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सोमवार, 17 जनवरी 2022
माँ शाकम्बरी पूर्णिमा विशेष शाकम्बरी देवी की पौराणिक कथा
बाथरूम में मार्बल की टाइल्स पर फिसलन का डर होता है, कम खर्च में क्या उपाय करें कि फिसलन से सुरक्षित बचे रहें?
जब घर पे बच्चे और बुजुर्ग रहते हो तो यह एक सोचने वाली बात है की इसका उपाय कैसे डुंडा जाये क्यों की आज कल हर घर बाटरूम में टाइल्स डाली जाती है. दिखने में यह साफ़ सूत्रा और आकर्षक दिखाई देता है. लेकिन जब इस पर पानी डाला जाये तो पिसलने का डर रहता है. यंहा तक की कमर और घुटने भी चोट लग जाती है.
हमेशा बाटरूम सूखा रखिये
बाटरूम उसे करने के बाद वाइप करे
बाटरूम हर दिन साफ़ करे
साबुन और शैम्पू को सोप स्टैंड में रखिये
ऑनलाइन स्टोर में बाटरूम के लिए ही मैट्स मिलते है. उसका उपयोग करे
हलाल: एक आर्थिक जिहाद - जय आहूजा - जिस भी ब्रांड पर यह ये हलाल हरे कलर का लोगो प्रिंट हो उसका सम्पूर्ण बहिष्कार करें
विगत समय में “हलाल” चर्चा और विवाद का विषय बना, जब ज़ोमाटो, मॅक्डोनाल्ड आदि संस्थाओं ने यह स्पष्टीकरण दिया कि उनके यहाँ प्रयोग में लाया जाने वाला सारा मांस “हलाल” ही होता है। इस इण्डिक संवाद में श्री जय आहूजा द्वारा “हलाल” से हिन्दू समाज और व्यापार पर पड़ने वाले प्रभावों की समीक्षा की गई है।
वे इस्लामी मत में “हलाल” की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए बताते हैं कि इसके ध्येयानुसार किसी भी पदार्थ के उत्पादन, विपणन आदि में इस्लामी मजहबी विधि का पालन किया जाना आवश्यक है और इस प्रक्रिया में किसी गैर-मुस्लिम को लाभ नहीं पहुँचना चाहिए। इस दुराग्रह के परिणामस्वरूप गैर-मुस्लिमों का खाद्य व्यापार, विशेषतः मांस-व्यापार से बहिष्कार हो रहा है। “हलाल” का दुराग्रह अब मांस-पदार्थों तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि शाकाहारी खाद्य पदार्थ, वस्त्र, कॉस्मेटिक आदि वस्तुओं को भी हलाल-सम्मत बनाकर व्यापार को भी मजहबी रंग दिया जा रहा है। ये एक प्रकार का ‘आर्थिक जिहाद’ है जिससे हिन्दू समाज के निर्धन वर्गों और व्यापारियों की मजहबी घेराबन्दी कर उनसे रोजगार छीना जा रहा है।
“हलाल” से आर्थिक हानि के साथ-साथ गैर-मुस्लिमों की धार्मिक आस्थाओं का भी हनन हो रहा है। “हलाल” को एक षड्यन्त्र के तहत गैर-मुस्लिमों पर भी थोपा जा रहा है और फलस्वरूप अन्य विकल्प मिट जाने के कारण वे भी इस्लामी मजहबी विधान का पालन करने के लिए बाध्य हो रहे हैं।
इस वीडियों को अवश्य देखें और “हलाल” के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक बनें।
खाने पिने की वस्तुओ
पर ये हलाल हरे कलर का लोगो प्रिंट होता है
जिस भी ब्रांड पर यह प्रिंट हो
उसका सम्पूर्ण बहिष्कार करें
और
उस दूकान वाले को बोले की ये हलाल वाला
ब्रांड हमें नहीं चाइए
- राष्ट्र व 🚩धर्म निर्माण मे सहयोग करें 🙏
चुनाव सोशल मीडिया पर ही लड़ा जाने वाला है इसलिए
आप से कुछ प्रार्थना है....
- चुनाव सोशल मीडिया पर ही लड़ा जाने वाला है इसलिए अब व्हाट्सएप के माध्यम से योगी जी के पक्ष में जनसमर्थन जुटाने के लिए मैं ज्यादा से ज्यादा लेख लिखने वाला हूं
-आपसे ये प्रार्थना है कि आप मेरे लेख चाहे अच्छे लगें या नहीं लगें... लेकिन उनको अपने परिवार... रिश्तेदारों... ग्रुप्स... दोस्तों और खासकर हिंदुओं को जरूर फारवर्ड करते रहिएगा... जब बूथ लेवल पर बने व्हाट्सएप ग्रुप्स में ये लेख पहुंचेंगे तो हिंदुओं को गोलबंद करना बहुत आसान होता जाएगा
-मैं योगी जी और श्रीराम मंदिर निर्माण की वजह से बीजेपी के समर्थन में लेख लिखता रहा हूं आगे भी लिखता रहूंगा तो आप ये मत समझ लेना कि हमें बीजेपी से कोई पैसा मिलता है... हमने अपना घर-बार परिवार सब छोड़कर सारा समय बिना किसी स्वार्थ के देश को समर्पित कर दिया है... मेरी सेवा को आप निस्वार्थ समझना
-लेखों के बीच में मेरा मोबाइल नंबर दिया होता है... उसको आप मत हटाना क्योंकि जैसे आप मुझसे मोबाइल नंबर से जुड़े हैं वैसे ही दूसरे लोग भी मोबाइल नंबर से ही जुड़ते हैं जब लोग साथ आएंगे तभी कारवां आगे बढ़ेगा इसी कारवें से ही हिंदुत्व की क्रांति का सूर्य उदय होगा
-मैं आपको कभी कभी विशेष परिस्थितियों में अपने ट्विटर लिंक भी दिया करूंगा अगर आप ट्विटर पर हैं तो उसको लाइक शेयर रीट्वीट करते रहिएगा और नहीं हैं तो भी कोई बात नहीं आप ग्रुप में शेयर कर देना जिसकी मर्जी होगी वह कर लेगा
-योगी जी को अगर 320 से ज्यादा सीटें नहीं मिलती हैं तो ब्रांड योगी कमजोर होगा और अगर कमजोर हुआ तो फिर हिंदुत्व भी कमजोर हो जाएगा इसलिए जीत के लिए कार्य नहीं करना है 350 सीट का लक्ष्य लेकर जोरदार तरीके से प्रचार करना है
-आपका स्नेह और आशीर्वाद मुझको बराबर मिलता रहा है... मेरी तरफ से कोई गलती हो तो क्षमा कीजिएगा...
धन्यवाद
भारत माता की जय
वंदेमातरम
जय श्री राम
हम जिएंगे या मरेंगे... ऐ वतन तेरे लिए !
हमने हिंदू बनकर 2014 और 2019 में वोट दिए तो आज देश में .............
ये कहानी अधिकांश मित्रों ने सुनी, पढ़ी होगी लेकिन आज भी बहुत प्रासंगिक है और शिक्षाप्रद भी है -
एक बार अकबर ने बीरबल से कहा कि उसे ये पता करना है कि उसके दरबार में कितने लोग ईमानदार हैं, ये कैसे पता चलेगा?
बीरबल ने कुछ दिनों का समय माँगा फिर अकबर के पास गए और उन्हें एक प्रयोग बताया जिससे कि पता चल जाएगा कि दरबार में कितने लोग ईमानदार हैं।
अकबर को इतना समझ नहीं आया चूँकि बीरबल ने कहा है इसलिए उसने हामी भर दी।
एक बड़े से कढ़ाव को थोड़ा ऊँचाई पर रखा गया और उस तक पहुँचने के लिये एक सीढ़ी रखी गई, सीढ़ी की ऊँचाई इतनी ही थी कि थोड़ा हाथ ऊपर करने पर कढ़ाव तक पहुँच सकता था।
सभी दरबारियों से कहा गया कि आधी रात को सबको इसमें एक एक लोटा दूध डालना है। दरबारियों को कुछ पता नहीं था कि ये सब क्यों करवाया जा रहा है।
चूँकि अकबर का आदेश था तो सबको मानना ही था, सो सबने जाकर ये काम कर दिया।
अगले दिन दरबार सजा और उस कढ़ाव को लाया गया लेकिन उसे देखकर अकबर और सारे के सारे दरबारी अचंभित और अवाक रह गए क्योंकि उस कढ़ाव में केवल पानी ही भरा हुआ था।
सबने ये सोचकर एक लोटा पानी भर दिया कि मेरे अकेले के पानी भरने से किसी को क्या पता चलेगा??
इसी तरह "आएगा तो योगी ही" सोचकर, बोलने से योगीजी नहीं आयेंगे, मतदान के हर चरण में हर सच्चे सनातनी, राष्ट्रभक्त को अपने घर से निकलकर वोट करने जाना होगा और अपने सभी मित्रों, परिजनों, अड़ोसी, पड़ोसी सबको ले जाकर वोट डलवाने होंगे।
अटलजी के "शाइनिंग इंडिया" के जैसे "आएगा तो योगी ही" का हश्र नहीं होने देना है इसका सभी को ध्यान रखना है।
ना केवल उत्तरप्रदेश बल्कि गोवा, उत्तराखंड, पंजाब के सभी सच्चे सनातनियों, राष्ट्रभक्तों को यही करना है।
अपनी जाति, मनपसंद उम्मीदवार का ना होना भूलकर केवल हिन्दू बनकर "कमल का बटन" दबाना है।
ध्यान रखिये चुनावों से पहले धूर्त नेताओं के लिए आप केवल जातियों में बँटे हिंदू होते हैं और चुनाव के बाद केवल हिंदू, तभी न अखिलेश जैसा मुख्यमंत्री दो बजे बाद होली खेलने पर प्रतिबंध लगा देता था, कावड़ यात्रा निकलने नहीं देता था, डीजे नहीं बजने देता था।
हमने हिंदू बनकर 2014 और 2019 में वोट दिए तो आज देश में घोटाले बंद हो गए, आतंकी हमले कश्मीर तक सीमित रह गए, राम मंदिर का निर्णय हमारे पक्ष में हुआ, राम मंदिर का निर्माण शुरू हो गया, काशी में शानदार विश्वनाथ कॉरिडोर बन गया, को रो ना जैसी महामारी में इतनी बड़ी आबादी के होते हुए भी बहुत ज़्यादा नुकसान नहीं झेलना पड़ा।
विश्व का सबसे बड़ा और सबसे श्रेष्ठ वैक्सीनेशन ड्राइव भारत में हुआ और उसमें भी विशेष बात ये कि सारी वैक्सीन देश में ही तैयार हुई हमें किसी अन्य देश पर आश्रित नहीं होना पड़ा।
यदि इस समय कांग्रेस केंद्र में होती तो यकीन मानिये आधा देश सो चुका होता।
वोट उन्हें दीजिये जिनकी नीयत में खोट नहीं है।
साभार
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