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शनिवार, 21 सितंबर 2019

सरकार द्वारा जनता के लिए चलाई जा रही कुछ योजनाओं की सामान्य जानकारी

सामान्य जानकारी
1.समाज में ऐसी महिला जिनकी आयु 55 वर्ष या जन्म तारीख 1/1/1964 है या इससे ज्यादा है और पुरूष जिनकी आयु 58 वर्ष या जन्म तारीख 1/1/1961 या इससे ज्यादा है वो ई मित्र पर भामाशाह कार्ड ले जाकर अपना पेंशन आवेदन  करावे ताकि उनको राज्य सरकार की तरफ़ से हर माह 750 पेंशन मिल सके ।
2.जो समाज की महिला विधवा है वो अपने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र और भामाशाह कार्ड ई मित्र पर ले जाकर पेंशननके लिए आवेदन कर सकते है
3.जिस किसी के पेंशन आ रही है वो अपने भामाशाह कार्ड में अपनी सही आयु दर्ज करावे ताकि उनकी पेंशन में नियमानुसार बढ़ोतरी होती रहे । 75 साल से ऊपर वृद्ध को 1000 रुपये 60 साल से ऊपर विधवा को 1000 रुपये ओर 75 साल से ऊपर विधवा को 1500 रुपये प्रति माह मिलेंगे
4.जो भाई विकलांग है चाहे वो किसी भी प्रकार से विकलांग है वो बन्धु ई मित्र पर जाकर अपना विकलांग पंजीकरण करावे ताकि उसका विकलांग प्रमाण पत्र बन सके और फिर वो भी प्रमाण पत्र बना कर पेंशन के लिए आवेदन कर सकते है
5.पेंशन लेने वाली विधवा महिला ,नाता जाने वाली माँ के बच्चे और विकलांग महिला पुरुष  के बच्चे अगर स्कूल जाते है तो उसके बच्चों को पालने के लिए सरकार 0 से5 साल तक 500 रुपये ओर 6 से18 साल तक के बच्चों को 1000 रुपये हर माह मिलते है ।
6.किसी भी महिला या पुरुष के नाम से कही पर भी जमीन है तो वो ई मित्र पर बैंक , भामाशाह और जमीन के दस्तावेज ले जाकर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत आवेदन करवा कर हर साल किस्तो में 6000 रुपये ले सकता है।
7.किसी भी योग्य राशन कार्ड के धारक को 2 रुपये किलो वाले सरकारी गेंहू नही मिलते है तो वो ई मित्र पर जाकर खाद्य सुरक्षा फॉर्म भरा सकते है
8.जिन किसानों के जमीन है वो सोसायटी से अल्पकालीन ऋण आवेदन भी कर सकता है
9.मजदूर वर्ग के लोग श्रम हिताधिकारी कार्ड बनवा कर रखे उनको उसमें हिताधिकारी कार्ड की कई प्रकार की योजनाओं जैसे शुभ शक्ति योजना , छात्रवृति योजना , प्रसूति सहायता और हिताधिकरी कि असामयिक मृत्यु होने पर मृत्युदावा के अलावा बहुत से फायदे ले सकते है है
10.विधवा महिला और BPL महिला या पुरुष अपने दो बेटी की शादी के लिए सहयोग योजना के तहत आवेदन करके सरकारी फायदा ले सकते है
11.75% से अधिक अच्छे अंक प्राप्त करने वाली बालिका गार्गी पुरुस्कार ओर स्कूटी योजना का फॉर्म भर सकती है
12.बच्चों के लिए आवश्यक दस्तावेज  जैसे जाति प्रमाण पत्र , मूल निवास आय प्रमाण पत्र आदि समय पर बनाते रहे ताकि एन वक्त पर इनके लिए भागना नही पड़े
13.अपने बच्चों के 18 वर्ष पूर्ण होते ही Blo के पास तय दस्तावेज जमा करवा कर मतदान कार्ड बनावे ताकि वो भी अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके
14.गरीबी रेखा के निचे जीवन यापन करने वाले परिवार के नाम मुख्यमंत्री आवास योजना में जुड़वाए ताकि उन्हें फायदा मिल सके।
15.जो बुड्ढे है और जिनके पेंशन आती है वो अपने पेंशन की राशि समय समय पर खाते से निकालते रहे पेंशन धारक की मृत्यु हो जाने पर उसके खाते में जमा हुई पेंशन वापिस सरकार में जमा करवानी पड़ती है वो पैसा कोई दूसरा नही उठा सकता और अगर कैसे भी करके उठाता भी है तो भविष्य में वापिस ब्याज सहित जमा करवाना होता है।
16.भामाशाह कार्ड में जिसके दो रुपये किलो गेंहू आते है उनको सरकार के द्वारा भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 300000 रुपये तक इलाज की निशुल्क सुविधा मिलती है
17.जिस किसी भाई के एटीएम है वो अपने एटीएम से नियमित अंतराल में ट्रांसेक्शन करता रहे ताकि उसमें दुर्घटना बीमा होता है वो दुर्घटना के समय क्लेम करने के लिए जरूरी होता है
18.जिनके बैंक में खाता है वो अपने खाते में प्रधानमंत्री दुर्घटना बीमा योजना का फॉर्म भर करके दे और 12 रुपये 330 रुपये ओर 500 रुपये प्रति वर्ष में एक अच्छा दुर्घटना बीमा ले सकते है
19.जिनके बेटियां है और उनका जन्म 2009 या उसके बाद में हुआ है वो अपने बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलवा कर एक तय राशि हर माह जमा करवा सकते है इसमे 14 वर्ष तक पैसे भर कर 21 वर्ष बाद पैसे मिलेंगे जो लड़की के काम आते है
20.जो म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने के इच्छुक है वो SBI ओर अन्य बैंकों से SIP (स्माल इन्वेस्टमेंट प्लान )ले सकते है
www.sanwariya.org
https://sanwariyaa.blogspot.com

गुरुवार, 19 सितंबर 2019

मोबाइल री डब्बी 😁जदीऊं या मोबाइल री डब्बी दुनिया में आईगी,

  मोबाइल री डब्बी  
जदीऊं या मोबाइल री
डब्बी दुनिया में आईगी,
बाळपणों,जवानी और
बुढापों सब ने खाईगी !
रिया किदा करम अणी
'जीओ' वाळें पूरा किदा,
पकड़े तो खावें,छोड़े तो जावें     
जस्या हालात पैदा किदा !
छोटा मोटा सब अणी में
कई केउं अतरां वेण्डा वेरियांं,
साल भर का बाळक टाबर
अणीने देख न छाना रेरियां  !
गूगल बाबा में छोरा छोरी
सर्च करवां में अतरा रमग्या ,
क अणां री किताबां के
पड़ी पड़ी के धुळा जमग्या  !
हाँ, माना अणी डब्बी में
हर तरे को ज्ञान गणों है,
सदुपयोग करे तो ठीक
दुजूं ईंको नुकसान गणों है  !
सड़क पे एक्सिडेन्ट वेग्यों
घायल जोर सूं वारां मेळरियां,
दवाखाने कोई नी ले जावें
जो वें जोई फोटों खींचरीयां  !
सब घर में भड़े भड़े बैठ्या
कोई कणीऊं नी बोलरियां,
ठाई नी पड़े हुता क जागरियां
सब अणी डब्बी में लागरियां!
हुतां बैठा,खाता-पिता
मोबाइल  चलाईरियां,
हामें थाळी की रोटियां
कुत्तरां      लेजाईरियां  !
फेसबुक  पे  नवां  नवां
यार  दोस्त  कबाडरियां,
हागी का रिश्तेदार बापडां
रामा सामी की वाट नाळरियां  !
यों  अस्यों  कस्यो  राक्षस
धरती पर छाने-छाने आईग्यों,
घड़ी, रेडियो, टेप, टार्च,टीवी
सबने वनाई चबायां खाईग्यो !
जीनें देखें जोई कानडां में तार
गाल न,धुन में माथो हलारियां,
यूं लागे जाणे यें वेण्डा वेग्या 
क यें माख्योंमाळ उडाईरियां !
राम गोपाल केवें गणों राखो मती
मोबाइल रा डाब्बा सूं थां  हेत,
भणणों, कमाणों भूल जावोंलां
यों तो है  जीवतो जागतो प्रेत !!

मंदिर में दर्शन के बाद बाहर सीढ़ी पर थोड़ी देर क्यों बैठा जाता है?

*प्र0-मंदिर में दर्शन के बाद बाहर सीढ़ी पर थोड़ी देर क्यों बैठा जाता है?*
उ0-बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि जब भी किसी मंदिर में दर्शन के लिए जाएं तो दर्शन करने के बाद बाहर आकर मंदिर की पेडी या ऑटले पर थोड़ी देर बैठते हैं । क्या आप जानते हैं इस परंपरा का क्या कारण है?
आजकल तो लोग मंदिर की पैड़ी पर बैठकर अपने घर की व्यापार की राजनीति की चर्चा करते हैं परंतु यह प्राचीन परंपरा एक विशेष उद्देश्य के लिए बनाई गई । वास्तव में मंदिर की पैड़ी पर बैठ कर के हमें एक श्लोक बोलना चाहिए। यह श्लोक आजकल के लोग भूल गए हैं । आप इस लोक को सुनें और आने वाली पीढ़ी को भी इसे बताएं । यह श्लोक इस प्रकार है -
*अनायासेन मरणम् ,बिना देन्येन जीवनम्।*
*देहान्त तव सानिध्यम्, देहि मे परमेश्वरम् ।।*
इस श्लोक का अर्थ है *अनायासेन मरणम्* अर्थात बिना तकलीफ के हमारी मृत्यु हो और हम कभी भी बीमार होकर बिस्तर पर पड़े पड़े ,कष्ट उठाकर मृत्यु को प्राप्त ना हो चलते फिरते ही हमारे प्राण निकल जाएं ।
*बिना देन्येन जीवनम्* अर्थात परवशता का जीवन ना हो मतलब हमें कभी किसी के सहारे ना पड़े रहना पड़े। जैसे कि लकवा हो जाने पर व्यक्ति दूसरे पर आश्रित हो जाता है वैसे परवश या बेबस ना हो । ठाकुर जी की कृपा से बिना भीख के ही जीवन बसर हो सके ।
*देहांते तव सानिध्यम* अर्थात जब भी मृत्यु हो तब भगवान के सम्मुख हो। जैसे भीष्म पितामह की मृत्यु के समय स्वयं ठाकुर जी उनके सम्मुख जाकर खड़े हो गए। उनके दर्शन करते हुए प्राण निकले ।
*देहि में परमेशवरम्* हे परमेश्वर ऐसा वरदान हमें देना ।
यह प्रार्थना करें गाड़ी ,लाडी ,लड़का ,लड़की, पति, पत्नी ,घर धन यह नहीं मांगना है यह तो भगवान आप की पात्रता के हिसाब से खुद आपको देते हैं । इसीलिए दर्शन करने के बाद बैठकर यह प्रार्थना अवश्य करनी चाहिए । यह प्रार्थना है, याचना नहीं है । याचना सांसारिक पदार्थों के लिए होती है जैसे कि घर, व्यापार, नौकरी ,पुत्र ,पुत्री ,सांसारिक सुख, धन या अन्य बातों के लिए जो मांग की जाती है वह याचना है वह भीख है।
हम प्रार्थना करते हैं प्रार्थना का विशेष अर्थ होता है अर्थात विशिष्ट, श्रेष्ठ । अर्थना अर्थात निवेदन। ठाकुर जी से प्रार्थना करें और प्रार्थना क्या करना है ,यह श्लोक बोलना है।
जब हम मंदिर में दर्शन करने जाते हैं तो खुली आंखों से भगवान को देखना चाहिए, निहारना चाहिए । उनके दर्शन करना चाहिए। कुछ लोग वहां आंखें बंद करके खड़े रहते हैं । आंखें बंद क्यों करना हम तो दर्शन करने आए हैं । भगवान के स्वरूप का, श्री चरणों का ,मुखारविंद का, श्रंगार का, संपूर्णानंद लें । आंखों में भर ले स्वरूप को । दर्शन करें और दर्शन के बाद जब बाहर आकर बैठे तब नेत्र बंद करके जो दर्शन किए हैं उस स्वरूप का ध्यान करें । *मंदिर में नेत्र नहीं बंद करना । बाहर आने के बाद पैड़ी पर बैठकर जब ठाकुर जी का ध्यान करें तब नेत्र बंद करें और अगर ठाकुर जी का स्वरूप ध्यान में नहीं आए तो दोबारा मंदिर में जाएं* और भगवान का दर्शन करें । नेत्रों को बंद करने के पश्चात उपरोक्त श्लोक का पाठ करें।

मंगलवार, 17 सितंबर 2019

सम्पूर्ण विश्व पटल पर विख्यात, भारतवर्ष के यशस्वी श्री नरेन्द्र जी मोदी* (17/सितम्बर/2019)

सम्पूर्ण विश्व पटल पर विख्यात,
भारतवर्ष के यशस्वी प्रधान सेवक
*श्री नरेन्द्र जी मोदी* को आज
(17/सितम्बर/2019) उनके जन्म
दिन पर कोटि कोटि शुभकामनाएँ
🚩🚩🚩🚩🚩

रविवार, 15 सितंबर 2019

हिंदी के मुहावरे, बड़े ही बावरे है,खाने पीने की चीजों से भरे है..

हिंदी का थोडा़ आनंद लीजिये ....मुस्कुरायें ...
हिंदी के मुहावरे, बड़े ही बावरे है,
खाने पीने की चीजों से भरे है...
कहीं पर फल है तो कहीं आटा-दालें है,
कहीं पर मिठाई है, कहीं पर मसाले है ,
चलो, फलों से ही शुरू कर लेते है,
एक एक कर सबके मजे लेते है...
आम के आम और गुठलियों के भी दाम मिलते हैं,
कभी अंगूर खट्टे हैं,
कभी खरबूजे, खरबूजे को देख कर रंग बदलते हैं,
कहीं दाल में काला है,
तो कहीं किसी की दाल ही नहीं गलती है,
कोई डेड़ चावल की खिचड़ी पकाता है,
तो कोई लोहे के चने चबाता है,
कोई घर बैठा रोटियां तोड़ता है,
कोई दाल भात में मूसरचंद बन जाता है,
मुफलिसी में जब आटा गीला होता है,
तो आटे दाल का भाव मालूम पड़ जाता है,
सफलता के लिए कई पापड़ बेलने पड़ते है,
आटे में नमक तो चल जाता है,
पर गेंहू के साथ, घुन भी पिस जाता है,
अपना हाल तो बेहाल है, ये मुंह और मसूर की दाल है,
गुड़ खाते हैं और गुलगुले से परहेज करते हैं,
और कभी गुड़ का गोबर कर बैठते हैं,
कभी तिल का ताड़, कभी राई का पहाड़ बनता है,
कभी ऊँट के मुंह में जीरा है,
कभी कोई जले पर नमक छिड़कता है,
किसी के दांत दूध के हैं,
तो कई दूध के धुले हैं,
कोई जामुन के रंग सी चमड़ी पा के रोई है,
तो किसी की चमड़ी जैसे मैदे की लोई है,
किसी को छटी का दूध याद आ जाता है,
दूध का जला छाछ को भी फूंक फूंक पीता है,
और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता है,
शादी बूरे के लड्डू हैं, जिसने खाए वो भी पछताए,
और जिसने नहीं खाए, वो भी पछताते हैं,
पर शादी की बात सुन, मन में लड्डू फूटते है,
और शादी के बाद, दोनों हाथों में लड्डू आते हैं,
कोई जलेबी की तरह सीधा है, कोई टेढ़ी खीर है,
किसी के मुंह में घी शक्कर है, सबकी अपनी अपनी तकदीर है...
कभी कोई चाय-पानी करवाता है,
कोई मख्खन लगाता है
और जब छप्पर फाड़ कर कुछ मिलता है,
तो सभी के मुंह में पानी आ जाता है,
भाई साहब अब कुछ भी हो,
घी तो खिचड़ी में ही जाता है,
जितने मुंह है, उतनी बातें हैं,
सब अपनी-अपनी बीन बजाते है,
पर नक्कारखाने में तूती की आवाज कौन सुनता है,
सभी बहरे है, बावरें है
ये सब हिंदी के मुहावरें हैं...
ये गज़ब मुहावरे नहीं बुजुर्गों के अनुभवों की खान हैं...
सच पूछो तो हिन्दी भाषा की जान हैं...

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