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सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

आयुर्वेदिक रूप से महत्वपूर्ण पेड़ पौधों की पहचान

बारिश के बाद बगीचों में अपने आप उगे इन सुन्दर पौधों पर जब नज़र पड़ी तो मन प्रसन्न हो गया . ये अपामार्ग के पत्ते गणेश पूजा , हरतालिका पूजा , मंगला गौरी पूजा आदि में पात्र पूजा के समय काम आते है .शायद पूजा इन सबके पत्र इसलिए इस्तेमाल होते होंगे ताकि हम इन आयुर्वेदिक रूप से महत्वपूर्ण पेड़ पौधों की पहचान भूले नहीं और ज़रुरत के समय इनका सदुपयोग कर सके .

इसे अघाडा ,लटजीरा या चिरचिटा भी कहा जाता है .

- इसकी दातून करने से दांत १०० वर्ष तक मज़बूत रहते है . इसके पत्ते चबाने से दांत दर्द में राहत मिलती है और गुहा भी धीरे धीरे भर जाती है .

- इसके बीजों का चूर्ण सूंघने से आधा सीसी में लाभ होता है . इससे मस्तिष्क में जमा हुआ कफ निकल जाता है और वहां के कीड़े भी झड जाते है .

- इसके पत्तों को पीसकर लगाने से फोड़े फुंसी और गांठ तक ठीक हो जाती है .

- इसकी जड़ को कमर में धागे से बाँध देने से प्रसव सुख पूर्वक हो जाता है . प्रसव के बाद इसे हटा देना चाहिए .

- ज़हरीले कीड़े काटने पर इसके पत्तों को पीसकर लगा देने से आराम मिलता है .

- गर्भ धारण के लिए इसकी १० ग्राम पत्तियाँ या जड़ को गाय के दूध के साथ ४ दिन सुबह ,दोपहर और शाम में ले . यह प्रयोग अधिकतर तीन बार करे .

- इसकी ५-१० ग्राम जड़ को पानी के साथ घोलकर लेने से पथरी निकल जाती है .

- अपामार्ग क्षार या इसकी जड़ श्वास में बहुत लाभ दायक है .

- इसकी जड़ के रस को तेल में पका ले . यह तेल कान के रोग जैसे बहरापन , पानी आना आदि के लिए लाभकारी है .

- इसकी जड़ का रस आँखों के रोग जैसे फूली , लालिमा , जलन आदि लिए अच्छा होता है .

- इसके बीज चावल की तरह दीखते है , इन्हें तंडुल कहते है . यदि स्वस्थ व्यक्ति इन्हें खा ले तो उसकी भूख -प्यास आदि समाप्त हो जाती है . पर इसकी खीर उनके लिए वरदान है जो भयंकर मोटापे के बाद भी भूख को नियंत्रित नहीं कर पाते

Acidity / अम्लता / पेट व छाती में जलन(Heartburn)"; उपाय :-

"Acidity / अम्लता / पेट व छाती में जलन(Heartburn)"; उपाय :-


01. ठंडे पेयों (aerated drinks) व चाय, काफी के सेवन से बचें. इनके स्थान पर प्राकृतिक व हर्बल पेय का सेवन करें.
02. गर्म/कुनकुने पानी का नियमित रूप से सेवन करें.
03. मौसम के अनुसार छिटके वाले पके केले, ककड़ी/खीरा व तरबूज का सेवन करें. तरबूज का रस काफी लाभप्रद होता है.
04. 'नारियल-पानी-सेवन' काफी लाभप्रद होता है.
05. ठंडे दूध के सेवन से लाभ मिलता है.
06. रात का भोजन, रात्रिशयन के कम से कम 3-4 घंटे पहले कर लें.
07. हरएक भोजन की मात्रा कम-कम लिया करें व दिन में प्रत्येक दो भोजनों के बीच का अंतराल 3 घंटे से ज्यादा न रखें.
08. तीखे मिर्च, मसाले, अचार, चटनी, सिरका व तेल-घी युक्त गरिष्ठ आहार के सेवन से बचें.
09. भोजन करने के आधा/एक घंटे बाद पुदीना की कुछ पत्तियाँ डालकर उबला हुआ एक गिलास पानी पियें.
10. लौंग के एक दाने को चूसने से भी प्रभावी लाभ मिलता है.
11. शकर से बचें. गाँव के देशी गुड़, बादाम, नींबू, व दही आदि का अल्प मात्रा में सेवन करें.
12. धूम्रपान व अन्य सभी प्रकार के नशे, शरीर एवं रक्त में एसिडिटी को तेजी से बढ़ाते हैं अतः इनका सेवन न करें.
13. लोंग, अदरक, छोटी हर्र्ड़ आदि चूसने से मुँह में बनने वाला सेलाईवा (लार) जलन (heartburn) में काफी लाभप्रद होता है.
14. अदरक व शहद का सेवन जिस रूप में भी हो सके नियमित रूप से करना चाहिये.
15. अन्न, घी-तेल व बारीक पिसे हुये आहार की तुलना में हरी साग-भाजी, सलाद, फल व मोटे/दरदरे आहार को वरीयता देना चाहिये.
16. एसिडिटी की हालात में तुरंत लाभ लेने हेतु 4 से 6 गिलास गरम पानी पीकर उल्टी करें. यह क्रिया तब तक दोहराएँ जब तक कि उल्टी में खट्टा पानी आना बंद न हो जावे. ध्यान रखें! जिन्हें हृदयरोग, उच्चरक्तचाप व पेट में अल्सर की शिकायत हो उन्हें वमन-क्रिया (उल्टी) नहीं करना चाहिये.

सौंदर्य के लिये फायदेमंद दही

सौंदर्य के लिये फायदेमंद दही
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अगर आपको अपनी उम्र छुपानी हो तो अपने चेहरे को एकदम दमकता हुआ सा बना लें। कॉस्मेटिक्स से आपके चेहरे की रंगत कुछ समय के लिए बरकरार रह सकती है लेकिन घर में मौजूद प्राकृतिक दही को चेहरे पर लगाने से उसकी रंगत हमेशा बरकरार बनी रहेगी। त्वचा की रंगत निखारने में दही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। दही खाना ना केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है बल्कि इसे शरीर
पर उबटन या किसी फेस पैक में मिला कर भी लगाया जा सकता है। तो ऐसे में चलिये जानते हैं दही का त्‍वचा पर निखार किस प्रकार से होता है।

दही के गुण-
रूखी त्‍वचा के लिये दही- यदि आपकी त्वचा रूखी है तो आप आधा कप दही में एक छोटा चम्मच जैतून का तेल तथा एक छोटा चम्मच नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाकर गुनगुने पानी से चेहरा धोने से त्वचा का रूखापन समाप्त हो जाता है।
रंग साफ करे- दही को आप किसी फेस पैक या फल के साथ मिला कर लगा सकती हैं या फिर ऐसे ही दही को त्वचा पर लगाकर त्वचा को गुनगुने पानी से धोने से आपकी त्वचा नर्म व मुलायम होती है। फलों व सब्जियों का पैक- एक कटोरी दही में आधी कटोरी गाजर, ककड़ी, पपीता आदि मौसमी फलों का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से आपकी त्वचा में निखार आएगा। आप चाहे तो मौसमी सब्जियों के रस को भी दही में मिलाकर पैक तैयार कर सकते हैं।
मुंहासे से मुक्‍ती दिलाए- दही में एंटी बैक्‍टीरियल और एंटी फंगल गुण होते हैं। पिंपल से छुटकारा पाने के लिये दही को सीधे चेहरे पर लगाएं और इसे 30 मिनट के बाद धो लें।
झुर्रियां मिटाए- अगर उम्र से पहले ही झुर्रियों ने अपना प्रकोप फैलाना शुरु कर दिया है तो इनकी रफतार को धीमा कर दें। झुर्रियों को प्राकृतिक तरीके से कम करें जिसके लिये दही का फेस मास्‍क लगाएं। इसमें मौजूद लैक्‍टिक एसिड मृत्‍य कोशिकाओं को दूर कर के पोर्स को टाइट करती हैं।
इस प्रकार गुणकारी दही से आपकी त्वचा में नई रंगत व चमक आती है। दही के साथ आप बेसन या चोकर मिलाकर भी चेहरे पर लगा सकती हैं। इस प्रकार दही का एक गुणकारी सौंदर्य प्रसाधन के रूप में प्रयोग कर आप अपनी त्वचा में निखार ला सकती हैं।

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