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गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014

हमारा विश्वास, हमारी आशा कहाँ है,

किसी जंगल मे एक गर्भवती हिरणी थी जिसका प्रसव होने को ही था . उसने एक तेज धार वाली नदी के किनारे घनी झाड़ियों और घांस के पास एक जगह देखी जो उसे प्रसव हेतु सुरक्षित स्थान लगा.
अचानक उसे प्रसव पीड़ा शुरू होने लगी, लगभग उसी समय आसमान मे काले काले बादल छा गए और घनघोर बिजली कड़कने लगी जिससे जंगल मे आग भड़क उठी .
वो घबरा गयी उसने अपनी दायीं और देखा लेकिन ये क्या वहां एक बहेलिया उसकी और तीर का निशाना लगाये हुए था, उसकी बाईं और भी एक शेर उस पर घात लगाये हुए उसकी और बढ़ रहा था अब वो हिरणी क्या करे ?,
वो तो प्रसव पीड़ा से गुजर रही है ,
अब क्या होगा?,
क्या वो सुरक्षित रह सकेगी?,
क्या वो अपने बच्चे को जन्म दे सकेगी ?,
क्या वो नवजात सुरक्षित रहेगा?,
या सब कुछ जंगल की आग मे जल जायेगा?,
अगर इनसे बच भी गयी तो क्या वो बहेलिये के तीर से बच पायेगी ?
या क्या वो उस खूंखार शेर के पंजों की मार से दर्दनाक मौत मारी जाएगी?
जो उसकी और बढ़ रहा है,
उसके एक और जंगल की आग, दूसरी और तेज धार वाली बहती नदी, और सामने उत्पन्न सभी संकट, अब वो क्या करे?
लेकिन फिर उसने अपना ध्यान अपने नव आगंतुक को जन्म देने की और केन्द्रित कर दिया .
फिर जो हुआ वो आश्चर्य जनक था .
कडकडाती बिजली की चमक से शिकारी की आँखों के सामने अँधेरा छा गया, और उसके हाथो से तीर चल गया और सीधे भूखे शेर को जा लगा . बादलो से तेज वर्षा होने लगी और जंगल की आग धीरे धीरे बुझ
गयी.
इसी बीच हिरणी ने एक स्वस्थ शावक को जन्म दिया .
ऐसा हमारी जिन्दगी मे भी होता है, जब हम चारो और से समस्याओं से घिर जाते है, नकारात्मक विचार हमारे दिमाग को जकड लेते है, कोई संभावना दिखाई नहीं देती , हमें कोई एक उपाय करना होता है.,
उस समय कुछ विचार बहुत ही नकारात्मक होते है, जो हमें चिंता ग्रस्त कर कुछ सोचने समझने लायक नहीं छोड़ते .
ऐसे मे हमें उस हिरणी से ये शिक्षा मिलती है की हमें अपनी प्राथमिकता की और देखना चाहिए, जिस प्रकार हिरणी ने सभी नकारात्मक परिस्तिथियाँ उत्पन्न होने पर भी अपनी प्राथमिकता "प्रसव "पर ध्यान केन्द्रित किया, जो उसकी पहली प्राथमिकता थी. बाकी तो मौत या जिन्दगी कुछ भी उसके हाथ मे था ही नहीं, और उसकी कोई भी क्रिया या प्रतिक्रिया उसकी और गर्भस्थ बच्चे की जान ले सकती थी
उसी प्रकार हमें भी अपनी प्राथमिकता की और ही ध्यान देना चाहिए .
हम अपने आप से सवाल करें,
हमारा उद्देश्य क्या है, हमारा फोकस क्या है ?,
हमारा विश्वास, हमारी आशा कहाँ है,
ऐसे ही मझधार मे फंसने पर हमें अपने इश्वर को याद करना चाहिए ,
उस पर विश्वास करना चाहिए जो की हमारे ह्रदय मे ही बसा हुआ है .
जो हमारा सच्चा रखवाला और साथी है..

मंगलवार, 18 फ़रवरी 2014

क्या आप जानते हैं......

क्या आप जानते हैं......

नेत्रज्योति बढ़ाने के लिएःत्रिफला चूर्ण को रात्रि में पानी में भीगोकर, सुबह छानकर उस पानी से आँखें धोने से नेत्रज्योति बढ़ती है।

कान में पीब(मवाद) होने परः शुद्ध सरसों या तिल के तेल में लहसुन की कलियों को पकाकर 1-2 बूँद सुबह-शाम कान में डालने से फायदा होता है।

हिचकीः हिचकी बन्द न हो रही हो तो पुदीने के पत्ते या नींबू चूसें।

पपीते खाने से क्या फायदा है पपीता में पोसक तत्व भरपूर मात्रा में होता है, जिससे आपकी त्वचा में निखार आता है। त्वचा जवां नजर आती है, झुर्रियाँ कम पड़ती हैं, त्वचा में पतलापन व सूखापन नहीं होता। यह त्वचा को जरूरी पोषण देता है।

केसर बड़े काम की चीज है केसर गर्भवती महिलाओं के लिए वरदान है। केसर इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। इससे गर्भस्थ शिशु का अच्छा विकास होता है, यानी शारीरिक और मानसिक विकास। यह माँ को शक्तिशाली बनाता है। केसर सुरक्षित डिलिवरी के वास्ते बेहद जरूरी है। यह स्त्रियों की शारीरिक सुंदरता को बनाये रखता है। त्वचा में निखार लाता है। गर्भवती महिलाओं को रोज जरा सा केसर डाल कर दूध उबाल कर पीना चाहिए।

नारियल तेल से आपकी सुंदरता बढ़ती है। यह हमारी त्वचा को खूबसूरत बनाता है। यह त्वचा का रूखापन दूर करता है। यदि एड़ियाँ फटी हों, तो रात को लगा कर सो जायें, कुछ दिनों में ठीक हो जायेगा। यह त्वचा के दाग-धब्बे व निशान को साफ करता है। बालों को चमकदार बनाता है, उन्हें पोषण देता है। चेहरे व शरीर पर नारियल तेल की हल्के हाथों से मालिश करें। यह झुर्रियों को उम्र से पहले आने से रोकता है।

छाछ : क्या आप जानते हैं कि छाछ गर्मी और सर्दी दोनों मौसम में अमृत है। इसे सेंधा नमक, भुना जीरा, काली मिर्च डाल कर लें। यह पाचन क्रिया ठीक रखने और शरीर को फुर्तीला रखने में सहायक है।

दवा से बेहतर व्यायाम है? क्या छोटे, क्या बड़े, क्या मोटे, क्या पतले, क्या किसी खास बीमारी के शिकार हैं यानी रक्तचाप मधुमेह में विशेषज्ञ की सलाह से व्यायाम करें। हर तरह के विकार को दूर कर चुस्त, दुरुस्त व फुर्तीला बनायेगा। व्यायाम का रूटीन बनाये रखें।

आहार को ताकतवर कैसे बनाया जाये? रोजाना आहार में फल-सब्जियों को जगह अवश्य दें।चोकर सहित (मोटा आटा) पुराना तथा बिना पॉलिश का चावल खायें।डिब्बा बंद आहार की जगह घर का सादा ताजा भोजन करें।थोड़ी मात्रा में सूखे मेवे अवश्य लें। नमक जरा कम लें।प्रतिदिन 10 गिलास पानी पियें।सब्जियों को पकाने में सरसों के तेल का इस्तेमाल करें।

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