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सोमवार, 22 जुलाई 2019

कोचिंग का इंजेक्शन लगा कर लौकी की तरह भावी इंजीनियर और डॉक्टर की पैदावार की जाती है

#कोचिंग ....
कोचिंग का इंजेक्शन लगा कर लौकी की तरह भावी इंजीनियर और डॉक्टर की पैदावार की जाती है !अब नेचुरल देसी नस्ल छोटी रह जाती है जो तनाव में आकर या तो मुरझा जाती है या बाजार में बिकने लायक ही नही रहती ...!
अब मैं आपको बीस साल पहले ले जाता हूँ  जब सरकारी स्कूलों का दौर था ..! जब एक औसत लड़के को साइंस ना देकर स्कूल वाले खुद ही लड़के को भट्टी में झोकने से रोक देते थे ...!
आर्ट्स और कामर्स देकर लड़कों को शिक्षक बाबू,पटवारी,नेता और व्यापारी बनाने की तरफ मोड़ देते थे ..!
मतलब साफ है कि पानी को छोटी-छोटी नहरो में छोड़ कर योग्यता के हिसाब से अलग अलग दिशाओ में मोड़ दो ताकि बाढ़ का खतरा ही पैदा ना हो ...!
शिक्षक लड़के के गलती करने पर उसको डंडे से पीट-पीटकर साक्षर बनाने पर अड़े रहते और तनाव झेलने के लिये मजबूत कर देते थे ...!
पापा-मम्मी से शिकायत करो तो दो झापड़ पापा-मम्मी भी जड़ देते थे और गुरुजी से सुबह स्कूल आकर ये और कह जाते थे कि अगर नहीं पढ़े तो दो डंडे हमारी तरफ से भी लगाना आप ...!
अब पक्ष और विपक्ष एक होता देख लड़का पिटने के बाद सीधा फील्ड में जाकर खेलकूद करके अपना तनाव कम कर लेता था ...!
खेलते समय गिरता पड़ता और कभी-कभी छोटी-मोटी चोट भी लग जाती तो मिट्टी डाल कर चोट को सुखा देता,पर कभी तनाव में नहीं आता ...!
दसवीं आते-आते लड़का लोहा बन जाता था। तनावमुक्त होकर मैदान में तैयार खड़ा हो जाता था ...!
हर तरह के तनाव को झेलने के लिए .....!
फिर आया #कोचिंग और #प्राईवेट स्कूलों का दौर यानी की शिक्षा स्कूल से निकल कर ब्रांडेड शोरुम में आ गई ...! शिक्षा सोफेस्टीकेटेड हो गई ...!
बच्चे को गुलाब के फूल की तरह ट्रीट किया जाने लगा !मतलब बच्चा ५०% लाएगा तो भी साइंस में ही पढ़ेगा ...!
हमारा #मुन्ना तो #डॉक्टर ही बनेगा। हमारा बच्चा IIT से B.tech करेगा ....!
शिक्षक अगर हल्के से भी मार दे तो पापा-मम्मी मानवाधिकार की किताब लेकर मीडिया वालों के साथ स्कूल पर चढ़ाई कर देते हैं कि हमारे मुन्ना को हाथ भी कैसे लगा दिया ....?
#मीडिया वाले #शिक्षक के गले में #माइक घुुसेड़ कर पूछने लग जाते हैं कि आप ऐसा कैसे कर सकते हैं ...?
यहाँ से आपका बच्चा #सॉफ्ट #टॉय बन गया बिलकुल #टेडीबियर की तरह ...!
अब बच्चा स्कूल के बाद तीन-चार कोचिंग सेंटर में भी जाने लग गया ...! खेलकूद तो भूल ही गया ..!
फलाने सर से छूटा तो ढिमाके सर की क्लास में पहुंच गया ...!
#बचपन किताबों में ३उलझ गया और बच्चा #कॉम्पटीशन के चक्रव्युह में ही उलझ गया बेचारा ...!
क्यों भाई आपका मुन्ना केवल डॉक्टर और इंजीनियर ही क्यों बनेगा ..?
वो आर्टिस्ट,सिंगर,खिलाड़ी,किसान और दुकानदार से लेकर नेता और कारखाने का मालिक क्यों नहीं बनेगा ...?
हजारों फील्ड हैं अपनी योग्यता के अनुसार कार्य करने के वो क्यों ना चुनो ...!
अभी कुछ दिनों पहले मेरे महंगे #जूते थोड़े से फट गऐ पता किया एक लड़का अच्छी तरह से #रिपेयर करता है कि ये पता ही नहीं चलता कि जूते रिपेयर भी हुए हैं ...!
उसके पास गया तो उसने २०० रुपये मांगे रिपेयर करने के और कहा एक हफ्ते बाद मिलेगें जी ..!
उस लड़के की आमदनी का हिसाब लगाया तो पता चला की लगभग एक लाख रुपये महीने कमाता है !
यानी की पूरा #बारह लाख #पैकेज ...!
#वो तो #कोटा नहीं गया ! उसने अपनी #योग्यता को #हुनर में बदल दिया और अपने काम में #मास्टरपीस बन गया ..! कोई #शेफ़ बन कर लाखों के पैकेज़ में फाइव स्टार होटल में नौकरी कर रहा है तो कोई #हलवाई बन कर बड़े-बड़े इवेंट में खाना बना कर लाखों रुपये ले रहा है कोई #डेयरी फार्म खोल कर लाखों कमा रहा है ...!
कोई दुकान लगा कर लाखों कमा रहा है तो कोई #कंस्ट्रक्शन के बड़े-बड़े ठेके ले रहा है। तो कोई #फर्नीचर बनाने के ठेके ले रहा है ! कोई रेस्टोरेंट खोल कर कमा रहा है तो कोई #कबाड़े का माल खरीद कर ही अलीगढ़ जैसे शहर में ही लाखों कमा रहा है तो कोई #सब्जी बेच कर भी २०-२५ हजार महीने के कमा रहा है तो कोई #चाय की #रेहड़ी लगा कर ही ४०-५० हजार महीने के कमा रहा है तो कोई हमारे यहाँ कचोरी समोसे और पकोड़े-जलेबी बेच कर ही लाखों रुपये महीने के कमा रहा है। मतलब साफ है भैया कमा वो ही रहा है जिसने अपनी योग्यता और उस कार्य के प्रति अपनी रोचकता को हुनर में बदला और उस हुनर में मास्टर पीस बना ..!
जरुरी नहीं है कि आप डॉक्टर और इंजीनियर ही बनें आप कुछ भी बन सकते हैं आपमें उस कार्य को करने का जुनून हो बस। हाँ तो #अभिभावको/#प्रियजनों अपने बच्चों को टैडीबीयर नहीं बल्कि लोहा बनाओ लोहा ...!
अपनी मर्जी की भट्टी में मत झोको उसको। उसे पानी की तरह नियंत्रित करके छोड़ो वो अपना रास्ता खुद बनाने लग जाएगा ..!
पर बच्चों पर नियंत्रण जरुर रखो ...!
अगर वो अनियंत्रित हुआ तो पानी की तरह आपके जीवन में बाढ़ ला देगा ..!
कहने का मतलब ये है कि ....
#शिक्षा को #नेचुरल ही रहने दो ...!,
क्यों #सिंथेटिक बनाकर बच्चे का जीवन और अपनी खुशियों को बरबाद  कर रहे हो ...! 
बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार 
आगे बढ़ने में सहयोग दे .....!

नाभी कुदरत की एक अद्भुत देन है

नाभी कुदरत की एक अद्भुत देन है
एक 62 वर्ष के बुजुर्ग को अचानक बांई आँख  से कम दिखना शुरू हो गया। खासकर  रात को नजर न के बराबर होने लगी।जाँच करने से यह निष्कर्ष निकला कि उनकी आँखे ठीक है परंतु बांई आँख की रक्त नलीयाँ सूख रही है। रिपोर्ट में यह सामने आया कि अब वो जीवन भर देख  नहीं पायेंगे।.... मित्रो यह सम्भव नहीं है..
मित्रों हमारा शरीर परमात्मा की अद्भुत देन है...गर्भ की उत्पत्ति नाभी के पीछे होती है और उसको माता के साथ जुडी हुई नाडी से पोषण मिलता है और इसलिए मृत्यु के तीन घंटे तक नाभी गर्म रहती है।
गर्भधारण के नौ महीनों अर्थात 270 दिन बाद एक सम्पूर्ण बाल स्वरूप बनता है। नाभी के द्वारा सभी नसों का जुडाव गर्भ के साथ होता है। इसलिए नाभी एक अद्भुत भाग है।
नाभी के पीछे की ओर पेचूटी या navel button होता है।जिसमें 72000 से भी अधिक रक्त धमनियां स्थित होती है
नाभी में देशी गाय का शुध्द घी या तेल लगाने से बहुत सारी शारीरिक दुर्बलता का उपाय हो सकता है।
1. आँखों का शुष्क हो जाना, नजर कमजोर हो जाना, चमकदार त्वचा और बालों के लिये उपाय...
सोने से पहले 3 से 7 बूँदें शुध्द देशी गाय का घी और नारियल के तेल नाभी में डालें और नाभी के आसपास डेढ ईंच  गोलाई में फैला देवें।
2. घुटने के दर्द में उपाय
सोने  से पहले तीन से सात बूंद अरंडी का तेल नाभी में डालें और उसके आसपास डेढ ईंच में फैला देवें।
3. शरीर में कमपन्न तथा जोड़ोँ में दर्द और शुष्क त्वचा के लिए उपाय :-
रात को सोने से पहले तीन से सात बूंद राई या सरसों कि तेल नाभी में डालें और उसके चारों ओर डेढ ईंच में फैला देवें।
4. मुँह और गाल पर होने वाले पिम्पल के लिए उपाय:-
नीम का तेल तीन से सात बूंद नाभी में उपरोक्त तरीके से डालें।
नाभी में तेल डालने का कारण
हमारी नाभी को मालूम रहता है कि हमारी कौनसी रक्तवाहिनी सूख रही है,इसलिए वो उसी धमनी में तेल का प्रवाह कर देती है।
जब बालक छोटा होता है और उसका पेट दुखता है तब हम हिंग और पानी या तैल का मिश्रण उसके पेट और नाभी के आसपास लगाते थे और उसका दर्द तुरंत गायब हो जाता था।बस यही काम है तेल का।
अपने स्नेहीजनों, मित्रों और परिजनों में इस नाभी में तेल और घी डालने के उपयोग और फायदों को शेयर करिये।
करने से होता है , केवल पढ़ने से नहीं
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मेडिकल किडनैपिंग ये होती है

मेडिकल किडनैपिंग ये होती है
अभिनव वर्मा की माँ ,जो सिर्फ 50 बरस की थीं , पेट में दर्द उठा ,नज़दीक ही फोर्टिस अस्पताल बनेरघट्टा, बंगलौर है ! डा कनिराज ने माँ को देखा और अल्ट्रा साउंड कराने को कहा ! फोर्टिस में ही अल्ट्रा साउंड हुआ और डा कनिराज ने बताया कि गाल ब्लैडर में पथरी है ! एक छोटा सा ऑपरेशन होगा,माँ स्वस्थ हो जाएंगी ! अभिनव माँ को घर लेकर आ गए और पेन-किलर के उपयोग से दर्द खत्म भी हो गया !!
कुछ दिन बाद अभिनव वर्मा को फोर्टिस से फोन कर डा कनिराज ने हिदायत दी कि यूँ पथरी का गाल ब्लैडर में रहना खतरनाक होगा,अतः अभिनव को अपनी माँ का ऑपरेशन तुरंत करा लेना ज़रूरी है ! अभिनव जब अपनी माँ को फोर्टिस बंगलौर लेकर पहुचे तो एक दूसरे डॉक्टर मो शब्बीर अहमद ने अटेंड किया ,जो एंडोस्कोपी के एक्सपर्ट थे,उन्होंने बताया कि एहतियात के लिए ERCP करा ली जाय , डा अहमद को पैंक्रियास कैंसर का .05 % शक था ! अभिनव मजबूर थे, डॉक्टर भगवान होता है, झूठ तो नहीं बोलेगा, सो पैंक्रियास और गाल ब्लैडर की बायोप्सी की गई !! रिपोर्ट नेगेटिव आई मगर बॉयोप्सी और एंडोस्कोपी की प्रक्रिया के बाद माँ को भयंकर दर्द शुरू हो गया ! गाल ब्लैडर के ऑपरेशन को छोड़, माँ को पेट दर्द और इंटर्नल ब्लीडिंग के शक में ICU में पंहुचा दिया गया ! आगे पढ़ने के लिए धैर्य और मज़बूत दिल चाहिए !!
जब अभिनव की माँ अस्पताल में भर्ती हुई थीं तो लिवर,हार्ट,किडनी और सारे ब्लड रिपोर्ट पूरी तरह नार्मल थे ! डॉक्टरों ने बताना शुरू किया कि अब लिवर अफेक्टेड हो गया है, फिर किडनी के लिए कह दिया गया कि डायलिसिस होगा ! एक दिन कहा अब बीपी बहुत 'लो' जा रहा है तो पेस मेकर लगाना पड़ेगा, पेस मेकर लग गया मगर हालात बद से बदतर हो गए ! पेट का दर्द भी बढ़ता जा रहा था और शरीर के अंग एक-एक कर साथ छोड़ रहे थे ! अब तक अभिनव की माँ को फोर्टिस ICU में एक माह से ऊपर हो चुका था !
एक दिन डॉक्टर ने कहा कि बॉडी में शरीर के ऑक्सीजन सप्लाई में कुछ गड़बड़ हो गई अतः ऑपरेशन करना होगा ! ऑपरेशन टेबल पर लिटाने के बाद डॉक्टर, ऑपरेशन थिएटर के बाहर निकल कर तुरंत कई लाख की रकम जमा कराने को कहता है और उसके बाद ही ऑपरेशन करने की बात करता है ! अभिनव तुरंत दौड़ता है और अपने रिश्तेदारों ,मित्रों के सामने गिड़गिड़ाता है,रकम उसी दिन इकट्ठी कर फोर्टिस में जमा कराई गई,पैसे जमा होने के बाद भी डॉक्टर ऑपरेशन कैंसिल कर देते हैं !
हालात क्यों बिगड़ रहे हैं, इंफेक्शन क्यों होते जा रहे थे, डॉक्टर अभिनव को कुछ नहीं बताते ! सिर्फ दवा, ड्रिप, खून की बोतलें और माँ की बेहोशी में अभिनव स्वयं आर्थिक और मॉनसिक रूप से टूट चुका था ! डॉक्टरों को जब अभिनव से पैसा जमा कराना होता था तब ही वह अभिनव से बात करते थे !
माँ बेहोशी में कराहती थी ! अभिनव माँ को देख कर रोता था कि इस माँ को कभी -कभी हलके पेट दर्द के अलावा कोई तकलीफ न थी ! उसकी हॅसमुख और खूबसूरत माँ को फोर्टिस की नज़र लग गई थी ! 50 दिन ICU में रहने के बाद दर्द में कराहते हुए मां ने दुनिया से विदा ले ली ! खर्चा-अस्पताल का बिल रु 43 लाख ,दवाइयों का बिल 12 लाख और 50 यूनिट खून ! अभिनव की माँ की देह को शवग्रह में रखवा दिया गया और अभिनव को शेष भुगतान जमा कराने के लिए कहा गया और शव के इर्द गिर्द बाउंसर्स लगा दिए गए ! अभिनव ने सिर्फ एक छोटी सी शर्त रखी कि मेरी माँ की सारी रिपोर्ट्स और माँ के शरीर की जांच एक स्वतंत्र डॉक्टरों की टीम द्वारा कराइ जाए ! फोर्टिस ने बमुश्किल अनुमति दी !!!

रिपोर्ट आई ............... अभिनव वर्मा की माँ के गाल ब्लैडर में कभी कोई पथरी नहीं थी

अजीनोमोटो "दिमाग़ को पागल करने का मसाला"

अजीनोमोटो
"दिमाग़ को पागल करने का मसाला"
शादी-ब्याह दावतों में भूल कर भी हलवाई को ना देवें !

आजकल व्यंजनों में, खासकर चायनीज वैरायटी में,
एक सफेद पाउडर या क्रिस्टल के रूप में
मोनो सोडियम ग्लुटामेट (M.S.G.) नामक रसायन
जिसे दुनिया अजीनोमोटो के नाम से जानती है,
का प्रयोग बहुत बढ़ गया है,
बिना यह जाने कि यह वास्तव में क्या है?
अजीनोमोटो नाम तो असल में इसे बनाने वाली मूल चायनीज कम्पनी का है !
यह एक ऐसा रसायन है, जिसके जीभ पर स्पर्श के बाद जीभ भ्रमित हो जाती है और मस्तिष्क को झूठे संदेश भेजने लगती है।
जिस सें सड़ा-गला या बेस्वाद खाना भी अच्छा महसूस होता है।
इस रसायन के प्रयोग से शरीर के अंगों-उपांगों और मस्तिष्क के बीच न्यूरोंस का नैटवर्क बाधित हो जाता है, जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं।

चिकित्सकों के अनुसार अजीनोमोटो के प्रयोग से
1-एलर्जी,
2-पेट में अफारा,
3-सिरदर्द,
4-सीने में जलन,
5-बाॅडीे टिश्यूज में सूजन,
6-माइग्रेन आदि हो सकते है।
अजीनोमोटो से होने वाले रोग इतने व्यापक हो गये हैं कि अब इन्हें ‘चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम कहा जाता है। दीर्घकाल में मस्तिष्काघात (Brain Hemorrhage)
हो सकता है जिसकी वजह से लकवा होता है।
अमेरिका आदि बहुत से देशों में अजीनोमोटो पर प्रतिबंध है।
न जाने
फूड सेफ्टी एण्ड स्टैन्डर्ड अथाॅरिटी आॅफ इंडिया’ ने भारत में अजीनोमोटो को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया है?

सुरक्षित खाद्य अभियान ("Safe Food Abhiyan")
की पाठकों से जोरदार अपील है कि दावतों में हलवाई द्वारा मंगाये जाने पर उसे अजीनोमोटो लाकर ना देवें। हलवाई कहेगा कि चाट में मजा नहीं आयेगा,
फिर भी इसका पूर्ण बहिष्कार करें।
कुछ भी हो (AFTER ALL) दावत खाने वाले आपके प्रियजन हैं, आपके यहां दावत खाकर वे बीमार नही पड़ने चाहिए !
जब आपने बाकि सारा बढ़िया सामान लाकर दिया है तो लोगों को अजीनोमोटो के बिना भी खाने में, चाट में पूरा मजा आयेगा, आप निश्चिंत रहें।
अजीनोमोटो तो हलवाई की अयोग्यता को छिपाने व होटलों, ढाबों, कैटरर्स, स्ट्रीट फूड वैंडर्स द्वारा सड़े-गले सामान को आपके दिमाग को पागल बनाकर स्वादिष्ट महसूस कराने के लिए डाला जाता है।
क्या हलवाई की अयोग्यता का दंड अपने प्रियजनों
को देंगे  ????
सुरक्षित खाद्य अभियान(Safe Food Abhiyan)द्वारा
"विज्ञान प्रगति’ मई-2017"में छपी सामग्री पर आधारित।

अजीनोमोटो व उसके नुकसान क्या है | What is Ajinomoto and side effects in hindi

Ajinomoto and its side effects in hindiअजीनोमोटो को हम इसके व्यापारिक नाम मोनो सोडियम ग्लूटामेट के नाम से भी जानते है. इसको संक्षिप्त में हम एमएसजी नाम से भी जानते है. अजीनोमोटो की कंपनी का मुख्य कार्यालय चोओ, टोक्यो में स्थित है. यह 26 देशों में काम करता है. 2013 के वित्तीय वर्ष में इसका वार्षिक राजस्व करीब 12 अरब अमेरिकी डॉलर है. इसका इस्तेमाल ज्यादातर चीन की खाद्य पदार्थो में खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है. पहले हम अधिकांशतः घर पर बने खाने को खाते थे, लेकिन अब लोग चिप्स, पिज्ज़ा और मैगी जैसे खाने को ज्यादा पसंद करने लगे है जिनमे अजीनोमोटो का इस्तेमाल होता है. इसका इस्तेमाल कई डिब्बाबंद फ़ास्ट फ़ूड सोया सॉस, टोमेटो सॉस, संरक्षित मछली जैसे सभी संरक्षित खाद्य उत्पादों में किया जाता है.
अजीनोमोटो और उसके लाभ एवं नुकसान

Ajinomoto and its side effects in hindi

अजीनोमोटो का इतिहास (What is Ajinomoto history)

अजीनोमोटो को पहली बार 1909 में जापानी जैव रसायनज्ञ किकुनाए इकेडा के द्वारा खोजा गया था. उन्होने इसके स्वाद को मामी के रूप में पहचाना जिसका अर्थ होता है सुखद स्वाद. कई जापानी सूप में इसका इस्तेमाल होता है. इसका स्वाद थोडा नमक के जैसा होता है. देखने में यह चमकीले छोटे क्रिस्टल के जैसा होता है. इसमें प्राकृतिक रूप से एमिनो एसिड पाया जाता है. 
अजीनोमोटो का उपयोग (Ajinomoto uses)

अजीनोमोटो 1908 में एक ब्रांड के रूप में व्यावसायिक तौर पर आया, किन्तु आज दुनिया के हर कुक खाने में स्वाद को बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करते है.

एमएसजी का इस्तेमाल सुरक्षित माना गया है, लेकिन इसको लेकर कुछ ग़लतफ़हमी भी है जो कि वैज्ञानिक रूप से अभी प्रमाणित नहीं हुई है इसका इस्तेमाल सब्जियों के मसाले में किया जाता है.

इसका उपयोग विशेष रूप से चायनीज़ खाने में किया जाता है. यदि किसी सामान्य या चायनीज़ खाने को स्वादिष्ट बनाना है तो लोग इसका इस्तेमाल करते है.

चायनीज़ खाने जैसे नूडल्स, सूप आदि कई प्रकार के खाने के व्यंजन में इसका इस्तेमाल किया जाता

अजीनोमोटो के लाभ (Ajinomoto benefit)
कुछ खाद्य पदार्थो में प्राकृतिक रूप से ग्लूटामेट पाया जाता है जैसे टमाटर, समुद्री मछलियों, पनीर और मशरूम में ये प्रचुर मात्रा में पाए जाते है, जिससे इसमें अलग से इसका इस्तेमाल नहीं किया जाता और यह हानिकारक भी नहीं होता है. इसलिए अगर कोई व्यक्ति स्वस्थ है और उसको इसे खाने से कोई समस्या नहीं है तो उसे इसका सेवन करने में कोई परेशानी नहीं होगी. यू. एस. फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने एमएसजी के सेवन को सामान्य रूप से सुरक्षित माना है. 

अजीनोमोटो के नुकसान (Ajinomoto side effects)
एमएसजी का इस्तेमाल पहले चीन की रसोई में होता था, लेकिन अब ये धीरे धीरे हमारे भी घरों की रसोई में अपना पैठ बना चूका है. अपने समय को बचाने के लिए जो हम 2 मिनट में नुडल्स को तैयार कर ग्रहण करते है इस तरह के अधिकांशतः खाद्य पदार्थो में यह पाया जाता है जो धीरे धीरे हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते है.

यह एक प्रकार से नशे की लत जैसा होता है अगर आप एक बार अजीनोमोटो युक्त भोजन को ग्रहण कर लेते है, तो आप उस भोजन को नियमित खाने की इच्छा रखने लगेंगे.

इसके सेवन से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाती है. जब आप एमएसजी मिले पदार्थो का सेवन करते है, तो रक्त में ग्लूटामेट का स्तर बढ़ जाता है. जिस वजह से इसका शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.

एमएसजी को एक धीमा हत्यारा भी कहा जा सकता है. यह आँखों की रेटिना को नुकसान पहुंचाता है साथ ही यह थायराईड और कैंसर जैसे रोगों के लक्षण पैदा कर सकता है.

अजीनोमोटो का इस्तेमाल हानिकारक है (Ajinomoto harmful effects)
अजीनोमोटो के इस्तेमाल को जहाँ सुरक्षित माना गया है वही इसको खाने से कुछ हानिकारक प्रभाव भी पड़ते हैं जैसे कि –

बाँझपन – गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योकि ये महिला और बच्चे के बीच भोजन आपूर्ति में बाधक बन सकता है. साथ ही यह मस्तिष्क के नयूरोंस पर भी बुरा प्रभाव डालता है यह शरीर में सोडियम की मात्रा को बढ़ा देता है जिस वजह से रक्तचाप बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है. साथ ही पैरों में सूजन की भी समस्या होने लगती है.

माइग्रेन – अजीनोमोटो से युक्त खाद्य पदार्थो का अगर नियमित सेवन किया जाये तो यह माइग्रेन पैदा कर सकता है जिसको हम अधकपाली भी कहते है. इस बीमारी में आधे सिर में हल्का हल्का दर्द होते रहता है.

सीने में दर्द – अजीनोमोटो का सेवन करने से अचानक सीने में दर्द, धड़कन का बढ़ जाना और ह्रदय की मांसपेशियों में खिचाव होने लगता है.

तंत्रिका पर प्रभाव – एमएसजी तंत्रिका को प्रेरित कर उसमे असंतुलन पैदा कर सकती है इस वजह से गर्दन में अकडन या खिचाव के साथ शरीर में झुनझुनी पैदा होने लगती है. इसके सेवन से अल्झाइमर, हन्तिन्ग्तिओन और पार्किन्सन, मल्टीप्ल स्क्लेरोसिस जैसी लक्षण पैदा होने लगते है. अजीनोमोटो एक नयूरोत्रन्स्मित्टर है जो अनिंद्रा जैसे विकारों के भी लक्षण पैदा कर सकते है.

मोटापा बढ़ना – एमएसजी के अधिक सेवन से मोटापे के बढ़ने का खतरा हमेशा बना रहता है हमारे शरीर में मौजूद लेप्टिन हॉर्मोन, हमे भोजन के अधिक सेवन को रोकने के लिए हमारे मस्तिष्क को संकेत देते है. अजीनोमोटो के सेवन से ये प्रभावित हो सकता है जिस वजह से हम ज्यादा भोजन कर जल्द ही मोटापे से ग्रस्त हो सकते है.

बच्चो के लिए हानिकारक : एमएसजी यानि अजीनोमोटो युक्त खाद्य पदार्थो को बच्चों को बिल्कुल भी नहीं देना चाहिए. अजीनोमोटो का प्रभाव प्रत्येक व्यक्ति पर अलग अलग होता है अगर किसी भी व्यक्ति को इसको खाने के बाद इस तरह के कोई भी लक्षण न दिखे, तो उनके लिए इसका सेवन सुरक्षित है और वो इससे बने खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते है.

अजीनोमोटो के लिए निष्कर्ष (Ajinomoto conclusion)
किसी भी चीज का अधिक सेवन हमे लाभ पहुंचाने के बदले नुकसान ही पहुंचाते है. अजीनोमोटो का भी जरुरत से ज्यादा या लगातार इस्तेमाल किसी अति संवेदनशील व्यक्ति को नुकसान पंहुचा सकता है. इसलिए जब भी आप इसका सेवन करे ऊपर वर्णित लक्षण दिखने पर इसका सेवन बंद कर दे और डॉ. से परामर्श ले.

दूध + दालचीनी और अनगिनत फायदे

दूध + दालचीनी और अनगिनत फायदे

दूध तो हम में से कई लोग पीते है फिर भी लोगो को शिकायत रहती है

कि उन्हें दूध पचता नही है
और
ना ही शरीर को लगता है।
आज हम आपको एक ऐसी चीज बतायेंगे जिसे दूध में डालकर पीने से आपका शरीर फौलाद की तरह बन जायेगा। आप बीमारियों से कोसों दूर हो जाएंगे और एक स्वस्थ-निरोगी काया पाएंगे।

ये चीज है दालचीनी जिसे हम दैनिक जीवन मे बहुतायत से उपयोग करते है पर इसके कई फायदों से अनजान हैं। दालचीनी को इसके अनोखे गुणों के कारण वंडर स्पाइस भी कहते है। दालचीनी को दूध के साथ मिलाकर पीने से इसके लाभ कई गुना बढ़ जाते हैं। यह ना केवल आपके शरीर को मजबूत करती है बल्कि सुंदरता भी बढ़ाती है।

दालचीनी वाला दूध बनाने के लिए आपको एक ग्लास गर्म दूध में आधा चम्मच दालचीनी अच्छी तरह मिला देना है और इसका गर्म ही सेवन करना है। इस दूध को पीने से आपको कई फायदे होंगे जैसे :-

◆आपका ब्लड सुगर लेवल रेगुलेट रहेगा यानी डाइबिटिज के मरीजों के लिए दालचीनी वाला दूध बहुत बहुत फायदेमंद है।

◆ये स्किन और बालों से सम्बंधित हर समस्या को दूर करता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो बालों और स्किन से जुड़ी रोगाणुओं को नष्ट कर देते हैं।

◆दालचीनी वाले दूध का सेवन करने से गठिया और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं होती ही नही हैं। और जिन लोगो को आर्थराइटिस से सम्बंधित समस्या है उन्हें इससे आराम मिलेगा।

◆पढ़ाई करने वाले छात्रों को दालचीनी वाला दूध देने से उनकी एकाग्रता और मेमोरी पावर बढ़ती है।

◆यदि आपको नींद ना आने कि समस्या है तो रोज रात को ये दूध पीने से आपकी ये समस्या धीरे धीरे चली जायेगी।

◆यदि आप वजन कम करने के लिए परेशान हो रहे है तो रोज रात को दालचीनी वाला दूध पीने से आप महिने में 3 से 4 किलो वजन घटा सकते है।

◆दालचीनी वाले दूध का सेवन करने से आपको जीवन मे कभी भी दिल की बीमारी या हार्ट स्ट्रोक का सामना नही करना पड़ेगा।

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करेला कैंसर कोशिकाओं को मार सकता है।

* करेला (करेला) *
कृपया इस संदेश को अपने सभी निकट और प्रिय लोगों तक फैलाएं।
बीजिंग आर्मी जनरल अस्पताल के प्रोफेसर चेन हुई रेन ने पुष्टि की कि, अगर हर कोई जो यह जानकारी प्राप्त करता है और फिर कम से कम 10 अन्य लोगों को वितरित करता है, तो कम से कम एक जीवन बचाया जा सकता है।
मैंने अपना हिस्सा कर लिया है।
मुझे उम्मीद है, आप भी अपना हिस्सा करेंगे।
धन्यवाद।

गर्म पानी में करेला * (करेला) * आपकी मदद कर सकता है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कितने व्यस्त हैं, आपको इसे पढ़ने की ज़रूरत है, और फिर दोस्तों और अन्य लोगों में फैल जाएं।

गर्म करेला * (करेला) * कैंसर कोशिकाओं को मार सकता है।

करेले की 2-3 पतली स्लाइस काटें और एक गिलास में डालें, गर्म पानी डालें, पानी क्षारीय हो जाएगा। हर दिन कम से कम एक बार पिएं। किसी के लिए भी, यह उपयोगी होगा।
  
गर्म पानी करेला * (करेला) * एक कैंसर रोधी पदार्थ का उत्सर्जन करेगा। यह प्राकृतिक चिकित्सा की दुनिया में एक नया विकास है, जो कैंसर के इलाज में उपयोगी है।

गर्म पानी करेले का अर्क सिस्ट और ट्यूमर को प्रभावित करेगा। पहले से ही सिद्ध, यह विभिन्न प्रकार के कैंसर को ठीक करने में मदद कर सकता है।

कैंसर के इलाज में करेले का उपयोग, यह केवल ट्यूमर के घातक कोशिकाओं को मार देगा। यह स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करेगा।

इसके अलावा, करेले में अमीनो एसिड और पॉलीफेनोल ऑक्सीडेज उच्च रक्तचाप, रक्त परिसंचरण, रक्त के थक्के को कम कर सकते हैं और गहरी शिरा घनास्त्रता की घटना को रोक सकते हैं।

इसे पढ़ने के बाद, इसे परिवार और दोस्तों को भेजें। अपनी सेहत का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।
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कब्ज की है शिकायत या झड़ रहे हैं बाल, एक हफ्ते लगातार पी लें भिंडी का पानी होंगे ये 10 फायदे

कब्ज की है शिकायत या झड़ रहे हैं बाल, एक हफ्ते लगातार पी लें भिंडी का पानी होंगे ये 10 फायदे

 ज्यादातर लोग मसालेवाली भिंडी की सब्जी खाना पसंद करते हैं। मगर आयुर्वेद विज्ञान में भिंडी ( lady finger ) के पानी को स्वास्थ के लिए बहुत लाभकारी बताया गया है। इससे बालों का झड़ना, सफेद होना, पेट की दिक्कत आदि से छुटकारा मिल सकता है।

1.भिंडी में प्रोटीन, वसा, रेशा, कार्बोहाइट्रेड, कैल्शियम, फास्‍फोरस, लौह मैग्‍नीशियम, पोटैशियम, सोडियम और तांबा पाया जाता है। ये सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लगातार एक हफ्ते तक इसका पानी पीने से कई रोगों से छुटकारा मिल सकता है।

2.भिंडी के पानी में डायटरी फाइबर प्रचुर मात्रा में होता है। इसे पीने से कब्ज की शिकायत दूर होती है। यह हमारी पाचन क्रिया दुरुस्‍त करने में मदद करता है।

3.भिंडी के पानी में मौजूद घुलनशील फाइबर खून में कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा को कम करते हैं। इससे हार्ट अटैक का खतरा काफी कम हो जाता है।

3.बालों को लंबे समय तक काला और घना बनाये रखने के लिए भी भिंडी के पानी का सेवन फायदेमंद होता है। इसे इस्तेमाल करने के लिए भिंडी को टुकड़ों में काटकर पानी में डूबों दें। इसमें नींबू का रस भी निचोड़ें। अब दो दिन बाद इस पानी से बाल धोएं। इससे बालों का झड़ना भी बंद हो जाएगा।

4.भिंडी के पानी में मौजूद यूगेनॉल डायबिटीज से बचाने में मदद करता है। ये अतिरिक्त शर्करा को सोख लेता है। इससे चर्बी जमने का खतरा भी दूर होता है।

5.कैंसर को दूर करने में भी भिंडी का पानी बहुत उपयोगी साबित होता है। आंतों में मौजूद विषैले तत्‍वों को हटाने का काम करता है। जिससे बैक्टीरिया खत्म होते हैं।

6.जिन लोगों को सांस लेने में दिक्कत या अस्थमा की शिकायत है उन्हें रोजाना भिंडी का पानी पीना चाहिए। ये श्वांस नली में मौजूद गंदगी को बाहर निकालने और ब्लॉकेज को खोलने में मदद करता है।

7.अगर आपके लीवर में सूजन या दर्द की शिकायत रहती है तो आप भिंडी का पानी पिएं। इसमें मौजूद गुणकारी तत्व लिवर के पास चर्बी जमने नहीं देता है। इससे गुर्दा ठीक से काम करता है।

8.जिन लोगों को वजन बढ़ता जा रहा है उन्हें लगातार एक सप्ताह तक भिंडी का पानी पीना चाहिए। ये मेटाबॉलिज्म को तेज करता है। जिससे खाना जल्दी पचता है और चर्बी गलती है।

9.भिंडी के पानी को पीने से कील-मुंहासों की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। क्योंकि ये हमारे शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकाल देता है। इससे पोर्स ब्लॉक नहीं होते हैं।

10.भिंडी का पानी आंखों की रौशनी बढ़ाने में भी मदद करता है। इससे आंखों में जलन और खुजली की समस्या भी दूर होती है।

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धीरे धीरे कितने नाजायज़ ख़र्च से जुड़ते गए है हम

धीरे धीरे कितने नाजायज़ ख़र्च से जुड़ते गए है हम....

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● टॉयलेट धोने का हार्पिक अलग,
● बाथरूम धोने का अलग.
● टॉयलेट की बदबू दूर करने के लिए खुशबू छोड़ने वाली टिकिया भी जरुरी है.
● कपडे हाथ से धो रहे हो तो अलग वाॅशिंग पाउडर
और
मशीन से धो रहे हो तो खास तरह का पाउडर...
(नहीं तो तुम्हारी 20000 की मशीन बकेट से ज्यादा कुछ नहीं.)
● और हाँ, कॉलर का मैल हटाने का व्हॅनिश तो घर में होगा ही,
● हाथ धोने के लिए
नहाने वाला साबुन तो दूर की बात,
● लिक्विड ही यूज करो,
साबुन से कीटाणु 'ट्रांसफर' होते है
(ये तो वो ही बात हो गई कि कीड़े मारनेवाली दवा में कीड़े पड़ गए)
● बाल धोने के लिए शैम्पू ही पर्याप्त नहीं,
● कंडीशनर भी जरुरी है,
● फिर बॉडी लोशन,
● फेस वाॅश,
● डियोड्रेंट,
● हेयर जेल,
● सनस्क्रीन क्रीम,
● स्क्रब,
● 'गोरा' बनाने वाली क्रीम
लेना अनिवार्य है ही.
●और हाँ दूध
(जो खुद शक्तिवर्धक है)
की शक्ति बढाने के लिए हॉर्लिक्स मिलाना तो भूले नहीं न आप...
● मुन्ने का हॉर्लिक्स अलग,
● मुन्ने की मम्मी का अलग,
● और मुन्ने के पापा का डिफरेंट.
● साँस की बदबू दूर करने के लिये ब्रश करना ही पर्याप्त नहीं,
माउथ वाश से कुल्ले करना भी जरुरी है....

तो श्रीमान जी...
10-15 साल पहले जिस घर का खर्च 8 हज़ार में आसानी से चल जाता था,
आज उसी का बजट 40 हजार को पार कर गया है !
तो उसमें सारा दोष महंगाई का ही नहीं है,

कुछ हमारी बदलती सोच भी है !
और दिनरात टीवी पर दिखाये जानवाले विज्ञापनों का परिणाम है !

सोचो..
सीमित साधनों के साथ स्वदेशी जीवन शैली अपनायें, देश का पैसा बचाएं ।

जितना हो सके साधारण जीवन शैली अपनाये !

केवल सरकार को महँगाई के लिये कोसने से कुछ नही होगा ।
🙏👍👌😊

यह लेख बहुत हद तक सबकी आंखें खोलने वाला कड़वा सच है, बस गहराई से सोचने और समझने की जरूरत है ।✍🏻
🤔🤔
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बुधवार, 10 जुलाई 2019

बच्चों को भी गाने - बजाने के साथ मार्शल आर्ट , कराटे आदि की भी शिक्षा दिलवाइए ।।

*पूरे देश में बारुद की‌ सुरंग बिछी हुई है !!*

विश्व हिन्दू परिषद के आचार्य धर्मेन्द्रजी महाराज कहते थे कि पूरे देश में बारुद की‌ सुरंगें ‌बिछ गई  है और हमारे विनाश के साधन पूरे देश में जमा किए जा चुके हैं !!   हमें भी  सावधान हो जाना चाहिए ।।                    

झारखंड के बाईक चोर तबरेज अंसारी की एक घटना को लेकर आज पूरे देश में जिस तरह मुस्लिम समाज सड़कों पर उतर रहा है उससे यह एहसास होता है कि झारखंड में लगी एक चिनगारी पूरे देश में बारुद की‌ सुरंग की तरह ही अपना रुप दिखा रही है !!*⚡ *किसी ने सोचा कि कश्मीर बंगाल में मंदिर टूटते टूटते आखिर दिल्ली में मंदिर कैसे टूटने लगे ?*
सीरिया से होते कश्मीर और कश्मीर से होते *मेरठ में परसों हज़ारों लोग ISIS  के काले झंडे* लेकर कैसे और क्यों लहराने लगे ?

*दिल्ली मोदी की और मेरठ योगी की ?*

और दोनों देश के सबसे बड़े हिंदूवादी और कड़क शासक की गिनती में आते हैं....             (ऐसा कहा जाता है )...  तो क्या दोनों जगहों पर कुछ *परीक्षण* किया गया ?

बिल्कुल किया गया... सबसे पहले देखा गया कि काले झंडे देखकर *सामान्य हिंदुओं की प्रतिक्रिया कैसी है ?* क्या वो *उसी वक़्त प्रतिक्रिया देते हैं ?*

उन्होंने देख लिया कि हिन्दू काले झंडे से पटे जुलूस को देखकर भी उद्वेलित नहीं हुआ और योगी सरकार ने सिवाय डंडे फटकारने के कुछ नहीं किया और वो भी पुलिस तब पहुंची *जब पता चला कि ISIS के झंडे लहलहा रहे हैं...*

दिल्ली में *मंदिर हिंदुओं के सामने तोड़ा गया... वहां भी वही रिजल्ट मिला...* सामान्य हिन्दू और पुलिस मौन है और शांत है.. कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली...

*कुल मिलाकर सबकुछ अनुकूल है... बल्कि वैसा ही जैसा 1990 के कश्मीर में था...*

*तबरेज के बहाने से हर शहर में लाखों मुसलमानों को जुटाकर एक और परीक्षण किया जा रहा है... ये देखा जा रहा है कि हरेक शहर में सब तैयार हैं या नहीं ? जोश जज्बा भरपूर है या नहीं... लाखों की भीड़ सड़क पर आने के लिए तैयार है या नहीं ?*

*ये भी अबतक अनुकूल रहा है...* सरकार को ये भी भनक नहीं मिल पा रही कि *लाखों लोगों ने आज किस शहर के किस चौराहे पर जुटने का प्रोग्राम बनाया है...*
ये कमाल है कि लाखों लोग कितने एकजुट है कि बात *लीक* नहीं होती और उनके पास उनके आका का मैसेज घर घर पहुंच जाता है...

तो तैयार रहिए... अब उनके अगले कदम का... मुझे जो आहट सुनाई दे रही है.. अगर वो आपको भी सुनाई दे रही है तो... तैयारी में लग जाइये... *कम से कम इतना तो कल्पना कीजिये कि उस विषम हालात में आप क्या करने वाले हैं ?* किस किस का फोन नम्बर आपके पास है ? घर के आसपास की सुरक्षा क्या है ? पास के थानों के नम्बर क्या है और वो नम्बर लगता है या नहीं ? आपके शहर के कौन से हिन्दू संगठन सबसे ज्यादा एक्टिव है और नम्बर... अगर कुछ बड़ा होने वाला है तो इन संगठनों के पास सबसे पहले न्यूज़ आ जाती है..
ये भी पता कर लीजिए कि आपके घर के आसपास में आपके जैसे विचारों वाले हिन्दू भाई कौन कौन हैं... उनसे मिलकर तैयारी कीजिये... और हा अपने बच्चों को भी गाने - बजाने के साथ मार्शल आर्ट , कराटे आदि की भी शिक्षा दिलवाइए ।।

*ये सब यूपी बिहार बंगाल दिल्ली आदि से ही शुरू होगा...* राजस्थान,महाराष्ट्र, गुजरात का नम्बर बाद में आएगा... क्योंकि इसी का तो परीक्षण हो रहा है कि किस जगह की सरकार सबसे ज्यादा फेल्योर है...

बाकी आपकी मर्जी है।।                                                                        साभार सहित ।।।                                      
   आपका हितैषी

#copied

शनिवार, 6 जुलाई 2019

कोई भी कार्य या विचार पर तुरन्त एक्शन लेने पर ही वह कार्य हमारी उपलब्धि बन पाएगा।

🌷 एक मीटिंग में एक नवयुवक ने अरबपति उधोगपति से प्रश्न किया कि सर। आपने इतना पैसा कमाया। इतना नाम कमाया। मै भी आपकी तरह पैसा कमाना चाहता हूँ। करोड़ों में खेलना चाहता हूँ। मै जल्दी से जल्दी बहुत पैसा कमाने की इच्छा रखता हूँ। हाँ एक बात है मुझमे धैर्य नहीं है। मैं ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता। मुझे तो शीघ्रता से पैसे कमाने है।

उधोगपति उस नवयुवक की बात बड़े ध्यान से सुन रहे थे जबकि मीटिंग में बैठे सभी लोग उस नवयुवक की बात सुनकर हँस पड़े। उद्योगपति ने बड़े ही सहजतापूर्ण जवाब दिया। उन्होंने कहा " बेटे। अगर आपको वाकई मेरे जैसी कमाई करनी है तो सिर्फ और सिर्फ मेरे अपनाये सिद्धान्त पर चलना होगा और वह सिद्धान्त मात्र दो शब्द से परिभाषित हो जाता है। वह है "START NOW"

स्टार्ट नाउ यानि अभी प्रारम्भ कर दो। कोई काम या उधोग शुरू करने के लिए अच्छे समय का इंतजार न करे और उसे तुरंत प्लानिंग अनुसार शुरू कर दो। सोचने में वक्त बर्बाद न करे। उधोगपति ने कहा " मेरी सफलता का भी यही राज है। मै किसी काम को शुरू करने में कोई मुहूर्त नहीं देखता और उसे तुरंत प्रारभ कर देता हूँ।

मित्रों। स्टार्ट नाउ ये दो शब्द सफलता का मूल मंत्र है। इसे अपने जीवन मे तुरन्त लागू करे। ये दो शब्द हमारे जीवन मे लाइफलाइन का काम करते है। मेरे शब्दों में इन दो शब्दों को सफलता का शॉर्ट कट माना जा सकता है। कोई भी अच्छे काम के लिए बुरा वक्त नहीं होता और कोई भी बुरे काम के लिए अच्छा वक्त नहीं होता।

आप भले ही 100 आइडियाज लेकर घूम रहे है लेकिन एक भी आइडियाज को फॉलो न किया तो मेरी नजर में आप शून्य है। किसी भी व्यापार या कार्य को आप आरम्भ करना चाहते है या आपमे कम्प्यूटर सीखने की चाहत है पर आप कम्फर्ट जोन में पड़े रहना चाहते है और शार्ट कट मन्त्र "start now" का फॉलो न करे तब तक आप जहाँ है वही रहेंगे और आप अपनी प्रोग्रेस नहीं कर पाएंगे।

कोई भी कार्य या विचार पर तुरन्त एक्शन लेने पर ही वह कार्य हमारी उपलब्धि बन पाएगा। केवल सोचने से कुछ नहीं मिलेगा। कोई काम को शुरू करने में बहाने न बनाये शुरुआत में दिक्कत हो सकती है पर आपको एक दिन सफलता जरूर मिलेगी। तैराकी सीखने वाला व्यक्ति जब प्रारम्भ में तैरना सीखता है तो उसकी नाक में पानी जरूर घुसता है लेकिन बराबर अभ्यास करके एक श्रेष्ठ तैराक बन जाता है। लगातार अभ्यास के साथ साथ start now शब्द पर पूर्णतः अमल करें जिदगी में निश्चित पॉजिटिव बदलाव आएंगे 👌👍
🙏 कैलाश चंद्र लड्ढा भीलवाड़ा 🙏

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