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सोमवार, 26 नवंबर 2012

अगर के औषधीय प्रयोग :-

अगर के औषधीय प्रयोग :-
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परिचय : अगर के पेड़ असम, मालाबार, चीन की सीमा के निकटवर्ती `क्षेत्रों, बंगाल के दक्षिणी की ओर के उष्णकटिबन्ध के ऊपर के प्रदेश में और सिलहट जिले के आसपास `जातिया´ पर्वत पर अधिक मात्रा में होता है। अगर का पेड़ बहुत बड़ा होता है और हमेशा हरा रहता है। अगर ऊबड़-खाबड़ होता है। इसमें मार्च-अप्रैल मास में फूल आते हैं। अगर के बीज जुलाई में पकते हैं। अगर की लकड़ी नर्म होती है। उसके छिद्रों में राल की तरह कोमल और सुगन्धित पदार्थ भरा रहता है। लोग उसे चाकू से कुतरकर रख लेते हैं। अगर की अगरबत्ती बनाने और शरीर पर मलने के काम में लाया जाता है। अगर की सुगन्ध से मन प्रसन्न होता है।

विभिन्न भाषाओं में नाम :
संस्कृत स्वाद्वगरु।
हिंदी अगर।
बंगला अगर।
मराठी अगर।
कर्नाटकी अगर।
तामिल अगर।
गुजराती अगरू।
तेलगू अगरू चेट्टु।
मलयालम आकेल।
फारसी कसबेबवा।
अरबी ऊदगर की।
ग्रीक अगेलोकन।
लैटिन सक्कीलेरिया एगेलोका।
अंग्रेजी ईगलबुड।अगरबुड

रंग : अगर काला और भूरा होता है।
स्वाद : अगर तेज, कडुवा और सुगन्ध मिश्रित होता है।
स्वरूप : अगर एक पेड़ की लकड़ी है जो आसाम में होता है। वैसे तो यह कई प्रकार की होती है परन्तु इनमें काली अगर ही श्रेष्ठ होती है। इसकी लकड़ी जलाने में सुगन्ध देती है।
स्वभाव : अगर खुश्क और गर्म प्रकृति का होता है।
हानिकारक : अगर पित्त प्रकृति वालों के लिए हानिकारक होता है।
दोषों को दूर करने वाला : कपूर और गुलाब के फूल अगर के दोषों को दूर करते हैं और इसके गुणों में सहायक होते हैं।
गुण : अगर गर्म, चरपरी, त्वचा को हितकारी, कड़वी, तीक्ष्ण, शीत, वात तथा कफनाशक और मन को प्रसन्न करती है, शरीर में स्फूर्ति लाती है, स्मरण शक्ति को बढ़ाती है, मस्तिष्क को ताजा करती है और गर्भाशय की सर्दी को दूर करती है।

विभिन्न रोगों में अगर से उपचार:

1 त्वचा रोग :- अगर का लेप करना त्वचा रोग में लाभदायक है।

2 जलन :- अगर का चूर्ण शरीर पर लगाने से जलन में लाभ मिलता है।

3 बुखार में पसीना आना:- अगर, चंदन और नागकेसर का चूर्ण करके बेर की छाल के पानी में उबालकर शरीर पर लेप करना चाहिए।

4 शरीर को सुगन्धित करना:- अगर, कपूर, केसर, लोहबान, खस, लोध, कालीखस और नागरमोथा को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीसें। इसे शरीर पर मलने से शरीर सुगन्धित हो जाता है।

5 दमा, श्वास रोग:- अगर का इत्र 1 से 2 बूंद पान में डालकर खिलाने से तमक श्वास से छुटकारा मिल जाता है।

6 बुखार:- *अगर और ओगातावर को बराबर मात्रा में पीसकर काढ़ा बनाकर सेवन करने से बुखार समाप्त होता है।
*अगर को बारीक पीसकर पानी के साथ फांक के रूप में लेने बुखार उतर जाता है। "

7 खांसी:- बच्चों की खांसी में अगर और ईश्वर मूल (ईश्वर की जड़) को पीसकर सीने पर लेप करने से आराम होता है।

8 पुरानी खांसी:- अगर का बुरादा 1 ग्राम लेकर 6 ग्राम शहद के साथ सुबह-शाम सेवन करने से पुरानी खांसी नष्ट हो जाती है।

9 वमन (उल्टी) :- *अगर को पानी में घिसकर पिलाने से उल्टी होना बंद हो जाती है।
*अगर के रस में शक्कर मिलाकर गुनगुना करके पीने से उल्टी होना बंद हो जाती है।"

10 नंपुसकता:- *अगर का पुराना सेंट 1 से 2 बूंद को पान में डालकर खाने से बाजीकरण होता है और नपुंसकता दूर होती है।
*अगर का चोया, पान में मिलाकर खाने से नामर्दी में लाभ होता है।"

11 हिचकी का रोग :- लगभग 2 ग्राम से लगभग आधा ग्राम ´´अगर´´ को सुबह-शाम शहद के साथ चटने से हिचकी नहीं आती है।

12 दस्त:- अगर की लगभग आधा ग्राम से लेकर लगभग 2 ग्राम की मात्रा में लेकर शहद के साथ दिन में दो बार (सुबह और शाम) पीने से दस्त का आना बंद हो जाता है।

13 प्यास अधिक लगना :- बुखार होने पर रोगी को बार-बार प्यास लगता हो तो अगर का काढ़ा बनाकर पिलाने से प्यास से आराम मिलता है।

14 जोड़ों (गठिया) :- गठिया के रोगी को दर्द वाले स्थानों पर अगर की गोंद का लेप करने से लाभ मिलता है तथा रोग खत्म होता है।

15 फोड़ा (सिर का फोड़ा) :- पानी में अगर को घिसकर फोड़े पर लगाने से फोड़ा ठीक हो जाता है।

16 चालविभ्रम (कलाया खन्ज) :- लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग अगर रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से रोगी को लाभ मिलता है।

17 उरूस्तम्भ (जांघ का सुन्न होना) :- सोंठ और अगर को बराबर मात्रा में लेकर उसका काढ़ा बनाकर पीने से जांघ का सुन्न होना दूर हो जाता है तथा शरीर के अन्य अंगों का सुन्न होना भी दूर हो जाता है।

18 शरीर का सुन्न पड़ जाना :- सोंठ और अगर को बराबर मात्रा में लेकर उसका काढ़ा बना लें। इस काढ़ा को पीने से शरीर का सुन्न होना दूर हो जाता है।

19 खाज-खुजली और चेहरे के दाग :- अगर को पानी के साथ पीसकर शरीर में लगाने से खाज-खुजली दूर हो जाती है।

20 गज चर्म :- अगर´ को पानी में घिसकर त्वचा की सूजन पर लगाने से जलन और त्वचा के दूसरे रोग ठीक हो जाते हैं। गजचर्म (त्वचा का सूज कर बहुत मोटा और सख्त हो जाना) में भी यह लाभकारी है। यदि किसी भी कारण से त्वचा में जलन होकर लाल हो जाए तो `अगर´ को पानी में घिसकर लगाने से आराम आ जाता है।

21 नाड़ी की जलन :- नाड़ी की जलन को खत्म करने के लिए अगर को पीसकर लेप बनाकर लेप करने से लाभ होता है।

रविवार, 25 नवंबर 2012

Sanwariya news gallery

"सांवरिया" अभियान का आगाज
जय श्री कृष्णा मित्रों

आज पर्यावरण दिवस के मोके पर "सांवरिया" अभियान का आगाज किया गया
पर्यावरण दिवस के अवसर पर मारवाड़ी महासभा, ठाणे(महाराष्ट्र)  और उनकी सम्बन्ध संस्था "सांवरिया" के संयुक्त तत्वावधान में  "हरयालो राजस्थान अभियान" की शुरुआत जोधपुर में सांवरिया के संस्थापक श्री कैलाश चन्द्र लढा एवं श्रीमती सोनू लढा तथा उनके सहयोगी मित्र पवन मेवाडा,  गौरव जाजू, अनिल बंग, विक्रम माहेश्वरी एवं  अन्य क्षेत्रवासियों  ने मिलकर अपने आस पास के क्षेत्रों में नीम के वृक्ष लगाकर राजस्थान को हराभरा करने का संकल्प लिया और इसी के साथ "सांवरिया" ने श्री महेश राठी (संस्थापक) मारवाड़ी महासभा के सहयोग से जोधपुर में जल्द ही अन्य कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की शुरुआत की घोषणा भी की |
श्री कैलाश ने बताया कि "साँवरिया"  का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में गौमाता, गरीबों, दीन दुखियों, असहाय एवं निराश्रितों एवं महिलाओं के उत्थान के लिए यथाशक्ति प्रयास करना है
"साँवरिया"  के अनुसार यदि भारत का हर सक्षम व्यक्ति अपने बिना जरुरत की वस्तुएं/कपडे/किताबे/अन्य सामग्री और अपनी धार्मिक कार्यों के लिए की गयी बचत आदि से सिर्फ एक गरीब असहाय व्यक्ति की सहायतार्थ देना शुरू करे तो भारत से गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी और असमानता को गायब होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा |
आज भी देश में ३० करोड़ से ज्यादा भाई बहिन भूखे सोते हैं अतः भारत के उच्च परिवारों की जन्मदिन/विवाह समारोह एवं कार्यक्रमों में बचे हुए भोजन पानी जो फेंक दिया जाता है यदि वही भोजन उसी क्षेत्र मैं भूखे सोने  वाले गरीब और असहाय व्यक्तियों तक पहुंचा दिया जाये तो आपकी खुशिया दुगुनी हो जाएगी और आपके इस प्रयास से देश में भुखमरी से मरने वाले लोगो की असीम दुआए आपको मिलेगी तथा देश में भुखमरी के कारण होने वाली लूटपाट/ चोरी/ डकेती जैसी घटनाएँ कम होकर देश में भाईचारे की भावना फिर से पनपने लगेगी और एक दिन एसा भी आएगा जब देश में कोई भी भूखा नहीं सोयेगा |
"साँवरिया"  का लक्ष्य ऐसे भारत का सपना साकार करना है जहाँ न गरीबी/ न निरक्षरता/न आरक्षण/ न असमानता/ न भुखमरी और न ही भ्रष्टाचार हो| चारो ओर सभी लोग सामाजिक और आर्थिक रूप से सक्षम और विकसित हो, जहाँ डॉलर और रुपया की कीमत एक समान हो और मेरा भारत जो पहले भी विश्वगुरु था उसका गौरव फिर से पहले जैसा बना रहे |




सांवरिया द्वारा गरीब परिवारों को निशुल्क दवाइयां वितरण

जय श्री कृष्णा मित्रों

भगवन शंकर के सर्वाधिक प्रिय सावन के महीने में  "सांवरिया" अभियान के वृक्षारोपण अभियान के साथ ही सांवरिया के संस्थापक श्री कैलाश चन्द्र लढा एवं श्रीमती सोनू लढा द्वारा "सांवरिया" के अगले चरण के रूप में राजस्थान के ही विजयपुर ग्राम में जहाँ पर सरकार की निशुल्क दवाइयां वास्तविक निर्धन परिवारों तक नहीं पहुच पाती है वहां पर सांवरिया द्वारा गरीब परिवारों को निशुल्क दवाइयां वितरण हेतु गाँव के क्षेत्रवासियों के लिए व्यवस्था शुरू की है  जिसमे गावं के निर्धन और बेसहारा व्यक्तियों से किसी प्रकार की दवाई का कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा |
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साँवरिया"  का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण भारत में गौमाता, गरीबों, दीन दुखियों, असहाय एवं निराश्रितों एवं महिलाओं के उत्थान के लिए यथाशक्ति प्रयास करना है
"साँवरिया"  के अनुसार यदि भारत का हर सक्षम व्यक्ति अपने बिना जरुरत की वस्तुएं/कपडे/किताबे/अन्य सामग्री और अपनी धार्मिक कार्यों के लिए की गयी बचत आदि से सिर्फ एक गरीब असहाय व्यक्ति की सहायतार्थ देना शुरू करे तो भारत से गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी और असमानता को गायब होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा |
  भविष्य में "साँवरिया"  द्वारा गौमाता/निराश्रित/बेरोजगार/अना
थ/वृद्धजन/ महिलाओं के लिए यथाशक्ति गौशाला/अस्पताल/विद्यालय/अनाथालय/वृद्धाश्रम व उद्योगों की स्थापना भी की जाएगी |


"साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" ने मिलकर फेसबुक के मध्यम से दिया अनाथ बच्चो को सहारा
"साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" के संचालकों द्वारा दीवाली मनाने के लिए पटाखो मे खर्च किए जाने वाले पैसे को ग़रीबो ओर जरुरत्मन्दो के लिए ज़रूरी सामान व मिठाइया वितरित कर मनाने की नई परंपरा शुरू करने का अभियान चलाया जा रहा है इसी दौरान फ़ेसबुक के रमेश शारदा द्वारा "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" के संचालकों को पिता के कैंसरग्रस्त होने के बाद छोटे भाई-बहनों सहित परिवार को पालने के लिए भीख मांगने को विवश हुई बारह साल की अंजलि की खबर फ़ेसबुक पर बताया जिसमे पहले से ही इस कार्य के लिए एक हुए "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" के संचालकों ने खबर के आधार पर पढ़ी तो स्वाति जैसलमेरिया व कैलाश लढा ने पता लगाकर उसकी मदद करने करने लिए स्वाती जैसलमेरिया ने स्वयं जाकर अंजलि के परिवार को सांत्वना दी ओर तत्काल राशन की सामग्री/कपड़े/ स्कूल बेग/ स्कूल ड्रेस आदि ले जाकर उसे सहारा देने के लिए जिला कलेक्टर से मिलकर उसे आर्थिक सहयता दिलवाने को कहा तथा फ़ेसबुक पर लोगो से अपील की | उसी दिन स्वाती जी ने स्वयं अंजलि ओर उसकी बहिन को लेजाकर पास के ही प्राइवेट स्कूल मे शुल्क जमा करवाकर उसकी शिक्षा का प्रबंध भी कर दिया|
अंजलि के सिर पर अब पिता का साया तो नहीं रहा लेकिन देश-विदेश से सैकड़ों हाथ उसकी मदद के लिए आगे आए हैं।देश के कई हिस्सों से अंजलि को शिक्षा व आर्थिक मदद पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो गया मदद मिलने से अब अंजलि के चेहरे पर खुशी के साथ इस बात का सुकून है कि उसके परिवार का बेहतर पालन हो सकेगा।
"साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" ग्रूप का प्रथम प्रयास सफल हुआ

इसके साथ ही "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" के संचालक स्वाति जैसलमेरिया, कैलाश लढा, सोनू लढा, राज मालपानि, निलेश मंत्री, अमित चंद्रकांत कालांत्री व ने मिलकर दीवाली मनाने के लिए पटाखो मे खर्च किए जाने वाले पैसे को ग़रीबो ओर जरुरत्मन्दो के लिए ज़रूरी सामान व मिठाइया वितरित कर मनाने की नई परंपरा की शुरुआत जोधपुर से की|
जिसमे सोशल मीडिया फ़ेसबुक पर "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" सभी लोगो ने समर्थन किया ओर देश के कई हिस्सो से लोगो ने इस कार्य के लिए अपना सहयोग करने हेतु "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" को अलग अलग शहरों मे सहयोग राशि भिजवाई, इससे "साँवरिया" व "स्वाति नक्षत्र" ने जोधपुर के स्वाति जैसलमेरिया, कैलाश लढा, सोनू लढा व पवन मेवाड़ा, विक्रम तोषणीवाल ने, आंध्रप्रदेश मे श्री राज मालपानि ने, नासिक मे निलेश मंत्री व अमित चंद्रकांत कालांत्री ने सभी जगहो पर ग़रीबो मे सर्दी के कपड़े, शॉल व मिठाई वितरित की| इससे प्रेरित होकर सभी लोगो ने इस प्रदूषणमुक्त दीवाली का अपने अपने शहरो मे भी इसी प्रकार आयोजन किया ओर भविष्य मे इसी प्रकार त्योहार मनाने का निश्चय किया
भीलवाड़ा के श्री रामनारायण जी लढा के पुत्र और साँवरिया के संचालक श्री कैलाश लढा ने बताया कि "साँवरिया" के अनुसार यदि भारत का हर सक्षम व्यक्ति अपने बिना जरुरत की वस्तु/कपडे/किताबे और अपनी धार्मिक कार्यों के लिए की गयी बचत आदि से सिर्फ एक गरीब असहाय व्यक्ति की सहायतार्थ देना शुरू करे तो भारत से गरीबी, निरक्षरता, बेरोजगारी और असमानता को गायब होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा | आज भी देश में ३० करोड़ से ज्यादा भाई बहिन भूखे सोते हैं अतः भारत के उच्च परिवारों की जन्मदिन/विवाह समारोह एवं कार्यक्रमों में बचे हुए भोजन पानी जो फेंक दिया जाता है यदि वही भोजन उसी क्षेत्र मैं भूखे सोने वाले गरीब और असहाय व्यक्तियों तक पहुंचा दिया जाये तो आपकी खुशिया दुगुनी हो जाएगी और आपके इस प्रयास से देश में भुखमरी से मरने वाले लोगो की असीम दुआए आपको मिलेगी तथा देश में भुखमरी के कारण होने वाली लूटपाट/ चोरी/ डकेती जैसी घटनाएँ कम होकर देश में भाईचारे की भावना फिर से पनपने लगेगी और एक दिन एसा भी आएगा जब देश में कोई भी भूखा नहीं सोयेगा |


 
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