मकार
माला बनाने का आरक्षण -- माली
मिठाई बनाने का आरक्षण -- हलवाई
टेक्सटाइल का आरक्षण -- दर्जी
चूड़ी का आरक्षण -- मनिहार
रियल सेक्टर का आरक्षण -- कुम्हार
क्या हजार साल से किसी सुनार ने लोहार को दामाद बनाकर उसको अपने आरक्षित व्यवसाय में घुसने दिया ?
तो फिर आखिर आरक्षण का असली आनन्द कौन लिया ?
जब हजारों साल इन्ही पेशे से रोजगार लिया किसी को घुसने नही दिया, तो आज इस पेशे के कारण खुद को पिछड़ा क्यों कहते हो ?
विचार करें ?
इन सारे सम्मानित व्यवसाइयों को आज संविधान ने पिछड़ा और अछूत बना दिया है।
सनातन धर्म में जब सरकारी नौकरी नहीं होती थी, तब सबको रोजगार दिया गया, फिर अन्याय कहाँ ?
क्षत्रियों का आरक्षण क्या था -- जवानी में बलिदान होकर उनकी औरतों का विधवा होना, बच्चों का अनाथ होना। जो कोई भी नही करना चाहेगा, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया।
जाति मंदिरों में नहीं पूछी जाती है, लेकिन संविधान में पूछी जाती है, सरकारी नौकरी में पूछी जाती हैं, राशन, स्कालरशिप और हर संस्थानो में पूछी जाती है।
पहले के जमाने मे कमाने खाने के लिए सरकारी नौकरी तो होती नही थी।
ब्राह्मणों ने अपने लिए भिक्षा माँगना और अध्यापन रखा
यह सब व्यवसाय जिससे भारत पूरी दुनिया में सोने की चिड़िया था। भारत को सोने की चिड़िया बनाने वाले पिछड़े कैसे ?
ब्राह्मणों ने क्षत्रियों के हिस्से में बलिदान दिया और स्वयं ब्राह्मणों ने कई बार क्षत्रियों के साथ मिलकर बलिदान और त्याग किया।
फिर भी अपने हिस्से में भिक्षाटन रखा, तो फिर उन्होंने जाति व्यवस्था में अन्याय कैसे किया???
*अंग्रेजों ने मुगलों ने, मुगलों की पार्टी कांग्रेस ने, कम्युनिस्टों ने सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ के लिए हिंदुओं को जातियों में बाटा और जनजातियों में ज्यादा से ज्यादा नफरत के बीज बोए, हिंदुओं के बीच ज्यादा से ज्यादा लड़ाई करवाएं, ताकि हिंदू आपस में जितना हिंदू काफिर लड़ाई करेगा, हिंदू काफिर उतना कमजोर होगा और भारत उतना आसानी से इस्लामिक देश बनेगा,*
*यह सब एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है भारत को गजवा ए हिंद के तहत इस्लामिक देश बनाने का बहुत बड़ा षड्यंत्र है जो भारत ने पिछले हजार साल से चल रहा है वही गजवा ए हिंद जो मुगलों के धर्म ग्रंथों में लिखा हुआ है जो भी व्यक्ति गजवा ए हिंद के तहत भारत को इस्लामिक देश बनाने में सहयोग करेगा, उसे मोक्ष की प्राप्ति होगी जन्नत मिलेगा 72 हूरे कुंवारी सुंदरियां मिलेगी और यह मुग़ल बहरूपिया विभिन्न राजनीतिक पार्टियों में घुसकर इसी काम में लगे हैं प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से, मंदबुद्धि जयचंद को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है जल्द ही मुग़ल जयचंद का भी इलाज करेंगे जैसे ही भारत इस्लामिक देश बनेगा जयचंद प्रजाति का भी का भी पूरा इलाज हो जाएगा, वह समय अब दूर नहीं है भारत 100 करोड़ मुगलों से घिरा हुआ देश है और भारत के अंदर 40 करोड़ तालिबानी बांग्लादेशी रोहिंग्या घुसपैठिया अलकायदा के लोग आकर बस गए हैं अवश्य विचार करें जय हिंद जय भारत*🙏🙏