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रविवार, 29 जनवरी 2023

समयसूचक AM और PM का उदगम भारत ही था।

 

समयसूचक AM और PM का उदगम भारत ही था।

 पर हमें बचपन से यह रटवाया गया, विश्वास दिलवाया गया कि इन दो शब्दों AM और PM का मतलब होता है :

AM : एंटी मेरिडियन (ante meridian)

PM : पोस्ट मेरिडियन (post meridian)

एंटी यानि पहले, लेकिन किसके?

पोस्ट यानि बाद में, लेकिन किसके?

यह कभी साफ नहीं किया गया, क्योंकि यह चुराये गये शब्द का लघुतम रूप था।

अध्ययन करने से ज्ञात हुआ और हमारी प्राचीन संस्कृत भाषा ने इस संशय को अपनी आंधियों में उड़ा दिया और अब, सब कुछ साफ-साफ दृष्टिगत है।

कैसे?

देखिये...

AM = आरोहनम् मार्तण्डस्य Aarohanam Martandasya

PM = पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasya

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सूर्य, जो कि हर आकाशीय गणना का मूल है, उसीको गौण कर दिया। अंग्रेजी के ये शब्द संस्कृत के उस 'मतलब' को नहीं इंगित करते जो कि वास्तव में है।

आरोहणम् मार्तण्डस्य Arohanam Martandasaya यानि सूर्य का आरोहण (चढ़ाव)।

पतनम् मार्तण्डस्य Patanam Martandasaya यानि सूर्य का ढलाव।

दिन के बारह बजे के पहले सूर्य चढ़ता रहता है - 'आरोहनम मार्तण्डस्य' (AM)।

बारह के बाद सूर्य का अवसान/ ढलाव होता है - 'पतनम मार्तण्डस्य' (PM)।

पश्चिम के प्रभाव में रमे हुए और पश्चिमी शिक्षा पाए कुछ लोगों को भ्रम हुआ कि समस्त वैज्ञानिकता पश्चिम जगत की देन है।

शनिवार, 28 जनवरी 2023

चंदन के पेड़ पर सांप क्यों लिपटे रहते हैं?

 

वैसे आपको जान कर हैरानी होगी कि असल में सांप चंदन के पेड़ की खुशबू की वजह से नहीं बल्कि खुद को ठंडा रखने के लिए ही इस पेड़ से लिपटे रहते है। दरअसल आप में से बहुत से लोग ये बात नहीं जानते होंगे कि चंदन का पेड़ काफी ठंडा होता है। वही दूसरी तरफ सांप को ठंडी जगह पर रहना काफी पसंद होता है।

चंदन के पेड़ में ही क्यों लिपटे रहते हैं सांप, जानें इसका गहरा राज

यूँ तो आपने कई बार किताबो में ये पढ़ा होगा कि आमतौर पर सांप चंदन के पेड़ से लिपटे रहते है।

यूँ तो आपने कई बार किताबो में ये पढ़ा होगा कि आमतौर पर सांप चंदन के पेड़ से लिपटे रहते है। मगर क्या आप जानते है कि आखिर सांप केवल इसी पेड़ से क्यों लिपटे रहते है। जी हां यक़ीनन हम में से ज्यादातर लोग इसके पीछे की असली वजह नहीं जानते होंगे। इसलिए आज हम आपको इसके पीछे की असली वजह से रूबरू करवाएंगे। वैसे जो लोग सोचते है कि सांप को चंदन के पेड़ की महक पसंद होती है। इस वजह से वह इस पेड़ से लिपटे रहते है। तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि वास्तव में ये सही कारण नहीं है। दरअसल वैज्ञानिक काफी समय पहले ही यह बात साबित कर चुके है, कि सांप में सूंघने की क्षमता नहीं होती।

इसका मतलब ये है कि वह चंदन के पेड़ की महक को महसूस कर ही नहीं सकते। हालांकि वह अपनी जीभ को बार बार बाहर जरूर निकालते है, ताकि वह अपने आस पास के वातावरण का जायजा ले सके। वैसे आपको जान कर हैरानी होगी कि असल में सांप चंदन के पेड़ की खुशबू की वजह से नहीं बल्कि खुद को ठंडा रखने के लिए ही इस पेड़ से लिपटे रहते है। दरअसल आप में से बहुत से लोग ये बात नहीं जानते होंगे कि चंदन का पेड़ काफी ठंडा होता है। वही दूसरी तरफ सांप को ठंडी जगह पर रहना काफी पसंद होता है। जी हां सांप एक ऐसा जीव है जो गर्मी बर्दाश्त नहीं कर सकता।

इसलिए अगर हो सके तो गर्मियों के दिनों में भूल कर ऐसी जगह के आस पास से न गुजरे, जहाँ सांप बसते हो। वरना ये आपके लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो खुद की चमड़ी को ठंडक पहुंचाने के लिए ही सांप चंदन के पेड़ से लिपटे रहते है। यहाँ तक कि सांप पेड़ पर केवल एक जगह नहीं, बल्कि चारो तरफ लिपट जाते है, ताकि वह पूरा समय अपने शरीर को ठंडा रख सके। बता दे कि चंदन की प्रवृति काफी शीतल होती है। इसके इलावा सांप अपने शरीर को ठंडा रखने के लिए जमीन के नीचे भी रहते है।


वैसे हम तो यही कहेंगे कि अगर आपके आस पास चंदन का पेड़ हो या बहुत सारे चंदन के पेड़ हो, तो आपको सावधान रहने की काफी जरूरत है। वो इसलिए क्यूकि कब कौन से बिल से सांप बाहर निकल कर आपके सामने आ जाएँ ये कोई नहीं कह सकता। इसलिए अगर हो सके तो अपना ध्यान रखे और चंदन के पेड़ से बच कर रहे।

गुरुवार, 26 जनवरी 2023

आयुर्वेद के अनुसार किसी भी तरह के रोग होने के 3 कारण होते हैं



समाधान 3 प्रकृति का...

आयुर्वेद के अनुसार किसी भी तरह के रोग होने के 3 कारण होते हैं-

🥗1. वात:- शरीर में गैस बनना।
🥗2. पित्त:- शरीर की गर्मी बढ़ना।
🥗3. कफ:- शरीर में बलगम बनना।

🥗🥗किसी भी रोग के होने का कारण एक भी हो सकता है और दो भी हो सकता है या दोनों का मिश्रण भी हो सकता है या तीनों दोषों के कारण भी रोग हो सकता है।

🥗1. वात होने का कारण - गलत भोजन, बेसन, मैदा, बारीक आटा तथा अधिक दालों का सेवन करने से शरीर में वात दोष उत्पन्न हो जाता है।
दूषित भोजन, अधिक मांस का सेवन तथा बर्फ का सेवन करने के कारण वात दोष उत्पन्न हो जाता है।
आलसी जीवन, सूर्यस्नान, तथा व्यायाम की कमी के कारण पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है जिसके कारण वात दोष उत्पन्न हो जाता है।
इन सभी कारणों से पेट में कब्ज (गंदी वायु) बनने लगती है और यही वायु शरीर में जहां भी रुकती है, फंसती है या टकराती है, वहां दर्द होता है। यही दर्द वात दोष कहलाता है।

🥗2. पित्त होने का कारण - पित्त दोष होने का कारण मूल रुप से गलत आहार है जैसे- चीनी, नमक तथा मिर्चमसाले का अधिक सेवन करना।
नशीली चीजों तथा दवाईयों का अधिक सेवन करने के कारण पित्त दोष उत्पन्न होता है।
दूषित भोजन तथा केवल पके हुए भोजन का सेवन करने से पित्त दोष उत्पन्न होता है।
भोजन में कम से कम 75 से 80 प्रतिशत क्षारीय पदार्थ (फल, सब्जियां इत्यादि अपक्वाहार) तथा 20 से 25 प्रतिशत अम्लीय पक्वाहार पदार्थ होने चाहिए। जब इसके विपरीत स्थिति होती है तो शरीर में अम्लता बढ़ जाती हैं और पित्त दोष उत्पन्न हो जाता है।

🥗3.  कफ होने का कारण - तेल, मक्खन तथा घी आदि चिकनाई वाली चीजों को हजम करने के लिए बहुत अधिक कार्य करने तथा व्यायाम की आवश्यकता होती है और जब इसका अभाव होता है तो पाचनक्रिया कम हो जाती है और पाचनक्रिया की क्षमता से अधिक मात्रा में चिकनाई वाली वस्तुएं सेवन करते है तो कफ दोष उत्पन्न हो जाता है।
रात के समय में दूध या दही का सेवन करने से कफ दोष उत्पन्न हो जाता है।

🥗🥗वात, पित्त और कफ के कारण होने वाले रोग निम्नलिखित हैं-

🥗वात के कारण होने वाले रोग -

 अफारा, टांगों में दर्द, पेट में वायु बनना, जोड़ों में दर्द, लकवा, साइटिका, शरीर के अंगों का सुन्न हो जाना, शिथिल होना, कांपना, फड़कना, टेढ़ा हो जाना, दर्द, नाड़ियों में खिंचाव, कम सुनना, वात ज्वर तथा शरीर के किसी भी भाग में अचानक दर्द हो जाना आदि।

🥗पित्त के कारण होने वाले रोग -

 पेट, छाती, शरीर आदि में जलन होना, खट्टी डकारें आना, पित्ती उछलना (एलर्जी), रक्ताल्पता (खून की कमी), चर्म रोग (खुजली, फोड़े तथा फुन्सियां आदि), कुष्ठरोग, जिगर के रोग, तिल्ली की वृद्धि हो जाना, शरीर में कमजोरी आना, गुर्दे तथा हृदय के रोग आदि।

🥗कफ के कारण होने वाले रोग -

 बार-बार बलगम निकलना, सर्दी लगना, श्वसन संस्थान सम्बंधी रोग (खांसी, दमा आदि), शरीर का फूलना, मोटापा बढ़ना, जुकाम होना तथा फेफड़ों की टी.बी. आदि।

🥗🥗वात से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-

🥗आहार चिकित्सा-

🥗 वात से पीड़ित रोगी को अपने भोजन में रेशेदार भोजन (बिना पकाया हुआ भोजन) फल, सलाद तथा पत्तेदार सब्जियों का अधिक प्रयोग करना चाहिए।

🥗मुनक्का अंजीर, बेर, अदरक, तुलसी, गाजर, सोयाबीन, सौंफ तथा छोटी इलायची का भोजन में अधिक उपयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है। 

🥗 रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन सुबह के समय में लहसुन की 2-4 कलियां खानी चाहिए तथा अपने भोजन में मक्खन का उपयोग करना चाहिए इसके फलस्वरूप वात रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

🥗उपवास - 

वात रोग से पीड़ित रोगी को सबसे पहले कुछ दिनों तक सब्जियों या फलों का रस पीकर उपवास रखना चाहिए तथा इसके बाद अन्य चिकित्सा करनी चाहिए।

🥗🥗पित्त से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार- 

🥗आहार चिकित्सा

🥗पित्त रोग से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन सब्जियों तथा फलों का रस पीना चाहिए।

🥗 पित्त रोग से पीड़ित रोगी को भूख न लग रही हो तो केवल फलों का रस तथा सब्जियों का रस पीना चाहिए और सलाद का अपने भोजन में उपयोग करना चाहिए। इसके फलस्वरूप उसका रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

🥗रोगी व्यक्ति को पूरी तरह स्वस्थ होने तक बिना पका हुआ भोजन करना चाहिए।

🥗पित्त रोग से पीड़ित रोगी को खट्टी, मसालेदार, नमकीन चीजें तथा मिठाईयां नहीं खानी चाहिए क्योंकि इन चीजों के सेवन से पित्त रोग और बिगड़ जाता है।

🥗पित्त के रोगी के लिए गाजर का रस पीना बहुत ही लाभकारी होता है, इसलिए रोगी को प्रतिदिन सुबह तथा शाम के समय में कम से कम 1 गिलास गाजर का रस पीना चाहिए।

🥗 अनार, मुनक्का, अंजीर, जामुन, सिंघाड़ा, सौंफ तथा दूब का रस पीना पित्त रोगी के लिए बहुत ही लाभकारी होता है।

🥗पित्त रोग से पीड़ित रोगी को सुबह के समय में लहसुन की 2-4 कलियां खाने से बहुत लाभ मिलता है।

🥗सोयाबीन तथा गाजर का सेवन प्रतिदिन करने से वात रोग जल्द ही ठीक होने लगता है।

🥗🥗कफ से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-

🥗आहार चिकित्सा

🥗 कफ के रोग से पीड़ित रोगी को प्राकृतिक चिकित्सा के दौरान सबसे पहले चिकनाई वाले पदार्थ, दूषित भोजन, तली-भुनी चीजों आदि का सेवन नहीं करना चाहि क्योंकि इन चीजों का उपयोग कफ रोग में बहुत हानिकारक रहता है।

🥗कफ से पीड़ित रोगी को दूध तथा दही वाले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इन चीजों के सेवन से रोगी की स्थिति और भी गंभीर हो जाती है।

🥗 कफ रोग से पीड़ित रोगी को दूध नही पीना चाहिए और अगर उसका मन दूध पीने को करता है तो दूध में सोयाबीन डालकर सेवन करना चाहिए।

🥗कफ रोग से पीड़ित रोगी को ताजे आंवले का रस प्रतिदिन सुबह के समय में पीना चाहिए जिसके फलस्वरूप उसका रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है। यदि आंवले का रस न मिल रहा हो तो सूखे आंवले को चूसना चाहिए।

🥗मुनक्का, कच्ची पालक, अंजीर तथा अमरूद का सेवन कफ रोग में बहुत अधिक लाभदायक होता है।

🥗अदरक, तुलसी, अंजीर तथा सोयाबीन का कफ रोग में प्रयोग करने से रोगी को बहुत आराम मिलता है।

🥗लहसुन तथा शहद का प्रयोग भी कफ रोग में लाभदायक होता है और इससे रोगी का कफ रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।


दुनिया में सबसे सच्चे सबसे अच्छे हिंदुस्तानी है - डाक्टर सुनील जोगी


नमस्कार मित्रो मै कुंज माहेश्वरी आपके लिए लाया हूँ डाक्टर सुनील जोगी की एक कविता मेरे भारत के बारे में लोगो की जो राय थी वो ऐसी थी की भारत जंगली लोगो का देश है रोगियों का ढोंगियो का मदारियों का देश है पर लोगो की यह राय बदल रही है अब भारत कैसा देश है कुछ पंक्तियों द्वारा समझाते हैं


हम सीना ठोक के कहते है । आवाज लगाकर कहते है। 
हाथो में गीता रामायण कुरआन उठाके कहते है।
जो चली आ रही सदियो से हम वो अनमोल कहानी है ।
दुनिया में सबसे सच्चे सबसे अच्छे हिंदुस्तानी है।

हम ताजमहल की मीनारे पावन गंगा की धारा है
ख्वाजा नवाज की चादर है अमृतसर का गुरुद्वारा है।
हम हिन्द महासागर का जल और हिमगिरि की ऊंचाई है।
हम भीमसेन जोशी
का स्वर है बिस्मिल्ला की शहनाई है।
हम सूर्यदेव का ज्योति कलश शिवशंकर वाला डमरू है।
जिस पर गिरधर नागर नाचे हम वो मीरा के घुंघरू हैं
हम मानसरोवर का पानी, हम काश्मीर की केशर है।
हम रामेश्वर द्वारिकापुरी हम रामसेतु के पत्थर है।
हम शंकर से विषपायी है सागर मंथन के अमृत है।
हम कल्पवृक्ष, हम नागमणि, हम कामधेनु , ऐरावत है
जिसमे श्रीकृष्ण नहाते थे, हम वो यमुना का पानी है।
दुनिया में सबसे सच्चे सबसे अच्छे हिंदुस्तानी है।

हम आर्य भट्ट की संतानें हम शून्य बताने वाले है।
हम आयुर्वेद और योगा का
ज्ञान सिखाने वाले है।
हम आदिशक्ति हम आदिगुरु हम आदिशंकराचारी है
जिनसे सारी सृष्टि जन्मी उस ब्रह्मा की चिंगारी है
हम वेद पुराणों के ज्ञाता हम अक्षर के आराधक है।
हम ज्योतिषविद खगोलज्ञानी हम तंत्र मंत्र के साधक है
हम महावीर के अनुयायी गौतम गाँधी के दर्शन है
हम अर्जुन का गांडीव और माधव का चक्र सुदर्शन है
हम कला पुजारी उत्सव धर्मी होली और दिवाली है।
जो देवो के सर पे चढ़ती हम वो पूजा की थाली है।
हम हरिश्चन्द्र है शिव दधीचि है कर्ण सरीखे दानी है
दुनिया में सबसे सच्चे सबसे अच्छे हिंदुस्तानी है।

हम इतिहासों के पन्ने है भूगोल बनाने वाले है।
हम श्वेत कबूतर नेहरू के जन गण मन गाने वाले है
1618 भाषाएं बोलिया साथ में रखते है
हम छ धर्मो छ ऋतुऔ की टोलिया साथ में रखते है।
हम हिंदू सिंधु घाटी वाली पाटिया साथ में रखते हैं
उनतीस राज्यो में चौसठ सौ जातियां साथ में रखते है।
हम सवा अरब मिलके एक स्वर में जन गण मन को गाते है।
हम उत्तर से दक्षिण तक अमर तिरंगे को फहराते है।
हम रेत समंदर पर्वत झरने नदिया है कालिंदी हैं
जन जन से राष्ट्रसंघ तक गूंज रही वो पावन हिंदी है।
हम इस धरती का कोहिनूर है सतरंगी चुनर धानी है।
दुनिया में सबसे सच्चे सबसे अच्छे हिंदुस्तानी है।

अरविंद घोष की वाणी है , हम तुलसी का दिग्दर्शन है
हम अब्दुल कलाम की दृष्टि है ऐश्वर्या का आकर्षण है।
हम करुणा मदर टेरेसा की इंदिरा गांधी की शक्ति है।
लक्ष्मी बाई का साहस है मीराबाई की भक्ति है।
हम रामदेव से योगी है धोनी सी धूम मचाते है।
सनसनी सानिया मिर्ज़ा सी तेंदुलकर बनकर छाते हैं
हमसे सहज सुनीता विलियम है जो अंतरिक्ष से आयी है।
बॉबी जिंदल ने अमरीका जाकर के धूम मचाई है।
सबके अधरो को चूम रही हम वो कान्हा की बंशी है
सारी दुनिया को जीत रहे
है हम वो भारतवंशी है
हम टाटा बिरला की पूंजी लक्ष्मी मित्तल अंबानी है
दुनिया में सबसे सच्चे सबसे अच्छे हिंदुस्तानी है।

हम राम कृष्ण और महावीर नानक की पूजा करते है
शिरडी वाले सांई बाबा हम सबकी झोली भरते है
हम सिद्धि विनायक तिरुपति संकटमोचन भोग लगाते है
हम पीर अली ख्वाजा बाबा के दीपो दान जलाते है
हम रामचरित मानस भारत में चौबीस घंटे गाते है
काशी मथुरा वैष्णो देवी से अमरनाथ तक जाते है।
हमको गुरुद्वारा दिख जाए तो मत्था खुद टिक जाता है।
गिरिजाघर की घंटी का स्वर मन प्राणों को महकता है।
हम शांतिकुंज, हम शक्ति कुंज , हम शांति निकेतन वाले हैं ,
हम भारत के सारे धर्मो के पंथो के रखवाले है।
हम आर्य पुत्र माँ के सुपुत्र संगम तीर्थ का पानी है।
दुनिया में सबसे सच्चे सबसे अच्छे हिंदुस्तानी है।

हिमराज हमारा मस्तक है सागर ने चरण पखारे हैं
आस्था हमारी मंदिर मज्जिद गिरिजाघर गुरूद्वारे है
हम गणपति का वंदन करके हर काम सफल कर देते है।
हम काट अंगूठा गुरुदेव के चरणों में धर देते है।
हम शब्द ब्रह्म वाले सर्वे भवन्तु सुखिनः को गाते है।
श्रवण कुमार बन मात पिता की कावड़ लेकर जाते है
हम सत्य अहिंसा से मानवता को महकाने वाले है।
हम त्याग तपस्या से धरती को स्वर्ग बनाने वाले है।
रुद्राक्ष गाय गीता गंगा गायत्री पूजा करते है
कदमों में अंबर रखते हैं चुल्लू में सागर भरते है
हम योगी त्यागी वेद पुराणों के ज्ञानी विज्ञानी है
दुनिया में सबसे सच्चे सबसे अच्छे हिंदुस्तानी है।

हम कबीरा की साखी जैसे खुसरो की अमर रूबाई है,
हम मिर्जा गालिब की गजलें रसखान चंद्र वरदाई है
हम सूरदास तुलसी मीरा हम दिनकर पंत निराला है
भूषण केशव मतिराम जायसी बच्चन की मधुशाला हैं
प्रेमचंद गोदान लिखा माधव का गीता ज्ञान लिखा
रामचरितमानस हमने मानवता का वरदान लिखा
जब वक्त पड़ा अनुवंद बने महके मन से मकरंद बने
हम विद्यापति की पदावली रस अलंकार और छंद बने
कोसो जन्मे टैगोर बने भक्ति रस का आनंद बने,
एकात्म जगा आध्यात्म जगाकर, हमीं विवेकानंद बने
हम इस कलियुग के तीरथ है , साधु संतो की वाणी है
दुनिया में सबसे सच्चे सबसे अच्छे हिंदुस्तानी है।

घर के बाहर है नीम खड़ी आंगन में तुलसी माता है
हम सात कर्मो वाले पुरखो से भी जन्मों का नाता है
बरगद की पूजा होती है हम पीपल को जल देते है,
हम दरवाजे आए फकीर को भी मीठे फल देते है
अपनी माताएं बहनें सिर पर पल्लू रख कर चलती है
गर वक्त पड़े तो जोहर में लाखो पदमिनिया जलती है
हम जन्म जहां ले लेते उस माटी को चंदन कहते है
हम प्यार भरे कच्चे धागे को रक्षाबंधन कहते है
हम घर पर आए अतिथी का मन से अभिनंदन करते है
हम बड़े बुजुर्गो के चरणों को छूकर वंदन करते है
हम चार धामों के पुण्य और ऋषि मुनियों के वरदानी है
दुनिया में सबसे सच्चे सबसे अच्छे हिंदुस्तानी है।

हम वीर शिवा के वंशज है राणा की चौड़ी छाती है
हम टीपू की तलवारे है तात्या टोपे के नाती है
हम बंदा बेरागी, हाडी रानी की कथा सुनाते है
हम रंग बसंती वाला चोला शाम सवेरे गाते है
इस देश की नारी भी पुरुषो से आगे कदम बढ़ाती है,
लक्ष्मीबाई बच्चा लेकर अंग्रेज़ो से लड़ जाती है
मंगल पांडे तन्हा सेना मे क्रांति शुरू कर देता है,
उधमसिंह लंदन जाकर डायर से बदला ले लेता है
सावरकर काले पानी पर एक नई कथा लिख जाते है
अब्दुल हमीद पेंटागन तोपों के आगे बिछ जाते है
हम युद्ध भूमि के पौरुष है कतरा कतरा सेनानी है
दुनिया में सबसे सच्चे सबसे अच्छे हिंदुस्तानी है।

हम पर संकट आते है तो शिव शंकर तांडव करते है
बजता है पांचजन्य अर्जुन लेकर गांडीव उतरते है
चोटी चाणक्‍य बाँध लेते प्रत्यंचा राम चढ़ाते है
देवता खड़े होकर क्रोधित हो हर हर गगे गाते है
धरती को थामे शेषनाग भी करवट लेने लगते है,
यमराज मृत्यु का वाहन लेकर आगे बढ़ने लगते है
बूटी लाने वाले हनुमत का पौरुष जगने लगता है
सागर गर्जन करता धरती का धीरज डिगने लगता है
कलकत्ते वाली काली माँ भी रणचंडी बन जाती है,
पलभर मे दुश्मन के नरमुंडो की मॅंडी बन जाती है
हम भूगोलो के रक्षक है इतिहासो के वरदानी है
दुनिया में सबसे सच्चे सबसे अच्छे हिंदुस्तानी है।

भविष्य में संभावित आयकर संबंधित जानकारी पर ध्यान दें - AIS

*भविष्य में संभावित आयकर संबंधित जानकारी पर ध्यान दें*




 आने वाले समय में हम जो आयकर विवरण भरते हैं, विभाग उससे ज्यादा ध्यान हमारे खर्चों के ऊपर रखा जाएगा। आपके खर्चों के आधार पर आपकी आय का आकलन हो सकता है।

 खास बात पर ध्यान दिया जाएगा की जो 

महंगे घर खरीद रहे हैं,
महंगें वाहन खरीद रहे हैं, 
विदेशों की यात्रा कर रहे हैं,
यात्रा के लिए विदेशी मुद्रा ले रहे हैं,

महंगे किराए के घरों में रह रहे हैं, 
होटलों में शादियों में अत्यधिक खर्च कर रहे हैं,
बहुत ज्यादा हवाई यात्रा कर रहे हैं,

महंगी स्कूल, कॉलेज या विदेश में बच्चों की पढ़ाई पर खर्च,
महंगे अस्पतालों में इलाज,

इस प्रकार के सभी बड़े खर्चा के लिए आपसे पैन नंबर लिया जाता है।

 एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट के माध्यम से, जहां-जहां बड़े खर्चे होते हैं, यह लोग आयकर विभाग को जानकारी प्रदान करते हैं।

 सारी जानकारी आपके पैन नंबर से जुड़ जाती है।

 अगर आप अपना सालाना आयकर का AIS 26 (ANNUAL INFORMATION STATEMENT) स्टेटमेंट देखें,


तो ऊपर बताए गए खर्चों का विवरण इसमें आने लग जाएगें।
धीरे-धीरे सरकार आपके खर्चों का हिसाब रखकर, आपकी आय का आकलन करेगी।


 हमें बहुत ध्यान से खर्चे करने हैं।
 अगर हम ज्यादा खर्च कर रहे हैं तो उसी अनुपात में अपनी आय का विवरण भी ध्यान में रखें।
 सारी जानकारी सिर्फ आपके PAN CARD से ही नहीं बल्कि आपके आधार कार्ड और मोबाइल नंबर से भी जुड़ी हैं और जहां जहां आप अपना मोबाइल नंबर देते हैं वहां से खर्च सीधा आपके PAN CARD से जुड़ जाता है चाहे वो कितना ही छोटे से छोटा खर्च हो ।
 एक चेतावनी स्वरूप अग्रिम मार्गदर्शन का प्रयास किया गया है।


इनकम टैक्स रिटर्न अनुभवी चार्टर्ड अकाउंटेंट से भरवाए और इस संबंध में ज्यादा जानकारी अर्जित करें

इनकम टैक्स रिटर्न में 80 C व 80 D की छूट लेने के लिए संपर्क करे 

आपका फाइनेंशियल एडवाइजर मित्र

कैलाश चंद्र लढा
9352174466

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