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रविवार, 20 जून 2021

अजीनोमोटो : स्वाद बरगलाए बीमारियों को लाए जानिए इस खतरनाक केमिकल की हकीकत

अजीनोमोटो : स्वाद बरगलाए बीमारियों को लाए जानिए इस खतरनाक केमिकल की हकीकत

आज के युग में घर के बाहर खाना खाना कभी मजबूरी तो कभी आदत बन चुकी है। 

पर क्या पता है होटल के खाने का स्वाद इतना बढ़िया क्यों होता है? क्यों हमारा मन बाहर दावत उड़ाने को ललचाता है? क्यों पार्टियों में किए भोजन का आनंद कुछ ज्यादा ही आता है?

इन सबका कारण है *अजीनोमोटो* भोजन का जादूगर

*अजीनोमोटो* 
"दिमाग़ को पागल करने का मसाला"

*शादी-ब्याह* *दावतों* में भूल कर भी हलवाई को ना देवें !

*अजीनोमोटो का परिचय*

आजकल व्यंजनों में, खासकर चायनीज वैरायटी में, एक सफेद पाउडर या क्रिस्टल के रूप में 
*मोनो सोडियम ग्लुटामेट* (M.S.G.) नामक रसायन
जिसे दुनिया *अजीनोमोटो* के नाम से जानती है,  का प्रयोग बहुत बढ़ गया है, बिना यह जाने कि यह वास्तव में क्या है? 

*अजीनोमोटो* नाम तो असल में इसे बनाने वाली मूल चायनीज कम्पनी का है !

*ऐसा क्यू होता है*

इस रसायन के प्रयोग से शरीर के अंगों-उपांगों और मस्तिष्क के बीच *न्यूरोंस* का नैटवर्क बाधित हो जाता है, जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं। 

यह एक ऐसा रसायन है, जिसके जीभ पर स्पर्श के बाद जीभ भ्रमित हो जाती है और मस्तिष्क को झूठे संदेश भेजने लगती है। 

जिस सें *सड़ा-गला* या *बेस्वाद* नीबू, आम का अचार एवं खाना भी अच्छा महसूस होता है। 

*अजीनोमोटो के दुष्परिणाम*

चिकित्सकों के अनुसार *अजीनोमोटो* के प्रयोग से 
1-एलर्जी, 
2-पेट में अफारा, 
3-सिरदर्द, 
4-सीने में जलन, 
5-बाॅडीे टिश्यूज में सूजन, 
6-माइग्रेन आदि हो सकते है। 

*अजीनोमोटो* से होने वाले रोग इतने व्यापक हो गये हैं कि अब इन्हें ‘ *चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम* कहा जाता है। दीर्घकाल में *मस्तिष्काघात* (Brain Hemorrhage)
हो सकता है जिसकी वजह से *लकवा* होता है।

*जब ये खतरनाक है तो प्रतिबंध क्यों नहीं*

अमेरिका सहित बहुत से देशों में *अजीनोमोटो* पर प्रतिबंध है।

*फूड सेफ्टी एण्ड स्टैन्डर्ड अथाॅरिटी आॅफ इंडिया’* ने भारत में *अजीनोमोटो* को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया है? 
 न मंगाये
*स्वस्थ भारत सबल भारत अभियान* की पाठकों से जोरदार अपील है कि दावतों में हलवाई द्वारा मंगाये जाने पर उसे *अजीनोमोटो* लाकर ना देवें। हलवाई कहेगा कि चाट में मजा नहीं आयेगा, 
फिर भी इसका पूर्ण बहिष्कार करें। 
कुछ भी हो (AFTER ALL) दावत खाने वाले आपके *प्रियजन* हैं, आपके यहां दावत खाकर वे बीमार नही पड़ने चाहिए ! 
जब आपने बाकि सारा बढ़िया सामान लाकर दिया है तो लोगों को *अजीनोमोटो* के बिना भी खाने में, चाट में पूरा मजा आयेगा, आप निश्चिंत रहें। 
*अजीनोमोटो* तो *हलवाई की अयोग्यता* को छिपाने व होटलों, ढाबों, कैटरर्स, स्ट्रीट फूड वैंडर्स द्वारा सड़े-गले सामान को आपके *दिमाग* को पागल बनाकर स्वादिष्ट महसूस कराने के लिए डाला जाता है।
क्या *हलवाई की अयोग्यता* का दंड अपने *प्रियजनों*
को देंगे  ????

नमक के बारे में रोचक तथ्य

नमक शारीरिक विकास के लिए जरूरी पर क्या नमक से जुड़े ये सत्य भी जानते है आप

"नमक के बारे में रोचक तथ्य"

किसी ने क्या खूब लिखा है “नमक की तरह हो गई है जिंदगी लोग स्वादानुसार इस्तेमाल कर लेते है”. शायद ही कोई ऐसा आदमी होगा जिसने नमक का स्वादानुसार इस्तेमाल ना किया हो. हमारे भोजन का एक अहम हिस्सा है नमक. आज हम आपको नमक के बारे में बेहद रोचक तथ्य बताने जा रहे है…

1. भारत नमक पैदा करने के मामले में विश्व में नंबर 3 पर है. भारत 70% नमक समुंद्र के पानी से बनाता है. 28% भूमिगत पानी से और 2% नमक झीलों के जल और नमक की चट्टानों से बनता है.

2. भारत में हर साल 24 मिलियन टन नमक का उत्पादन होता है और भारत को हर साल 18 मिलियन टन नमक की आवश्यकता होती है. 2020 तक भारत का लक्ष्य है 40 मिलियन टन नमक का उत्पादन करना.

3. भारत में जितने नमक का उत्पादन होता है उसका 35% ही खाने के लिए प्रयोग होता है.

4. भारत में सेंधा नमक का एकमात्र स्त्रोत हिमाचल प्रदेश में स्थित मंडी है.

5. भारत की आजादी से पहले नमक की इतनी कमी थी कि इसे दूसरे देशो से आयात करना पड़ता था. लेकिन आज भारत लगभग 20 देशों में 5 मिलियन नमक निर्यात करता है.

6. यदि सोडियम के कणों को क्लोरिन गैस के साथ मिला दिया जाए तो नमक बन जाएगा.
 
7. मनुष्य के शरीर की हर कोशिका में नमक होता है एक इंसान में लगभग 250 gm नमक होता है.

8. यदि उचित मात्रा में नमक खाया जाए तो यह हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है.

9. वैज्ञानिको के अनुसार नमक कभी खत्म नही हो सकता. क्योंकि समुंद्र कभी खत्म नही होंगे.

10. अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण न होने के कारण अंतरिक्ष यात्री भोजन पर नमक या मिर्च नहीं छिड़क सकते.

11. यदि भारत के समुंद्री तटों पर बेमौसम बारिश ज्यादा हो जाए तो नमक के उत्पादन में भारी कमी आ जाएगी.

12. अमेरिका में सिर्फ 6% नमक खाने के लिए प्रयोग होता है और 17% सड़को पर जमीं बर्फ को पिघलाने के लिए.

13. एक आदमी को एक दिन में सिर्फ 2-3 ग्राम नमक खाना चाहिए. लेकिन बढ़ते चाइनीज फूड के कारण भारतीय बच्चे कुछ ज्यादा ही नमक खाने लगे है.

14. ज्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ जाता है.

15. दुनिया में सबसे पहले काला नमक भारत में बनाया गया था. अगर नमक के पानी में हरड के बीज घोल दिए जाए तो काला नमक बन जाता है.

16. ज्यादा नमक खाने से इंसान की मौत भी हो सकती है. दावा किया गया है कि अगर 100 kg वजन वाला इंसाम 100 gm नमक खा ले तो उसकी मौत हो सकती है.

17. पुराने समय में रोमन साम्राज्य में सिपाहियों को पैसे की जगह नमक दिया जाता था और जापान के सिनेमाघरों में भी फिल्म दिखाने से पहले नमक छिड़का जाता था.

18. पार्टी में या खाना खाने से पहले हम सलाद काटकर रख देते हैं, लेकिन खाना खाते वक्त सलाद फ्रेश नहीं लगता। इसके लिए आप सलाद परोसने से पहले नमक डाल दें। इससे सलाद फ्रेश भी रहेगा और टेस्ट भी बढ़ जाएगा.

19. दही में नमक डालकर खाने से दही गुणकारी नहीं रह जाता।

20.मनुष्य की जिव्हा के अगले हिस्से के दोनों तरफ नमकीन स्वाद कलिकाए होती है उन्ही के द्वारा नमक के स्वाद का प्ता चलता है।

21. दांत दर्द में नमक दांत पर नमक लगाने से दर्द दूर हो जाता है

22. शरीर की थकावट दूर करने या पैरो की मांसपेशियों में खिचाव या दर्द में गरम पानी में नमक डालकर सेक करने या पानी में पैर रखने से समस्या दूर हो जाती है।

23. नमक के गरारे करने पर गले की खराश,दर्द, टाउंसिल में राहत मिलती है।

24. नमक का कुल्ला करने पर मुंह के लगभग 75% कीटाणु मर जाते है।

25. नमक से फर्श साफ करने से कीड़े मकोड़े नहीं आते

26. बर्फ को पिघलने से बचाने के लिए नमक का प्रयोग किया जाता है।

27. कपड़ो पर पसीने के दाग रह जाते हैं, तो एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच नमक डालकर पसीने के दाग पर लगाकर ब्रश या हाथ से रगड़ें. दाग अपने आप खत्म हो जाएंगे.

28. नए रंगीन कपड़ों को यदि पहली बार गरम पानी में नमक डालकर धोया जाए तो उनका रंग पक्का हो जाता है।

29. भारत इन देशों को नमक निर्यात करता है: जापान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, दक्षिण कोरिया, उत्तर कोरिया, मलेशिया, संयुक्‍त अरब अमीरात, वियतनाम और कतर आदि.

30. और अंत में  ' सरदार मैंने आपका नमक खाया है ' नमक हरामी, नमक हलाल, जले पे नमक छिड़कना, नमक पर पहरा शक्कर सुनी, नमक सत्याग्रह ये शब्द भी जानिए।

जल चिकित्सा प्राकृतिक चिकित्सा का ही एक भाग

☘️ *_गर्म पानी बदल देगा आपकी जिंदगानी, मिलेगा स्वास्थ लाभ अपनाए इसे आज ही आप_*

*जल चिकित्सा प्राकृतिक चिकित्सा का ही एक भाग*

*लगातार 7 दिनों तक गर्म पानी पीने से होतें हैं ये 9 चमत्कारी फायदे, अगर जान लोगे तो हमेशा पियोगे.!*

पानी को अमृत कहा गया है वास्तव में पानी का कोई भी विकल्प भी नहीं है इस धरती पर और हमारे शरीर में 70% पानी है। पानी शरीर के लिए अति अनिवार्य है। पानी हमारे शरीर को बहुत सी खतरनाक बीमारियों से बचाता है। पानी हमारी त्वचा को मुलायम और चमकदार बनता है।
अगर हमें यह मालूम हो कि हमें किस समय कितना पानी पीना है, कैसे पानी पीना है तो हममे से किसी को भी सामान्य परिस्तिथि में डाक्टर के पास जाना ही ना पड़े।

यदि आप लगातार 7 दिन तक सुबह खाली पेट, खाना खाने के बाद गर्म पानी पीते है तो आपको इसके फायदे महसूस होने लगेंगे जिसके कारण आप इसको हमेशा पियेंगे।

*गर्म पानी क्यो पीना चाहिए*
मेडिकल साइंस के अनुसार नित्य सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से कब्ज और गैस जैसी पेट की तमाम समस्याएँ दूर रहती हैं।
लेकिन गर्म पानी पीना अति उत्तम है। गर्म पानी का सेवन करने से शरीर के तमाम विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं।
रोजाना प्रात: एवं दिन में दो तीन बार गर्म पानी पिने से शरीर बिलकुल स्वस्थ रहता है, त्वचा चमकने लगती है।

युवावस्था में चेहरे पर मुंहासे, पिंपल्स, एक्ने, छोटे-छोटे दाने फुन्सियां निकलना एक आम बात है। अधिकतर कील मुंहासे तैलीय त्वचा पर निकलते हैं अत: चेहरे पर क्रीम तेल कोई चिकनाई युक्त पदार्थ न लगाऐं, ये हार्मोन की गड़बड़ी, त्वचा की सफाई न करने, पेट की खराबी से भी होते हैं।

कील मुंहासे ऐसी ही समस्या है जिसको लेकर लड़किया काफी परेशान रहती हैं क्योंकि यह समस्या आमतौर पर टीनेज और युवावस्था में अधिक होती है। हालाकि अधिक उम्र में भी इस तरह की समस्या परेशान कर सकती हैं। दरअसल, मुंहासे त्वचा में जलन और पिंपल्स होने की स्थिति को कहते हैं। इन्हें हाथ से फो़ड़ने से चहरे पर निशान पड़ जाते हैं। मुंहासे खाने पीने की गलत आदत से भी होते हैं। कारण जब पेट अपना काम सही रूप से नहीं करता जिसकी वजह से जो भी टॉक्सिक बाहर आ जाना चाहियें वो नहीं आ पाता तथा रक्त में जहरीले पदार्थ फैल जाते हैं और वह इस रूप में बाहर निकलते हैं।

पिम्पल से बचने के लिए ऐसे भोजन जिनमें स्टार्च, प्रोटीन, वसा अधिक हो उनका सेवन करें।
मांस, सफेद चीनी, कड़क चाय, अचार, कॉफी, रिफाइंड, सॉफ्ट ड्रिंक्स, आइसक्रीम, मैदे से बनी चीजों से बचना चाहिए।
आप गर्म पानी पीने से त्वचा को कील मुंहासों और दाग-धब्बों से कैसे दूर रख सकते है।

*आइये जानते है गर्म पानी पीने के फायदों के बारे में...*

(1). पानी को उबालते हुए जब उसका चौथाई हिस्सा जल जाये अर्थात तीन हिस्सा पानी ही बचे तो ऐसा पानी पीना श्रेष्ठ है। ऐसा गर्म पानी का सेवन हमारे शरीर के वात, कफ और पित्त तीनो ही दोषों को समाप्त करता है।

(2). नित्य सुबह खाली पेट व रात्रि को खाने के बाद गर्म पानी पीने से पेट की सभी समस्यायें खत्म होती है और गैस जैसी समस्याएं निकट भी नहीं आती हैं।

(3). गर्म पानी त्वचा के लिए रामबाण है। अगर आपको त्वचा सम्बन्धी परेशानियाँ रहती है, त्वचा में कील मुहांसे भी निकलते है तो नित्य सुबह शाम एक गिलास गर्म पानी चाय की तरह चुस्कियां लेते हुए पीना शुरू कर दें। इससे आपकी त्वचा सम्बन्धी परेशानियाँ दूर हो जाएगी, कील मुहांसे नहीं होंगे, त्वचा चमकने लगेगी।

(4). नित्य गर्म पानी का सेवन करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है, ह्रदय भी स्वस्थ रहता है।

(5). अगर कोई व्यक्ति पथरी की समस्या से परेशान हैं तो वह सुबह शाम दोनों समय भोजन करने के पश्चात एक गिलास गर्म पानी का सेवन अवश्य ही करें।

(6). गर्म पानी वजन घटाने में भी बहुत मददगार होता है, रोज़ सुबह खाली पेट गर्म पानी में 1/2 नींबू व एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से शरीर स्लिम होता है।

(7). नित्य एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस, काली मिर्च व काला नमक डालकर पीने से पेट का भारीपन दूर होता है भूख भी खुलकर लगती है।

(8). बुखार में गर्म पानी पीना अधिक लाभदायक होता है।

(9). जुकाम में गर्म पानी पीने से बहुत आराम मिलता है, इससे कफ और सर्दी शीघ्र दूर होते हैं।

भारत माता की जय 🇮🇳
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः

साइबर धोखाधड़ी के कारण वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन

साइबर क्राइम और डिजिटली धोखाघड़ी से ऐसे बचे आप और शिकार हुए तो यू करे शिकायत


डिजिटल धोखाधड़ी से निपटने और डिजिटल पेमेंट को सुरक्षित बनाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साइबर धोखाधड़ी के कारण वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन 155260 और रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म का संचालन किया है. इस नंबर पर पीड़ित इंटरनेट बैंकिंग समेत ऑनलाइन फाइनेंस से संबंधित धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

हेल्पलाइन को 01 अप्रैल, 2021 को सॉफ्ट लॉन्च किया गया था. हेल्पलाइन नंबर 155260 और इसके रिपोर्टिंग प्लेटफॉर्म को गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) द्वारा चालू किया गया है. वर्तमान में इसका उपयोग सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश) द्वारा 155260 के साथ किया जा रहा है, जो देश की 35 प्रतिशत से अधिक आबादी को कवर करता है.

अपने सॉफ्ट लॉन्च के बाद से दो महीने के कम समय में ही इस हेल्पलाइन नंबर पर दर्ज किए गए शिकायतों के आधार पर 1.85 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले सक्रिय साइबर ठगों के बड़े गिरोहों का पर्दाफाश हुआ है. वहीं दिल्ली और राजस्थान में जांच के दौरान कई खाते सीज किए गएं और 58 लाख रुपये और 53 लाख रुपये रिकवर किए गए.

ऐसे काम करता है सिस्टम

हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करते ही इसकी जानकारी संबंधित वित्तीय संस्थानों तक पहुंचा दी जाती हैं. यह फ्रॉड ट्रांजेक्शन टिकट जिस वित्तीय संस्थान से पैसा कटा (डेबिट हुआ) है और जिन वित्तीय संस्थान में गया (क्रेडिट हुआ) है. दोनों के डैशबोर्ड पर नजर आएगा. जिस बैंक/वॉलेट में टिकट दिया गया होता है. उसे फ्रॉड ट्रांजेक्शन की जानकारी के लिए जांच करनी होती है. इसके बाद ट्रांजेक्शन को टेम्पोरेरी ब्लॉक कर दिया जाता है.

साथ ही पीड़ित को एक एसएमएस भी भेजा जाता है, जिसमें कंप्लेन संख्या का उपयोग करके 24 घंटे के भीतर धोखाधड़ी का पूरा विवरण राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in/) पर जमा करने का निर्देश दिया जाता है.


गुरुवार, 17 जून 2021

चौरासी लाख योनियों के चक्र का शास्त्रों में वर्णन

चौरासी लाख योनियों के चक्र का शास्त्रों में वर्णन-
          
 ३० लाख बार वृक्ष योनि में जन्म होता है ।
इस योनि में सर्वाधिक कष्ट होता है ।
धूप ताप,आँधी, वर्षा आदि में बहुत शाखा तक टूट जाती हैं ।
शीतकाल में पतझड में सारे पत्ता पत्ता तक झड़ जाता है।लोग कुल्हाड़ी से काटते हैं ।

उसके बाद जलचर प्राणियों के रूप में ९ लाख बार जन्म होता 
है. हाथ और पैरों से रहित देह और मस्तक। सड़ा गला मांस  ही खाने को मिलता है. एक दूसरे का मास खाकर जीवन  रक्षा करते हैं।

उसके बाद कृमि योनि में १० लाख बार जन्म होता है। और फिर ११ लाख बार पक्षी योनि में जन्म होता है।वृक्ष ही आश्रय स्थान होते हैं। जोंक, कीड़-मकोड़े, सड़ा गला जो कुछ भी मिल जाय, वही खाकर उदरपूर्ति करना।
स्वयं भूखे रह कर संतान को खिलाते हैं और जब संतान उडना सीख जाती है  तब पीछे मुडकर भी नहीं देखती । काक और शकुनि का जन्म दीर्घायु होता है।

उसके बाद २० लाख बार पशु योनि,वहाँ भी अनेक प्रकार के कष्ट मिलते हैं।अपने से बडे हिंसक और बलवान् पशु सदा ही पीडा पहुँचाते रहते हैं। भय के कारण पर्वत कन्दराओं में छुपकर रहना। एक दूसरे को मारकर खा जाना । कोई केवल घास खाकर ही जीते हैं। किन्ही को  हल खीचना, गाडी खीचना आदि कष्ट साध्य कार्य करने पडते हैं । 
रोग शोक आदि होने पर  कुछ बता भी नहीं सकते।सदा मल मूत्रादि में ही रहना पडता है।
गौ का शरीर समस्त पशु योनियों में श्रेष्ठ एवं अंतिम माना गया है। तत्पश्चात् ४ लाख बार मानव योनि में जन्म होता है ।
इनमे सर्वप्रथम घोर अज्ञान से आच्छादित ,पशुतुल्य आहार -विहार,वनवासी वनमानुष का जन्म मिलता है।

उसके बाद पहाडी जनजाति के रूप में नागा,कूकी,संथाल आदि में उसके बाद वैदिक धर्मशून्य अधम कुल में ,पाप कर्म करना एवं मदिरा आदि निकृष्ट और निषिद्ध वस्तुओं का सेवन ही सर्वोपरि उसके बाद शूद्र कुल में जन्म होता है,
उसके बाद वैश्य कुल में,
फिर क्षत्रिय  और अंत में ब्राह्मणकुल में जन्म मिलता है,
और सबसे अंत में ब्राह्मणकुल में जन्म मिलता है। 
यह जन्म एक ही बार मिलता है ।
जो ब्रह्मज्ञान सम्पन्न है वही ब्राह्मण है।
अपने उद्धार के लिए वह आत्मज्ञान से परिपूर्ण हो जाता है ।
यदि इस दुर्लभ जन्म में भी ज्ञान नहीं प्राप्त कर लेता तो पुनः चौरासी लाख योनियों में घूमता रहता है।

भगवच्छरणागति के अलावा कोई और सरल उपाय नहीं है ।

यह मानव जीवन बहुत ही दुर्लभ है।
बहुत लम्बा सफर तय करके ही यहाँ तक पहुँचे हैं ।
अतः अपने मानव जीवन को सार्थक बनाइये, हरिजस गाइये।🙏🙏🙏

बन्द रहेंगे विद्यामंदिर खुली रहेंगी मधुशाला

*🥃🥃मधुशाला🥃🥃*

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में रचनाकार ने कितना सटीक लिखा है -

 --------------------------------- 
*कोई मांग रहा था देशी,*
*और कोई फॉरेन  वाला।*
*वीर अनेकों टूट पड़े थे,*
*खुल चुकी थी मधुशाला।*

*शासन का आदेश हुआ था,*
*गदगद था ठेके वाला।*
*पहला ग्राहक देव रूप था,*
*अर्पित किया उसे माला।*

*भक्तों की लंबी थी कतारें,*
*भेद मिटा गोरा काला।*
*हिन्दू मुस्लिम साथ खड़े थे,*
*मेल कराती मधुशाला।*

*चालीस दिन की प्यास तेज थी,*
*देशी पर भी था ताला।*
*पहली बूंद के पाने भर से,*
*छलक उठा मय का प्याला।*

*गटक गया वो सारी बोतल,*
*तृप्त हुई अंतर उर की ज्वाला।*
*राग द्वेष सब भूल चुका था,*
*बाहर था वो अंदर वाला।*

*हंस के उसने गर्व से बोला,*
*देख ले ऐ ऊपर वाला।*
*मंदिर मस्जिद बंद हैं तेरे,*
*खुली हुई है मधुशाला।*

*पैर बिचारे झूम रहे थे,*
*आगे था सीवर नाला।*
*जलधारा में लीन हो गया,*
*जैसे ही पग को डाला।*

*दौड़े भागे लोग उठाने,*
*नाक मुंह सब था काला।*
*अपने दीवाने की हालत,*
*देख रही थी मधुशाला।*
🍷🍻🥂

*मंदिर-मस्जिद बंद कराकर ,*
*लटका विद्यालय पर ताला !*
*सरकारों को खूब भा रही ,*
*धन बरसाती मधुशाला !!* 😐

     *डिस्टेंसिंग की ऐसी तैसी ,*
     *लाकडाउन को धो डाला !*
     *भक्तों के व्याकुल हृदयों पर*
     *रस बरसाती मधुशाला ।।*😐

*बन्द रहेंगे  विद्यामंदिर,*
*खुली रहेंगी मधुशाला।*
*ये कैसे महामारी है ,*
*सोच रहा ऊपरवाला ।।*😐

यह केन्द्र और राज्य का जो सास-बहु का खेल चल रहा है

*बहुत सुंदर कहानी पढ़ेंगे तो बहुत आनंद आएगा*

दादा है दमदार!

दादा पोटली भरकर लड्डू, मठरी, कलाकंद पोते-पोतियों के लिये लेकर बेटे के घर आये। पोटली पुत्र वधू के हाथ में थमा दी। पोटली अब पुत्रवधू की सम्पत्ति हो गयी। बच्चों को एक-एक लड्डू पकड़ा दिया और कह दिया कि दादा इतना ही लाये थे। चार बातें और बना दी कि दादा दिखाते ज़्यादा है करते कुछ नहीं है! 

बच्चे बोले कि हमें तो लड्डू और खाने हैं। पुत्र वधू बोली कि मैं बना दूँगी। तुम अभी स्कूल जाओ, मैं पीछे से बना दूँगी। अब दादी के हाथ के लड्डू पुत्र वधू के बनाये हो गये। एक दिन दादा ने कहा कि बहू मैं कलाकंद भी लाया था, उसे निकालकर खत्म कर दो नहीं तो खराब हो जाएगा! 

पोटली बच्चों के सामने ही खुल गयी और दादा कितना लाया था, सभी के सामने सच आ गया। यह हमारे घरों में रोज़मर्रा की कहानी है। लेकिन यह कहानी केन्द्र और राज्य सरकारों के पास चले गयी है। 

केन्द्र रूपी दादा ने वेक्सीन भेजी, राज्य रूपी पुत्र वधू ने कहा कि मेरे कब्जे में रहेगी। घर मेरा है, मैं तय करूँगी कि किसको कितना देनी है। बहुत सारी बर्बाद कर दी गयी, बहुत को दबा लिया गया कि मंहगे भाव से बेचेंगे। 

मोदी ने एक दिन पोटली सबके सामने खोल दी। अब कहा कि यह कलाकंद है जो कुछ ही दिनों में समाप्त करनी पड़ेगी! 

कांग्रेसी राज्य के मुख्यमंत्री एक दूसरे की शक्ल देख रहे हैं कि ब्लेक में बेचना तो दूर, अब जल्दी से निपटाना भी पड़ेगा! 

हर शहर में रातों रात हर सेंटर पर वेक्सीन की बाढ़ आ गयी। जहाँ रोज यह कहा जा रहा था कि केन्द्र वेक्सीन दे नहीं रहा! मोदी ने विदेश में दे दी। अब दस दिन में लाखों वैक्सीन समाप्त करनी है। समाप्त नहीं कि तो आगे मिलेगी नहीं। 

यह केन्द्र और राज्य का जो सास-बहु का खेल चल रहा है, उसे समझना होगा। घर के बेटे को आँख खुली रखनी होगी। नहीं तो बेचारे दादा को बदनाम होते देर नहीं लगेगी लेकिन हमारे दादा है दमदार!

दो चार रोज खेल देखा दादा ने, बहु क्या-क्या गुल खिला रही है और बस सारी पोटली के अधिकार हाथ में ले लिये। बच्चे समझ गये हैं कि लड्डू दादा के हाथ के ही हैं। आस-पड़ोस तक बात जा पहुँची है कि दादा क्या-क्या लाये थे! 

*दमदार दादा को प्रणाम।*🙏🏻

सत्यानाश कर दिया लाइफ का मेडिकल माफिया ने

*सत्यानाश कर दिया लाइफ का*
*मेडिकल माफिया ने*
☺️☺️☺️☺️☺️☺️☺️😊☺️

*क्या आप इससे मुक्त होना चाहते हैं?*

मेडिकल माफिया की करतूतें ..... इससे पता चलती है कि इन्होंने :-

1.पहले सिगरेट को प्रमोट किया ।

2. फिर प्राणघातक  रिफाइंड को प्रमोट किया ।

3. सरसों के शुद्ध तेल और देशी घी का विरोध किया ।

4 .बच्चों के लिये अमृत समान देशी गाय के दूध और शहद के स्थान पर, कैंसर कारक जर्सी गाय के दूध और skimmed milk powder को प्रोमोट किया।

5. खिचड़ी के स्थान पर मैदा की 7 दिन पुरानी ब्रेड को प्रोमोट किया।

6. सेंधा नमक के स्थान पर समुद्री नमक को प्रोमोट किया।

7. गुड़ के स्थान पर 7 जहरीले केमिकल से बनी सफेद चीनी को प्रमोट किया।

क्या मेडिकल माफिया ने इन सबको आपकी भलाई के लिये प्रमोट किया ।

1. क्या किसी मेडिकल माफिया ने आपको बताया कि उच्च रक्तचाप (BP), URIC ACID और अन्य acid आदि की समस्या की जड़ चाय है ? जब चाय छोड़ दोगे तो 10 बड़ी बीमारियों - एसिडिटी, यूरिक एसिड, डायबिटीज, किडनी से सम्बंधित समस्याओं से पीछा भी छूट जाएगा । 

2. क्या किसी मेडिकल माफिया ने आपको मधुमेह ( शुगर) की जड़ गेहूँ के आटे (पैकेज्ड) के बारे में बताया ? इसे छोड़कर अगर आप ज्वार, बाजरा, जों, चन्ने का आटे के मिश्रित आटे जा प्रयोग करेंगे तो मधुमेह आपका पीछा छोड़ देगा ।

3. क्या किसी मेडिकल माफिया ने केमिकल युक्त चीनी के स्थान पर देशी खांड जिसमे कोई केमिकल नहीं पड़ता उसके बारे में बताया ?

4. क्या किसी मेडिकल माफिया ने फ्रिज के ठंडे पानी से होने वाले सिरदर्द के बारें में बताया ? ठंडा पानी छोड़ देंगे तो उसके बाद न केवल सिरदर्द से पीछा छूट जाएगा बल्कि हार्ट ब्लॉकेज की सम्भावना भी खत्म हो जाएगी।

5. क्या किसी मेडिकल माफिया ने हानिकारक विटामिन D के  स्थान पर धूपस्न्नान लेने की सलाह दी?

6. कैल्शियम की गोलियों जिससे कब्ज़ हो जाती है उसके स्थान पर चुने की गोलियों का सेवन की सलाह दी?

7. विटामिन c की गोलियों के स्थान पर खट्टे फल खाने की सलाह दी?

8. Zinc की गोलियों के स्थान पर प्रातः ताम्रपत्र में जल पीने की सलाह दी.

9. पेट से होने वाली 85% बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए क्या कभी ऊषापान की सलाह दी? उल्टे विज्ञापन देते हैं कि रात भर जे डर्टी कीटाणु?? वो भी एक बच्ची के मुंह से कहलवाते हैं, इमोशनल ब्लैकमेल???

मेरी राय में इन मेडिकल माफिया को, और जो डॉक्टर लुटेरे बनकर इसका प्रचार करते हैं, उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए क्योंकि ये सफेद कपड़ों में करोड़ों लोगों को मौत बांट रहे हैं। वरना जो सही डॉक्टर हैं, वो तो खुद अपने गम्भीर रोगों के उपचार के लिए आयुर्वेद व योग की शरण लेने में संकोच नहीं करते।

अगर मेडिकल माफिया या उनकी गैंग का डॉक्टर आपको सही सलाह देगा तो एक तो यह कमीशन से हाथ धो बैठगा दूसरा रोगी के धन से।

अब बताओ! 
या तो यह तथाकथित MEDICAL SCIENCE झूठी है या तुम्हारी नीयत में खोट है...

फैसला आपको करना है।

जयहिन्द 🙏🇮🇳🙏🌹🌹🌹

जन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव श्री चम्पत राय बंसल

क्या ऐसे ही किसी ऐरे गैरे को विहिप का सर्वेसर्वा बना दिया जाएगा ? या फिर रामजन्मभूमि ट्रस्ट का महासचिव ? लो आज जानो कौन हैं चम्पत राय जी...

जन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव श्री चम्पत राय बंसल 

1975 इँदिरा गाँधी द्वारा थोपे आपातकाल के समय बिजनौर के धामपुर स्थित आर एस एम कॉलेज में एक युवा प्रोफेसर चंपत राय, बच्चों को केमिस्ट्री पढ़ा रहे थे, तभी उन्हें गिरफ्तार करने वहां पुलिस पहुंची क्योंकि वह संघ से जुड़े थे। अपने छात्रों के बीच बेहद लोकप्रिय चंपत राय जानते थे कि उनके वहाँ गिरफ्तार होने पर क्या हो सकता है। पुलिस को भी अनुमान था कि छात्रों का कितना अधिक प्रतिरोध हो सकता है।

प्रोफ़ेसर चंपत राय ने पुलिस अधिकारियों से कहा, आप जाइये में बच्चों की क्लास खत्म कर थाने आ जाऊँगा। पुलिस वाले इस व्यक्ति के शब्दों के वजन को जानते थे अतः वे लौट गए।क्लास खत्म कर बच्चों को शांति से घर जाने के लिए कह कर प्रोफेसर चंपत राय घर पहुँचे, माता पिता के चरण छू आशीर्वाद लिया और लंबी जेल यात्रा के लिए थाने पहुंच गए।

18 महीने उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों में बेहद कष्टकारी जीवन व्यतीत कर जब बाहर निकले तो इस दृढ़प्रतिज्ञ युवा के आत्मबल को संघ के सरसंघचालक श्री रज्जू भैया ने पहचाना और राममंदिर की लड़ाई के लिए अयोध्या को तैयार करने का जिम्मा उनके कंधों पर डाल दिया।

चंपत राय ने अपनी सरकारी नौकरी को लात मार दिया और राम काज में जुट गए। वे अवध के गाँव गाँव गये हर द्वार खटखटाया। स्थानीय स्तर पर ऐसी युवा फौज खड़ी की जो हर स्थिति से लड़ने को तत्पर थी। अयोध्या के हर गली कूँचे ने चंपत राय को पहचान लिया और हर गली कूंचे को उन्होंने भी पहचान लिया। उन्हें अवध का इतिहास, वर्तमान, भूगोल की ऐसी जानकारी हो गई कि उनके साथी उन्हें "अयोध्या की इनसाइक्लोपीडिया" उपनाम से बुलाने लगे।

बाबरी ध्वंस से पूर्व से ही चंपत राय जी ने राम मंदिर पर "डॉक्यूमेंटल एविडेंस" जुटाने प्रारम्भ किये। लाखों पेज के डॉक्यूमेंट पढ़े और सहेजे, एक एक ग्रंथ पढ़ा और संभाला उनका घर इन कागजातों से भर गया, साथ ही हर जानकारी उंन्हे कंठस्थ भी हो गई। के. परासरण और अन्य साथी वकील जब जन्मभूमि की कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मैदान में उतरे तो उन्हें अकाट्य सबूत देने वाले यही व्यक्ति थे।

6 दिसंबर 1992 को मंच से बड़े बड़े दिग्गज नेता कारसेवकों को अनुशासन का पाठ पढ़ा रहे थे। तमाम निर्देश दिए जा रहे थे। ढांचे को नुकसान न पहुचाने की कसमें दी जा रहीं थीं, उस समय चंपत राय जी मंच से कुछ दूर स्थानीय युवाओं के साथ थे। एक पत्रकार ने चंपत राय से पूछा "अब क्या होगा?" उन्होंने हँस कर उत्तर दिया "ये राम की वानर सेना है, सीटी की आवाज पर पी टी करने यहां नहीं आयी...ये जो करने आयी है करके ही जाएगी."

इतना कह उन्होंने एक बेलचा अपने हाथ में लिया और ढांचे की ओर बढ़ गये, फिर सिर्फ जय श्री राम का नारा गूंजा और... इतिहास रच गया। आदरणीय चंपत राय को यूं ही राम मंदिर ट्रस्ट का सचिव नहीं बना दिया गया है। उन्होंने रामलला के श्रीचरणों में अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पित किया है। प्यार से उन्हें लोग "रामलला का पटवारी" भी कहते हैं। यह व्यक्ति सनातन का योद्धा है। कोई मुंह फाड़ बकवास करता कायर नहीं।

ढांचा ध्वंस के मुकदमों में कल्याण सिंह जी के बाद चंपत राय ने ही अदालत और जनसामान्य दोनों के सामने सदैव खुल कर उस घटना का दायित्व अपने ऊपर लिया है। चम्पत राय जी कह चुके हैं, जैसे ही राममंदिर का शिखर देख लेंगे युवा पीढ़ी को मथुरा की ज़िमेदारी निभाने को प्रेरित करने में जुट जाएंगे"।

चंपत राय जी धर्म की छोटी से छोटी चीजों का ध्यान रखने वाले तपस्वी और विद्वान हैं। एक बार वे किसी काम से काशी में किन्हीं के यहां रुके, तब रात्रि में देखा तो पाया कि बैड का डायरेक्शन कुछ ऐसा था कि सोते हुए पैर दक्षिण की तरफ हो जा रहे थे, उन्हें एक रात को भी यह स्वीकार नहीं था, रात में ही उन्होंने बैड का डायरेक्शन ठीक करवाया, तभी सोए। जो धोती कुर्ता पहनकर भारत का गाँव गाँव नापने वाला व्यक्ति अपने निजी जीवन में हिन्दू जीवनचर्या की छोटी छोटी बातों का हठ के साथ पालन करता है वह श्रीराममंदिर के संदर्भ में किस हद तक विचारशील और जुझारू होगा, समझा जा सकता है। 

हरामजादे तो हमेशा रामजादों की पूंछ में आग लगाने की कोशिश करते आए हैं, अंजाम तो उलट पलटि सब लंका जारी ही हुआ है..

जय श्री सियाराम!!!

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