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शुक्रवार, 5 सितंबर 2014

Boost , Horlicks , Protienx , Bournvita , Complan , Moltova एक भी टोनिक हेल्थ नही देता

कुछ विदेशी कंपनिया हमारे देश में हेल्थ टोनिक बेचते है जैसे Boost , Horlicks , Protienx , Bournvita , Complan , Moltova और वैज्ञानिको डोक्टोरो का कहना है एक भी टोनिक हेल्थ नही देता किउंकि उनमे जो कुछ मिलाया जाता है उसमे कोई ऐसे चिस्नेही है जो बच्चे को हेल्थ देगा | गौर करने वाली बात ये है के सभी को Food Suppliment बोल के बेचा जाता है मतलब खाना खाने के बाद ये लेना है |

राजीव भाई के अनुसार इनमे मिलाई जाती है गेरू का आटा, जव का आटा , थोड़ा चने का आटा , मुमफली की खली, तिल की खली इत्यादि | ये सब चीस अगर बाज़ार से खरीद कर बनायीं जाये तोह एक किलो हेल्थ टोनिक बनाने में ४८ रूपए खर्च होता है मगर ये सब कंपनिया एक किलो १८० से ३८० रूपए में बेचती है | वैज्ञानिको का कहना है के १ किलो हेल्थ टोनिक खाने से उतनीही ताकत मिलेगी जितने २५ ग्राम मुमफली या चने को गुड़ के साथ खाने में मिलता है | ये विदेशी कंपनिया ५००० करोड़ रूपया हर साल लूटति है imotional blackmailing के विज्ञापन देके |

भगवद् गीता के ९वे अध्याय का २२वाँ श्लोक


भगवद् गीता के ९वे अध्याय का २२वाँ श्लोक 


अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते ।
तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम्‌ ॥

भावार्थ : जो अनन्यप्रेमी भक्तजन मुझ परमेश्वर को निरंतर चिंतन करते हुए निष्कामभाव से भजते हैं, उन नित्य-निरंतर मेरा चिंतन करने वाले पुरुषों का योगक्षेम (भगवत्‌स्वरूप की प्राप्ति का नाम 'योग' है और भगवत्‌प्राप्ति के निमित्त किए हुए साधन की रक्षा का नाम 'क्षेम' है) मैं स्वयं प्राप्त कर देता हूँ॥22॥ वृंदावन में एक कथा प्रचलित है कि एक गरीब ब्राह्मण बांके बिहारी का परम भक्त था। एक बार उसने एक महाजन से कुछ रुपये उधार लिए। हर महीने उसे थोड़ा- थोड़ा करके वह चुकता करता था। जब अंतिम किस्त रह गई तब महाजन ने उसे अदालती नोटिस भिजवा दिया कि अभी तक उसने उधार चुकता नहीं किया है, इसलिए पूरी रकम मय व्याज वापस करे। ब्राह्मण परेशान हो गया। महाजन के पास जा कर उसने बहुत सफाई दी, अनुनय-विनय किया, लेकिन महाजन अपने दावे से टस से मस नहीं हुआ। मामला कोर्ट में पहुंचा। कोर्ट में भी ब्राह्मण ने जज से वही बात कही,मैंने सारा पैसा चुका दिया है। महाजन झूठ बोल रहा है। जज ने पूछा, कोई गवाह है जिसके सामने तुम महाजन को पैसा देते थे। कुछ सोच कर उसने कहा, हां, मेरी तरफ से गवाही बांके बिहारी देंगे। अदालत ने गवाह का पता पूछा तो ब्राह्मण ने बताया, बांके बिहारी, वल्द वासुदेव, बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन। उक्त पते पर सम्मन जारी कर दिया गया। पुजारी ने सम्मन को मूर्ति के सामने रख कर कहा, भगवन, आप को गवाही देने कचहरी जाना है। गवाही के दिन सचमुच एक बूढ़ा आदमी जज के सामने खड़ा हो कर बता गया कि पैसे देते समय मैं साथ होता था और फलां- फलां तारीख को रकम वापस की गई थी। जज ने सेठ का बही- खाता देखातो गवाही सच निकली। रकम दर्ज थी, नाम फर्जी डाला गया था।जज ने ब्राह्मण को निर्दोष करार दिया। लेकिन उसके मन में यह उथल पुथल मची रही कि आखिर वह गवाह था कौन। उसने ब्राह्मण से पूछा। ब्राह्मण ने बताया कि वह तो सर्वत्र रहता है, गरीबों की मदद के लिए अपने आप आता है। इस घटना ने जज को इतना उद्वेलित किया कि वह इस्तीफा देकर, घर-परिवार छोड़ कर फकीर बन गया। बहुत साल बाद वह वृंदावन लौट कर आया पागल बाबा के नाम से। आज भी वहां पागल बाबा का बनवाया हुआ बिहारी जी का एक मंदिर है।... बोल वृंदावन बिहारी लाल की जय

पैरासिटामोल की सच्चाई

पैरासिटामोल की सच्चाई
बच्चों की बुखार की आम दवा पैरासिटामोल से ..यह घर घर में मौजूद एक आम दवा है इसके कई नाम है जैसे क्रोसिन ,काल्पोल इत्यादि ! पैरासिटामोल के कुछ चौकाने वाले तथ्य पैरासिटामोल का ओवरडोज (अधिक मात्रा ) जहर है और प्राणघातक है ..यह बात कई लोगो को पता नहीं है १) ओवर डोज़ से लीवर फेल होने से मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है २)ज्यादा दिन लगातार लेने से किडनी फेल हो जाती है ३)लगातार लेने से लीवर पर बुरा असर पढता है और पीलिया (ज्योंडिस) हो जाता है ४)ओवरडोज क्यों होता है ? डाक्टर की लापरवाही से ..बुखार से पीड़ित डाक्टर के पास आने पर पहले से पारासिटामोल ले रहा होता है ..डाक्टर अपनी चतुराई दिखा कर उसे 'एसिटामिनोफिन' लेने को कहते है ..जो की पारासिटामोल का दूसरा नाम है ..मरीज़ इन दोनों को अलग दवा समझ कर दोनों लेता है ..और नतीजा ओवरडोज !

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