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शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017

फेंगशुई एक ड्रैगन का मकड़जाल


""फेंगशुई एक ड्रैगन का मकड़जाल,

  यह घटना एक परिचित के साथ घटी थी,उन्होंने बाद में सुनाया था।
जब गृह प्रवेश के वक्त मित्रों ने नए घर की ख़ुशी में उपहार भेंट किए थे।अगली सुबह जब उन्हेंने उपहारों को खोलना शुरू किया तो उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं था!
एक दो उपहारों को छोड़कर बाकी सभी में लाफिंग बुद्धा, फेंगशुई पिरामिड, चाइनीज़ ड्रेगन, कछुआ, चाइनीस फेंगसुई सिक्के, तीन टांगों वाला मेंढक, और हाथ हिलाती हुई बिल्ली जैसी अटपटी वस्तुएं भी दी गई थी।जिज्ञासावश उन्होंने इन उपहारों के साथ आए कागजों को पढ़ना शुरू किया जिसमें इन फेंगशुई के मॉडलों का मुख्य काम और उसे रखने की दिशा के बारे में बताया गया था। जैसे लाफिंग बुद्धा का काम घर में धन, दौलत, अनाज और प्रसन्नता लाना था और उसे दरवाजे की ओर मुख करके रखना पड़ता था। कछुआ पानी में डूबा कर रखने से कर्ज से मुक्ति, सिक्के वाला तीन टांगों का मेंढक रखने से धन का प्रभाव, चाइनीस ड्रैगन को कमरे में रखने से रोगों से मुक्ति, विंडचाइम लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह, प्लास्टिक के पिरामिड लगाने से वास्तुदोषों से मुक्ति, चाइनीज सिक्के बटुए में रखने से सौभाग्य में वृद्धि होगी ऐसा लिखा था।
    यह सब पढ़ कर वह हैरान हो गया क्योंकि यह उपहार उन दोस्तों ने दिए थे जो पेशे से इंजीनियर डॉक्टर और वकील जैसे पदों पर काम कर रहे थे। हद तो तब हो गई जब डॉक्टर मित्र ने रोग भगाने वाला और आयु बढ़ाने वाला चाइनीज ड्रैगन गिफ्ट किया! जिसमें लिखा था “आपके और आपके परिवार के सुखद स्वास्थ्य का अचूक उपाय”!
इन फेंगशुई उपहारों में एक प्लास्टिक की सुनहरी बिल्ली भी थी जिसमें बैटरी लगाने के बाद, उसका एक हाथ किसी को बुलाने की मुद्रा में आगे पीछे हिलता रहता है। कमाल तो यह था कि उसके साथ आए कागज में लिखा था “ मुबारक हो, सुनहरी बिल्ली के माध्यम से अपनी रूठी किस्मत को वापस बुलाने के लिए इसे अपने घर कार्यालय अथवा दुकान के उत्तर-पूर्व में रखिए!”
उन्होंने इंटरनेट खोलकर फेंगशुई के बारे में और पता लग गया तो कई रोचक बातें सामने आई।ओह!
जब गौर किया तो चीनी आकमण का यह गम्भीर पहलू समझ में आया।
भारत से दुनिया के अनेक देशों में कहीं न कहीं फेंगशुई का जाल फैला हुआ है। इसकी मार्केटिंग का तंत्र इंटरनेट पर मौजूद हजारों वेबसाइट के अलावा, tv कार्यक्रमों, न्यूज़ पेपर्स, और पत्रिकाओं तक के माध्यम से चलता है।
अनुमानत: भारत में इस का कारोबार लगभग 200 करोड रुपए से अधिक का है। किसी छोटे शहर की गिफ्ट शॉप से लेकर सुपर माल्स तक फेंगशुई के यह प्रोडक्ट्स आपको हर जगह मिल जाएंगे।
फेंगशुई का सारा माल भारत सहित दुनिया के अलग-अलग देशों में चीन से बेचा जाता है। अभी अभी दरिद्रता और गुलामी के युग से उभरे हमारे देश देश में जहाँ आज भी लोग रोग मुक्ति, धन दौलत और प्रेमी को वश में करने के लिए गधे से शादी करने से लेकर समोसे में लाल चटनी की जगह हरी चटनी खाने तक सब कुछ करने के लिए तैयार हैं, उनकी दबी भावनाओं और इच्छाओं के साथ खेलना, शोषण करना और अपनी जेब भरना कौन सा कठिन काम है?
विज्ञान की क्रांति के इस दौर में भी जहाँ हर तथ्य का परीक्षण मिनटों में शुरू हो सकता है, आंखें मूंदकर विज्ञापनों के झांसे में आना और अपनी मेहनत का पैसा इन मूर्खताओं पर बहा देना क्या यही पढ़े लिखे लोगों की समझदारी है?
चीन में फेंग का अर्थ होता है ‘वायु’ और शुई का अर्थ है ‘जल’ अर्थात फेंगशुई का कोई मतलब है जलवायु। इसका आपके सौभाग्य, स्वास्थ्य और मुकदमे में हार जीत से क्या संबंध है?
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परिपेक्ष्य से भी देखा जाए तो कौन सा भारतीय अपने घर में आग उगलने वाली चाइनीस छिपकली यानी dragon को देख कर प्रसन्नता महसूस कर सकता है? किसी जमाने में जिस बिल्ली को अशुभ मानकर रास्ते पर लोग रुक जाया करते थे; उसी बिल्ली के सुनहरे पुतले को घर में सजाकर सौभाग्य की मिन्नतें करना महामूर्खता नहीं तो क्या है?
अब जरा सर्वाधिक लोकप्रिय फेंगशुई उपहार लाफिंग बुद्धा की बात करें- धन की टोकरी उठाए, मोटे पेट वाला गोल मटोल सुनहरे रंग का पुतला- क्या सच में महात्मा बुद्ध है?
क्या बुद्ध ने अपने किसी प्रवचन में कहीं यह बताया था कि मेरी इस प्रकार की मूर्ति को अपने घर में रखो और मैं तुम्हें सौभाग्य और धन दूंगा? उन्होंने तो सत्य की खोज के लिए स्वयं अपना धन और राजपाट त्याग दिया था।
एक बेजान चाइनीस पुतले ( लाफिंग बुद्धा) को हमने तुलसी के बिरवे से ज्यादा बढ़कर मान लिया और तुलसी जैसी रोग मिटाने वाली सदा प्राणवायु देने वाली और हमारी संस्कृति की याद दिलाने वाली प्रकृति के सुंदर देन को अपने घरों से निकालकर, हमने लाफिंग बुद्धा को स्थापित कर दिया और अब उससे सकारात्मकता और सौभाग्य की उम्मीद कर रहे हैं? क्या यही हमारी तरक्की है?
अब तो दुकानदार भी अपनी दुकान का शटर खोलकर सबसे पहले लाफिंग बुद्धा को नमस्कार करते हैं और कभी-कभी तो अगरबत्ती भी लगाते हैं!
फेंगसुई की दुनिया का एक और लोकप्रिय मॉडल है चीनी देवता फुक, लुक और साऊ। फुक को समृद्धि, लुक को यश-मान-प्रतिष्ठा और साउ को दीर्घायु का देवता कहा जाता है। फेंगशुई ने बताया और हम अंधभक्तों ने अपने घरों में इन मूर्तियों को लगाना शुरु कर दिया। मैं देखा कि इंटरनेट पर मिलने वाली इन मूर्तियों की कीमत भारत में ₹200 से लेकर ₹15000 तक है, जैसी जेब- वैसी मूर्ति और उसी हिसाब से सौभाग्य का भी हिसाब-किताब सेट है।
दोस्तों क्या आप अपनी लोककथाओं और कहानियों में इन तीनों देवताओं का कोई उल्लेख पाते हैं? क्या भारत में फैले 33 करोड़ देवी देवताओं से हमारा मन भर गया कि अब इन चाइनीस देवताओं को भी घर में स्थापित किया जा रहा है? जरा सोचिए कि किसी चाइनीस बूढ़े देवता की मूर्ति घर में रखने से हमारी आयु कैसे ज्यादा हो सकती है? क्या इतना सरल तरीका विश्व के बड़े-बड़े वैज्ञानिकों को अब तक समझ में नहीं आया था?
इसी तरह का एक और फेंगशुई प्रोडक्ट है तीन चाइनीस सिक्के जो लाल रिबन से बंधे होते हैं, फेंगशुई के मुताबिक रिबिन का लाल रंग इन सिक्कों की ऊर्जा को सक्रिय कर देता है और इन सिक्कों से निकली यांग(Yang) ऊर्जा आप के भाग्य को सक्रिय कर देती है। दुकानदारों का कहना है कि इन सिक्कों पर धन के चाइनीस मंत्र भी खुदे होते हैं लेकिन जब मैंने उनसे इन चाइनीस अक्षरों को पढ़ने के लिए कहा तो ना वे इन्हें पढ़ सके और नहीं इनका अर्थ समझा सके?
मेरा पूछना है कि क्या चीन में गरीब लोग नहीं रहते? क्यों चीनी सरकार खुद हर नागरिक के बटुवे में यह सिक्के रखवा कर अपनी गरीबी दूर नहीं कर लेती? हमारे देश के रुपयों से हम इन बेकार के चाइनीस सिक्के खरीद कर न सिर्फ अपना और अपने देश का पैसा हमारे शत्रु मुल्क को भेज रहे हैं बल्कि अपने कमजोर और गिरे हुए आत्मविश्वास का भी परिचय दे रहे हैं।
फेंगशुई के बाजार में एक और गजब का प्रोडक्ट है तीन टांगों वाला मेंढक जिसके मुंह में एक चीनी सिक्का होता है। फेंगशुई के मुताबिक उसे अपने घर में धन को आकर्षित करने के लिए रखना अत्यंत शुभ होता है। जब मैंने इस मेंढक को पहली बार देखा तो सोचा कि जो देखने में इतना भद्दा लग रहा है वह मेरे घर में सौभाग्य कैसे लाएगा?
मेंढक का चौथा पैर काट कर उसे तीन टांग वाला बनाकर शुभ मानना किस सिरफिरे की कल्पना है?
क्या किसी मेंढक के मुंह में सिक्का रखकर घर में धन की बारिश हो सकती है?
संसार के किसी भी जीव विज्ञान के शास्त्र में ऐसे तीन टांग वाले ओर सिक्का खाने वाले मेंढक का उल्लेख क्यों नहीं है?
मित्रों क्या हमें अकर्मण्य बनाकर और अधिक भाग्यवादी नहीं बना रही है? क्या चाइनीस सिक्के वाला यह मेंढक और इसके जैसे अन्य फेंगशुई प्रोडक्ट्स हम भारतीयों की अमर होने में कोई मदद कर सकते हैं?
दुख की बात तो यह है कि हमारी कोमल भावनाओं तथा लालची प्रवृति का शोषण अब हमारे अपने लोग भी करने लगे हैं। नई डिबिया और पुराना माल की तर्ज पर हमारे देश में भी कुबेर कुंजी, लक्ष्मी पादुका, सौभाग्य ताला नजर सुरक्षा कवच, और सैकड़ों तरह की है यंत्र ताबीज पीछे जा रहे हैं।
चर्चित tv कलाकारों को पैसा देकर गंडे ताबीजों की महिमा में ऐसी ऐसी बातें बताई जाती है कि मेहनत ईमानदारी और पसीना बहाकर काम करने जैसी बातें हमें बेवकूफाना लगने लगती है। क्या हमारे विकासशील और संघर्ष करने वाले ही इस देश को इस प्रकार की वैज्ञानिक सोच लाभ पहुंचा सकती है?
पढ़े-लिखे लोग भी जब इन झासों के शिकार बने हुए दिखते हैं तो गांव के निरक्षर आदिवासियों को हम किस मुंह से झाड़ फूंक और जादू टोने से ऊपर उठने के लिए कह सकते हैं?
फेंगशुई से सौभाग्य की गारंटी देते ये धोखेबाज हमारे समाज में कैंसर की तरह पनप रहे हैं। समय रहते अपनी वैज्ञानिक सोच को जागृत करना और इनसे पीछा छुड़ाना अत्यंत आवश्यक है। आप आप भी अपने आसपास गौर कीजिए आपको कहीं ना कहीं इस फेंगशुई की जहरीली और अंधविश्वास को बढ़ावा देती चीजें अवश्य ही मिल जाएगी। समय रहते स्वयं को अपने परिवार को और अपने मित्रों को इस अंधेकुएं से निकालकर अपने देश की मूल्यवान मुद्रा को चाइना के फैलाए षड्यंत्र की बलि चढ़ने से बचाइए।

गुरुवार, 2 फ़रवरी 2017

आज का पंचांग व राशिफल

.        ।। 🕉 ।।
    🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
««« *आज का पंचांग* »»»
कलियुगाब्द.................5118
विक्रम संवत्...............2073
शक संवत्..................1938
मास...........................माघ
पक्ष...........................शुक्ल
तिथी..........................षष्ठी
रात्रि 12.42 पर्यंत पश्चात सप्तमी
रवि.....................उत्तरायण
सूर्योदय...........07.06.12 पर
सूर्यास्त...........06.15.37 पर
तिथि स्वामी............कार्तिकेय
नित्यदेवी................नित्याम्बा
नक्षत्र..........................रेवती
रात्रि 09.11 पर्यंत पश्चात अश्विनी
योग...........................साध्य
रात्रि 02.41 पर्यंत पश्चात शुभ
करण........................कौलव
दोप 01.33 पर्यंत पश्चात तैतिल
ऋतु...........................बसंत
दिन..........................गुरुवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
02 फरवरी सन 2017 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
दोपहर 01.55 से 03.15 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
दक्षिणदिशा -
यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

☸ शुभ अंक..................2
🔯 शुभ रंग.............केसरिया

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 07.12 से 08.32 तक शुभ
प्रात: 11.13 से 12.34 तक चंचल
दोप. 12.34 से 01.55 तक लाभ
दोप. 01.55 से 03.15 तक अमृत
सायं 04.36 से 05.57 तक शुभ
सायं 05.57 से 07.36 तक अमृत
रात्रि 07.36 से 09.15 तक चंचल |

💮 *आज का मंत्र* :-
।। ॐ सत्पुरुषाय नम: ।।

📢 *सुभाषितम्* :-
*अष्टावक्र गीता - द्वितीय अध्याय :-*
द्वैतमूलमहो दुःखं नान्य-
त्तस्याऽस्ति भेषजं।
दृश्यमेतन् मृषा सर्वं
एकोऽहं चिद्रसोमलः॥ २-१६॥
अर्थात :-
द्वैत (भेद)  सभी दुखों का मूल कारण है। इसकी इसके अतिरिक्त कोई और औषधि नहीं है कि यह सब जो दिखाई दे रहा है वह सब असत्य है। मैं एक, चैतन्य और निर्मल हूँ॥१६॥.3

🍃 *आरोग्यं* :-
धनिया क्यों फायदेमंद होता है ?

✏* धनिया हर भारतीय रसोई का अभिन्न हिस्सा है। बतौर मसाला और व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए इसे खूब इस्तेमाल किया जाता है।

✏* चाहे धनिया की हरी ताजा पत्तियों की बात हो या इसके सूखे हुए बीज, इनका इस्तेमाल घर-घर में किया जाता है। आधुनिक विज्ञान ने धनिया के अनेक औषधीय गुणों को प्रमाणित किया है। आज हम आपको इससे जुड़े पारंपरिक ज्ञान के बारे में बताने जा रहे हैं।

✏* हरे ताजे धनिया की पत्तियां लगभग 20 ग्राम और उसमें चुटकी भर कपूर मिला कर पीसकर रस छान लें। इस रस की दो बूंदें नाक के छिद्रों में दोनों तरफ टपकाने से तथा रस को माथे पर लगा कर हल्का-हल्का मलने से नाक से निकलने वाला खून, जिसे नकसीर भी कहा जाता है, तुरंत बंद हो जाता है।

✏* थोड़ा-सा ताजा हरा धनिया कुचलकर कर पानी में उबाल कर ठंडा होने के बाद मोटे कपड़े से छान कर शीशी में भर लें। इसकी दो बूंदें आंखों में टपकाने से आंखों में जलन, दर्द तथा आंख से पानी गिरना जैसी समस्याएं दूर होती हैं।

✏* धनिया महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी समस्याओं को भी दूर करता है। यदि मासिक धर्म साधारण से ज्यादा हो, तो आधा लीटर पानी में लगभग 6 ग्राम धनिया के बीज डालकर खौलाएं और इसमें शक्कर डालकर पिएं, फायदा होगा।

✏* धनिया को मधुमेह नाशी माना जाता है। इसके सेवन से खून में इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है। धनिया त्वचा के लिए भी फायदेमंद है।

✏* धनिया की पत्तियों के कुचलकर इसकी 1 चम्मच मात्रा लेकर चुटकी भर हल्दी का चूर्ण मिलाकर चेहरे पर दिन में कम से कम 2 बार लगाएं। इससे मुंहासों की समस्या दूर होती है और यह ब्लैकहेड्स को भी हटाता है। सौंफ, मिश्री व धनिया के बीजों की समान मात्रा लेकर चूर्ण बना कर 6-6 ग्राम प्रतिदिन भोजन के बाद खाने से हाथ-पैर की जलन, एसिडिटी, आंखों की जलन, पेशाब में जलन व सिरदर्द दूर होता है।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। परिवार में सुख एवं तरक्की का आगमन होगा। परेशानियों का मुकाबला करके भी लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।
               
🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
व्यावसायिक निर्णय लेने में जल्दबाजी नहीं दिखाएं। आर्थिक योग मध्यम रहेंगे। पारिवारिक जवाबदारी पर ध्यान दें। आवेश, उत्तेजना पर संयम रखना होगा। अधूरे पड़े काम पूरे हो सकेंगे।
                   
👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
पारिवारिक तनाव से मन परेशान रहेगा। व्यापार-व्यवसाय मध्यम रहेगा। मित्र सहयोग करेंगे। आप स्वार्थ एवं भोग की प्रवृत्ति रहेगी।
           
🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
कार्य एवं व्यवसाय के क्षेत्र में विभिन्न बाधाओं से मन अशांत रहेगा। शत्रुपक्ष से सतर्क रहें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। कर्ज लेना पड़ सकता है।
            
🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
परिवार के सदस्यों से मदद मिलेगी। आपका सामाजिक क्षेत्र बढ़ेगा। आमदनी में वृद्धि होगी। अधिक प्रतिष्ठा प्राप्त नहीं कर पाएंगे।
                   
👸🏻 *राशि फलादेश कन्या* :-
आप सही निर्णय लेने में सक्षम होंगे। मित्रों से विवाद, लेन-देन से बचें। विवाद समाप्त होने से शांति एवं सुख बढ़ेगा।
                     
⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
व्यावसायिक क्षेत्र में सफलता का विशेष योग है। अनुकूल समाचार मिलेंगे। जल्दबाजी में काम न करें। संतान के कामों पर नजर रखें।
    
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
व्यापारिक लाभ के आर्थिक सुदृढ़ता बढ़ेगी। व्यवहारकुशलता से समस्या का समाधान होगा। उच्च और बौद्धिक वर्ग में सम्मान प्राप्त होगा।
    
🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
भूमि संबंधी लेन-देन में रुचि बढ़ेगी। अधूरे पड़े कार्य पूर्ण होने के योग हैं। संतान के प्रति रुचि बढ़ेगी। व्यापार में नए अनुबंध होंगे।
                        
🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
कानूनी मामलों में लापरवाही नहीं करें। जायदाद संबंधी समस्या सुलझने की संभावना है। आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। व्यापार अच्छा चलेगा।
                       
🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
व्यापार, नौकरी में आपका महत्व एवं प्रभाव बढ़ेगा। पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान दें। प्रयास व सहयोग से अनुकूलता आएगी।
               
🐬 *राशि फलादेश मीन* :-
नए संबंध लाभदायी सिद्ध होंगे। राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यों में सफलता मिलेगी। खर्चों में कमी का प्रयास करें। शिक्षा व ज्ञान में वृद्धि होगी।
          
☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।

।। *शुभम भवतु* ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय*  🚩🚩

बुधवार, 1 फ़रवरी 2017

किन लोगों को शनिदेव बनाते है धनी...

किन लोगों को शनिदेव बनाते है धनी....

शनिदेव की अपने पिता सूर्य से अत्यधिक दूरी के कारण यह प्रकाशहीन हैं। इसी कारण लोग शनिदेव को अंधकारमयी, भावहीन, गुस्सैल, निर्दयी और उत्साहहीन भी मान बैठते हैं परंतु शनि ग्रह ईमानदार लोगों के लिए यश, धन, पद और सम्मान का ग्रह है। शनि संतुलन एवं न्याय के ग्रह हैं। शनि अर्थ, धर्म, कर्म और न्याय का प्रतीक हैं। शनि ही धन-संपत्ति, वैभव और मोक्ष भी देते हैं। कहते हैं शनि देव पापी व्यक्तियों के लिए अत्यंत कष्टकारक हैं। शनि की दशा आने पर जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, जिससे जीवन पूरी तरह से डगमगा सकता है परंतु शनि कुछ लोगों के अत्यंत शुभ और श्रेष्ट फल देता है।आइए जानते हैं शनि किन लोगों को धनी बनाता है।

* जो लोग अपने हाथ-पांव के नाखून निरंतर अंतराल पर काटते हैं व नाखुनों में मैल नहीं जमने देते शनि उनका सैदेव कल्याण करते हैं।

* जो लोग पौष माह में गरीबों को काले चने, काले तिल, उड़द, काले कपड़े आदि का नि:स्वार्थ दान करते हैं शनि उनसे प्रसन्न रहते हैं।

* जो लोग जेष्ठा माह में धूप से बचने के लिए काले छातों का दान करते हैं शनिदेव उन पर अपनी छत्र छाया बनाए रखते हैं।

* जो लोग कुत्तों की सेवा करते हैं अथवा कुत्तों को भोजन देते हैं और उन्हें सताते नहीं हैं शनिदेव उन्हें कष्टों से मुक्ति देते है।

* जो लोग नेत्रहीनों को राह दिखाकर उनका मार्ग प्रशस्त करते हैं शनिदेव उनके लिए उन्नति के मार्ग खोलते हैं।

* जो लोग शनिवार का उपवास रखकर अपने हिस्से का भोजन गरिबों को दान करते हैं शनि उनके भण्डार भरते हैं।

* जो लोग मछली का सेवन नहीं करते तथा मछलियों को दाना डालते हैं शनिदेव उनसे सदैव प्रसन्न रहते हैं।

* जो लोग रोज़ संपूर्ण स्नान कर स्वयं को साफ़ व पवित्र रखते हैं शनिदेव उन्हें कभी कष्ट नहीं देते।

* जो लोग सफाई कर्मियों को सम्मान व आर्थिक अनुदान देते हैं शनिदेव उनको धन प्रदान करते हैं।

* जो लोग मेहनतकश मजदूरों का हक नहीं मारते शनिदेव उन्हें कभी कष्ट नहीं देते।

* जो लोग वृद्ध स्त्रियों को माता समान सम्मान देते हैं शनिदेव उनकी सहयता हेतु तत्पर रहते हैं।

* जो लोग पीपल व बरगद का नियमित पूजन करते हैं निश्चित ही शनिदेव उनसे प्रसन्न रहते हैं।

जो लोग नियमित शिवलिंग का पूजन करते हैं शनिदेव उनका सदैव ध्यान रखते हैं।

* जो लोग पितृ श्राद्ध कर कौए को भोजन देते हैं शनि खुश होकर उनके कष्ट हरते हैं।

* जो लोग धर्म मार्ग से लक्ष्मी अर्जित करते हैं शनि उन्हें अटूट लक्ष्मी का वर देते हैं।

* जो लोग असहाय वृद्धों को आर्थिक अनुदान देते हैं शनिदेव उनके भंडार भर देते हैं।

* जो लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं शनिदेव उनके रक्षक बन जाते हैं।

* जो लोग विकलांगो की सहयता करते हैं शनि उनका सैदेव कल्याण करते हैं।

* जो लोग शराब व मदपान से दूर रहते हैं शनिदेव उनसे सैदेव प्रसन्न रहते हैं।

* जो लोग शाकाहार अपनाते हैं शनि उनका कुटुंब सहित कल्याण करते हैं।

* जो लोग सातमुखी रुद्राक्ष धारण करते हैं शनि उनके भाग्य खोल देते हैं।

* जो लोग ब्याजखोरी से दूर रहते हैं शनि उनकी सैदेव सहयता करते हैं।

* जो लोग कोढ़ियों की सेवा करते हैं शनि उनके सभी कष्ट हर लेते हैं।

शास्त्रानुसार ये 9 काम करने से रहती है घर में खुशहाली।

शास्त्रानुसार ये 9 काम करने से रहती है घर में खुशहाली।
   
हमारे शास्त्रों में कई ऐसे काम बताएं गए है जिनका पालन यदि किसी परिवार में किया जाए तो वो परिवार पीढ़ियों तक खुशहाल बना रहता है। आइए जानते है शास्त्रों में बताएं गए 9 ऐसे ही काम।

1. कुलदेवता पूजन और श्राद्ध-
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जिस कुल के पितृ और कुल देवता उस कुल के लोगों से संतुष्ट रहते हैं। उनकी सात पीढिय़ां खुशहाल रहती है। हिंदू धर्म में कुल देवी का अर्थ है कुल की देवी। मान्यता के अनुसार हर कुल की एक आराध्य देवी होती है। जिनकी आराधना पूरे परिवार द्वारा कुछ विशेष तिथियों पर की जाती है। वहीं, पितृ तर्पण और श्राद्ध से संतुष्ट होते हैं। पुण्य तिथि के अनुसार पितृ का श्राद्ध व तर्पण करने से पूरे परिवार को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

2.जूठा व गंदगी से रखें घर को दूर-
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जिस घर में किचन मेंं खाना बिना चखें भगवान को अर्पित किया जाता है। उस घर में कभी अन्न और धन की कमी नहीं होती है। इसलिए यदि आप चाहते हैं कि घर पर हमेशा लक्ष्मी मेहरबान रहे तो इस बात का ध्यान रखें कि किचन में जूठन न रखें व खाना भगवान को अर्पित करने के बाद ही जूठा करें। साथ ही, घर में किसी तरह की गंदगी जाले आदि न रहे। इसका खास ख्याल रखें।

3. इन पांच को खाना खिलाएं-
     *****************
खाना बनाते समय पहली रोटी गाय के लिए निकालें। मछली को आटा खिलाएं। कुत्ते को रोटी दें। पक्षियों को दाना डालें और चीटिंयों को चीनी व आटा खिलाएं। जब भी मौका मिले इन 5 में से 1 को जरूर भोजन करवाएं।

4. अन्नदान –
    *****
दान धर्म पालन के लिए अहम माना गया है। खासतौर पर भूखों को अनाज का दान धार्मिक नजरिए से बहुत पुण्यदायी होता है। संकेत है कि सक्षम होने पर ब्राह्मण, गरीबों को भोजन या अन्नदान से मिले पुण्य अदृश्य दोषों का नाश कर परिवार को संकट से बचाते हैं। दान करने से सिर्फ एक पीढ़ी का नहीं सात पीढिय़ों का कल्याण होता है।

5. वेदों और ग्रंथों का अध्ययन –
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सभी को धर्म ग्रंथों में छुपे ज्ञान और विद्या से प्रकृति और इंसान के रिश्तों को समझना चाहिए। व्यावहारिक रूप से परिवार के सभी सदस्य धर्म, कर्म के साथ ही उच्च व्यावहारिक शिक्षा को भी प्राप्त करें।

6. तप –
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आत्मा और परमात्मा के मिलन के लिए तप मन, शरीर और विचारों से कठिन साधना करें। तप का अच्छे परिवार के लिए व्यावहारिक तौर पर मतलब यही है कि परिवार के सदस्य सुख और शांति के लिए कड़ी मेहनत, परिश्रम और पुरुषार्थ करें।

7. पवित्र विवाह –
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विवाह संस्कार को शास्त्रों में सबसे महत्वपूर्ण संस्कार माना गया है। यह 16 संस्कारों में से पुरुषार्थ प्राप्ति का सबसे अहम संस्कार हैं। व्यवहारिक अर्थ में गुण, विचारों व संस्कारों में बराबरी वाले, सम्माननीय या प्रतिष्ठित परिवार में परंपराओं के अनुरूप विवाह संबंध दो कुटुंब को सुख देता है। उचित विवाह होने पर स्वस्थ और संस्कारी संतान होती हैं, जो आगे चलकर कुल का नाम रोशन करती हैं।

8. इंद्रिय संयम –
   ********
कर्मेंन्द्रियों और ज्ञानेन्द्रियों पर संयम रखना। जिसका मतलब है परिवार के सदस्य शौक-मौज में इतना न डूब जाए कि कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को भूलने से परिवार दु:ख और कष्टों से घिर जाए।

9. सदाचार –
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अच्छा विचार और व्यवहार। संदेश है कि परिवार के सदस्य संस्कार और जीवन मूल्यों से जुड़े रहें। अपने बड़ों का सम्मान करें। रोज सुबह उनका आशीर्वाद लेकर दिन की शुरुआत करे ताकि सभी का स्वभाव, चरित्र और व्यक्तित्व श्रेष्ठ बने। स्त्रियों का सम्मान करें और परस्त्री पर बुरी निगाह न रखें। ऐसा करने से घर में हमेशा मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

अग्नि में डाला हुआ पदार्थ नष्ट नहीं होता,

अग्नि में डाला हुआ पदार्थ नष्ट नहीं होता, फैल जाता है
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यह बात बुद्धिगम्य कर लेनी चाहिए कि अग्नि में डाला हुआ पदार्थ नष्ट नहीं होता ।

अग्नि का काम स्थूल पदार्थ को सूक्ष्म रूप में परिवर्तित कर देना है ।
यज्ञ करते हुए अग्नि में घी डालते हैं, वह नष्ट नहीं होता, स्थूल घी, घी के सूक्ष्म परमाणुओं में बदल जाता है , जो घी एक कटोरी में था, परमाणुओं के रूप में वह सारे वातावरण में फैल जाता है ।
सामग्र गुग्गल, जायफल, जावित्री, मुनक्का आदि जो कुछ डाला गया था, वह परमाणुओं में टूटकर सारे वायुमण्डल में व्याप्त हो जाता है ।
किसी बात का पता चलता है, किसी का नहीं । उदाहरण के लिए--स्थूल (साबुत) मिर्च को आप जेब में डालकर घुमते रहें, किसी को कुछ पता नहीं चलेगा, उसी को हमामदस्ते में कूटें तो उसकी धमक से छीकें आने लगेंगी, उसी को आग में डाल दें तो सारे घर के लोग दूर-दूर बैठे हुए भी परेशान हो जाएँगे ।
क्यों परेशान हो जाएँगे ?
क्योंकि आग का काम स्थूल वस्तु को तोडकर सूक्ष्म कर देना है और वस्तु सूक्ष्म होकर परिमित स्थान में कैद न रहकर दूर-दूर फैल जाती है और असर करती है ।
मनु महाराज ने ठीक कहा है---आग में डालने से हवि सूक्ष्म होकर सूर्य तक फैल जाती है---
"अग्नौ हुतं हविः सम्यक् आदित्यम् उपतिष्ठति ।"

Budget Live 2017 : बजट 2017-18 के मुख्‍य बिन्दु 1 फ़रवरी 2017 (12:53 IST)

Budget Live 2017 : अरुण जेटली के बजट 2017-18 के मुख्‍य बिन्दु
Last Updated: बुधवार, 1 फ़रवरी 2017 (12:53 IST) 
केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2017-18 का बजट पेश किया। बजट के इतिहास में यह पहला मौका है जब रेल बजट भी आम बजट के साथ पेश किया जा रहा है। अभी तक बजट 28 फरवरी को पेश होता था, लेकिन इस बार सरकार 1 फरवरी को बजट पेश कर रही है।
* इनकम टैक्स घटाया।
* 2.5 से 5 लाख तक आय पर 5 फीसदी टैक्स। अब तक 10 फीसदी था।
* 3 लाख रुपए तक अब कोई टैक्स नहीं।
* राजनीतिक दल 2000 रुपए से ज्यादा चंदा नकद में नहीं ले सकेंगे।
* पार्टी फंड के लिए दानदाता खरीद सकेंगे बांड।
* अब सिर्फ 2 हजार रुपयों तक ही कैश में चंदा ले पाएंगी राजनीतिक पार्टियां। चेक-डिजिटल मोड से चंदा
* धार्मिक डोनेशन पर टैक्स छूट घटी।
* भूमि-अधिग्रहण पर मुआवजा कर-मुक्त होगा
* 8 नवंबर से 30 नवंबर के दौरान 1.09 करोड़ खातों में औसत 5 लाख से अधिक जमा।
* अब तीन लाख से ज्यादा के नकद लेन-देन की इजाजत नहीं।
* 50 करोड़ की आय वाली कपंनियों का टैक्स 5 प्रतिशत  कम कर 25 प्रतिशत किया गया। मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए टैक्स में छूट दी गई है।
* टैक्स में मध्य वर्ग को राहत देने का ऐलान किया जा रहा है। हम टैक्स रेट को व्यवहारिक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
* काले धन की जांच के लिए विशेष जांच दल।
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पुरस्कर्ता 
* पूंजी जुटाने पर 3 साल तक टैक्स नहीं।
* 70 साल के बाद भी राजनीतिक दलों की फंडिंग में पारदर्शिता नहीं। पार्टी फंडिंग में पारदर्शिता में टैक्स पर छूट।
* रसोई गैस पर कस्टम ड्‍यूटी 5 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी की गई।
* निजी आयकर में 34.8 फीसदी की बढ़ोतरी। ऐसा नोटबंदी के चलते हुआ। आखिरी 3 क्वार्टर्स में 34.8 फीसदी एडवांस टैक्स अधिक आया।
* नोटबंदी के दौरान 1.09 करोड़ खातों में दो लाख से 80 लाख तक जमा।
* 1.48 लाख खातों में 80 लाख से ज्यादा जमा हुए।
* 3.7 करोड़ व्यक्तियों में से 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख की छूट सीमा से कम आय दिखाई।
* सस्ते घर की परिभाषा कारपेट एरिया से तय।
* वित्त मंत्री ने बताया, 2016-17 के लिए 5.97 लाख कंपनियों ने अपने आय का विवरण प्रस्तुत किया है
पढ़िए बजट से जुड़ी हर जरूरी जानकारी
* कैपिटल गेन टैक्स की अवधि अब 2 साल।
* 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख से कम आय बताई।
* 24 लाख 10 लाख से ऊपर की आय बताते हैं।
* सिर्फ 1.74 करोड़ लोग ही इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं।
* 76 लाख लोग 5 लाख से ज्यादा की आय दर्शाते हैं।
* सरकारी घाटा कम करने का लक्ष्य।
* अगले 3 सालों के लिए 3 प्रतिशत वित्तीय घाटे का लक्ष्य।
* 7000 कंपनियों ने 10 करोड़ से ऊपर मुनाफा बताया।
* 5.9 फीसदी कंपनियों ने रिटर्न फाइल किया।
* कालेधन से निबटना हमारी प्राथमिकता।
* जेटली ने यह भी कहा- नई दु‍निया है नया दौर है कुछ हैं नई उमंग
रोशनी आज आके अंधेरे से टकराई है,  काले धन को भी बदलना पड़ा अपना रंग।
* रक्षा क्षेत्र के लिए 2.74 लाख करोड़। यह रक्षा खर्च पेंशन के अलावा है 
* भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर कसेगा शिकंजा।
* डेढ लाख गांवों में ब्रॉडबैंड सेवा पहुंचाई जाएगी।
* सुरक्षाकर्मियों के लिए सेंट्रलाइज ट्रैवलिंग सिस्टम विकसित किया गया। वारंट की जरूरत जरूरत नही, अब ऑनलाइन टिकट जारी होंगे।
* हरियाणा के 8 जिले कैरोसिन मुक्त घोषित।
* 84 योजनाओं के लाभ अब सीधे खातों में।
* आधार कार्ड आधारित 20 लाख पीयूएस आएंगे।
* भ्रष्टाचार हटाने के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था जरूरी।
* सरकार भीम ऐप को बढ़ावा देने के लिए लेन-देन को भीम ऐप के जरिए करने पर विचार कर रही है। 25 लाख से ज्यादा लोगों ने भीम एप लिया।
* पेमेंट रेगुलेशन बोर्ड की स्थापना की जाएगी। सरकारी संस्थाओं में डिजिटल लेन देन को बढ़ावा।
* फौजियों के लिए विशेष यात्रा सुविधाएं।
* चंपारण सत्याग्रह की 100वीं जयंती मनाई जाएगी। साबरमती आश्रम की स्थापना के भी 100 साल।
* भारत नेट प्रॉजेक्ट को 10,000 करोड़ रु., ट्रांसपॉर्ट सेक्टर को 2.41 लाख करोड़ रुपए का आवंटन।
* हेड पोस्ट ऑफिस भी अब पासपोर्ट से जुड़े काम करेंगे।
चंडीगढ़ समेत हरियाणा के 8 जिले केरोसिन फ्री हो चुके हैं ।
* इंद्रधनुष योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 10,000 करोड़ की शेयर पूंजी।
* प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2017-18 में 2.44 लाख करोड़ रुपए देने का लक्ष्य।
* तटीय इलाकों में 2 हजार किमी सड़क की पहचान की जाएगी।
* स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर्स लगाए जाएंगे। 300 स्टेशनों से होगी शुरुआत।
* 6000 रुपए गर्भवती महिलाओं के खाते में दिए जाएंगे।
* आंगनबाड़ी केंद्रों को 500 करोड़ दिए जाएंगे।
* एसएमएस आधारित 'क्लीन माई कोच' सेवा शुरू की गई।
* सीनियर सिटीजन के लिए आधार बेस्ड स्मार्ट कार्ड दिए जाएंगे।
* भीम ऐप को बढ़ावा देने के लिए रेफरल बोनस मिलेगा।
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* IRCTC, IRFC, IRCON शेयर बाज़ार में लिस्ट होंगे।
* सीनियर सिटीजन्स के लिए LIC की नई पेंशन योजना। हर साल 8 फीसदी का निश्चित मिलेगा।
* एफडीआई नीति को और उदार बनाया जाएगा।
* साइबर सुरक्षा को और मजबूत बनाया जाएगा।
* कंप्यूटर एमरजेंसी रिस्पांस टीम बनेगी।
* एफआईपीबी को खत्म किया जाएगा, FDI के 90% प्रस्ताव ऑटोमैटेड तरीके से।
* ओड़िशा और राजस्थान में दो ऑइल रिजर्व बनाए जाएंगे।
* सौर ऊर्जा में 23000 अतिरिक्त मेगावॉट क्षमता की तैयारी।
* मेडिकल पोस्ट ग्रेजुएट में 5000 सीटें बढ़ेंगी।
* बुनियादी ढांचे के लिए 3.96 लाख करोड़।
* नेशनल हाईवे के लिए 67 हजार करोड़ रुपए।
* पीपीपी मॉडल के तहत छोटे शहरों में एयरपोर्ट बनाए जाएंगे।
* चेचक और टीबी जैसी ख़तरनाक बीमारियों को देश से ख़त्म करने की योजना बनाई है।
* ऑनलाइन टिकट बुकिंग करने पर नहीं लगेगा सर्विस चार्ज। आईआरसीटीसी से ई-टिकट पर सर्विस चार्ज नहीं।
* कोच मित्र योजना शुरू की जाएगी
* ट्रेनों में बायो टॉइलट लगाए जाएंगे, 2019 तक इस काम को समाप्त कर लिया जाएगा।
* रेलवे अतिरिक्त संसाधनों से पैसा जुटाने की कोशिश करेगी।
* रेलवे यात्रियों की सुरक्षा, सफाई, विकास और आय पर फोकस करेगी।
* 3500 किलोमीटर नई रेल लाइनें बिछाई जाएंगी।
* रेलवे के लिए 1 लाख 31 हजार करोड़ का बजट।
* 1 लाख करोड़ का राष्ट्रीय रेल सुरक्षा फंड बनेगा।
* पर्यटन और तीर्थ के लिए विशेष ट्रेनें।
* 500 स्टेशन दिव्यांगों की सुविधा के मुताबिक।
* मुसाफिरों की सुरक्षा के लिए रेल संरक्षा कोष।

श्री माहेश्वरी टाइम्स के जोधपुर विशेषांक के फ़रवरी अंक मे प्रकाशित

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जय श्री कृष्णा
कलियुग में पाप तो स्वतः हो जाते हैं किन्तु पुण्य करने के लिए प्रयत्न करने पड़ते हैं
"अपने लिए तो सभी जीते हैं कभी दूसरों के लिए जीकर dekho "

श्री माहेश्वरी टाइम्स के जोधपुर विशेषांक के प्रकाशन पर हार्दिक बधाइया

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मानवता की सेवा मे समर्पित "साँवरिया"

वसंत पंचमी का पर्व (Vasant Panchami)

वसंत पंचमी ( 1 फरवरी 2017)
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माघ शुक्ल पंचमी को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इसमे अप्रान्ह व्यापिनी पंचमी ली जाती है. 1 फरवरी को पंचमी अप्रान्ह व्यापिनी है. इसलिये यह पर्व 1 फरवरी 2017 को ही मनाया जाएगा.

इस दिन माँगलिक कार्य किये जा सकते हैं, क्योकि बसंत पंचमी स्वयं मे सिद्ध मुहूर्त है. इस दिन माँ सरस्वती जी का पूजन किया जाता है. छात्रो, अध्यापको, लेखको, पत्रकारो को तो इस दिन व्रत रखकर माँ सरस्वती जी का पूजन करना ही चाहिए.

वसंत पंचमी पूजा विधि
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देवीभागवत के अनुसार देवी सरस्वती की पूजा सर्वप्रथम भगवान श्री कृष्ण ने की थी। मान्यतानुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि जिसे वसंत पंचमी (Vasant Panchami) के नाम से जाना जाता है, के दिन विद्यारंभ के शुभ अवसर पर देवी सरस्वती की पूजा करनी चाहिए।

सरस्वती व्रत की विधि
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इस दिन मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए। प्रात: काल समस्त दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के पश्चात मां भगवती सरस्वती की आराधना का प्रण लेना चाहिए। इसके बाद दिन के समय यानि पूर्वाह्नकाल में स्नान आदि के बाद भगवान गणेश जी का ध्यान करना चाहिए। स्कंद पुराण के अनुसार सफेद पुष्प, चन्दन, श्वेत वस्त्रादि से देवी सरस्वती जी की पूजा करनी चाहिए। पूजा के उपरांत देवी को दण्डवत प्रणाम करना चाहिए।

देवी सरस्वती का मंत्र
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सरस्वती जी की पूजा के लिए अष्टाक्षर मूल मंत्र
"श्रीं ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा"
परम श्रेष्ठतम और उपयोगी है।

विशेष
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देवी सरस्वती की पूजा में श्वेत वर्ण का अहम स्थान होता है। इनको चढ़ाने वाले नैवेद्य व वस्त्र अधिकतर श्वेत वर्ण के ही होने चाहिए।

सरल और सुंदर सरस्वती मंत्र
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नवरात्रि के नौ पवित्र दिनों में विद्यार्थियों को माता सरस्वती की आराधना अवश्य करनी चाहिए। जो लोग सरस्वती के कठिन मंत्र का जप नहीं कर सक‍ते उनके लिए प्रस्तुत है मां सरस्वती के सरल मंत्र। नवरात्रि में इस मंत्र जप का आरंभ करने और आजीवन इस मंत्र का पाठ करने से विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।

- मां सरस्वती का सुप्रसिद्ध मंदिर मैहर में स्थित है। मैहर की शारदा माता को प्रसन्न करने का मंत्र इस प्रकार है।

* 'शारदा शारदांभौजवदना, वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रियात्।

- शरद काल में उत्पन्न कमल के समान मुखवाली और सब मनोरथों को देने वाली मां शारदा समस्त समृद्धियों के साथ मेरे मुख में सदा निवास करें।

* सरस्वती का बीज मंत्र 'क्लीं' है। शास्त्रों में क्लींकारी कामरूपिण्यै यानी 'क्लीं' काम रूप में पूजनीय है
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*हरे कृष्ण*

शनिवार, 14 जनवरी 2017

साँवरिया द्वारा निर्धन छात्रों को शीतलहर से बचने हेतु 101 स्वेटर वितरित

मानवता की सेवा में समर्पित "सांवरिया" के संस्थापक कैलाशचंद्र लढा ने बताया की मकर सक्रांति के अवसर पर जोधपुर के बड़ी भील बस्ती स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, बड़ी भील बस्ती के निर्धन एवं आर्थिक रुप से अक्षम छात्रों को शीतलहर से बचने हेतु स्वेटर वितरित कर मकरसकरांति का कार्यक्रम का आयोजन किया गया
जिसमे सांवरिया की अध्यक्ष व भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष डॉक्टर नीलम मूंदड़ा जी, संस्थापक कैलाशचंद्र लढा एवं संरक्षक अभिषेक जी शर्मा, राजकुमारी गुप्ता, शशि गोयल, कमला सांखला व स्नेह लता जी एवं स्कूल के सभी अध्यापकों ने भाग लिया
सर्वप्रथम डॉ. नीलम जी ने सभी छात्रों को प्रतिदिन काम में लिए जाने वाले दिनचर्या के बारे मे छात्रों से प्रश्न पूछे उसके बाद सभी छात्रों को दिनचर्या व्यवस्थित करने हेतु मंत्र और गुर सिखाए एवं सभी छात्रों से यह संकल्प दिलवाया कि वह मकर सक्रांति से ही प्रतिदिन अपने माता पिता व गुरुजनो के चरण छुएँगे, अपनी धरती माता का आदर करेंगे, इसके साथ ही गायत्री मंत्र, गुरु मंत्र, प्रातः कालीन प्रार्थना आदि के मंत्र सिखाए व अध्यापाको को विद्यालय मे नियमित रूप से इन सभी शिष्टाचार व मंत्रो को समावेश कर सभी त्योहार व गतिविधियों को आयोजित करने का निवेदन किया | सांवरिया की संरक्षक अभिषेक जी ने सभी विद्यार्थियों को स्वच्छ रहने के फ़ायदे बताए एवं सभी छात्रों द्वारा धरती मां को साफ रखने का संकल्प दिलवाया
इसके बाद साँवरिया के कार्यकर्ताओं द्वारा सभी उपस्थित १०१ छात्रों को नीले रंग के जर्सी भेट की|
स्कूल के ही अध्यापक प्रमोद शास्त्री ने मकर सक्रांति के बारे में अंतर्कथा एवं उद्बोधन दिया
अंत मे स्कूल के वरिष्ठ अध्यापक राजेश जी व्यास ने स्कूल के जी ने साँवरिया को विश्वास दिलाया कि आज जो भी सांवरिया ने यहां पर सिखाया है ओर जो सुझाव दिए है उन सभी को प्रतिदिन विधयालय के छात्रों की प्रार्थना सभा मे शामिल कर उनकी दिनचर्या में शामिल करेंगे स्कूल के सभी अध्यापक ने साँवरिया का आभार व्यक्त किया|


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Jai shree krishna

Thanks,

Regards,

कैलाश चन्द्र लढा(भीलवाड़ा)www.sanwariya.org
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