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गुरुवार, 11 अगस्त 2011

जननी जन्म भूमि स्वर्ग से महान है

जननी जन्म भूमि स्वर्ग से महान है
इसके वास्ते ये तन है मन है और प्राण है - २
तन मन और प्राण है
जननी जन्म भूमि स्वर्ग से महान है

इसकी गोद में हजारो गंगा यमुना झूमती - २
इसके पर्वतों की चोटियाँ गगन को चूमती -२
भूमि ये महान है, निराली इसकी शान है - २
इसकी जय पताका पे स्वयं विजय निशान है
जननी जन्म भूमि स्वर्ग से महान है

स्वाभिमानी भारत कभी अन्याय नहीं सह पाया है

इतिहास गवाह है भारत ने शीश नहीं झुकाया है
स्वाभिमानी भारत कभी अन्याय नहीं सह पाया है
कि अभी लहू में भारत के वो आग पुरानी जिंदा है ,
पाकिस्तानी मूर्खों सुनलो आज जवानी जिंदा है


कि कश्मीर है आन हमारी कश्मीर है शान हमारी
भारत माँ कि पेशानी पुरखो का ये सम्मान है
मत मुट्ठी भर जयचंदों से मिल देशभक्ति को ललकारो
कि अभी देश में शिव प्रताप और लक्ष्मी रानी जिंदा है
पाकिस्तानी मूर्खों सुनलो आज जवानी जिंदा है
इतिहास गवाह है भारत ने शीश नहीं झुकाया है
स्वाभिमानी भारत कभी अन्याय नहीं सह पाया है


कि मत उठाओ ऊँगली तुम भारत माता के भाल पर
और कुल्हाड़ी मत चलाओ बेठे और जिस दाल पर
वर्ना नोचेंगे कुत्ते और गीदड़ जश्न मनाएंगे
आस्तीन के सांप हम तुमको जिंदा कफ़न पहनाएंगे
कि कायर हो जो छिप छिप कर हथियारों का व्यापार कर रहे,
दूर हो गया पोरुष सारा दुर्योधन कि चाल चल रहे
अरे खुले आम ललकारो नपुंसकों
क्यों छिप छिप कर सीमा पार कर रहे
बच्चा बच्चा राम यहाँ का हर लड़की में भवानी जिंदा है
पाकिस्तानी मूर्खों सुनलो आज जवानी जिंदा है
इतिहास गवाह है भारत ने शीश नहीं झुकाया है
स्वाभिमानी भारत कभी अन्याय नहीं सह पाया है

कि सड़ जाए जो अंग उसे हम काट अलग कर देते है
और नाली के गंदे पानी को कब ? गंगा जल के संग धरते है
माना क्षमा है धर्म और शांति अहिंसा की पूजक है
पर माँ पर जालिम आँख उठे वो आँख फोड़ दिया करते है
कि स्वतंत्रता संग्राम की खुनी खानी जिंदा है
पाकिस्तानी मूर्खों सुनलो आज जवानी जिंदा है
इतिहास गवाह है भारत ने शीश नहीं झुकाया है
स्वाभिमानी भारत कभी अन्याय नहीं सह पाया है


कि चुप कर जा ऐ पकिस्तान ये जुबा काट ली जाएगी,
और विश्व के नक़्शे से तस्वीर हटा ली जाएगी,
कि अब शकुनी चालों से मत भारत को मजबूर करो,
वर्ना पाकिस्तानी मूर्खों तुम्हारी धज्जियां उड़ा दी जाएगी,
कि अभी सन 71 की शेष कहानी जिंदा है
पाकिस्तानी मूर्खों सुनलो आज जवानी जिंदा है
इतिहास गवाह है भारत ने शीश नहीं झुकाया है
स्वाभिमानी भारत कभी अन्याय नहीं सह पाया है


कि भूल हुई है एक बार अब भूल नहीं दोहराएँगे
ये पाकिस्तानी कोवे अब यहाँ कांव कांव नहीं गायेंगे,
अखंडता पर चोट करना अपराध है,
सबसे बड़े देश के गद्दार अब जिंदे जलाये जायेंगे
कि हर नोजवान की आँख में अब भी पानी जिंदा है
पाकिस्तानी मूर्खों सुनलो आज जवानी जिंदा है
इतिहास गवाह है भारत ने शीश नहीं झुकाया है
स्वाभिमानी भारत कभी अन्याय नहीं सह पाया है

दहेज़ प्रथा एक अभिशाप

चाँदी की दीवार ना तोड़ी जिगर का टुकड़ा तोड़ दिया

धन के लोभी कीड़ों ने -२ मानवता से मुख मोड़ लिया

चाँदी की दीवार ना तोड़ी जिगर का टुकड़ा तोड़ दिया


एक पिता अपनी पुत्री का जब भी ब्याह रचाता है

अपनी हस्ती से बढ़ चढ़कर दौलत खूब लुटाता है

सुखी रहेगी मेरी लाडली सपने खूब सजाता है

अपने चमन की कली तोड़कर तेरे हवाले छोड़ दिया

चाँदी की दीवार ना तोड़ी जिगर का टुकड़ा तोड़ दिया


सपने सजाये लाखों दिल में दुल्हन घर में आती है

भूल के अपने मात पिता को पति पे जान लुटाती है

असली चेहरा हुआ उजागर मन में वो घबराती है

अपने जीवन की नैया को भाग्य भरोसे छोड़ दिया

चाँदी की दीवार ना तोड़ी जिगर का टुकड़ा तोड़ दिया


पिया भेष में जब भी कसाई अपनी मांग सुनाता है

जुल्म अनेको लगा ढहाने रोटी को तरसाता है

मांग में लाली भरने वाला उसका खून बहाता है

अपने हाथो उसे उठाकर जलती चिता में छोड़ दिया

चाँदी की दीवार ना तोड़ी जिगर का टुकड़ा तोड़ दिया


जागो ऐ भारत की बहनों जुल्म तुमको सहना है

कसम है तुमको उस राखी की निर्भय होकर रहना है

झाँसी वाली रानी बनकर इनसे लोहा लेना है

कलम उठा कर 'अक्षय' ने इनका भांडा फोड़ दिया

बुधवार, 10 अगस्त 2011

भारतीय संस्कृति

भूख लगे और खाना खाए वो प्रकृति है
भूख ना लगे तो भी खाना खाए वो विकृति है

और

खुद भूखा रहकर भी भूखों को खिलाये ये भारतीय  संस्कृति है

life का सबसे बड़ा और कड़वा सच

life  का सबसे बड़ा और कड़वा सच
हजार गलती के बाद भी आप अपने आप से प्यार करते हो
तो फिर किसी की एक गलती पर उससे इतनी नफरत क्यों करते हों

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