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सोमवार, 22 जुलाई 2019

धीरे धीरे कितने नाजायज़ ख़र्च से जुड़ते गए है हम

धीरे धीरे कितने नाजायज़ ख़र्च से जुड़ते गए है हम....

https://sanwariyaa.blogspot.com
● टॉयलेट धोने का हार्पिक अलग,
● बाथरूम धोने का अलग.
● टॉयलेट की बदबू दूर करने के लिए खुशबू छोड़ने वाली टिकिया भी जरुरी है.
● कपडे हाथ से धो रहे हो तो अलग वाॅशिंग पाउडर
और
मशीन से धो रहे हो तो खास तरह का पाउडर...
(नहीं तो तुम्हारी 20000 की मशीन बकेट से ज्यादा कुछ नहीं.)
● और हाँ, कॉलर का मैल हटाने का व्हॅनिश तो घर में होगा ही,
● हाथ धोने के लिए
नहाने वाला साबुन तो दूर की बात,
● लिक्विड ही यूज करो,
साबुन से कीटाणु 'ट्रांसफर' होते है
(ये तो वो ही बात हो गई कि कीड़े मारनेवाली दवा में कीड़े पड़ गए)
● बाल धोने के लिए शैम्पू ही पर्याप्त नहीं,
● कंडीशनर भी जरुरी है,
● फिर बॉडी लोशन,
● फेस वाॅश,
● डियोड्रेंट,
● हेयर जेल,
● सनस्क्रीन क्रीम,
● स्क्रब,
● 'गोरा' बनाने वाली क्रीम
लेना अनिवार्य है ही.
●और हाँ दूध
(जो खुद शक्तिवर्धक है)
की शक्ति बढाने के लिए हॉर्लिक्स मिलाना तो भूले नहीं न आप...
● मुन्ने का हॉर्लिक्स अलग,
● मुन्ने की मम्मी का अलग,
● और मुन्ने के पापा का डिफरेंट.
● साँस की बदबू दूर करने के लिये ब्रश करना ही पर्याप्त नहीं,
माउथ वाश से कुल्ले करना भी जरुरी है....

तो श्रीमान जी...
10-15 साल पहले जिस घर का खर्च 8 हज़ार में आसानी से चल जाता था,
आज उसी का बजट 40 हजार को पार कर गया है !
तो उसमें सारा दोष महंगाई का ही नहीं है,

कुछ हमारी बदलती सोच भी है !
और दिनरात टीवी पर दिखाये जानवाले विज्ञापनों का परिणाम है !

सोचो..
सीमित साधनों के साथ स्वदेशी जीवन शैली अपनायें, देश का पैसा बचाएं ।

जितना हो सके साधारण जीवन शैली अपनाये !

केवल सरकार को महँगाई के लिये कोसने से कुछ नही होगा ।
🙏👍👌😊

यह लेख बहुत हद तक सबकी आंखें खोलने वाला कड़वा सच है, बस गहराई से सोचने और समझने की जरूरत है ।✍🏻
🤔🤔
www.sanwariya.org
https://sanwariyaa.blogspot.com

शनिवार, 22 सितंबर 2018

पुलिस पब्लिक रीलेशनशिप सेमिनार " पुलिस बिन एक दिन" POLICE PUBLIC PRESS

जोधपुर|

 समाज मे पुलिस के महत्व ओर आम जनता के प्रति एक दूसरे के कर्तव्यों को रेखांकित करते हुए पुलिस पब्लिक प्रेस
द्वारा आयोजित पुलिस पब्लिक रीलेशनशिप सेमिनार " पुलिस बिन एक दिन" का आयोजन 22 सितम्बर को सूचना केंद्र में किया गया,
#POLICEPUBLICPRESS

 कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधिपति श्री गोपाल कृष्ण व्यास, महिला आयोग की सदस्या डॉ. नीलम मूँदड़ा की अध्यक्षता मे, एडीशनल एसपी (ग्रामीण) श्री खिंवसिंह जी भाटी, एडीशनल डीसीपी श्रीमती सीमा हिंगोनिया, एडीशनल डीसीपी (यातायात) श्रीमती निर्मला विश्नोई जी, डीएसपी श्री नरेंद्र चौधरी, बार कॉउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष श्री रणजीत जी जोशी, समाज सेवी व युवा उद्यमी श्री विनोद सिंघवी जी, पुलिस पब्लिक प्रेस के राष्ट्रीय संपादक श्री पवन भूत जी की उपस्थिति मे दीप प्रवज्वलित करके किया गया|

 कार्यक्रम मे राष्ट्रीय संपादक पवन भूत जी ने पुलिस पब्लिक प्रेस की कार्य प्रणाली तथा कार्यक्रम के मुख्य विषय "पुलिस बिन एक दिन " पुलिस और जनता की आपसी सहभागिता ओर कर्तव्यों पर प्रकाश डाला | समाज मे एक दिन के लिए पुलिस का होना कितना ज़रूरी है ओर पुलिस और जनता की आपसी सहभागिता विषय पर विद्यार्थियों द्वारा २ मिनिट मे अपनी बात पुलिस के उच्चाधिकारिओ के सामने प्रस्तुत की जिसका यहा कार्यक्रम मे उपस्थित अधिवक्ताओ, विद्यार्थियों, अभिभावको, अध्यापको, समाजसेवियों, गणमान्य नागरिको द्वारा तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया गया, इसमे आर्मी चिल्ड्रेन अकडमी बनाड आराधना सेन प्रथम, आदर्श विधया मंदिर बासनी की दुर्गा द्वितीय व कॅरियर पॉइंट वर्ल्ड स्कूल झालामांड की जया भाटी तृतीय स्थान पर रही इन विध्यार्थीयों को राष्ट्रपति पदक से सम्मानित पुलिस एडीशनल एसपी खिंवसिंह जी द्वारा अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया| आने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रसंशा पत्र व पुलिस पब्लिक प्रेस द्वारा मेडल देकर सम्मानित किया गया| कार्यक्रम मे पधारे हुए समाजसेवी केवल जी कोठारी को "कचरे से सोना बनाना सीखे अभियान" के लिए, स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया| कार्यक्रम मे तिन्वरि के श्री लालचंद (रमेश) बाहेती, बस्क एंटरटेनमेंट के सुरेश जाजू, विजन एसोसिएट के अमरा राम कुमावत, सनरे ब्रॉडबेंड के सूर्यप्रताप सिंह व जयसिंह, सोनी इवेंट एंड सोनी एग्रो के सत्यप्रकाश सोनी, परिहार डेयरी के राजेंद्र, तरंग इलेक्ट्रॉनिक के संजय आहूजा, शिवम इंटरनॅशनल के सुरेंद्र राव, डाइनामिक प्रिंटर्स के तरुण सोटवाल व विनायक साउंड, दीपिका डिजिटल द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने मे योगदान देने पर स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया|
कार्यक्रम संयोजक श्री कैलाशचंद्र लढा, पुलिस पब्लिक प्रेस की टीम के जोधपुर के रिपोर्टर हेमंत बाजपेयी, सत्यप्रकाश सोनी अन्य सदस्यों मे अभिषेक शर्मा, अरुण वर्मा, कैलाश सेन,  परमेश्वर वैष्णव, दीपक सोनी, मनीष गुरिया, अधिवक्ता दीपक परिहार, मंच संचालन करने वाले अधिवक्ता श्री मनीष व्यास, वडोदरा के जितेंद्र पटेल, भीलवाड़ा के क्षितिज सोमानी, लक्ष्मी लक्ष्कार, संजय पूरी, आसोप से संपतलाल सोनी . सूरत से महावीर पारीक, पाली से अमर सिंह आदि को मंचासीन पुलिस अधिकारियों द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया|
 पुलिस की और से प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए सीमा हिंगोनिया जी ने कहा की सभी को पुलिस को ओर पुलिस के बारे मे जानना चाहिए ताकि समाज को अपराधमुक्त बनाने हेतु आम जनता और पुलिस की सहभागिता मे कार्य किया जा सके| महिला आयोग की डॉ. नीलम जी मूंदड़ा ने पुलिस को उनके कर्तव्य के प्रति जागरूक रहते हुए खिंवसिह जी से मंच पर संवाद किया इस पर जवाब देते हुए एडीशनल एसपी साहब ने बताया की यदि आपको कोई पुलिसकर्मी या किसी अन्य नागरिक के यातायात के नियमो का उलंघन करते दिखाई देता है तो वाट्सअप पर बने हुए पुलिस ग्रूप मे भेजे उस पर संज्ञान लेकर कार्यवाही की जाएगी| नीलम जी ने कार्यक्रम संयोजक कैलाशचंद्र लढा, हेमंत बाजपेयी, और उनकी टीम को उनके राष्ट्रीय संपादक पवन भूत जी द्वारा संचालित पुलिस पब्लिक प्रेस को जोधपुर मे शुभारंभ करने पर धन्यवाद ओर बधाई दी|
कार्यक्रम मे एडीसीपी निर्मला जी विश्नोई ये यातायात पुलिस से संबंधित नियमो की जानकारी सभी को बताते हुए जनता को संबोधित किया, पूर्व न्यायशीश श्री गोपाल कृष्ण व्यास जी ने सम्बोधित करते हुए बताया की पुलिस की वर्दी एक विश्वास है
रात मे अकेले चलते हुए पुलिस का दिखने पर अपने आपको सुरक्षित महसूस करते है और पुलिस की कार्यविधि बताते हुए सभी से जनसहयोग की अपील की |

कार्यक्रम के समापन पर अतिथियो के लिए भोजन की व्यवस्था की गई
जोधपुर मे एक ही मंच पर महिला आयोग, प्रेस, अधिवक्ता, न्यायाधिकारी, पुलिस, पब्लिक को एकट्ठा कर पुलिस पब्लिक प्रेस के संयोजक श्री कैलाशचंद्र लढा, हेमंत बाजपेयी ने बताया की पुलिस पब्लिक प्रेस के एक राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर 1800 11 5100 जो पुलिस पब्लिक प्रेस के मध्यम से आम जनता की सहयता हेतु लोकार्पण किया हुआ है जिसमे पुलिस पब्लिक प्रेस के सभी पाठको को प्रेस के मध्यम से संगठित करने हेतु एक कार्ड दिया जाता है जिससे पूरे देश मे कही भी एक दूसरे के सहयोग हेतु प्रेस से जुड़े हुए सभी लोग पूरे भारत मे एक दूसरे की आपस मे मदद कर सके और आम जनता की सहायता हेतु पुलिस और जनता की सहभागिता देश को अपराध मुक्त बनाने हेतु योगदान कर सके|
राजस्थान के प्रभारी श्री तमन्ना अहमद व राष्ट्रीय संपादक पवन भूत जी ने बताया की पूरे देश मे पुलिस पब्लिक प्रेस "पुलिस बिन एक दिन", सोशियल मीडीया & यू, ये शान तिरंगा है, माँ-बाप को भूलना नही आदि कई सामाजिक जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित करती रहती है एवं आगामी दिसंबर माह मे जोधपुर मे "माँ-बाप को भूलना नही" कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जाएगा|

मंगलवार, 19 जून 2018

यदि ऐसा व्यक्ति हमारे देश का प्रधानमंत्री है तो हमें गर्व क्यों ना हो..

It's true story...
Must read

🌱👁🦋

बात 1990 की गर्मियों की है।

इंडियन रेलवेज (ट्रैफिक) सर्विसेज में चयनित दो प्रोबेशनर युवतियां (लीना सरमा व उनकी एक साथी) दिल्ली में अपनी ट्रेनिंग में शामिल होने के लिए लखनऊ से दिल्ली तक का रेल सफर कर रहीं थीं।

उनके डिब्बे में 2 सांसद भी सफर कर रहे थे।

उन सांसदों के साथ उनके दर्जन भर चमचे भी थे जिनके पास टिकट भी नहीं थे।

वो जबरदस्ती डिब्बे में घुस गए थे।

उन चमचों / गुर्गों ने उन दोनों युवतियों पर भद्दे अराजक अश्लील व्यंग्य करते हुए उन्हें उनकी रिजर्व सीट छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था।

दोनों युवतियों ने जमीन पर रखे अपने सामान पर बैठकर दिल्ली तक की अपनी यात्रा दोनों सांसदों के उन चमचों/गुर्गों के हुड़दंग के बीच भयाक्रांत होकर पूरी की थी।

इस पूरी यात्रा के दौरान TTE गायब रहा था।

दिल्ली पहुंचकर दोनों युवतियों ने राहत की सांस ली थी।

दिल्ली में ट्रेनिंग का प्रथम चरण पूर्ण कर उनको अपनी ट्रेनिंग के अगले चरण के लिए अहमदाबाद जाना था।

किन्तु लीना सरमा की साथी युवती ने लखनऊ से दिल्ली तक की यात्रा के भयानक अनुभव के कारण अहमदाबाद की यात्रा करने से मना कर दिया।

परिणामस्वरूप लीना सरमा अपनी एक अन्य बैचमेट उत्पलपर्णा हजारिका के साथ दिल्ली से अहमदाबाद के लिए रवाना हुईं थीं।

किन्तु प्रथम श्रेणी का उनका वेटिंग लिस्ट का टिकट कन्फर्म नहीं हुआ था।

TTE से बात करने पर उसने पूरी सीटें फुल होने की बात कहकर दोनों युवतियों को यह कहकर एक कूपे में बैठा दिया था कि यदि कोई सीट खाली मिली तो आपको दूंगा।

उस कूपे में खादी का कुर्ता पायजामा पहने लगभग 45 और 40 वर्ष के नेतानुमा दो युवक पहले से बैठे हुए थे।

TTE ने दोनों युवतियों को आश्वस्त किया कि दोनों युवक नियमित आते जाते रहते हैं।

दोनों सज्जन व्यक्ति हैं।

मैं दोनों को जानता हूं इसलिए आप लोग चिंतित मत होइएगा।

यात्रा के दौरान दोनों युवकों से बातचीत हुई तो हिन्दू महासभा मुस्लिम लीग से होते हुए श्यामाप्रसाद मुखर्जी तक पहुंची।

लीना सरमा की साथी युवती उत्पलपर्णा चूंकि इतिहास की छात्रा रहीं थीं इसलिए बातचीत लम्बी खिंची।

दोनों युवतियों की बातचीत से प्रभावित उन दोनों युवकों में से आयु में छोटे दिख रहे युवक ने धीरे से कहा था कि इनको तो बहुत अच्छी जानकारी है।

इसपर बड़े दिख रहे युवक ने कहा कि आप गुजरात में हमारी पार्टी ज्वाइन कर लीजिए।

इसपर दोनों युवतियों ने हंसते हुए कहा था कि हम गुजरात के नहीं बल्कि असम के रहने वाले हैं।

इसपर छोटी आयु वाले युवक ने तपाक से कहा था कि कोई फर्क नहीं हम अपने राज्य में प्रतिभा का स्वागत करते हैं, फिर चाहे वो जहां से भी हो।

इतने में खाने की 4 थाली आ गयी थी।

चारों ने भोजन किया और पैसे उस छोटी आयु वाले युवक ने ही दिए।

इतने में TTE ने आकर दोनों युवतियों को बताया कि पूरी सीटें फुल हैं, आपको सीट नहीं दे पाऊंगा।

यह सुनते ही छोटे युवक ने कहा कोई परेशानी की बात नहीं हमलोग एडजस्ट कर लेंगे।

इतना कहकर दोनों युवकों ने अपना बिस्तर जमीन पर बिछाकर अपनी दोनों सीटें लीना सरमा व उनकी साथी युवती को दे दीं।

सवेरे उठने पर बड़े युवक ने दोनों युवतियों से कहा कि यदि रहने की कोई समस्या हो तो आप दोनों मेरे घर में रह सकती हैं।

इसपर छोटे युवक ने कहा कि मैं तो बंजारा जीवनशैली का व्यक्ति हूं।

मेरा घर इस लायक नहीं है लेकिन इनके घर में आप आराम से रुक सकती हैं।

यदि कोई समस्या हो तो हमारी मदद ले सकती हैं।

इसपर दोनों युवतियों ने दोनों युवकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि नहीं अहमदाबाद में हमारे रुकने की कोई समस्या नहीं है।

तब तक अहमदाबाद स्टेशन करीब आ चुका था।

अतः लीना सरमा ने अपनी डायरी निकालकर दोनों युवकों से अपना नाम पता लिखने का अनुरोध किया था।

लीना सरमा के अनुरोध पर उनकी डायरी में छोटी आयु वाले युवक ने अपने पते के साथ अपना नाम लिखा था *नरेन्द्र मोदी* और बड़ी आयु वाले युवक ने अपने पते के साथ अपना नाम लिखा था *शंकर सिंह वाघेला*।

लीना सरमा ने अपना यह अनुभव 1995 में असम के एक समाचारपत्र में लिखा था कि किसतरह गुजरात के दो अनजान राजनेताओं ने असम की दो युवतियों की मदद बहन समझकर की।

1995 में अखबार में अपना अनुभव लिखते समय तक लीना सरमा जी ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि दोनों व्यक्ति अगले कुछ वर्षों में गुजरात के मुख्यमंत्री बनने वाले हैं।

लेकिन शंकर सिंह वाघेला और नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद लीना सरमा गर्वानुभूति से सराबोर हो गईं थीं।

असम के एक अन्य अखबार ने 1995 में प्रकाशित उनके उस अनुभव को पुनः प्रकाशित किया था।

लेकिन मई 2014 में जब नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री का पद सम्भाला तो लीना सरमा जी उस समय General Manager of the Centre for Railway Information System, Indian Railways, New Delhi. के पद पर कार्यरत थीं।

और उस अविस्मरणीय यात्रा में उनकी सहयात्री रहीं उनकी साथी उत्पलपर्णा हजारिका Railway Board में Executive Director के पद पर कार्यरत थीं।

नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद लीना सरमा अपने उस अनुभव को पूरे देश के सामने प्रस्तुत करने से स्वयं को रोक नहीं सकी थीं।

अतः  1 जून 2014 को अंग्रेज़ी अखबार The Hindu में उन्होंने अपने उस अविस्मरणीय अनुभव को ज्यों का त्यों प्रस्तुत कर दिया था।

आज हमारे देश के प्रधानमंत्री वही नरेन्द्र मोदी हैं, जिनका जिक्र लीना सरमा ने किया है।

अतः यदि ऐसा व्यक्ति हमारे देश का प्रधानमंत्री है तो हमें गर्व क्यों ना हो...!!!

*लीना सरमा जी के लेख का लिंक*👇🏼

http://www.thehindu.com/opinion/open-page/a-train-journey-and-two-names-to-remember/article6070562.ece

🍃😊🍂

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