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मंगलवार, 7 अगस्त 2018

आधार कार्ड वाली बात !!

आधार कार्ड वाली बात !!

हमारे देश में एक CIBIL score  की व्यवस्था है , ये संस्था आपका वित्तीय स्वास्थ और आचरण कैसा है उसका निर्धारण कर एक score आपके लिए देती है जिसके जरिये बैंक आप लोन देने लायक हैं की नहीं इसका निर्धारण करते हैं , हर कुछ महीनों में मैं अपना सिबिल स्कोर देखता हूँ तो दो पांच बाइक लोन , ट्रेक्टर लोन , पर्सनल लोन मेरे नाम से जुड़ जाते हैं क्योंकि कुछ समय पहले तक पेन कार्ड के आधार पर और मैनेजर से सांट गाँठ कर  ही लोन बाँट दिए जाते थे , और पैन कार्ड डुप्लीकेट करना तो देश में हर एरे गैरे के बाएं हाथ का काम है !!

इन सारे लोन को अपने सिबिल स्कोर से जुड़ा देखकर बड़ा गुस्सा आता था , बार बार dispute raise करके उन्हें हटवाना पड़ता और फिर कुछ नए आ जाते !! हमने भी इसके साथ जीने की आदत बना ली !!

भ्रष्टाचार और धांधली पर गुस्सा आना और धीरे धीरे  उसके साथ जीने की आदत बना लेना तो बहुत आसान है , पर उसके खिलाफ लड़ने वाले कानूनों , हथियारों . तरीकों का थोड़ी तकलीफ सहकर , धैर्य से साथ देना बहुत मुश्किल काम है , और अब तक का अनुभव देखकर ऐसा लगता है इस देश के लोगों के बूते की बात नहीं है बदलना और बदलाव लाने वालों का साथ देना !!

कई महीनों से UID याने आधार कार्ड पर बहुत बहस चल रही है , पढ़े लिखे तबके में, उच्च मध्यम वर्ग में इसपर चुटकुले बनाये गए , आक्रोश बनाने की कोशिश देश के कर्णधार , नामी गिरामी सम्पादकों , पत्रकारों और विचारकों की तरफ से हुई , जिसका काफी असर भी देखने को मिला !!

फायदे हज़ारों बार गिनाये जा चुके हैं , तमाम सरकारी स्कीमों का लीकेज , सब्सिडी में, पेंशन में, छात्रवृत्ति में धांधली और भ्रष्टाचार , बैंकिंग फ्रॉड सब के सब काबू में लाये जा सकते हैं अगर हम सहयोग करें तो , अगर हम धैर्य से सरकार को इस प्रोजेक्ट को तरीके से implement करने दें तो !! आखिर भ्रष्टाचार का रोना रोकर ही तो हमने इस सरकार को वोट दिया था ना ??

भ्रष्टाचार से लड़ना है , देश को बेहतर देश बनाना है तो संस्थागत तरीके से , प्रक्रियाओं को सही करके , सही checks and balances लागू करके Computerized करके ही ठीक किया जा सकता है , हाँ सिर्फ बकलोली और नेतागिरी करना हो तो बात अलग है  , भ्र्ष्टाचार के खिलाफ लिखने वाले और पीठ पीछे अपने बच्चों को पुलिस और बैंक में नौकरी के लिए करोड़ों खिलाने के लिए तैयार बैठे लोग भी हम सभी ने देखे हैं !!

अंत में , एक बात और, जो influential  लोग आधार कार्ड के खिलाफ माहौल बना रहे हैं और हम हमारी मासूमियत में उनका साथ दे रहे हैं , हमें ये समझ लेना चाहिए की उनकी ये छटपटाहट उनके टेलीफोन नंबर सार्वजानिक होने या जन्म तारिख सार्वजानिक होने की नहीं है , उनका सारा धांधली का नेटवर्क, मोडस ऑपेरेनडाई , उनकी सारी भ्रष्टाचार की रोज़ी रोटी , उनकी बेनामी प्रोपर्टियां सबकी सब इस प्रोजेक्ट के कारण दांव पर लगीं हैं और सरकार किसी भी दिन ये सब  दबोचने वाली है !!

उनकी  छटपटाहट समझिये , ये भृष्टों का मातम है , यहाँ अब्दुला दीवाने मत बनिए !!

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