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शुक्रवार, 5 जून 2015

पेट के निचले भाग की चर्बी घटाना

जिसे खाने से आप अपने पेट के निचले भाग की चर्बी को कम कर सकते हैं.....!
पेट की चर्बी घटाना आसान है पर वहीं पर पेट के निचले भाग की चर्बी घटाना थोड़ा मुश्‍किल है। हमारी लाइफस्‍टाइल कुछ ऐसी हो चुकी है कि हम ना चाह कर भी अपने शरीर का वजन बढ़ाते चले जा रहे हैं। कुछ लड़कियों का पूरा शरीर देखने में पतला लगता है पर पेट काफी ज्‍यादा निकला होता है। लेकिन जब आप किलो भर वजन कम करने लगेगीं तो ‘बैली फैट’ अपने आप ही खतम होने लगेगा।
* बैलेंस डाइट और रेगुलर एक्‍सरसाइज करने से आप अपना वज़न कंट्रोल कर सकते हैं।
* आपको कुछ ऐसे फूड बताउंगा जिसे खाने से आप अपने पेट के निचले भाग की चर्बी को कमकर सकते हैं। मैं आपको कोई डाइट करने के लिये नहीं बोल रहा हूँ, बल्कि यह ऐसे खाघ पदार्थ हैं, जो जल्‍दी से वजन कम करते हैं, जैसे नींबू पानी, जड़ी बूटियां, ग्रीन टी आदि।

* पेट के नीचे की चर्बी को घटाने के लिये हर रोज 7 से 8 गिलास पानी जरुर पियें। इससे शरीर की गंदगी बाहर निकलेगी और आपका मैटाबॉलिज्‍म बढेगा।
जड़ी बूटियां.....
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* आपको सोडियम लेना कम करना होगा नहीं तो शरीर में पानी की मात्रा बढेगी और आप मोटे लगेगें। भोजन में नमक की मात्रा को केंट्रोल करें और इसे कंट्रोल करने के लिये कुछ तरह की जड़ी बूटियों का सेवन करें। त्रिफला खाएं और वजन घटाएं। आंवला या आंवले के जूस का सेवन भी कर सकतें हैं……
* शहद का सेवन करे ...मोटापा बढने की एक और वजह है, वह है चीनी की मात्रा। चीनी की जगह पर आप शहद का सेवन कर सकते हैं।
* दालचीनी पावडर से .... आप अपनी सुबह की कॉफी या चाय में दालचीनी पाउडर डाल कर ब्‍लड शुगर को कंट्रोल कर सकती हैं। यह एक चीनी को रिपलेस करने का एक अच्‍छा तरीका भी है।
* मेवे खाये ... फैट को कम करने के लिये आपको फैट खाना पडे़गा। जी हां, कई लोग इस बात पर यकीन नहीं करते हैं,
लेकिन मेवों में अच्‍छा फैट पाया जाता है। तो ऐसे में आप बादाम, मूगंफली और अखरोट आदि का सेवन करें। इनमें हेल्‍दी फैट होता है जो शरीर के लिये जरुरी होता है।

* एवोकाडो का सेवन भी फायदे मंद है .. इसमे ऐसा वसा होता है जो शरीर के लिये आवश्‍यक होता है। इसका जूस पीने से आपका पेट पूरे दिन भरा रहेगा और आप ओवर ईटिंग नहीं करेगें।
* संतरा ले ... आप को जब भी भूख लगे , तो उस समय अपने पर्स या बैग में संतरे रखें। इससे पेट भी भरा रहेगा और आप मोटे भी नहीं होगें।
* दही खाये .... अगर आपको पतला होना है तो अनहेल्‍दी डेजर्ट खाने से बचें और इसकी जगह पर दही खाएं। इसमें बहुत सारा पोषण होता है और कैलोरी बिल्‍कुल भी नहीं होती।
* ग्रीन टी दिन में एक कप ग्रीन टी पीने से लाभ मिलता है। इससे शरीर का मैटाबॉलिज्‍म बढता है और फैट बर्न होता है।
* सालमन.... इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है जो कि शरीर के लिये जरुरी वसा है और शरीर को अच्‍छे से कार्य करने के लिये मदद करता है। यह फैट आपका पेट पूरे दिन भरा रखता है और ज्‍यादा खाने से बचाता है।
* ब्रॉकली खाये ... इसमें विटामिन सी होता है और साथ ही यह शरीर में एक तत्‍व बनाता है जो कि शरीर फैट से एनर्जी को बदलने में प्रयोग करता है।
* नींबू का प्रयोग करे .... रोज सुबह नींबू पानी पीने से आपकी चर्बी कम हो सकती है। अगर पानी गर्म हो तो और भी अच्‍छा है। इसमें शहद मिला कर पीजिये।
* कच्‍चा लहसुन चबाने से पेट की निचले भाग की चर्बी कम होगी। अगर इसमें थोड़ा सा नींबू का रस छिड़क दिया जाए तो और भी अच्‍छा। इससे पेट भी कम होगा और ब्‍लड सर्कुलेशन भी अच्‍छा रहेगा।
* अपने भोजन में अदरक शामिल करें क्‍योंकि इसे खाने से पेट के निचले भाग की चर्बी कम होती है। इसमें एंटीऑक्‍सीडेंट होता है जो कि इंसुलिन को बढने से रोकता है और ब्‍लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।

मंगलवार, 26 मई 2015

बाल सफेद हो रहे हों या गिर रहे हों ::

बाल सफेद हो रहे हों या गिर रहे हों ::
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--नीम के बीजों के तेल को रात में बालों में लगाते है और सुबह इसे धो लिया जाता है। सप्ताह में इस तेल से बालों पर कम से कम 2 बार मालिश करें। नारियल के तेल में नीम के बीजों को उबालते हैं और इस तेल से सप्ताह में दो बार मालिश करे।
--कुसुम के बीजों का चूर्ण और बबूल की छाल का चूर्ण, दोनों समान मात्रा में लेकर तवे पर भून लिया जाता है। जलने की वजह से राख जैसा मिश्रण तैयार हो जाता है, इस मिश्रण को नारियल या मोगरा के तेल के साथ मिलाकार सिर पर मालिश किया जाए तो बालों की वृद्दि तेजी से होती है और यही फार्मुला गंजापन भी रोकने में मदद करता है।
-- इंद्रायण नामक पौधे की जडों को गौ-मूत्र में कुचलते हैं और सिर पर लगाते हैं। प्रतिदिन ऐसा करने से गंजापन नहीं आता और बालों की जडों को मजबूती भी मिलती है।

--बालों की बेहतर सेहत और घने बनाने के लिए शंखपुष्पी के ताजे पौधों को सुखा लिया जाए और चूर्ण तैयार किया जाए। इस चूर्ण को नारियल तेल में डालकर मध्यम आँच पर 20-25 मिनिट तक गर्म किया जाए। जब यह ठंडा हो जाए तो इसे छानकर बालों पर लगाया जाए, यह बालों की जडों को मजबूती प्रदान करता है और इन्हें घना भी करता है।
--आँवले के फलों का चूर्ण लिया जाए और इसमें एक टमाटर कुचल कर मिला जाए, इन दोनों को अच्छी तरह से मिलाकर सिर पर लगाकर 20 मिनिट तक मालिश किया जाए तो बालों से डेंड्रफ दूर हो जाते हैं। ऐसा सप्ताह में कम से कम एक बार अवश्य करना चाहिए।
--बालों पर नारियल का ताजा पानी लगाकर हल्की हल्की मालिश करने से बालों का रूखापन दूर होता है और इनके झडने का सिलसिला कम हो जाता है। कई इलाकों में ताजे हरे नारियल के फल से निकाली गई मलाई को भी बालों पर हल्का हल्का रगडकर मालिश करने की सलाह देते हैं।
-- अनंतमूल की चाय बडी कारगर है। इस चाय को तैयार करने के लिए अनंतमूल की जडों के साथ कुछ मात्रा में सेमल की छाल भी मिला दी जाती है और इसे पानी में डालकर खौलाया जाता है। ठंडा होने पर इसे छान लिया जाता है और पी लिया जाता है। यह फार्मुला बालों की सेहत बेहतर करता है और साथ ही बालों का असमय पकना भी रोकता है।
-- गुडहल के लाल फूलों को नारियल तेल में डालकर गर्म करते हैं और बालों पर इस तेल से मालिश की जाती है। कहा जाता है कि नहाते वक्त बालों पर इस तेल को लगाया जाए और नहाने के बाद बालों को आहिस्ता आहिस्ता सूती तौलिये से सुखा लिया जाए, और नहाने के बाद भी इस तेल को बालों पर लगाया जाए, काफी तेजी से बालों की सेहत में सुधार आता है।
--गुडहल के ताजे लाल फूलों को हथेली में कुचल लिया जाए और इस रस को नहाने के दौरान बालों पर हल्का हल्का रगडा जाए, गुडहल एक बेहतरीन कंडीशनर की तरह कार्य करता है।

--मुनगा/ सहजन की पत्तियों को कुचलकर नहाने से पहले बालों में लगाया जाए तो माना जाता है कि बालों से डेंड्रफ दूर करने में काफी मदद होती है।
--सहजन की पत्तियों का चूर्ण तैयार कर तेल में मिलाकर रात सोने से पहले सिर में लगाने की बात की जाती है। माना जाता है कि यह बालों में ताकत प्रदान करता है और अक्सर असमय पकने की प्रक्रिया को भी रोक देता है।

बुधवार, 20 मई 2015

चेचक रोग और उपचार


सीताफल : स्वादिष्ट मीठे फल के 10 गुण

सीताफल : स्वादिष्ट मीठे फल के 10 गुण
 
सीताफल इतने गुणों से भरपूर है कि शायद ही शरीर का कोई हिस्सा ऐसा हो जिसे यह फायदा न पहुंचाता हो। जानिए सीताफल के 10 गुणों के बारे में...
1. सीताफल में वजन बढ़ाने की क्षमता भरपूर होती है और अगर आप वजन बढ़ाने के सारे जतन करके थक चुके हैं तो तैयार हो जाएं एक नए और मीठे उपाय के लिए। आपको बस सीताफल को अपनी डाइट का हिस्सा बनाना है और आपका मनचाहा फिगर आप पा सकेंगे बहुत ही जल्दी।
2. सीताफल में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट विटामिन सी बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। विटामिन सी में शरीर की रोगों से लड़ने वाली शक्ति यानी इम्युन सिस्टम को बढ़ाने की क्षमता होती है तो हर दिन एक बार सीताफल खाइए और भगाइए दूर बीमारियों को।
3. क्या आप अक्सर कमजोरी महसूस करते हैं? सीताफल आपकी यह परेशानी दूर कर सकता है। सीताफल बहुत ही अच्छा एनर्जी का स्रोत होता है और इसके सेवन से थकावट और मसल्स मतलब मांसपेशियों की कमजोरी आपको बिलकुल भी महसूस नहीं होगी। बस, सीताफल को अपनी डाइट में शामिल कर लीजिए।
4. विटामिन बी कॉम्प्लेक्स से भरा हुआ सीताफल दिमाग को शीतलता देने का भी काम करता है। यह आपको चिड़चिड़ेपन से बचाकर निराशा को दूर रखता है। तो फिर बस, सीताफल अपनाइए और अपनी मानसिक शांति को रखिए अपने साथ हमेशा।
5. सीताफल आपके दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उत्तम है। इसको नियमित खाकर आप दांतों और मसूड़ों में होने वाले दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।
6. खून की कमी यानी एनीमिया से बचना अब बिलकुल आसान है। सीताफल का हर दिन इस्तेमाल खून की अल्पता को खत्म कर देता है और उल्टियों के प्रभाव को भी कम करता है।
7. सीताफल आंखों की देखने की क्षमता बढ़ाता है, क्योंकि इसमें विटामिन सी और रिबोफ्लॉविन काफी ज्यादा होता है। इससे नंबर के चश्मे को आप खुद से बड़ी आसानी से दूर रख सकते हैं।
8. सीताफल में मौजूद मैग्नीशियम शरीर में पानी को संतुलित करता है और इस तरह से जोड़ों में होने वाले अम्ल को हटा देता है। यह अम्ल गठिया रोग का मुख्य कारण होता है और इस तरह से सीताफल गठिया रोग से सुरक्षा करता है।
9. दिल की तंदुरुस्ती अब बिलकुल आसान है। इसमें सोडियम और पोटेशियम संतुलित मात्रा में होते हैं जिससे खून का बहाव यानी ब्लड प्रेशर में अचानक होने वाले बदलाव नियंत्रित हो जाते हैं।
10. दोनों प्रकार की शुगर को संतुलित रखना सीताफल के उपयोग के साथ बहुत ही आसान है। इसमें शरीर में होने वाली शुगर को सोख लेने का गुण होता है और इस तरह से यह शुगर का शरीर में स्तर सामान्य बनाए रखता है।
सीताफल एक लाजवाब, स्वादिष्ट और मीठा फल होने के साथ-साथ अपने में अनगिनत औषधीय गुणों को शामिल किए हुए है। पूरे शरीर को स्वस्थ और बीमारियों से दूर रखने का यह एक बहुत ही आसान उपाय है।
तो खुद को तंदुरुस्त रखना अब है आपके हाथ में, आपके साथ में। सीताफल खाना शुरू कीजिए और लीजिए जिंदगी का पूरा लुत्फ।

गन्‍ने का रस पीने का लाभ

गन्‍ने का रस पीने का लाभ

● गन्‍ने का रस एक शीतल पेय पदार्थ है जो कि बड़ा ही टेस्‍टी लगता है। इसे पीने से कई तरह की बीमारियां जैसे, एनीमिया, जौण्डिस, हिचकी आदि ठीक हो जाते हैं। अम्लपित्त, रोगों में गन्ने का ताजा रस काफी फायदेमंद है। यह तो हम सब जानते हैं कि हमारे गांव में गन्‍ने से कई मिठास प्रदान करने वाले पदार्थ बनाये जाते हैं जैसे-गुड़, राब, शक्कर, खांड, बूरा, मिश्री। गन्‍ने में मिनरल, विटामिन और एंटीऑक्‍सीडेंट अधिक मात्रा में पाया जाता है।
● इसके अलावा बुखार होने पर गन्‍ने का सेवन करने से बुखार जल्दी उतर जाता है। एसीडिटी के कारण होने वाली जलन में भी गन्ने का रस लाभदायक होता है। गन्ने के रस का सेवन यदि नींबू के रस के साथ किया जाए तो पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है।
● गन्ने के रस में ज्यादा बर्फ मिलाकर नहीं पीना चाहिए, सिर्फ रस पीना ज्यादा फायदेमंद है। ऐसे ही गन्‍ने के कई लाभ हैं जिनके बारे में आज हम आपको अच्‍छी तरह से बताने वाले हैं। आइये जानते हैं-
1) पीलिया :-
पीलिया ठीक करने के लिये रोज दो गिलास गन्‍ने के रस में नींबू और नमक मिला कर पीना चाहिये।
2) संक्रमण :-
मूत्र पथ के संक्रमण, यौन संचारित रोगों और पेट में सूजन आदि गन्‍ने के रस से ठीक हो जाती है।
3) किडनी :-
पथरी तभी बनती है जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है और लगातार पानी की कमी को पूरा करने से यह ठीक भी हो जाती है। इसे गायब करने के लिये रोज गन्‍ने का जसू पीजिये क्‍योंकिे यह स्‍टोन को तोड़ कर उसे घुला देता है।
4) मधुमेह
यदि आप डायबिटीज के शिकार हैं तो गन्‍ने का जूस पी सकते हैं क्‍योंकि यह ब्‍लड ग्‍लूकोज लेवल को बैलेंस कर के रखता है। इसमें बिल्‍कुल भी हानिकारक मिठास नहीं होती।
5) पोषण संबंधी लाभ
गन्‍ने में बहुत सा विटामिन और मिनरल पाया जाता है जो कि शरीर के लिये बहुत अच्‍छा माना जाता है। गन्ने के रस में फास्फोरस, लोहा, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है।
6) सर्दी, जुखाम और गले की खराश
यदि आप सोचते हैं कि गन्‍ने का रस मीठा होता है इसलिये यह सर्दी, जुखाम में पीने के लिये खराब है तो आप गलत हैं। यह सर्दी जुखाम को पल भर में सही कर देता है।
7) कैंसर
अल्‍कलाइन प्रकृति होने की वजह से यह कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है। विशेष रूप से प्रोस्‍ट्रेट , पेट, फेफड़े और स्तन कैंसर।
8) पानी की कमी पूरी करे
कई लोगों को ज्‍यादा पानी पीने की आदत नहीं होती जिससे उन्‍हें डीहाइड्रेशन हो जाता है। शरीर में पानी की कमी ना होने पाए इसके लिये गन्‍ने का रस पीजिये। गर्मियों में भी अपने शरीर को ठंडा रखने के लिये गन्‍ने का रस पीजिये।
गन्‍ने का रस पीने का लाभ

● गन्‍ने का रस एक शीतल पेय पदार्थ है जो कि बड़ा ही टेस्‍टी लगता है। इसे पीने से कई तरह की बीमारियां जैसे, एनीमिया, जौण्डिस, हिचकी आदि ठीक हो जाते हैं। अम्लपित्त, रोगों में गन्ने का ताजा रस काफी फायदेमंद है। यह तो हम सब जानते हैं कि हमारे गांव में गन्‍ने से कई मिठास प्रदान करने वाले पदार्थ बनाये जाते हैं जैसे-गुड़, राब, शक्कर, खांड, बूरा, मिश्री। गन्‍ने में मिनरल, विटामिन और एंटीऑक्‍सीडेंट अधिक मात्रा में पाया जाता है।
● इसके अलावा बुखार होने पर गन्‍ने का सेवन करने से बुखार जल्दी उतर जाता है। एसीडिटी के कारण होने वाली जलन में भी गन्ने का रस लाभदायक होता है। गन्ने के रस का सेवन यदि नींबू के रस के साथ किया जाए तो पीलिया जल्दी ठीक हो जाता है।
● गन्ने के रस में ज्यादा बर्फ मिलाकर नहीं पीना चाहिए, सिर्फ रस पीना ज्यादा फायदेमंद है। ऐसे ही गन्‍ने के कई लाभ हैं जिनके बारे में आज हम आपको अच्‍छी तरह से बताने वाले हैं। आइये जानते हैं-
1) पीलिया :-
पीलिया ठीक करने के लिये रोज दो गिलास गन्‍ने के रस में नींबू और नमक मिला कर पीना चाहिये।
2) संक्रमण :-
मूत्र पथ के संक्रमण, यौन संचारित रोगों और पेट में सूजन आदि गन्‍ने के रस से ठीक हो जाती है।
3) किडनी :-
पथरी तभी बनती है जब शरीर में पानी की कमी हो जाती है और लगातार पानी की कमी को पूरा करने से यह ठीक भी हो जाती है। इसे गायब करने के लिये रोज गन्‍ने का जसू पीजिये क्‍योंकिे यह स्‍टोन को तोड़ कर उसे घुला देता है।
4) मधुमेह
यदि आप डायबिटीज के शिकार हैं तो गन्‍ने का जूस पी सकते हैं क्‍योंकि यह ब्‍लड ग्‍लूकोज लेवल को बैलेंस कर के रखता है। इसमें बिल्‍कुल भी हानिकारक मिठास नहीं होती।
5) पोषण संबंधी लाभ
गन्‍ने में बहुत सा विटामिन और मिनरल पाया जाता है जो कि शरीर के लिये बहुत अच्‍छा माना जाता है। गन्ने के रस में फास्फोरस, लोहा, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है।
6) सर्दी, जुखाम और गले की खराश
यदि आप सोचते हैं कि गन्‍ने का रस मीठा होता है इसलिये यह सर्दी, जुखाम में पीने के लिये खराब है तो आप गलत हैं। यह सर्दी जुखाम को पल भर में सही कर देता है।
7) कैंसर
अल्‍कलाइन प्रकृति होने की वजह से यह कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है। विशेष रूप से प्रोस्‍ट्रेट , पेट, फेफड़े और स्तन कैंसर।
8) पानी की कमी पूरी करे
कई लोगों को ज्‍यादा पानी पीने की आदत नहीं होती जिससे उन्‍हें डीहाइड्रेशन हो जाता है। शरीर में पानी की कमी ना होने पाए इसके लिये गन्‍ने का रस पीजिये। गर्मियों में भी अपने शरीर को ठंडा रखने के लिये गन्‍ने का रस पीजिये।

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