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शनिवार, 28 जुलाई 2012

difference between before & now


''ये तीनों पागल हो गये हैं, ज़िद पकड़ के रखी है कि जनता को जगाना है, भारत से भ्रष्टाचार मिटाना है''

''ये तीनों पागल हो गये हैं, ज़िद पकड़ के रखी है कि जनता को जगाना है, भारत से भ्रष्टाचार मिटाना है''

अभी तो तीन दिन ही हुये है, आप 10 दिनो तक अनशन करिये कुछ नही होने वाला, आप लोग किसे जगाने चले हैं, इस जनता को जिसमे युवाओं को फ़ुरसत नही गर्लफ़्रेंड से, बुजुर्गों को फ़ुरसत नहीं परिवार से, महिलाओं को फ़ुरसत नही घर से और नेताओं को फ़ुरसत नही भ्रष्टाचार से.
क्या हो जायेगा अनशन से, आपकी साँसें बंद हो जायेंगी, पर कोई नही जागने वाला.
अरे कांग्रेसियों को देखिये, आज तक कितने कांग्रेसी अनशन पर बैठे हैं????
पर फ़िर भी सबसे मज़े मे यही लोग हैं.
आप भूख हड़ताल पर है, आपको पानी नसीब नही पर हमारे नेता पार्टियों मे व्यस्त है.
आप देश के लिये लड़ रहे हैं और नेता जी आपसे लड़ रहे हैं.
अरे क्या पड़ी थी जो अच्छी खासी नौकरी छोड़ कर लोगों मे चेतना जगाने चले आये.
और आप ये अनशन कर किसके लिये रहे है, जनलोकपाल के लिये ना.
जनलोकपाल आ भी गया तो क्या हो जायेगा.
आपका क्या फ़ायदा???
आपके प्रयासों से सी.वी.सी. लागू हुआ, किसको फ़ायदा हुआ? जनता को, आपको तो नही हुआ ना?
फ़िर क्यूं अपना शरीर कमजोर कर रहे हैं, जान हथेली पर लेकर अनशन पर बैठ गये.
जनलोकपाल की लड़ाई आप किसके लिये लड़ रहे हैं??
आज जब हर इंसान स्वार्थी हो गया है, बस अपने बारे मे सोचता है तो आप दुसरों के बारे मे सोच रहे हैं.
और आप मांग भी उससे रहे हैं जो वादा करके मुकर गया है, ऐसे नामर्दों से कुछ नही मिलने वाला.
जाती और धर्म के नाम पर वोट करने वाले आपकी नेकी नही समझेंगे, इन्हे आपकी अच्छाई से कुछ लेना देना नही है.
ये जनता ही मूर्ख है, इसे आदत हो गयी है दब कर रहने की और अच्छाईयों मे भी बुराईयाँ निकालने की, तभी तो आप जिनके लिये आंदोलन कर रहे है वही आप पर उंगलियाँ उठा रहे हैं.
इन्हे कुछ लेना देना नही भ्रष्टाचार और महंगाई से.
जनता तो कल भी 100 का पेट्रोल भरवाती थी और आज भी.
बड़े ही अजीब और पागल हैं आप लोग.
पर आप जैसे पागलों को ही सलाम करने को दिल चाहता है.
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''कभी तो सुबह होगी इस अंधेरी रात की,
तुम साथ हो इसी उम्मीद मे हम जागे रहेंगे,
तुम्हे नींद आती है तो सो जाओ ऐ दोस्त,
हम जीत की लौ सुबह तक जलाते रहेंगे,
थक कर बंद हो जायेंगी जब आँखे मेरी,
यकीन मानो ये लब तब भी मुस्कुराते रहेंगे,
कभी तो सुबह होगी इस अंधेरी रात की,
तुम साथ हो इसी उम्मीद मे हम जागे रहेंगे''

जय हिंद....बंदे मातरम...

पाप धुलते नहीं मंदिर मस्जिद में जाने से ,

पाप धुलते नहीं मंदिर मस्जिद में जाने से ,
पाप धुलते नहीं गंगा में नहाने से ,
64 साल से पाप कर रहे हैं हम माँ भारती को लुटते देख कर ,
इस बार ना ये पाप करो ,
जंतर मंतर पर अनशन में आ कर पश्चाताप करो ,

सच और झूठ को परखना सिख लो ,
आँखे और कान बंद रख जीना छोड़ दो ,
बोहत कर लिया पाप इस बार इंसाफ करो ,
जंतर मंतर पर अनशन में आ कर पश्चाताप करो ,

एक पापी वो यो पाप करता है ,
एक पापी वो यो पाप सहता है ,
एक पापी वो यो पाप होते देख चुप रहता है ,
हम आज तक चुप रहे माँ भारती हमे माफ़ करो ,
जंतर मंतर पर अनशन में आ कर पश्चाताप करो ,

हाथ में तिरंगा उठा कर माथे पर तिलक लगा कर ,
कदम आगे बढाओ देश को साफ़ करो ,
64 साल से पाप कर रहे हैं हम माँ भारती को लुटते देख कर ,
इस बार ना ये पाप करो ,
जंतर मंतर पर अनशन में आ कर पश्चाताप करो , जय हिंद

दोस्तो मेरी कोशिश देश को करप्षन के खिलाफ एक करने की है ताकि करप्षन के
खिलाफ अन्ना की लड़ाई को जीता या सके ,

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