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शनिवार, 19 मार्च 2022

दिक्कत ये नहीं है किसी ने गन उठाई किसी ने नरसंहार किया दिक्कत ये है कि सेक्युलरिज्म के नाम पर उसे किसने और कैसे जस्टिफाई किया

दिक्कत ये नहीं है किसी ने गन उठाई किसी ने नरसंहार किया दिक्कत ये है कि सेक्युलरिज्म के नाम पर उसे किसने और कैसे जस्टिफाई किया

काशी विश्नाथ विध्वंस- मंदिर पुजारी रेप कर रहा था तो बादशाह औरंगजेब को अच्छा नहीं लगा तो उन्होंने तोड़ दिया। जैसे होली पर ढाका में इस्कॉन मंदिर में जो हमला हुआ है ये ही लॉजिक किसी दूसरे बहाने के साथ वहां भी फिट हो सकता है।

मालाबार नरसंहार- संघ बना नहीं है, भाजपा है नहीं, सावरकर भी जेल में बंद हैं तो कोई आदमी है नहीं जिसके सिर पर ठीकरा फोड़ सके तो ये किसान आंदोलन था जमींदारों के खिलाफ, बस वो सारे किसान एक ही मजहब से थे और जमींदार हिन्दू थे

विभाजन नरसंहार- सावरकर जिम्मेदार है, सबसे पहले टू नेशन थ्योरी कि बात उसने ही 1937 में कि थी (1932 में 'पाकिस्तान अभी नहीं तो कभी नहीं" के पर्चे गोलमेज सम्मेलन में बंट रहे थे)  

बांग्लादेश 1971 नरसंहार- ये तो दूसरे देश की बात है हमारा क्या मतलब, वो अलग बात है कि वो देश 25 साल पहले भारत ही था 

1990 कश्मीर नरसंहार- दिसंबर 1989 में वीपी सिंह (जो खुद राजीव गांधी सरकार में पांच साल मंत्री थे) की सरकार थी इसलिए जनवरी 19 के लिए वीपी सिंह को को बाहर से समर्थन देने वाली भाजपा जिम्मेदार है और 21 जनवरी को जगमोहन ( जो 84-89 तक कांग्रेस के आदेश पर गर्वनर रहे थे) जिम्मेदार हैं (जिन्हें पीड़ित कश्मीरी पंडित मसीहा मानते हैं) मुफ्ती मोहम्मद सईद जो वीपी सरकार में गृह मंत्री थे, फारुक अब्दुल्ला जो 1986-जनवरी 18 1990 तक कांग्रेस के समर्थन से राज्य के सीएम थे, राजीव गांधी जो 84-89 पीएम थे ये जिम्मेदार नहीं है जिम्मेदार वो हैं जो एक महीने पुरानी सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे हैं।

9/11- यहुदियों ने कराया है हर कोई जानता है इस बात को

गोधरा कांड- संसद में दिए गए यूपीए रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के बयान के हिसाब से ट्रेन में आग अंदर से लगी थी। बाद में कोर्ट ने सजा ही हैं उन लोगों को जो स्टेशन पर डीजल इकट्ठा करने से लेकर आग लगा रहे थे।

मुंबई हमले- वो तो भगवा आतंकवाद, संघ की साजिश था। कसाब कलावा भी पहनकर आया था लेकिन पता नहीं कैसे जिंदा पकड़ में आ गया तो पाकिस्तान को बड़े भारी मन से मानना पड़ता है।

पुलवामा- मोदी जिम्मेदार है, चुनाव जीतने के लिए कराया है।

दिल्ली दंगे- कपिल मिश्रा जिम्मेदार है क्योंकि उसने दिल्ली की जाम सड़क खुलवाने की चेतावनी दी थी। वो जो ट्रंप आएगा तब बताएंगे और ट्रंप के आने पर गुजरात से लेकर दिल्ली तक दंगे किए, जिनके पार्षदों के घरों से जखीरे निकले, जो लखनऊ तक पहुंच गए दंगे करने वो जिम्मेदार नहीं है।

समस्या उनसे नहीं है जो ये सब कर रहे हैं, करते जा रहे हैं, मान ही नहीं रहे 
समस्या उनसे है जो हर कुकर्म पर पर्दा डालने के लिए बैठे हैं, वो कभी सच का सामना होने ही नहीं दे रहे, जवाबदेही तय ही होने नहीं दे रहे
क्योंकि किसी को वोट कि चिंता और कुछ सेक्युलरिज्म ताना-बाना न बिगड़ जाए इसकी टेंशन में दुबले हो रहे हैं। इन लोगों को पहचानिए, इन्हें जवाब देने के लिए बाध्य कीजिए। 

नहीं तो एक दिन आएगा वो कहेंगे 
हिन्दू ही जिम्मेदार है न हिन्दू होते न हिन्दू मुस्लिम दंगे होते
57 देश है मुसलमानों के बताओ कहीं हिन्दू-मुस्लिम दंगे होते हों 
सिर्फ यहीं होते हैं क्यों क्योंकि हिन्दुओं को दंगे करने का शौक है

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