अजा एकादशी आज
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अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य फल देने वाला है ये व्रत
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एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित माना गया है। वहीं अजा एकादशी का व्रत भाद्रपद मास में पड़ता है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने और विष्णु जी के पूजन से अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है।
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर साल 24 एकादशी व्रत पड़ते हैं। ये व्रत भगवान विष्णु को समर्पित हैं। इनमें से एक अजा एकादशी का व्रत भाद्रपद (भादो) मास में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आता है। इस साल अजा एकादशी का व्रत 23 अगस्त 2022 को रखा जाएगा।
अजा एकादशी की तिथि
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भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 23 अगस्त 2022 को सुबह 07:02 बजे से होगा और एकादशी तिथि का समापन 24 अगस्त 2022 को सुबह 05:09 बजे होगा।
अजा एकादशी व्रत की पूजा विधि
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अजा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और नित्य कर्मों से निपटकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत में बाल धोकर नहीं नहाना चाहिए। वहीं इस दिन साबुन और शैंपू के इस्तेमाल की भी मनाही है।
इसके बाद घर के पूजा स्थल की सफाई करके पूर्व दिशा की तरफ एक लकड़ी की चौकी रखें। इस पर एक पीला कपड़ा बिछाएं। इसके पश्चात चौकी पर भगवान विष्णु की या तस्वीर स्थापित करें। विष्णु जी को चंदन का तिलक लगाकर अक्षत, फूल, माला, फल और नैवेद्य आदि अर्पित करें। ध्यान रहे कि विष्णु जी की पूजा में तुलसी दल जरूर चढ़ाएं। पूजन के बाद अजा एकादशी व्रत की कथा पढ़ें और सुनें। माना जाता है कि इस दिन विष्णु चालीसा और विष्णु स्तुति का पाठ करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आती है। फिर आखिर में भगवान विष्णु की आरती उतारें।
अजा एकादशी व्रत का महत्व
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पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्रीराम ने अपने समय में अश्वमेध यज्ञ किया था और इसी यज्ञ के फलस्वरूप उन्हें लव कुश से मिलने का अवसर प्राप्त हुआ था। धार्मिक मान्यता है कि अजा एकादशी के व्रत को करने से मनुष्य के पिछले जन्म के सभी पापों का नाश होता है और उसे अश्वमेध यज्ञ को करने के बराबर पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
अजा एकादशी व्रत कथा
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ऐसा कहा जाता है कि राजा हरिश्चन्द्र अपनी सत्यनिष्ठा और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे। एक बार देवताओं ने इनकी परीक्षा लेने की योजना बनाई। राजा ने स्वप्न में देखा कि ऋषि विश्वामित्र को उन्होंने अपना राजपाट दान कर दिया है। जब अगले दिन राजा हरिश्चन्द्र विश्वामित्र को अपना समस्त राज-पाठ को सौंप कर जाने लगे तो विश्वामित्र ने राजा हरिश्चन्द्र से दक्षिणा स्वरुप 500 स्वर्ण मुद्राएं दान में मांगी। राजा ने उनसे कहा कि पांच सौ क्या, आप जितनी चाहे स्वर्ण मुद्राएं ले लीजिए। इस पर विश्वामित्र हँसने लगे और राजा को याद दिलाया कि राजपाट के साथ राज्य का कोष भी वे दान कर चुके हैं और दान की हुई वस्तु को दोबारा दान नहीं की जाती। तब राजा ने अपनी पत्नी और पुत्र को बेचकर स्वर्ण मुद्राएं हासिल की, लेकिन वो भी पांच सौ नहीं हो पाईं। राजा हरिश्चंद्र ने खुद को भी बेच डाला और सोने की सभी मुद्राएं विश्वामित्र को दान में दे दीं। राजा हरिश्चंद्र ने खुद को जहां बेचा था वह श्मशान का चांडाल था। चांडाल ने राजा हरिश्चन्द्र को श्मशान भूमि में दाह संस्कार के लिए कर वसूली का काम दे दिया।
एक दिन राजा हरिश्चंद्र ने एकादशी का व्रत रखा हुआ था। आधी रात का समय था और राजा श्मशान के द्वार पर पहरा दे रहे थे। बेहद अंधेरा था, इतने में ही वहां एक लाचार और निर्धन स्त्री बिलखते हुए पहुंची जिसके हाथ में अपने पुत्र का शव था। राजा हरिश्चन्द्र ने अपने धर्म का पालन करते हुए पत्नी से भी पुत्र के दाह संस्कार हेतु कर मांगा। पत्नी के पास कर चुकाने के लिए धन नहीं था इसलिए उसने अपनी साड़ी का आधा हिस्सा फाड़कर राजा का दे दिया। उसी समय भगवान प्रकट हुए और उन्होंने राजा से कहा, “हे हरिश्चंद्र, इस संसार में तुमने सत्य को जीवन में धारण करने का उच्चतम आदर्श स्थापित किया है। तुम्हारी कर्त्तव्यनिष्ठा महान है, तुम इतिहास में अमर रहोगे।” इतने में ही राजा का बेटा रोहिताश जीवित हो उठा। ईश्वर की अनुमति से विश्वामित्र ने भी हरिश्चंद्र का राजपाट उन्हें वापस लौटा दिया।
जय श्री कृष्णा, ब्लॉग में आपका स्वागत है यह ब्लॉग मैंने अपनी रूची के अनुसार बनाया है इसमें जो भी सामग्री दी जा रही है कहीं न कहीं से ली गई है। अगर किसी के कॉपी राइट का उल्लघन होता है तो मुझे क्षमा करें। मैं हर इंसान के लिए ज्ञान के प्रसार के बारे में सोच कर इस ब्लॉग को बनाए रख रहा हूँ। धन्यवाद, "साँवरिया " #organic #sanwariya #latest #india www.sanwariya.org/
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मंगलवार, 23 अगस्त 2022
इस साल अजा एकादशी का व्रत 23 अगस्त 2022 को रखा जाएगा।
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हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत स्वतंत्रता दिवस अवसर पर देश भर में 20 करोड़ से अधिक घरों पर तिरंगा झंडा फहराया जाएगा
इस अभियान के तहत प्रत्येक नागरिकों को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने के लिए सरकार प्रोत्साहित करेगी।
हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत
स्वतंत्रता दिवस अवसर पर अगले महीने तक तीनों दिन तक ( 13 अगस्त से 15
अगस्त तक) देश भर में 20 करोड़ से अधिक घरों पर इस अभियान के तहत तिरंगा
झंडा फहराया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के सभी
मुख्यमंत्री एवं केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और प्रशासकों के साथ
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत इस अभियान की तैयारी को लेकर समीक्षा की है। इस अभियान
के अंतर्गत 13 से 15 अगस्त तक जनभागीदारी से सभी घरों में तिरंगा झंडा
फहराया जाएगा। जिसमें सभी सरकारी एवं निजी प्रतिष्ठान शामिल होंगे। इसके
साथ सभी नागरिकों को अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम टि्वटर और अन्य सोशल मीडिया
अकाउंट पर तिरंगा प्रदर्शित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
हर घर तिरंगा फहराने का उद्देश्य | Purpose of Har Ghar Tiranga
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आजादी के 75 वें वर्षगांठ पर आजादी के अमृत महोत्सव को मनाने के दौरान देश के प्रत्येक नागरिक को अपने घरों में तिरंगा लगाने और इसे फहराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया है। प्रधानमंत्री का कहना है कि इस अभियान के पीछे लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना को जागृत करना एवं जनभागीदारी की भावना से देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के वर्षगांठ के अवसर पर आजादी के अमृत महोत्सव को मनाना है। 13 से 15 अगस्त के बीच प्रत्येक नागरिक द्वारी अपने घरों में तिरंगा झंडा फहराया जाएगा। इस अभियान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जुलाई को ट्वीट करते हुए कहा है कि इस साल देश के प्रत्येक नागरिक आजादी के अमृत महोत्सव मनाने जा रहे हैं जिसमें हर घर 13 से 15 अगस्त के बीच भारत के प्रत्येक व्यक्ति अपने घरों में तिरंगा को लहराएंगे। जिससे देश के प्रत्येक नागरिक के अंदर स्वतंत्रता आंदोलन और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति जुड़ाव और लगाव अधिक गहरा होगा।
हर घर तिरंगा अभियान के तहत झंडा फहराने का नियम | Rule Of Har Ghar Tiranga
केंद्र सरकार ने 15 अगस्त को 20 करोड़ घरों में जनभागीदारी से तिरंगा झंडा फहराने के लिए राष्ट्रीय अभियान हर घर तिरंगा अभियान पहल शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े कुछ नियम निकाले हैं। आइए जानते हैं उन नियमों के बारे में – अगर कोई भी व्यक्ति इस नियम के अनुसार तिरंगा झंडा नहीं फहराता है, तब उन पर सख्त से सख्त कड़ी कार्यवाही भी हो सकती है। इसके लिए भारत सरकार द्वारा जारी फ्लैग कोड 2002 तैयार किया गया है। यह कोड राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग, फहराने और प्रदर्शन से जुड़ी गाइडलाइन को बताता है और इस गाइडलाइन को 26 जनवरी 2002 में लागू किया था। इस अभियान के तहत हर घर तिरंगा अभियान में जनभागीदारी से तिरंगा झंडा फहराए जाना है।
1.हर घर तिरंगा अभियान में झंडे का प्रयोग किसी भी व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
2. किसी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए भी झंडे को नहीं झुकाया जाएगा।
3. झंडे का प्रयोग किसी भी पोशाक, वर्दी के रूप में नहीं किया जाएगा, साथ ही झंडे को किसी भी रुमाल, तकिए या अन्य कपड़े पर नहीं छापा जाएगा।
4. झंडे का प्रयोग किसी भी भवन में पर्दा लगाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
5. किसी भी प्रकार के अधिसूचना, विज्ञापन, अभिलेख ध्वज पर नहीं लिखा जाना चाहिए।
6. इसके साथ-साथ झंडे को वाहन, रेलगाड़ी, वायुयान की छत को ढकने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
7. इसके साथ-साथ किसी दूसरे झंडे को भारतीय झंडे के बराबर या उसके ऊंचाई पर नहीं फहराया जाएगा।
इस अभियान का उद्देश्य | Main Objective of This Mission
इसका मुख्य लक्ष्य नागरिकों के दिलों में देशभक्ति की भावना पैदा करना और राष्ट्रीय ध्वज के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। भारत में राष्ट्रीय ध्वज को कैसे नियंत्रित किया जाता है यह भारत के ध्वज संहिता 2002 भारत सरकार द्वारा तैयार किया गया है। यह राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग, प्रदर्शनी और फहराने पर गाइडलाइन प्रोवाइड करता है। भारत का ध्वज संहिता 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया था। जो कि प्राइवेट पब्लिक और गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन द्वारा ध्वज के प्रदर्शन को नियंत्रित करता है।
फ्लैग के साथ सेल्फी क्या है और संस्कृति मंत्रालय ने हर घर तिरंगा योजना के लिए वेबसाइट क्यों लॉन्च की है?
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने हर घर तिरंगा योजना के लिए लोगों को और अधिक उत्साहित एवं जागरूक करने के लिए एक वेबसाइट लॉन्च की है। जिसमें देश का कोई भी नागरिक झंडा लगा सकता है और अपने देशभक्ति को दिखाने के लिए तिरंगा झंडा के साथ सेल्फी लेकर इस वेबसाइट पर पोस्ट कर सकता है। इस साल स्वतंत्रता दिवस के 75 साल पूरा होने पर देश में आजादी का अमृत महोत्सव का पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया है। भारत के आजादी के 75 गौरवशाली सालों को मनाने के लिए इस महोत्सव की शुरुआत की गई है। जिसमें देश के 28 राज्यों, 8 केंद्र शासित प्रदेशों और 150 से अधिक देशों में 50,000 से अधिक इस आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत सफलतापूर्वक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। जो कि अब तक का सबसे बड़े कार्यक्रमों में से एक है।
केंद्र सरकार हर घर तिरंगा अभियान पर कितना और कैसे खर्च कर रही है
केंद्र सरकार ने इस साल आजादी के अमृत महोत्सव अभियान के तहत देश के 20 करोड़ घरों में झंडा फहराने का लक्ष्य तय किया है। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स सीएआईटी के अनुसार भारत में फिलहाल 4 करोड़ झंडे उपलब्ध है और बाकी के झंडों का आर्डर राज्य एवं केंद्र सरकार को अपने स्तर पर निर्माण कर बिक्री के जगह पहुंचाना होगा। केंद्र सरकार के अनुसार झंडे 3 साइज में उपलब्ध होंगे और तीनों की कीमत भी अलग-अलग तय की जाएगी। इन तीनों झंडों के साइज के अनुसार इनका कीमत ₹9, ₹18 और ₹25 रुपये केंद्र सरकार ने तय किया है।
झंडा बनाने वाली कंपनियां शुरुआत में केंद्र और राज्य सरकार को झंडा उधार पर उपलब्ध करवाएंगे। देश के उन सभी नागरिकों को अपने पैसे से झंडा खरीदना होगा। जो आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर अपने घरों में झंडा फहराएंगे। 1 अगस्त से डाक घरों पर भी झंडा उपलब्ध होगा। केंद्र सरकार के 20 करोड़ घरों पर झंडा फहराने के लक्ष्य में अगर झंडे का न्यूनतम कीमत ₹10 भी होता है। तो इस अभियान में कुल 200 करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद है और यह 200 करोड़ उन्हीं लोगों के जेब से आएंगे जो झंडे खरीदेंगे और झंडा बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह छोटे और मध्यम उद्योग जैसे से जुड़े व्यापारी और बिजनेस हाउस को झंडा बनाने के लिए टेंडर दिया गया है। ताकि ज्यादा से ज्यादा मात्रा में लोगों को झंडा उपलब्ध हो सके।
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