पित्त दोष क्या है (What is Pitta Dosha)? पित्त शरीर में अग्नि और जल तत्वों से मिलकर बनता है। यह शरीर में हार्मोन, एंजाइम, शरीर के तापमान और पाचक अग्नि को नियंत्रित करता है। पित्त पेट और छोटी आंत में प्रमुखता से पाया जाता है।
शरीर में पित्त का संतुलन (Pitta in Body) में होना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि पित्त असंतुलित होने पर कई रोगों कारण बन सकता है। पित्त से लगभग 40 तरह के रोग जन्म ले सकते हैं।
पित्त प्रकृति वाले लोगों को अकसर पेट में एसिडिटी और कब्ज की समस्या रहती है (Acidity and Constipation in Pitta Dosha)। इनकी पाचक अग्नि कमजोर पड़ जाती है, जिससे ये भोजन को अच्छे से डायजेस्ट नहीं कर पाते हैं। हमेशा स्वस्थ रहने के लिए पित्त का संतुलित होना बहुत जरूरी होता है। पित्त प्रकृति वाले लोगों को हमेशा ठंडी, मीठी चीजों का सेवन करना चाहिए। साथ ही गर्म तासीर और खट्टी चीजें शरीर में पित्त बढ़ाने का कारण होते हैं। अगर आपके शरीर में लाल चकते या फोड़े-फुंसी रहते हैं, आपको एसिडिटी की समस्या है, गुस्सा बहुत जल्दी आता है तो समझ जाइए कि आपके शरीर की प्रकृति पित्त है। ऐसे में इसे संतुलन में रखने के लिए आपको कुछ चीजों से हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
पित्त प्रकृति वाले लोगों को किन चीजों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए (Foods to Avoid in Pitta Dosha)।
आयुर्वेद के अनुसार अगर आपकी पित्त प्रकृति है, तो आपको कभी भी खट्टे और गर्म तासीर वाली चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। इनके सेवन से आपको कोई फायदा नहीं मिलेगा, बल्कि इससे आपको नुकसान हो सकता है। चलिए जानते हैं, किन चीजों से आपको दूरी बनाकर रखनी है-
इन चीजों से भी बढ़ता है पित्त (These Things Also Increase Pitta)
- गर्म तासीर की दालें (Hot Lentils) - पित्त प्रकृति वालों के लिए अंकुरित मूंग बहुत फायदेमंद होता है
- मैदा (Maida)
- प्रोसेस्ड और फास्ट फूड (Processed and Fast Food)
- शराब (Alcohol)
- ज्यादा धूप में रहने से भी पित्त बढ़ता है। (Sunlight also Increases Pitta)
- अग्नि के पास बैठने (Fire Increase Pitta)
- ज्यादा एक्सरसाइज करने (Heavy Workout)
- मानसिक तनाव (Mental Stress)
- गुस्सा (Anger)
- चिकन, मटन और फिश (Chicken, Mutton and Fish Increase Pitta in Body)
ऊपर बताए गए सभी चीजों से शरीर में पित्त बढ़ता है। ऐसे में अगर आपकी पित्त प्रकृति है, तो आपको इन सभी चीजों से पूरी तरह से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। अगर आप हमेशा खुश रहते हैं, तो आपका पित्त संतुलन में रहता है।
आयुर्वेद के अनुसार एक व्यक्ति तभी स्वस्थ रह सकता है, जब वह अपनी प्रकृति के अनुसार आहार-विहार करता है।
अगर आपको अपनी प्रकृति के बारे में जानकारी नहीं है, तो आप एक बार किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं। वे आपके बारे में जानकर आपकी प्रकृति के बारे में बताने में आपकी मदद करेंगे।
पित्तदोष होने पर क्या खाएं? अनाज से लेकर फल भी है लाभदायक, ये रही पूरी जानकारी
पित्त की समस्या में बदहजमी की शिकायत बनी रहती है। ऐसा गर्म तासीर वाला खाना खाने और ज्यादा मसालेदार खाना खाने से होता है। पित्त की इस समस्या से राहत पाने के लिए खाने में ठंडी तासीर वाली चीजों का सेवन करना फायदेमंद रहता है।
पित्त एक ऐसा रोग है, जिससे पीड़ित होने पर एक या दो नहीं बल्कि 40 से ज्यादा रोग हो सकते हैं। बहुत जल्दी गुस्सा आना, ज्यादा पसीना आना, जल्दी थकान होना, ये सब पित्त दोष के लक्षण हैं। पित्त दोष ज्यादा मसालेदार खाना खाने, तनाव लेने से या बिना भूख के ही कुछ भी खा लेने और गर्म तासीर वाली चीजों के सेवन से अधिक होता है। हालांकि, खान-पान में सुधार करने से पित्त दोष की समस्या से राहत पाई जा सकती है। तो चलिए हम आपको बताते हैं पित्त दोष के निवारण के लिए डाइट में किन चीजों को शामिल करें और किन चीजों को इग्नोर करें-
पित्त दोष में क्या खाएं?
इन फलों का करें सेवन
पित्त दोष में गर्म तासीर वाले फलों के सेवन से परहेज करना चाहिए। इस समस्या से राहत पाने के लिए सेब, अनार, ताजे अंजीर, आम, खरबूजा, अमरूद और संतरे का सेवन कर सकते हैं।
सब्ज़ियां
जिन लोगों को पित्त की समस्या होती है, वो ब्रोकली, खीरा, हरी शिमला मिर्च, हरी पत्तेदार सब्जी, गोभी, हरी बींस, मशरूम, लौकी और भिंडी से बनी सब्जियों को डाइट में शामिल कर सकते हैं। पर ध्यान रखें कि सब्जी मसालेदार न हो।
अनाज
पित्त की समस्या से राहत पाने के लिए अनाज का सेवन भी फायदेमंद होता है। अनाजों में जौ, गेहूं, ओट्स, सफेद बासमाती चावल को शामिल किया जा सकता है। वहीं, दालों में मूंग की दाल इस रोग में फायदेमंद होती है।
हर्बल टी का सेवन
पित्त की समस्या से निजात पाने के लिए चाय-कॉफी का सेवन हानिकारक होता है। दरअसल, पित्त की समस्या होने पर बदहजमी की शिकायत बनी रहती है। ऐसे में चाय-कॉफी का सेवन पित्त को बढ़ाने का काम करता है। चाय-कॉफी की जगह हर्बल या ग्रीन टी का सेवन किया जा सकता है।
घी का करें सेवन
पित्त को शांत करने के लिए गाय का देसी घी काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा खाने में नारियल का तेल, सूरजमुखी का तेल और जैतून के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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1. लाल मिर्च बढ़ाए पित्त (Red Chilies Increase Pitta)
पित्त प्रकृति वाले लोगों को भूलकर भी लाल मिर्च का सेवन नहीं करना चाहिए। लाल मिर्च की तासीर बहुत गर्म होती है, ऐसे में अगर पित्त प्रकृति वाले लोग इसे अपने भोजन में शामिल करेंगे तो इससे उनके शरीर में पित्त बढ़ सकता है। पित्त प्रकृति वाले लोग लाल मिर्च की जगह हरी मिर्च का सेवन कर सकते हैं। लाल मिर्च पित्त को बढ़ाने का एक प्रमुख कारण होता है।
2. मसालों से बढ़ता है पित्त (Spices Cause to Increase Pitta)
भारतीय घरों में भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए कई तरह के मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन पित्त प्रकृति वाले लोगों के लिए मसाले का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है। पित्त प्रकृति वालों को खाने में इस्तेमाल होने वाले मसाले जैसे काली मिर्च, दालचीनी, तेजपत्ता, लौंग आदि के सेवन से बचना चाहिए। मसालों में आप धनिया का इस्तेमाल कर सकते हैं। धनिया की तासीर ठंडी होती है, जो पित्त प्रकृति वालों के लिए फायदेमंद होती है। साथ ही लहसुन, अदरक का भी आपको सीमित मात्रा में ही उपयोग करना चाहिए। अगर आपको पित्त ज्यादा बढ़ा हुआ है, तो इनसे भी दूरी बनाकर रखें।
3. ड्राय फ्रूट्स बढ़ाए पित्त (Dry Fruits Increase Pitta in Body)
ड्राय फ्रूट्स (Dry Fruits) यानी सूखे मेवे की तासीर बहुत गर्म होती है। पित्त प्रकृति वालों में इनका दुष्प्रभाव देखने को मिलता है। अगर आपकी पित्त प्रकृति है, तो आपको इनके सेवन से बचना चाहिए। आपको कभी भी काजू, बादाम, किशमिश, पिस्ता और अखरोट का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप चाहें तो बादाम को रातभर भिगोकर रखें और सुबह इसका सेवन कर सकते हैं, इससे उसकी तासीर ठंडी हो जाती है। मूंगफली भी शरीर में पित्त को बढ़ाने का कारण होती है। सर्दियों में भी मूंगफली का सेवन नहीं करना चाहिए।
4. खट्टे फलों से बढ़ता है पित्त (Citrus Fruits Increase Pitta)
पित्त प्रकृति वाले लोगों को खट्टी चीजों से भी परहेज करना होता है। खट्टी चीजें शरीर में पित्त की मात्रा को बढ़ाते हैं, जिससे कई तरह के रोग हो सकते हैं। अगर आपकी पित्त प्रकृति है तो खट्टे फलों (Citrus Fruits) का सेवन भूलकर भी न करें। इसमें आप संतरा, मौसंबी, कीवी, चकोतरा आदि के सेवन से बचें। इसकी जगह आप पित्त को शांत करने वाले फल जैसे तरबूज, खीरा, सेब आदि का सेवन कर सकते हैं।
5. तला-भुना भोजन बढ़ाए पित्त (Fried Foods Increase Pitta in Body)
वैसे तो ज्यादा तला-भुना आहार सभी के लिए नुकसानदायक होता है, लेकिन पित्त प्रकृति वालों को यह सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इनके ज्यादा सेवन से शरीर में पित्त बढ़ने की संभावना रहती है। ऐसे में आपको इनका सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
6. कैफीन से बढ़ता है पित्त (Caffeine Increases Pitta)
पित्त प्रकृति वाले लोगों को कैफीन युक्त चीजों से भी दूरी बनाकर रखनी होती है। कैफीन युक्त चीजें जैसे चाय, कॉफी, सोडा और चॉकलेट्स भी पित्त को बढ़ाने की मुख्य वजह होते हैं। इनका सेवन आपको भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इसकी जगह आप हर्बल टी या कूल ड्रिंक्स का सेवन कर सकते हैं। इनसे पित्त शांत होता है।
7. गर्म तासीर की सब्जियां (Hot Steamed Vegetables Increase Pitta)
पित्त को बढ़ाने के लिए आपको गर्म तासीर की सब्जियों का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। साथ ही चिपचिपी सब्जियों से भी दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इसमें आपको बैंगन, अरबी, भिंडी, कटहल, सरसों का साग आदि से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। पित्त को संतुलित करने के लिए आप पालक, बींस, परवल और सीताफल का सेवन कर सकते हैं।
पित्त दोष को संतुलित करने के घरेलू उपाय (Home Remedies to Balance Pitta Dosha)
1) घरेलू उपायों में घी, मक्खन और दूध से भी पित्त दोष को संतुलित किया जा सकता है।
2) पित्त असंतुलित या बढ़ा हो तो ऐसे में आपको खट्टे फलों के सेवन से बचना चाहिए। इसे संतुलित करने के लिए मीठे फलों का सेवन करना लाभकारी होता है।
3) पित्त को शांत करने के लिए आप एलोवेरा, व्हीटग्रास का जूस पी सकते हैं। इससे पित्त को आसानी से संतुलित किया जा सकता है। लौकी का जूस भी पित्त दोष को शांत करने में मददगार होता है।
4) आंवले के जूस से भी पित्त को संतुलित किया जा सकता है। इसमें कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो पित्त को संतुलित करने में मददगार होते हैं।
5) पित्त दोष होने पर शरीर में अग्नि की मात्रा बढ़ी होती है, ऐसे में ज्यादा मात्रा में पानी पीने से इसे शांत किया जा सकता है।
6) पित्त दोष को संतुलित करने के लिए आप गुलाब की पंखुड़ियों का गुलकंद बनाकर पी सकते हैं। इसकी तासीर ठंडी होती है, जो शरीर में अग्नि को शांत करने में मदद करता है।
7) शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ने पर आप सौंफ, धनिया का पानी पी सकते हैं। इसके लिए एक-एक चम्मच सौंफ और धनिया रात को एक गिलास पानी में मिला लें। रातभर भिगोकर रखें और सुबह इसका पानी पी लें।
8) इसके साथ ही पुदीने का पानी भी पित्त दोष को संतुलित करने में मददगार होता है।
9) मुनक्का भी पित्त दोष को शांत करने में मददगार होता है। दूध में मुनक्का को उबालकर इसे खाने से पित्त को संतुलित किया जा सकता है।
10) इसके अलावा पित्त दोष तो शांत करने के लिए आपको अपनी डाइट में घी को जरूर शामिल करना चाहिए। घी पित्त को संतुलित करने में बेहद मददगार होता है। आप इसे दाल, सब्जी में इस्तेमाल कर सकते हैं।
11) सब्जियों में आपको खीरा, शिमला मिर्च, अंकुरित दाल, पत्तेदार सब्जियां, बींस और लौकी को शामिल करना चाहिए।
पित्त दोष को शांत करने के टिप्स (Tips to Balance Pitta Dosha)
- - पित्त दोष को संतुलित करने के लिए आपको कड़वी, कसैली और मीठी चीजों का सेवन करना चाहिए।
- - अगर आपका पित्त बढ़ा हुआ है, तो बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करने से आपको बचना चाहिए।
- - दोस्तों के साथ बातें करके, खुश रहकर भी इसे शांत किया जा सकता है।
- - मेडिटेशन करके भी पित्त दोष को संतुलित किया जा सकता है।
- - मार्जरी आसन, चंद्र नमस्कार, भुजंगासन और शवासन करके पित्त दोष को शांत करने में मदद मिलती है।
अगर आपके शरीर में भी पित्त दोष बढ़ा हुआ है, तो आप इन घरेलू उपायों की मदद से इसे संतुलित कर सकते हैं। लेकिन अगर लंबे समय तक इसमें असर देखने को न मिले, तो आपको डॉक्टर से कंसल्ट करने की जरूरत होती है। इसलिए इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि समय के साथ-साथ यह बढ़ता जाता है।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)