एक साधारण सी दिखने वाली तेजपात का लाभ आपको चमत्कृत कर देगा -
तेजपात के औषधीय गुण:-
तेजपात के 5-6 पत्तों को एक गिलास पानी में इतने उबालें की पानी आधा रह
जाए -इस पानी से प्रतिदिन सिर की मालिश करने के बाद नहाएं -इससे सिर में
जुएं नहीं होती हैं जी हाँ महिलाओं के लिए एक उत्तम जूं नाशक है- .
चाय-पत्ती की जगह तेजपात के चूर्ण की चाय पीने से सर्दी-जुकाम,छींकें आना ,नाक बहना,जलन ,सिरदर्द आदि में शीघ्र लाभ मिलता है -
तेजपात के पत्तों का बारीक चूर्ण सुबह-शाम दांतों पर मलने से दांतों पर चमक आ जाती है -
तेजपात के पत्रों को नियमित रूप से चूंसते रहने से हकलाहट में लाभ होता है -
एक चम्मच तेजपात चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से खांसी में आराम मिलता है -
तेजपात के पत्तों का क्वाथ (काढ़ा) बनाकर पीने से पेट का फूलना व अतिसार आदि में लाभ होता है -
इसके 2-4 ग्राम चूर्ण का सेवन करने से उबकाई मिटती है -
दमा में - तेजपात ,पीपल,अदरक, मिश्री सभी को बराबर मात्र में लेकर चटनी
पीस लीजिए और 1-1 चम्मच चटनी रोज खाएं 40 दिनों तक। फायदा सुनिश्चित है।
दांतों के लिए - सप्ताह में तीन दिन तेजपात के बारीक चूर्ण से मंजन कीजिए।
दांत मजबूत होंगे, दांतों में कीड़ा नहीं लगेगा ,ठंडा गरम पानी नहीं लगेगा
, दांत मोतियों की तरह चमकेंगे।
कपड़ों के बीच में तेजपात के पत्ते
रख दीजिए ,ऊनी,सूती,रेशमी कपडे कीड़ों से बचे रहेंगे। अनाजों के बीच में
4-5 पत्ते डाल दीजिए तो अनाज में भी कीड़े नहीं लगेंगे। उनमें एक दिव्य
सुगंध जरूर बस जायेगी।
अनेक लोगों के मोजों से दुर्गन्ध आती है ,वे
लोग तेजपात का चूर्ण पैर के तलुवों में मल कर मोज़े पहना करें। पर इसका
मतलब ये नहीं कि आप महीनों तक मोज़े धुलें ही न। वैसे भी अंदरूनी कपडे और
मोज़े तो रोज धुलने चाहिए। मुंह से दुर्गन्ध आती है तो तेजपात का टुकड़ा
चबाया करें। बगल के पसीने से दुर्गन्ध आती है तो तेजपात का चूर्ण पावडर की
तरह बगलों में लगाया करें।
अगर अचानक आँखों कि रोशनी कुछ कम होने
लगी है तो तेजपात के बारीक चूर्ण को सुरमे की तरह आँखों में लगाएं। इससे
आँखों की सफाई हो जायेगी और नसों में ताजगी आ जायेगी जिससे आपकी दृष्टि तेज
हो जायेगी। इस प्रयोग को लगातार करने से चश्मा भी उतर सकता है।
पेट
में गैस की वजह से तकलीफ महसूस हो रही हो तो ३-४ चुटकी या ४ मिली ग्राम
तेजपात का चूर्ण पानी से निगल लीजिए। एसीडिटी की तकलीफ में इसका लगातार
सेवन बहुत फायदा करता है और पेट को आराम मिलता है।
तेजपात का अपने भोजन में लगातार प्रयोग कीजिए ,आपका ह्रदय मजबूत बना रहेगा ,कभी हृदय रोग नहीं होंगे।
पागलपन के लिए -एक एक ग्राम तेजपात का चूर्ण सुबह शाम रोगी को पानी या शहद
से खिलाएं।या तेजपात के चूर्ण का हलुआ बनाकर खिलाएं। सूजी के हलवे में एक
चम्मच तेजपात का चूर्ण डाल दीजिए। बन गया हलवा।
तेजपात के टुकड़ों को जीभ के नीचे रखा रहने दें ,चूसते रहे। एक माह में हकलाना खत्म हो जाएगा।
दिन में चार बार चाय में तेजपत्ता उबाल कर पीजिए ,जुकाम-जनित सभी कष्टों
में आराम मिलेगा। या चाय में चायपत्ती की जगह तेजपत्ता डालिए। खूब उबालिए
,फिर दूध और चीनी डालिए।
पेट की किसी भी बीमारी में तेजपत्ते का काढा बनाकर पीजिए। दस्त, आँतों के घाव, भूख न लगना सभी में आराम मिलेगा।