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शुक्रवार, 4 सितंबर 2020

स्लिप डिस्क में राहत पाने के लिए अपनाएं ये नुस्खे


कमर के नीचे वाले हिस्से में होने वाले दर्द को स्लिप डिस्क कहते हैं। आज के समय में बहुत से लोग है जो स्लिप डिस्क से परेशान है। यह समस्या अधिकतर महिलाओं में देखने को मिलती है। आज हम आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे अपनाकर आप स्लिप डिस्क के दर्द से राहत पा सकते हैं। तो आइये जानते हैं इन घरेलु उपचारों के बारे में:-

पांच लौंग और पांच काली मिर्च पीस लें और इसमें सुखी अदरक का पाउडर भी मिला लें। इस मिश्रण को चाय की तरह एक काढ़ा बना कर दिन में दो बार पिएं।
दो ग्राम दालचीनी पाउडर और एक चम्मच शहद मिला लें। दिन में दो बार इसका सेवन करें।
स्लिप डिस्क में भारी सामान बिल्कुल न उठाएं।
अगर आपको स्लिप डिस्क की समस्या है तो अपना वजन नियंत्रण में रखे और पेट की चर्बी ना बढ़ने दे।
सोने के लिए स्प्रिंग वाले और मुलायम गद्दे की बजाय सख्त गद्दा प्रयोग करें इससे कमर सीधा रहेगा और पूरी कमर पर एक जैसा दबाव पड़ेगा।
स्लिप डिस्क के दर्द से राहत पाने के लिए नियमित रूप से योगा या एक्सरसाइज करें।

वैश्विक गणेश - कंबोडिया में सिध्दीविनायक

 वैश्विक गणेश / २

कंबोडिया में सिध्दीविनायक

कंबोडिया में हजार वर्ष से भी ज्यादा समय हिन्दू साम्राज्य था. पहले फुनान, बाद में कंबोज़ और फिर खमेर राजवंशों ने कंबोडिया में हिन्दुत्व की पताका लहराई थी. ईस्वी सन की पहली शताब्दी से लेकर अगले हजार / बारह सौ वर्षों तक इस विशाल साम्राज्य में हिन्दू संस्कृति अत्यंत गर्व एवं वैभव के साथ फलती - फूलती रही. भारत से काफी दूर स्थित इस देश में लगभग छः सौ / सात सौ वर्षों तक संस्कृत ही राजभाषा के रूप में सम्मानजनक स्थान पर रही. लगभग एक हजार वर्षों तक भव्य मंदिरों का निर्माण हुआ. उपनिषद, पुराण, रामायण, महाभारत, गीता जैसे कई पवित्र ग्रंथ इस देश के प्रत्येक घर का अविभाज्य अंग रहे. वेद और उपनिषदों की ऋचाएं यहां प्रतिदिन गायी जाती थी. अर्थात एक सामर्थ्यशाली, वैभवशाली, ज्ञानशाली रहा हुआ यह  विशाल हिन्दू राष्ट्र, लगभग हजार / बारह सौ वर्षों तक सुख-समृद्धि से भरपूर रहा.

विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल, ‘अंगकोर वाट’, अर्थात हिन्दू मंदिरों का समूह भी कंबोडिया में हैं. अतः यह स्वाभाविक ही हैं, की भगवान गणेश की अनेक मूर्तियां इस देश में पायी जाती हैं. मेकोंग नदी के किनारे स्थित ‘केंपोंग चाम’ इस शहर के ‘दे दोस’ मंदिर में गणेश जी की भव्य प्रतिमा हैं. नोम पेन्ह नदी के किनारे गणेश जी की एक विशाल प्रतिमा हैं. सातवी शताब्दी की अनेक गणेश प्रतिमाएँ, कंबोडिया के विभिन्न संग्रहालयों में रखी गई हैं. प्रख्यात ‘अंगकोर वाट’ में गणेश जी की अनेक प्रतिमाएं हैं.

कंबोडिया में अल्पसंख्यांक ‘चाम’ समुदाय यह आज भी हिन्दू मान्यताओं को मानता हैं, तथा हिन्दू देवताओं की पूजा करता हैं. इनके मंदिरों में आज भी, अपने भारतीय पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी से गणेश उत्सव मनाया जाता हैं.

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