हड्डियां हमारे शरीर का ढांचा है और इनसे हमारा संचालन होता है। हमारे शरीर में कुल 206 हड्डियां और 320 जोड़ हैं। और कई कारणों से इनमें दर्द या परेशानी हो सकती है। आइए जानें कुछ ऐसे प्राकृतिक उपाय जो हमें इस दर्द से राहत दिला सकते हैं।
हड्डियों या जोड़ों में किसी भी प्रकार के विकार के कारण हड्डियों में दर्द और सूजन उत्पन्न होती है। जोड़ों में दर्द के बहुत से अन्य कारण भी हो सकते हैं जैसे जोड़ों पर यूरिक एसिड का इकट्ठा होना। कभी कभी दर्द अनुवांशिक कारणों से होता है और कभी कभी कमज़ोरी से। ठंड लग जाने से या कार्टिलेज में मौजूद तरल द्रव के सूख जाने के कारण हड्डियों पर रगड़ पड़ने से भी दर्द हो सकता है।
शारीरिक रूप से मोटे लोग या वो लोग जिन्हें कब्ज़ रहती है उन्हें भी इस प्रकार के दर्द का सामना करना पड़ता है। वैसे तो आजकल कम उम्र में ही लोगों को जोड़ो का दर्द अपनी गिरफ्त में ले रहा है। पर अधिकतर लोग मानते हैं कि जोड़ो का दर्द लाइलाज नहीं है। प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से इसके दर्द से राहत मिल सकती है। अगर आप भी जोड़ों के दर्द से परेशान हैं तो हमारे द्वारा दिए गए टिप्स जरूर अपनाएं।
जोड़ों के दर्द से बचने के कुछ प्राकृतिक उपाय:
जोड़ों के दर्द से बचाव के लिए मरीज़ को हमेशा गुनगुने पानी से नहाना चाहिए।
ऐसे आहार लें जिनसे कब्ज़ होने का डर ना हो।
फास्ट फूड से तौबा करें और तला भुना आहार भी कम खायें।
पाचन क्रिया को ठीक रखने के लिए आप त्रिफला चूर्ण का प्रयोग भी कर सकते हैं।
प्रातः प्राणायाम में कपालभाति, भास्त्रिका, अनुलोम विलोम जैसे व्यायाम करें।
सुबह शाम 15 मिनट तक गरम पानी में पैर डालें और ध्यान रखें कि ऐसा करते समय आपके पैरों में हवा ना लगे।
इस रोग का उपचार करने में तुलसी बड़ी कारगर भूमिका निभाती है क्योंकि तुलसी में वात विकार को मिटाने का प्राकृतिक गुण होता है। तुलसी का तेल बनाकर दर्द वाली जगह लगाने से तुरंत आराम मिलता है।
ज्यादा तकलीफ होने पर नमक मिले गरम पानी का सेंका करें व हल्के गुनगुने सरसों के तेल की मालिश करें।
दर्द से बचने के लिए इन आदतों से दूर रहें:
ठंड के मौसम में ठंडी जगह पर ना बैठें और अधिक समय तक स्नान ना करें।
अधिक वसायुक्त आहार ना लें।
वज़न पर नियंत्रण रखें।
आलू, चावल, राज़मा, दही, छोले, शराब का सेवन ना करें।
भोजन में खट्टे फलों का प्रयोग न करें।
इस प्रकार के दर्द में लेप व तेल की मालिश से भी आराम मिलता है:
जोड़ों पर महानारायण, महा विषगर्भ तेल ,सैन्धवादि तेल,वंडर आयल या रूमताज तेल से सुबह शाम मालिश करें।
महुआ, अलसी, तिल, सरसों तथा बिनौली के तेल को मिला कर और गरम कर के इससे मालिश करें।
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