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बुधवार, 2 फ़रवरी 2022

2 फरवरी 2022 - गुप्त नवरात्रि

गुप्त नवरात्रि

 
नवरात्र‍ि यानि माँ दुर्गा की पूजा आराधना के पावन नौ दिन. अधिकतर लोगों को चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बारे में पता रहता है. लेकिन इनके अलावा माघ गुप्त नवरात्रि और आषाढ़ गुप्त नवरात्रि भी आती हैं.

Gupt Navratri 2022 : कार्यसिद्धि, तंत्र-मंत्र साधना के लिए विशेष शुभ माने जाने वाले गुप्त नवरात्र 2 फरवरी 2022 से शुरु होने जा रहे हैं। गुप्त नवराज्र में कार्य सिद्धि सहित मनोकामना पूर्ति के लिए गुप्त साधनाएं की जाती हैं।
गुप्त नवरात्रि पर इस बार दो विशेष योग रवियोग व सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं.
गुप्त अर्थात् छिपा हुआ. इस नवरात्रि में गुप्त विद्याओं की सिद्धि हेतु साधना की जाती है. गुप्त नवरात्रि में तंत्र साधनाओं का महत्व होता है और तंत्र साधना को गुप्त रूप से ही किया जाता है. इसीलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं.
 इसके साथ ही गुप्त नवरात्रि में दस महा विद्या देवियां तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्‍वरी, छिन्‍नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी की भी गुप्त तरीके से पूजा-उपासना की जाती है. पर इस बार रवियोग व सर्वार्थसिद्धि योग बन रहे हैं, जिससे माँ दुर्गा की पूजा-उपासना का कई गुना अधिक फल प्राप्त होगा.

2 फरवरी 2,022 दिन बुधवार से माँ दुर्गा के नौ स्वरूप माँ शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघण्टा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री की पूजा होगी.

गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना के साथ ही 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। इस नवरात्र में तंत्र साधना का विशेष महत्व माना गया है। ज्योतिष के जानकार एस के उपाध्याय के अनुसार ऐसे में इस बार ग्रह नक्षत्रों के लिहाज से गुप्त नवरात्र विशेष रहने वाले हैं।


*गुप्त नवरात्रि पूजा विध‍ि*
गुप्त नवरात्रि के समय घट स्थापना उसी प्रकार की जाती है जिस प्रकार से चैत्र और शारदीय नवरात्रि में होती है. प्रातः एवं सांयकाल की पूजा में माँ को लौंग और बताशे का भोग लगाना चाहिए. इसके पश्चात् माँ को शृंगार का सामान अर्पित करें. 
गुप्त नवरात्रि में अधिकतर लोग व्रत नहीं रखते हैं. लेकिन गुप्त नवरात्रि में नौ दिनों में प्रातः और सांय दोनों समय पर दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें. *ॐ दुं दुर्गायै नमः* मंत्र का जाप करें. इससे आपके जीवन की सारी समस्याएं दूर हो सकती हैं.
इसके साथ ही सप्त श्लोकी दुर्गा का पाठ करना भी उत्तम होता है. नवरात्रि के नवमी के समय कन्याओं को भोजन कराकर उन्हें दक्षिणा देनी चाहिए.

*घट स्थापना मुहूर्त*
2 फरवरी 2022 दिन बुधवार प्रातः 7 बजकर 10 मिनट से प्रातः 8 बजकर 02 मिनट तक

मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022

इन सब के बगैर आप बच्चों को कोडिंग सिखाना चाह रहे हैं तो आपका बच्चा ATM बनेगा, समस्याओं का

पहले बच्चों को सूजी, मैदा और आटे में भेद करना सिखाइये

पहले बच्चों को मूंग, मसूर, उडद, चना और अरहर पहचानना सिखाइये

पहले बच्चों को मख्खन, घी, पनीर, चीज़ के बीच अंतर और उन्हें बनाने की जानकारी सिखाइये

पहले बच्चों को सोंठ और अदरक, अंगूर और किशमिश, खजूर और छुहारे के बीच का अंतर सिखाइये

पहले बच्चों को दालचीनी, कोकम, राई, सरसों, जीरा और सौंफ पहचानना सिखाइये

पहले बच्चों को आलू, अदरक, हल्दी, प्याज और लहसुन के पौधे दिखाइये

पहले बच्चों को मेथी, पालक, चौलाई, बथुआ, सरसों, लाल भाजी में फर्क सिखाइये

पहले बच्चों को फलों से लदे पेड़ों, फूलों की बगिया दिखाइए

पहले बच्चे को गाय, बैल, सांड का फर्क सिखाओ, गधे, घोड़े और ख़च्चर में अंतर समझाओ

पहले बच्चों को दिखाएं कि गाय, भैंस और बकरी से दूध कैसे दुहा जाता है।

पहले बच्चों को कीचड़ और मिट्टी में उलट पुलट होना सिखाइये, बरसात में भीगना और गर्मियों में पसीने से तरबतर होना सिखाइये

पहले बच्चों को बुजुर्गों के पास जाना, उनसे बातें करना, उनके साथ खेलना और मस्ती करना सिखाइये

बड़ों से तमीज़ से बात करना और घर के काम धाम में माँ-पिता का सहयोग करना सिखाइये

इन सब के बगैर आप बच्चों को कोडिंग सिखाना चाह रहे हैं तो आपका बच्चा ATM बनेगा, समस्याओं का

व्हाइटहैट जूनियर की जल्दी क्या है? कोडिंग भी सीख लेंगे, पहले डिकोडिंग तो कर लें, अपने आस-पास की...
🤶👨‍🎨बचपन को ज़िंदा रखें, मरने न दें। हाथ जोड़कर निवेदन है।

शर्मा जी का बेटा 30 लाख में इंजीनियरिंग करके 40 हज़ार रु महीना कमाता है


शर्मा जी ने अपने लड़के को साइंस मैथ दिलवाया...
     3 साल तक 3000 महीने का ट्यूशन लगवाया...
 12वी में 50,000 का कोचिंग करवाया...
एक साल तक IIT से लेकर ITI तक के इम्तिहान दिलाने में करीब 2 लाख गवाया....
    फिर 5लाख डोनेशन देकर एक प्राइवेट कॉलेज से लड़के को BTec करवाया...
      4 साल ग्रेजुएशन में लगाने के बाद 10 लाख रु खर्चा आया...
       फिर MTec करने में लड़के ने 2 साल और लगाया...
शर्मा जी पर 5 लाख का एडिशनल बोझ आया....
     इंजीनियर बनकर भी लड़के को नौकरी का ऑफर नहीं आया...
     एक साल की घिसाई के बाद लड़के ने 40 हज़ार का स्टार्टिंग ऑफर पाया...
शर्मा जी ने लड़के की नौकरी लगने पर मोहल्ले में लड्डू बंटवाया...

उधर......
     शर्मा जी ने जब मकान बनवाया,तो ...सलीम ठेकेदार ने 35 लाख का एस्टीमेट बताया....
    मोहम्मद फेब्रिकेटर ने 40 हज़ार में गेट बनाया...
आसिफ बढ़ई से 6 लाख का लकड़ी का काम करवाया...
    दानिश बिजलीवाले से 2 लाख का बिजली फिटिंग करवाया...
     इस्लाम भाई से 80 हज़ार में प्लंबिंग का काम करवाया...
फैज़ल से 2 लाख में पेंटिंग करवाया....
   इरफान से 65 हज़ार में POP करवाया...
हाफिज भाई से डेढ़ लाख में मोड्यूलर किचन बनवाया...
    इस्माइल भाई से 3000 हज़ार में मलबा हटवाया...
आमिर गैराज से 15000 में गाड़ी का डेंट पेंट करवाया...
      उनकी बीबी ने 1000 रु में मकबूल दर्ज़ी से ब्लाउज़ सिलवाया....
    उनकी बेटी ने जावेद हबीब से  8000 रु में बालों में केरेटिन करवाया ....
         अब .....
   शर्मा जी का बेटा 30 लाख में इंजीनियरिंग करके 40 हज़ार रु महीना कमाता है....
        और ....
सलीम भाई ने ठेकेदारी करके अपने लड़के के लिए बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन की 2 दुकान खोल दी....
    अब वो मैट्रिक fail डेढ़ लाख महीना कमाता है...
मोहम्मद फेब्रिकेटर अपने 2 भाइयों के साथ 90 हज़ार से 120,000 महीना कमाता है...
      आसिफ कारपेन्टरी से रोज़ के दो से 3 हज़ार रु कमाता है और एक पक्का मकान है....
      दानिश बिजली के काम से 70 से 80 हज़ार महीना कमाता है...
     इस्लाम अपने 3 plumber को 500 रु रोज़ देकर खुद 70 हज़ार महीना कमाता है....
      फैज़ल साल के 10 से 12 लाख रु कमाता है और गांव में 10 बीघा में खेती करवाता है.. बेटा दुबई में 50 हज़ार महीना कमाता है...
     हाफिज भाई एक मोड्यूलर किचन से 20% मुनाफा लेता है...
      इस्माइल कबाड़ी के बेटे कबाड़ की दुकान पर बैठकर swift car चलाते हैं और 3 बाइक हैं....
      अमीर गैराज वाले ने बगल के प्लाट 45 लाख में खरीद लिया और उस पर सर्विस स्टेशन बना रहा है.....
       मकबूल भाई अन्य कारिगरों को 300 रु प्रति ब्लाउज़ में सिलवा के ....शर्मा जी की  बीबी से उसके 1000 रु लेते हैं.... 
       जावेद हबीब सैलून की मालिक साफिया 5000 रु की तनख्वाह वालों से केरेटिन करवा कर आपकी बेटी से 8000 लेती है ..5 साल में उसने 3 सैलून बना लिये....
      शर्मा जी अपने पैसे अपने बच्चों के लिए नहीं...
     सलीम, मोहम्मद, दानिश, आसिफ, इस्माइल, फैजल, मकबूल , और हाफिज इत्यादि के लिए कमा रहे हैं...
        और उनका बेटा भी यही करेगा....
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सोमवार, 31 जनवरी 2022

आर्य भट्ट ने शून्य की खोज की तो रामायण में रावण के दस सर की गणना कैसे की गयी?

आर्य भट्ट ने शून्य की खोज की तो रामायण में रावण के दस सर की गणना कैसे की गयी?
रावण के दस सिर कैसे हो सकते हैं, जबकि शून्य की खोज आर्यभट्ट ने की?

कुछ लोग हिन्दू धर्म व "रामायण" महाभारत "गीता" को काल्पनिक दिखाने के लिए यह प्रश्न करते है कि जब आर्यभट्ट ने लगभग 6 वी शताब्दी मे (शून्य/जीरो) की खोज की तो आर्यभट्ट की खोज से लगभग 5000 हजार वर्ष पहले रामायण मे रावण के 10 सिर की गिनती कैसे की गई !!!

और महाभारत मे कौरवो की 100 की संख्या की गिनीती कैसे की गई !!

जबकि उस समय लोग (जीरो) को जानते ही नही थे !!

तो लोगो ने गिनती को कैसे गिना !!!!
अब मै इस प्रश्न का उत्तर दे रहा हु !!

कृपया इसे पूरा ध्यान से पढे!

आर्यभट्ट से पहले संसार 0(शुन्य) को नही जानता था !!

आर्यभट्ट ने ही (शुन्य / जीरो) की खोज की, यह एक सत्य है !!

लेकिन आर्यभट्ट ने "0( जीरो )"" की खोज *अंको मे* की थी, *शब्दों* में खोज नहीं की थी, उससे पहले 0 (अंक को) शब्दो मे शुन्य कहा जाता था !!!

उस समय मे भी हिन्दू धर्म ग्रंथो मे जैसे शिव पुराण,स्कन्द पुराण आदि मे आकाश को *शुन्य* कहा गया है !!

यहाँ पे "शुन्य" का मतलव अनंत से होता है !!

लेकिन *रामायण व महाभारत* काल मे गिनती अंको मे न होकर शब्दो मे होता था,और वह भी *संस्कृत* मे !!

उस समय *1,2,3,4,5,6,7,8, 9,10* अंक के स्थान पे *शब्दो* का प्रयोग होता था वह भी *संस्कृत* के शव्दो का प्रयोग होता था !!!

जैसे !

1 = प्रथम

2 = द्वितीय

3 = तृतीय"

4 = चतुर्थ

5 = पंचम""

6 = षष्टं"

7 = सप्तम""

8 = अष्टम""

9 = नवंम""

10 = दशम !!

*दशम = दस*

यानी" दशम मे *दस* तो आ गया,लेकिन अंक का

0 (जीरो/शुन्य ) नही आया,‍‍रावण को दशानन कहा जाता है !!

*दशानन मतलव दश+आनन =दश सिर वाला*

अब देखो

रावण के दस सिर की गिनती तो हो गई !!

लेकिन अंको का 0 (जीरो) नही आया !!

इसी प्रकार महाभारत काल मे *संस्कृत* शब्द मे *कौरवो* की सौ की संख्या को *शत-शतम* ""बताया गया !!

*शत्* एक संस्कृत का "शब्द है,

जिसका हिन्दी मे अर्थ सौ (100) होता है !!

सौ(100) "को संस्कृत मे शत् कहते है !!

*शत = सौ*

इस प्रकार महाभारत काल मे कौरवो की संख्या गिनने मे सौ हो गई !!

लेकिन इस गिनती मे भी *अंक का 00(डबल जीरो)* नही आया,और गिनती भी पूरी हो गई !!!

महाभारत धर्मग्रंथ में कौरव की संख्या शत बताया गया है!

रोमन मे भी

1-2-3-4-5-6-7-8-9-10 की

जगह पे (¡)''(¡¡)"""(¡¡¡)""

पाँच को V कहा जाता है !!

दस को x कहा जाता है !!

रोमन मे x को दस कहा जाता है !!

X= दस

इस रोमन x मे अंक का (जीरो/0) नही आया !!

और हम" दश पढ "भी लिए

और" गिनती पूरी हो गई!!

इस प्रकार रोमन word मे "कही 0 (जीरो) "नही आता है!!

और आप भी" रोमन मे""एक से लेकर "सौ की गिनती "पढ लिख सकते है !!

आपको 0 या 00 लिखने की जरूरत भी नही पड़ती है !!

पहले के जमाने मे गिनती को *शब्दो मे* लिखा जाता था !!

उस समय अंको का ज्ञान नही था !!

जैसे गीता,रामायण मे 1"2"3"4"5"6 या बाकी पाठो (lesson ) को इस प्रकार पढा जाता है !!

जैसे

(प्रथम अध्याय, द्वितीय अध्याय, पंचम अध्याय,दशम अध्याय... आदि !!)

इनके"" दशम अध्याय ' मतलब

दशवा पाठ (10 lesson) "" होता है !!

दशम अध्याय= दसवा पाठ

इसमे *दश* शब्द तो आ गया !!

लेकिन इस दश मे *अंको का 0* (जीरो)" का प्रयोग नही हुआ !!

बिना 0 आए पाठो (lesson) की गिनती दश हो गई !!

(हिन्दू बिरोधी और नास्तिक लोग सिर्फ अपने गलत कुतर्क द्वारा

‍ हिन्दू धर्म व हिन्दू धर्मग्रंथो को काल्पनिक साबित करना चाहते है !!)

जिससे हिन्दूओ के मन मे हिन्दू धर्म के प्रति नफरत भरकर और हिन्दू धर्म को काल्पनिक साबित करके,हिन्दू समाज को अन्य धर्मों में परिवर्तित किया जाए !!!

लेकिन आज का हिन्दू समाज अपने धार्मिक शिक्षा को ग्रहण ना करने के कारण इन लोगो के झुठ को सही मान बैठता है !!!

यह हमारे धर्म व संस्कृत के लिए हानि कारक है !!

अपनी सभ्यता पहचाने,गर्व करे की हम भारतीय है।
*लेखक अज्ञात है*

गणित मोदी हमसे बेहतर व ज्यादा जानते हैं,मगर,


गणित मोदी हमसे बेहतर व ज्यादा जानते हैं,

*मगर,*
*गाँधी की तरह खेलना सिर्फ मोदी को आता है,*

*आप और हम तो सिर्फ उलाहना दे सकते हैं,*

*गाँधी ने अहिंसा की आड़ में अपने चहेते मुइमो को एक अलग देश भी दे दिया, लाखों हिन्दुओं का मुइमो के हाथों कत्ल भी करवा दिया, असंख्य हिन्दू बहनों के कुकर्म  बलात्कार भी करवा दिये,*

*सैकड़ों मंदिरों में कुरान पढ़वा ली, रोजे खुलवा लिये...*

*मगर हिन्दुओं के लिये कुछ नहीं किया, किसी भी मस्जिद में गीता नहीँ पढ़वाई, कहा कि मेरी लाश पर से पाकिस्तान बनेगा, मगर उस ने जीवित रहते हुए पाकिस्तान बनवा दिया, 3 करोड़ मुस्लिम भारत में रोक लिये।  कांग्रेस की वोटबैंक की खेती को हरीभरी रखने के लिये,*

*अब 70 साल बाद असली चाणक्य आया है, जो मुस्लिमों का विश्वास जीतने की आड़ में हिन्दू राष्ट्र का मार्ग आधा तय कर चुका है और युद्धगति से भारत में मुईमो पर राजनीतिक शिकंजा कसता जा रहा है,*

*आप क्या सोचते हो कि जो वोटों की गिनती की गणित आप दिखा रहे हैं मोदी इससे अनजान हैं,*

*नहीँ, वे हमसे बेहतर जानते हैं इन गणनाओं को, मगर उसे असली गांँधीगिरी का पता है, वे खेल रहे हैं।  उन्हें खेलने दीजिये,*

*गाँधी- गाँधी जपते मोदी ने सरदार पटेल की मूर्ति बनवा दी,*

*गाँधी गाँधी जपते मोदी ने सुभाष चन्द्र बोस के आजादी दिवस को मनाकर बोस के नाम का संग्रहालय बनवा दिया,*

*गाँधी गाँधी जपते मोदी ने धारा 370 खत्म करते हुए जम्मू कश्मीर से हमेशा के लिये राजनीतिक इस्लामीकरण खत्म कर दिया*।

*गाँधी गाँधी जपते मोदी ने 2अक्टूबर को लाल बहादुर शास्त्री जी को महत्व देते हुए एक नई पीढ़ी को जाग्रत कर दिया,*

*गाँधी गाँधी जपते मोदी ने कांग्रेस को उसी की छल बल वाली पैतरेबाजी में ऐसा उलझाया कि आज गाँधी की औलाद कांग्रेस का अध्यक्ष पद से भाग खड़ा हुआ,*

*बाकी सब कुछ उसके ही हिसाब से चल रहा है, वह अपने मिशन पर ही है, इसे मत गरियाओ, यह राजनीतिक संन्यासी आपकी और बड़े बड़े पोलीटिकल पंडित की समझ से परे है, 2002 गुजरात में इसने हजारों रक्तांजलियांँ लेकर अपने आपको संसार की नजरों में हिन्दू राजा घोषित कर दिया था, इसे कोई नहीं रोक सकता, जब तक यह भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं कर देता,*

 इसने हिन्दू राष्ट्र का आधा मार्ग तय कर लिया है, अभी उसे तुम्हारी सलाह की नहीं, वोट की जरूरत है।  बाकी का काम कैसे करना उसे पक्का पता है,  तुम 1000 साल से सो रहे हो इसलिये मैकॉले की शिक्षा व्यवस्था की अंधता व 70 साल तक कांग्रेसी टुकड़ों पर पलने की आदतों के कारण तुम्हें नजर नहीं आ रहा है।

इसलिए सिर्फ भाजपा को वोट देकर उनके हाथ मजबूत करे बस्स।

🙏🏼

शनिवार, 29 जनवरी 2022

ऐसा वृक्ष जिससे मक्खन निकलता है

जिस वृक्ष से मक्खन निकलते हैं , उस वृक्ष को "मक्खन की कटोरी " (वट वृक्ष की एक प्रजाति), के नाम से जाना जाता है ।

  • बोटेनिकल नाम: फिकस बेंगालेंसिस।

इस वृक्ष के पत्ते तोड़ने पर , एक सफेद तरल पदार्थ का रिसाव होता है। जिसे मक्खन की संज्ञा दी जाती है।मान्यता है, यह भगवान श्रीकृष्ण के "चुराये मक्खन "का ही पिघला स्वरूप है।

इस वृक्ष को "कृष्ण का पेड़" , "कृष्ण वट" भी कहते हैं।

शोध के पश्चात इस पेड़ को दुर्लभ माना जाता है।

इस वृक्ष को ,प्रकृति का तोहफा माना जाता है। क्योंकि इससे स्वास्थ्य वर्धक लाभांश प्राप्त होते हैं।

इसकी जड़ें काफी गहराई तक फैले होते हैं , जिससे उसके आसपास की मिट्टी में सदा पानी की मौजूदगी बनी रहती है ।

यह पेड़ 2 ,3 महीने में दस फीट तक बड़े हो सकते हैं । इसमें जल की भी पचूर मात्रा मौजूद रहती हैं।

इसकी मूल प्रजाति अधिकांशतः उत्तराखंड में पाई जाती है।

इस वृक्ष के पत्ते कुछ अलग से होते हैं । इस की खासियत, है कि ,ये वर्ष भर हरे भरे रहते है । इनकी पत्तियां जल्दी झड़ती नहीं हैं । ये सदाबहार वृक्ष कहलाती हैं।

यह दूसरों वृक्षों की तुलना में अधिक कार्बन डाइआक्साइड अवशोषित कर , अधिक मात्रा में शुद्ध ऑक्सीजन उत्सर्जित करता है ।

मान्यता है कि, अपने बचपन समय में भगवान श्रीकृष्ण अपनी माता यशोदा के डांट भटकार से बचने हेतु ,दूसरों के घरों से चुराये मक्खन, एकमात्र इस वट वृक्ष के पत्तों को कटोरी नुमा आकार देकर, उसमें मक्खन छुपाकर रख देते थे ।

पर कान्हा ने जब अपनी मैया की डांट सुन ली , तो मक्खन कटोरी ,पत्ते से माखन पिघलने लगा।

कहते हैं ,इस पेड़ के पत्ते तोड़ने के फलस्वरूप माखन का यही पिघला स्वरूप सफेद तरल पदार्थ के रूप में निकलने लगा ।

कहा जाता है , तभी से इस वृक्ष के बड़े पत्ते कटोरीनुमा और इसके छोटे पत्ते चम्मच समान आकार में विकसीत होने लगे।

चित्र गुगल से।

बेताल की रहस्यमयी गुफा के टपकते घी का रहस्य

बेताल की रहस्यमयी गुफा के टपकते घी का रहस्य

भारतीय उपमहाद्वीप में ऐसी कई गुप्त गुफाओं के होने के प्रमाण मिलते हैं, जिनका निर्माण राजा-महाराजाओं द्वारा किया गया। इन सुरंगों का इस्तेमाम युद्ध की स्थिति में राजपरिवार को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने के लिये किया जाता था। जिसकी जानकारी पूर्णता गुप्त रखी जाती थी। इसके अलावा कुछ ऐसी भी गुफाओं के बारे में पता चलता है जो अपनी दैवीय शक्तियों का दावा करती हैं।

ऐसा माना जाता है कि ये गुफाएं गुप्त सिद्धियां प्राप्त करने का स्थान हुआ करती थीं। हमारे साथ जानिए हिमाचल प्रदेश स्थित एक ऐसी गुप्त गुफा के बारे में जिसकी दीवारों से टपकता हुआ देसी घी बना हुआ है सबसे बड़ा रहस्य। बेताल गुफा की तिलस्मी दीवारें अपनी पहाड़ी खूबसूरती के लिए विश्व विख्यात हिमाचल प्रदेश अपने अंदर कई रहस्य छुपाए बैठा है। इस बर्फीले क्षेत्र में कई ऐसे प्राचीन स्थल मौजूद हैं जिनका संबंध प्राचीन काल से बताया जाता है। यहां प्रागैतिहासिक काल के कई मंदिरों व गुफाओ को खोजा गया है, जिनमें से कुछ हमारे सामने मात्र रहस्य के रूप में उपस्थित हैं। इन्हीं में से एक है हिमाचल की पहाड़ियों में स्थित 'बेताल गुफा'।

जिसकी तिलस्मी दीवारें बनी हुईं हैं रहस्य। दीवारों से टपकता है 'देसी घी' बेताल गुफा (हिमाचल प्रदेश) मंडी जिले के सुंदरनगर में स्थित है। जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां कभी दीवारों से शुद्ध देसी घी टपकता था। इस प्राचीन गुफा से जुड़ा यह तथ्य किसी को भी सोचने पर मजबूर कर सकता है। इस अद्भुत घटना की पुष्टि खुद यहां के स्थानीय लोग करते हैं। दीवारों से टपकते देसी घी की असल सच्चाई क्या है इसका कोई सटीक प्रमाण नहीं मिलता। गुफा करती है मनोकामना पूरी स्थानीय लोगों का मानना है की यह गुफा चमत्कारी शक्तियों से भरी है। जहां कभी इंसानों की हर मनोकामनाएं पूरी हुआ करती थीं। कहा जाता है जो भी गांववाला इस गुफा से बर्तन या घी मांगता था उसकी इच्छाएं जरूर पूरी हुआ करती थीं। शायद इसलिए इन दीवारों से घी टपकता रहता था।

गुफा में देवी-देवता इस चमत्कारी गुफा की लंबाई 40 से 50 मीटर और चौड़ाई 15 फीट बताई जाती है। गुफा में हिन्दू धर्म से जुड़ी कई प्रतिमाएं हैं, जिनकी पूजा यहां के स्थानीय लोग करते हैं। इस गुफा के अंदर एक जल स्रोत होने की बात भी पता चली है, जिसके बहते पानी की आवाज़ संगीत के जैसे सुनाई पड़ती है। जुड़ी हैं कई कहानियां इस रहस्यमय गुफा को लेकर कई कहानियां जुड़ी हुई हैं। कहा जाता है जब भी कभी यहां गांव में किसी के घर शादी-ब्याह होता था, तो परिवार का कोई बड़ा सदस्य थाल सजाकर गुफा के बाहर सिंदूर से निमंत्रण लिख कर आता था। जिसके बाद वो गुफा से शादी के बर्तन मांगता था।

अगली सुबह उसे गुफा के बाहर मांगे गए बर्तन मिलते। समारोह के खत्म होने के पश्चात व्यक्ति बर्तन वापस गुफा के पास रख देता था। जिसके बाद वो बर्तन अपने आप अदृश्य हो जाया करते थे । बर्तन और घी मिलना हुआ बंद लोगों की मानें तो एक बार किसी ने बर्तन लेकर गुफा को वापस नहीं किये, जिसके बाद यहां से बर्तन मिलने बन्द हो गए। लोगों का यह भी कहना है कि किसी ग्वाले की वजह से दीवारों से घी टपकना बंद हो गया। कहा जाता है कि एक दिन ग्वाला इस गुफा में आया और टपकते घी को देख उसके मन में लालच आ गया , वो रोटी के साथ घी लगाकर खाने लगा। जिसके बाद से गुफा का यह भी चमत्कार हमेशा के लिए बंद हो गया। लोगों की आस्था बरकरार भले ही अब गुफा के इन चमत्कारों का कोई महत्व नहीं रहा लेकिन यहां के लोगों की आस्था अब भी बरकरार है। गांववाले यहां नियमित रूप से पूजा-अर्चना करते हैं। इस आस्था के साथ कि यहां स्थित दैविय शक्ति लोगों की पुकार सुनती है।

इसलिए जब भी कोई गांव का सदस्य बीमार पड़ता है तो लोग गुफा के पास जाकर पूजा-पाठ करते हैं। कैसे करें प्रवेश बेताल गुफा पहुंचने के लिए आपको हिमाचल के मंडी आना पड़ेगा। जहां आप रेल/सड़क/हवाई मार्ग के सहारे पहुंच सकते हैं। यहां का नज़दीकी हवाई अड्डा भुंतर (कुल्लू-मनाली) है। रेल मार्ग के लिए आप जोगिंदर नगर रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं।

चित्र साभार: फेसबुक

अब बिना पिन नहीं खुलेगा वॉट्सऐप वेब अकाउंट - वॉट्सऐप फीचर

 वॉट्सऐप फीचर अपडेट:अब बिना पिन नहीं खुलेगा वॉट्सऐप वेब अकाउंट

वॉट्सऐप एक नया फीचर लाने वाला है। यह फीचर सिर्फ डेस्कटॉप यूजर्स के लिए होगा। जो वॉट्सऐप डेस्कटॉप की सिक्योरिटी के लिए लाया गया है। इसका नाम टू स्टैप वैरिफिकेशन फीचर होगा। इस फीचर के चलते आप अनऑथराइज्ड लॉगिन से बच पाएंगे। हालांकि यह फीचर ऑप्शनल होगा।

मोबाइल पर 6 डिजिट कोड मिलेगा
आप इस फीचर को अपनी मर्जी से इनेबल या डिसेबल कर पाएंगे। इस फीचर से अगर आप नए स्मार्टफोन के जरिए वॉट्सऐप पर लॉगिन करते हैं, तो ऐप आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक 6 डिजिट का कोड भेजेगा। अभी डेस्कटॉप लॉगिन के लिए आपको सिर्फ वॉट्सऐप वेब पर एक क्यूआर कोड स्कैन करना होता है और आपका अकाउंट लॉगिन हो जाता है। इसके लिए किसी भी प्रकार के पिन की जरूरत नहीं पड़ती।

डेस्कटॉप पर वॉट्सऐप चैट का एक्सेस सेफ होगा
डेस्कटॉप पर वॉट्सऐप चैट का एक्सेस बेहतर और सेफ करने के लिए अब एक PIN की भी जरूरत होगी। वॉट्सऐप टू-स्टेप वैरिफिकेशन को मैनेज करना आसान बनाना चाहता है, इसलिए वे आने वाले अपडेट में वेब/डेस्कटॉप पर यह फीचर शुरू करने पर काम कर रहे हैं। हालांकि फिलहाल इसकी टेस्टिंग की जा रही है जो जल्द ही वॉट्सऐप वेब और डेस्कटॉप यूजर्स के लिए जारी किया जा सकता है।

फोन खो जाने पर क्या होगा?
रिपोर्ट में कहा गया है कि वेब/डेस्कटॉप यूजर्स टू-स्टेप वैरिफिकेशन को इनेबल या डिसेबल कर पाएंगे। यह उस समय जरूरी बन जाता है, जब आप अपना फोन खो देते हैं और आपको अपना पिन याद नहीं रहता है। आप एक रिसेट लिंक के जरिए पिन को रिस्टोर कर सकते हैं।

दुकान के लिए जबरदस्त स्लोगन

सैलून वाले क़ी दुकान पर एक स्लोगन पढा़ ..
"हम दिल का बोझ तो नहीं पर सिर का बोझ जरूर हल्का कर सकते हैं "..🤣

लाइट क़ी दुकान वाले ने बोर्ड के नीचे लिखवाया ..
"आपके दिमाग की बत्ती भले ही जले या ना जले,परंतु हमारा बल्ब ज़रूर जलेगा ".. 🤣

चाय के होटल वाले ने काउंटर पर लिखवाया ..
"मैं भले ही साधारण हूँ, पर चाय स्पेशल बनाता हूँ।"🤣

एक रेस्टोरेंट ने सबसे अलग स्लोगन लिखवाया ..
"यहाँ घऱ जैसा खाना नहीं मिलता, आप निश्चिंत होकर अंदर पधारें।" 😀

इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर स्लोगन पढ़ा तो मैं भाव विभोर हो गया ..
"अगर आपका कोई फैन नहीं है तो यहाँ से ले जाइए "..😂

गोलगप्पे के ठेले पर एक स्लोगन लिखा था ..
"गोलगप्पे खाने के लिए दिल बड़ा हो ना हो, मुँह बड़ा रखें, पूरा खोलें" ..🤣

फल भंडार वाले ने तो स्लोगन लिखने की हद ही कर दी ..
"आप तो बस कर्म करिए, फल हम दे देंगे ".. 🤣

घड़ी वाले ने एक ग़ज़ब स्लोगन लिखा ..?
"भागते हुए समय को बस में रखें, चाहे दीवार पर टांगें, चाहे हाथ पर बांधें..."..🤣

ज्योतिषी ने बोर्ड पर स्लोगन लिखवाया۔
"आइए .. मात्र 100 रुपए में अपनी ज़िंदगी के आने वाले एपिसोड देखिए ..."🤣

बालों के तेल क़ी एक कंपनी ने हर प्रोडक्ट पर एक स्लोगन लिखा ..
"भगवान ही नहीं, हम भी बाल बाल बचाते हैं।" ..😂😀🤣

आप जैसे अभी हल्का सा मुस्करा रहे हैं या हँस रहें हैं, ऐसे ही खुश रहें।। 
हँसते रहे हँसाते रहें
स्वस्थ रहें 🚴‍♀️🏸🏃🏿‍♀️मस्त 😊💃🏻🍻रहे
अपना और अपने परिवार 👩‍🚀🦸‍♂️🙆🏼‍♀️🙋🏻‍♂️👩‍👩‍👦‍👦का ख्याल रखें 🤣😂🤩🤩

गुरुवार, 27 जनवरी 2022

यह तथा कथित खान सर किसी बहुतबड़े षड्यंत्र का सूत्रपात कर रहा है।

यह तथा कथित खान सर किसी बहुत
बड़े षड्यंत्र का सूत्रपात कर रहा है।
इसे रोकिए यह बहुत दिमाग से खेल रहा है।
इस पर अंकुश लगाना बेहद आवश्यक है।

खान सर की ऑनलाइन टीचरी में करोड़ों
की कमाई।
कुछ महीने पहले उन्होंने तापमान नापने के
लिए मोदी जी के विरोध में कुछ बोला था।

सब्सक्रिप्शन तेजी से कम होने लगा तो
पैंतरा बदला।
राम,महाभारत भी पढ़ाने लगे और बड़ी
चलाकी से हिन्दुओं में हजारों वर्षों का
जातिवाद भी पढ़ाने लगे।

मोमिनों से गाली भी सुन ली,पढ़ाने की
चालाकी तो आती ही है और छात्र असली
मंशा कहां तक समझ पाएंगे ?
.......
किसान कानूनों का विरोध तो खुलकर किया
अब फिर पैंतरा बदला मौका मिला आरआरबी
के किसी परीक्षा का जिसमें पहले एक परीक्षा
होनी थी अब दो परीक्षा का नोटिफिकेशन
निकल गया तो हंगामा करवा दिया।

कल खानसर की वीडियो देख रहा था,
बोल रहे थे किसान आंदोलन में सरकार झुकी है।
तो इसमें भी झुकेगी,और बड़े अंदाज से बता रहे
थे कि 1857 के विद्रोह और जलियावाला बाग
के बाद क्या आंदोलन रुका ?

एक तरफ  वे छात्रों से कह रहे हैं कि अराजक
न हों,दूसरी तरफ बोल रहे हैं कि छात्र अब हमारे
हाथ में नहीं हैं।
एक तरफ बोल रहे हैं पूरे देश के टीचर इनके
संपर्क में हैं तो दूसरी तरफ कह रहे हैं कि सबसे
कहा है कि खुद सामने न आएं।
छात्रों को सामने रखें...

बोल रहे हैं पुलिस वाले पत्थर फेंक रहे थे,
यह नहीं बोल रहे कि रेल की पटरियों पर
बड़े-बड़े बोल्डर रख कर छात्र उन्हें हटाने
नहीं दे रहे।
अराजक छात्रों पर पुलिस नियंत्रण कर रही है,
तो कह रहे हैं कि 8.30 बजे रात में छात्रों पर
लाठी चला रही है।
कह रहे हैं कि पुलिस चाहे तो अभी हमको
गिरफ्तार कर ले।
......
पूरी तरह से छात्रों को भड़का दिया है,
28 तारीख को दिल्ली से सहित कई जगहों
पर रेल रोका जाएगा और इसमें वामपंथी
समेत तमाम छात्र संगठन जमकर हिंसा करेंगे।

यदि सरकार बल प्रयोग करती है तो तुरंत
सरकार को फासीवादी घोषित कर दिया
जाएगा।

यदि गलती से कुछ छात्रों की हत्या
 (उकसा कर मरवा देना हत्या ही होगी)
हो जाती है तब तो पूरे देश में छात्र आंदोलन
शुरु हो जाएगा फिर दंगा और गृहयुद्ध।
.....
आरआरबी में कौन बैठा है
जो इनके खेल में शामिल है?

लखीमपुर खीरी में भी भीतरघात ही हुआ था,
नहीं तो कार लेकर हिंसक आंदोलन के बीच
नेता पुत्र नहीं पहुंचता और न ही 8 लोग मरते
न किसान कानून वापस होता।

क्या सरकार को दिखाई नहीं दे रहा है कि हर
तीसरे महीनें किसी न किसी बहाने से कोई न
कोई हिंसक आंदोलन शुरु कर दिया जाता है।

यह सरकार की सबसे बड़ी कमी है या अपने
यहाँ गद्दारों की संख्या अधिक हो गई है एक
से निपटे तो दूसरा शुरु हो जाता है।

वैसे खान सर वाला वीडियो देख लीजिए,
मक्कारी साफ नजर आ जाएगी और खेल भी,
यह पढ़ाते पढ़ाते छात्रों को चराने लगा,
इसे लग रहा है कि यदि यह नहीं पढ़ाता
तो न किसी को नौकरी मिलती न किसी
का भाग्य खुलता।

न तो इसके पढ़ाने से पहले किसी की नौकरी
लगी न तब लगेगी जब पढ़ाना बंद कर देगा।

इसे लगने लगा है कि अब बहुत पढ़ा लिए,
बहुत पैसा कमा लिए,अब राजनीति में घुसा जाए।

मोमिनों का एक ही उद्देश्य है (जे हाद)
चाहे जहां रहे जिस रुप में रहे अंत में जाकर
एक ही काम करेगा।
जिसे लोग सम्मान देने लगते हैं वह कुछ दिन
बाद अपने असली रूप में आ जाता है।
देखिए सोचिए और समझिए।
💐#साभार;
विश्व गुरु💐

जयतु भारतं💐
जयश्रीराम💐

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