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सोमवार, 30 अप्रैल 2018

अपनी सुंदरता को पहचानिए

पतला होना ही स्वास्थ्य की निशानी नही है क्योंकि बहुत से मोटे लोग उम्र पूरी करके जाते हैं और पतले लोग समय से पहले !

अपने को बढ़ती उम्र के साथ स्वीकारना एक तनावमुक्त जीवन देता है। हर उम्र एक अलग तरह की खूबसूरती लेकर आती है उसका आनंद लीजिये।

बाल रंगने है तो रंगिये,
वज़न कम रखना है तो रखिये,
मनचाहे कपड़े पहनने है तो पहनिए,
बच्चों की तरह खिलखिलाइये,
अच्छा सोचिये,
अच्छा माहौल रखिये,
शीशे में दिखते हुए अपने अस्तित्व को स्वीकारिये।

कोई भी क्रीम आपको गोरा नही बनाती,
कोई शैम्पू बाल झड़ने नही रोकता,
कोई तेल बाल नही उगाता,
कोई साबुन आपको बच्चों जैसी स्किन नही देता।
चाहे वो प्रॉक्टर गैम्बल हो या पतंजलि .....सब सामान बेचने के लिए झूठ बोलते हैं।

ये सब कुदरती होता है।
उम्र बढ़ने पर त्वचा से लेकर बॉलों तक मे बदलाव आता है।
पुरानी मशीन को maintain करके बढ़िया चला तो सकते हैं, पर उसे नई नही कर सकते।

ना किसी टूथपेस्ट में नमक होता है ना किसी मे नीम।
किसी क्रीम में केसर नही होती, क्योंकि 2 ग्राम केसर भी 500 रुपए से कम की नही होती !

जो आपकी पॉकेट allow करती है वो प्रसाधन खरीदिये, क्योंकि केमिकल्स सब में हैं।

lux की बनियान साधारण बनियान से इसलिये महंगी है क्योंकी उसमे विज्ञापन के लिए सनी देओल और अक्षय कुमार होते हैं
...और वो लक्स नही, calvin cline या पियरे कार्डिन पहनते हैं।
करीना कपूर कभी लक्स साबुन से नही नहाती
और अमिताभ बच्चन लाल तेल नही लगाता !

कोई बात नही अगर आपकी नाक मोटी है तो,
कोई बात नही आपकी आंखें छोटी हैं तो,
कोई बात नही अगर आप गोरे नही हैं
या आपके होंठों की shape perfect नही हैं....

फिर भी हम सुंदर हैं,
अपनी सुंदरता को पहचानिए।

दूसरों से कमेंट या वाह वाही लूटने के लिए सुंदर दिखने से ज्यादा ज़रूरी है, अपनी सुंदरता को महसूस करना।

हर बच्चा सुंदर इसलिये दिखता है कि वो छल कपट से परे मासूम होता है और बडे होने पर जब हम छल व कपट से जीवन जीने लगते है तो वो मासूमियत खो देते हैं
...और उस सुंदरता को पैसे खर्च करके खरीदने का प्रयास करते हैं।

मन की खूबसूरती पर ध्यान दो।

यह कर्तव्य हो कि अपने परिवार में अपनी पत्नी, बेटी, बहन को ये अहसास दिलायें कि वो प्राकृतिक रूप से सुंदर हैं,
वरना वो केमिकल्स का सहारा लेकर अपना स्वास्थ्य खराब कर लेंगी।

आजकल युवा लड़के बॉडी बनाने की धुन में पागल रहते हैं
ये असर है उन फ़िल्म स्टारों और मॉडल्स का जिससे ये युवा सोचते हैं कि वो अपने चहेते हीरो जैसी बॉडी बना कर हीरो जैसे दिखेंगे।

आपको शायद पता नही कि एक भी हीरो naturally बॉडी नही बनाता।
इनके पीछे बहुत सी प्लास्टिक सर्जरी,  steroids implants, lyposuctions, body contouring  का हाथ होता है।

आपरेशन से 6 pack बनवाते हैँ,
चेहरे पर सर्जरी करवाते हैं,
बाल उगवाते हैं,
मांसपेशियों में सिलिकॉन भरवाते हैं
...और ये सब वो इसलिते करते हैं,
क्योंकि उन्हें इन सबका पैसा मिलता है।
स्क्रीन पर सुंदर दिखना उनके धंधे की मजबूरी है उसके लिये वो शरीर से भी खेलते हैं वरना उन्हें कोई काम नही देगा।

लेकिन आम जीवन मे हमे बॉडी दिखाने के पैसे नही मिलते, काम करने के पैसे मिलते हैं तो हम हीरो जैसे दिखने से अच्छा है अपने काम मे हुनर दिखायें ।
हमारी तरक्की तो उसी से होगी।

पेट निकल गया तो कोई बात नही उसके लिए शर्माना ज़रूरी नही ।
आपका शरीर आपकी उम्र के साथ बदलता है तो वज़न भी उसी हिसाब से घटता बढ़ता है उसे समझिये।

सारा इंटरनेट और सोशल मीडिया तरह तरह के उपदेशों से भरा रहता है,
यह खाओ,वो मत खाओ
ठंडा खाओ , गर्म पीओ,
कपाल भाती करो, 
सवेरे नीम्बू पीओ ,
रात को दूध पीओ
ज़ोर से सांस लो, लंबी सांस लो
दाहिने से सोइये ,
बाहिने से उठिए,
हरी सब्जी खाओ,
दाल में प्रोटीन है,
दाल से क्रिएटिनिन बढ़ जायेगा।

अगर पूरे एक दिन सारे उपदेशों को पढ़ने लगें तो पता चलेगा
ये ज़िन्दगी बेकार है ना कुछ खाने को बचेगा ना कुछ जीने को !!
आप डिप्रेस्ड हो जायेंगे।

ये सारा ऑर्गेनिक ,एलोवेरा, करेला, मेथी ,पतंजलि में फंसकर दिमाग का दही हो जाता है।
स्वस्थ होना तो दूर स्ट्रेस हो जाता है।

अरे! अपन मरने के लिये जन्म लेते हैं,
कभी ना कभी तो मरना है अभी तक बाज़ार में अमृत बिकना शुरू नही हुआ।

हर चीज़ सही मात्रा में खाइये,
हर वो चीज़ थोड़ी थोड़ी जो आपको अच्छी लगती है।

भोजन का संबंध मन से होता है
और मन अच्छे भोजन से ही खुश रहता है।
मन को मारकर खुश नही रहा जा सकता।
थोड़ा बहुत शारीरिक कार्य करते रहिए,
टहलने जाइये,
लाइट कसरत करिये 
व्यस्त रहिये, 
खुश रहिये ,
शरीर से ज्यादा मन को सुंदर रखिये।

अगर पैसे से सुंदरता व जीवन खरीद लिया जाता तो कोई बड़ा आदमी इस दुनिया से ना जाता और हर अमीर आदमी सुंदर होता।

Live life Naturally!! 

Your body is a gift of God,
Just love your body, but dont be obsessed with it.
🙏🏻🤓💐
🚩🇮🇳🚩

रविवार, 29 अप्रैल 2018

प्राइवेट जाब में छुट्टी ले कर शादीयो मे पहुंचना उतना ही मुश्किल है जितना

प्राइवेट जाब में छुट्टी ले कर शादीयो मे पहुंचना उतना ही मुश्किल है
जितना

पुरानी फिल्मों में गवाह का कोर्ट पहुंचना होता था
😀😀😀😀😀😀😀😀®🅿

असली धन्यबाद करना ही है तो..

मैंने उसका कोई कार्य कर दिया..
बदले में उसने ..

      धन्यबाद कहा..

    मैंने कहा

   असली धन्यबाद करना ही है तो..

5 व्यक्ति जो काँग्रेसी हों
  उन्हें  कांग्रेस को वोट ना देने को राजी करो... ..

कन्या दान के बाद अधिकार जमाना अनुचित है

सास बहू संबंध

कन्या दान के बाद अधिकार जमाना अनुचित है

अस कहि पग परि पेम अति सिय हित बिनय सुनाइ।
सिय समेत सियमातु तब चली सुआयसु पाइ।।

जरा विचार करें कि जिनकी सुकोमल पुत्री एक राजकुमार से विवाह के बाद वन - वन भटक रही है, कंद -मूल-फल भोजन कर रही है लेकिन कोई आपत्ति नहीं है।
विदेह राज जनक जी दहेज कम दिए थे कि उनकी पुत्री अयोग्य थी???
किसी से सुंदरता कम था क्या???
क्या सीता जी से भी ज्यादा कोई कष्ट करेंगी??
लेकिन उनके माता पिता कोई आपत्ति करते हैं??
अधिकार जमाते हैं????
किसी को दोष देते हैं????
अपनी प्रिय पुत्री के पति, सास, ससुर के प्रति गलत व्यवहार है???=
उनकी प्रिय पुत्री चित्रकूट में कुटिया में हैं लेकिन जब सुनयना जी को पुत्री सीता जी को अपने संग कुछ घड़ी के लिए अपने शिविर में ले जाना है तो वे पुत्री के सासु माँ से आदेश लेती हैं।
वे यह मान रही हैं कि कन्या दान के बाद अधिकार जमाना दान के महत्ता कम करना है।
मेरी प्यारी पुत्री अब जिनकी बहू है उनसे आदेश लेकर ही पुत्री को ले जाना उचित है।
वे अपनी प्रिय पुत्री के सासु माँ को चरण वंदन करती हैं और विनती करती हैं कि - सीता को अपने बचपन के सखियों , माताओं, स्वजनों से मिलने के लिए मेरे साथ जाने की आज्ञा दें। इसे स्वजनों से मिलने के बाद आपके सेवा में उपस्थित करूँगी।
वहाँ जाने पर कोई सीता जी के ससुराल को दोष नहीं देते बल्कि पिता को अपनी प्रिय पुत्री के आचरण पर गर्व होता है...
कोई आधुनिक युग जैसे ये कहने वाला नहीं है कि दहेज व्यर्थ गया
बड़े नालायक के यहाँ विवाह किए....आदि आदि
पिता गर्व से कहते हैं-
पुत्री! पवित्र किए कुल दोऊ। सुजस धवल जगु कह सब कोऊ।।
मेरी प्यारी बिटिया! मुझे तुम पर गर्व है।
तुमने ससुर कुल के साथ साथ पिता कुल भी गौरवान्वित कर दी। केवल मैं ही नहीं बल्कि सभी तुम्हारी प्रशंसा कर रहे हैं।
तुम जैसी महान बिटिया के पिता होने का मुझे गर्व है।
जिति सुरसरि कीरति सरि तोरी। गवनु कीन्ह बिधि अंड करोरी।।
गंगा जी  जो त्रपथगामिनी हैं तो भूलोक के कुछ क्षेत्र में ही गमन की हैं । मात्र तीन लोक को पवित्र करने की  क्षमता है लेकिन तुम्हारे कीर्ति रूपी निर्मल गंगा करोड़ों ब्रह्मांड में गमन कर पवित्र कर रही है।
मैं तुम्हारे पिता बन कर परम धन्य हूँ सीते ! मैं परम धन्य हूँ!!!!
वे अपनी प्रिय पुत्री के ससुराल का आदर करते हैं।
पुत्री के सास ससुर पर दोषारोपण नहीं करते।
उन्हें पुत्री के पति से भी कोई शिकायत नहीं है
बस यही कारण है कि...महान त्यागी विदेह वंश की कन्या महान आदर्श प्रस्तुत कर सकीं...
सती सिरोमनि सिय गुन गाथा।सोइ गुन अमल अनूपम पाथा।।

सीता जैसी महान बिटिया के माता पिता को शत् शत् नमन
सीताराम जय सीताराम
सीताराम जय सीताराम

जो तुम्हारे और तुम्हारे परिवार का भविष्य सुधार देगा

बाप मरणासन्न अवस्था में पलंग पर पड़ा था।

दो भाई, ऐक बहन अंतिम समय अपने पिता के पास बैठे थे।

पिता ने तीनो से कहा- में तुम्हें कुछ सपने तुम्हारी आने वाली पीढियों के लिए कुछ देना चाहता था ,

तीनों संताने एक साथ बोली .............
पिता जी आपने सब तो दे दिया अब कुछ नही चाहिये........

पिताजी बोले - नही मुझे पता था की समय आने के पहले ही मेरे प्राण निकल जाएगे
इस लिए मेने पूजा घर मे मूर्ति के नीचे लिख कर रखा है, जो तुम्हारे और तुम्हारे परिवार का भविष्य सुधार देगा।।

इतना बोल पिताजी चिर निद्रा मैं लीन हो गये................

क्रिया कर्म के बाद याद आने पर बेटी पूजा घर में रखा कागज ला कर पढने लगी......

आखो में आसूं थे................

भाई ने पूछा क्या लिखा है बता....................

*पर्ची पर लिखा हुआ था*
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*"अब की बार मोदी सरकार"*🚩🚩

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Old Post from Sanwariya