यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 1 फ़रवरी 2022

इन सब के बगैर आप बच्चों को कोडिंग सिखाना चाह रहे हैं तो आपका बच्चा ATM बनेगा, समस्याओं का

पहले बच्चों को सूजी, मैदा और आटे में भेद करना सिखाइये

पहले बच्चों को मूंग, मसूर, उडद, चना और अरहर पहचानना सिखाइये

पहले बच्चों को मख्खन, घी, पनीर, चीज़ के बीच अंतर और उन्हें बनाने की जानकारी सिखाइये

पहले बच्चों को सोंठ और अदरक, अंगूर और किशमिश, खजूर और छुहारे के बीच का अंतर सिखाइये

पहले बच्चों को दालचीनी, कोकम, राई, सरसों, जीरा और सौंफ पहचानना सिखाइये

पहले बच्चों को आलू, अदरक, हल्दी, प्याज और लहसुन के पौधे दिखाइये

पहले बच्चों को मेथी, पालक, चौलाई, बथुआ, सरसों, लाल भाजी में फर्क सिखाइये

पहले बच्चों को फलों से लदे पेड़ों, फूलों की बगिया दिखाइए

पहले बच्चे को गाय, बैल, सांड का फर्क सिखाओ, गधे, घोड़े और ख़च्चर में अंतर समझाओ

पहले बच्चों को दिखाएं कि गाय, भैंस और बकरी से दूध कैसे दुहा जाता है।

पहले बच्चों को कीचड़ और मिट्टी में उलट पुलट होना सिखाइये, बरसात में भीगना और गर्मियों में पसीने से तरबतर होना सिखाइये

पहले बच्चों को बुजुर्गों के पास जाना, उनसे बातें करना, उनके साथ खेलना और मस्ती करना सिखाइये

बड़ों से तमीज़ से बात करना और घर के काम धाम में माँ-पिता का सहयोग करना सिखाइये

इन सब के बगैर आप बच्चों को कोडिंग सिखाना चाह रहे हैं तो आपका बच्चा ATM बनेगा, समस्याओं का

व्हाइटहैट जूनियर की जल्दी क्या है? कोडिंग भी सीख लेंगे, पहले डिकोडिंग तो कर लें, अपने आस-पास की...
🤶👨‍🎨बचपन को ज़िंदा रखें, मरने न दें। हाथ जोड़कर निवेदन है।

शर्मा जी का बेटा 30 लाख में इंजीनियरिंग करके 40 हज़ार रु महीना कमाता है


शर्मा जी ने अपने लड़के को साइंस मैथ दिलवाया...
     3 साल तक 3000 महीने का ट्यूशन लगवाया...
 12वी में 50,000 का कोचिंग करवाया...
एक साल तक IIT से लेकर ITI तक के इम्तिहान दिलाने में करीब 2 लाख गवाया....
    फिर 5लाख डोनेशन देकर एक प्राइवेट कॉलेज से लड़के को BTec करवाया...
      4 साल ग्रेजुएशन में लगाने के बाद 10 लाख रु खर्चा आया...
       फिर MTec करने में लड़के ने 2 साल और लगाया...
शर्मा जी पर 5 लाख का एडिशनल बोझ आया....
     इंजीनियर बनकर भी लड़के को नौकरी का ऑफर नहीं आया...
     एक साल की घिसाई के बाद लड़के ने 40 हज़ार का स्टार्टिंग ऑफर पाया...
शर्मा जी ने लड़के की नौकरी लगने पर मोहल्ले में लड्डू बंटवाया...

उधर......
     शर्मा जी ने जब मकान बनवाया,तो ...सलीम ठेकेदार ने 35 लाख का एस्टीमेट बताया....
    मोहम्मद फेब्रिकेटर ने 40 हज़ार में गेट बनाया...
आसिफ बढ़ई से 6 लाख का लकड़ी का काम करवाया...
    दानिश बिजलीवाले से 2 लाख का बिजली फिटिंग करवाया...
     इस्लाम भाई से 80 हज़ार में प्लंबिंग का काम करवाया...
फैज़ल से 2 लाख में पेंटिंग करवाया....
   इरफान से 65 हज़ार में POP करवाया...
हाफिज भाई से डेढ़ लाख में मोड्यूलर किचन बनवाया...
    इस्माइल भाई से 3000 हज़ार में मलबा हटवाया...
आमिर गैराज से 15000 में गाड़ी का डेंट पेंट करवाया...
      उनकी बीबी ने 1000 रु में मकबूल दर्ज़ी से ब्लाउज़ सिलवाया....
    उनकी बेटी ने जावेद हबीब से  8000 रु में बालों में केरेटिन करवाया ....
         अब .....
   शर्मा जी का बेटा 30 लाख में इंजीनियरिंग करके 40 हज़ार रु महीना कमाता है....
        और ....
सलीम भाई ने ठेकेदारी करके अपने लड़के के लिए बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन की 2 दुकान खोल दी....
    अब वो मैट्रिक fail डेढ़ लाख महीना कमाता है...
मोहम्मद फेब्रिकेटर अपने 2 भाइयों के साथ 90 हज़ार से 120,000 महीना कमाता है...
      आसिफ कारपेन्टरी से रोज़ के दो से 3 हज़ार रु कमाता है और एक पक्का मकान है....
      दानिश बिजली के काम से 70 से 80 हज़ार महीना कमाता है...
     इस्लाम अपने 3 plumber को 500 रु रोज़ देकर खुद 70 हज़ार महीना कमाता है....
      फैज़ल साल के 10 से 12 लाख रु कमाता है और गांव में 10 बीघा में खेती करवाता है.. बेटा दुबई में 50 हज़ार महीना कमाता है...
     हाफिज भाई एक मोड्यूलर किचन से 20% मुनाफा लेता है...
      इस्माइल कबाड़ी के बेटे कबाड़ की दुकान पर बैठकर swift car चलाते हैं और 3 बाइक हैं....
      अमीर गैराज वाले ने बगल के प्लाट 45 लाख में खरीद लिया और उस पर सर्विस स्टेशन बना रहा है.....
       मकबूल भाई अन्य कारिगरों को 300 रु प्रति ब्लाउज़ में सिलवा के ....शर्मा जी की  बीबी से उसके 1000 रु लेते हैं.... 
       जावेद हबीब सैलून की मालिक साफिया 5000 रु की तनख्वाह वालों से केरेटिन करवा कर आपकी बेटी से 8000 लेती है ..5 साल में उसने 3 सैलून बना लिये....
      शर्मा जी अपने पैसे अपने बच्चों के लिए नहीं...
     सलीम, मोहम्मद, दानिश, आसिफ, इस्माइल, फैजल, मकबूल , और हाफिज इत्यादि के लिए कमा रहे हैं...
        और उनका बेटा भी यही करेगा....
.

सोमवार, 31 जनवरी 2022

आर्य भट्ट ने शून्य की खोज की तो रामायण में रावण के दस सर की गणना कैसे की गयी?

आर्य भट्ट ने शून्य की खोज की तो रामायण में रावण के दस सर की गणना कैसे की गयी?
रावण के दस सिर कैसे हो सकते हैं, जबकि शून्य की खोज आर्यभट्ट ने की?

कुछ लोग हिन्दू धर्म व "रामायण" महाभारत "गीता" को काल्पनिक दिखाने के लिए यह प्रश्न करते है कि जब आर्यभट्ट ने लगभग 6 वी शताब्दी मे (शून्य/जीरो) की खोज की तो आर्यभट्ट की खोज से लगभग 5000 हजार वर्ष पहले रामायण मे रावण के 10 सिर की गिनती कैसे की गई !!!

और महाभारत मे कौरवो की 100 की संख्या की गिनीती कैसे की गई !!

जबकि उस समय लोग (जीरो) को जानते ही नही थे !!

तो लोगो ने गिनती को कैसे गिना !!!!
अब मै इस प्रश्न का उत्तर दे रहा हु !!

कृपया इसे पूरा ध्यान से पढे!

आर्यभट्ट से पहले संसार 0(शुन्य) को नही जानता था !!

आर्यभट्ट ने ही (शुन्य / जीरो) की खोज की, यह एक सत्य है !!

लेकिन आर्यभट्ट ने "0( जीरो )"" की खोज *अंको मे* की थी, *शब्दों* में खोज नहीं की थी, उससे पहले 0 (अंक को) शब्दो मे शुन्य कहा जाता था !!!

उस समय मे भी हिन्दू धर्म ग्रंथो मे जैसे शिव पुराण,स्कन्द पुराण आदि मे आकाश को *शुन्य* कहा गया है !!

यहाँ पे "शुन्य" का मतलव अनंत से होता है !!

लेकिन *रामायण व महाभारत* काल मे गिनती अंको मे न होकर शब्दो मे होता था,और वह भी *संस्कृत* मे !!

उस समय *1,2,3,4,5,6,7,8, 9,10* अंक के स्थान पे *शब्दो* का प्रयोग होता था वह भी *संस्कृत* के शव्दो का प्रयोग होता था !!!

जैसे !

1 = प्रथम

2 = द्वितीय

3 = तृतीय"

4 = चतुर्थ

5 = पंचम""

6 = षष्टं"

7 = सप्तम""

8 = अष्टम""

9 = नवंम""

10 = दशम !!

*दशम = दस*

यानी" दशम मे *दस* तो आ गया,लेकिन अंक का

0 (जीरो/शुन्य ) नही आया,‍‍रावण को दशानन कहा जाता है !!

*दशानन मतलव दश+आनन =दश सिर वाला*

अब देखो

रावण के दस सिर की गिनती तो हो गई !!

लेकिन अंको का 0 (जीरो) नही आया !!

इसी प्रकार महाभारत काल मे *संस्कृत* शब्द मे *कौरवो* की सौ की संख्या को *शत-शतम* ""बताया गया !!

*शत्* एक संस्कृत का "शब्द है,

जिसका हिन्दी मे अर्थ सौ (100) होता है !!

सौ(100) "को संस्कृत मे शत् कहते है !!

*शत = सौ*

इस प्रकार महाभारत काल मे कौरवो की संख्या गिनने मे सौ हो गई !!

लेकिन इस गिनती मे भी *अंक का 00(डबल जीरो)* नही आया,और गिनती भी पूरी हो गई !!!

महाभारत धर्मग्रंथ में कौरव की संख्या शत बताया गया है!

रोमन मे भी

1-2-3-4-5-6-7-8-9-10 की

जगह पे (¡)''(¡¡)"""(¡¡¡)""

पाँच को V कहा जाता है !!

दस को x कहा जाता है !!

रोमन मे x को दस कहा जाता है !!

X= दस

इस रोमन x मे अंक का (जीरो/0) नही आया !!

और हम" दश पढ "भी लिए

और" गिनती पूरी हो गई!!

इस प्रकार रोमन word मे "कही 0 (जीरो) "नही आता है!!

और आप भी" रोमन मे""एक से लेकर "सौ की गिनती "पढ लिख सकते है !!

आपको 0 या 00 लिखने की जरूरत भी नही पड़ती है !!

पहले के जमाने मे गिनती को *शब्दो मे* लिखा जाता था !!

उस समय अंको का ज्ञान नही था !!

जैसे गीता,रामायण मे 1"2"3"4"5"6 या बाकी पाठो (lesson ) को इस प्रकार पढा जाता है !!

जैसे

(प्रथम अध्याय, द्वितीय अध्याय, पंचम अध्याय,दशम अध्याय... आदि !!)

इनके"" दशम अध्याय ' मतलब

दशवा पाठ (10 lesson) "" होता है !!

दशम अध्याय= दसवा पाठ

इसमे *दश* शब्द तो आ गया !!

लेकिन इस दश मे *अंको का 0* (जीरो)" का प्रयोग नही हुआ !!

बिना 0 आए पाठो (lesson) की गिनती दश हो गई !!

(हिन्दू बिरोधी और नास्तिक लोग सिर्फ अपने गलत कुतर्क द्वारा

‍ हिन्दू धर्म व हिन्दू धर्मग्रंथो को काल्पनिक साबित करना चाहते है !!)

जिससे हिन्दूओ के मन मे हिन्दू धर्म के प्रति नफरत भरकर और हिन्दू धर्म को काल्पनिक साबित करके,हिन्दू समाज को अन्य धर्मों में परिवर्तित किया जाए !!!

लेकिन आज का हिन्दू समाज अपने धार्मिक शिक्षा को ग्रहण ना करने के कारण इन लोगो के झुठ को सही मान बैठता है !!!

यह हमारे धर्म व संस्कृत के लिए हानि कारक है !!

अपनी सभ्यता पहचाने,गर्व करे की हम भारतीय है।
*लेखक अज्ञात है*

गणित मोदी हमसे बेहतर व ज्यादा जानते हैं,मगर,


गणित मोदी हमसे बेहतर व ज्यादा जानते हैं,

*मगर,*
*गाँधी की तरह खेलना सिर्फ मोदी को आता है,*

*आप और हम तो सिर्फ उलाहना दे सकते हैं,*

*गाँधी ने अहिंसा की आड़ में अपने चहेते मुइमो को एक अलग देश भी दे दिया, लाखों हिन्दुओं का मुइमो के हाथों कत्ल भी करवा दिया, असंख्य हिन्दू बहनों के कुकर्म  बलात्कार भी करवा दिये,*

*सैकड़ों मंदिरों में कुरान पढ़वा ली, रोजे खुलवा लिये...*

*मगर हिन्दुओं के लिये कुछ नहीं किया, किसी भी मस्जिद में गीता नहीँ पढ़वाई, कहा कि मेरी लाश पर से पाकिस्तान बनेगा, मगर उस ने जीवित रहते हुए पाकिस्तान बनवा दिया, 3 करोड़ मुस्लिम भारत में रोक लिये।  कांग्रेस की वोटबैंक की खेती को हरीभरी रखने के लिये,*

*अब 70 साल बाद असली चाणक्य आया है, जो मुस्लिमों का विश्वास जीतने की आड़ में हिन्दू राष्ट्र का मार्ग आधा तय कर चुका है और युद्धगति से भारत में मुईमो पर राजनीतिक शिकंजा कसता जा रहा है,*

*आप क्या सोचते हो कि जो वोटों की गिनती की गणित आप दिखा रहे हैं मोदी इससे अनजान हैं,*

*नहीँ, वे हमसे बेहतर जानते हैं इन गणनाओं को, मगर उसे असली गांँधीगिरी का पता है, वे खेल रहे हैं।  उन्हें खेलने दीजिये,*

*गाँधी- गाँधी जपते मोदी ने सरदार पटेल की मूर्ति बनवा दी,*

*गाँधी गाँधी जपते मोदी ने सुभाष चन्द्र बोस के आजादी दिवस को मनाकर बोस के नाम का संग्रहालय बनवा दिया,*

*गाँधी गाँधी जपते मोदी ने धारा 370 खत्म करते हुए जम्मू कश्मीर से हमेशा के लिये राजनीतिक इस्लामीकरण खत्म कर दिया*।

*गाँधी गाँधी जपते मोदी ने 2अक्टूबर को लाल बहादुर शास्त्री जी को महत्व देते हुए एक नई पीढ़ी को जाग्रत कर दिया,*

*गाँधी गाँधी जपते मोदी ने कांग्रेस को उसी की छल बल वाली पैतरेबाजी में ऐसा उलझाया कि आज गाँधी की औलाद कांग्रेस का अध्यक्ष पद से भाग खड़ा हुआ,*

*बाकी सब कुछ उसके ही हिसाब से चल रहा है, वह अपने मिशन पर ही है, इसे मत गरियाओ, यह राजनीतिक संन्यासी आपकी और बड़े बड़े पोलीटिकल पंडित की समझ से परे है, 2002 गुजरात में इसने हजारों रक्तांजलियांँ लेकर अपने आपको संसार की नजरों में हिन्दू राजा घोषित कर दिया था, इसे कोई नहीं रोक सकता, जब तक यह भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित नहीं कर देता,*

 इसने हिन्दू राष्ट्र का आधा मार्ग तय कर लिया है, अभी उसे तुम्हारी सलाह की नहीं, वोट की जरूरत है।  बाकी का काम कैसे करना उसे पक्का पता है,  तुम 1000 साल से सो रहे हो इसलिये मैकॉले की शिक्षा व्यवस्था की अंधता व 70 साल तक कांग्रेसी टुकड़ों पर पलने की आदतों के कारण तुम्हें नजर नहीं आ रहा है।

इसलिए सिर्फ भाजपा को वोट देकर उनके हाथ मजबूत करे बस्स।

🙏🏼

शनिवार, 29 जनवरी 2022

ऐसा वृक्ष जिससे मक्खन निकलता है

जिस वृक्ष से मक्खन निकलते हैं , उस वृक्ष को "मक्खन की कटोरी " (वट वृक्ष की एक प्रजाति), के नाम से जाना जाता है ।

  • बोटेनिकल नाम: फिकस बेंगालेंसिस।

इस वृक्ष के पत्ते तोड़ने पर , एक सफेद तरल पदार्थ का रिसाव होता है। जिसे मक्खन की संज्ञा दी जाती है।मान्यता है, यह भगवान श्रीकृष्ण के "चुराये मक्खन "का ही पिघला स्वरूप है।

इस वृक्ष को "कृष्ण का पेड़" , "कृष्ण वट" भी कहते हैं।

शोध के पश्चात इस पेड़ को दुर्लभ माना जाता है।

इस वृक्ष को ,प्रकृति का तोहफा माना जाता है। क्योंकि इससे स्वास्थ्य वर्धक लाभांश प्राप्त होते हैं।

इसकी जड़ें काफी गहराई तक फैले होते हैं , जिससे उसके आसपास की मिट्टी में सदा पानी की मौजूदगी बनी रहती है ।

यह पेड़ 2 ,3 महीने में दस फीट तक बड़े हो सकते हैं । इसमें जल की भी पचूर मात्रा मौजूद रहती हैं।

इसकी मूल प्रजाति अधिकांशतः उत्तराखंड में पाई जाती है।

इस वृक्ष के पत्ते कुछ अलग से होते हैं । इस की खासियत, है कि ,ये वर्ष भर हरे भरे रहते है । इनकी पत्तियां जल्दी झड़ती नहीं हैं । ये सदाबहार वृक्ष कहलाती हैं।

यह दूसरों वृक्षों की तुलना में अधिक कार्बन डाइआक्साइड अवशोषित कर , अधिक मात्रा में शुद्ध ऑक्सीजन उत्सर्जित करता है ।

मान्यता है कि, अपने बचपन समय में भगवान श्रीकृष्ण अपनी माता यशोदा के डांट भटकार से बचने हेतु ,दूसरों के घरों से चुराये मक्खन, एकमात्र इस वट वृक्ष के पत्तों को कटोरी नुमा आकार देकर, उसमें मक्खन छुपाकर रख देते थे ।

पर कान्हा ने जब अपनी मैया की डांट सुन ली , तो मक्खन कटोरी ,पत्ते से माखन पिघलने लगा।

कहते हैं ,इस पेड़ के पत्ते तोड़ने के फलस्वरूप माखन का यही पिघला स्वरूप सफेद तरल पदार्थ के रूप में निकलने लगा ।

कहा जाता है , तभी से इस वृक्ष के बड़े पत्ते कटोरीनुमा और इसके छोटे पत्ते चम्मच समान आकार में विकसीत होने लगे।

चित्र गुगल से।

function disabled

Old Post from Sanwariya