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रविवार, 18 जुलाई 2021

गले के रोग और उपचार - *हकलाना, तुतलाना*


*🍁 गले के रोग और उपचार*

🔸 *हकलाना, तुतलाना*

🔸बच्चों का हकलाना आँवला चबाने से ठीक हो जाता है। जीभ पतली होकर आवाज साफ आने लगती है। 

🔸एक चम्मच पिसा हुआ आँवला घी में मिलाकर नित्य चाटते रहें। तुतलाना ठीक हो जाएगा। 

🔸नित्य 2 बादाम भिगोकर, छीलकर, पीसकर, आधी छटाँक (31 ग्राम) मक्खन में कुछ दिन तक खाने से लाभ होता है। 

🔸सोते समय छुहारा दूध में उबाल कर लें। इसे लेने के दो घंटे बाद तक पानी न पियें। इससे तीखी, मोटी आवाज साफ हो जाएगी।

*🔸टांसिल होने पर*

🔸अन्नानास का जूस गर्म करके पियें। टांसिल के रोगी को अन्नानास के टुकड़े पर नींबू का रस निचोड़ कर खिलाना चाहिए, टॉसिल का रोग नष्ट हो जायेगा और पानी से कुल्ला करें, लाभ होगा। थोड़ी वेदना होगी, डरें नहीं। 

🔸जिन लोगों को छाले होते रहते हैं वे खाने के बाद थोड़ी सौंफ लिया करें। छालें नहीं होंगे। 

🔸देशी घी में खाने का कपूर मिलाकर नित्य चार बार लगायें और लार गिराऐं। फिर कुल्ला कर लें। पान में चना के बराबर कपूर का टुकड़ा रखकर चबाएं और पीक थूकते जाएं। ध्यान रहे पीक पेट में न जाए। मसूड़े फूलना, दर्द होना, टीस उठना आदि होने पर भुना हुआ जीरा और सेंधा नमक समान भाग पीसकर, छानकर मसूड़े पर रगड़ें और लार टपका दें। लाभ होगा।

*🔸गला बैठना, स्वर भंग*

🔸गरम पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर कुल्ले करना चाहिए, यह सुबह तथा रात को सोते समय करना चाहिए। मुलहठी को मुँह में रखकर चूसना चाहिए, मुलहठी का सत्व थोड़ा -थोड़ा मुँह में रखकर चूसने से भी लाभ होता है। 

🔸गला बैठ जाए, गले में ललाई या सूजन हो जाए तो ताजा पानी या गर्म पानी में नींबू निचोड़कर नमक डालकर तीन—चार गरारे करने से लाभ होता है। 

🔸अजवाइन और शक्कर उबालकर दो बार पीने से गला खुल जाता है। पानी में मुलहठी डालकर रात को सोते समय खायें और सो जाएं। प्रात: आवाज साफ हो जाएगी। कंठ सूखने पर छुआरे की गुठली मुँह में रखने से लाभ होता है। 

🔸आलूबुखारा दिन में चार बार चूसने व खाने से गले की खुश्की मिट जाती है। हर तीन-तीन घण्टे में दो चम्मच सूखा साबुत धनिया चबा चबाकर रस चूसते रहें। हर प्रकार के गले दर्द के लिए लाभदायक है। 

🔸मूली का रस और पानी समान मात्रा में मिलाकर नमक मिलाकर गरारे करने से गले के घाव ठीक हो जाते हैं। 

🔸दालचीनी बारीक पीसकर अँगूठे से प्रात: काग पर लगायें और लार टपका दें। इससे काग वृद्धि ठीक हो जाएगी।

*🔸डकार*

🔸डकार अधिक आती हो तो बाजरे के दाने के बराबर हींग, गुड़ या केले में रखकर खायें। 

🔸सेंक कर पीसा हुआ जीरा एक चम्मच, एक चम्मच चासनी में मिलाकर खाना खाने के बाद चाटें। डकार में लाभ होगा।

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शनिवार, 17 जुलाई 2021

"हे, विश्व के भ्रमित मर्दो! औरत दिल से कमजोर नहीं होती, वो तो बस 'माँ' होती है।"

वो विधवा थी पर श्रृंगार ऐसा कर के रखती थी कि पूछो मत। सिंदूर बिंदी के सिवाय सब कुछ लगाती थी। पूरी कॉलोनी में उनके चर्चे थे। उनका एक बेटा भी था जो अभी नौंवी कक्षा में था। पति रेलवे में थे उनके गुजर जाने के बाद रेलवे ने उन्हें एक छोटी से नौकरी दे दी थी। 
उनके जलवे अलग ही थे। 1980 के दशक में बॉय कटिंग रखती थी। सभी कालोनी की आंटियां उन्हें 'परकटी' कहती थी। 'गोपाल' भी उस समय नया नया जवान हुआ था। अभी 16 साल का ही था। लेकिन घर बसाने के सपने देखने शुरू कर दिए थे। गोपाल का आधा दिन आईने के सामने गुजरता था और बाकि आधा परकटी आंटी की गली के चक्कर काटने में। गोपाल का नवव्यस्क मस्तिष्क इस मामले में काम नहीं करता था कि समाज क्या कहेगा? यदि उसके दिल की बात किसी को मालूम हो गई तो? उसे किसी की परवाह नहीं थी। परकटी आंटी को दिन में एक बार देखना उसका जूनून था। 

उस दिन बारिश अच्छी हुई थी। गोपाल स्कूल से लौट रहा था। साइकिल पर ख्वाबो में गुम उसे पता ही नहीं लगा कि अगले मोड़ पर कीचड़ की वजह से कितनी फिसलन थी। अगले ही क्षण जैसे ही वह अगले मोड़ पर मुड़ा साइकिल फिसल गई और गोपाल नीचे। उसी वक्त सामने से आ रहे स्कूटर ने भी टक्कर मार दी। गोपाल का सर मानो खुल गया हो। खून का फव्वारा फूटा। गोपाल दर्द से ज्यादा इस घटना के झटके से स्तब्ध था। वह गुम सा हो गया। भीड़ में से कोई उसकी सहायता को आगे नहीं आ रहा था। खून लगातार बह रहा था। 

तभी एक जानी पहचानी आवाज गोपाल नाम पुकारती है। गोपाल की धुंधली हुई दृष्टि देखती है कि परकटी आंटी भीड़ को चीर पागलों की तरह दौड़ती हुई आ रही थी। परकटी आंटी ने गोपाल का सिर गोद में लेते ही उसका माथा जहाँ से खून बह रहा था उसे अपनी हथेली से दबा लिया। आंटी की रंगीन ड्रेस खून से लथपथ हो गई थी। आंटी चिल्ला रही थी "अरे कोई तो सहायता करो, यह मेरा बेटा है, कोई हॉस्पिटल ले चलो हमें।" गोपाल का अभी तक भी याद है। एक तिपहिया वाहन रुकता है। लोग उसमे उन दोनों को बैठाते हैं। आंटी ने अब भी उसका माथा पकड़ा हुआ था। उसे सीने से लगाया हुआ था। 

गोपाल को टांके लगा कर घर भेज दिया जाता है। परकटी आंटी ही उसे रिक्शा में घर लेकर जाती हैं। गोपाल अब ठीक है। लेकिन एक पहेली उसे समझ नहीं आई कि उसकी वासना कहाँ लुप्त हो गई थी। जब परकटी आंटी ने उसे सीने से लगाया तो उसे ऐसा क्यों लगा कि उसकी माँ ने उसे गोद में ले लिया हो। वात्सल्य की भावना कहाँ से आई। उसका दृष्टिकोण कैसे एक क्षण में बदल गया। क्यों वह अब मातृत्व के शुद्ध भाव से परकटी आंटी को देखता

आज गोपाल एक रिटायर्ड अफसर है। समय बिताने के लिए कम्युनिटी पार्क में जाता है। वहां बैठा वो आज सुन्दर औरतों को पार्क में व्यायाम करते देख कर मुस्कुराता है। क्योंकि उसने एक बड़ी पहेली बचपन में हल कर ली थी। वो आज जानता है, मानता है, और कई लेख भी लिख चूका है कि महिलाओं का मूल भाव मातृत्व का है। वो चाहें कितनी भी अप्सरा सी दिखें दिल से हर महिला एक 'माँ' है। वह 'माँ' सिर्फ अपने बच्चे के लिए ही नहीं है। वो हर एक लाचार में अपनी औलाद को देखती है। दुनिया के हर छोटे मोटे दुःख को एक महिला दस गुणा महसूस करती है क्योंकि वह स्वतः ही कल्पना कर बैठती है कि अगर यह मेरे बेटे या बेटी के साथ हो जाता तो? इस कल्पना मात्र से ही उसकी रूह सिहर उठती है। वो रो पड़ती है। और दुनिया को लगता है कि महिला कमजोर है। गोपाल मुस्कुराता है, मन ही मन कहता है कि "हे, विश्व के भ्रमित मर्दो! औरत दिल से कमजोर नहीं होती, वो तो बस 'माँ' होती है।" 
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शुक्रवार, 16 जुलाई 2021

रात 12 बजे मनाते हैं जन्मदिन तो हो जाएं सावधान

*रात 12 बजे मनाते हैं जन्मदिन*  तो हो जाएं सावधान







   एक अजीब सी प्रथा इन दिनों चल पड़ी है वो है ..रात 12 बजे शुभकामनाएं देने और जन्मदिन मनाने की। लेकिन क्या आपको पता है *भारतीय शास्त्र इसे गलत मानता है* .. आज हम आपको यही  बताने जा रहे हैं कि वास्तव में ऐसा करने से कितना *बड़ा अनिष्ट* हो सकता है..

आजकल किसी का बर्थडे हो, शादी की सालगिरह हो या फिर कोई और अवसर क्यों ना हो, रात के *बारह बजे केक काटना* लेटेस्ट फैशन बन गया है। लोग इस बात को लेकर उत्साहित रहते हैं कि रात को बारह बजे केक काटना है 

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग अपना *जन्मदिन 12 बजे यानि निशीथ काल ( प्रेत काल) में मनाते हैं*। । निशीथ काल रात्रि को वह समय है जो *समान्यत: रात 12 बजे से रात 3 बजे की बीच होता है*। आमजन इसे *मध्यरात्रि* या अर्ध रात्रि काल कहते हैं। शास्त्रनुसार *यह समय अदृश्य शक्तियों, भूत व पिशाच का काल* होता है। इस समय में यह शक्ति अत्यधिक रूप से प्रबल हो जाती हैं।

हम जहां रहते हैं वहां कई ऐसी शक्तियां होती हैं, जो हमें दिखाई नहीं देतीं, किंतु बहुधा हम पर *प्रतिकूल* प्रभाव डालती हैं जिससे हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो उठता है और हम दिशाहीन हो जाते हैं। जन्मदिन की पार्टी में अक्सर ऐसा होता है।  ऐसे प्रेतकाल में केक काटकर, मदिरा व मांस का सेवन करने से अदृश्य शक्तियां व्यक्ति की आयु व भाग्य में कमी करती हैं और दुर्भाग्य उसके द्वार पर दस्तक देता है। *साल के कुछ दिनों को छोड़कर जैसे दीपावली, 4 नवरात्रि, जन्माष्टमी व शिवरात्रि पर निशीथ काल महानिशीथ काल बन कर शुभ प्रभाव देता है* जबकि अन्य समय में दूषित प्रभाव देता है।

*शास्त्रों के अनुसार रात के समय दी गई शुभकामनाएं प्रतिकूल फल देती हैं।*
*और सनातन धर्म के शास्त्र अनुसार अग्नि को बुझा कर उत्सव मनाना अंधेरे के देवता असुर का आवाहण करने के बराबर माना गया है।*
जब भी जन्म दिन या सादी की सालगिरह मनाओ तब एक दीप जलाओ ओर 🏡 घर को पवित्र ओर प्रकाश मय बनाऐ नही की अंधकार मय बनाओ 

*हिन्दू शास्त्रों के अनुसार दिन की शुरुआत सूर्योदय के साथ ही होती है और यही समय ऋषि-मुनियों के तप का भी होता है।* इसलिए इस काल में वातावरण शुद्ध और नकारात्मकता विहीन होता है। ऐसे में शास्त्रों के अनुसार *सूर्योदय होने के बाद ही व्यक्ति को जन्म दिन की शुभकामनाएं देना चाहिए* क्योंकि *रात के समय* वातावरण में रज और तम  कणों की मात्रा अत्याधिक होती है और उस समय दी गई बधाई या *शुभकामनाएं फलदायी ना होकर अनिष्टकारी बन जाती हैं।*

🙏 *कृपा कर ये लेख ज्यादा से ज्यादा अपने नज़दीकियों को भेजे*🙏

गुरुवार, 15 जुलाई 2021

कुछ को दोषी ठहराया जा चुका है, कुछ जेल में हैं, कुछ जमानत पर


(जैसे ही आया भेज दिया)
  🕉
 *मेरे प्यारे भारतीयों को नमस्कार!  🙏*

    *मैं भारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हूं!*

   *आपको अधोहस्ताक्षरी को यह जिम्मेदारी दिए हुए ७ साल हो गए हैं !  मैं इस अवसर पर आप सभी से कुछ बातें साझा करना चाहूंगा!  जब मैंने प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली, तो सिंहासन कांटेदार था!*

   *पिछली सरकार के 10 साल के कुशासन, भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी से बिखर गए सारे सरकारी संस्थान सामने थे!  भारी विदेशी कर्ज बना रहा, और भारतीय कंपनियां घाटे में चल रही थीं!*

    *ईरान का कर्ज ₹48,000 करोड़ था;*

    *संयुक्त अरब अमीरात का ऋण खाता ₹40,000 करोड़;*

    *भारतीय ईंधन कंपनियों को ₹1,33,000 करोड़ का घाटा हुआ;*

    *इंडियन एयरलाइंस का घाटा ₹58,000 करोड़ था;*

    *भारतीय रेल को ₹22,000 करोड़ का घाटा हुआ;*

    *बीएसएनएल का घाटा ₹1,500 करोड़ था;*

   *सैनिकों के पास बुनियादी हथियार नहीं थे, उनके पास बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं थे!  अत्याधुनिक लड़ाकू विमान नहीं थे!  अगर युद्ध होता तो सेना ४ दिन भी नहीं टिक पाती।*

   *तभी मैंने कड़े फैसले लेने का निश्चय किया!*

   *उस समय मेरी मुख्य जिम्मेदारी सभी प्रणालियों को ठीक से स्थापित करना था!*

   *सौभाग्य से, भारतीयों के लिए, अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन की कीमतों में कमी आई है!  लेकिन आपको सभी घटी हुई कीमतों से कोई फायदा नहीं हुआ है!  आपको लग रहा होगा कि सरकार ने गलत किया है!*

   *तुम मुझसे बहुत प्यार करते हो, लेकिन ईंधन की कीमत के लिए तुम मुझसे थोड़े नाराज़ हो!  मुझे पता है, लेकिन मैं आपकी मदद नहीं कर सकता, क्योंकि मैं अपनी आने वाली पीढ़ियों के बारे में भी सोच कर काम कर रहा हूँ!*

   *पिछली सरकार की मूर्खता हमारे लिए अभिशाप थी!*

   *उन्होंने उधार लिया और कच्चा तेल खरीदा!  हालांकि, उन्होंने नागरिकों की आक्रामकता से बचने के लिए कीमत नहीं बढ़ाई!*

   *तब उन्होंने ₹2,50,000 करोड़ का विदेशी कर्ज लिया था!  इसके लिए हमें हर साल ₹25,000 करोड़ ब्याज के रूप में चुकाने पड़ते थे!*

   *हमारे देश को भारी मात्रा में ऋण दिया गया था!  और हमसे कहा गया कि हम अपना कर्ज चुका दें, ताकि भारत को बिना किसी रुकावट के ईंधन मिल सके!*

   *ईंधन पर कर लगाने का क्या कारण है?  हम गर्व से कह सकते हैं कि आज हमने ₹2,50,000 करोड़ का कर्ज ब्याज सहित चुका दिया है!*

   *रेलवे कर रहा था नुकसान!  पिछली सरकारों द्वारा शुरू किए गए सभी प्रोजेक्ट हमने पूरे कर लिए हैं, जो सुचारू रूप से चल रहे हैं!  हमने रेलवे लाइनों के सभी विद्युतीकरण को पहले की तुलना में तेज गति से पूरा किया!*

   *साथ ही साथ ..*

   *18,500 गांवों का विद्युतीकरण भी किया गया!*

   *गरीबों को 5 करोड़ मुफ्त गैस कनेक्शन दिए गए हैं!*
  *सैकड़ों किलोमीटर नई सड़कें बनीं!*

   *युवाओं को ₹1,50,000 करोड़ का ऋण दिया गया!*

   *"आयुष्मान भारत" नाम से 50 करोड़ नागरिकों के लिए ₹1,50,000 करोड़ की चिकित्सा बीमा योजना शुरू!*

   *हमारे सैनिकों को सभी नवीनतम और अद्यतन संस्करण हथियार और बुलेट प्रूफ जैकेट, राफेल लड़ाकू विमान, और कई अन्य प्रकार के घातक हथियार और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं!*

   *इन सब कामों के लिए पैसा कहाँ से आया?  वह पैसा आपके द्वारा दिया गया है!  जब आप सभी पेट्रोल-डीजल खरीदते हैं, तो आप देश को वह पैसा देते हैं!*

   *अगर हम पेट्रोल और डीजल पर से टैक्स हटा दें, तो क्या हमारा कर्ज चुकाना संभव था?  हम कर्ज चुका सकते हैं, साथ ही कई नई परियोजनाएं भी ला सकते हैं, इसलिए अप्रत्यक्ष रूप से हमें हर चीज पर कर बढ़ाने की जरूरत है!  130 करोड़ नागरिकों की जिम्मेदारी अकेले वाहन मालिकों की नहीं हो सकती!*

   *एक आखिरी बात.. अपने परिवार के मुखिया के रूप में, जब आपके परिवार पर भारी कर्ज का बोझ है तो आप क्या करते हैं?*

    *क्या आप लापरवाही से खर्च करते हैं?*

    *या आप कर्ज चुकाते हैं?*

   *अगर कर्ज और ब्याज लापरवाही से नहीं चुकाया तो परिवार का भविष्य क्या होगा?*

   *विरोधियों के गलत खेल में न पड़ें...*

   *आप इस देश के देशभक्त नागरिक होने के नाते देश के विकास में भागीदार बनें।*

   *यह विरोध हमेशा चुनावी रहा है, कुछ राजनेता झूठे प्रचार से नागरिकों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं!*

   *मेरी आप सभी से विनती है, कृपया इस सच्चाई को आप सभी भारतीयों के साथ साझा करें!*

    *तो आप का,*
    *नरेंद्र मोदी 🙏*

  *वन्दे मातरम!*
  *भारत माता की जय!*
  *जय हिन्द!*
  🙏

  *लुटियंस बंगलों से 1,500 लोगों को बाहर निकालने के साथ, यह आसानी से समझा सकता है कि यह हमेशा "मोदी बनाम सभी" क्यों होता है?*

  https://www.opindia.com/2018/02/with-1500-squatters-kicked-out-from-lutyens-bungalows-it-might-explain-why-its-always-modi-vs-all/

  *सफाई वास्तव में लुटियंस दिल्ली में हुई है, जब से भाजपा सत्ता में आई है, 7 साल पहले!*

  *पहले साल में ही, 460 से अधिक अवैध निवासियों को उनके आरामदेह लुटियंस बंगलों से पैकिंग के लिए भेजा गया था!*

  *उनमें से कई पीढ़ियों से वहाँ रह रहे थे, और इसे अपनी निजी संपत्ति मानने लगे थे।  कुछ ने अपनी जागीर रखने की अपील के साथ न्यायालयों का दरवाजा खटखटाया।  लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ!  अदालतों ने भी इनकार कर दिया!*

  *पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के पुत्र अजीत सिंह एक बंगले पर एक तरह से कब्जा ही कर बैठे थे।  उसे बंद कर दिया गया था, और उसका सामान लॉन में फेंक दिया गया था!*

  *अभिनेता नंदिता दास के पिता चित्रकार जतिन दास लुटियंस में एक और बंगले का आनंद ले रहे थे।  बेदखल होना पड़ा!*

  *"द प्रिंट", एक कांग्रेस आईटी सेल प्रकाशन, ने पूछा कि नेहरू और गांधी के विपरीत, नरेंद्र मोदी के पास बुद्धिजीवियों की एक सेना क्यों नहीं है?*

  *"बुद्धिजीवी" शब्द मानो एक मजाक है!  ये लोग अधिकांशतः समाज के निम्नतम नैतिक मैल हैं, जो उपहार के लिए नकद या वस्तु के रूप में कुछ भी बेचने को तैयार हैं!*

  *2016 के अंत तक बेदखली की संख्या बढ़कर 1,500 हो गई थी!*

  *मीडिया में लुटियंस दिल्ली में इस सफाई अभियान का दस्तावेजीकरण करने वाले कुछ ही लेख हैं!*

  *कांग्रेस के तोहफे से प्यार करने वाले ढेर सारे फ्री लोडिंग पत्रकारों को भी बाहर कर दिया गया!*

  *एक अनाम कांग्रेस सांसद के "द टेलीग्राफ" में एक उद्धरण का यह पूर्ण रत्न है:*

  *"नियमों को इतनी सख्ती से लागू न करने की कांग्रेस की लंबी परंपरा रही है!"*

  *अद्भुत सुझाव:*

  *लगता है कि लुटियंस दिल्ली उन लोगों का किराया-मुक्त जिला था, जो किराए से मुक्त महलनुमा बंगलों के बदले राजनीतिक दल का समर्थन कर रहे थे!*

  *कांग्रेस राज में कोई मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले सब कुछ मैनेज हो जाता था - मामला कौन से जज की बेंच के पास जाएगा और जज क्या फैसला देगा!*

  *कांग्रेस के 70 साल की सफलता का यही सबसे बड़ा रहस्य है कि इसने सारे मीडिया और न्यायपालिका को संभाला है और देश पर राज किया है!*

  *क्या आपने कभी राहुल गांधी, लालू यादव, सीताराम येचुरी, मायावती, अखिलेश, ममता, महबूबा और अन्य विपक्षी नेताओं को एक दूसरे को चोर कहते सुना है?*

   *नहीं न !!!*

  *जिनमें से कुछ को दोषी ठहराया जा चुका है, कुछ जेल में हैं, कुछ जमानत पर हैं और कुछ अदालतों में मुकदमे का सामना कर रहे हैं, लेकिन वे एक दूसरे को चोर क़तई नहीं कहते!*

  *लेकिन मोदी; जिस पर कोई सरकारी आरोप नहीं, कोई एफआईआर नहीं, कोई मुकदमा नहीं चल रहा, किसी कोर्ट ने जांच का आदेश भी नहीं दिया, ये सब नेता उसे चोर कह रहे हैं!*

  *देश के तत्कालीन शीर्षस्थ नेताओं का, न ईमानदार चरित्र, न देश के प्रति जिम्मेदारी का भाव!  ऐसे देशद्रोहियों पर धिक्कार है!*

  *बस... जरा सा फॉरवर्ड करो... करो!  इसमें केवल 2-3 सेकंड का समय लगेगा...*

   *भारत माता की जय!🇮🇳🇮🇳 VANDE MATRAM*
  🙏🙏🙏🙏🙏

जालोर सिरोही जिला माहेश्वरी युवा संगठन के नए सत्र के अध्यक्ष पद का चयन


जय महेश , 
दिनांक 11 जुलाई 2021 रविवार को पश्चिमी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन के अंतर्गत आने वाले जालोर सिरोही जिला माहेश्वरी युवा संगठन के इस सत्र के अध्यक्ष पद का चयन सर्व सहमती से हुआ । काफ़ी समय से लगभग निष्क्रिय रहे इस जिला संगठन  के अध्यक्ष पद का चयन काफ़ी समय की कड़ी मेहनत के बाद हो सका जिसमें प्रदेश के संगठन मंत्री एवं जलोर सिरोही जिला संगठन के प्रभारी श्री वरुण जी बंग का विशेष सहयोग रहा । सुबह 11  बजे से शुरू हुई इस बैठक में युवाओं का उत्साह देखने को बनता था । चुनावी उत्साह के बीच काफ़ी नाम आए परंतु शाम 6 बजे समाज हित को ध्यान मे रखते हुए सभी ने  सुरेश जी राठी पुत्र शीशपाल दास जी के नाम पर सहमती जताई । बैठक में जालोर सिरोही माहेश्वरी जिलासभा के अध्यक्ष श्रीमान महानंद जी सारडा , मंत्री रमेश जी , पश्चिमी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन से महेश नवमी महोत्सव समन्वयक एवं चुनाव समिति सहयोगी जितु जी गाँधी , प्रदेश संगठन मंत्री एव चुनाव पर्यवेक्षक वरुण जी बंग , चुनाव अधिकारी एवं महासभा कार्यकारिणी सदस्य राजेंद्र जी माहेश्वरी , प्रदेश उपाध्यक्ष हितेश जी राठी , निवर्तमान जिला अध्यक्ष मनोज जी माहेश्वरी के साथ साथ हर तहसील से काफ़ी संख्या में युवाओं की उपस्थिति थी ।
दिनेश राठी 
प्रदेश अध्यक्ष 
पश्चिमी राजस्थान प्रादेशिक माहेश्वरी युवा संगठन

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