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मंगलवार, 9 जुलाई 2013

कमर दर्द से बचने के घरेलू उपाय ---

कमर दर्द से बचने के घरेलू उपाय ---

1. रोज सुबह सरसों या नारियल के तेल में लहसुन
की तीन-चार कलियॉ डालकर (जब तक लहसुन
की कलियां काली न हो जायें) गर्म कर लें। ठंडा होने पर
इस तेल से कमर की मालिश करें।
2. नमक मिले गरम पानी में एक तौलिया डालकर
निचोड़ लें। इसके बाद पेट के बल लेट जाएं। दर्द के स्थान
पर तौलिये से भाप लें। कमर दर्द से राहत पहुंचाने का यह
एक अचूक उपाय है।
3. कढ़ाई में दो-तीन चम्मच नमक डालकर इसे अच्छे से सेक
लें। इस नमक को थोड़े मोटे सूती कपड़े में बांधकर
पोटली बना लें। कमर पर इस पोटली से सेक करने से
भी दर्द से आराम मिलता है।
4. अजवाइन को तवे के पर थोड़ी धीमी आंच पर सेंक लें।
ठंडा होने पर धीरे-धीरे चबाते हुए निगल जाएं। इसके
नियमित सेवन से कमर दर्द में लाभ मिलता है।
5. अधिक देर तक एक ही पोजीशन में बैठकर काम न करें।
हर चालीस मिनट में अपनी कुर्सी से उठकर थोड़ी देर
टहल लें।
6. नर्म गद्देदार सीटों से परहेज करना चाहिए। कमर दर्द
के रोगियों को थोड़ा सख्ते बिस्तर बिछाकर
सोना चाहिए।
7. योग भी कमर दर्द में लाभ पहुंचाता है। भुन्ज्गासन,
शलभासन, हलासन, उत्तानपादासन, श्वसन आदि कुछ ऐसे
योगासन हैं जो की कमर दर्द में काफी लाभ पहुंचाते हैं।
कमर दर्द के योगासनों को योगगुरु की देख रेख में
ही करने चाहिए।
8. कैल्शियम की कम मात्रा से भी हड्डियां कमजोर
हो जाती हैं, इसलिए कैल्शियमयुक्त चीजों का सेवन
करें।
9. कमर दर्द के लिए व्यायाम भी करना चाहिए। सैर
करना, तैरना या साइकिल चलाना सुरक्षित व्यायाम हैं।
तैराकी जहां वजन तो कम करती है, वहीं यह कमर के लिए
भी लाभकारी है। साइकिल चलाते समय कमर
सीधी रखनी चाहिए। व्यायाम करने से
मांसपेशियों को ताकत मिलेगी तथा वजन भी नहीं बढ़ेगा।
10. कमर दर्द में भारी वजन उठाते समय या जमीन से
किसी भी चीज को उठाते समय कमर के बल ना झुकें
बल्कि पहले घुटने मोड़कर नीचे झुकें और जब हाथ नीचे
वस्तु तक पहुंच जाए तो उसे उठाकर घुटने को सीधा करते
हुए खड़े हो जाएं।
11. कार चलाते वक्त सीट सख्त होनी चाहिए, बैठने
का पोश्चर भी सही रखें और कार ड्राइव करते समय सीट
बेल्ट टाइट कर लें।
12. ऑफिस में काम करते समय कभी भी पीठ के सहारे न
बैठें। अपनी पीठ को कुर्सी पर इस तरह टिकाएं कि यह
हमेशा सीधी रहे। गर्दन को सीधा रखने के लिए कुर्सी में पीछे की ओर मोटा तौलिया मोड़ कर लगाया जा सकता है। इन सब उपायों को अपना कर आप भी कमर दर्द से कुछ
निजात पा सकते है।

चना चबाये ; सेहत बनाए -

चना चबाये ; सेहत बनाए -

-चने रोज खाने वाले का शरीर बहुत स्वस्थ और ताकतवर बना रहता है।
- चने के सेवन से सुंदरता बढ़ती है साथ ही दिमाग भी तेज हो जाता है।
- मोटापा घटाने के लिये नाश्ते में चना लें।
- अंकुरित चना 3 वर्ष तक खाते रहने से कुष्ट रोग में लाभ होता है। 250 ग्राम चने को एक किलो पानी में रात को भिगो दें। चांदनी रात हो तो इन्हें चांदनी में रखें। प्रात: इनको इतना उबालें कि चौथाई पानी रह जाए। इस पानी को पीने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है। प्रात: अंकुरित चने का नाश्ता प्रत्येक परिवार को करना चाहिये।
- गुर्दे या मुत्राशय में पथरी हो तो रात को चने की दाल एक मुट्ठी भिगो दें, सुबह इस दाल में शहद मिलाकर खाएं।
- केवल चने की रोटी दस दिन तक खाते रहने से पेशाब में शक्कर आना बन्द हो जाता है।
- गर्भवती को उल्टी हो तो भुने हुए चने का सत्तू पिलाएं।
- चना पाचन शक्ति को संतुलित और दिमागी शक्ति को भी बढ़ाता है।
- चने से खून साफ होता है जिससे त्वचा निखरती है।
- चने का गरीबों का बादाम कहा जाता है क्योंकि ये सस्ता होता है लेकिन इसी सस्ती चीज में बड़ी से बड़ी बीमारियों की लडऩे की क्षमता है।
- चने से बालों का गिरना भी रूकता है क्योंकि इसमें उपस्थित प्रोटीन बालों को मजबूती प्रदान करता है।

आभूषण व धन के वास्तु नियमों में दिशाएं है महत्वपूर्ण

आभूषण व धन के वास्तु नियमों में दिशाएं है महत्वपूर्ण

भवन निमार्ण के साथ साथ घर के रखरखाव में भी वास्तुशास्त्र का विशेष महत्व है। सामान्यतः हर व्यक्ति पैसे, आभूषण, मूल्यवान वस्तुएँ, कागजात रखने के लिए तिजोरी, अलमारी, कैशबॉक्स इत्यादि का उपयोग करता है। वास्तुशास्त के नियम यह बताते हैं कि घर में इन्हे कैसे रखे। जो जीवन में समृद्धी में सहायक हो सकें।

दिशाओं का महत्तव

उतर दिशाः घर की उतर दिशा में कैश व आभूषण जिस अलमारी में रखते हैं, वह अलमारी भवन की उत्तर दिशा के कमरे में दक्षिण की दीवार से लगाकर रखना चाहिए। इस प्रकार रखने से अलमारी उत्तर दिशा की ओर खुलेगी, उसमें रखे गए पैसे और आभूषण में हमेशा वृद्धि होती रहेगी।

ईशान कोण : यहाँ पैसा, धन और आभूषण रखे जाएँ तो यह दर्शाता है कि घर का मुखिया बुद्धिमान है और यदि यह उत्तर ईशान में रखे हों तो घर की एक कन्या संतान और यदि पूर्व ईशान में रखे हों तो एक पुत्र संतान बहुत बुद्धिमान और प्रसिद्ध है।

पूर्व दिशा : यहाँ घर की संपत्ति और तिजोरी रखना बहुत शुभ होता है और उसमें बढ़ोतरी होती रहती है।

आग्नेय कोण : यहां धन रखने से बचना चाहिए। यहाँ धन रखने से धन घटता है, क्योंकि घर के मुखिया की आमदनी घर के खर्चे से कम होने के कारण कर्ज की स्थिति बनी रहती है।

दक्षिण दिशा : इस दिशा में धन, सोना, चाँदी और आभूषण रखने से नुकसान तो नहीं होता परंतु बढ़ोत्तरी भी विशेष नहीं होती है।

नैऋत्य कोण : यहाँ धन, महँगा सामान और आभूषण रखे जाएँ तो वह टिकते जरूर है, किंतु एक बात अवश्य रहती है कि यह धन और सामान गलत ढंग से कमाया हुआ होता है।

पश्चिम दिशा : यहाँ धन-संपत्ति और आभूषण रखे जाएँ तो साधारण लाभ मिलता है। परंतु घर का मुखिया अपने स्त्री-पुरुष मित्रों का सहयोग होने के बाद भी बड़ी कठिनाई के साथ धन कमा पाता है।

वायव्य कोण : यहाँ धन रखा हो तो खर्च जितनी आमदनी जुटा पाना मुश्किल होता है। ऐसे व्यक्ति का बजट हमेशा गड़बड़ाया रहता है और कर्जदारों से सताया जाता है।

यह जरूर करें : घर की तिजोरी के पल्ले पर बैठी हुई लक्ष्मीजी की तस्वीर जिसमें दो हाथी सूंड उठाए नजर आते हैं, लगाना बड़ा शुभ होता है। तिजोरी वाले कमरे का रंग क्रीम या आफ व्हाइट रखना चाहिए।
चित्र: आभूषण व धन के वास्तु नियमों में दिशाएं है महत्वपूर्ण ====================================== भवन निमार्ण के साथ साथ घर के रखरखाव में भी वास्तुशास्त्र का विशेष महत्व है। सामान्यतः हर व्यक्ति पैसे, आभूषण, मूल्यवान वस्तुएँ, कागजात रखने के लिए तिजोरी, अलमारी, कैशबॉक्स इत्यादि का उपयोग करता है। वास्तुशास्त के नियम यह बताते हैं कि घर में इन्हे कैसे रखे। जो जीवन में समृद्धी में सहायक हो सकें। दिशाओं का महत्तव उतर दिशाः घर की उतर दिशा में कैश व आभूषण जिस अलमारी में रखते हैं, वह अलमारी भवन की उत्तर दिशा के कमरे में दक्षिण की दीवार से लगाकर रखना चाहिए। इस प्रकार रखने से अलमारी उत्तर दिशा की ओर खुलेगी, उसमें रखे गए पैसे और आभूषण में हमेशा वृद्धि होती रहेगी। ईशान कोण : यहाँ पैसा, धन और आभूषण रखे जाएँ तो यह दर्शाता है कि घर का मुखिया बुद्धिमान है और यदि यह उत्तर ईशान में रखे हों तो घर की एक कन्या संतान और यदि पूर्व ईशान में रखे हों तो एक पुत्र संतान बहुत बुद्धिमान और प्रसिद्ध है। पूर्व दिशा : यहाँ घर की संपत्ति और तिजोरी रखना बहुत शुभ होता है और उसमें बढ़ोतरी होती रहती है। आग्नेय कोण : यहां धन रखने से बचना चाहिए। यहाँ धन रखने से धन घटता है, क्योंकि घर के मुखिया की आमदनी घर के खर्चे से कम होने के कारण कर्ज की स्थिति बनी रहती है। दक्षिण दिशा : इस दिशा में धन, सोना, चाँदी और आभूषण रखने से नुकसान तो नहीं होता परंतु बढ़ोत्तरी भी विशेष नहीं होती है। नैऋत्य कोण : यहाँ धन, महँगा सामान और आभूषण रखे जाएँ तो वह टिकते जरूर है, किंतु एक बात अवश्य रहती है कि यह धन और सामान गलत ढंग से कमाया हुआ होता है। पश्चिम दिशा : यहाँ धन-संपत्ति और आभूषण रखे जाएँ तो साधारण लाभ मिलता है। परंतु घर का मुखिया अपने स्त्री-पुरुष मित्रों का सहयोग होने के बाद भी बड़ी कठिनाई के साथ धन कमा पाता है। वायव्य कोण : यहाँ धन रखा हो तो खर्च जितनी आमदनी जुटा पाना मुश्किल होता है। ऐसे व्यक्ति का बजट हमेशा गड़बड़ाया रहता है और कर्जदारों से सताया जाता है। यह जरूर करें : घर की तिजोरी के पल्ले पर बैठी हुई लक्ष्मीजी की तस्वीर जिसमें दो हाथी सूंड उठाए नजर आते हैं, लगाना बड़ा शुभ होता है। तिजोरी वाले कमरे का रंग क्रीम या आफ व्हाइट रखना चाहिए।

बुधवार, 26 जून 2013

आयुर्वेद में नस्य

नस्य

प्रतिदिन नाक में २ -२ बूँद गाय के घी या तिल  या सरसों के तेल की डालना हमें बहुत सारे लाभ देता है .तेल
या घी को लेट कर नाक में डाले और हल्का सा खिंच ले . 5  मिण्ट लेते रहे .इसे प्रतिमर्श नस्य  कहा जाता है .आयुर्वेद में इसे लेने के १४ समय बताये गए है - सुबह उठने पर ,दंत धावन, व्यायाम, शरीरसंबंध, मलमूत्र
त्याग, भोजन ,वमन , के बाद दिन में सो के उठने पर ,और  शाम को . बाहर जाते समय नस्य लेने से प्रदुषण का असर नहीं होगा .
- रात में सोते समय नस्य लेने से वात रोगों में लाभ  मिलता है ; विशेषकर तब जब हम तेज़ पंखे या एसी में सोये .
- थायरोइड
-स्मरण शक्ति ; इसलिए विद्यार्थियों के लिए  लाभकारी
-बाल झडना और असमय सफ़ेद होना
-दांत के रोगों में जैसे दर्द ,सेंसिटिविटी , मसूड़ों की समस्या
- बेहतर केल्शियम एब्ज़ोर्प्शन
- लम्बाई बढाता है
- नाक की समस्याएँ पोलिप्स , छींकें आना , नाक बंद  होना , सर्दी ज़ुकाम
- गला खराब होने पर - कान की समस्याएँ
- स्नायु शिथिलता
- स्टेमिना बढाता है .
- अच्छी नींद
- सिरदर्द
- मानसिक तनाव - नाक के माध्यम से दी गई दवाई का डेढ़ मिं में असर  होता है . ये ब्रेन पर तुरंत असर करता है क्योंकि यहाँ ब्लड ब्रेन बेरियर नहीं होता .नाक ही ब्रेन का प्रवेश द्वार है .
- हिमोग्लोबिन बढ़ता है .
- रोगप्रतिरोधक शक्ति बढती है .
- हकलाहट में लाभ - होर्मोनल असंतुलन को ठीक करता है .
- फेशियल पेरेलिसिस
- आँख फड़कना
- चोट जल्द भरना
- विद्यार्थियों में दिमागी शक्ति बढाने के लिए  केसर, ज्येष्ठी मधु ,अश्वगंधा ,ब्राम्ही ,शंखपुष्पी , शतावरी जैसी दवाइयों का अर्क अगर गाय के घी से दिया जाए तो कान और आँखों की शक्ति बढती है ;
दिमाग की ग्राह्य क्षमता बढती है
- एक शोध में वेखंड ,जटामासी ,वाला आदि जड़ी बूटी युक्त  अगरबत्ती जब रात्री में जलाई गयी तो स्मरण शक्ति में सुधार देखा गया .
- गर्दन में दर्द
- टोंसिल्स
- .कुछ विशेष परिस्थितियों में जैसे स्म्रुतिनाश  या फिट्स के लिए वैद्य की सलाह से नस्य ले .
- नस्य ना लेने का समय ---- वर्षा ऋतू में जब सूर्य ना हो ;
गर्भवती या प्रसव के बाद ;बाल धोने के बाद ; भूक या प्यास लगने पर , बीमार पड़ने पर ;अजीर्ण होने पर ; आघात होने पर या बहुत थका हुआ होने पर ; अनुवासन  बस्ती या विरेचन के बाद .

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