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गुरुवार, 5 अगस्त 2021

तुलसी धरती का अमृत है - “तुलसी रस पीएं, निरोग जीएं”

 तुलसी धरती का अमृत है जानिये तुलसी कै प्रकार और स्वास्थ्य लाभ में तुलसी का प्रयोग

“तुलसी रस पीएं, निरोग जीएं”


तुलसी मुख्य रूप से पांच प्रकार की पायी जाती है ! श्याम तुलसी, राम तुलसी, श्वेत/विश्नू तुलसी, वन तुलसी, और नींबू तुलसी।

इन पांच प्रकार की तुलसी विधि द्वारा अर्क निकाल कर तुलसी का निर्माण किया गया है।

 यह संसार की एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी- वायरल , एंटी- फ्लू, एंटी- बायोटिक , एंटी-इफ्लेमेन्ट्री व एंटी–डिजीज है।

1 तुलसी अर्क के एक बून्द एक ग्लास पानी में या दो बून्द एक लीटर पानी में डाल कर पांच मिनट के बाद उस जल को पीना चाहिए। इससे पेयजल विष् और रोगाणुओं से मुक्त होकर स्वास्थवर्धक पेय हो जाता है।

2 तुलसी अर्क २०० से अधिक रोगो में लाभदायक है | जैसे के फ्लू , स्वाइन फ्लू, डेंगू , जुखाम , खासी , प्लेग, मलेरिया , जोड़ो का दर्द, मोटापा, ब्लड प्रेशर , शुगर, एलर्जी , पेट के कीड़ो , हेपेटाइटिस , जलन, मूत्र सम्बन्धी रोग, गठिया , दम, मरोड़, बवासीर , अतिसार, आँख का दर्द , दाद खाज खुजली, सर दर्द, पायरिया नकसीर, फेफड़ो सूजन, अल्सर , वीर्य की कमी, हार्ट ब्लोकेज आदि।

3 तुलसी एक बेहतरीन विष नाशक तथा शरीर हटा के विष (toxins ) को बाहर निकलती है।

4 तुलसी स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।

5 तुलसी शरीर के लाल रक्त सेल्स (Haemoglobin) को बढ़ने में अत्यंत सहायक है।

6 तुलसी भोजन के बाद एक बूँद सेवन करने से पेट सम्बन्धी बीमारिया बहोत काम लगाती है।

7 तुलसी के 4 – 5 बूँदे पीने से महिलाओ को गर्भावस्था में बार बार होने वाली उलटी के शिकायत ठीक हो जाती है।

8 आग के जलने व किसी जहरीले कीड़े के कांटने से तुलसी को लगाने से विशेष रहत मिलती है।

9 दमा व खाँसी में तुलसी के दो बुँदे थोड़े से अदरक के रास तथा शहद के साथ मिलकर सुबह–दोपहर–शाम सेवन करे।

10 यदि मुँह में से किसी प्रकार की दुर्गन्ध आती हो तो तुलसी के एक बूँद मुँह में डाल ले दुर्गन्ध तुरंत दूर हो जाएगी।

11 दांत का दर्द, दांत में कीड़ा लगना , मसूड़ों में खून आना तुलसी के 4 – 5 बूँदे पानी में डालकर कुल्ला करना चाहिए।

12 कान का दर्द, कण का बहना, तुलसी हल्का गरम करके एक -एक बूंद कान में टपकाए।

13 नाक में पिनूस रोग हट जाता है, इसके अतिरिक्त फोड़े– फुंसिया भी निकल आती है, दोनों रोगो में बहुत तकलीफ होती है , तुलसी को हल्का सा गरम करके एक–एक बूंद नाक में टपकाएं।

14 गले में दर्द, गले व मुँह में छाले , आवाज़ बैठ जाना : तुलसी के 4 – 5 बूँदे गरम पानी में डालकर कुल्ला करना चाहिए।

15 सर दर्द, बाल क्हाड्णा, बाल सफ़ेद होना व सिकरी तुलसी की 8 – 10 मि.ली। हर्बल हेयर आयल के साथ मिलाकर सर, माथे तथा कनपटियो पर लगाये।

16 तुलसी के 8 – 10 बूँदे मिलकर शरीर में मलकर रात्रि में सोये , मच्छर नहीं काटेंगे।

17 कूलर के पानी में तुलसी के 8 – 10 बूँदे डालने से सारा घर विषाणु और रोगाणु से मुक्त हो जाता है, तथा मक्खी – मच्छर भी घर से भाग जाते है।

18 जूएं व लिखे तुलसी और नीबू का रस समान मात्रा में मिलाकर सर के बालो में अच्छे तरह से लगाये , 3 – 4 घंटे तक लगा रहने दे। और फिर धोये अथवा रात्रि को लगाकर सुबह सर धोए।। जुएं व लिखे मर जाएगी।

19 त्वचा की समस्या में निम्बू रास के साथ तुलसी के 4–5 बूँदे डालकर प्रयोग करे।

20 तुलसी में सुन्दर और निरोग बनाने की शक्ति है। यह त्वचा का कायाकल्प कर देती है | यह शरीर के खून को साफ करके शरीर को चमकीला बनती है।

21 तुलसी की दो बूँदे एलो जैल क्रीम में मिलाकर चेहरे पर सुबह व रात को सोते समय लगाने पर त्वचा सुन्दर व कोमल हो जाती है तथा चेहरे से प्रत्येक प्रकार के काले धेरे, छाइयां , कील मुँहासे व झुरिया नष्ट हो जाती है।

22 सफ़ेद दाग : 10 मि.लि. तेल व नारियल के तेल में 20 बूँदें तुलसी डालकर सुबह व रात सोने से पहले अच्छी तरह से मले।

23 तुलसी के नियमित उपयोग से कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होने लगता है, रक्त के थक्के जमने कम हो जाते है, व हार्ट अटैक और कोलैस्ट्रोल की रोकथाम हो जाती है।
24 तुलसी को किसी भी अच्छी क्रीम में मिलाकर लगाने से प्रसव के बाद पेट पर बनने वाले लाइने ( स्ट्रेच मार्क्स ) दूर हो जाते है।

भारत माता की जय 🇮🇳
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

गौरव जाजू ने बढ़ाया माहेश्वरी समाज का गौरव, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी जोधपुर ने गौरव को प्रदान की पीएचडी की उपाधि



माहेश्वरी समाज के गौरव ने बढ़ाया समाज का गौरव
 
जोधपुर के रातानाडा क्षेत्र में लड्ढा कॉलोनी में रहने वाले गौरव जाजू ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी जोधपुर से Blind Signal Modulation Recognition through Clustering Analysis of Constellation विषय पर शोध कार्य किया
इस पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी जोधपुर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग ने 7 जुलाई 2021 को गौरव जाजू को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है
गौरव जाजू की इस उपलब्धि से पूरे देश में किया माहेश्वरी समाज का नाम रोशन 



 

मंगलवार, 3 अगस्त 2021

कामिका एकादशी - कल 04 अगस्त, बुधवार को एकादशी है

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🌷 *कामिका एकादशी* 🌷

💥 कल 04 अगस्त, बुधवार को एकादशी है

🙏🏻 *युधिष्ठिर ने पूछा : गोविन्द ! वासुदेव ! आपको मेरा नमस्कार है ! श्रावण  के कृष्णपक्ष में कौन सी एकादशी होती है ? कृपया उसका वर्णन कीजिये ।*
 
🙏🏻 *भगवान श्रीकृष्ण बोले : राजन् ! सुनो । मैं तुम्हें एक पापनाशक उपाख्यान सुनाता हूँ, जिसे पूर्वकाल में ब्रह्माजी ने नारदजी के पूछने पर कहा था ।*
 
🙏🏻 *नारदजी ने प्रशन किया : हे भगवन् ! हे कमलासन ! मैं आपसे यह सुनना चाहता हूँ कि श्रवण के कृष्णपक्ष में जो एकादशी होती है, उसका क्या नाम है? उसके देवता कौन हैं तथा उससे कौन सा पुण्य होता है? प्रभो ! यह सब बताइये ।*
 
🙏🏻 *ब्रह्माजी ने कहा : नारद ! सुनो । मैं सम्पूर्ण लोकों के हित की इच्छा से तुम्हारे प्रश्न का उत्तर दे रहा हूँ । श्रावण मास में जो कृष्णपक्ष की एकादशी होती है, उसका नाम ‘कामिका’ है । उसके स्मरणमात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है । उस दिन श्रीधर, हरि, विष्णु, माधव और मधुसूदन आदि नामों से भगवान का पूजन करना चाहिए ।*
 
🙏🏻 *भगवान श्रीकृष्ण के पूजन से जो फल मिलता है, वह गंगा, काशी, नैमिषारण्य तथा पुष्कर क्षेत्र में भी सुलभ नहीं है । सिंह राशि के बृहस्पति होने पर तथा व्यतीपात और दण्डयोग में गोदावरी स्नान से जिस फल की प्राप्ति होती है, वही फल भगवान श्रीकृष्ण के पूजन से भी मिलता है ।*
 
🙏🏻 *जो समुद्र और वनसहित समूची पृथ्वी का दान करता है तथा जो ‘कामिका एकादशी’ का व्रत करता है, वे दोनों समान फल के भागी माने गये हैं ।*
 
🙏🏻 *जो ब्यायी हुई गाय को अन्यान्य सामग्रियोंसहित दान करता है, उस मनुष्य को जिस फल की प्राप्ति होती है, वही ‘कामिका एकादशी’ का व्रत करनेवाले को मिलता है । जो नरश्रेष्ठ श्रावण मास में भगवान श्रीधर का पूजन करता है, उसके द्वारा गन्धर्वों और नागोंसहित सम्पूर्ण देवताओं की पूजा हो जाती है ।*
 
🙏🏻 *अत: पापभीरु मनुष्यों को यथाशक्ति पूरा प्रयत्न करके ‘कामिका एकादशी’ के दिन श्रीहरि का पूजन करना चाहिए । जो पापरुपी पंक से भरे हुए संसारसमुद्र में डूब रहे हैं, उनका उद्धार करने के लिए ‘कामिका एकादशी’ का व्रत सबसे उत्तम है । अध्यात्म विधापरायण पुरुषों को जिस फल की प्राप्ति होती है, उससे बहुत अधिक फल ‘कामिका एकादशी’ व्रत का सेवन करनेवालों को मिलता है ।*

🙏🏻 *‘कामिका एकादशी’ का व्रत करनेवाला मनुष्य रात्रि में जागरण करके न तो कभी भयंकर यमदूत का दर्शन करता है और न कभी दुर्गति में ही पड़ता है ।*
 
🙏🏻 *लालमणि, मोती, वैदूर्य और मूँगे आदि से पूजित होकर भी भगवान विष्णु वैसे संतुष्ट नहीं होते, जैसे तुलसीदल से पूजित होने पर होते हैं । जिसने तुलसी की मंजरियों से श्रीकेशव का पूजन कर लिया है, उसके जन्मभर का पाप निश्चय ही नष्ट हो जाता है ।*
 
🌷 *या दृष्टा निखिलाघसंघशमनी स्पृष्टा वपुष्पावनी*
*रोगाणामभिवन्दिता निरसनी सिक्तान्तकत्रासिनी ।*
*प्रत्यासत्तिविधायिनी भगवत: कृष्णस्य संरोपिता*
*न्यस्ता तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यै नम: ॥*
 
🙏🏻 *‘जो दर्शन करने पर सारे पापसमुदाय का नाश कर देती है, स्पर्श करने पर शरीर को पवित्र बनाती है, प्रणाम करने पर रोगों का निवारण करती है, जल से सींचने पर यमराज को भी भय पहुँचाती है, आरोपित करने पर भगवान श्रीकृष्ण के समीप ले जाती है और भगवान के चरणों मे चढ़ाने पर मोक्षरुपी फल प्रदान करती है, उस तुलसी देवी को नमस्कार है ।’*
 
🙏🏻 *जो मनुष्य एकादशी को दिन रात दीपदान करता है, उसके पुण्य की संख्या चित्रगुप्त भी नहीं जानते । एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के सम्मुख जिसका दीपक जलता है, उसके पितर स्वर्गलोक में स्थित होकर अमृतपान से तृप्त होते हैं । घी या तिल के तेल से भगवान के सामने दीपक जलाकर मनुष्य देह त्याग के पश्चात् करोड़ो दीपकों से पूजित हो स्वर्गलोक में जाता है ।’*
 
🙏🏻 *भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं : युधिष्ठिर ! यह तुम्हारे सामने मैंने ‘कामिका एकादशी’ की महिमा का वर्णन किया है । ‘कामिका’ सब पातकों को हरनेवाली है, अत: मानवों को इसका व्रत अवश्य करना चाहिए । यह स्वर्गलोक तथा महान पुण्यफल प्रदान करनेवाली है । जो मनुष्य श्रद्धा के साथ इसका माहात्म्य श्रवण करता है, वह सब पापों से मुक्त हो श्रीविष्णुलोक में जाता है ।*
             🌞 *~ 🌞
🙏🏻🌷🌼🌸🌹🍀🌻🌺🌹
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सोमवार, 2 अगस्त 2021

गाय के गोबर की भस्म ही भरपुर गुणों की खान हैं

*गाय के गोबर की भस्म ही भरपुर गुणों की खान हैं*
अगर आप गौ-भस्म को ध्यान से पढ़ेगें तो पायेंगे कि यह गौ भस्म ( राख ) आपके लिए कितनी उपयोगी है । साधु -संत लोग संभवतः इन्ही गुणों के कारण इसे प्रसाद रूप में भी देते थे । जब गोबर से बनायीं गयी भस्म इतनी उपयोगी है तो गाय कितनी उपयोगी होगी यह आप सोच सकते है । आपको एक लीटर पानी में 10 ग्राम यानि 2 चम्मच भस्म मिलाना है , अच्छी तरह से मिक्स करना हैं उसके बाद भस्म जब पानी के तले में बैठ जाये फिर इस पानी को पीते रहना है । इससे सारे पानी की अशुद्धि दूर हो जाएगी और आपको मिलेगा इतने पोषक तत्व । यह लैबोटरी द्वारा प्रमाणित है ।
तत्व रूप / ELEMENT FORM
१. ऑक्सीजन O = 46.6 % 
२. सिलिकॉन SI = 30.12 %
३. कैल्शियम Ca = 7.71 % 
४. मैग्नीशियम Mg = 2.63 % 
५. पोटैशियम K = 2.61 %
६. क्लोरीन CL = 2.43 %
७. एल्युमीनियम Al = 2.11 %
८. फ़ास्फ़रोस P = 1.71 %
९. लोहा Fe = 1.46 %
१०. सल्फर S =1.46 %
११. सोडियम Na = 1 %
१२. टाइटेनियम Ti = 0.19 %
१३. मैग्नीज Mn =0.13 %
१४. बेरियम Ba = 0.06 % 
१५. जस्ता Zn = 0.03 %
१६. स्ट्रोंटियम Sr = 0.02 % 
१७. लेड Pb = 0.02 %
१८. तांबा Cu = 80 PPM 
१९. वेनेडियम V=72 PPM
२०. ब्रोमिन Br = 50 PPM
२१. ज़िरकोनियम Zr 38 
आक्साइड रूप :-
१. सिलिकाँन डाइऑक्साइड -
SIO2 = 64.44%
२. कैल्शियम ऑक्साइड 
CaO =10.79 %
३. मैग्नीशियम ऑक्साइड 
MgO = 4-37 %
४. एल्युमीनियम ऑक्साइड
AI2O3 = 3.99%
५. फास्फोरस पेंटाक्साइड 
P2O5 = 3.93%
६. पोटेशियम ऑक्साइड 
K2O = 3.14 %
७. सल्फर ऑक्साइड 
SO3 = 2.79% 
८. क्लोरीन CL=2.43 %
९. आयरन ऑक्साइड
Fe2O3=2.09% 
१०. सोडियम ऑक्साइड 
Na2O = 1.35 %
११. टाइटेनियम ऑक्साइड 
TiO2 = 0.32%
१२. मैंगनीज ऑक्साइड 
MnO = 0.17 %
१३. बेरियम ऑक्साइड 
BaO = 0.07 %
१४. जिंक ऑक्साइड 
ZnO = 0.03% 
१५. स्ट्रोंटियम ऑक्साइड 
SrO = 0.03%
१६. लेड ऑक्साइड 
PbO = 0.02%
१७. वेनेडियम ऑक्साइड 
V2O5 = 0.01 %
१८. कॉपर ऑक्साइड 
CuO = 0.01%
१९. जिरकोनियम ऑक्साइड 
ZrO2 =52 PPM
२०. ब्रोमिन Br = 50 PPM
२१. रुबिडियम ऑक्साइड
शायद आपको मेरी बात समझ में आ चुकी होगी कि शरीर में आक्सीजन की मात्रा को बढ़ाने के लिए यह गोबर की भस्म कितनी उपयोगी है।
इसलिए अगर आपको स्वस्थ रहना हो तो अवश्य ही इसी पानी का प्रयोग करना जी। 

🙏🙏🙏

रविवार, 1 अगस्त 2021

गौमाता व भैंस में अंतर


*गौमाता व भैंस में अंतर* 

हमने बचपन में दादी और मां से एक दोहा सुना था...🤗

गाय माता गोमती बाछडियो गणेश !🙏
भैंसड़ी तो भूतनी, पाडड़ियो पगलेट !!🐃
🤗🤗😁😁 

डेयरी ने सब प्रकार के दूध को मिक्स कर दिया... 😇

*दोनों में अंतर :*

1. भैंस अपने बच्चे से पीठ फेर कर बैठती है चाहे उसके बच्चे को कुत्ते खां जायें वह नही बचायेगी, जबकि गाय के बच्चे के पास अनजान आदमी तो क्या शेर भी आ जाये तो जान दे देगी परन्तु जीते जी बच्चे पर आंच नही आने देगी। इसीलिए उसके दूध में स्नेह का गुण भरपूर होता है।

2. भैंस के दो बेटे बड़े होकर यानि  दो झोटे एक गांव में मिलकर नहीं रह सकते। आमना सामना होते ही एक दूसरे को मारेंगे, भाई भाई  का दुश्मन ! परन्तु  गाय के 10 साण्ड इकट्ठे रह सकते हैं, ये भाईचारे का प्रमाण है।

3. भैंस गन्दगी पसन्द है, कीचड़ में लथपथ रहेगी पर गाय अपने गोबर पर भी नहीं बैठेगी वह स्वच्छता प्रिय है।

4. भैंस को घर से 2 किमी दूर तालाब में छोड़कर आ जाओ वह घर नहीं आ सकती उसकी यादास्त जीरो है। गाय को घर से 5 किमी दूर छोड़ दो वह घर का रास्ता जानती है, आ जायेगी ! गाय के दूध में स्मृति तेज है।

5. दस भैंस बान्धकर 20 फुट दूर से उनके बच्चों को छोड़ दो, एक भी बच्चा अपनी मां को नही पहचान सकता जबकि गोशालाओं में दिन भर गाय व बच्चे अलग अलग शैड में रखते हैं, सायंकाल जब सबका मिलन होता है तो सभी बच्चे (हजारों की स॔ख्या में) अपनी अपनी मां को पहचान कर दूध पीते हैं, ये है गोदुग्ध की मेमरी।

6. जब भैंस का दूध निकालते हैं तो भैंस सारा दूध दे देती है परन्तु  गाय थोड़ा सा दूध ऊपर चढ़ा लेती है, और जब उसके बच्चे को छोड़ेंगे तो उस चढाये दूध को उतार देती है ! ये गुण माँ के हैं जो भैंस मे नही हैं।

7. गली में बच्चे खेल रहे हों और भैंस भागती आ जाये तो बच्चों पर पैर अवश्य रखेगी लेकिन गाय आ जाये तो कभी भी बच्चों पर पैर नही रखेगी।

8. भैंस धूप और गर्मी सहन नहीं कर सकती जबकि गाय मई जून में भी धूप में बैठ सकती है।

9. भैंस का दूध तामसिक होता है जबकि गाय का सात्विक ! भैंस का दूध आलस्य भरा होता  है, उसका बच्चा दिन भर ऐसे पड़ा रहेगा जैसेे अफीम या भांग खाकर पड़ा है, जब दूध निकालने का समय होगा तो मालिक उसे ठोकरें मारकर उठायेगा परन्तु गाय का बछड़ा इतना उछलेगा कि आप रस्सा खोल नही पायेंगे ठीक से।
*🙏जय गौमाता🙏🚩🚩*

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