829 वर्ष पूर्व जब 1192 में पृथ्वीराज चौहान की पराजय हुई और मोहम्मद गोरी के इस्लामिक आतंकवादी दिल्ली में घुसे थे तब दिल्ली का भी वो ही मंजर था जो आज काबुल का है।
दिल्ली की महिलाएं यह सोच कर शांत थी कि बस दो राजाओ के बीच सत्ता हस्तातंरण होगा, मगर जैसे ही जेहादी घुसे। 1-1 महिला पर 50 - 50 इस्लामी आतंकवादी टूट पड़े।
नारा ए तकबीर अल्लाह हु अकबर के नारों से ना सिर्फ दिल्ली बल्कि पूरी शस्य श्यामला भूमि काँप उठी थी। मंदिरों के शिखर पर चढ़कर जोरदार हमले किये जा रहे थे, पुरुषों के शव लटका दिए गए थे और महिलाओ को नग्न अवस्था मे गजनी ले जाया जा रहा था।
इसके बाद यही दृश्य 1761 में हुआ जब पानीपत के युद्ध मे सदाशिव राव भाऊ की पराजय हुई तो मराठा स्त्रियों के साथ यही चेष्टा की गई। दिल्ली में हिन्दुओ को चुन चुनकर मारा गया।
यह सब मैं इसलिए लिख रहा हु ताकि आप एक बार अपने किसी मुस्लिम परिचित से यह पूछे कि मुहम्मद गोरी और अब्दाली के बारे में उनके क्या विचार है? क्योकि आपको एक ही उत्तर मिलेगा की ये दोनों तो खुदा के फरिश्ते थे, तुम हिन्दू सिविलाइज्ड नही थे इसलिए उन्हें अल्लाह ने भेजा था।
कहने का आशय सिर्फ इतना है कि मुसलमानो के रोल मॉडल सदा ही ये आतंकवादी रहे है और 1192 से ही वे इसी प्रयास में है कि हम इस्लाम को एक मात्र सभ्यता मानकर अपना इतिहास ठीक वैसे ही भुला दे जैसे अफगानिस्तान भूला चुका है।
दूसरी ओर तालिबान की विजय से खुश होने वाले मुसलमान एक बात गांठ बांध लें वो यह कि ये युद्ध अमेरिका ने नही बल्कि अफगानिस्तान की सेना ने हारा है।
वह दृश्य हमे आज भी याद है जब 2001 में अमेरिकी योद्धा काबुल में उतरे थे तो मात्र 10 दिन में तालिबान गुफाओं में घुस गया था।
20 सालो तक तालिबान बाहर नही निकला, जो बाइडन की घोषणा ने उसे पर दिये। इसलिए अमेरिका तब भी विजित था और आज भी एक विजेता है पराजित सिर्फ अफगानिस्तान की सेना उनकी सरकार और उनके लोग हुए है हम काफ़िर नही।
वही भारत की बात करे तो सन 1757 में पेशवा रघुनाथ राव और सन 1799 में महाराज रणजीत सिंह के नेतृत्व में भारतीयों ने कई बार इन अफगानों को रौंदा है इसलिए काबुल वाले समीकरण दिल्ली में होंगे इसके सिर्फ सपने देखो कदम बढ़ाए तो वही अंजाम होगा जो 1757 से होता आया है।
हिन्दुओ से अपील है कि वे राघोबा और रणजीत सिंह जैसे योद्धाओं को जीवंत बनाये रखे, हमारा सौभाग्य है कि ऐसे लोग भारत में जन्में जिन्होंने भारत के तालिबान को सदा के लिये हिंदुकुश के पार धकेल दिया।
भारत सदा ही महान है उसे तालिबान या मुसलमानो से डरने की जरूरत नही है। हम कभी भारत की जनता को उसका अतीत भूलने नही देंगे, 2014 में दफन हुआ एकपक्षीय सेक्युलरिज्म दोबारा जीवित नही होगा।
जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
यह ब्लॉग खोजें
शनिवार, 21 अगस्त 2021
जब 2001 में अमेरिकी योद्धा काबुल में उतरे थे तो मात्र 10 दिन में तालिबान गुफाओं में घुस गया था।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
function disabled
Old Post from Sanwariya
- ► 2024 (345)
- ► 2023 (420)
- ► 2022 (477)
-
▼
2021
(536)
-
▼
अगस्त
(118)
-
▼
अग॰ 21
(28)
- जिहाद का इलाज
- शरीर के अंदर जमी गन्दगी निकालने के लिए दुनिया का ...
- सावधान आपके वीडीओ फोटो को किया जा रहा नंगा और बेचा...
- अब बिना झंझट के पाये 20 लाख का लोन , मोदी सरकार ने...
- जेनेरिक आधार को बनाये पार्टनर, पाये अपना रोजगार, क...
- मोदी सरकार की एक और सौगात, मासिक पेंशन हुई 10 हजार
- औषधीय पौधों की खेती, रोजगार को आसान बनाये जुड़े इन ...
- अब ऋण लेने हुआ आसान, कम ब्याज त्वरित कार्यवाही से ...
- आजकल माताये बहने फैशन के चलते कैसा अनर्थ कर रही है...
- हिन्दू ऋषियों द्वारा किये वैज्ञानिक आविष्कार
- हम WhatsApp पर बिना किसी का नंबर सेव कर के भी मैसे...
- कैसे पता करें कि मोबाइल सर्विलांस पर लगा है?
- क्या ब्लूटूथ इयरफ़ोन हमारी जान ले सकते हैं?
- शनि की कष्टकारी साढ़े साती का अचूक उपाय
- हनुमानजी को धतूरे की माला क्यों पहनाते हैं?
- विश्वास और श्रद्धा में अंतर
- महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ और महत्व
- महाभारत युद्ध में दैनिक व्यूह रचना
- घटोत्कच और कर्ण के बीच भयंकर संग्राम
- FaceBook और WhatsApp की वजह से हिंदुओं में जागरुकत...
- दुनिया का सबसे लम्बा सड़क मार्ग था कलकत्ता से लंदन
- प्रति वर्ष दशहरे के ठीक 21 दिन बाद ही दीपावली क्यो...
- जब 2001 में अमेरिकी योद्धा काबुल में उतरे थे तो मा...
- पति-पत्नी की नोक झोंक में प्रयुक्त सम्पूर्ण हिंदी...
- हमारे देखते देखते इतिहास बदलने की कोशिशें हो रही है।
- हिन्दू गद्दारों की वजह से हिंदुस्तान में हिन्दूओं ...
- अंधभक्त कहने वालों के लिए विशेष
- सुख-दुःख का सम्बन्ध सन्तान से नहीं
-
▼
अग॰ 21
(28)
-
▼
अगस्त
(118)
- ► 2020 (341)
- ► 2019 (179)
- ► 2018 (220)
- ► 2012 (671)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.