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गुरुवार, 4 अक्तूबर 2012
जानिए यह तुलसी गायत्री मंत्र व पूजा की आसान विधि -
घर में तुलसी का पौधा और उसकी उपासना दरिद्रता का नाश कर सुख-समृद्ध करने वाला होता है। वहीं व्यावहारिक रूप से भी तुलसी को खान-पान में शामिल करना रोगनाशक और ऊर्जा देने वाला माना गया है। शास्त्रों में तुलसी को माता गायत्री का स्वरूप भी माना गया है। गायत्री स्वरूप का ध्यान कर तुलसी पूजा मन, घर-परिवार से कलह व दु:खों का अंत कर खुशहाली लाने वाली मानी गई है। इसके लिए तुलसी गायत्री मंत्र का पाठ मनोरथ व कार्यसिद्धि में चमत्कारी भी माना जाता है।
भगवान के 24 अवतार क्योँ?
भगवान के 24 अवतार क्योँ?
हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु को सृष्टि का संचालक माना है ऐसा माना जाता
है कि ब्रह्मा सृष्टि बनाने वाले विष्णु सृष्टि का पालन और शिव संहार करने
वाले है। शास्त्रों में विष्णु के 24 अवतार बताए हैं ऐसा कहा जाता है कि जब
जब पृथ्वी पर कोई संकट आता है तो भगवान अवतार लेकर उस संकट को दूर करते
है।
पर सवाल ये है कि भगवान विष्णु के अवतारों की संख्या 24 ही क्यो है
ज्यादा या कम क्यों नहीं। इसके पीछे जो कारण बताया जाता है वो मानव शरीर
की रचना व उसके संचालन से जुड़ा है। कई विद्वानों और संतों का ऐसा मत है कि
विष्णु के 24 अवतारों में मानव शरीर की रचना का रहस्य छुपा है। शास्त्रों
ने मानव शरीर की रचना 24 तत्वों से जुड़ी बताई है। ये 24 तत्व ही 24
अवतारों के प्रतीक हैं।
क्या हैं ये 24 तत्व: माना जाता है कि
सृष्टि का निर्माण 24 तत्वों से मिलकर हुआ है इनमें पांच
ज्ञानेद्रियां(आंख,नाक, कान,जीभ,त्वचा) पांच
कर्मेन्द्रियां(गुदा,लिंग,हाथ,पैर,वचन)
तीन अंहकार(सत, रज, तम) पांचतन्मात्राएं (शब्द,रूप,स्पर्श,रस,गन्ध)पांच
तत्व(धरती, आकाश,वायु, जल,तेज) और एक मन शमिल है इन्हीं चौबीस तत्वों से
मिलकर ही पूरी सृष्टि और मनुष्य का निर्माण हुआ है।
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