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रविवार, 27 दिसंबर 2020

खाना खाने के बाद पेट मे खाना पचेगा या खाना सड़ेगा

👌👌👌👌👌👌
*खाना खाने के बाद पेट मे खाना पचेगा या खाना सड़ेगा*
*ये जानना बहुत जरुरी है ...*

हमने रोटी खाई,हमने दाल खाई,हमने सब्जी खाई, हमने दही खाया
लस्सी पी ,
दूध,दही छाझ लस्सी फल आदि|,
ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया
ये सब कुछ हमको उर्जा देता है
और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है |
पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय"
उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"|
उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है
" epigastrium "|

ये एक थेली की तरह होता है
और यह जठर हमारे शरीर मे सबसे
महत्वपूर्ण है
क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है।

ये बहुत छोटा सा स्थान हैं
इसमें अधिक से अधिक 350GMS खाना आ सकता है |
हम कुछ भी खाते सब ये अमाशय मे आ जाता है|

आमाशय मे अग्नि प्रदीप्त होती है उसी को कहते हे"जठराग्न"।
|ये जठराग्नि है वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है । ऐसे ही पेट मे होता है जेसे ही आपने खाना खाया की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी |
यह ऑटोमेटिक है,जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई|
ये अग्नि तब तक जलती हे जब तक खाना पचता है |

अब अपने खाते ही गटागट पानी पी लिया और खूब ठंडा पानी पी लिया|

और कई लोग तो बोतल पे बोतल पी जाते है |

अब जो आग (जठराग्नि) जल रही थी वो बुझ गयी|

आग अगर बुझ गयी तो खाने की पचने की जो क्रिया है वो रुक गयी|

अब हमेशा याद रखें खाना जाने पर हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है,

एक क्रिया है जिसको हम कहते हे "Digestion" और दूसरी है "fermentation"
फर्मेंटेशन का मतलब है सडना
और डायजेशन का मतलब हे पचना|

आयुर्वेद के हिसाब से आग जलेगी तो खाना पचेगा,खाना पचेगा तो उससे रस बनेगा|

जो रस बनेगा तो उसी रस से मांस,मज्जा,रक्त,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र और अस्थि बनेगा और सबसे अंत मे मेद बनेगा|

ये तभी होगा जब खाना पचेगा|

यह सब हमें चाहिए|

ये तो हुई खाना पचने की बात

अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..? खाने के सड़ने पर सबसे पहला जहर जो बनता है वो हे यूरिक एसिड (uric acid )

|कई बार आप डॉक्टर के पास जाकर कहते है की मुझे घुटने मे दर्द हो रहा है,
मुझे कंधे-कमर मे दर्द हो रहा है

तो डॉक्टर कहेगा आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है आप ये दवा खाओ, वो दवा खाओ
यूरिक एसिड कम करो|

और एक दूसरा उदाहरण खाना

जब खाना सड़ता है, तो यूरिक एसिड जेसा ही एक दूसरा विष बनता है जिसको हम कहते हे
LDL (Low Density lipoprotive)
माने खराब कोलेस्ट्रोल (cholesterol )|

जब आप ब्लड प्रेशर(BP) चेक कराने डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपको कहता है (HIGH BP )

हाई-बीपी है आप पूछोगे कारण बताओ?

तो वो कहेगा कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है |

आप ज्यादा पूछोगे की कोलेस्ट्रोल कौनसा बहुत है ?

तो वो आपको कहेगा LDL बहुत है |

इससे भी ज्यादा खतरनाक एक विष हे
वो है VLDL
(Very Low Density lipoprotive)|

ये भी कोलेस्ट्रॉल जेसा ही विष है।
अगर VLDL बहुत बढ़ गया तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता| खाना सड़ने पर और जो जहर बनते है उसमे एक ओर विष है जिसको अंग्रेजी मे हम कहते है triglycerides|

जब भी डॉक्टर आपको कहे की आपका "triglycerides" बढ़ा हुआ हे तो समज लीजिए की आपके शरीर मे विष निर्माण हो रहा है |

तो कोई यूरिक एसिड के नाम से कहे,कोई कोलेस्ट्रोल के नाम से कहे, कोई LDL -VLDL के नाम से कहे समझ लीजिए की ये
विष हे और ऐसे विष 103 है |

ये सभी विष तब बनते है जब खाना सड़ता है |

मतलब समझ लीजिए किसी का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे ध्यान आना चाहिए की खाना पच नहीं रहा है ,

कोई कहता हे मेरा triglycerides बहुत बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे डायग्नोसिस कर लीजिए आप ! की आपका खाना पच नहीं रहा है |

कोई कहता है मेरा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट लगना चाहिए समझने मे की खाना पच नहीं रहा है |

क्योंकि खाना पचने पर इनमे से कोई भी जहर नहीं बनता|

खाना पचने पर जो बनता है वो है मांस,मज्जा,रक्त ,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र,अस्थि

और

खाना नहीं पचने पर बनता है यूरिक एसिड, कोलेस्ट्रोल
,LDL-VLDL|

और यही आपके शरीर को रोगों का घर बनाते है !

पेट मे बनने वाला यही जहर जब
ज्यादा बढ़कर खून मे आते है ! तो खून दिल की नाड़ियो मे से निकल नहीं पाता और रोज थोड़ा थोड़ा कचरा जो खून मे आया है इकट्ठा होता रहता है और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है
*जिसे आप heart attack कहते हैं !

तो हमें जिंदगी मे ध्यान इस बात पर देना है
की जो हम खा रहे हे वो शरीर मे ठीक से पचना चाहिए
और खाना ठीक से पचना चाहिए इसके लिए पेट मे ठीक से आग (जठराग्नि) प्रदीप्त होनी ही चाहिए| क्योंकि बिना आग के खाना पचता नहीं हे और खाना पकता भी नहीं है

* महत्व की बात खाने को खाना नहीं खाने को पचाना है |

आपने क्या खाया कितना खाया वो महत्व नहीं हे।

खाना अच्छे से पचे इसके लिए वाग्भट्ट जी ने सूत्र दिया !!

"भोजनान्ते विषं वारी"
---------------
(मतलब खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर
है )

* इसलिए खाने के तुरंत बाद पानी कभी मत पिये!*

अब आपके मन मे सवाल आएगा कितनी देर तक नहीं पीना ???

तो 1 घंटे 48 मिनट तक नहीं पीना !

अब आप कहेंगे इसका क्या calculation हैं ??

बात ऐसी है !

जब हम खाना खाते हैं तो जठराग्नि द्वारा सब एक दूसरे मे मिक्स होता है और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं है !

पेस्ट मे बदलने की क्रिया होने तक 1 घंटा 48 मिनट
का समय लगता है !

उसके बाद जठराग्नि कम हो जाती है !

(बुझती तो नहीं लेकिन बहुत
धीमी हो जाती है )

पेस्ट बनने के बाद शरीर मे रस बनने की परिक्रिया शुरू होती है !

तब हमारे शरीर को पानी की जरूरत होती हैं ।

तब आप जितना इच्छा हो उतना पानी पिये !!

जो बहुत मेहनती लोग है (खेत मे हल चलाने वाले ,रिक्शा खीचने वाले पत्थर तोड़ने वाले)

उनको 1 घंटे के बाद ही रस बनने
लगता है उनको घंटे बाद
पानी पीना चाहिए !

अब आप कहेंगे खाना खाने के पहले कितने मिनट तक पानी पी सकते हैं ???

तो खाना खाने के 45 मिनट पहले तक आप पानी पी सकते हैं !

अब आप पूछेंगे ये मिनट का calculation ????

बात ऐसी ही जब हम पानी पीते हैं
तो वो शरीर के प्रत्येक अंग तक जाता है !

और अगर बच जाये तो 45 मिनट बाद मूत्र पिंड तक पहुंचता है !

तो पानी - पीने से मूत्र पिंड तक आने का समय 45 मिनट का है !

*तो आप खाना खाने से 45 मिनट पहले ही पाने पिये !*
*पानी ना पीये खाना खाने के बाद।*
*इसका जरूर पालन करे !*

शनिवार, 19 दिसंबर 2020

प्रणाम परिणाम बदल देता है

प्रणाम परिणाम बदल देता है

 प्राचीन काल में मृकण्ड नाम के एक विख्यात मुनि थे। उनका एक पुत्र था।ऋषि दंपत्ति द्वारा श्रेष्ठ संस्कार मिलने से वह बालक 5 वर्ष की अल्पवय में गुणवान हो गया
 एक दिन किसी सिद्ध ज्ञानी ने उस बालक की ओर देखा और बहुत देर तक ठहर कर उसके जीवन के विषय में विचार किया। बालक के पिता ने पूछा कि मेरे पुत्र की कितनी आयु है...? इस पर सिद्ध बोले कि इसके जीवन में अब केवल 6 माह और शेष रह गए हैं। 
उस बालक की आयु केवल 5 वर्ष 6 माह की थी।
 उस सिद्ध ज्ञानी की बात सुनकर बालक के पिता ने बालक का उपनयन संस्कार कर दिया और उससे कहा बेटा तुम जिस किसी मुनि को देखो उन्हें प्रणाम करो।
 सप्तऋषियों ने उस बालक को दीर्घायु होने का आशीर्वाद दिया । इतना करने के बाद जब उन्होंने उसकी आयु पर विचार किया तब 5 ही दिन की आयु शेष जानकर उन्हें बड़ा दु:ख हुआ। वे उस बालक को लेकर ब्रह्मा जी के पास गए,  बालक ने ब्रह्मा जी के चरणों में प्रणाम किया। ब्रह्मा जी ने भी उसे चिरायु होने का आशीर्वाद दिया।
 पितामह का वचन सुनकर ऋषियों को बड़ी प्रसन्नता हुई ,तत्पश्चात ब्रह्मा जी ने उनसे पूछा "आप लोग किस काम से यहां आए हैं तथा यह बालक कौन है.....?" ऋषियों ने कहा यह बालक मृकण्ड का पुत्र है, इसकी आयु क्षीण हो चुकी है। इसका सब को प्रणाम करने का स्वभाव हो गया है।  एक दिन हम लोग उधर से जा रहे थे, इस बालक ने सब को प्रणाम किया। उस समय हम लोगों के मुख से चिरायु होने का आशीर्वाद निकल गया। आप भी इसे चिरंजीवी होने का आशीर्वाद दे चुके हैं। अतः इस बालक को बचाइए।
ब्रह्माजी बोले यह बालक मार्कंडेय, आयु में मेरे समान होगा। यह कल्प की आदि और अंत में भी श्रेष्ठ मुनियों से घिरा हुआ सदा जीवित रहेगा।
 इस प्रकार सप्त ऋषियों ने ब्रह्मा से वरदान दिलवाकर  उस बालक को पुन: पृथ्वी पर भेज दिया
 कहा भी गया है - 
 *अभिवादनशीलस्य,  नित्यं वृध्दोपसेविनः ।*
*चत्वारि तस्य वर्धन्ते, आयुर्विद्या यशोबलम् ।।*

अर्थात् जो प्रतिदिन वरिष्ठ लोगों का अभिवादन तथा उनकी सेवा करता है, निश्चित ही उसकी आयु, विद्या, यश तथा शक्ति में वृद्धि होती है।

शनिवार, 12 दिसंबर 2020

घर में रहता है क्लेश तो करें यह काम ।। Pt. Pradeep Mishra Ji ।। Aastha C...

अशोक सुंदरी के जन्म की कथा पद्म पुराण में बताई गई है


अशोक सुंदरी (संस्कृत: अशोकसुन्दरी, Aśokasundarī) यह एक हिन्दू देवकन्या हैं, जिनका वर्णन भगवान शिव और पार्वती की बेटी के रूप में किया गया है। वह आम तौर पर मुख्य शास्त्रों में शिव के पुत्री के रूप में वर्णित नहीं हैं, उनकी कथा पद्मपुराण में अंकित है। माता पार्वती के अकेलेपन को दूर करने हेतु कल्पवृक्ष नामक पेड़ के द्वारा ही अशोक सुंदरी की रचना हुई थी। अ+शोक अर्थात् सुख, माता पार्वती को सुखी करने हेतु ही उनका निर्माण हुआ था और वह अत्यंत सुंदर थीं इसी कारण इन्हें सुंदरी कहा गया।

अशोक सुंदरी के जन्म की कथा पद्म पुराण में बताई गई है जो नहुष नामक राजा के चरित्र वर्णन की इकाई है। एक बार माता पार्वती द्वारा विश्व में सबसे सुंदर उद्यान लाने के आग्रह से भगवान शिव पार्वती को नंदनवन ले गये, वहाँ माता को कल्पवृक्ष से लगाव हो गया और उन्होने उस वृक्ष को ले लिया। कल्पवृक्ष मनोकामना पूर्ण करने वाला वृक्ष है, पार्वती नें अपने अकेलेपन को दूर करने हेतु उस वृक्ष से यह वर माँगा कि उन्हे एक कन्या प्राप्त हो, तब कल्पवृक्ष द्वारा अशोक सुंदरी का जन्म हुआ। माता पार्वती नें उस कन्या को वरदान दिया कि उसका विवाह देवराज इंद्र जितने शक्तिशाली यूवक से होगा। एक बार अशोक सुंदरी अपने दासियों के संग नंदनवन में विचरण कर रहीं थीं तभी वहाँ हुंड नामक राक्षस का प्रवेश हुआ जो अशोक सुंदरी के सुंदरता से मोहित हो गया तथा विवाह का प्रस्ताव किया, तब उस कन्या ने भविष्य में उसके पूर्वनियत विवाह के संदर्भ में बताया। राक्षस नें कहा कि वह नहूष को मार डालेगा तब अशोक सुंदरी ने राक्षस को श्राप दिया कि उसकी मृत्यु नहूष के हाथों होगी। उस राक्षस नें नहुष का अपहरण कर लिया जिससे नहूष को हुंड की एक दासी ने बचाया। महर्षि वशिष्ठ के आश्रम में नहूष बड़ा हुआ तथा आगे जाकर उसने हुंड का वध किया।

बाद में नहूष तथा अशोक सुंदरी का विवाह हुआ तथा वह ययाति जैसे वीर पुत्र तथा सौ रूपवती कन्याओं की माता बनीं। इंद्र के अभाव में नहूष को ही आस्थायी रूप से इंद्र बनाया गया, उसके घमंड के कारण उसे श्राप मिला तथा इसीसे उसका पतन हुआ। बादमें इंद्र नें अपनी गद्दी पुन: ग्रहण की।



जिसके #विवाह नहीं हो रहे हो, #चर्मरोग हो गया हो, उधार #पैसा कोई नहीं दे ...



 

अशोक सुंदरी (संस्कृत: अशोकसुन्दरी, Aśokasundarī) यह एक हिन्दू देवकन्या हैं, जिनका वर्णन भगवान शिव और पार्वती की बेटी के रूप में किया गया है। वह आम तौर पर मुख्य शास्त्रों में शिव के पुत्री के रूप में वर्णित नहीं हैं, उनकी कथा पद्मपुराण में अंकित है। माता पार्वती के अकेलेपन को दूर करने हेतु कल्पवृक्ष नामक पेड़ के द्वारा ही अशोक सुंदरी की रचना हुई थी। अ+शोक अर्थात् सुख, माता पार्वती को सुखी करने हेतु ही उनका निर्माण हुआ था और वह अत्यंत सुंदर थीं इसी कारण इन्हें सुंदरी कहा गया।


अशोक सुंदरी के जन्म की कथा पद्म पुराण में बताई गई है जो नहुष नामक राजा के चरित्र वर्णन की इकाई है। एक बार माता पार्वती द्वारा विश्व में सबसे सुंदर उद्यान लाने के आग्रह से भगवान शिव पार्वती को नंदनवन ले गये, वहाँ माता को कल्पवृक्ष से लगाव हो गया और उन्होने उस वृक्ष को ले लिया। कल्पवृक्ष मनोकामना पूर्ण करने वाला वृक्ष है, पार्वती नें अपने अकेलेपन को दूर करने हेतु उस वृक्ष से यह वर माँगा कि उन्हे एक कन्या प्राप्त हो, तब कल्पवृक्ष द्वारा अशोक सुंदरी का जन्म हुआ। माता पार्वती नें उस कन्या को वरदान दिया कि उसका विवाह देवराज इंद्र जितने शक्तिशाली यूवक से होगा। एक बार अशोक सुंदरी अपने दासियों के संग नंदनवन में विचरण कर रहीं थीं तभी वहाँ हुंड नामक राक्षस का प्रवेश हुआ जो अशोक सुंदरी के सुंदरता से मोहित हो गया तथा विवाह का प्रस्ताव किया, तब उस कन्या ने भविष्य में उसके पूर्वनियत विवाह के संदर्भ में बताया। राक्षस नें कहा कि वह नहूष को मार डालेगा तब अशोक सुंदरी ने राक्षस को श्राप दिया कि उसकी मृत्यु नहूष के हाथों होगी। उस राक्षस नें नहुष का अपहरण कर लिया जिससे नहूष को हुंड की एक दासी ने बचाया। महर्षि वशिष्ठ के आश्रम में नहूष बड़ा हुआ तथा आगे जाकर उसने हुंड का वध किया।

बाद में नहूष तथा अशोक सुंदरी का विवाह हुआ तथा वह ययाति जैसे वीर पुत्र तथा सौ रूपवती कन्याओं की माता बनीं। इंद्र के अभाव में नहूष को ही आस्थायी रूप से इंद्र बनाया गया, उसके घमंड के कारण उसे श्राप मिला तथा इसीसे उसका पतन हुआ। बादमें इंद्र नें अपनी गद्दी पुन: ग्रहण की।

#कही आप भी तो यह गलती नहीं कर रहे हैं चप्पल घर के अंदर तो नहीं ले जा रहे...

#किसी को बुखार हो गया, कोई पैसा लौटा नहीं रहा हो, पथरी कि बिमारी से परेश...

हल्दी के धार्मिक एवं ज्योतिष में महत्व

रसोई में सभी मसाले औषधीय महत्व रखते हैं उनमें से भी हल्दी का एक अलग स्थान है वह जितनी सेहत के लिए लाभप्रद है उतना ही धार्मिक कार्यों में भी उसका महत्व है। यहां हम हल्दी के धार्मिक एवं ज्योतिष में महत्व पर चर्चा करेंगे।

हल्दी विशेष प्रकार की औषधि है, जिसमें दैवीय गुण मौजूद होते हैं। विवाह में वर-वधु को हल्दी चढ़ाने के पीछे भी यही महत्व है कि उन्हें बाहरी बाधाओं से बचाया जाए साथ ही सेहत और सुंदरता के लाभ भी उन्हें मिले।


वास्तव में हल्दी का संबंध बृहस्पति ग्रह से है। बृहस्पति ग्रह से संबंधित इन उपायों को करने जीवन में सफलता मिलती है।
आइए जानें 11 सरल उपाय :


1. पूजा के समय कलाई में या गर्दन पर हल्दी का छोटा सा टीका लगाने पर बृहस्पति मजबूत होता है और वाणी में मजबूती आती है।

2. हल्दी का दान करना शुभ माना जाता है। इससे कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का अंत होता है। गुरु ग्रह में अनुकूलता आती है।

3. पूजा के बाद माथे पर हल्दी का तिलक लगाने से विवाह संबंधी कार्यों में सफलता मिलती है।
4. घर की बाउंड्री की दीवार पर अगर हल्दी की रेखा बना दी जाए तो घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं होता।

5. नहाते समय अगर नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर नहाया जाए तो यह शारीरिक और मानसिक शुद्धता देती है। करियर में सफलता के लिए भी यह प्रयोग अचूक है।

6. हल्दी की गांठ पर मौली लपेट कर सिरहाने रखा जाए तो बुरे सपने नहीं आते। बाहरी हवा से भी बचाव होता है।

7. प्रति गुरुवार श्री गणेश को मात्र एक चुटकी हल्दी चढ़ाई जाए तो विवाह संबंधी रुकावटें दूर होती हैं।

8. भगवान विष्णु और लक्ष्मी की प्रतिमा के पीछे हल्दी की पुड़िया छुपा कर रखने से अति शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।

9. हल्दी के प्रयोग से जीवन में संपन्नता आती है। यह मानस की नकारात्मकता दूर करती है। इसीलिए इसे हवन में भी इस्तेमाल किया जाता है।

10. सूर्य को हल्दी मिला जल चढ़ाने से कन्या की शादी मनचाहे वर से होती है।

11. हल्दी की माला से कोई भी मंत्र जप किया जाए तो विलक्षण बुद्धि के स्वामी हो सकते हैं।


हल्दी के इन प्रयोगों से कई परेशानियां होंगी दूर

हमारे जीवन में हल्दी कई मायनों में महत्वपूर्ण है. इससे खाने का स्वाद तो बढ़ता ही, साथ ही यह दवा का भी काम करती है. हल्दी से ग्रहों की समस्याएं भी दूर की जा सकती हैं.
ज्योतिष में हल्दी का महत्व ज्योतिष में हल्दी का महत्व
धर्म हो या ज्योतिष या फिर सामान्य जीवन हल्दी के बिना सब अधूरा है. हल्दी खाने का स्वाद तो बढ़ाती है, साथ ही हर मंगल काम की शोभा होती है. हल्दी का पीला रंग उसे बृहस्पति से जोड़ता है. ज्योतिष में बृहस्पति को मजबूत करने के लिए हल्दी का प्रयोग हैं.

हल्दी का महत्व
- हल्दी एक विशेष प्रकार की औषधि है, जिसमें दैवीय गुण भी हैं.
- हिन्दू धर्म में हल्दी को शुभ और मंगलकारी माना गया है.
- हल्दी भोजन में स्वाद के साथ जीवन में संपन्नता भी लाती है.
- यह मुख्य रूप से विषरोधक होती है और नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है.
- इसलिए हल्दी का प्रयोग हवन और औषधियों में भी किया जाता है.

ज्योतिष में हल्दी का महत्व
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो हल्दी के प्रयोग से ग्रहों की तमाम समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है. हल्दी खासतौर पर बृहस्पति से जुड़ी हर समस्या का समाधान कर सकती है. हल्दी कई रंगों की होती है. यह पीले, नारंगी और काले रंग की होती है. रंगों के आधार पर इसका ग्रहों से संबंध होता है.
- पीली हल्दी का संबंध बृहस्पति से है.
- नारंगी हल्दी मंगल से और काली हल्दी शनि ग्रह से संबंध रखती है.
- ज्योतिष में बृहस्पति को मजबूत करने के लिए हल्दी का प्रयोग होता है.
- बृहस्पति से जुड़ी समस्याओं के हल के लिए पीली हल्दी रामबाण है.

हल्दी से होने वाले लाभ
ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार हल्दी गुणों की खान है. हल्दी के बिना भोजन पूरा नहीं होता. हल्दी के बिना कोई शुभ काम पूरा नहीं होता है. यहां जानें हल्दी से होने वाले लाभ
- भोजन में संतुलित मात्र में हल्दी का प्रयोग आरोग्यवान बनाता है.
- जल में हल्दी मिलाकर सूर्य को अर्पित करने से शादी में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं.
- पेट से जुड़ी या कैंसर जैसी समस्या हो तो हल्दी का दान करना लाभ होता है.
- रोज सुबह हल्दी का तिलक लगाने से वाणी की शक्ति मिलती है.
- हल्दी की माला से मंत्र जाप इंसान को बुद्धिमान और ज्ञानी बनाता है.

हल्दी के प्रयोग से कैसे मज़बूत होगा बृहस्पति
आपकी कुंडली में बृहस्पति कमजोर है. इससे आपके जीवन में समस्याएं बढ़ रही हैं तो हल्दी के ज्योतिषीय प्रयोग से आप अपने बृहस्पति को मजबूत कर सकते हैं.
- गांठ वाली पीली हल्दी को पीले धागे में बांधकर गले या बाजू में पहनें.
- यह पीले पुखराज की तरह काम करता है. इससे बृहस्पति को मजबूत होता है.
- गुरुवार को सुबह हल्दी धारण करना अच्छा होगा.

जल्दी शादी के लिए करें हल्दी का प्रयोग
आपकी शादी में लगातार बाधाएं आ रही हैं या किसी कारण रिश्ता तय नहीं हो पा रहा. ऐसे में हल्दी के इन प्रयोगों से जल्दी ही आपकी शादी का प्रयास सफल होगा -
- नहाने वाले पानी में थोड़ी सी पिसी हुई हल्दी मिलाएं.
- रोज सुबह सूर्य से सामने हल्दी मिलाकर जल चढ़ाए.
- जल चढ़ाने के बाद लोटे के किनारों पर लगी हल्दी को माथे और गले पर लगाएं.
- ये प्रयोग लगातार एक माह तक करें.

नकारात्मक शक्तियों को नष्ट करेगी हल्दी
ज्योतिष के अनुसार हल्दी के विशेष प्रयोग से सारी नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है. अपनाएं ये प्रयोग -
- मांगलिक कार्यों में हल्दी के प्रयोग से नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश रोका जाता है.
- हल्दी लगाकर स्नान करने से इंसान का तेज बढ़ता है.
- हल्दी लगाकर स्नान करने से आप पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं होगा.



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भविष्य में आने वाले टेक्नोलॉजी के बारे में

भविष्य में आने वाले टेक्नोलॉजी के बारे में

Technology हर समय विकसित हो रही है। आने वाले वर्षों में क्या रोमांचक technology देखने की उम्मीद कर सकते हैं | technology अब इतनी तीव्र गति से विकसित हो रही है कि published blog post या लेख के रूप में लाइव होने से पहले भी पुरानी हो सकती हैं। future में technology को देखते हुए और संभावना है की आने वाला future technology से भरा पड़ा है | भविष्य हमेशा आकर्षक होता है और इसमें कोई सवाल नहीं है कि डिजिटल परिवर्तन की वास्तविक Innovation ,ideas जो विकास की जबरदस्त दर से बढ़ेगा।

और 21 वीं सदी के IT worker को लगातार सीखना चाहिए। इसकी वजह है कि technology में विकास के साथ रहना। जैसे-जैसे technology विकसित होती है यह तेजी से बदलाव और प्रगति को भी सक्षम बनाती है जिससे परिवर्तन की में तेजी आती है जब तक कि उसके जगह पर दूसरी technology नहीं आह जाती |

चलिए देखते है |

Artificial Intelligence

Artificial Intelligence जिसे हम AI भी कहते है। जिसने technology की trend में मजबूत पकड़ बनाया है।

AI और ML पहले से ही हाल के वर्षों में बहुत चर्चा प्राप्त कर चुका है |

आश्चर्य की कोई बात नहीं है 2020 technology के अपेक्षा में एक जगह मिल गया है। मैं computer system पर लागू होता है जो मानव बुद्धि की नकल करने और छवि मान्यता, भाषण या पैटर्न, और निर्णय लेने जैसे कार्यों को करने के लिए program किए जाते हैं। AI मानव की तुलना में इन कार्यों को अधिक तेज़ी से और सरल तरीके से कर सकता है।

AI की वजह से छह में से पांच अमेरिकी हर दिन एक या दूसरे रूप में AI सेवाओं का उपयोग करते हैं| जिसमें navigation apps, streaming services, smartphone personal assistants, ride-sharing apps, home personal assistants और smart home devices शामिल हैं। user AI का उपयोग train schedule देखने , व्यावसायिक जोखिम का आकलन करने, रखरखाव की भविष्यवाणी करने और कई अन्य money-saving कार्यों के बीच energy , skill में सुधार करने के लिए किया जाता है।

5G technology

5G(5th generation) की demand पूरे विश्व के साथ-साथ भारत में ज्यादा बढ़ रही इसमें कोई शक नहीं है कि 5G नेटवर्क जल्द ही technology market में अपनी जगह बना लेगा। यह high internet speed, higher capacity और lower latency जैसे लाभों की एक बड़ी मात्रा भी लाएगा। यह 1G, 2G, 3G और 4G नेटवर्क के बाद एक नया global wireless standard है जिसमे high internet speed, higher capacity और lower latency.

latest अनुमान 2020 तक उस वर्ष के रूप में indicated करता है जिसमें पूरी तरह से integrated 5G networks market तक पहुंचने और विचार में न आने वाली कवरेज दरों की पेशकश करने लगेगा। कई उभरते और नए Application हैं जो अभी भी भविष्य में defined किए जाएंगे। केवल समय ही बताएगा कि अर्थव्यवस्था पर पुरा 5G का प्रभाव क्या होने वाला है।

5G को IMT-2020 आवश्यकताओं के आधार पर 20 Gbps तक की peak data rates को deliver करने के लिए designed किया गया है।

5G speeds शुरू में ~ 50 Mbit/s से लेकर 2 Gbit/s तक होगी। सबसे fastest 5G जिसे mmWave के रूप में जाना जाता है 2 Gbit/s तक की speed provide करता है।

telecom operators के साथ अगले आने वाले समय में नई 5G core network deployment पर $300 से अधिक खर्च करने की उम्मीद है।

Internet of Things (IoT)

internet of thing जिसे हम IOT भी कहते है। आज के science और technology की दुनिया में कोई संदेह नहीं है कि लोग internet को communication के एक साधन के रूप में चुनते हैं।internet of thing (IoT) interrelated computing devices, mechanical और digital machines की एक प्रणाली है जो unique identifiers (UIDs) और human- से -human और human-से -computer interaction के बिना network पर data transfer करने करने की क्षमता प्रदान करता है।

IOT जल्द ही हम सभी के लिए निकट भविष्य में एक मजबूत पायदान स्थापित करेगा और हमारा जिंदगी जीने का पूरा तरीका बदल जाएगा।कई चीजें अब WiFi connectivity के साथ बनाई जा रही हैं। यह प्रत्येक वस्तु को किसी न किसी तरह से internet से जोड़ेगा। चाहे वह refrigerator, door, furniture हो या sensor data को calculate करेंगे cloud पर भेजेंगे। IoT devices की संख्या 2020 तक 30 billion devices तक पहुंचने की उम्मीद है।

data collected और analyzed के रूप में IoT businesses के लिए बेहतर safety, efficiency और decision making में सक्षम बना सकता है। यह भविष्य में medical care, manufacturing में तेजी ला सकता है। customer service में सुधार कर सकता है और ऐसे लाभ प्रदान कर सकता है जिनकी हमने अभी तक कल्पना भी नहीं की है। आवश्यक skills में IoT security,

cloud computing knowledge, data analytics, automation, understanding embedded systems, device knowledge केवल कुछ नाम शामिल हैं।

IoT में करियर के इच्छुक किसी व्यक्ति के लिए जिसका अर्थ है कि यदि आप प्रेरित हैं तो इस फील्ड में आसानी से प्रवेश कर सकते हैं।

फ़ोन के कैमरे से फोटो खींचने के अलावा और क्या काम किए जा सकते है?

क्या आप जानते है फ़ोन के कैमरे से फोटो खींचने के अलावा और क्या काम किए जा सकते है?

फोटो खींचने के अलावा ये काम भी कर सकता है स्मार्टफोन का कैमरा

फोटो खींचने के अलावा ये काम भी कर सकता है स्मार्टफोन का कैमरा

कैमरा तस्वीरें लेने के लिए बना है और आप भी अपने स्मार्टफोन के कैमरे से यही काम करते होंगे। मगर कभी आपने सोचा है कि इससे और क्या काम किए जा सकते हैं? हम आपको बता रहे हैं कुछ ट्रिक्स जिनकी मदद से आप अपने कैमरे को और भी उपयोगी बना सकते हैं। आगे देखें...

  • अपनी भाषा में अनुवाद करें

कैमरे की मदद से आप अनुवाद भी कर सकते हैं। आप विदेशी भाषा के किसी साइन, मेन्यु या टेक्स्ट का अनुवाद अपनी भाषा में कर सकते हैं। यह काम गूगल ट्रांसलेट की मदद से होगा। इसके लिए आपको अपने स्मार्टफोन पर गूगल ट्रांसलेट ऐप डाउनलोड करना होगा। ऐप को खोलकर फ्रंटपेज पर बने कैमरा आइकॉन पर टैप करें। कैमरा खुलने पर उसे उस सिंबल, मेन्यु या टेक्स्ट वगैरह की तरफ करें, जिसे अनुवाद करना है। गूगल तुरंत यह काम कर देगा।

इसमें आप सभी भाषाओं का तो अनुवाद नहीं कर पाएंगे, मगर बहुत सी भाषाओं को यह ऐप सपॉर्ट करता है। आप पहले से ली हुई तस्वीरों में मौजूद टेक्स्ट को भी अनुवाद कर सकते हैं। इसी तरह के कुछ और ऐप हैं, जो गूगल ट्रांसलेट जैसा ही काम करते हैं। ये हैं - TextGrabber + Translator (Android, iOS) और WayGo (Android, iOS)

  • डॉक्युमेंट्स स्कैनिंग

आप अपने फोन को ऐसे स्कैनर के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे आप डॉक्युमेंट्स को स्कैन कर सकते हैं। यही नहीं, आप डॉक्युमेंट्स में मौजूद टेक्स्ट को एडिट किए जा सकने वाला टेक्स्ट में भी बदल सकते हैं।

गूगल ड्राइव के ऐंड्रॉयड ऐप में भी स्कैनिंग फंक्शनैलिटी है और आपको अलग से कोई ऐप डाउनलोड करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। iOS यूजर Evernote's Scannable को इस्तेमाल कर सकते हैं। इनके अलावा CamScanner (Android, iOS) और Scanbot (iOS) को भी ट्राई किया जा सकता है।

  • तारे देखना

आप अपने फोन को ऑगमेंटेड या मिक्स्ड रिऐलिटी ऐप्स के साथ और मजेदार बन सकते हैं। SkyView (Android, iOS) जैसा कोई ऐप इंस्टॉल कीजिए और अपने कैमरे को आसमान की तरफ कीजिए। इससे आप तारों को पहचान सकते हैं और टेलिस्कोप के बिना उन्हें देखने का रोमांच उठा सकते हैं। आप इसी तरह के ऐप्स Wikitude (Android, iOS) और Blippar (Android, iOS) को भी ट्राई कर सकते हैं।

  • बारकोड स्कैनिंग

आप अपने स्मार्टफोन के कैमरे की मदद से बारकोड और QR कोड्स को स्कैन कर सकते हैं। किसी प्रॉडक्ट के बारे में जानकारी चाहिए तो उसके बारकोड को स्कैन किया जा सकता है। बहुत सारे ऐप्स मौजूद हैं, जो तुरंत बारकोड को स्कैन करके उनमें लिखी जानकारी को टेक्स्ट में बदल देते हैं। इसके लिए Barcode Scanner और QR Code Scan & Barcode Scanner जैसे ऐप्स इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

  • सिक्यॉरिटी कैमरा

आप अपने पुराने स्मार्टफोन को सिक्यॉरिटी कैमरे में तब्दील कर सकते हैं। इसके लिए आपको कोई Security camera app डाउनलोड करना होगा। उसकी मदद से आप अपने पुराने फोन को वाई-फाई से जोड़कर उसे कहीं पर रख दें। दूसरे स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर आप उस फोन के कैमरे से दिख रही लाइव फीड देख या रेकॉर्ड कर पाएंगे।

  • ​विजुअल सर्च

Google Goggles जैसे कई सारे ऐप्स आपको तस्वीरों को ढूंढने में मदद करते हैं। अगर आपने किसी प्रॉडक्ट की तस्वीर ली है तो वह उसे सर्च करके बताएगा कि वह किस चीज़ की तस्वीर है। साथ ही उस तस्वीर में कोई टेक्स्ट होगा, उसे भी वह हाइलाइट कर देगा। आप पहले से खींची गईं या कहीं और से मिली तस्वीरों को भी सर्च कर सकते हैं।

  • जगहों को चिह्नित करें

बहुत सारे ऐप्स हैं, जिनसे आप अपने आसपास की लोकेशंस को पिनपॉइंट कर सकते हैं। कैमरे में आपको जो जगहें दिख रही होंगी, उनके बारे में जानकारी मिल जाएगी। Yelp ऐप का Monocole फीचर इसी तरह का काम करता है। Wikitude और Layar को भई आप ट्राई कर सकते हैं।

  1. स्रोत:- गूगल स्मार्ट ट्रिक 
  2. स्वतःउपयोग  

पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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