अंतिम तिथि तक इन्तेजार करना पड़ सकता है भारी, आयकर विभाग की पेनल्टी से नही बचेंगे आप
अगर आप ये सोच रहे हैं कि आईटीआर फाइलिंग (itr filing) की अंतिम तारीख आने में वक्त है, इसलिए आराम से रिटर्न फाइल करेंगे तो यह गलत सोच है. इनकम टैक्स रिटर्न जितनी जल्दी भरेंगे, उतना आपको फायदा होगा. इस काम को जितना लटकाएंगे, उतना नुकसान होगा. सीधी सी बात है कि आईटीआर जल्द भरेंगे तो जल्द रिफंड होगा. रिटर्न फाइल में देरी का मतलब है रिफंड मिलने में देरी. इसलिए आपको तय करना है कि जल्द भरने में भलाई है या देर से.
मान लें कि आपको कुल आय की गणना में व्यवसाय और पेशे से घाटा हुआ है. यदि आपने निर्धारित तारीख से पहले आईटीआर दाखिल नहीं किया है तो इसे बाद के एसेसमेंट ईयर में आगे ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
इसलिए बाद के वर्षों में ‘कैरी फॉरवर्ड और सेट ऑफ लॉस’ का लाभ उठाने के लिए नियत तारीख से पहले अपना आईटीआर फाइल करें.
*1-जुर्माने से बच जाएंगे*
निर्धारित तारीख के बाद आईटीआर फाइल करने के कई घाटे हैं. इसे बिलेटेड रिटर्न कहते हैं. इस पर ब्याज और शुल्क दोनों चुकाना होता है. इनकम टैक्स एक्ट की धारा 234ए के तहत आपको ब्याज भरना पड़ सकता है. यह ब्याज हर महीने 1 प्रतिशत के हिसाब से देना होगा. फी के रूप में 10,000 रुपये तक देने पड़ सकते हैं.
*2-जल्द मिलेगा टैक्स रिफंड*
जब आपको पहले से पता है कि आईटीआर भरने के बाद रिफंड मिलना है तो इसमें देरी क्या करना. अंतिम तारीख के आसपास रिटर्न फाइल करेंगे तो रिफंड में देरी होगी क्योंकि टैक्स डिपार्टमेंट पर काम का बोझ बढ़ जाता है. टैक्स रिफंड जल्द मिल जाए तो उस पैसे को कहीं बिजनेस या फंड में लगाकर लाभ कमा सकते हैं. इस पैसे के निवेश में जितनी देरी करेंगे, किसी स्कीम या फंड में मिलने वाला रिटर्न भी उतना ही लेट चलेगा.
*3-लोन, क्रेडिट कार्ड मिलने में आसानी होगी*
आईटीआर आपका इनकम प्रूफ भी होता है. यह बताता है कि किसी वित्तीय वर्ष में आपने कितने रुपये की कमाई की है या कितना खर्च किया है. जब आप क्रेडिट कार्ड, होन या वीजा आदि के लिए अप्लाई करते हैं तो आईटीआर आपका अनिवार्य दस्तावेज बन जाता है. आपको यह दस्तावेज जमा कराना होता है. अगर समय से आईटीआर फाइल नहीं करेंगे तो इसे सर्टिफिकेट के तौर पर जमा नहीं कर सकेंगे. इसलिए लोन या वीजा के लिए अप्लाई करने वाले हैं तो जल्द आईटीआर भर दें.
*4- बड़े मूल्य का लाइफ कवर खरीद सकते हैं*
आईटीआर के कई फायदों में एक लाइफ कवर भी है. जब आप ज्यादा मूल्य के लाइफ इंश्योरेंस खरीदने जाते हैं तो उसमें आईटीआर आपकी मदद कर सकता है. लाइफ इंश्योरेंस आज की तारीख में सबसे जरूरी निवेश है, खासकर जब आप परिवार में अकेले कमाने लायक हैं. ऐसे में आईटीआर से बहुत मदद मिल सकती है. अगर आप अधिक कीमतों की जैसे 50 लाख या उससे ऊपर के लाइफ कवर लेने जाएंगे तो आईटीआर देना ही होगा. कंपनियां आपके पिछले कुछ साल का आईटीआर मांगती हैं.
*5- अंत समय में फंस सकता है काम*
आईटीआर फाइलिंग का जैसे-जैसे अंतिम दिन नजदीक आता है, हो सकता है कि टैक्स फाइलिंग पोर्टल का काम धीमा हो जाए. चूंकि पोर्टल पर एक साथ कई रिक्वेस्ट आती हैं, इसलिए ऐन समय पर कुछ गड़बड़ी हो सकती है. रिटर्न फाइलिंग प्रोसेस में कुछ तकनीकी खराबी आ सकती है. अंत समय की भीड़ और चिंताओं से मुक्त होना है तो समय पर रिटर्न फाइल करनी चाहिए. ऐसा भी नहीं है कि आप इससे बच सकते हैं. यह सभी लोगों के लिए अनिवार्य है जो लोग कमाई करते हैं. टैक्स डिपार्टमेंट को कोई कार्रवाई न करनी पड़े, इससे बचने का उपाय है कि समय पर रिटर्न फाइल कर चैन की सांस लें.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी करें
टिप्पणी: केवल इस ब्लॉग का सदस्य टिप्पणी भेज सकता है.