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शुक्रवार, 7 अगस्त 2020

हरसिंगार के पत्ते हड्डियों के लिए रामबाण हे

 

हरसिंगार एक महाऔषधि हैं आइए जाने इसके महागुण मैं खुद अपनी आप बीती बताती हूँ । मेरे रीढ़ की हड्डीयो में १४ जगह गैप हो गया था और पैरों की हड्डियां तो बिल्कुल घस चुकी थी डाक्टरों ने आपरेशन करने को कहा था चलफिर नहीं पाती थी दिन भर दर्द से परेशान रहती पेनकिलर खा खा कर पेट की हालत बदतर हो गई थी । उसी बीच s.s y ( सिद्ध समाधि योग ) का कैम्प लगा मैं वहाँ गईं और वहीं से मुझे हरसिंगार के बारे में पता लगा मैंने इसका काढ़ा पीना शुरू किया । आप सभी को विश्वास नही होगा मै अभी पूर्ण रूप से स्वास्थ्य हूँ और प्रतिदिन १० किलोमीटर पैदल चलती हूँ ।कोई तकलीफ नहीं है ।


हरसिंगार बुखार मलेरिया टायफड और साईटिक में भी लाभकारी है

हरसिंगार के पत्ते हड्डियों के लिए रामबाण हे।।इस से गठिया रोग काफी हद तक सही कर देता हे।ये प्रमाणिक बात हे। राजीव दीक्षित ने भी इसे गुटनो के व् विभिन्न जॉइंट्स के लिए संजीवनी कहा हे

इसकी पहचान ये पान के पत्ते की तरह होते हे लेकिन इसकी सतह means उपरिभाग खुरदरी होती हे

इसके 5 या 7 पत्ते लेकर 1 लौटे पानी में रात को उबाले व् जब एक चौथाई पानी रह जाये तब रख दे व् सुबह उठते ही इसे पी ले व् 1 hour पहले व् बाद में कुछ नही ले।। तीन माह करने से बिमारी जड़ से सही हो जायेगी।।

जोडो के दर्द के लिये हरसिंगार न मिले तो सदाबहार का काढा बना कर पिये
पेट की चर्बी कम करने के लिए

हरसिंगार का काढ़ा बनाने के लिए सुबह दस पत्ते को चटनी की तरह बनाये और फिर उसे एक गलास पानी में खौला कर चौथाई कर ले और उसे पीले तीन महीने में घुटनों जो लुबरीकेशन घट गया है वो भी ठीक हो जाएगा

आर्थराइटिस का उपचार :-----------
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१. दोनों तरह के आर्थराइटिस (Osteoarthritis और Rheumatoid arthritis) मे आप एक दावा का प्रयोग करे जिसका नाम है चुना, वोही चुना जो आप पान मे खाते हो | गेहूं के दाने के बराबर चुना रोज सुबह खाली पेट एक कप दही मे मिलाके खाना चाहिए, नही तो दाल मे मिलाके, नही तो पानी मे मिलाके पीना लगातार तिन महीने तक, तो आर्थराइटिस ठीक हो जाती है | ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय लगेगा | अगर आपके हात या पैर के हड्डी मे खट खट आवाज आती हो तो वो भी चुने से ठीक हो जायेगा |

२. दोनों तरह के आर्थराइटिस के लिए और एक अछि दावा है मेथी का दाना | एक छोटा चम्मच मेथी का दाना एक काच की गिलास मे गरम पानी लेके उसमे डालना, फिर उसको रात भर भिगोके रखना | सबेरे उठके पानी सिप सिप करके पीना और मेथी का दाना चबाके खाना | तिन महीने तक लेने से आर्थराइटिस ठीक हो जाती है | ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय लगेगा |

३. ऐसे आर्थराइटिस के मरीज जो पूरी तरह बिस्तर पकड़ जुके है, चाल्लिस साल से तकलीफ है या तिस साल से तकलीफ है, कोई कहेगा बीस साल से तकलीफ है, और ऐसी हालत हो सकती है के वे दो कदम भी न चल सके, हात भी नही हिला सकते है, लेटे रहते है बेड पे, करवट भी नही बदल सकते ऐसी अवस्था हो गयी है .... ऐसे रोगियों के लिए एक बहुत अछि औषधि है जो इसीके लिए काम आती है | एक पेड़ होता है उसे हिंदी में हरसिंगार कहते है, संस्कृत पे पारिजात कहते है, बंगला में शिउली कहते है , उस पेड़ पर छोटे छोटे सफ़ेद फूल आते है, और फुल की डंडी नारंगी रंग की होती है, और उसमे खुसबू बहुत आती है, रात को फूल खिलते है और सुबह जमीन में गिर जाते है । इस पेड़ के छह सात पत्ते तोड़ के पत्थर में पिस के चटनी बनाइये और एक ग्लास पानी में इतना गरम करो के पानी आधा हो जाये फिर इसको ठंडा करके रोज सुबह खाली पेट पिलाना है जिसको भी बीस तिस चाल्लिस साल पुराना आर्थराइटिस हो या जोड़ो का दर्द हो | यह उन सबके लिए अमृत की तरह काम करेगा | इसको तिन महिना लगातार देना है अगर पूरी तरह ठीक नही हुआ तो फिर 10-15 दिन का गैप देके फिर से तिन महीने देना है | अधिकतम केसेस मे जादा से जादा एक से देड महीने मे रोगी ठीक हो जाते है | इसको हर रोज नया बनाके पीना है | ये औषधि exclusiveExclusive है और बहुत strong औषधि है इसलिए अकेली हि देना चाहिये, इसके साथ कोई भी दूसरी दावा न दे नही तो तकलीफ होगी | ध्यान रहे पानी पिने के समय हमेशा बैठ के पीना चाहिए नही तो ठीक होने मे समय लगेगा |

बुखार का दर्द का उपचार :

डेंगू जैसे बुखार मे शरीर मे बहुत दर्द होता है .. बुखार चला जाता है पर कई बार दर्द नही जाता | ऐसे केसेस मे आप हरसिंगार की पत्ते की काड़ा इस्तेमाल करे, 10-15 दिन मे ठीक हो जायेगा |

घुटने मत बदलिए :

RA Factor जिनका प्रोब्लेमाटिक है और डॉक्टर कहता है के इसके ठीक होने का कोई चांस नही है | कई बार कार्टिलेज पूरी तरह से ख़तम हो जाती है और डॉक्टर कहते है के अब कोई चांस नही है Knee Joints आपको replace करने हि पड़ेंगे, Hip joints आपको replace करने हि पड़ेंगे | तो जिनके घुटने निकाल के नया लगाने की नौबत आ गयी हो, Hip joints निकालके नया लगाना पड़ रहा हो उन सबके लिए यह औषधि है जिसका नाम है हरसिंगार का काड़ा |

राजीव भाई का कहना है के आप कभी भी Knee Joints को और Hip joints को replace मत कराइए | चाहे कितना भी अच्छा डॉक्टर आये और कितना भी बड़ा गारंटी दे पर कभी भी मत करिये | भगवान की जो बनाई हुई है आपको कोई भी दोबारा बनाके नही दे सकता | आपके पास जो है उसिको repair करके काम चलाइए | हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री अटलजी ने यह प्रयास किया था, Knee Joints का replace हुआ अमेरिका के एक बहुत बड़े डॉक्टर ने किया पर आज उनकी तकलीफ पहले से जादा है | पहले तो थोडा बहुत चल लेते थे अब चलना बिलकुल बंध हो गया है कुर्सी पे ले जाना पड़ता है | आप सोचिये जब प्रधानमंत्री के साथ यह हो सकता है आप तो आम आदमी है |
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आत्मनिर्भर मेवाड़ कार्ययोजना - जितेंद्र लड्ढा राजसमंद

 

जय गौ माता ! 
जय श्री राम !!
हाल ही में आये कोरोना संकट ने वैश्विक स्तर पर जनमानस में काफी सकारात्मक परिवर्तन किये है | 
मुख्य रूप से बड़े महानगरो, विकसित देशो में जो स्थितिया उत्पन्न हुयी है उसके कारण पूरा विश्व एक बार फिर भारत की और आशा भरी नजरो से देख रहा है | भारत में स्वास्थ्य सम्बन्धी आधुनिक सुविधाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं होते हुवे भी बेहतर रिकवरी रेट और वर्तमान परिस्थितियों के ग्रामीण भारत पर कोरोना के बहुत कम असर को देखकर एक बार फिर से हर आदमी आधूनिकता की चकाचौंध की और बढ़ते कदमो को रोककर थोड़ा सोचने पर मजबूर हुवा है | एक छोटे से वायरस के कारण तहस नहस होती अर्थव्यवस्था के कारण एक बार फिर से *मानव जीवन की मुलभुत आवश्यकताओ, व्यक्तिगत इम्युनिटी, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने हेतु योग आधारित जीवन पद्धति, रसायन मुक्त जैविक खेती, देशी गौवंश आधारित पंचगव्य चिकित्सा, ग्राम आधारित अर्थव्यवस्था, गुरुकुल शिक्षा* आदि की चर्चाओं ने जोर पकड़ा है | देश ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिदिन ऐसे विषयों को लेकर लगातार विषय विशेषज्ञ वेबिनार आदि के माध्यम से मानव सभ्यता के बेहतरीन मॉडल हेतु चिंतन करने लगे है | अधिकाँश चिन्तनो में *कृषि, पशुपालन आधारित ग्राम स्वरोजगार, रसायन मुक्त जैविक खेती, गौवंश आधारित अर्थव्यवस्था* अत्यधिक महत्त्व के बिंदु बनकर उभरे है | 
कोरोना संकट के चलते अधिकांश महानगरो से युवा अपने अपने गावो की और लौट गये है तथा वही पर रोजगार की तलाश में भी है | ऐसे में व्यवस्था परिवर्तन हेतु समय अत्यधिक अनुकूल हो गया है | बस आवश्यकता केवल जनजागरण और सामूहिक प्रयास की है | 
हाल के इस दौर में ऐसे ही अनेकानेक राष्ट्र चिंतको के साथ विभिन्न राष्ट्रिय एवं अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार आदि में सम्मिलित होने का सौभाग्य मिला और विभिन्न विशेषज्ञों का मार्गदर्शन भी मिला, और जानकार बड़ा आश्चर्य हुवा  की देश के विभिन्न स्थानों पर व्यक्तिगत अथवा सामूहिक स्तर पर अनेकानेक अद्भुत प्रयोग किये जा रहे है | 
भारत सरकार से सेवानिवृत पूर्व शासन सचिव डॉक्टर कमल टावरी जी के प्रयासों से विगत लॉक डाउन के दौरान ऐसे कई प्रयोगधर्मियो को मंच उपलब्ध करवाया गया जिसके माध्यम से समग्र ग्राम विकास के विभिन्न छोटे छोटे सफल प्रयासों को सम्पूर्ण भारतभर में फैलाने हेतु मा-बाप (*M*ass *A*wakener - *B*lock *A*doption & *A*daptation *P*rogrammer)  नाम से योजना बनाकर *अ-सरकारी व असरकारी, स्वाभीमानी* तरीके से वर्तमान में कार्य कर रहे विविध संगठनो, कार्यकर्ताओं के माध्यम से देशभर के 6500 विकास खंडो में इन सभी प्रयोगों को धरातल पर उतारने का संकल्प किया गया है | 
इसी क्रम में *मेवाड़ की स्वाभीमानी धरा को आत्मनिर्भर बनाकर पुनः गौरवशाली बनाने का संकल्प* लिया है मेवाड़ के ही कुछ युवाओं ने – जिसे नाम दिया गया है - *आत्मनिर्भर मेवाड़ संकल्प* 

*आत्मनिर्भर मेवाड़ कार्ययोजना* – 
*उद्देश्य -*
*स्थानीय ग्रामीणों, संगठनो, किसानो, गौशालाओ की सहभागिता सुनिश्चित करते हुवे शुभ-लाभ आधारित पर्यावरण पूरक धंधे यथा जैविक खेती, देशी गाय पर आधारित कृषि और उससे जुड़े हुवे अधिकाधिक रोजगारोन्मुखी लघु व कुटीर उद्योग, गुरुकुल आधारित शिक्षा, विकेंद्रीकृत व्यापार व्यवस्था, योग आधारित जीवन पद्धति, भारतीय सनातन चिंतन व वैदिक परम्पराओ से अनुभव लेते हुवे अ-सरकारी और असर-कारी आत्मनिर्भर मॉडल प्रस्तुत करना, जो व्यक्ति केन्द्रित न हो, सरकारी अनुदान पर आश्रित ना हो, जहाँ अधिकाधिक जन सहभागिता सुनिश्चित हो जिसके परिणामस्वरुप ग्रामीण क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण सुधार, शैक्षिक उन्नयन, बेहतर रोजगार के अवसरों के साथ प्रति व्यक्ति आय भी संतोषजनक हो |* 
*कार्य योजना -* 
१. प्रारंभिक स्तर पर मनुष्य जीवन के प्रति आध्यात्मिक दृष्टी और सकारात्मक विचार रखने वाले जिले के कुछ युवाओं व अनुभवी लोगो को साथ लेते हुवे समूह बनाकर नियमित रूप से ऑनलाइन स्वाध्याय करते हुवे मेवाड़ के अधिकाधिक क्षेत्रो से ऐसे लोगो को जोड़ने का प्रयास करना है जो की अपनी क्षमताओं का उपयोग करते हुवे अपने ब्लॉक में उक्त उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु अपना समूह बनाकर शुभ-लाभ के साथ MA-BAAP अर्थात (Mass Awakening and Block Adoption & Adaptation Program) के माध्यम से पुरे ब्लॉक में ग्रामीणों को, जन प्रतिनिधियों को व्यक्तिगत अथवा संस्थागत कंसल्टेंसी सुविधा देते हुवे ग्रामीणों में जन जागृति का कार्य प्रारंभ करेंगे | 
२. कार्य प्रारंभ करने के लिए सर्वप्रथम जुड़े हुवे सदस्यों के अपने स्थानों पर ही स्वयं के उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से ही विविध बिन्दुओ/आयामों पर कार्य प्रारंभ करना है | जैसे गौशाला, फार्म हाउस, विद्यालय, गोचर भूमी, स्वयं की कृषि योग्य भूमी, ग्राम पंचायत आदि | व्यक्तिगत स्थानों पर संस्था के मार्गदर्शन व व्यक्तिगत खर्चे से और सामूहिक या सार्वजनिक स्थानों पर संस्था के फंड से कार्य किया जाएगा जिसके लाभ का उपयोग संस्था के माध्यम से जनोपयोगी कार्यो के विस्तार हेतु किया जा सकेगा | 
३. समय समय पर विषय विशेषज्ञों के साथ कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ग्राम विकास के अन्यान्य विषयों पर प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा |
४. इस योजना में सभी कार्य पूरी तरह से आत्म निर्भर मॉडल आधारित होंगे |
५. विभिन्न स्थानों पर किये जा रहे प्रयासों को सोशल मीडिया, ऑनलाइन पोर्टल आदि के माध्यम से मार्केटिंग हेतु उचित प्लेटफोर्म उपलब्ध करवाया जायेगा |
६. किसानो की आय बढाने हेतु किसान का उत्पाद सीधे ग्राहक तक पहुंचाने हेतु ऑनलाइन एप्प और पोर्टल के माध्यम से सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी |

क्रमश: .....

 साभार 
जितेंद्र लड्ढा राजसमंद

आकस्मिक समस्या निवारक प्रयोग

 

आकस्मिक समस्या निवारक प्रयोग

१.(.कटे अंग से खून आना रूककर कटा जुड़ जाये प्रयोग )

उपाय :- यदि चाकू या तेज़ चीज से हाथ-पैर अथवा शरीर का कोई अंग कट जाए तो वहां तुरंत पान का रस निचोड दे , रक्त तुरंत बंद हो जायेगा | यह प्रयोग कटे स्थान को जादू की तरह जोड़ देता हें | बस पान का रस निचोड़ कर तुरंत कटे स्थान पर टपका दे , फिर एक पान भी बांधना हें |
(पान की दुकान से पान मिल जाएगा )( पान बगला मिले तो अति उत्तम हें वर्ना कोई भी पान का प्रयोग कर सकते हें )

२...कांच निगलने से आई परेशानी निवारक प्रयोग )

उपाय :-यदि किसी ने कांच (गलती से या जान बुझकर ) खा लिया हें तो आप बिलकुल भी परेशान न हो , कांच खाए व्यक्ति को उबले हुए आलू खिला दे |
अथवा कांच खाये व्यक्ति को भरपेट दही खिला दे |
अथवा कांच खाये व्यक्ति को इसबगोल की भुस्सी लगभग बारह ग्राम सहता गरम दूध के साथ खिला दे | स्थिती का निवारण होगा |

३..(मोच कष्ट निवारक प्रयोग )

उपाय :- एक गिलास पानी में दो tea spoon जीरा डालकर गरम् कर ले | इसी पानी से मोच वाली जगह की सिकाई करे | इस प्रयोग से तुरंत आराम
मिलेगा |

४..(खट्टी डकार निवारक प्रयोग )

उपाय :- गुड , सेंधा नमक , काला नमक मिलाकर चाटने से खट्टी डकारे आना बंद हो जाती हें |

५..(नाक में फंसी हुई चीज बाहर आये प्रयोग )

उपाय :-यदि कोई चीज नाक में फंस गई हो तो तम्बाकू पीसकर सूंघ लीजिए | छीक आने के साथ ही फंसी हुई चीज बाहर आ जायेगी |

६ .(जले अंग कष्ट निवारक प्रयोग )

उपाय :- यदि कोई अंग आग से जल जाय तो उसी समय जले स्थान पर ग्लिसरीन लगा दे | जले के लिए यह अचूक व अद्भुत दवा हें | न छाले पड़ेगे न ही चमड़ी ही लाल होगी |

७ ..(जले अंग कष्ट निवारक प्रयोग )

उपाय :-अगर शरीर का कोई हिस्सा जल या झुलस जाय तो उस पर तुरंत सरसों का तेल लगा दे या वह अंग जो जल गया हें तुरंत सरसों के तेल में डुबो दीजिए | छाला नहीं पड़ेगा ना ही कोई निशान वहां जाहिर होगा |

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