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शनिवार, 29 मई 2021

भिगोकर खाने से ये खाद्य पदार्थ देते है आश्चर्यजनक लाभ क्या आपने कभी आजमाया है

भिगोकर खाने से ये खाद्य पदार्थ देते है आश्चर्यजनक लाभ क्या आपने कभी आजमाया है

अगर इन 6 चीजों को रातभर भिगोकर खाएंगे, तो ये देंगे फायदा भरपूर जिससे आप बीमारियों से रहेंगे कोसों दूर
 
1. मुनक्का -इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम और आयरन काफी मात्रा में होते हैं। मुनक्के का नियमित सेवन कैंसर कोशिकाओं में बढ़ोतरी को रोकता है। इससे हमारी स्किन भी हेल्दी और चमकदार रहती है। एनीमिया और किडनी स्टोन के मरीजों के लिए भी मुनक्का फायदेमंद है। 

2. काले चने -इनमें फाइबर्स और प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा होती हैं जो कब्ज दूर करने में सहायक होते है। 

3. बादाम -इसमें मैग्नीशियम होता है जो हाई बीपी के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि नियमित रूप से भीगी हुई बादाम खाने से खराब कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है। 

4. किशमिश -किशमिश में आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। भीगी हुई किशमिश को नियमित रूप से खाने से स्किन हेल्दी और चमकदार बनती है। साथ ही शरीर में आयरन की कमी भी दूर होती है। 

5. खड़े मूंग -इनमें प्रोटीन, फाइबर और विटामिन बी भरपूर मात्रा में होता है। इनका नियमित सेवन कब्ज दूर करने में बहुत फायदेमंद होता है। इसमें पोटेशियम और मैग्नेशियम भी भरपूर मात्रा में होने की वजह से डॉक्टरस हाई बीपी के मरीजों को इसे रेगुलर खाने की सलाह देते है। 

6.  मेथीदाना -इनमें फाइबर्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो कब्ज को दूर कर आंतों को साफ रखने में मदद करते हैं। डायबिटीज के रोगियों के लिए भी मेथीदाने फायदेमंद हैं। साथ ही इनका सेवन महिलाओं में पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को भी कम करता हैं।

सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

षष्ठ कर्म प्रक्षालयन क्रियाएं: नौलि क्रियाएं, पेट की वायु को नियंत्रित कर स्वस्थ बनाने के लिए

षष्ठ कर्म प्रक्षालयन क्रियाएं: नौलि क्रियाएं, पेट की वायु को नियंत्रित कर स्वस्थ बनाने के लिए

नौलि क्रियाएँ
षष्ठ कर्म योग का चतुर्थ सोपान है नौलि क्रियाएँ , ये क्रियाए मुख्यतः वायु से संबंधित हैं | वायुदाब को पेट के भीतर नियंत्रित रख इस क्रिया को किया जाता है। इसके पूरक, कुंभक और रेचक नामक तीन विभाग इसमें महत्व रखते हैं | 

नौलि क्रियाओं के तीन स्तर हैं – 
1अग्निसार क्रिया,
2 उड़ियान क्रिया,
3 नौलि क्रिया ।

ये सभी क्रियाएं संवेदनशील और जटिल होती है इसलिए किसी विशेषज्ञ के सानिध्य में ही इन्हें किया जाना चाहिए

*नौलि क्रियाओं के लाभ*

शरीर के अंदरूनी अंगों पर अच्छा नियंत्रण रहता है
शरीर शुद्धि की ये लाभदायक प्रक्रिया है
पेट मे जमा मल आसानी से निकल जाता है
नौलि क्रिया से पेट का अच्छा मंथन होता है जिससे पेट मे स्फूर्ति आती है
पाचन क्रिया नियमित और स्वास्थ्य वर्धक बनती है
इससे नाभि, लिवर तथा उदर संबंधी रोग दूर होते हैं। 
नौलि क्रिया से भूख अधिक लगती है |
इस क्रिया से वीर्य संबंधी दोष दूर होते हैं ।

*नौलि क्रियाओ की विधि*

सर्व प्रथम आप एक शांत , समतल और स्वच्छ स्थान पर एक आसन लगाकर सुखासन या पद्मासन में बैठ जावे। आप चाहे तो ये सभ क्रियाए खड़े रहकर भी कर सकते है। फिर नीचे दिखाए अनुसार क्रम से क्रियाए करे

*इन सभी क्रियाओं में 3 क्रिया पूरक, कुम्भक, और रेचक का बड़ा महत्व है*

किसी भी प्रकार का प्राणायाम करते समय तीन क्रियाएँ की जातीं हैं- पूरक, कुम्भक और रेचक। 

सांस लेने की क्रिया को पूरक कहते हैं ।

सास को रोके रखने की क्रिया को कुंभक कहते हैं और

सास को छोड़ने की क्रिया को रेचक कहते हैं ।

कुम्भक भी दो प्रकार का होता है- आन्तरिक कुम्भक और वाह्य कुम्भक। श्वास को अन्दर रोकने की क्रिया को आन्तरिक कुम्भक तथा श्वास को बाहर रोकने की क्रिया को बाहरी कुम्भक कहते हैं। कुम्भक करते समय श्वास को अन्दर खींचकर या बाहर छोड़कर रोककर रखा जाता है।

आन्तरिक कुम्भक- इसके अन्तर्गत नाक के छिद्रों से वायु को अन्दर खींचकर जितनी देर तक श्वास को रोककर रखना सम्भव हो, उतनी देर रखा जाता है और फिर धीरे-धीरे श्वास को बाहर छोड़ दिया जाता है।

वाह्य कुम्भक - इसके अन्तर्गत वायु को बाहर छोड़कर जितनी देर तक श्वास को रोककर रखना सम्भव हो, रोककर रखा जाता है और फिर धीरे-धीरे श्वास को अन्दर खींचा लिया जाता है।

अब मूल विषय नौति क्रिया की विधि जाने

*1. अग्निसार क्रिया*
आप सर्वप्रथम वज्रासन की स्थिति में बैठकर पूरक करें। श्वास को अंदर लें । इसके बाद रेचक करें। श्वास को बाहर निकालें । श्वास को बाहर रोक कर, मन की सहायता से, पेट-नाभि को आगे पीछे करते रहें । फिर धीमे से श्वास लें । यह एक चक्र है | ऐसे तीन चार चक्र करना चाहिए।| यह अग्निसार क्रिया खड़े रह कर भी उसी तरह की जा सकती है ।

*2. उड़ियान क्रिया*
सुखासन या पद्मासन में रह कर पूरक करें । इसके बाद रेचक तथा कुंभम करें। पेट को अंदर की ओर इस प्रकार पिचकाएं कि वह मानो पीठ के भीतरी भाग का स्पर्श कर रहा हो । थोड़ी देर रुक कर सांस लें । यह क्रिया खड़े रह कर भी की जा सकती है ।

*3. नौलि क्रिया*
अग्निसार एवं उड़ियान क्रियाओं के अभ्यास के बाद नौलिक्रिया कर सकते हैं । इस क्रिया में पेट के मध्य भाग को छड़ की भांति बनाकर साधक खड़ा रहे । दोनों हाथ दो जांघों पर रखे। पूरक करते हुए साँस अंदर ले। फिर रेचक करते हुए साँस बाहर छोड़ दे । पेट को अंदर की ओर इस तरह पिचकाएँ कि पीठ के अंदर के भाग से पेट मानों स्पर्श कर रहा हो । इसके बाद दोनों हाथों को जांघो के ऊपर से एक-एक उठावें और छड़ जैसे बने पेट को इधर-उधर हिलाएँ ।

*नौति क्रियाओं में सावधानियां*
सबेरे मल मूत्र विसर्जन के बाद खाली पेट नौलिक्रिया करनी चाहिए । 
भोजन के बाद नौलि क्रिया नहीं करनी चाहिये  
14 बरस तक की अवस्था के बच्चों, रोगियों, रक्तचाप वालों तथा अलसर एवं हर्निया वालों, तथा गर्भिणी स्त्रियों को नहीं करनी चाहिए ।
सभी क्रियाए विशेषज्ञ की सलाह पर और उनके दिशानिर्देशों के अनुरूप ही की जानी चाहिए।

भारत माता की जय 🇮🇳
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

नौलि क्रियाओं में मध्य नौलि, दक्षिण नौलि तथा वाम नौलि जैसी क्रियाएं निपुण व्यक्तियों की सहायता लेकर की जा सकती है |

आपदा में अवसर , काढा बेचकर बचाई अपनी गृहस्ति, मन की लगन ने बनाया उद्योगपति

आपदा में अवसर , काढा बेचकर बचाई अपनी गृहस्ति, मन की लगन ने बनाया उद्योगपति




लखनऊ की सरोजनीनगर ब्लॉक की परवल पश्चिम निवासी प्रियंका के पति फास्ट फूड का ठेला लगाते थे। कोरोना संक्रमण के चलते लाॅकडाउन हुआ तो ठेला तो छोड़िए सुरक्षा के चलते घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित हो गया। दो बच्चों के साथ घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया था। उन्हाेंने उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के समूह से जुड़कर काढ़ा बनाना शुरू कर दिया। उनकी जिंदगी ही बदल गई। काढ़ा ही नहीं वह मास्क भी बनाती हैं। एक महीने में आठ से 10 हजार रुपये कमा रही हैं। अकेली प्रियंका ही नहीं रसूलपुर की संगीता व हबीबुल निशा समेत लखनऊ की 427 ग्रामीण महिलाएं मास्क, काढ़ा व सिलाई करके अपना परिवार चला रही हैं।
लखनऊ ही नहीं प्रदेश के अन्य जिलों की महिलाएं समूह से जुड़कर लाॅकडाउन में अपनी गृहस्थी चला रहीं हैं।

*एक पैकेट पर मिलते हैं 15 रुपये*
काढ़ा बनाने के राज्य परियोजना प्रबंधक आचार्य शेखर ने बताया कि लखनऊ समेत मुजफ्फरनगर, हरदोई, लखनऊ, देवरिया और सोनभद्र बड़े स्तर पर काढ़ा बनाया जा रहा है। अन्य जिलों में जैसे उन्नाव, प्रयागराज, कानपुर देहात, शामली, बुलंदशहर, सुलतानपुर, अंबेडकर नगर, चंदौली, वाराणसी, झांसी, बांदा, चित्रकूट, कन्नौज, ललितपुर में महिला सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया है। अन्य जिलों में मास्क सैनिटाइजर बनाकर महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हैं। 100 ग्राम के एक पैकेट पर 15 रुपये मिलते हैं। 50 रुपये की लागत आती है और 65 रुपये में काढ़ा बिकता है।

*ऐसे बनता है काढ़ा*
दालचीनी, तुलसी, मुनक्का, काली मिर्च व सोंठ को उचित मात्रा में मिलाकर 100 ग्राम का एक पैकेट तैयार किया जाता है जिसे गरम पानी में उबालकर लगभग सात ग्राम का मिश्रण एक बार के काढ़े के लिए प्रयोग में लाया जाता है। उसमे शहद और नींबू मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है। एक समूह द्वारा दिन भर में 10 से 15 किलो का मिश्रण तैयार होता है और 150 पैकेट बनते हैं।

🇮🇳 वन्दे मातरम

जय हिन्द 🇮🇳

होम लोन लेते समय रखे ध्यान , होम इन्शुरन्स से मिलता है संकट के सहारा नही चुकाना पड़ता ऋण

होम लोन लेते समय रखे ध्यान , होम इन्शुरन्स से मिलता है संकट के सहारा नही चुकाना पड़ता ऋण


लोग घर खरीदने या बनवाने के लिए लोन लेते हैं लेकिन अधिकतर लोग होम लोन का इंश्योरेंस नहीं करवाते हैं. होम लोन का इश्योरेंस लेने के कई फायदे होते हैं. होम लोन चुकाना किसी बोझ से कम नहीं है खासकर उन परिवारों के लिए जहां कमाने वाला सिर्फ एक ही व्यक्ति हो. यह एकमात्र कमाने वाला शख्स अगर किसी गंभीर बीमारी का शिकार हो जाए, नौकरी चली जाए या फिर किसी दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु हो जाए तो लोन चुकाना परिवार के लिए बहुत भारी पड़ जाता है. ऐसी स्थिति में होम लोन इंश्योरेंस आपके काम आती है.

*होम इंश्योरेंस और होम लोन इंश्योरेंस में अंतर*



घर और उसमें मौजूद समानों की चोरी, प्राकृतिक आपदाओं आदि से होने वाले नुकसानों से होम इंश्योरेंस में कवर मिलता है. वहीं अगर किसी किसी वजह से होम लोन लिए हुए व्यक्ति को कुछ हो जाता है तो होम लोन इंश्योरेंस ईएमआई चुकाने में मदद करता है.

*यह ध्यान रखें कि होम लोन के साथ इंश्योरेंस*
 प्लान खरीदने या नहीं खरीदने का फैसला पूरी तरह से ग्राहक पर निर्भर करता है. लोन लेने वाले को कवर खरीदने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है.

*होम लोन इंश्योरेंस लेने के फायदे*
होम लोन लेने वाले की आकस्मिक मृत्यु होने पर बाकी की किस्त इसी बीमा के जरिए जमा हो जाती है. बीमा कवर होने से यह बोझ दूसरों पर नहीं पड़ता है. लोन लेने वाले व्यएक्ति की दुर्घटना में मृत्यु या स्थायी रूप से पूर्ण विकलांग होने पर होम लोन इंश्योरेंस कवर मिलता है.

*लोन लेने वाले व्योक्ति की गंभीर बीमारी में भी इंश्योरेंस कवर मिलता है.*
 अगर किसी वजह से लोन लेने वाले व्य क्ति की नौकरी छूट जाती है, तो तीन मासिक किस्तों का भुगतान बीमा कंपनी करती है. होम लोन प्रोटेक्शन स्कीम एक टर्म इंश्योरेंस की तरह है, यानी बीमा की अवधि आप खुद तय कर सकते हैं. बीमा की अवधि के हिसाब से आपका प्रीमियम तय होता है.

*कब नहीं मिलेगा फायदा?*
होम लोन किसी और के नाम शिफ्ट करते हैं या समय के पहले बंद करते हैं तो बीमा कवर खत्म हो जाता है. स्वाभाविक मृत्यु या आत्महत्या के मामले भी होम लोन प्रोटेक्शन प्लान के दायरे में नहीं आते हैं. हालांकि अगर आप लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर कराते हैं, प्री-पेमेंट या रिस्ट्रक्चर कराते हैं तो होम लोन इंश्योरेंस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.

*कहां से ले सकते हैं लोन इंश्योरेंस?*
जिस बैंक या नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NEFC) से आप लोन लेते हैं तो वो भी आपको होम लोन इश्योरेंस उपलब्ध कराती हैं. आप इंश्योरेंस बेचने वाली कंपनियों से भी होम लोन इंश्योरेंस ले सकते हैं.

बीमा कंपनियां इंश्योरेंस का प्रीमियम लोन की रकम, लोन की अवधि, लोन लेने वाले व्योक्ति की आयु और आय को देखकर तय करती हैं. इंश्योरेंस का प्रीमियम कुल कर्ज की राशि का 2 से 3 फीसदी होता है.

🇮🇳 वन्दे मातरम

जय हिन्द 🇮🇳

केंद्र का निर्णय कोरोना से मृत्यु पर पत्रकारों के परिवार को मिलेगा 5 लाख

केंद्र का निर्णय कोरोना से मृत्यु पर पत्रकारों के परिवार को मिलेगा 5 लाख, अन्य राज्यो के भी देखे मुआवजा एलान


कोरोना वायरस से अब तक देश में तीन लाख से अधिक मौतें हो चुकी हैं। पहली लहर के मुकाबले लाखों लोगों ने कोविड की दूसरी लहर में दम तोड़ दिया। इसमें सिर्फ आम जनता ही नहीं बल्कि हमारे फ्रंट वॉरियर्स, सुरक्षाकर्मी, सरकारी कर्मचारी, सेलिब्रिटी और कई पत्रकारों ने भी अपनी जानें गंवाई। 

*पत्रकार की मृत्यु पर देय 5 लाख*
आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में सबसे अधिक पत्रकार महामारी की चपेट में आए जिसमें से कई जिंदगी की जंग हार गए। केंद्र सरकार ने कोविड से अपनी जान गंवाने वाले पत्रकारों के परिजनों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए अब प्रत्येक परिवार के लिए 5-5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने का ऐलान किया है। 

न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार ने कोविड से जान गंवाने वाले पत्रकारों के 67 परिवारों के लिए वित्तीय सहायता को मंजूरी दी है। गुरुवार यानी 27 मई को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पत्रकार कल्याण योजना के तहत प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपए दिए जाने का ऐलान किया गया।

*आन्ध्रप्रदेश में कोरोना मृत्यु पर परिवार को मिलेगा 10 लाख*

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाइ एस जगन मोहन रेड्डी ( YS Jagan Mohan Reddy) ने गुरुवार को COVID-19 के कारण अपने माता-पिता को खो देने वाले बच्चों को सहायता के रूप में 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने एक बयान में बताया कि इस योजना का लाभ केवल 18 साल के कम उम्र के वो बच्चे उठा सकते हैं जिनका परिवार गरीबी रेखा से नीचे आता है.

बयान में कहा गया कि “सरकार को उम्मीद है कि वो प्रति बच्चा 10 लाख का फिक्स डिपोजिट कर देंगे जिसका इस्तेमाल बच्चे पढ़ाई- लिखाई के लिए कर सकते है. यह राशि तब तक फिक्स डिपोजिट (FD) के तहत रहेगी जब तक कि बच्चा 25 साल का नहीं हो जाए.” वहीं उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक एक सप्ताह के भीतर 34 अनाथ बच्चों की पहचान कर उनमें से प्रत्येक के नाम पर फिक्स डिपोजिट बांड जारी किया गया है.

*राजस्थान सरकार का फैसला अस्थि विसर्जन के लिए हरिद्वार तक मुफ्त बस की सेवा*

*झारखंड सरकार उठाएगी कोरोना मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार और कफन का खर्च*

*दिल्ली सरकार देगी कोरोना मृतक यदि हिन्दू है तो दाह संस्कार के लिए लकड़ी का खर्च*

*दिल्ली सरकार भी देगी ऑक्सीजन की कमी से होने वाली मृत्यु पर 5 लाख*
केजरीवाल सरकार ने ऑक्सीजन की कमी या इसकी लापरवाही के चलते जान गंवाने वालों के परिजनों को 5 लाख रुपए तक देने का फैसला किया है। इसके लिए आप सरकार एक पैनल का गठन करेगी, जो हर मामले को देखने के बाद मुआवजे को लेकर फैसला देगा।

*केरल सरकार देगी 3 लाख और शिक्षा खर्च*
केरल सरकार उन बच्चों के लिए एक विशेष आर्थिक पैकेज का प्रावधान करेगी, जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है। इस विशेष पैकेज के तहत सरकार उन्हें एकमुश्त तत्काल सहायता, मासिक सहयोग राशि और निशुल्क शिक्षा देगी।

केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने घोषणा की कि केरल सरकार की ओर से कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण जान गंवाने वालों के बच्चों को ₹3,00,000 तत्काल राहत के रूप में दिया जाएगा और ₹2,000 की मासिक राशि उन बच्चों के 18वें जन्मदिन तक जारी की जाएगी।

*योगी सरकार देगी कोरोना मृत्यु पर 50 लाख की आर्थिक मदद व सरकारी नॉकरी*
कोरोना काल के दौरान उत्तर प्रदेश के विभिन्न सरकारी विभागों में अधिकारी और कर्मचारी लगातार अपनी ड्यूटी निभाने का काम कर रहे हैं। ड्यूटी के दौरान कई अधिकारी व कर्मचारी की मौत भी हो चुकी है। इसलिए राज्य सरकार ने बीते दिनों ऐसे सभी कर्मियों के परिवारों के जीवन यापन के लिए उनके आश्रितों को नौकरी देने तथा अनुमन्य राशि दिए जाने की घोषणा कर दी है।

सूबे की योगी सरकार ने कोरोना वायरस काल में ड्यूटी के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं सहायिकाओं की हुई मौतों पर बड़ा कदम उठाया है। यूपी सरकार ने घोषणा की है कि ऐसे सभी कर्मचारियों के आश्रितों को 50 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर दिया जाएगा।

🇮🇳 वन्दे मातरम

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