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शनिवार, 21 अगस्त 2021

अब बिना झंझट के पाये 20 लाख का लोन , मोदी सरकार ने आसान किये SHG के लिए नियम

 अब बिना झंझट के पाये 20 लाख का लोन ,
मोदी सरकार ने आसान किये SHG के लिए नियम

 स्वयं सहायता समूहों के लिए अच्छी खबर है. भारत सरकार ने स्वयं सहायता समूहों (SHG) को बढ़ावा देने के लिए दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के तहत एसएचजी के लिए कोलैटरल फ्री लोन को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का निर्णय लिया है.

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक पत्र के माध्यम से SHG के लिए कोलैटरल फ्री लोन को बढ़ाने के संबंध में सार्वजनिक, निजी और स्मॉल फाइनेंस बैंकों को सूचित किया है.

वित्तीय सेवा विभाग ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस अधिसूचना की जानकारी दी. वित्तीय सेवा विभाग ने ट्वीट में कहा, “स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच के ऋण के लिए अब कोई कोलैटरल की आवश्यकता नहीं है. माइक्रो यूनिट्स (CGFMU) योजना के लिए क्रेडिट गारंटी फंड में संशोधन अधिसूचित हो गया है.”

सरकार का यह निर्णय 1 अप्रैल, 2021 के मास्टर सर्कुलर में संशोधन है. ​​10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच के ऋण के लिए स्वयं सहायता समूहों से कोई कोलैटरल नहीं लिया जाना चाहिए और एसएचजी के बचत बैंक खाते के अगेंस्ट कोई ग्रहणाधिकार नहीं होना चाहिए. हालांकि, संपूर्ण ऋण (बकाया ऋण के बावजूद, भले ही वह बाद में 10 लाख रुपये से कम हो) माइक्रो यूनिट्स के लिए क्रेडिट फंड (CGFMU) के तहत कवरेज के लिए पात्र होगा.

स्वयं सहायता समूह कैसे बनाएं।
 स्वयं सहायता समूह बनाने के लिए सबसे पहले अपने समूह का नाम चुन लें। फिर अपने समूह में कम से कम 10 महिलाओं और अधिक से अधिक 20 महिलाओं का एक ग्रुप बना लें (18 से 40 वर्ष तक की)। उस ग्रुप को आपको रजिस्टर कराना होता है
 स्वयं सहायता समूह का पंजीकरण आप 3 तरीकों से करा सकते है।
 अपने ब्लॉक में जाकर अपने सहायता समूह का पंजीयन करा सकते हैं।
 सबसे पहले अपने सहायता समूह ग्रुप का नाम रख ले और फिर जितने भी महिलाएं इस ग्रुप में जुड़ना चाहती हैं।  वे सभी महिलाएं जाकर अपने ब्लॉक के ग्राम विकास अधिकारी से अपने ग्रुप का पंजीयन करा सकती है।
 अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर स्वयं सहायता समूह का पंजीकरण करा सकते हैं।
आप कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी अपने स्वयं सहायता समूह को को रजिस्टर करा सकती हैं। इसके लिए आपको अपने ग्रुप की महिलाओं के पास आधार कार्ड और पैन कार्ड अनिवार्य है। सभी ग्रुप की महिलाओं के आधार और पैन कार्ड को कॉमन सर्विस सेंटर पर ले जाकर अपने ग्रुप का पंजीकरण करा सकते हैं।
खुद से ऑनलाइन आवेदन करके स्वयं सहायता समूह का पंजीकरण करा सकते है।
घर बैठे ऑनलाइन फॉर्म भरके अपने स्वयं साहयता समूह का पंजीकरण करा सकते है। इसके लिए इस बेबसाईट पर जाकर https://www.kviconline.gov.in/ घर बैठे आवेदन कर सकते हैं। इसमें आवेदन करने के कुछ ही दिनों में आप का समूह का रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाता है और आपका समूह पंजीकृत हो जाता है।
स्वयं साहयता समूह के लिए ऑनलाइन आवेदन कैसे करें ?
स्वयं साहयता समूह को पंजीकरण के लिए सबसे पहले आपको अपने मोबाइल या लैपटॉप के किसी भी ब्राउज़र में https://www.kviconline.gov.in/ वेबसाइट को खोल लेना है। फिर आपके सामने एक फॉर्म खुलकर आ जायेगा। जो भी जानकरी उस फॉर्म में माँगी गई हो वे सभी जानकारी उस फॉर्म को भर दें। जैसे -

सबसे पहले सेल्फ हेल्प ग्रुप का नाम। ( कोई भी सेल्फ हेल्प ग्रुप का नाम चयन करके डाल सकते हो )

सेल्फ हेल्प ग्रुप के अध्यक्ष का नाम।

सेल्फ हेल्प ग्रुप में उसका पद नाम।

आधार कार्ड

पैन कार्ड

सेल्फ हेल्प ग्रुप का पता भरे।

सेल्फ हेल्प ग्रुप के द्वारा खुलवाया गया बैंक खाता की जानकरी भरें।

जब सभी सही-सही जानकारी भरने के बाद जब आप फॉर्म सबमिट कर दोगे  तो कुछ  ही दिनों के बाद आपका स्वयं साहयता ग्रुप का पंजीकरण कर दिया जायेगा और आपको स्वयं साहयता ग्रुप का पंजीकरण नंबर दे दिया जायेगा।

क्या स्वयं सहायता समूहों का पंजीकरण कराना आवश्यक है?

उ. नहीं, यह आवश्यक नहीं की स्वयं सहायता समूहों का पंजीकरण हो। परन्तु यह आवश्यक है की समूह को प्रभावी तरीकों से चलाने के लिए तथा इसकी गतिविधियों पर नियंत्रण रखने के लिए आवश्यक नियम क़ानून बनाए जाए।

समूहों का बैंक में खाता कब और कैसे खोला जाता हैं?

उ. जैसे ही स्वयं सहायता समूह का गठन होगा तथा समूह कुछ बैठक कर लेगा, वह अपने पास के चयनित बैंक शाखा में या नजदीकी सीबीएस शाखा में या नजदीकी सीबीएस शाखा (जिसे बाद में नोडल शाखा के रूप में चयनित किया जा सकता है)  में खाता खोल सकता है। यह बहुत  जरूरी है कि स्वयं सहायता समूह अपने पैसे तथा बचत को सुरक्षित रखे तथा साथ ही समूह के लेन-देन में पारदर्शिता को बनाए। बैंक में बचत खाता खोलना वास्तव में समूह तथा बैंक में बचत खाता खोलना वास्तव ने समूह तथा बैंक के बीच एक रिश्त्ते की शूरूआत है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में आदेश दिया है कि सभी बैंक पंजीकृत या अपंजीकृत स्वयं सहायता समूहों का बचत खाता खोलें।
समूह के बचत खाता खोलने के लिए निम्न कागजातों की आवश्यकता होगी:-

समूह की ओर से पारित एक प्रस्ताव जिसमें समूह का खाता खोलने तथा खाता को संचलित करने वाले सदस्यों का नाम हो।

समूह के कार्यकारिणी तथा प्रबंध समिति या उनके प्रतिनिधि के उन सदस्यों का फोटो जो समूह के खाते का संचालन करेंगे।

खाते का संचालन करने वाले सदस्यों का फोटो पहचान पत्र तथा आवासीय प्रमाण पत्र।

समूह के सदस्यों का एक सामूहिक फोटो।

यदि शाखा प्रबंधक को जरूरत पड़ती है तो समूह का नियम कानून तथा खाता बही दिखाने को बोल सकते हैं।

जेनेरिक आधार को बनाये पार्टनर, पाये अपना रोजगार, कमाई होगी लाखो में, करे यू आवेदन

 जेनेरिक आधार को बनाये पार्टनर, पाये अपना रोजगार,
कमाई होगी लाखो में, करे यू आवेदन

जब से कोरोना आय़ा है तब से लोगों के सामने रोजगार की चुनौतियां बरकरार हैं। आज भी लोग रोजगार को लेकर काफी परेशान हैं। फिर चाहे वे नौकरी कर रहे हैं या फिर कारोबार। यदि आपके सामने भी ऐसी चुनौति है तो यह खबर आपके काफी काम आएगी। दरअसल एक मेडिकल स्टार्टअप है, जो लोगों को कमाई का मौका दे रहा है।

अहम बात यह है कि इस स्टार्टअप में देश के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा ने निवेश किया हुआ है। इस मेडिकल स्टार्टअप का नाम है जेनेरिक आधार। जानते हैं कि कैसे जेनेरिक आधार लोगों को कमाई का मौका दे रही है।

जेनेरिक आधार दे रही फ्रेंचाइजी
जेनेरिक आधार एक जेनेरिक दवाओं का स्टार्टअप है। ये स्टार्टअप लोगों को फ्रेंचाइजी लेने का मौका दे रही है। आप इस कंपनी क फ्रेंचाइजी लेकर तगड़ी कमाई कर सकते हैं। एक बार पैसा लगा कर कोई भी मेडिकल स्टोर खोल सकता है। मेडिकल स्टोर से तगड़ी कमाई की जा सकती है। जेनेरिक आधार से कोई भी फ्रेंचाइजी ले सकता है। ये कंपनी 1000 तरह की दवाएं आपको देगी, जो सारी की सारी जेनेरिक होंगी। इन पर 80 फीसदी तक डिस्काउंट होता है, जो ग्राहकों के लिए काफी फायदेमंद होता है।

कितना करना होगा निवेश
यदि आप जेनेरिक आधार के पार्टनर बनना चाहते हैं तो आपको सिर्फ 1 बार पैसा लगाना होगा। आपको 1 लाख रु में इस स्टार्टअप की फ्रेंचाइजी मिल जाएगी। बात करें मुनाफे की तो जेनेरिक आधार पर फ्रेंचाइजी लेने वालों को दवाओं पर 40 फीसदी तक का मार्जिन देगी। आम तौर पर बड़ी दवा कंपनियां इसका आधा या उससे भी कम मार्जिन देती हैं, जिससे मुनाफा कम रह जाता है।

कंपनी दिलाएगी ऑर्डर
यदि आपके शहर में दवाओं का कोई ऑर्डर जेनेरिक आधार के पास आता है तो ये ऑर्डर कंपनी आपको दिलाएगी। कंपनी ने अपने कुछ रिटेलर्स की जानकारी दी है, जो हर महीने 10 लाख रु तक कमा रहे हैं। वैसे मेडिकल स्टोर के लिए जरूरी है कि आपकी लोकेशन अच्छी हो। दूसरे अलग-अलग शहरों का भी कमाई पर असर पड़ता है। जेनेरिक आधार की फ्रेंचाइजी पहले से अपना मेडिकल स्टोर चलाने वालों के अलावा नया स्टोर शुरू करने वालो को भी मिल सकती है।

जानिए आवेदन का प्रोसेस
इसके लिए कंपनी की वेबसाइट (https://genericaadhaar.com) पर जाएं। यहां पहुंच कर बिजनेस अपॉर्च्युनिटीज ऑप्शन पर क्लिक करें। इस पर क्लिक करने से एक फॉर्म खुलेगा। ज्यादा जानकारी के लिए आप इस लिंक (https://genericaadhaar.com/franchise-opportunities.php) पर भी जा सकते हैं। यहां आपको अपनी सारी डिटेल दर्ज करनी होगी। इनमें नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और शहर आदि शामिल हैं।

डायरेक्ट कॉल करें
फ्रेंचाइजी के मामले में अधिक जानकारी के लिए आप सीधे कॉल कर सकते हैं।
इनमें पश्चिम भारत के लिए +91 9653373636,
उत्तर भारत के लिए +91 9653373640,
पूर्वी भारत के लिए +91 9653373641 और
दक्षिण भारत के लिए +91 9653373639 नंबर है।

कंपनी की वेबसाइट के अनुसार सिटी मास्टर फ्रैंचाइज़ी के लिए
आप +91 9653373639 पर कॉल कर सकते हैं।
फार्मा सेक्टर ने कोरोना काल में काफी तरक्की की है। किसी के लिए यह बिजनेस अच्छे मुनाफे का हो सकता है।

मोदी सरकार की एक और सौगात, मासिक पेंशन हुई 10 हजार

मोदी सरकार की एक और सौगात, मासिक पेंशन हुई 10 हजार


60 साल की उम्र तक आते-आते लोग अपनी जमा पूंजी किसी सेफ और सिक्योर स्कीम में लगाकर बेहतर रिटर्न की जुगत में रहते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana) ऐसे बुजुर्गों के लिए रामबाण साबित हो रही है। इस योजना की खास बात ये है कि 60 की उम्र वाला एक मुश्त राशि जमा करता है तो तुरंत पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है। 10 साल बाद उसे मूलधन वापस कर दिया जाता है।

ये पेंशन भी आपको 10 साल तक ही लगातार मिलती है। इसमें ब्याज दर एफडी के मुकाबले ज्यादा दिया जाता है जिसकारण से ये योजना काफी पापुलर हो रही है।

इस योजना का लाभ इसलिए भी है कि 10 साल बाद यदि आप पैसा किसी दूसरे मद में लगाना चाहते हैं तो आप स्वतंत्र हैं। इस योजना की अवधि खत्म हो गई थी जिसे सरकार ने बढ़ाकर अब 31 मार्च 2023 तक कर दिया है। यानी 31 मार्च 2023 तक निवेश करने पर इस योजना का लाभ अगले 10 के लिए लिया जा सकता है। इस योजना में मूलधन सेफ रहता है। इस निवेश करने पर इनकम टैक्स में भी छूट मिलती है। हालांकि मिलने वाला रिटर्न छूट के दायरे से बाहर है। फिलहाल इसमें ब्याज दर 7.4 फीसदी है।

जानिए कैसे मिलेंगे हर माह 10 हजार रुपए:
इस योजना में आप यदि अपनी गढ़ी कमाई से होने वाली सेविंग्स के 15 लाख निवेश करते हैं तो आपको हर माह 10 हजार रुपए पेंशन के रूप में मिलते हैं। वहीं आपका 15 लाख रुपए अकाउंट में सेफ रहता है। यदि पति-पत्नी दोनों ने मिलकर निवेश किया है और निवेश की रकम 30 लाख रुपए है तो पति-पत्नी दोनों का मिलाकर 20 हजार रुपए प्रति माह मिलेंगे। इस पॉलिसी की अवधि 10 साल की है।

ये जानकारी भी बेहद जरूरी:
इस योजना में 10 साल बाद आपको मूलधन वापस मिल जाता है। यदि पॉलिसी खरीदने वाले व्यक्ति की मृत्यु इन 10 सालों के भीतर हो जाती है तो मूलधन नॉमिनी के खते में चला जाता है। योजना से जुड़ी ज्यादा जानकारी चाहिए तो फोन नंबर पर 022-67819281 या 022-67819290 पर कॉल कर सकते हैं। एलआईसी ने इसके लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया है।
1800-227-717 नंबर पर फोन करके इस योजना से जुड़ी जानकारी ले सकते हैं। इस योजना पर लोन भी ले सकते हैं: इस पॉलिसी के माध्यम से खरीद मूल्य पर 75% तक का लोन भी प्राप्त किया जा सकता है। यह लोन सुविधा पॉलिसी अवधि के 3 वर्ष पूरा होने के बाद ही प्राप्त की जा सकती है। इस योजना से खरीद मूल्य का 98% तक की किसी इमरजेंसी के लिए निकासी भी की जा सकती है।

औषधीय पौधों की खेती, रोजगार को आसान बनाये जुड़े इन संस्थानों से ,ये दे रहे अवसर

 औषधीय पौधों की खेती, रोजगार को आसान बनाये जुड़े इन संस्थानों से ,ये दे रहे अवसर

कोरोनाकाल में प्रदूषण और कई गंभीर ​बीमारियों से बचने के लिए नैचुरल प्रोडक्ट्स (Natural Products) और मेडिसीन का बाजार लगातार तेजी से बढ़ रहा है. साथ ही इनमें लगने वाले नैचुरल प्रोडक्ट्स की मांग भी तेजी से बढ़ रही है. इसमें लागत तो कम है ही और लंबे समय तक कमाई भी सुनिश्चित होती है.
मेडिसिनल प्‍लांट (Medicinal Plant) की खेती के लिए न तो लंबे-चौड़े फार्म की जरूरत है और न ही इन्‍वेस्‍टमेंट की. इस फार्मिंग के लिए अपने खेत बोने की भी जरूरत नहीं है. इसे आप कॉन्ट्रैक्ट पर भी ले सकते हैं. आजकल कई कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर औषधियों की खेती करा रही है. इनकी खेती शुरू करने के लिए आपको कुछ हजार रुपए ही खर्च करने की जरूरत है, लेकिन कमाई लाखों में होती है.

ये कंपनियां करा रही हैं कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग
तुलसी की खेती भी पतंजलि, डाबर, वैद्यनाथ आदि आयुर्वेद दवाएं बनाने वाली कंपनियां कांट्रेक्‍ट फार्मिंग करा रही हैं. जो फसल को अपने माध्‍यम से ही खरीदती हैं. तुलसी के बीज और तेल का बड़ा बाजार है. हर दिन नए रेट पर तेल और तुलसी बीज बेचे जाते हैं.

जरूरी है ट्रेनिंग
मेडिसिनल प्‍लांट की खेती के लिए जरूरी है कि आपके पास अच्‍छी ट्रेनिंग हो जिससे कि आप भविष्‍य में धोखा न खाएं. लखनऊ स्थित सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्‍लांट (सीमैप) इन पौधों की खेती के लिए ट्रेनिंग देता है.

सीमैप के माध्‍यम से ही दवा कंपनियां आपसे कांट्रेक्‍ट साइन भी करती हैं, इससे आपको इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा.
कुछ पौधों को छोटे-छोटे गमलों में उगाए जा सकते हैं

ज्‍यादातर हर्बल प्‍लांट (Herbal Plants) जैसे तुलसी, आर्टीमीसिया एन्‍नुआ, मुलैठी, एलोवेरा आदि बहुत कम समय में तैयार हो जाते हैं. इनमें से कुछ पौधों को छोटे-छोटे गमलों में भी उगाए जा सकते हैं.

इनकी खेती शुरू करने के लिए आपको कुछ हजार रुपए ही खर्च करने की जरूरत है, लेकिन कमाई लाखों में होती है. इन दिनों कई ऐसी दवा कंपनियां देश में है जो फसल खरीदने तक का कांट्रेक्‍ट करती हैं, जिससे कमाई सुनिश्चित हो जाती है.

3 लाख की होगी कमाई
आमतौर पर तुलसी को धार्मिक मामलों से जोड़कर देखा जाता है लेकिन, मेडिसिनल गुण वाली तुलसी की खेती से कमाई की जा सकती है. तुलसी के कई प्रकार होते हैं, जिनसे यूजीनोल और मिथाईल सिनामेट होता है. इनके इस्‍तेमाल से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं बनाई जाती हैं. 1 हेक्‍टेयर पर तुलसी उगाने में केवल 15 हजार रुपए खर्च होते हैं लेकिन, 3 महीने बाद ही यह फसल लगभग 3 लाख रुपए तक बिक जाती है.

अब ऋण लेने हुआ आसान, कम ब्याज त्वरित कार्यवाही से 5 लाख तक के ऋण प्रदान कर रहे ये बैंक


 अब ऋण लेने हुआ आसान, कम ब्याज त्वरित कार्यवाही से 5 लाख तक के ऋण प्रदान कर रहे ये बैंक

 कोरोना महामारी के बीच कई सरकारी के बैंकों ने घोषणा की थी कि वे 5 लाख रुपये तक के कोलैटरल फ्री पर्सनल लोन (Personal Loans) प्रदान करेंगे. यह लोगों को कोविड-19 से संबंधित इलाज के लिए मेडिकल खर्चों में मदद करने के लिए पेश किया गया था. यह मई की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा घोषित कोविड -19 राहत उपायों (Covid-19 Relief Measures) का भी हिस्सा था. इस लोन योजना के तहत 25 हजार से 5 लाख रुपये की पेशकश की जा रही है. लोन को चुकाने की अवधि पांच साल है और बैंक इसके लिए कोई
प्रोसेसिंग फीस नहीं लेंगे.
तीन से छह महीने का लोन मोराटोरियम
अलग-अलग बैंकों में तीन से छह महीने का लोन मोराटोरियम भी है.

लोन एक रियायती दर पर आता है जो वेतनभोगी, गैर-वेतनभोगी व्यक्तियों और यहां तक ​​कि पेंशनभोगियों के लिए 6.85 फीसदी से शुरू होता है. यह लोन कोलैटरल फ्री है यानी कि बिना किसी गवाह या सिक्योरिटी के लोन दिया जाएगा. इसका उपयोग स्वयं या परिवार के सदस्यों के लिए किया जा सकता है.

किसे मिलेगा यह लोन
इस लोन का फायदा उठाने के लिए कुछ शर्तें भी हैं. बैंक को आपकी कोविड -19 स्टेट्स के प्रमाण की आवश्यकता होगी जो बताए कि आपका टेस्ट पॉजिटिव हुआ है. आपको पैसे के उपयोग के लिए एक अंडरटेकिंग भी देना होगा कि यह वास्तव में कोविड-19 इलाज के लिए है. बैंक के वे ग्राहक इसका लाभ उठा सकते हैं जिन्होंने पिछले 12 महीनों से वेतन प्राप्त किया है. बैंक से रिटेल लोन लेने वाले भी इस लोन के लिए योग्य हो सकते हैं. गैर-वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए नियमित रूप से दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न के साथ बैंक के साथ एक सेविंग या करंट अकाउंट बनाए रखना होगा.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
स्टेट बैंक की लोन स्कीम के तहत 25 हजार से 5 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा. लोन पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा. लोन को चुकाने की अवधि 5 साल है.

पंजाब नेशनल बैंक
पंजाब नेशनल बैंक 'PNB Sahyog RIN COVID' के ब्रांड बैनर के तहत कोविड-19 के इलाज के लिए लोन प्रदान करता है. यह लोन केवल बैंक के साथ वेतनभोगी व्यक्तियों को पेश किया जाता है, जिन्हें पिछले 12 महीनों से वेतन मिल रहा हो. लोन पर 8.5 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा. अधिकतम छह महीने के वेतन के औसत से छह गुना लोन मिल सकेगा. हलांकि यह 3 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होगी.

बैंक ऑफ बड़ौदा
जिन लोगों ने पहले बैंक से लोन लिया है वे इस लोन के लिए आवेदन करने के पात्र हैं. ऐसे ग्राहक जो कम से कम छह महीने से बैंक के साथ रिलेशनशिप हैं या पिछले 3 महीनों से नियमित इंस्टॉलमेंट दे रहे हों, वे भी पात्र हैं.

बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया भी केवल बैंक के मौजूदा ग्राहकों और उन लोगों को लोन प्रदान करता है जिनके पास बैंक के साथ मौजूदा पर्सनल या हाउसिंग लोन हो. लोन पर 6.85 फीसदी की दर से ब्याज लगेगा. छह महीने की लोन मोराटोरियम साथ लोन को चुकाने की अवधि 3 साल है.

यूनियन बैंक
बैंक ग्राहकों को 8.5 फीसदी ब्याज दर के साथ अधिकतम पांच साल की अवधि के लिए लोन की पेशकश कर रहा है.

केनरा बैंक
यह बैंक 'Suraksha Personal Loan' के नाम से लोन प्रदान करता है. यह कोविड -19 मेडिकल लोन के समान कार्य करता है. इसके तहत 25 हजार से लेकर अधिकतम 5 लाख रुपये का लोन मुहैया कराया जाएगा. इसमें छह महीने की लोन मोराटोरियम भी है.

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