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शनिवार, 19 मार्च 2022

विगत 70 वर्षों से जनता को भेड़ की तरह हांकने वाले ये "बड़े नाम" कदाचित भूल गये कि "ये नया भारत है, ये 2022 का भारत है"..

1. अच्छी-भली 370 हट गई थी. कांग्रेस को कीड़ा काटा.. 370 पर बहस की मांग की...  
परिणाम:- pok से लेकर चीन तक नेहरू जीे के कच्चे चिट्ठे खुल गए.. 70 वर्षो से बनाया गया नेहरू जी का आभामंडल जनता के समक्ष खत्म हो गया.. नेहरू देश के दिल से उतर गए...

2. अच्छा-भला रफेल सौदा हो गया था.. कांग्रेस को कीड़ा काटा. बहस की मांग की...  
परिणाम:- राजीव गांधी जी के भ्रष्टाचार के कच्चे चिट्ठे खुल गए.. 30 वर्षो से बनाई गई "मिस्टर क्लीन" छवि जनता के समक्ष धूमिल हो गई.. राजीव गांधी देश के दिल से उतर गए...

3. कोरोना असफलता, पालघर लिंचिंग, सुशांत मामले जैसे मुद्दों के वाबजूद शिवसेना, उद्धव ठाकरे की छवि जैसे-तैसे बची हुई थी.. संजय राउत को कीड़ा काटा.. कंगना को गाली दे दी...  
परिणाम:- उद्धव ठाकरे, शिवसेना के कच्चे चिट्ठे खुल गए.. वर्षो से बनी "हिंदुत्व" छवि हिन्दुओ के समक्ष धूमिल हो गई.. शिवसेना की "दबंगई छवि".. सड़कछाप गुंडागर्दी, महिला विरोधी पार्टी में बदल गई.. "ठाकरे नाम" का आभामंडल जनता के दिल से उतर गया...

4. पालघर चुप्पी, रामजन्मभूमि चुप्पी, सुशांत चुप्पी, कंगना अपमान चुप्पी के बाबजूद बच्चन परिवार की लँगोट जैसे-तैसे बची हुई थी.. जया को कीड़ा काटा.. थाली में छेद बयान दे दिया..  
परिणाम:- अमिताभ बच्चन जिन पर कोई उंगली भी नही उठा सकता था, उनके कच्चे चिट्ठे खुल गए.. जया-अमिताभ के पाखण्ड के पर्दे उठ गए. 50 वर्षो से बना "महानायक" आभामंडल जनता के समक्ष खत्म हो गया.. बच्चन फैमिली जनता के दिल से उतर गई...

5. अच्छी-भली द कश्मीर फाइल्स फ़िल्म 550 स्क्रीन पर रिलीज हो गई थी.. कब आई कब गई पता भी नही चलता.. कांग्रेस सेक्युलर लिब्रल जिहादियों बॉलीबुड गैंग को कीड़ा काटा फ़िल्म का विरोध कर दिया...  
परिणाम:- कांग्रेस के पापों के कच्चे चिट्ठे खुल रहे है, सेक्युलर लिबर्ल्स के नकाब निकल रहे है.. जिहाद की असलियत सामने आ रही है... 32 वर्षो से दफन कश्मीरी हिंदुओ की पीड़ा दर्द कब्र फाड़कर बाहर निकल रही है *और वो भी 4000+ स्क्रीन्स पर*

कल तक जिस घटना को कश्मीरी हिंदुओ का विस्थापन कहकर पर्दा डालने का प्रयास किया जाता था... आज लोग खुलकर उसे जीनोसाइड बोल रहे है.. उसे आधिकारिक मान्यता मिल रही है.. जिस जिहाद पर देश बोलने से भी कतराता था आज खुलकर चर्चा कर रहे है...

मात्र ढाई घण्टे की चिंगारी से 32 वर्षो के बने पंचमक्कार नरेटिव सच्चाई की अग्नि में जलकर भस्म हो गए.. सेक्युरिज्म की पट्टी आंखों से उतर गई...

विगत 70 वर्षों से जनता को भेड़ की तरह हांकने वाले ये "बड़े नाम" कदाचित भूल गये कि "ये नया भारत है, ये 2022 का भारत है"..

जो यदि प्यार लुटाकर आपको अर्श तक पहुंचा सकता है.. तो भरोसा टूटने पर आपको फर्श पर गिरा भी सकता है...

"छल की बुनियाद" पर बनी, झूठी "शान-ओ-शौकत" की "इमारतें" कितनी ही "मजबूत" क्यों न हो.. एक दिन भरभराकर "गिरती" अवश्य है...

**ये नियति का "लोकतंत्र" है**

दिक्कत ये नहीं है किसी ने गन उठाई किसी ने नरसंहार किया दिक्कत ये है कि सेक्युलरिज्म के नाम पर उसे किसने और कैसे जस्टिफाई किया

दिक्कत ये नहीं है किसी ने गन उठाई किसी ने नरसंहार किया दिक्कत ये है कि सेक्युलरिज्म के नाम पर उसे किसने और कैसे जस्टिफाई किया

काशी विश्नाथ विध्वंस- मंदिर पुजारी रेप कर रहा था तो बादशाह औरंगजेब को अच्छा नहीं लगा तो उन्होंने तोड़ दिया। जैसे होली पर ढाका में इस्कॉन मंदिर में जो हमला हुआ है ये ही लॉजिक किसी दूसरे बहाने के साथ वहां भी फिट हो सकता है।

मालाबार नरसंहार- संघ बना नहीं है, भाजपा है नहीं, सावरकर भी जेल में बंद हैं तो कोई आदमी है नहीं जिसके सिर पर ठीकरा फोड़ सके तो ये किसान आंदोलन था जमींदारों के खिलाफ, बस वो सारे किसान एक ही मजहब से थे और जमींदार हिन्दू थे

विभाजन नरसंहार- सावरकर जिम्मेदार है, सबसे पहले टू नेशन थ्योरी कि बात उसने ही 1937 में कि थी (1932 में 'पाकिस्तान अभी नहीं तो कभी नहीं" के पर्चे गोलमेज सम्मेलन में बंट रहे थे)  

बांग्लादेश 1971 नरसंहार- ये तो दूसरे देश की बात है हमारा क्या मतलब, वो अलग बात है कि वो देश 25 साल पहले भारत ही था 

1990 कश्मीर नरसंहार- दिसंबर 1989 में वीपी सिंह (जो खुद राजीव गांधी सरकार में पांच साल मंत्री थे) की सरकार थी इसलिए जनवरी 19 के लिए वीपी सिंह को को बाहर से समर्थन देने वाली भाजपा जिम्मेदार है और 21 जनवरी को जगमोहन ( जो 84-89 तक कांग्रेस के आदेश पर गर्वनर रहे थे) जिम्मेदार हैं (जिन्हें पीड़ित कश्मीरी पंडित मसीहा मानते हैं) मुफ्ती मोहम्मद सईद जो वीपी सरकार में गृह मंत्री थे, फारुक अब्दुल्ला जो 1986-जनवरी 18 1990 तक कांग्रेस के समर्थन से राज्य के सीएम थे, राजीव गांधी जो 84-89 पीएम थे ये जिम्मेदार नहीं है जिम्मेदार वो हैं जो एक महीने पुरानी सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं।

9/11- यहुदियों ने कराया है हर कोई जानता है इस बात को

गोधरा कांड- संसद में दिए गए यूपीए रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के बयान के हिसाब से ट्रेन में आग अंदर से लगी थी। बाद में कोर्ट ने सजा ही हैं उन लोगों को जो स्टेशन पर डीजल इकट्ठा करने से लेकर आग लगा रहे थे।

मुंबई हमले- वो तो भगवा आतंकवाद, संघ की साजिश था। कसाब कलावा भी पहनकर आया था लेकिन पता नहीं कैसे जिंदा पकड़ में आ गया तो पाकिस्तान को बड़े भारी मन से मानना पड़ता है।

पुलवामा- मोदी जिम्मेदार है, चुनाव जीतने के लिए कराया है।

दिल्ली दंगे- कपिल मिश्रा जिम्मेदार है क्योंकि उसने दिल्ली की जाम सड़क खुलवाने की चेतावनी दी थी। वो जो ट्रंप आएगा तब बताएंगे और ट्रंप के आने पर गुजरात से लेकर दिल्ली तक दंगे किए, जिनके पार्षदों के घरों से जखीरे निकले, जो लखनऊ तक पहुंच गए दंगे करने वो जिम्मेदार नहीं है।

समस्या उनसे नहीं है जो ये सब कर रहे हैं, करते जा रहे हैं, मान ही नहीं रहे 
समस्या उनसे है जो हर कुकर्म पर पर्दा डालने के लिए बैठे हैं, वो कभी सच का सामना होने ही नहीं दे रहे, जवाबदेही तय ही होने नहीं दे रहे
क्योंकि किसी को वोट कि चिंता और कुछ सेक्युलरिज्म ताना-बाना न बिगड़ जाए इसकी टेंशन में दुबले हो रहे हैं। इन लोगों को पहचानिए, इन्हें जवाब देने के लिए बाध्य कीजिए। 

नहीं तो एक दिन आएगा वो कहेंगे 
हिन्दू ही जिम्मेदार है न हिन्दू होते न हिन्दू मुस्लिम दंगे होते
57 देश है मुसलमानों के बताओ कहीं हिन्दू-मुस्लिम दंगे होते हों 
सिर्फ यहीं होते हैं क्यों क्योंकि हिन्दुओं को दंगे करने का शौक है

हिंदी भजन के लिरिक्स - मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने

 


मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 
क्या जाने कोई क्या जाने क्या जाने कोई क्या जाने 
मुझे मिल गया मन का मित ये दुनिया क्या जाने 

छवि लखी मैंने श्याम की जब से भयी बावरी मै तो तब से 
बांधी प्रेम की डोर मोहन से नाता तोडा मैंने जग से 
ये कैसी पागल प्रीत ये दुनिया क्या जाने 
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

मोहन की सुन्दर सुरतिया मन में बस गयी मोहन मुरतिया 
लोग कहे मै भयी बावरिया हो जाऊ अब तेरी रे सांवरिया 
ये कैसी निगोड़ी प्रीत ये दुनिया क्या जाने 
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

हर दम अब तो रहू मस्तानी लोक लाज की नी बिसरानी 
रूप राश अंग अंग समानी हेरत हेरत रहू दिवानी 
मै तो गाऊ ख़ुशी के गीत ये दुनिया क्या जाने 
मेरी लगी श्याम संग प्रीत ये दुनिया क्या जाने 

क्या जाने कोई क्या जाने क्या जाने कोई क्या जाने 
मुझे मिल गया मन का मित ये दुनिया क्या जाने 


गुरुवार, 17 मार्च 2022

होली के अदभुत प्रयोग और कुछ सरल उपाय

*होली के अदभुत प्रयोग और कुछ सरल उपाय*
होली की पूजा मुखयतः भगवान विष्णु
(नरसिंह अवतार) को ध्यान में रखकर
की जाती है।

घर के प्रत्येक सदस्य को होलिका दहन में
देशी घी में भिगोई हुई दो लौंग, एक
बताशा और एक पान का पत्ता अवश्य चढ़ाना चाहिए।
होली की ग्यारह परिक्रमा करते हुए
होली में सूखे नारियल
की आहुति देनी चाहिए। इससे सुख-
समृद्धि बढ़ती है, कष्ट दूर होते हैं।
होली पर पूरे दिन अपनी जेब में काले कपड़े
में बांधकर काले तिल रखें। रात
को जलती होली में उन्हें डाल दें।
यदि पहले से ही कोई टोटका होगा तो वह
भी खत्म हो जाएगा।

होली दहन के समय ७ गोमती चक्र लेकर
भगवान से प्रार्थना करें कि आपके जीवन में कोई शत्रु
बाधा न डालें। प्रार्थना के पश्चात पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ
गोमती चक्र दहन में डाल दें।
होली दहन के दूसरे दिन
होली की राख को घर लाकर उसमें
थोडी सी राई व नमक मिलाकर रख लें। इस
प्रयोग से भूतप्रेत या नजर दोष से मुक्ति मिलती है।

होली के दिन से शुरु होकर बजरंग बाण का ४० दिन तक
नियमित पाठ करनें से हर मनोकामना पूर्ण होगी।

होली वाले दिन किसी गरीब
को भोजन अवश्य करायें।
होली की रात्रि को सरसों के तेल
का चौमुखी दीपक जलाकर पूजा करें व भगवान
से सुख - समृद्धि की प्रार्थना करें इस प्रयोग से
बाधा निवारण होता है।
यदि बुरा समय चल रहा हो, तो होली के दिन पेंडुलम
वाली नई
घडी पूर्वी या उत्तरी दीवार
पर लगाए। परिणाम स्वयं देखे

राहु का उपाय - एक नारियल का गोला लेकर उसमे
अलसी का तेल भरकर..उसी में थोडा सा गुड
डाले..फिर उस नारियल के गोले को राहू से ग्रस्त व्यक्ति अपने
शारीर के अंगो से स्पर्श करवाकर
जलती हुई होलिका में डाल देवे. पुरे वर्ष भर राहू से
परेशानी की संभावना नहीं रहेगी…

मनोकामना की पूर्ति हेतु होली के दिन से
शुरू करके प्रतिदिन हनुमान जी को पांच लाल पुष्प चढ़ाएं,
मनोकामना शीघ्र पूर्ण होगी।
होली की प्रातः बेलपत्र पर सफेद चंदन
की बिंदी लगाकर
अपनी मनोकामना बोलते हुए शिवलिंग पर सच्चे मन से
अर्पित करें। बाद में सोमवार को किसी मंदिर में भोलेनाथ
को पंचमेवा की खीर अवश्य चढ़ाएं,

मनोकामना पूरी होगी।
स्वास्थ्य लाभ हेतु मृत्यु तुल्य कष्ट से ग्रस्त
रोगी को छुटकारा दिलाने के लिए जौ के आटे में काले तिल एवं
सरसों का तेल मिला कर मोटी रोटी बनाएं और
उसे रोगी के ऊपर से सात बार उतारकर भैंस को खिला दें।
यह क्रिया करते समय ईश्वर से
रोगी को शीघ्र स्वस्थ करने
की प्रार्थना करते रहें।
व्यापार लाभ के लिए होली के दिन गुलाल के एक खुले
पैकेट में एक मोती शंख और चांदी का एक
सिक्का रखकर उसे नए लाल कपड़े में लाल मौली से
बांधकर तिजोरी में रखें, व्यवसाय में लाभ होगा।
होली के अवसर पर एक एकाक्षी नारियल
की पूजा करके लाल कपड़े में लपेट कर दूकान में
या व्यापार स्थल पर स्थापित करें। साथ ही स्फटिक
का शुद्ध श्रीयंत्र रखें। उपाय निष्ठापूर्वक करें, लाभ में
दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि होगी।

धनहानि से बचाव के लिए होली के दिन मुखय द्वार पर
गुलाल छिड़कें और उस पर द्विमुखी दीपक
जलाएं। दीपक जलाते समय धनहानि से बचाव
की कामना करें। जब दीपक बुझ जाए तो उसे
होली की अग्नि में डाल दें। यह
क्रिया श्रद्धापूर्वक करें, धन हानि से बचाव होगा।

होली के दिन प्रातः उठते
ही किसी ऐसे व्यक्ति से कोई वस्तु न लें,
जिससे आप द्वेष रखते हों। सिर ढक कर रखें।
किसी को भी अपना पहना वस्त्र या रुमाल
नहीं दें। इसके अतिरिक्त इस दिन शत्रु
या विरोधी से पान, इलायची, लौंग आदि न लें। ये
सारे उपाय सावधानीपूर्वक करें, दुर्घटना से बचाव होगा।

आत्मरक्षा हेतु किसी को कष्ट न पहुंचाएं,
किसी का बुरा न करें और न सोचें।
आपकी रक्षा होगी।
अगर आपके घर में कोई शारीरिक कष्टों से
पीड़ित है - ओर उसको रोग छोड़ नहीं रहे
है - तो 11 अभिमंत्रित गोमती चक्र बीमार
ब्यक्ति के शरीर से 21 बार उसार कर
होली की अग्नि में डाल दे
शारीरिक कष्टों से शीघ्र मुक्ति मिल
जायेगी
अगर बुध ग्रह आपकी कुंडली में संतान
प्राप्ति में बाधा दाल रहा है
तो किसी भी बच्चे
वाली गरीब महिला को होली वाले
दिन से शुरु कर एक महीने तक हरी-
सब्जियाँ दें। माता वैष्णो-देवी से संतान
की प्रार्थना करें।

शीघ्र विवाह हेतु: जो युवा विवाह योग्य हैं और
सर्वगुण संपन्न हैं, फिर
भी शादी नहीं हो पा रही है
तो यह उपाय करें। होली के दिन किसी शिव
मंदिर जाएं और अपने साथ 1 साबूत पान, 1 साबूत
सुपारी एवं हल्दी की गांठ रख
लें। पान के पत्ते पर सुपारी और
हल्दी की गांठ रखकर शिवलिंग पर अर्पित
करें। इसके बाद पीछे देखें बिना अपने घर लौट आएं।
यही प्रयोग अगले दिन भी करें। इसके साथ
ही समय-समय शुभ मुहूर्त में यह उपाय
किया जा सकता है। जल्दी ही विवाह के
योग बन जाए

🙏🏻 *ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,फाल्गुन मास की पूर्णिमा को किए गए उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं। आज हम आपको होली पर किए जाने वाले कुछ साधारण उपाय बता रहे हैं। ये उपाय इस प्रकार हैं-*
 💰 *धन लाभ का उपाय* 
🔥 *होलिका दहन से पहले जब गड्ढा खोदें,तो सबसे पहले उसमें थोड़ी चांदी,पीतल व लोहा दबा दें। यह तीनों धातु सिर्फ इतनी मात्रा में होनी चाहिए,जिससे आपकी मध्यमा उंगली के नाप का छल्ला बन सके। इसके बाद विधि-विधान से दाण्डा रोपे। जब आप होलिका पूजन को जाएं,तो पान के एक पत्ते पर कपूर,थोड़ी-सी हवन सामग्री,शुद्ध घी में डुबोया लौंग का जोड़ा तथा बताशे रखें।*
🍃 *दूसरे पान के पत्ते से उस पत्ते को ढक दें और 7 बार होलिका की परिक्रमा करते हुए ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। परिक्रमा समाप्त होने पर सारी सामग्री होलिका में अर्पित कर दें तथा पूजन के बाद प्रणाम करके घर वापस आ जाएं। अगले दिन पान के पत्ते वाली सारी नई सामग्री ले जाकर पुन:यही क्रिया करें। जो धातुएं आपने दबाई हैं,उनको निकाल लाएं।*
➡ *फिर किसी सुनार से तीनों धातुओं को मिलाकर अपनी मध्यमा उंगली के माप का छल्ला बनवा लें। 15 दिन बाद आने वाले शुक्ल पक्ष के गुरुवार को छल्ला धारण कर लें। इस उपाय से धन लाभ के योग बन सकते हैं।*
🐪ग्रहों की शांति के लिए उपाय* 
🔥 *होलिका दहन की रात उत्तर दिशा में बाजोट (पटिए) पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर मूंग, चने की दाल, चावल, गेहूं, मसूर, काले उड़द एवं तिल की ढेरी बनाएं। अब उस पर नवग्रह यंत्र स्थापित करें। उस पर केसर का तिलक करें, घी का दीपक लगाएं एवं नीचे लिखे मंत्र का जप करें। जप स्फटिक की माला से करें। जप पूरा होने पर यंत्र को पूजा स्थान पर स्थापित करें, ग्रह अनुकूल होने लगेंगे।*
🌷 *मंत्र- ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरान्तकारी भानु शशि भूमि-सुतो बुधश्च।*
*गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव: सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।*

➡ *बिजनेस में सक्सेस पाने का उपाय* ⬅
🏉 *एकाक्षी नारियल को लाल कपड़े में गेहूं के आसन पर स्थापित करें और सिंदूर का तिलक करें। अब मूंगे की माला से नीचे लिखे मंत्र का जप करें। 21 माला जप होने पर इस पोटली को दुकान में ऐसे स्थान पर टांग दें, जहां ग्राहकों की नजर इस पर पड़ती रहे। इससे व्यापार में सफलता मिलने के योग बन सकते हैं।

होली की रात आजमाएं काली हल्दी के टोटके - होली विशेष :

होली की रात आजमाएं काली हल्दी के टोटके

होली विशेष : अभिमंत्रित काली हल्दी को करें अपने घर निमंत्रित
होली का दिन तांत्रिक क्रियाओं के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। इस दिन अभिमंत्रित और आमंत्रित कर जड़ी-बूटी घर लाई जाती है। कई प्रकार के मंत्रों की सिद्धियां भी की जाती हैं। होली के लिए प्रस्तुत है विशेष रूप से काली हल्दी के टोटके-
काली हल्दी
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काली हल्दी दिखने में अंदर से हल्के काले रंग की होती है व उसका पौधा केली के समान होता है। काली हल्दी में बहुत ही गुणकारी प्रभाव होता है। इसमें वशीकरण की अद्‍भुत क्षमता होती है।

काली हल्दी को लाने के लिए क्या करें
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काली हल्दी के पौधे को कंकू, पीले चावल से आमंत्रित कर होली वाले दिन लाया जाता है।

आमंत्रित करने का तरीका
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एक थाली में कंकू, चावल, अगरबती, एक कलश में शुद्ध जल रख, पवित्र कोरे वस्त्र पहन कर जाएं। फिर पौधे को शुद्ध जल से धोकर कंकू चढ़ाएं व पीले चावल चढ़ाकर 5 अगरबत्ती लगाकर कहें- मैं आपके पास अपनी मनोकामना पूर्ति हेतु आया हूं कल आपको मेरे साथ मेरी मनोकामना की पूर्ति हेतु चलना है।

फिर होली की रात को जाकर एक लोटा जल चढ़ाकर कहें कि मैं आपके पास आया हूं, आप चलिए मेरी मनोकामना की पूर्ति हेतु। इस प्रकार काली हल्दी (यह जड़ होती है) खोदकर ले आएं। बस यही आपके काम की है।

काली हल्दी के प्रयोग
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* परिवार में कोई व्यक्ति हमेशा अस्वस्थ रहता है तो प्रथम गुरुवार को आटे के 2 पेड़े बनाएं। उसमें गीली चने की दाल के साथ गुड़ और थोड़ी-सी पिसी काली हल्दी को दबाएं। रोगी के ऊपर से 7 बार उतारकर गाय को खिला दें। यह उपाय लगातार 3 गुरुवार करने से आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा।

* यदि किसी व्यक्ति या बच्चे को नजर लग जाए तो काले कपड़े में हल्दी को बांधकर 7 बार ऊपर से उतारकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
पिछला|अगला
* यदि पत्रिका में गुरु और शनि पापाक्रांत हैं, तो यह उपाय करें - शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार से नियमित रूप से काली हल्दी पीसकर तिलक लगाने से यह दोनों ग्रह शुभ फल देने लगते हैं।
* यदि किसी के पास पैसा आता तो बहुत है किंतु रुकता नहीं है, तो उन्हें इन उपायों को अवश्य आजमाना चाहिए। शुक्ल पक्ष के प्रथम शुक्रवार को चांदी की डिब्बी में काली हल्दी, नागकेसर व सिन्दूर को साथ में रखकर मां लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करवाकर रुपया-पैसा रखने के स्थान पर रख दें। इस उपाय से धन रुकने लगेगा।
* यदि आपका व्यवसाय मशीनरी से संबंधित है और आए दिन कोई न कोई मशीन खराब होती है तो आप काली हल्दी को पीसकर केसर व गंगा जल मिलाकर प्रथम बुधवार को उस मशीन पर स्वस्तिक बना दें। इस उपाय से मशीन जल्दी -जल्दी खराब नहीं होगी।
* यदि कोई व्यक्ति मिर्गी या अपस्मार (पागलपन) से पीड़ित हो तो किसी अच्छे मूहूर्त (सर्वार्थसिद्धि योग) में काली हल्दी को कटोरी में रखकर लोबान की धूप दिखाकर शुद्ध करें। तत्पश्चात एक टुकड़े में छेद कर धागे की मदद से उसके गले में पहना दें और नियमित रूप से कटोरी की थोड़ी-सी हल्दी का चूर्ण ताजे पानी से सेवन कराते रहें, अवश्य लाभ मिलेगा।

* काली हल्दी के 108 दाने बनाएं। उन्हें धागे में पिरोकर धूप, गूगल और लोबान से धूनी देने के बाद पहन लें। जो भी व्यक्ति इस माला को पहनता है, वह ग्रहों के दुष्प्रभावों व नजरादि टोने-टोटके से सुरक्षित रहता है।

* गुरु पुष्य नक्षत्र में काली हल्दी को सिन्दूर में रखकर धूप देने के बाद लाल कपड़े में लपेटकर 1-2 सिक्कों के साथ उसे बक्से में रख दें। इसके प्रभाव से धन की वृद्धि होने लगती है।

* काली हल्दी का चूर्ण दूध में डालकर चेहरे और शरीर पर लेप करने से त्वचा में निखार आ जाता है।
काली हल्दी वशीकरण प्रयोग-
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काली हल्दी में वशीकरण की अद्‍भुत क्षमता होती है। यदि आप किसी भी नवीन कार्य के लिए जा रहे हैं या महत्वपूर्ण कार्य हो तो काली हल्दी का टीका लगाकर जाएं। यह टीका वशीकरण का कार्य करता है।

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