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गुरुवार, 9 अगस्त 2018

वृद्ध आश्रम

☹ 😢☹वृद्ध आश्रम 😢☹😢

विशेष अनुरोध - - एक बार पूरी कहानी पढ़ियेगा ज़रूर 🙏🙏

निशा काम निपटा कर बैठी ही थी, की फोन की घंटी बजने लगी।

मेरठ से विमला चाची का फोन था
,”बिटिया अपने बाबू जी को आकर ले जाओ यहां से।
बीमार रहने लगे है , बहुत कमजोर हो गए हैं।
हम भी कोई जवान तो हो नहीं रहें है,अब उनका करना बहुत मुश्किल होता जा रहा है।
वैसे भी आखिरी समय अपने बच्चों के साथ बिताना चाहिए।”

निशा बोली,”ठीक है चाची जी इस रविवार को आतें हैं, बाबू जी को हम दिल्ली ले आएंगे।
” फिर इधर उधर की बातें करके फोन काट दिया।

बाबूजी तीन भाई है ,
पुश्तैनी मकान है तीनों वहीं रहते हैं।

निशा और उसका छोटा भाई विवेक दिल्ली में रहते हैं अपने अपने परिवार के साथ।
तीन चार साल पहले विवेक को फ्लैट खरीदने की लिए पैसे की आवश्यकता पड़ी,
तो बाबूजी ने भाईयों से मकान के अपने एक तिहाई हिस्से का पैसा लेकर विवेक को दे दिया था,
कुछ खाने पहनने के लिए अपने लायक रखकर।

दिल्ली आना नहीं चाहते थे इसलिए एक छोटा सा कमरा रख लिया था,
जब तक जीवित थे तब तक के लिए।
निशा को लगता था कि अम्मा के जाने के बाद बिल्कुल अकेले पड़ गए होंगे बाबू जी,
लेकिन वहां पुराने परिचितों के बीच उनका मन लगता था। दोनों चाचियां भी ध्यान रखती थी।
दिल्ली में दोनों भाई बहन की गृहस्थी भी मज़े से चल रही थी।

रविवार को निशा और विवेक का ही कार्यक्रम बन पाया मेरठ जाने का।
निशा के पति अमित एक व्यस्त डाक्टर है, महिने की लाखों की कमाई है,
उनका इस तरह से छुट्टी लेकर निकलना बहुत मुश्किल है, मरीजों की बिमारी न रविवार देखती है न सोमवार।
विवेक की पत्नी रेनू की अपनी जिंदगी है, उच्च वर्गीय परिवारों में उठना बैठना है उसका , इस तरह के छोटे मोटे पारिवारिक पचड़ों में पड़ना उसे पसंद नहीं।

रास्ते भर निशा को लगा विवेक कुछ अनमना , गुमसुम सा बैठा है।
वह बोली,”इतना परेशान मत हो, ऐसी कोई चिंता की बात नहीं है, उम्र हो रही है,
थोड़े कमजोर हो गए हैं ठीक हो जाएंगे।”

विवेक झींकते हुए बोला,”अच्छा खासा चल रहा था,पता नहीं चाचाजी को एसी क्या मुसीबत आ गई दो चार साल और रख लेते तो।
अब तो मकानों के दाम आसमान छू रहे हैं,तब कितने कम पैसों में अपने नाम करवा लिया तीसरा हिस्सा।”

निशा शान्त करने की मन्शा से बोली,
”ठीक है न उस समय जितने भाव थे बाजार में उस हिसाब से दे दिए।
और बाबूजी आखरी समय अपने बच्चों के बीच बिताएंगे तो उन्हें भी अच्छा लगेगा।”

विवेक उत्तेजित हो गया , बोला,”दीदी तेरे लिए यह सब कहना बहुत आसान है।
तीन कमरों के फ्लैट में कहां रखूंगा उन्हें।
रेनू से किट किट रहेगी सो अलग, उसने तो साफ़ मना कर दिया है वह बाबूजी का कोई काम नहीं करेंगी |
वैसे तो दीदी, लड़कियां हक़ मांग ने तो बडी जल्दी खड़ी हो जाती हैं ,
करने के नाम पर क्यों पीछे हट जाती है।
आज कल लड़कियों की शिक्षा और शादी के समय में अच्छा खासा खर्च हो जाता है।
तू क्यों नहीं ले जाती बाबूजी को अपने घर, इतनी बड़ी कोठी है ,जिय़ाजी  की लाखों की कमाई है?”
निशा को विवेक का इस तरह बोलना ठीक नहीं लगा।

पैसे लेते हुए कैसे वादा कर रहा था बाबूजी से
,”आपको किसी भी वस्तु की आवश्यकता हो आप निसंकोच फोन कर देना मैं तुरंत लेकर आ जाऊंगा।
बस इस समय हाथ थोड़ा तन्ग है।” नाममात्र पैसे छोडे थे बाबूजी के पास,
और फिर कभी फटका भी नहीं उनकी सुध लेने।
नशा बोली :”तू चिंता मत कर मैं ले जाऊंगी बाबूजी को अपने घर।”

सही है उसे क्या परेशानी, इतना बड़ा घर फिर पति रात दिन मरीजों की सेवा करते है,

एक पिता तुल्य ससुर को आश्रय तो दे ही सकते हैं।
बाबूजी को देख कर उसकी आंखें भर आईं।
इतने दुबले और बेबस दिख रहे थे,गले लगते हुए बोली,”पहले फोन करवा देते पहले लेने आ जाती।”

बाबूजी बोलें,” तुम्हारी अपनी जिंदगी है क्या परेशान करता।

वैसे भी दिल्ली में बिल्कुल तुम लोगों पर आश्रित हो जाऊंगा।”
रात को डाक्टर साहब बहुत देर से आएं,तब तक पिता और बच्चे सो चुके थे।
खाना खाने के बाद सुकून से बैठते हुएं निशा ने डाक्टर साहब से कहा,
” बाबूजी को मैं यहां ले आईं हूं। विवेक का घर बहुत छोटा है, उसे उन्हें रखने में थोड़ी परेशानी होती।

” अमित के एक दम तेवर बदल गए,वह सख्त लहजे में बोला,”

यहां ले आईं हूं से क्या मतलब है तुम्हारा?

तुम्हारे पिताजी तुम्हारे भाई की जिम्मेदारी है। मैंने बड़ा घर वृद्धाश्रम खोलने के लिए नहीं लिया था ,
अपने रहने के लिए लिया है।
जायदाद के पैसे हड़पते हुए नहीं सोचा था साले साहब ने कि पिता की करनी भी पड़ेगी।

रात दिन मेहनत करके पैसा कमाता हूं फालतू लुटाने के लिए नहीं है मेरे पास।”

पति के इस रूप से अनभिज्ञ थी निशा।

“रात दिन मरीजों की सेवा करते हो मेरे पिता के लिए क्या आपके घर और दिल में इतना सा स्थान भी नहीं है।”

अमित के चेहरे की नसें तनीं हुईं थीं,वह लगभग चीखते हुए बोला

,” मरीज़ बिमार पड़ता है तो पैसे देता है ठीक होने के लिए,

मैं इलाज करता हूं पैसे लेता हूं।

यह व्यापारिक समझोता है इसमें सेवा जैसा कुछ नहीं है।
यह मेरा काम है मेरी रोजी-रोटी है।
बेहतर होगा तुम एक दो दिन में अपने पिता को विवेक के घर छोड़ आओ।”
निशा को अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था।
जिस पति की वह इतनी इज्जत करती है वें ऐसा बोल सकते हैं। क्यों उसने अपने भाई और पति पर इतना विश्वास किया?
क्यों उसने शुरू से ही एक एक पैसा का हिसाब नहीं रखा?

अच्छी खासी नौकरी करती थी , पहले पुत्र के जन्म पर अमित ने यह कह कर छुड़वा दी कि मैं इतना कमाता हूं तुम्हें नौकरी करने की क्या आवश्यकता है।
तुम्हें किसी चीज़ की कमी नहीं रहेगी आराम से घर रहकर बच्चों की देखभाल करो।
आज अगर नौकरी कर रही होती तो अलग से कुछ पैसे होते,
उसके पास या दस साल से घर में सारा दिन काम करने के बदले में पैसे की मांग करती तो इतने तो हो ही जाते की पिता जी की देखभाल अपने दम पर कर पाती।
कहने को तो हर महीने बैंक में उसके नाम के खाते में पैसे जमा होते हैं,
लेकिन उन्हें खर्च करने की बिना पूछे उसे इजाज़त नहीं थी।

भाई से भी मन कर रहा था कह दे शादी में जो खर्च हुआ था वह निकाल कर जो बचता है उसका आधा आधा कर दे।
कम से कम पिता इज्जत से तो जी पाएंगे।
पति और भाई दोनों को पंक्ति में खड़ा कर के बहुत से सवाल करने का मन कर रहा था,
जानती थी जवाब कुछ न कुछ तो अवश्य होंगे।
लेकिन इन सवाल जवाब में रिश्तों की परतें दर परतें उखड़ जाएगी,
और जो नग्नता सामने आएगी उसके बाद रिश्ते ढोने मुश्किल हो जाएंगे।
सामने तस्वीर में से झांकती दो जोड़ी आंखें जिव्हा पर ताला डाल रहीं थीं।
अगले दिन अमित के हस्पताल जाने के बाद जब नाश्ता लेकर निशा बाबूजी के पास पहुंची तो वे समान बांधे बैठें थे।
उदासी भरे स्वर में बोले,” मेरे कारण अपनी गृहस्थी मत ख़राब कर बेटा ।
पता नहीं कितने दिन है मेरे पास कितने नहीं।
मैंने इस वृद्धाश्रम में बात कर ली है जितने पैसे मेरे पास है, उसमें मुझे वे लोग रखने को तैयार है।
ये ले पता तू मुझे वहां छोड़ आ , और निश्चित होकर अपनी गृहस्थी सम्भाल।”
निशा समझ गई बाबूजी की देह कमजोर हो गई है दिमाग नहीं।

दमाद काम पर जाने से पहले मिलने भी नहीं आया साफ़ बात है ससुर का आना उसे अच्छा नहीं लगा।
क्या सफाई देती चुप चाप टैक्सी बुलाकर उनके दिए पते पर उन्हें छोड़ने चल दी।
नजरें नहीं मिला पा रही थी,न कुछ बोलते बन रहा था।

बाबूजी ने ही उसका हाथ दबाते हुए कहा,” परेशान मत हो बेटा , परिस्थितियों पर कब हमारा बस चलता है। मैं यहां अपने हम उम्र लोगों के बीच खुश रहूंगा।”
तीन दिन हो गए थे बाबूजी को वृद्धाश्रम छोड़कर आए हुए।
निशा का न किसी से बोलने का मन कर रहा था न कुछ खाने का।
फोन करके पूछने की भी हिम्मत नहीं हो रही थी वे कैसे हैं? इतनी ग्लानि हो रही थी कि किस मुंह से पूछे।

वृद्धाश्रम से ही फोन आ गया कि बाबूजी अब इस दुनिया में नहीं रहे।
दस बजे थे बच्चे पिकनिक पर गए थे आठ नौ बजे तक आएंगे,
अमित तो आतें ही दस बजे तक है।
किसी की भी दिनचर्या पर कोई असर नहीं पड़ेगा,

किसी को सूचना भी क्या देना। विवेक आफिस चला गया होगा बेकार छुट्टी लेनी पड़ेगी।
रास्ते भर अविरल अश्रु धारा बहती रही कहना मुश्किल था पिता के जाने के ग़म में,
या अपनी बेबसी पर आखिरी समय पर पिता के लिए कुछ नहीं कर पायी।
तीन दिन केवल तीन दिन अमित ने उसके पिता को मान और आश्रय दे दिया होता,

तो वह हृदय से अमित को परमेश्वर का मान लेती।
वृद्धाश्रम के सन्चालक महोदय के साथ मिलकर उसने औपचारिकताएं पूर्ण की।
वह बोल रहे थे,” इनके बहू , बेटा और दमाद भी है रिकॉर्ड के हिसाब से।
उनको भी सूचना दे देते तो अच्छा रहता।
वह कुछ सम्भल चुकी थी बोली
, नहीं इनका कोई नहीं है न बहू, न बेटा और न दामाद।

बस एक बेटी है वह भी नाम के लिए ।”
सन्चालक महोदय अपनी ही धुन में बोल रहे थे,
” परिवार वालों को सांत्वना और बाबूजी की आत्मा को शांति मिले।”

निशा सोच रही थी ‘ बाबूजी की आत्मा को शांति मिल ही गई होगी।
जाने से पहले सबसे मोह भंग हो गया था।
समझ गये होंगे कोई किसी का नहीं होता, फिर क्यों आत्मा अशान्त होगी।’
” हां, परमात्मा उसको इतनी शक्ति दें,

कि किसी तरह वह बहन और पत्नी का रिश्ता निभा सकें | “

🙏💐🙏💐🙏💐🙏💐🙏💐🙏💐🙏💐

दोस्तो, अगर आंसू आ रहे हैं, तो बह जाने दिजीये इनको,

ये आपके इंसान होने का सबूत हैं,

क्या आपको नही लग रहा हैं,
की ये तो मेरी अपनी कहानी जैसी हैं,
क्या इंसान इसिलिये बच्चे पैदा करता हैं की एक दिन ज़िन्दगी के
अंतिम पडाव पर अकेले किसी व्रद्ध आश्रम मे आखिरी सांस लूँगा,
अगर ऐसे ही बच्चे होते हैं तो खुश नसीब हैं वो लोग ज़िनके बच्चे नही हैं,
आप कह सकते हैं की साहब ये तो कहानी हैं, सच थोडे ही हैं,
तनिक रुकिये साहब,
सच्चाई इससे अलग बिल्कुल भी नही हैं,
हजारो, लाखो, मे मुट्ठी भर हैं वे खुश नसीब माँ बाप,
जिनको अपने बच्चो से इज्जत, मान, सम्मान मिलता हैं.
मैं कहना चाहूँगा नई पीढी के लोगो से,
अपने माता पिता का सम्मान करना सीखिये साहब ,
आपके बच्चे आपको देख रहे है ,
जो आज आप अपने माता पिता को दे रहे हैं ,
कल वही ब्याज सहित लौट कर आपके पास आयेगा ,

आशा हैं ,कहानी आपको पसंद आयी होगी ,
आप सभी परम स्नेही दोस्तो का हार्दिक आभार💐🙏🙏🙏

मंगलवार, 7 अगस्त 2018

आधार कार्ड वाली बात !!

आधार कार्ड वाली बात !!

हमारे देश में एक CIBIL score  की व्यवस्था है , ये संस्था आपका वित्तीय स्वास्थ और आचरण कैसा है उसका निर्धारण कर एक score आपके लिए देती है जिसके जरिये बैंक आप लोन देने लायक हैं की नहीं इसका निर्धारण करते हैं , हर कुछ महीनों में मैं अपना सिबिल स्कोर देखता हूँ तो दो पांच बाइक लोन , ट्रेक्टर लोन , पर्सनल लोन मेरे नाम से जुड़ जाते हैं क्योंकि कुछ समय पहले तक पेन कार्ड के आधार पर और मैनेजर से सांट गाँठ कर  ही लोन बाँट दिए जाते थे , और पैन कार्ड डुप्लीकेट करना तो देश में हर एरे गैरे के बाएं हाथ का काम है !!

इन सारे लोन को अपने सिबिल स्कोर से जुड़ा देखकर बड़ा गुस्सा आता था , बार बार dispute raise करके उन्हें हटवाना पड़ता और फिर कुछ नए आ जाते !! हमने भी इसके साथ जीने की आदत बना ली !!

भ्रष्टाचार और धांधली पर गुस्सा आना और धीरे धीरे  उसके साथ जीने की आदत बना लेना तो बहुत आसान है , पर उसके खिलाफ लड़ने वाले कानूनों , हथियारों . तरीकों का थोड़ी तकलीफ सहकर , धैर्य से साथ देना बहुत मुश्किल काम है , और अब तक का अनुभव देखकर ऐसा लगता है इस देश के लोगों के बूते की बात नहीं है बदलना और बदलाव लाने वालों का साथ देना !!

कई महीनों से UID याने आधार कार्ड पर बहुत बहस चल रही है , पढ़े लिखे तबके में, उच्च मध्यम वर्ग में इसपर चुटकुले बनाये गए , आक्रोश बनाने की कोशिश देश के कर्णधार , नामी गिरामी सम्पादकों , पत्रकारों और विचारकों की तरफ से हुई , जिसका काफी असर भी देखने को मिला !!

फायदे हज़ारों बार गिनाये जा चुके हैं , तमाम सरकारी स्कीमों का लीकेज , सब्सिडी में, पेंशन में, छात्रवृत्ति में धांधली और भ्रष्टाचार , बैंकिंग फ्रॉड सब के सब काबू में लाये जा सकते हैं अगर हम सहयोग करें तो , अगर हम धैर्य से सरकार को इस प्रोजेक्ट को तरीके से implement करने दें तो !! आखिर भ्रष्टाचार का रोना रोकर ही तो हमने इस सरकार को वोट दिया था ना ??

भ्रष्टाचार से लड़ना है , देश को बेहतर देश बनाना है तो संस्थागत तरीके से , प्रक्रियाओं को सही करके , सही checks and balances लागू करके Computerized करके ही ठीक किया जा सकता है , हाँ सिर्फ बकलोली और नेतागिरी करना हो तो बात अलग है  , भ्र्ष्टाचार के खिलाफ लिखने वाले और पीठ पीछे अपने बच्चों को पुलिस और बैंक में नौकरी के लिए करोड़ों खिलाने के लिए तैयार बैठे लोग भी हम सभी ने देखे हैं !!

अंत में , एक बात और, जो influential  लोग आधार कार्ड के खिलाफ माहौल बना रहे हैं और हम हमारी मासूमियत में उनका साथ दे रहे हैं , हमें ये समझ लेना चाहिए की उनकी ये छटपटाहट उनके टेलीफोन नंबर सार्वजानिक होने या जन्म तारिख सार्वजानिक होने की नहीं है , उनका सारा धांधली का नेटवर्क, मोडस ऑपेरेनडाई , उनकी सारी भ्रष्टाचार की रोज़ी रोटी , उनकी बेनामी प्रोपर्टियां सबकी सब इस प्रोजेक्ट के कारण दांव पर लगीं हैं और सरकार किसी भी दिन ये सब  दबोचने वाली है !!

उनकी  छटपटाहट समझिये , ये भृष्टों का मातम है , यहाँ अब्दुला दीवाने मत बनिए !!

आज का पंचांग 7 August 2018

.              ।। *ॐ* ।।
  🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
◆««« *आज का पंचांग* »»»◆
कलियुगाब्द.....................5120
विक्रम संवत्....................2075
शक संवत्.......................1940
रवि..........................दक्षिणायन
मास...............................श्रावण
पक्ष.................................कृष्ण
तिथी...............................दशमी
प्रातः 07.51 पर्यंत पश्चात एकादशी
सूर्योदय................06.00.26 पर
सूर्यास्त.................07.04.37 पर
सूर्य राशि............................कर्क
चन्द्र राशि..........................वृषभ
नक्षत्र..............................रोहिणी
दोप 12.38 पर्यंत पश्चात मृगशिरा
योग....................................ध्रुव
प्रातः 06.24 पर्यंत पश्चात हर्षण
करण.................................विष्टि
प्रातः 07.51 पर्यंत पश्चात बव
ऋतु....................................वर्षा
दिन...............................मंगलवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :- 
07 अगस्त सन 2018 ईस्वी |

☸ शुभ अंक.............7
🔯 शुभ रंग...........काला

👁‍🗨 *राहुकाल :*
दोप 03.46 से 05.23 तक ।

🚦 *दिशाशूल :-*
उत्तरदिशा - यदि आवश्यक हो तो गुड़ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।

✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 09.17 से 10.54 तक चंचल
प्रात: 10.54 से 12.31 तक लाभ
दोप. 12.31 से 02.08 तक अमृत
दोप. 03.45 से 05.22 तक शुभ
रात्रि 08.22 से 09.45 तक लाभ ।

📿 *आज का मंत्र :-*
|| ॐ चतुर्मुखाय नमः ||

🎙 *संस्कृत सुभाषितानि :-*
आयुषः क्षण एकोऽपि सर्वरत्नैर्न न लभ्यते।
नीयते स वृथा येन प्रमादः सुमहानहो ॥
अर्थात :-
आयु का एक क्षण भी सारे रत्नों को देने से प्राप्त नहीं किया जा सकता है, अतः इसको व्यर्थ में नष्ट कर देना महान असावधानी है॥

🍃 *आरोग्यं :-*
*बुढ़ापा रोकने की औषधि -*

*3. जिनसेंग -*
होम्योपैथिक दवाओं के पैकेज के रूप में जाना जाने वाला जिनसेंग एक लोकप्रिय पौष्टिक जड़ी बूटी है। जिनसेंग एशिया और अमेरिका में एक बहुत ही लोकप्रिय जड़ी बूटी है। यह अपने एंटी-एजिंग गुणों के लिए जाना जाता है। इसके अलावा जिनसेंग उच्च रक्तचाप से लड़ सकता है और तनाव को काफी कम कर सकता है। यह एक चमकदार, मुलायम और स्पष्ट त्वचा प्राप्त करने में मदद करता है, तथा यह एक स्वस्थ शरीर को बढ़ावा भी देता है। यह एक एडैप्टोजन है जो आपकी उम्र के बावजूद आपकी सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा जिनसेंग ऊर्जा को बढ़ावा दें, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, तनाव कम करने, विश्राम को बढ़ावा दें, मधुमेह का इलाज करने, और पुरुषों में यौन क्षमता को बढ़ाने में सहायता करता है।

*4. गिंको -*
यह जड़ी बूटी गिंको पेड़ से निकाली जाती है जो आकार में काफी बड़ी है। इस जड़ी बूटी के सुरक्षात्मक और एंटी-एजिंग गुण की प्रशंसा हमेशा की जाती है। यह उम्र बढ़ने के शुरुआती संकेतों से लड़ने के लिए आपकी त्वचा के लिए एक टॉनिक के रूप में काम करता है। साथ ही, यह आपके शरीर के अंगों, विशेष रूप से आंखों और मस्तिष्क के ऑक्सीजन देने वाले कोशिकाओं को भी मजबूत करता है। ऑक्सीकरण और मैकुलर डिजेनरेशन से लड़कर, यह त्वचा और शरीर को युवा बनाए रखने में सहायता करता है।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
व्यवसाय ठीक चलेगा। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। परिश्रम का अनुकूल फल मिलेगा। परिजनों के स्वास्थ्य और सुविधाओं की ओर ध्यान दें।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। रोजगार‍ मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ संभव है। जोखिम न लें। धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति जीवन में आनंद का संचार करेगी। कई दिनों से रुका पैसा मिल सकेगा।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
विवाद से क्लेश होगा। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग परेशान कर सकता है। जोखिम न लें। जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता प्राप्ति के योग हैं। सावधानी व सतर्कता से व्यापारिक अनुबंध करें। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न उठाएं। आज का दिन आपके लिए शुभ रहने की संभावना है। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी। रोजगार के अवसर मिलेंगे। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
मेहनत का फल मिलेगा। योजना फलीभूत होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कर्ज से दूर रहना चाहिए। खर्च में कमी होगी। कानूनी विवादों का निपटारा आपके पक्ष में होने की संभावना है। प्रतिष्ठितजनों से मेल-जोल बढ़ेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
चोट व रोग से बचें। कानूनी अड़चन दूर होगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। क्रय-विक्रय के कार्यों में लाभ होगा। योजनाएं बनेंगी। उच्च और बौद्धिक वर्ग में विशेष सम्मान प्राप्त होगा। भाइयों से अनबन हो सकती है। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
कुसंगति से हानि होगी। वाहन मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वाणी प‍र नियंत्रण रखें, जोखिम न लें। परेशानियों का मुकाबला करके भी लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। व्यापारिक लाभ होगा। संतान के प्रति झुकाव बढ़ेगा। शिक्षा व ज्ञान में वृद्धि होगी।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। जायदाद संबंधी समस्या सुलझने के आसार बनेंगे। अनुकूल समाचार मिलेंगे तथा दिन आनंदपूर्वक व्यतीत होगा। नए संबंध लाभदायी सिद्ध होंगे।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। धैर्य एवं शांति से वाद-विवादों से निपट सकेंगे। दुस्साहस न करें। नए विचार, योजना पर चर्चा होगी। स्वयं की प्रतिष्ठा व सम्मान के अनुरूप कार्य हो सकेंगे।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ होगा। धन संचय की बात बनेगी। परिवार के कार्यों पर ध्यान देना जरूरी है। रुका कार्य होने से प्रसन्नाता होगी। आर्थिक सलाह उपयोगी रहेगी। कर्ज की चिंता कम होगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। थकान रहेगी। व्यापार-व्यवसाय संतोषप्रद रहेगा। आपसी संबंधों को महत्व दें। अल्प परिश्रम से ही लाभ होने की संभावना है। खर्चों में कमी करने का प्रयास करें। अति व्यस्तता रहेगी।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
मेहनत का फल कम मिलेगा। कार्य की प्रशंसा होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। संतान की शिक्षा की चिंता समाप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। महत्व के कार्य को समय पर करें। व्यावसायिक श्रेष्ठता का लाभ मिलेगा।

☯ आज मंगलवार है अपने नजदीक के मंदिर में संध्या 7 बजे सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ में अवश्य सम्मिलित होवें |

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

आज का पंचांग 6 August 2018

.                 ।। 🕉 ।।
   🚩 🌞 *सुप्रभातम्* 🌞 🚩
📜««« *आज का पंचांग* »»»📜
कलियुगाब्द........................5120
विक्रम संवत्.......................2075
शक संवत्..........................1940
मास.................................श्रावण
पक्ष...................................कृष्ण
तिथी.................................नवमी
प्रातः 09.52 पर्यंत पश्चात दशमी
रवि.............................दक्षिणायन
सूर्योदय..................06.00.22 पर
सूर्यास्त...................07.05.18 पर
सूर्य राशि..............................कर्क
चन्द्र राशि............................वृषभ
नक्षत्र..............................कृत्तिका
दोप 02.01 पर्यंत पश्चात रोहिणी
योग....................................वृद्धि
प्रातः 09.05 पर्यंत पश्चात ध्रुव
करण..................................गरज
प्रातः 09.52 पर्यन्त पश्चात वणिज
ऋतु.....................................वर्षा
दिन................................सोमवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार* :-
06 अगस्त सन 2018 ईस्वी ।

👁‍🗨 *राहुकाल* :-
प्रात: 07.40 से 09.18 तक ।

🚦 *दिशाशूल* :-
पूर्व दिशा- यदि आवश्यक हो तो दर्पण देखकर यात्रा प्रारंभ करें।

☸ शुभ अंक..............4
🔯 शुभ रंग.............लाल

✡ *चौघडिया* :-
प्रात: 06.02 से 07.40 तक अमृत
प्रात: 09.17 से 10.54 तक शुभ
दोप. 02.08 से 03.46 तक चंचल
अप. 03.46 से 05.26 तक लाभ
सायं 05.23 से 07.00 तक अमृत
सायं 07.00 से 08.23 तक चंचल ।

📿 *आज का मंत्र* :-
|| ॐ महावीर्याय नमः ||

 *संस्कृत सुभाषितानि* :-
न ही कश्चित् विजानाति किं कस्य श्वो भविष्यति।
अतः श्वः करणीयानि कुर्यादद्यैव बुद्धिमान्॥
अर्थात :
कल क्या होगा यह कोई नहीं जानता है इसलिए कल के करने योग्य कार्य को आज कर लेने वाला ही बुद्धिमान है ॥

🍃 *आरोग्यं* :-
*बुढ़ापा रोकने की औषधि -*

*1. हल्दी -*
एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर हल्दी एक असाधारण जड़ी बूटी है। इसमें मौजूद करक्यूमिन एक एंटी-एजिंग के रूप में काम करता है। अर्थात यह बुढ़ापा रोकने की औषधि है। इसका व्यापक रूप से भारत के कई हिस्सों में घावों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। हल्दी त्वचा के लिए सबसे अच्छी एंटी एंजिंग जड़ी बूटियों में से एक है क्योंकि यह त्वचा की देखभाल के लिए विशेषज्ञों की पसंदीदा पसंद भी बन गई है। यह जड़ी बूटी विभिन्न त्वचा के रोगों को कम कर सकता है। यह त्वचा के ऊतकों के कारण होने वाले नुकसान को कम करता है और उम्र बढ़ने के शुरुआती संकेतों को रोकता है।

*2. गोटू कोला -*
भारत के आयुर्वेद चिकित्सा में प्राचीन काल से ही कई बूटियों का उपयोग चिकित्सकीय प्रयोजनों में किया जाता है। गोटू कोला एक औषधीय जड़ी बूटी है जो भारत, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया और चीन जैसे देशों में पाया जाता है। इन देशों में, गोटू कोला को पारंपरिक रूप से एंटी-एजिंग गुणों के लिए उपयोग किया जाता है। यह कोशिकाओं को पुन: उत्पन्न करने में मदद करता है और स्वस्थ त्वचा को भी सुनिश्चित करता है। इस अद्भुत जड़ी बूटी ने कई मामलों में शरीर पर एंटी-स्ट्रेस अर्थात तनाव के खिलाफ प्रभाव को भी प्रदर्शित करता है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ मानसिक कमजोरी को दूर करने के लिए यह एक प्रभावी टॉनिक है।

⚜ *आज का राशिफल* :-

🐏 *राशि फलादेश मेष* :-
ईष्ट मित्रों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। चिंता रहेगी। संतान की प्रगति संभव है। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। भूमि व संपत्ति संबंधी कार्य होंगे। पूर्व कर्म फलीभूत होंगे। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें।

🐂 *राशि फलादेश वृष* :-
बेरोजगारी दूर होगी। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। प्रसन्नता रहेगी। परिवार में सुखद वातावरण रहेगा। व्यापार में इच्छित लाभ होगा। सत्कार्य में रुचि बढ़ेगी। प्रियजनों का पूर्ण सहयोग मिलेगा। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

👫 *राशि फलादेश मिथुन* :-
अप्रत्य‍ाशित खर्च होंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य कमजोर होगा। व्यावसायिक चिंताएं दूर होंगी। प्रयास में आलस्य व विलंब नहीं करना चाहिए। स्वयं के सामर्थ्य से ही भाग्योन्नति के अवसर आएंगे। विरोधी परास्त होंगे।

🦀 *राशि फलादेश कर्क* :-
यात्रा सफल रहेगी। लेनदारी वसूल होगी। आय में वृद्धि होगी। लेन-देन में सावधानी रखें। स्वास्थ्य के प्रति सावधानी रखें। संतान के कार्यों में उन्नति के योग हैं। कार्यक्षमता एवं कार्यकुशलता बढ़ेगी। रुके हुए काम समय पर होने की संभावना है। धन प्राप्ति के योग हैं।

🦁 *राशि फलादेश सिंह* :-
नई योजना बनेगी। रुके कार्य बनेंगे। कार्य की प्रशंसा होगी। व्ययवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। प्रियजनों से पूरी मदद मिलेगी। यात्रा कष्टप्रद हो सकती है। धैर्य एवं संयम बना रहेगा। निजीजनों में असंतोष का वातावरण रहेगा। आर्थिक चिंता रहेगी।

👱🏻‍♀ *राशि फलादेश कन्या* :-
शत्रु भय रहेगा। शारीरिक कष्ट संभव है। कोर्ट व कचहरी के कार्य बनेंगे। अध्यात्म में रुचि रहेगी। भूमि-आवास की समस्याओं में वृद्धि होगी। व्यापार-व्यवसाय सामान्य चलेगा। कर्म के प्रति पूर्ण समर्पण व उत्साह रखें। व्यापार में नई योजनाओं से लाभ होगा।

⚖ *राशि फलादेश तुला* :-
चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। बुद्धि एवं तर्क से कार्य के प्रति सफलता के योग बनेंगे। सकारात्मक विचारों के कारण प्रगति के योग आएंगे। ईश्वर पर आस्था बढ़ेगी।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक* :-
जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। कोर्ट व कचहरी में अनुकूलता रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। आय बढ़ेगी। कार्यपद्धति में विश्वसनीयता बनाएं रखें। मित्रों में वर्चस्व बढ़ेगा। आजीविका में नए प्रस्ताव मिलेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की ओर ध्यान दें। मांगलिक आयोजन होंगे।

🏹 *राशि फलादेश धनु* :-
चोट व रोग से बाधा संभव है। बेरोजगारी दूर होगी। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। नौकरी में अधिकारियों का उचित सहयोग नहीं रहेगा। लेन-देन के विषय में विवाद हो सकता है। राजकीय क्षेत्र के व्यक्तियों से संबंध बढ़ेंगे जो आपको लाभ प्रदान करेंगे।

🐊 *राशि फलादेश मकर* :-
रोग व भय का माहौल बन सकता है। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। उत्तम मनोबल से समस्याओं का हल निकलेगा। दिखावे एवं आडंबरों से दूर रहना चाहिए। दांपत्य जीवन शुभतापूर्ण रहेगा। लापरवाही की प्रवृत्ति का त्याग करें।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ* :-
भागदौड़ रहेगी। शोक संदेश मिल सकता है। विवाद से क्लेश होगा। व्यवसाय सामान्य रहेगा। कार्य निर्णय बहुत ही शांति से विचार करके करना चाहिए। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। व्यर्थ के कार्यों से तनाव की पूर्ण संभावना रह सकती है।

🐋 *राशि फलादेश मीन* :-
थोड़े प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा। आय में वृद्धि होगी। चिंता रहेगी। व्यापार में कर्मचारियों पर अधिक विश्वास न करें। आर्थिक स्थिति मध्यम रहेगी। संतान पर नजर रखें। समाज में प्रसिद्धि के कारण सम्मान में बढ़ोतरी होगी। अर्थ संबंधी काम होंगे।

☯ आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।
                   
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

ये 21 करोड़ हिंदू-सिख कहां गए

मतांतरण_का_भयावह_सच

मजहब के आधार पर सामने आई जनगणना रिपोर्ट के सांस्कृतिक-राजनीतिक निहितार्थ हैं। आजादी के बाद देश में पहली बार हिंदुओं की आबादी 80 प्रतिशत से कम हुई है। देश के सात राज्यों- मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, पंजाब, मणिपुर और लक्षद्वीप में हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक हैं। यह स्थापित सत्य है कि देश के जिस किसी भी हिस्से में हिंदू और हिंदू परंपराओं का क्षय हुआ है, वहां अलगाववाद की समस्या बढ़ी है। भारत में पंथनिरपेक्षता और बहुलतावाद संविधान के किसी अनुच्छेद के कारण नहीं है। यह सनातन संस्कृति के सहिष्णु जीवन दर्शन और उदार मान्यताओं के कारण ही संभव हो पाया है। भारत में बहुलतावाद और पंथनिरपेक्षता तभी तक अक्षुण्ण रहेंगी, जब तक हिंदू और हिंदू मान्यताएं अक्षत रहेंगी। अन्यथा क्या कारण है कि भारत की कोख से ही जन्मे पाकिस्तान और बांग्लादेश में पंथनिरपेक्षता और बहुलतावाद के लिए कोई स्थान नहीं है? क्यों भारतीय संसाधनों से पल रही कश्मीर घाटी में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगते हैं? क्यों घाटी की संस्कृति के मूल ध्वजवाहकों, कश्मीरी पंडितों को खदेड़ भगाया गया? नागालैंड जैसे पूवरेत्तर के कुछ राज्यों में चर्च समानांतर सरकार चलाता है। चर्च द्वारा चलाए जा रहे मतांतरण से पूवरेत्तर के जनसांख्यिक स्वरूप में तो अंतर आया ही है, स्थानीय नागरिकों के एक बड़े वर्ग में भारत के प्रति स्वाभाविक लगाव को भी क्षति पहुंची है। 1जब कभी चर्च के मतांतरण अभियान पर प्रश्न खड़ा होता है, सेक्युलरिस्ट उसके संरक्षण में सड़कों पर उतर आते हैं। 2011 की जनगणना के आंकड़े चर्च के दावों की कलई खोलते हैं। 2001 से 2011 के बीच ईसाई समुदाय की आबादी वृद्धि दर स्थिर पाई गई। देश का ईसाई समुदाय सभी मजहबी समुदायों (पारसियों को छोड़कर) से संपन्न और साक्षर है। 1991 से 2011 के बीच ईसाई समुदाय की आबादी 1.9 प्रतिशत प्रति वर्ष से अधिक की दर से बढ़ी, जबकि इस काल अवधि में हिंदुओं की आबादी 1.8 प्रतिशत की दर से बढ़ी। अधिक साक्षरता दर और समृद्धि के कारण ईसाई समाज में परिवार नियोजन के प्रति स्वाभाविक जागरूकता है। कम प्रजनन दर के कारण ईसाई समुदाय की आबादी की वृद्धि दर में गिरावट आनी चाहिए थी। सिखों में भी संपन्नता और साक्षरता अन्य समुदायों से अधिक है। 1991 से 2011 के बीच सिखों की आबादी 1.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी। यदि 2001 से 2011 के बीच ईसाई समुदाय की आबादी में 1.2 प्रतिशत की दर से ही वृद्धि हुई होती तो उनकी कुल वास्तविक आबादी 2 करोड़ 41 लाख होनी चाहिए थी, जबकि 2011 में उनकी आबादी 2 करोड़ 78 लाख पाई गई। यह जो 37 लाख का अंतर है, यह वास्तव में चर्च द्वारा मतांतरित कराए गए लोगों की संख्या है। इस हिसाब से 1991 से 2011 के बीच चर्च ने हर साल दूसरे मत के मानने वाले 1.7 लाख लोगों को ईसाइयत में दीक्षित किया। 1भारत में मिशनरी प्रचारक मतांतरण अभियान के लिए आदिवासी और दलित-वंचित वर्ग को ही निशाना बनाते आए हैं। मतांतरण के लिए झूठ, फरेब और प्रलोभन से चर्च को परहेज नहीं है। 2011 जनगणना के मजहबी आंकड़े आंखें खोलने वाले हैं। 2001 की जनगणना के अनुसार देश की कुल आबादी में मुसलमानों का अनुपात 13.4 प्रतिशत था, जो 2011 में बढ़कर 14.2 प्रतिशत हो गया है। पिछले चार सालों (2011-2015) में वास्तविक वृद्धि का अनुमान नहीं लगाया जा सकता, किंतु 2001 से 2011 के बीच के दस सालों में यह वृद्धि 24.6 फीसद की दर से हुई है। इस अवधि में हिंदुओं की वृद्धि दर गिर कर 16.8 प्रतिशत आ गई। 1991-2001 के दशक में यह वृद्धि दर 19.9 प्रतिशत थी। 2001 में हिंदुओं की आबादी 80.5 फीसद थी, जो 2011 में घटकर 79.8 प्रतिशत हो गई। असम के अलावा देश के अन्य भागों में रह रहे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहयांग मुसलमानों की जनगणना में गिनती नहीं की गई है। यदि उनकी संख्या जोड़ दी जाए तो तस्वीर और भी भयावह होगी। एक ओर जहां कई राज्यों में हिंदुओं की वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई है वहीं सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मुस्लिम आबादी में वृद्धि दर्ज की गई है। ऐसे कई राज्य, जहां मुस्लिमों की आबादी दर में भारी वृद्धि दर्ज की गई है वहां उनकी साक्षरता दर भी उच्च है। 1वस्तुत: मुसलमान राजनीतिक रूप से अत्यधिक साक्षर हैं, इसीलिए वे अपनी बड़ी संख्या को एक सुरक्षा के रूप में देखते हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि चुनाव के दौरान सेक्युलर दलों में मुसलमानों का थोक वोट पाने के लिए होड़ लगती है और बदले में मुस्लिम समुदाय के कट्टरपंथी रहनुमा ज्यादा से ज्यादा राजनीतिक दोहन की जुगत में रहते हैं। किंतु इस ब्लैकमेलिंग और तुष्टीकरण के खेल से मुस्लिम समुदाय का भला हो सकता है? विभाजन के समय पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में हिंदू धर्मावलंबियों की आबादी उस क्षेत्र की कुल आबादी का 30 प्रतिशत थी और पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तान) में हिंदू-सिखों की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से अधिक थी। भरतीय उपमहाद्वीप में हिंदू-सिख कुल जनसंख्या के 75 प्रतिशत से थोड़ा कम और मुसलमान 24 प्रतिशत से कम थे। आज भारत की आबादी 121 करोड़, पाकिस्तान 20 करोड़ से कम और बांग्लादेश 20 करोड़ अर्थात् तीनों देशों की कुल आबादी 161 करोड़ है। यदि हिंदुओं की आबादी इस कुल आबादी में उतने ही प्रतिशत (अर्थात् 75 प्रतिशत) रहती जितनी विभाजन के समय थी तो इन तीनों देशों की कुल आबादी में हिंदुओं की आबादी 120 करोड़ के लगभग होती। इसके विपरीत इस उपमहाद्वीप में हिंदुओं की कुल आबादी 98 करोड़ (भारत 96 करोड़, पाकिस्तान 50 लाख और बांग्लादेश 1 करोड़ 60 लाख) है। ये 21 करोड़ हिंदू-सिख कहां गए? कटु सत्य है कि हिंदुओं की आबादी का प्रतिशत भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश, तीनों में कम हुआ है। आंशिक सत्य तो यह भी है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में लाखों हिंदुओं को तलवार के दम पर मजहब बदलने के लिए मजबूर किया गया। हिंदुओं की घटती वृद्धि दर बहुलतावाद और पंथनिरपेक्ष जीवन मूल्यों के लिए खतरा साबित हो सकती है।
           आज वर्तमान का सच जानोगे तो पैरों के नीचे से जमीन खिसक जायेगी

 

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