यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, 25 फ़रवरी 2011

कहते है उसको नेता, कहते है उसको नेता 

कहते है उसको नेता, कहते है उसको नेता 

वाणी में जिसके चीनी हो मुस्कान बड़ी नमकीनी हो
 दिल काला हो तो हुआ करे लेकिन मन में रंगीनी हो

 हरदम हारों का ग्राहक हो उपहारों का भी चाहक हो
 कुर्सी माइक डंडे जूते,सब पर जिसका पहला हक़ हो


 रोजी रोटी के बदले में ,   रोजी रोटी के बदले में 
जनता को भाषण देता,  कहते है उसको नेता, कहते है उसको नेता


जो सब विषयों का ज्ञाता हो, जो सभी जगह मिल जाता हो
 जो लोगो को पीछे धकेल , फोटो में आगे आता हो
 चंदा ही जिसका धंधा हो,  व्यापार न जिसका मंदा हो,
 जो सदाचार का भाषण दे, व्यवहार मगर कुछ गन्दा हो
 सर्दी गर्मी कम करने को, सर्दी गर्मी कम करने को
 चुपके से थोड़ी पी लेता, कहते है उसको नेता, कहते है उसको नेता


सर्दी में देश सुहाता हो,  गर्मी में लन्दन जाता हो,
बरसात बिता वाशिंगटन,  पेरिस में मून मनाता हो
दफ्तर में जिसका साला हो,  और समधी पैसे वाला हो,
मंत्री जी जिसके मामा हो, अंटी में जिसके साला हो
परमिट से लेकर पासपोर्ट तक , परमिट से लेकर पासपोर्ट तक
जिसका उल्लू चेता, कहते है उसको नेता,कहते है उसको नेता

कहते है उसको नेता,कहते है उसको नेता
 कहते है उसको नेता,कहते है उसको नेता

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी करें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

function disabled

Old Post from Sanwariya