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मंगलवार, 22 मार्च 2022

संत एकनाथ जयन्ती, मीराबाई जयन्ती एवं क्रान्तिकारी भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु बलिदान दिवस


दिनॉक 23 मार्च 2,022

          *संत एकनाथ जयन्ती, मीराबाई जयन्ती एवं क्रान्तिकारी भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु बलिदान दिवस)*
*************** *सन्त एकनाथ* ***************
                   एकनाथ (1533 - 1599 ई.) प्रसिद्ध मराठी सन्त जिनका जन्म पैठण में सन्त भानुदास के कुल में हुआ था। इन्होंने सन्त ज्ञानेश्वर द्वारा प्रवृत्त साहित्यिक तथा धार्मिक कार्य का सब प्रकार से उत्कर्ष किया। ये संत भानुदास के पौत्र थे। गोस्वामी तुलसीदास के समान मूल नक्षत्र में जन्म होने के कारण ऐसा विश्वास है कि कुछ महीनों के बाद ही इनके माता पिता की मृत्यु हो गई थी।
                   बालक एकनाथ स्वभावत: श्रद्धावान तथा बुद्धिमान थे। देवगढ़ के हाकिम जनार्दन स्वामी की ब्रह्मनिष्ठा, विद्वत्ता, सदाचार और भक्ति देखकर भावुक एकनाथ उनकी ओर आकृष्ट हुए और उनके शिष्य हो गए। एकनाथ ने अपने गुरु से ज्ञानेश्वरी, अमृतानुभव, श्रीमद्भागवत आदि ग्रंथों का अध्ययन किया और उनका आत्मबोध जाग्रत हुआ। गुरु की आज्ञा से ये गृहस्थ बने। 
                  एकनाथ अपूर्व सन्त थे। प्रवृत्ति और निवृत्ति का ऐसा अनूठा समन्वय कदाचित् ही किसी अन्य संत में दिखाई देता है। आज से लगभग 675 वर्ष पूर्व इन्होंने मानवता की उदार भावना से प्रेरित होकर अछूतोद्धार का प्रयत्न किया। 
                  ये जितने ऊँचे सन्त थे उतने ही ऊँचे कवि भी थे। इनकी टक्कर का बहुमुखी सर्जनशील प्रतिभा का कवि महाराष्ट्र में इनसे पहले पैदा नहीं हुआ था। महाराष्ट्र की अत्यंत विषम अवस्था में इनको साहित्यसृष्टि करनी पड़ी। 
                  मराठी भाषा, उर्दू-फारसी से दब गई थी। दूसरी ओर संस्कृत के पंडित देशभाषा मराठी का विरोध करते थे। इन्होंने मराठी के माध्यम से ही जनता को जाग्रत करने का बीड़ा उठाया।

हिन्दुओं, गाँठ बांध लो

*हिन्दुओं, गाँठ बांध लो !*

*🪢 कन्याओं का विवाह 21वें वर्ष में, और लड़कों का विवाह 24वें वर्ष की आयु तक हर स्थिति में हो जाना चाहिए !*

*🪢 फ्लैट भूलकर मत खरीदना ! जमीन खरीदो, और उस पर Independent मकान बनाओ ! वरना आपकी संतानों का भविष्य पिंजरे के पंछी की तरह हो जाएगा !*

*🪢 नयी युवा पीढ़ी को कम से कम तीन संतानों को जन्म देने के लिए प्रेरित करें !*

*🪢 गांव से नाता जोड़ कर रखें ! और गांव की पैतृक सम्पत्ति, और वहां के लोगों से नाता, जोड़कर रखें !*

*🪢 अपनी संतानों को अपने धर्म की शिक्षा अवश्य दें, और उनके मानसिक व शारीरिक विकास पर ध्यान दें !*

*🪢 हिन्दी भाषा का अधिक से अधिक प्रयोग करें, और प्रचार-प्रसार करें !*

*🪢 किसी भी जिहादी और आतंकवादी प्रवृत्ति के व्यक्ति से सामान लेने से बचें !*

*🪢 घर में बागवानी करने की आदत डालें, और यदि पर्याप्त जगह है, तो देशी गाय पालें !*

 *🪢 हर हिन्दू के घर वाल्मीकि रामायण, योग वशिष्ठ, भागवत गीता-वेद-उपनिषद होने चाहिए, जब होंगे तो पढ़ेंगे भी !*

*🔖 होली, दीपावली, नवरात्रि, दशहरा, मकर संक्रांति, जन्माष्टमी, राम नवमी, आदि जितने भी हिन्दू त्यौहार आयें, उनमें सामूहिक यज्ञ करें !*

*🪢 अपनी संतानों को प्रत्येक वर्ष एक विद्या प्रदान करें !*
 
*जैसे संगीत विद्या, योग विद्या, तैराकी, भोजन बनाने की विद्या और युद्ध विद्या - यानि अपनी संतानों को सशक्त बनाने में व्यस्त रखें !*

*🪢 वर्ष मर में कम से कम दो पैदल तीर्थ अवश्य करें !*

*🪢 प्रात: काल 5 बजे उठ जाएं, और रात्रि को 9 बजे तक सोने का नियम बनाएं !*

*🪢 यदि आपकी कोई एक संतान पढ़ाई में असक्षम है, तो उसको कोई भी हुनर (Skill) वाला ज्ञान दें !*
 
*🪢 आपकी प्रत्येक संतान को कम से कम तीन फोन नंबर स्मरण होने चाहिए, और आपको भी!*

*🪢 जब भी परिवार व समाज के किसी कार्यक्रम में जाएं, तो अपनी संतानों को भी ले जाएं ! इससे उनका मानसिक विकास सशक्त होगा !*

*🪢 परिवार के साथ मिल बैठकर भोजन करने का प्रयास करें, और भोजन करते समय मोबाइल फोन और टीवी बंद कर लें !*

*🪢 अपनी संतानों को बालीवुड की कचरा फिल्मों से बचाएं, और प्रेरणादायक फिल्में दिखाएं !*

*🪢 जंक फूड और फास्ट फूड से बचें !*

*🪢 सांयकाल के समय 10 मिनट भक्ति संगीत लगाएं !*

*🪢 दिखावे के चक्कर में पड़कर, व्यर्थ का खर्चा ना करें !*

*🪢 दो किलोमीटर तक जाना हो, तो पैदल जाएं, या साईकिल का प्रयोग करें !*

*🪢 अपनी संतानों के मन में किसी भी प्रकार के नशे के विरुद्ध चेतना उत्पन्न करें, तथा उसे विकसित करें !*

*🪢 सदैव सात्विक भोजन ग्रहण करें, अपने भोजन का ईश्वर को भोग लगा कर प्रसाद ग्रहण करें ! भोग में तुलसीदल जी को अवश्य सम्मिलित करें !*

*🪢 अपने आंगन में तुलसी का पौधा अवश्य लगायें, व नित्य प्रति दिन पूजा, दीपदान अवश्य करें !*

*🪢 अपने घर पर एक हथियार अवश्य रखें, ओर उसे चलाने का निरन्तर हवा में अकेले प्रयास करते रहें, ताकि विपत्ति के समय प्रयोग कर सकें ! जैसे - लाठी, हॉकी, गुप्ती, तलवार, भाला, त्रिशूल व बंदूक लाइसेंस के साथ !*

*🪢 घर में पुत्र का जन्म हो या कन्या का, खुशी बराबर मनाएँ ! दोनों जरूरी है ! अगर बेटियाँ नहीं होगी तो परिवार व समाज को आगे बढाने वाली बहुएँ कहाँ से आएगी और बेटे नहीं होंगे तो परिवार समाज व देश की रक्षा कौन करेगा !*
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*जय जय श्री राम ! अपने सभी मित्रों को भेज कर, उन्हें अपने सभी मित्रों को भेजने के लिए प्रेरित करें।*

70 साल के इस्लामी शासन के बाद भाजपा ने कश्मीर पर कब्जा किया।*

*70 साल के इस्लामी शासन के बाद भाजपा ने कश्मीर पर कब्जा किया।*

 *क्या तुम खुश नहीं हो?*


 *भाजपा और मोदी ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को रोका।*

 *क्या तुम खुश नहीं हो?*


 *मुसलमानों से राम जन्मभूमि वापस पाने के हमारे 700 साल पुराने सपने को मोदी ने लौटाया।*

*क्या तुम खुश नहीं हो?*

 *भाजपा अपने रक्षा बलों को अपडेट कर उन्हें घातक हथियारों से लैस कर रही है।*

 *क्या तुम खुश नहीं हो?*


 *भाजपा एनआरसी-सीएएम के जरिए अवैध मुसलमानों को खदेड़ रही है।*

 *क्या तुम खुश नहीं हो?*


 *भाजपा आपको और आपके पासपोर्ट को अहमियत और सम्मान दे रही है।*

 *क्या तुम खुश नहीं हो?*


 *भाजपा ने सभी तरह के आतंकवाद, बम विस्फोट और मंदिरों पर हमले बंद कर दिए हैं।*

 *क्या तुम खुश नहीं हो?*


 *मोदी भारत में अगली पीढ़ी के फाइटर जेट, मिसाइल, पनडुब्बी, आर्टिलरी, टैंक खरीद रहे हैं।*

 *क्या तुम खुश नहीं हो?*


 *मोदी ऐसे भारत का निर्माण कर रहे हैं जो चीन और दुनिया के किसी भी देश को चुनौती दे सके।*

 *क्या तुम खुश नहीं हो?*


 *मोदी सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को महाशक्ति बनाना चाहते हैं।*

 *क्या तुम उसके साथ नहीं हो?*


 *मोदी हर भारतीय के लिए शौचालय, हर युवा को अवसर, लाखों गरीब भारतीयों को सस्ती और अक्सर मुफ्त शिक्षा और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करके गरीबों का सम्मान कर रहे हैं।*

 *क्या तुम खुश नहीं हो?*


 *मोदी यूनाइटेड इस्लामिक और जिहादी ताकतों के कुछ निश्चित/आश्वासित/आसन्न हमलों से खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।*

 *आपने हाल ही में भारत की सड़कों पर उनका अहंकार और उद्देश्य देखा है। भीड़ लगभग 100% मुस्लिम थी और वे संसद द्वारा बनाए गए कानून को खुलेआम चुनौती दे रहे थे।*
 
*अगर भारत की केवल 20% आबादी ही ऐसा कर पाती, तो कल्पना कीजिए कि वे अब से दस साल बाद क्या करेंगे!*

 *भीड़ आपके शयनकक्ष में प्रवेश नहीं कर सकी क्योंकि मोदी आपके घर की रखवाली कर रहे थे, नहीं तो आप जानते हैं कि क्या होता।*

 *जागो हिन्दूओ! ! उठो*

*मुस्लिम शरण के लिए 58 देश हैं। अगर आपको भारत से जबरन बाहर कर दिया गया तो आप हिंदू बनकर कहां जाएंगे? *सोचिए। अपने बच्चों के बारे में सोचो। गौर कीजिए कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, कश्मीर, केरल और पश्चिम बंगाल के हिंदुओं के साथ क्या हुआ।*

 *समय निकल रहा है, या तो मोदी के साथ खड़े रहें/समर्थन/योगदान/काम/सहायता/सहायता/लड़ाई*

 *या.....फिर....*

 *नमाज़ पढ़ना सीखना शुरू करें, और - कहना दर्दनाक है - अपने परिवार की महिला सदस्यों के लिए घूंघट पहनना शुरू करें।*

 *कभी मत कहो कि आपको चेतावनी नहीं दी गई थी। अपने बच्चों और पोते-पोतियों को इस्लामी बर्बरता से बचाने का यह आखिरी मौका है। तू असफल रहा और तू पृथ्वी पर से मिटा दिया जाएगा। चुनाव तुम्हारा है।* *

 *छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति संभाजी महाराज, महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, दही सिख गुरु, गुरु गोबिंद सिंह, वीर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह और कई अन्य शहीद स्वतंत्रता सेनानियों ने कायरों के लिए लड़ते हुए अपना जीवन बर्बाद कर दिया है। आप?*

 *इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, उत्तर देने का प्रयास करें।*
 *निर्णय लेने के लिए आपके पास साल/महीने नहीं हैं। इस्लाम पहले से ही आपके दरवाजे पर दस्तक दे रहा है।*

*क्या आप भयानक धावा बोल सुन सकते हैं?*

 *अगर आप सहमत हैं तो कृपया इस पोस्ट को दूसरे ग्रुप में भेजें।*

  *हिन्दु बचेगा तभी हिन्दुस्तान बचेगा...जय हिन्द..🚩🇮🇳*
🌷🙏🏻🌷

मीराबाई (23 मार्च,1498/जयंती)

***************** *मीराबाई* *****************
                     *(23 मार्च,1498/जयंती)*
                  भारत का राजस्थान प्रान्त वीरों की खान कहा जाता है; पर इस भूमि को श्रीकृष्ण के प्रेम में अपना तन-मन और राजमहलों के सुखों को ठोकर मारने वाली मीराबाई ने भी अपनी चरण रज से पवित्र किया है। हिन्दी साहित्य में रसपूर्ण भजनों को जन्म देने का श्रेय मीरा को ही है। साधुओं की संगत और एकतारा बजाते हुए भजन गाना ही उनकी साधना थी। मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई..गाकर मीरा ने स्वयं को अमर कर लिया।
                  मीरा का जन्म मेड़ता के राव रत्नसिंह के घर 23 मार्च, 1498 को हुआ था। जब मीरा तीन साल की थी, तब उनके पिता का और दस साल की होने पर माता का देहान्त हो गया। जब मीरा बहुत छोटी थी, तो एक विवाह के अवसर पर उसने अपनी माँ से पूछा कि मेरा पति कौन है ? माता ने हँसी में श्रीकृष्ण की प्रतिमा की ओर इशारा कर कहा कि यही तेरे पति हैं। भोली मीरा ने इसे ही सच मानकर श्रीकृष्ण को अपने मन-मन्दिर में बैठा लिया।
                  माता और पिता की छत्रछाया सिर पर से उठ जाने के बाद मीरा अपने दादा राव दूदाजी के पास रहने लगीं। उनकी आयु की बालिकाएँ जब खेलती थीं, तब मीरा श्रीकृष्ण की प्रतिमा के सम्मुख बैठी उनसे बात करती रहती थी। कुछ समय बाद उसके दादा जी भी स्वर्गवासी हो गये। अब राव वीरमदेव गद्दी पर बैठे। उन्होंने मीरा का विवाह चित्तौड़ के प्रतापी राजा राणा साँगा के बड़े पुत्र भोजराज से कर दिया। इस प्रकार मीरा ससुराल आ गयी; पर अपने साथ वह अपने इष्टदेव श्रीकृष्ण की प्रतिमा लाना नहीं भूली।
                  मीरा की श्रीकृष्ण भक्ति और वैवाहिक जीवन सुखपूर्वक बीत रहा था। राजा भोज भी प्रसन्न थे; पर दुर्भाग्यवश विवाह के दस साल बाद राजा भोजराज का देहान्त हो गया। अब तो मीरा पूरी तरह श्रीकृष्ण को समर्पित हो गयीं। उनकी भक्ति की चर्चा सर्वत्र फैल गयी। दूर-दूर से लोग उनके दर्शन को आने लगे। पैरों में घुँघरू बाँध कर नाचते हुए मीरा प्रायः अपनी सुधबुध खो देती थीं।
                  मीरा की सास, ननद और राणा विक्रमाजीत को यह पसन्द नहीं था। राज-परिवार की पुत्रवधू इस प्रकार बेसुध होकर आम लोगों के बीच नाचे और गाये, यह उनकी प्रतिष्ठा के विरुद्ध था। उन्होंने मीरा को समझाने का प्रयास किया; पर वह तो सांसारिक मान-सम्मान से ऊपर उठ चुकी थीं। उनकी गतिविधियों में कोई अन्तर नहीं आया। अन्ततः राणा ने उनके लिए विष का प्याला श्रीकृष्ण का प्रसाद कह कर भेजा। मीरा ने उसे पी लिया; पर सब हैरान रह गये, जब उसका मीरा पर कुछ असर नहीं हुआ।
                  राणा का क्रोध और बढ़ गया। उन्होंने एक काला नाग पिटारी में रखकर मीरा के पास भेजा; पर वह नाग भी फूलों की माला बन गया। अब मीरा समझ गयी कि उन्हें मेवाड़ छोड़ देना चाहिए। अतः वह पहले मथुरा-वृन्दावन और फिर द्वारका आ गयीं। इसके बाद चित्तौड़ पर अनेक विपत्तियाँ आयीं। राणा के हाथ से राजपाट निकल गया और युद्ध में उनकी मृत्यु हो गयी।
                  यह देखकर मेवाड़ के लोग उन्हें वापस लाने के लिए द्वारका गये। मीरा आना तो नहीं चाहती थी; पर जनता का आग्रह वे टाल नहीं सकीं। वे विदा लेने के लिए रणछोड़ मन्दिर में गयीं; पर पूजा में वे इतनी तल्लीन हो गयीं कि वहीं उनका शरीर छूट गया। इस प्रकार 1573 ई0 में द्वारका में ही श्रीकृष्ण की दीवानी मीरा ने अपनी देहलीला समाप्त की।

भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु (23 मार्च,1931/ बलिदान दिवस)

********** *भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु* *******
             *(23 मार्च,1931/ बलिदान दिवस)*
                  23 मार्च,1931 को अंग्रेज़ी सरकार ने भारत के तीन सपूतों - भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को फाँसी पर लटका दिया था. स्वतंत्रता की लड़ाई में स्वयं को देश की वेदी पर चढ़ाने वाले यह नायक हमारे आदर्श हैं.
                  शहीद-ऐ-आज़म भगतसिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को हुआ था.14 वर्ष की आयु में ही भगतसिंह ने सरकारी स्कूलों की पुस्तकें और कपड़े जला दिये थे.
                   महात्मा गाँधी ने जब चौरीचौरा काण्ड के बाद असहयोग आन्दोलन को समाप्त करने की घोषणा की तो भगतसिंह का अहिंसावादी विचारधारा से मोहभंग हो गया. उन्होंने 1926 में देश की आज़ादी के लिए नौजवान भारत की स्थापना की.
                  हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी, संस्कृत, पंजाबी, बंगला और आयरिश भाषा के मर्मज्ञ चिन्तक और विचारक भगतसिंह भारत में समाजवाद के पहले व्याख्याता थे. भगतसिंह अच्छे वक्ता, पाठक और लेखक भी थे. उन्होंने *अकाली* और *कीर्ति* नामक दो अखबारों का सम्पादन भी किया.
                  जेल में भगतसिंह व उनके साथियों ने 64 दिनों तक भूख हड़ताल की. उनके एक साथी यतीन्द्र नाथ दास ने तो भूख हड़ताल में अपने प्राण ही त्याग दिये थे.
                 भगतसिंह तथा बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल 1929 को केन्द्रीय असेम्बली में एक खाली स्थान पर बम फेंका था. इसके पश्चात् उन्होंने स्वयं गिरफ्तारी देकर अपना सन्देश दुनिया के सामने रखा.
                 उनकी गिरफ्तारी के पश्चात् उन पर एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जेपी साण्डर्स की हत्या का मुकदमा चला. लगभग दो वर्ष मुकदमा चलने के पश्चात् 23 मार्च 1931 को भगतसिंह, सुखदेव, तथा राजगुरु को फाँसी दे दी गई. 
                  शहीद सुखदेव : सुखदेव का जन्म 15 मई,1907 को पंजाब के लायलपुर में हुआ जो अब पाकिस्तान में है. भगतसिंह और सुखदेव के परिवार लायलपुर में पास-पास ही रहने से दोनों वीरों में गहरी दोस्ती थी तथा साथ ही दोनों लाहौर नेशनल कॉलेज के छात्र थे. साण्डर्स हत्याकाण्ड में भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव साथ थे.
                  शहीद राजगुरु : 24 अगस्त,1908 को पुणे जिले के खेड़ा में राजगुरु का जन्म हुआ. शिवाजी की छापामार शैली के प्रशंसक राजगुरु लाला लाजपत राय के विचारों से भी प्रभावित थे.
                  पुलिस की बर्बर पिटाई से लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने के लिए राजगुरु ने 19 दिसम्बर,1928 को भगतसिंह के साथ मिलकर लाहौर में अंग्रेज़ सहायक पुलिस अधीक्षक जेपी साण्डर्स को गोली मार दी थी और स्वयं ही गिरफ्तार हो गये थे.
                  ऐसे भारत माता के सपूत वीर क्रान्तिकारी शहीद-ऐ-आज़म भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान दिवस पर देश उन्हें कोटि-कोटि नमन् करता है.

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