कई बार शारीरिक और मानसिक दुर्बलता या किसी लम्बी बीमारी के कारण मस्तिष्क पर असर पड़ने लगता है और हमारी स्मरण शक्ति कम हो जाती है। आइए इस स्लाइड शो के माध्यम से जानें कि आयुर्वेद के जरिये मस्तिष्क की शक्ति को कैसे बढ़ा सकते हैं।
आयुर्वेद और मस्तिष्क
अगर हमारा शरीर एक मंत्रालय है, तो मस्तिष्क उसका प्रधानमंत्री। इसकी मर्जी के बिना शरीर का कोई भी हिस्सा सही प्रकार काम नहीं कर सकता। कई बार अत्यधिक मानसिक परिश्रम व थकान, पाचन संस्थान की गड़बड़ी, शारीरिक और मानसिक दुर्बलता या किसी लम्बी बीमारी के कारण मस्तिष्क पर असर पड़ने लगता है और हमारी स्मरण शक्ति कम हो जाती है। आइए इस स्लाइड शो के माध्यम से जानें कि आयुर्वेद के जरिये मस्तिष्क की शक्ति को कैसे बढ़ा सकते हैं।
बादाम
बादाम मे पाये जाने वाले आयरन, कॉपर, फास्फोरस और विटामिन बी यह सभी औषधीय तत्व एक साथ क्रिया करते है। इसलिए बादाम मस्तिष्क, दिल और लीवर को ठीक से काम करते रहने मे मदद करता है। मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने के लिए पांच बादाम रात को पानी में भिगों दें। सुबह छिलके उतारकर बारीक पीस कर पेस्ट बना लें। अब एक गिलास दूध और उसमें इस पेस्ट को और दो चम्मच शहद को डालकर पी लें इससे आपको बहुत फायदा होगा।
ब्राह्मी
ब्राह्मी दिमागी शक्ति बढ़ाने की मशहूर जड़ी-बूटी है। ब्राह्मी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट तत्व के कारण इसके नियमित सेवन से मस्तिष्क की शक्ति बढऩे लगती है। इसका एक चम्मच रस रोज पीना लाभदायक होता है। अगर आपको इसका रस पसंद नहीं है तो आप इसको चबाकर भी खा सकते है इसके 7 पत्ते खाने से भी वही लाभ मिलता है।
अलसी का तेल
अलसी का तेल आपकी एकाग्रता को बढाता है, मस्तिष्क की शक्ति को तेज करता है तथा सोचने समझने की शक्ति को भी बढ़ाता है। नियमित रूप से अलसी के तेल के सेवन से आपको मस्तिष्क सम्बन्धी कोई विकार नहीं होता।
सौंफ
सौंफ प्रतिदिन घर में प्रयोग किए जाने वाले मसालों में से एक है। इसका नियमित उपयोग सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सौंफ और मिश्री को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को दो चम्मच दोनों समय भोजन के बाद लेते रहने से मस्तिष्क की कमजोरी दूर होती है।
अखरोट
अखरोट में ओमेगा -3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं। इसमें मैगनीज, तांबा, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक और सेलेनियम जैसे मिनरल्स भी पाये जाते हैं। अखरोट विटामिन ई का बहुत अच्छा स्रोत हैं, जो हमारे मस्तिष्क के लिए काफी फायदेमंद होता हैं।
दालचीनी
दालचीनी सिर्फ गर्म मसाला ही नहीं, बल्कि एक औषधि भी है। यह कमजोर मस्तिष्क की अच्छी दवा है। रात को सोते समय नियमित रूप से एक चुटकी दालचीनी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर लेने से मानसिक तनाव में राहत मिलती है और मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है।
अपनी गर्म तासीर के कारण बहुत थोड़ी मात्रा में उपयोग होने वाला जायफल के सेवन से मस्तिष्क बहुत तेज बनाता है। इसको खाने से आपको कभी एल्जाइमर यानी भूलने की बीमारी नहीं होती।
काली मिर्च
छोटी सी दिखने वाली काली मिर्च खाने के स्वाद को बढ़ाने के साथ औषधीय गुणों से भरपूर भी है। मस्तिष्क की कमजोरी दूर करने एवं स्मरण शक्ति बढ़ाने में काली मिर्च लाभप्रद होती है। 25 ग्राम मक्खन में 5-6 कालीमिर्च मिलाकर नित्य चाटने से मस्तिष्क तेज होता है।
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