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गुरुवार, 5 अगस्त 2021

वसीयत क्यो है जरूरी, क्या है नियम वसीयत के और क्या हो जब नही हो वसीयत

वसीयत क्यो है जरूरी, क्या है नियम वसीयत के और क्या हो जब नही हो वसीयत,

वसीयत एक कानूनी दस्तावेज है जिसमें यह बताया जाता है कि अपना धन या अपनी संपत्ति मृत्यु के बाद किसे मिलेगी. यानी कि प्रॉपर्टी का उत्तराधिकारी या वारिस कौन होगा, वसीयत में इसकी जानकारी डिटेल में दी जाती है. अगर रुपये-पैसे की सेविंग करते हैं, अंत समय के लिए बचाते हैं तो वसीयत भी उतना ही जरूरी है. क्या पता बिना वसीयत के ही दुनिया छोड़नी पड़े. ऐसी स्थिति में उस सेविंग का कोई अर्थ नहीं रह जाएगा. पूरा परिवार कमाई से वंचित रह जाएगा. यह सुनने में थोड़ा अटपटा लग सकता है क्योंकि वसीयत शब्द जुबान पर आते ही मृत्यु का खयाल आता है. लेकिन वसीयत सच्चाई है क्योंकि इसके बिना उत्तराधिकारी या वारिस को प्रॉपर्टी लेने में दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती हैं. 

*वसीयत कब होती है लागू*

यहां जानना जरूरी है कि वसीयत तभी वैध होता है जब उसे लिखने वाला व्यक्ति इस दुनिया को छोड़ जाता है. वसीयत में लोग यह भी लिखते हैं कि उनकी दिली इच्छा क्या है और वे किस इच्छा की पूर्ति अपने वारिस या उत्तराधिकारी से कराना चाहते हैं. उदाहरण के लिए कई लोग चाहते हैं कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी प्रॉपर्टी का कुछ हिस्सा या पूरा हिस्सा दान-पुण्य के काम में लगा दिया जाए. अगर वसीयत में इस बात का जिक्र न हो तो वारिस को पता नहीं चलेगा और वह चैरिटी का काम हो सकता है कि न करे.

*कौन बना सकता है वसीयत*

सुनने में यह शब्द बहुत पेचीदा लगता है, लेकिन वाकई में है नहीं. कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 21 साल से ज्यादा हो, वह वसीयत लिख सकता है. अच्छा तो यही माना जाता है कि किसी वकील की सहायता से ही वसीयत लिखा जाए ताकि कोई खामी या त्रुटी न रह जाए. वसीयत को टाइप करके या हाथ से लिख सकते हैं. हाथ से लिखने पर साफ अक्षरों का ध्यान रखना होता है ताकि वारिस को पढ़ने-समझने में दिक्कत न हो. ध्यान रहे कि वसीयत पर दस्तखत जरूर होना चाहिए. ऑनलाइन भी वसीयत बनता है, लेकिन उसकी एक कॉपी रखना जरूरी है जिस पर हस्ताक्षर हो.

*वसीयत लिखते समय इन बातों का रखें ध्यान*

सेल्फ डिक्लेरेशन से शुरू करें जिसमें नाम, पता, उम्र और वसीयत लिखने के समय का जिक्र हो. इसमें बताएं कि किसी के दबाव में वसीयत नहीं लिख रहे बल्कि परिवार की भलाई में यह काम कर रहे हैं

जितना हो सके अपनी प्रॉपर्टी की पूरी जानकारी दें. स्टॉक, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड, बैंक अकाउंट और कैश की जानकारी दें. वसीयत लिखते समय इन सभी इनवेस्टमेंट की क्या कीमत है, ये भी बताना चाहिए

जूलरी, आर्टिफैक्ट्स के साथ अचल संपत्ति के बारे में विस्तार से बताएं. वसीयत से जुड़े जो भी कागजात हैं उन्हें बैंक लॉकर जैसे सुरक्षित स्थान पर रखें और इसकी जानकारी दें

जब प्रॉपर्टी की जानकारी दे दें तो वारिस के बारे में बताएं कि किसे कितना परसेंट हिस्सा देना है. वारिस का पूरा नाम लिखना चाहिए ताकि बाद में कोई कानूनी अड़चन न आए. आधार या पासपोर्ट में जो नाम हो, वारिस के उसी नाम का जिक्र करें. वारिस अगर नाबालिग है तो उसके साथ किसी और को सह उत्तराधिकारी बनाएं

वसीयत पर दो गवाहों के दस्तखत चाहिए जो कि हर पेज पर होने चाहिए. हस्ताक्षर के साथ दिनांक और स्थान का भी जिक्र हो

*सादे कागज पर हस्ताक्षर के साथ भी वसीयत मान्य होता है,* लेकिन इसे और मजबूत बनाने के लिए लोकल सब रजिस्ट्रार के ऑफिस से रजिस्टर करा लें. वसीयत पर स्टांप ड्यूटी नहीं लगती लेकिन रजिस्टरिंग फीस देनी होती है

ओरिजिनल वसीयत की एक से ज्यादा कॉपी बना लें और उसे अलग-अलग जगहों पर रखें. एक कॉपी हमेशा वसीयत लिखने वाले के पास होनी चाहिए

*वसीयत में कभी भी बदलाव संभव है लेकिन अंत में जो बदलाव होगा, वही मान्य होगा. बदलाव के साथ ये भी बताना चाहिए कि पिछली बातें अब मान्य नहीं रहेंगी

रसोई गैस से संबंधित बातो को जानिये, क्या है सरकारी नियम और क्या है फायदे आपको

📌 *_रसोई गैस से संबंधित बातो को जानिये, क्या है सरकारी नियम और क्या है फायदे आपको_*

जागरूक रहिये नुकसान से बचिए

लगभग हर घर में गैस सिलेंडर का इस्तेमाल होता है। सरकार की उज्जवला योजना के अंतर्गत अधिकतर घरों में गैस कनेक्शन उपलब्ध हुए हैं। लेकिन, ज्यादातर एलपीजी उपभोक्ताओं को गैस कनेक्शन से जुड़ा ये नियम नहीं पता होगा। अगर कोई गैस एजेंसी आपको सिलेंडर की होम डिलिवरी देने में कभी भी आनाकानी करती है और आपको सिलेंडर लेने के लिए एजेंसी गोडाउन जाना पड़ेगा। कई बार ऐसा होता है जिस चीज का उपयोग हम लोग करते हैं उसके फायदे के बारे में हमें कम ही पता होता है। आज हम भारत के गैस उपभोक्ताओं को गैस कनेक्शन से संबंधित कई ऐसी जानकारी बता रहे हैं जो उपभोक्ताओं को पता ही नहीं होती हैं।
 
*गोडाउन से आप सिलेंडर खुद लाते हैं तो*

अगर आपके पास किसी भी गैस एजेंसी का कनेक्शन है और उसके गोडाउन से आप सिलेंडर खुद लाते हैं तो आप एजेंसी से 19 रुपए 50 पैसा वापस ले सकते हैं।

कोई भी एजेंसी यह राशि देने से इनकार नहीं करेगी। बता दें कि, यह राशि बतौर डिलिवरी चार्ज आपसे ली जाती है। सभी कंपनियों के सिलिंडर के लिए यह राशि तय है। हालांकि, कुछ समय पहले ही इस राशि को बढ़ाया गया है। पहले डिलिवरी चार्ज 15 रुपए था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 19 रुपए 50 पैसा किया गया है।

कोई भी एजेंसी संचालक आपको यह राशि देने से मना करता है तो आप टोल फ्री नंबर 18002333555 पर शिकायत कर सकते हैं। अभी ग्राहकों को सब्सिडी वाले 12 सिलिंडर दिए जाते हैं। यह कोटा पूरा होने के बाद मार्केट रेट पर सिलिंडर खरीदना होता है।

*फ्री में चेंज होता है रेगुलेटर*

अगर आपके सिलेंडर का रेगुलेटर खराब हो गया है तो आप इसे फ्री में एजेंसी से बदल सकते हैं। इसके लिए आपके पास एजेंसी का सब्सिक्रिप्शन वाउचर होना चाहिए। आपको लीक रेगुलेटर को अपने साथ लेकर एजेंसी जाना होगा। सब्सक्रिप्शन वाउचर व रेगुलेटर के नंबर को मिलाया जाएगा। दोनों का नंबर मैच होने पर रेगुलेटर बदल दिया जाएगा। इसके लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना होगा।

अगर आपका रेगुलेटर किसी कारण से डैमेज हो जाता है तो भी एजेंसी इसे बदलकर देगी। लेकिन, इसके लिए एजेंसी कंपनी टैरिफ के हिसाब से आप से राशि जमा करवाएगी। यह राशि 150 रुपए तक होती है।

 *हर LPG उपभोक्ता का होता है 50 लाख का इंश्योरेंस*

आपको बता दें कि संबंधित कंपनी की तरफ से हर LPG उपभोक्ता का 50 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस होता है। इस इंश्योरेंस की दो स्थिति होती हैं। आपको यह भी बता दें कि इसके लिए किसी भी उपभोक्ता को कोई अतिरिक्त मासिक प्रीमियम नहीं भरना होता। यदि गैस सिलेंडर से कोई हादसा होता है तो पहली कंडीशन के तहत 40 लाख और दूसरी कंडीशन के तहत 50 लाख रुपए संबंधित एजेंसी को देने होते हैं।

LPG सिलेंडर से यदि आपके घर या प्रतिष्ठान में कोई हादसा होता है तो आप 40 लाख तक का इंश्योरेंस क्लेम कर सकते हैं। वहीं सिलिंडर फटने से यदि किसी व्यक्ति की मौत होती है तो 50 लाख रुपए तक का क्लेम किया जा सकता है। इस तरह के एक्सीडेंट में प्रत्येक पीड़ित व्यक्ति को 10 लाख रुपए तक की क्षतिपूर्ति राशि का नियम है।

*फ्री कनेक्शन के लिए*

नई सुविधा में इंडियन ऑयल का एलपीजी कनेक्शन लेने के लिए 8454955555 पर मिस्ड कॉल करना होगा। साथ ही इंडेन के वर्तमान ग्राहक पंजीकृत फोन नंबर से मिस्ड कॉल करके एलपीजी रिफिल भी बुक करा सकेंगे। जल्द ही चरणबद्ध तरीके में यह सुविधा पूरे देशभर में उपलब्ध होगी। इस सुविधा से ग्रामीण उपभोक्ताओं का जीवन भी आसान होगा।

आयकर रिटर्न भरने के फायदे, अंतिम तिथि से पहले भरे अन्यथा आयकर विभाग की पेनल्टी से नही बचेंगे आप

अंतिम तिथि तक इन्तेजार करना पड़ सकता है भारी, आयकर विभाग की पेनल्टी से नही बचेंगे आप

अगर आप ये सोच रहे हैं कि आईटीआर फाइलिंग (itr filing) की अंतिम तारीख आने में वक्त है, इसलिए आराम से रिटर्न फाइल करेंगे तो यह गलत सोच है. इनकम टैक्स रिटर्न जितनी जल्दी भरेंगे, उतना आपको फायदा होगा. इस काम को जितना लटकाएंगे, उतना नुकसान होगा. सीधी सी बात है कि आईटीआर जल्द भरेंगे तो जल्द रिफंड होगा. रिटर्न फाइल में देरी का मतलब है रिफंड मिलने में देरी. इसलिए आपको तय करना है कि जल्द भरने में भलाई है या देर से.
मान लें कि आपको कुल आय की गणना में व्यवसाय और पेशे से घाटा हुआ है. यदि आपने निर्धारित तारीख से पहले आईटीआर दाखिल नहीं किया है तो इसे बाद के एसेसमेंट ईयर में आगे ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
इसलिए बाद के वर्षों में ‘कैरी फॉरवर्ड और सेट ऑफ लॉस’ का लाभ उठाने के लिए नियत तारीख से पहले अपना आईटीआर फाइल करें.

*1-जुर्माने से बच जाएंगे*
निर्धारित तारीख के बाद आईटीआर फाइल करने के कई घाटे हैं. इसे बिलेटेड रिटर्न कहते हैं. इस पर ब्याज और शुल्क दोनों चुकाना होता है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 234ए के तहत आपको ब्याज भरना पड़ सकता है. यह ब्याज हर महीने 1 प्रतिशत के हिसाब से देना होगा. फी के रूप में 10,000 रुपये तक देने पड़ सकते हैं.

*2-जल्द मिलेगा टैक्स रिफंड*
जब आपको पहले से पता है कि आईटीआर भरने के बाद रिफंड मिलना है तो इसमें देरी क्या करना. अंतिम तारीख के आसपास रिटर्न फाइल करेंगे तो रिफंड में देरी होगी क्योंकि टैक्स डिपार्टमेंट पर काम का बोझ बढ़ जाता है. टैक्स रिफंड जल्द मिल जाए तो उस पैसे को कहीं बिजनेस या फंड में लगाकर लाभ कमा सकते हैं. इस पैसे के निवेश में जितनी देरी करेंगे, किसी स्कीम या फंड में मिलने वाला रिटर्न भी उतना ही लेट चलेगा.

*3-लोन, क्रेडिट कार्ड मिलने में आसानी होगी*
आईटीआर आपका इनकम प्रूफ भी होता है. यह बताता है कि किसी वित्तीय वर्ष में आपने कितने रुपये की कमाई की है या कितना खर्च किया है. जब आप क्रेडिट कार्ड, होन या वीजा आदि के लिए अप्लाई करते हैं तो आईटीआर आपका अनिवार्य दस्तावेज बन जाता है. आपको यह दस्तावेज जमा कराना होता है. अगर समय से आईटीआर फाइल नहीं करेंगे तो इसे सर्टिफिकेट के तौर पर जमा नहीं कर सकेंगे. इसलिए लोन या वीजा के लिए अप्लाई करने वाले हैं तो जल्द आईटीआर भर दें.

*4- बड़े मूल्य का लाइफ कवर खरीद सकते हैं*
आईटीआर के कई फायदों में एक लाइफ कवर भी है. जब आप ज्यादा मूल्य के लाइफ इंश्योरेंस खरीदने जाते हैं तो उसमें आईटीआर आपकी मदद कर सकता है. लाइफ इंश्योरेंस आज की तारीख में सबसे जरूरी निवेश है, खासकर जब आप परिवार में अकेले कमाने लायक हैं. ऐसे में आईटीआर से बहुत मदद मिल सकती है. अगर आप अधिक कीमतों की जैसे 50 लाख या उससे ऊपर के लाइफ कवर लेने जाएंगे तो आईटीआर देना ही होगा. कंपनियां आपके पिछले कुछ साल का आईटीआर मांगती हैं.

*5- अंत समय में फंस सकता है काम*
आईटीआर फाइलिंग का जैसे-जैसे अंतिम दिन नजदीक आता है, हो सकता है कि टैक्स फाइलिंग पोर्टल का काम धीमा हो जाए. चूंकि पोर्टल पर एक साथ कई रिक्वेस्ट आती हैं, इसलिए ऐन समय पर कुछ गड़बड़ी हो सकती है. रिटर्न फाइलिंग प्रोसेस में कुछ तकनीकी खराबी आ सकती है. अंत समय की भीड़ और चिंताओं से मुक्त होना है तो समय पर रिटर्न फाइल करनी चाहिए. ऐसा भी नहीं है कि आप इससे बच सकते हैं. यह सभी लोगों के लिए अनिवार्य है जो लोग कमाई करते हैं. टैक्स डिपार्टमेंट को कोई कार्रवाई न करनी पड़े, इससे बचने का उपाय है कि समय पर रिटर्न फाइल कर चैन की सांस लें.

आयुष्मान योजना में अब ज्यादा फायदा, 5 लाख तक स्वास्थ्य बीमा का लाभ हुआ शामिल

आयुष्मान योजना में अब ज्यादा फायदा, 5 लाख तक स्वास्थ्य बीमा का लाभ हुआ शामिल


मोदी सरकार ने कोरोना से प्रभावित बच्चों के लिए फ्री हेल्थ इंश्योरेंस का ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी ट्विट कर साझा की। इस जानकारी के मुताबिक जिन बच्चों ने अपने माता-पिता या अभिभावकों को कोरोना के चलते खोल दिया उन्हें आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा सरकार की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। इस बीमा का प्रीमियम पीएम केयर स भरा जाएगा।
इन बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस योजना की घोषणा की है, जिसके तहत बच्चों को 18 साल की उम्र तक मुफ्त इलाज मिलेगा। बच्चों को 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा दिया जा रहा है।

वहीं जब बच्चे 23 साल के हो जाएंगे तो उन्हें 10 लाख रुपए का फंड दिया जाएगा। सरकार किशोर न्याय( बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम) के तहत बच्चों को ये सुरक्षा प्रदन कर रही है। इस संबंध में pmcaresforhildren.in पर इसकी विस्तृत जानकारी ली जा सकती है।
आपको बता दें कि देश के कई राज्यों ने कोरोना के चलत अनाथ हुए बच्चों की सुरक्षा और उनकी देखभाल के लिए कई घोषणां और स्कीम लागू किया है। हरियाणा सरकार ने ऐसे बच्चों को हर माह 2500 रुपए देने की योजना शुरू की है तो वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसे बच्चों के लिए हैलो मुस्कान की शुरुआत की है। यूपी सरकार ने यूनिसेफ के साथ मिलकर हैलो मुस्कान अभियान चलाने का फैसला किया है
 अब आयुष्मान भारत योजन के लाभार्थी अपना 'आयुष्मान कार्ड' (Ayushman cards) मुफ्त में ले सकते हैं यानी इसके लिए अब कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। पहले इस कार्ड के लिए 30 रुपये लिए जाते थे।

*कहां मिलेगा आयुष्मान कार्ड*

लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्ड के जरिये ही लाभार्थी अपना इलाज मुफ्त में करा सकते हैं। लाभार्थियों को आयुष्मान भारत कार्ड देश भर में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर मिलता है।

हालांकि इस कार्ड का डुप्लीकेट बनाने के लिए आपको 15 रुपये देने होंगे।

लाभार्थियों को फ्री कार्ड देना का फैसल राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) ने किया ताकि इस योजना के तहत सेवा वितरण की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और सुगम बनाया जा सके।

सरकार ने कहा कि आयुष्मान कार्ड पीएम-जेएवाई के किसी भी अस्पताल में मिल सकता है। अब इसे मुफ्त में जारी किया जाएगा। यह एक तरह का पीवीसी कार्ड है जिसे कागज के कार्ड पर लाया जा रहा है. इस कार्ड को आसानी से कई वर्षों तक संभालकर रखा जा सकता है।

*आयुष्मान भारत योजना क्या है? (What is Ayushman Bharat Yojana)*

आयुष्मान भारत को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana AB-PMJAY) या नेशन हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (National Health Protection Scheme) या मोदीकेयर (ModiCare) के नाम से भी जाना जाता है। केंद्र सरकार इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध करा रही है।

*इलाज के लिए जरूरी है आयुष्मान कार्ड*

इस योजना के तहत देश के दस करोड़ गरीब परिवारों को कैंसर सहित 1300 से ज्यादा बीमारियों का मुफ्त इलाज और हर परिवार को 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर दिया जा रहा है। अगर आपका नाम इस योजना के अंतर्गत आता है और आप इसका लाभ लेना चाहते हैं, तो आपके पास 'आयुष्मान कार्ड' होना जरूरी है। इस कार्ड को आयुष्मान कार्ड (Ayushman Bharat Yojana Golden Card) के नाम से भी जाना जाता है।

*आयुष्मान कार्ड बनवाना हुआ आसान*

अगर आपका नाम आयुष्मान भारत योजना में है और आप गोल्डन कार्ड बनवाना चाहते हैं, तो आपको इस योजना में शामिल अस्पताल या जन सेवा केंद्र से संपर्क करना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में कार्ड बनवाने के लिए जनसेवा केंद्र बनाए गए हैं, जहां आप इस कार्ड को बनवा सकते हैं। इसे बनवाने के लिए आपको पहले 30 रुपये देने होते थे लेकिन अब यह फ्री मिलेगा और साथ में राशन कार्ड, आधार कार्ड और मोबाइल नंबर बताना होगा।

आयुष्मान भारत में एक नया प्रावधान किया गया है। नया नियम यह है कि इस योजना से जुड़े परिवार में शादी करके आई नई नवेली बहू को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं लेने के लिए किसी कार्ड या डाक्यूमेंट्स की जरूरत नहीं होगी। ऐसी महिलाएं सपनी पति का आधार कार्ड दिखाकर सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगी। बता दें कि पहले ऐसी महिलाओं को विवाह प्रमाण पत्र जरूरी होता था।

*आयुष्मान भारत में ऐसे देखें अपना नाम*

-सबसे पहले इस लिंक पर क्लिक करें https://mera.pmjay.gov.in/search/login। इसके बाद अपना मोबाइल नंबर ऐड करें। इसके बाद कैप्चा ऐड करें। फिर ओटीपी जेनेरेट करें। उसके बाद ओटीपी नंबर ऐड करें। उसके बाद राज्य सेलेक्ट करें। उसके अपने नाम या जाति श्रेणी से सर्च करें। उसके बाद अपनी डिटेल इंटर करें और सर्च करें।

*आयुष्मान भारत हेल्पलाइन नंबर*

आप इन नंबरों पर इस बात का पता कर सकते हैं कि आप आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी हैं या नहीं। हेल्पलाइन का नंबर 14555 है। इस पर मरीज आयुष्मान भारत योजना की जानकारी ले सकते हैं। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का एक और हेल्पलाइन नंबर 1800 111 565 भी है। यह नंबर 24 घंटे चालू रहेगा।

IMC गौमूत्र के फायदे - IMC Herbal Gomutra Benefits

IMC गौमूत्र के फायदे | IMC Herbal Gomutra Benefits in Hindi

इंसानों के लिए गौमूत्र किसी वरदान से कम नही है यह इतना प्रभावशाली है कि यह हमारे पूरे शरीर और मस्तिष्क के रोगों को ठीक कर सकता है। गाय के मूत्र में एंटीकैंसर तत्व पाए जाते हैं। यह प्राकृतिक एंटीबायोटिक, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, एंटी एलर्जिक की तरह काम करता है। 

आयुर्वेद के अनुसार गौमूत्र एक संजीवनी की तरह है और इसका उपयोग करना पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन केवल भारतीय नस्ल की गायों में ये गुण पाए जाते हैं।




आयुर्वेद के अनुसार सभी रोगों का जड़ वात, पित्त और कफ दोषों के असंतुलन से होता है। गौमूत्र इन तीनो दोषों को ठीक करने में पूरी तरह सक्षम है। 


गौमूत्र में 18 प्रकार के खनिज तत्व पाए जाते हैं जैसे: आयरन, कॉपर, नाइट्रोजन, मैगनीज, क्लोरिन, कार्बोलिक एसिड, सिलिकॉन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, गोल्ड, सिट्रिक्स, एंजाइम्स, विटामिन ए, बी, सी, डी आदि पाए जाते हैं।



IMC गोमूत्र का उपयोग क्यों करें? 

जैसा की आपको पता है आईएमसी कंपनी के सभी प्रोडक्ट बेस्ट क्वालिटी के होते हैं और प्रोडक्ट की गुणवक्ता में विशेष ध्यान दिया जाता है। 

आईएमसी गोमूत्र का कोई भी बड़े आराम से पी सकता है क्योंकि इसमें इलायची और तुलसी डाली गई है जिससे यह सुगंधित हो जाता है। 

IMC में गौमूत्र कैसे बनाया जाता है?

आईएमसी के हर्बल गोमूत्र को बनाने के लिए पहले गोशाला में खड़ी गाय से सुबह, दोपहर व शाम को स्टील के बर्तन में मूत्र एकत्रित किया जाता है। स्टील टैंक में इक्कठा करने के बाद इसे डबल डिस्टिलेशन के द्वारा सभी अशुद्धियों को निकाल दिया जाता है। इस प्रक्रिया में गोमूत्र की गुणवक्ता में कोई बदलाव नही आता।  

इसके बाद शुद्ध किये गये गोमूत्र में इलाइची और तुलसी डाली जाती है।  इससे तुलसी और इलायची दोनों का भी लाभ मिलता है।

IMC गौमूत्र के फायदे 

  • यह बात पित्त और कफ को संतुलित करता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
  • गोमूत्र से बढ़िया डिटॉक्सिफिकेशन कोई नहीं कर सकता। यह शरीर की सारी गंदगी को बाहर निकाल देता है।
  • यह चर्म रोग में लाभकारी है।
  • मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
  • पीलिया की बीमारी में लाभ मिलता है।
  • खून को साफ करता है और रक्त दोषों को दूर करता है।
  • कैंसर की बीमारी में लाभदायक है।
  • यह दर्द निवारक के रूप में भी काम करता है और यह सूजन को भी कम करता है ।
  • हृदय रोग, शुगर और माइग्रेन में लाभकारी है।
  • गोमूत्र श्वास नली फेफड़े संबंधी रोगों में विशेष तौर पर लाभकारी है।
  • सर्दी जुकाम और दमे में गोमूत्र को हल्का गर्म करके पीने से लाभ मिलता है।
  • जोड़ों के दर्द में गोमूत्र को गर्म करके मालिश करने से आराम मिलता है।
  • सुबह शाम को मूत्र से चेहरा धोने पर कील मुंहासे नष्ट हो जाते हैं।
  • पेट दर्द, कब्ज, अपच जैसे पेट सम्बन्धी रोगों को ठीक करता है।
  • शहद, नीबू और पानी के साथ गोमूत्र का रोज सेवन करने से शरीर के अनावश्यक चर्बी और मोटापा दूर हो जाता है।

IMC गौमूत्र का सेवन कैसे करें?

15 ml गोमूत्र को 50 ml पानी में मिलाकर सुबह-शाम खाली पेट पियें। शुरुआत में यदि आपको दस्त हो जाए तो घबराएं नही। यह एक उत्तम लक्षण हैं। शुरुआत कम मात्रा से करें भी 30ml लेवें या चिकित्सक की सलाह से सेवन करें।

IMC गोमुत्र का सेवन स्वस्थ व्यक्ति को भी रोजाना करना चाहिए। यदि गोमूत्र को पानी में मिलाकर नहाए तो शरीर के सभी रोगाणु खत्म हो जाते हैं।

आईएमसी गोमूत्र की कीमत क्या है?

यदि आपके पास आईएमसी की आईडी है तो आप डिस्काउंट प्राइस (DP rate) में खरीद सकते हैं। आईडी नहीं होने पर आप एमआरपी मूल्य पर इस प्रोडक्ट को खरीद सकते हैं।

IMC Herbal Gomutra (500 ml)  - MRP 395 
IMC Herbal Gomutra (1000 ml)  - MRP 725

 डिस्काउंट के बारे में भी जानें

IMC भारत में एक बहुत ज़ोरों से विस्तृत होती एक कंपनी है जो अपने प्रोडक्ट्स को प्रतिस्पर्धा में उतारने के साथ-साथ अपने ग्राहकों को संतुष्ट करने के लिए हर प्रोडक्ट के साथ एक बेहतरीन Business oppurtinity मुहैया करवाई है जिससे हज़ारों ग्राहकों को बेहतरीन क्वालिटी के सामान के साथ उन्हें एक अवसर भी मिला है |

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