यह ब्लॉग खोजें

शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

शिष्यों के लिए सबसे बड़ा दिन "गुरुपूर्णिमा

शिष्यों के लिए सबसे बड़ा दिन "गुरुपूर्णिमा"
⛳भारत में अनादिकाल से गुरु-शिष्य परम्परा चली आ रही है । आज कौन इस बात से अवगत नहीं है कि भारत में गुरुपूर्णिमा पर्व गुरु और शिष्य के आत्मिक सम्बन्ध और प्रेम का पर्व है ।

🌹भगवान राम और भगवान कृष्ण के भी गुरु थे । तो हम सबकी क्या बात है । भगवान् रामजी के गुरु वशिष्ठ जी महाराज और भगवान् कृष्ण के गुरु सांदीपक ऋषि हैं ।

🌹लेकिन आज भारत देश में देखा जाय तो उन्ही संतों पर आघात किया जा रहा है, अत्याचार किया जा रहा है, जिन संतों ने हमेशा देश का मंगल चाहा है । जो भारत का उज्जवल भविष्य देखना चाहते हैं । ऐसे ब्रह्मवेत्ता सतगुरु जो मानव मात्र का कल्याण चाहते हैं वो तो जीव को ब्रह्म बनाना चाहते हैं ।

⛳लेकिन उन्ही संतों को टारगेट किया जा रहा है -- क्यों ??
क्यों कि भारत देश की गरीमा को मार गिराना है । भारतीय संस्कृति को खत्म करना है ।

💥कौन मारेगा ?? क्यों मारेगा ??

⛳भारत को गुलाम देखने वाले लोग मारेंगे ।
क्यों मारेंगे ??
क्यों कि
भारत के अस्तित्व को मिटाना है । सनातन संस्कृति को मिटाना है ।

💥मिश्र, यूनान, रोमाँ आदि संस्कृतियों को खत्म किया जा चुका है लेकिन अब भारत की संस्कृति पर वार किया जा रहा है ।
और ये कैसे मिटेगी ??
कि संतो को खत्म कर दिया तो भारतीय संस्कृति खतरे में पड़ जायेगी ।
💥लेकिन....

⛳युनानों, मिश्र, रोमां, सब मिट गये इस जहां से ।
अब तक मगर है बाकी, नामों निशाँ हमारा ।।
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी ।
सदियों रहा है दुश्मन, दौरे जहां हमारा ।।

⛳आज भारत में थोड़ी बहुत जो सुख-शांति, चैन- अमन और सुसंस्कार बचे हुए हैं तो वो संतों के कारण ही है और संतों, गुरुओं को चाहने और मानने वाले शिष्यों के कारण ही है ।
⛳आज भारत को अध्यात्मिक देश माना जाता है तो वह गुरु-परम्परा के कारण ही माना जाता है ।

⛳लेकिन उन्ही संतों पर "मीडिया" और क्रिश्चन मिशनरीज़ द्वारा षड़यंत्र करके भारत वासियों की श्रद्धा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है ।
मैकाले ने इस पर सबसे पहला वार किया था ।

⛳"भारतवासियों को ही गुमराह करके संतों के प्रति भारतवासियों की आस्था को तोड़ा जा रहा है ।"

💥लेकिन आज नासमझ हिन्दू इस बात से नादान हो रहें है । मीडिया विदेशों से पैसा लेकर संतों को बदनाम कर रही है । कानून भी ऐसे बना दिए गए हैं कि संतों के विरुद्ध ही कार्यवाही चल पड़े ।
💥लेकिन कौन आवाज उठायेगा झूठे कानून के प्रति ..??
💥कौन आवाज उठायेगा मीडिया के प्रति ..??

💥बस मिडिया भी उन्ही लोगों को मुर्ख बना पाई जो पहले से ही मुर्ख थे ।

💥उनकी बुद्धि मिशनरियों द्वारा मारी जा चुकी है । कॉन्वेंट स्कूलों की पढ़ाई ने सबका दिमाग कचरे से भर दिया है । भारत में बसे कान्वेंट स्कूल, विदेशी मीडिया, ईसाई धर्मान्तरण आदि भारत में खुल्ले आम चल रहे हैं ।

💥लेकिन सबका मुहँ उनके खिलाफ आवाज उठाने को बंद है ।

💥कौन बोलेगा .....???
क्यों बोलेगा .......????

💥सबको तो अपनी PERSONAL LIFE से मतलब है । बस खा-पीके मर जाओ, दफ़न हो जाओ ।

💥हो गया हमारा जीवन पूरा ।।

✊ सोते रहो हिंदुओं ✊

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी करें

टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.

function disabled

Old Post from Sanwariya