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गुरुवार, 29 फ़रवरी 2024

60 से अधिक उम्र के लोगों के साथ साझा करना अच्छा है*

*हम सभी बुजुर्गों को य़ह जानना ज़रूरी !!*

 "मेडिकल कॉलेज में, प्रोफेसर छात्रों को क्लिनिकल मेडिसिन पढ़ा रहे थे, उन्होंने ।

 👉निम्नलिखित प्रश्न पूछा:
✨ "बुजुर्गों में मानसिक भ्रम के क्या कारण हैं?"

✨कुछ लोग उत्तर देते हैं: "सिर में ट्यूमर"।
 
 ✨उसने उत्तर दिया: नहीं!
 
 
👉अन्य सुझाव देते हैं:
 "अल्जाइमर के प्रारंभिक लक्षण"।
 
 ✨उसने फिर उत्तर दिया: नहीं!
  
✨ उनके उत्तरों की प्रत्येक अस्वीकृति के साथ, जिज्ञासा और बढ़ जाती है!!
 
 👉और जब उन्होंने सबसे आम कारण सूचीबद्ध किया 
तो 
कारण बेहद चौकाने वाला था!!

👉जवाब - निर्जलीकरण
  

✨इस वजह कि तरफ साधारणतः हमारा ध्यान भी नहीं जाता है!!
 
✨लेकिन 
ऐसा ही है
 
 ✨60 वर्ष से 
अधिक उम्र के 
लोगों को आमतौर पर प्यास लगना बंद हो जाती है 
और 
परिणामस्वरूप, तरल पदार्थ पीना बंद कर देते हैं।

 ✨जब उन्हें 
तरल पदार्थ पीने की याद दिलाने वाला कोई नहीं होता, 
तो 
वे जल्दी ही निर्जलित हो जाते हैं।

 
 ✨निर्जलीकरण गंभीर है और 
पूरे शरीर को प्रभावित करता है। 

 ✨इससे अचानक मानसिक भ्रम, 
रक्तचाप में गिरावट,
 दिल की धड़कन में वृद्धि, एनजाइना (सीने में दर्द), कोमा 
और
 यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
  
✨ तरल पदार्थ पीना भूलने की यह आदत 60 साल की उम्र में 
शुरू होती है, 

✨जब हमारे शरीर में जितना पानी होना चाहिए, 
उसका 50% से कुछ अधिक ही होता है।

✨ 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के पास पानी का भंडार कम होता है। 

 ✨यह प्राकृतिक उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का हिस्सा है।
  
✨ लेकिन जटिलताएं 
और भी हैं.  
हालाँकि वे निर्जलित हैं, फिर भी उन्हें पानी पीने का मन नहीं करता,

 ✨क्योंकि उनका आंतरिक संतुलन तंत्र बहुत अच्छी तरह से काम नहीं करता है।
 
✨ निष्कर्ष:
  
 60 वर्ष से अधिक उम्र के ✨लोग आसानी से निर्जलित हो जाते हैं, 
केवल इसलिए नहीं कि उनके पास पानी की आपूर्ति कम है;  
बल्कि 
इसलिए भी कि उन्हें शरीर में पानी की कमी महसूस न हो.

✨ हालाँकि 60 से अधिक उम्र के लोग स्वस्थ दिख सकते हैं, 
लेकिन प्रतिक्रियाओं और रासायनिक कार्यों का प्रदर्शन उनके पूरे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
  
👉 तो यहाँ दो चेतावनियाँ हैं:

 1) तरल पदार्थ पीने की आदत डालें। 
 तरल पदार्थों में पानी, जूस, चाय, नारियल पानी, सूप

✨ और 
पानी से भरपूर फल जैसे तरबूज,
 खरबूजा, आड़ू और अनानास शामिल हैं; संतरा और कीनू भी काम करते हैं।
  
✨ खास बात यह है कि हर दो घंटे में कुछ तरल पदार्थ जरूर पीना चाहिए।

 यह याद रखना!
 
 2) परिवार के सदस्यों के लिए अलर्ट: 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को लगातार तरल पदार्थ देते रहें। 
साथ ही उन पर नजर रखें।
  
✨ यदि आपको पता चलता है कि
 वे तरल पदार्थों को अस्वीकार कर रहे हैं 
और,
 एक दिन से दूसरे दिन, वे चिड़चिड़े हो जाते हैं, 
सांस फूलने लगते हैं 
या ध्यान की कमी प्रदर्शित करते हैं, 
तो ये लगभग निश्चित रूप से निर्जलीकरण के आवर्ती लक्षण हैं।
 
✨ अब और अधिक पानी पीने के लिए प्रेरित??

✨ यह जानकारी दूसरों तक भेजें.  
आपके मित्रों और परिवार को स्वयं जानने और आपको स्वस्थ और खुश रहने में मदद करने की आवश्यकता है।
  
✨ *60 से अधिक उम्र के लोगों के साथ साझा करना अच्छा है*

सोमवार, 26 फ़रवरी 2024

फिटकरी- फेफड़े की तमाम दिक्कतों में रामबाण दवाई है यह ।

⚫⚫⚫

फिटकरी....
100 ग्राम फिटकरी तवे पर रखिये। पिघल जाए तो उसे ठंडा कर लीजिए। उसे तवे से उतार कर कूट कर डिब्बी में डालकर रख लें। 

यह आपकी रामबाण दवाई है।

◾जो फेंफड़े सीज हों, दमा हो या दिल कमजोर हो, बलगम हो उसे दी जा सकती है।

◾किसी के दांत में दर्द हो तो इससे कुल्ला करो।

◾किसी घाव पर लगाओ।

◾इसे बाल्टी में डालकर उस पानी से नहाओ।

◾सब्जियां धो लो आदि।

यह एकमात्र ऐसा सेनिटाइजर है जिसका सेवन किया जा सकता है।

एक चुटकी फिटकरी का भुना हुआ पाउडर लें। 1चम्मच शहद लें, पांच बूंद अदरक के रस की डालें और पीड़ित को चटा दें। 

एक dose सुबह एक dose शाम। कुल दो दिन में चार dose.
फेफड़े की तमाम दिक्कतों में रामबाण दवाई है यह ।

इस दवाई ने डेथ बेड से रोगी को उठाया जब उनके फेफड़े न्यूमोनिया और बलगम से सीज हो गए थे और डाक्टर ने जवाब दे दिया था । 

आप समझ गए न यह किस बीमारी की दवाई है। इसuलिए अपनी बीमारी का इलाज खुद कीजिए घरेलू चिकित्सा से...

शनिवार, 24 फ़रवरी 2024

कुछ लोग कह रहे हैं कि आज अगर रोटी खाई है तो किसानों का धन्यवाद कहिये, क्योंकि वह अन्नदाता है l

*अपनों से कुछ अपने मन की बात*


कुछ लोग कह रहे हैं कि आज अगर रोटी खाई है तो किसानों का धन्यवाद कहिये, क्योंकि वह अन्नदाता है l

 
अगर वह अन्न की पैदावार नहीं करता तो हमें अन्न खाने को नहीं मिलता ...बिल्कुल, धन्यवाद ।


लेकिन मेरा धन्यवाद साथ में टाटा, रिलायंस, इन्फोसिस, महिन्द्रा, टीवीएस जुपिटर, हाँडा एक्टिवा, बजाज, ओरियन्ट, ऊषा, क्राम्पटन, मारुति सुजुकी, हीरो, एवरेडी, ले लैन्ड, अमूल, मदर डेरी, पराग, एम डी एच मसाले, गोल्डी, बीकानेरी भुजिया, हल्दीराम, डॉक्टरों, सूचना तंत्र, बिजली कर्मियों और अन्य हजारों- लाखों उद्यमियों को भी कि जिन्होंने हमारे लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न किये जिससे हम किसानों से उनकी फसल खरीद पा रहे हैं और रोटी खा पा रहे हैं।
वरना, अभी तक मुझे तो कम से कम किसी ने मुफ़्त में गेँहू की बोरियाँ भिजवाई नहीं है।
नौकरी ना होती तो मुफ़्त में किसको धन्यवाद देता भाई?
हाँ, तुम अन्नदाता नहीं हो सिर्फ अन्न उत्पादक हो। अन्न दाता सिर्फ एक है, वो परमात्मा और तुम कभी परमात्मा की जगह नहीं ले सकते। अगर तुम खुद को अन्न दाता कहते हो तो हम भी कर दाता है, जिसके कारण तुम्हें मुफ्त में बिजली, पानी, कर्जमाफी व सब्सिडी की सुविधाएं मिल रही हैं।
भारतीय सरकार की मेहरबानी के कारण, ना तो भारतीय किसानों के ऊपर किसी प्रकार का कोई इनकम टैक्स या सेल्स टैक्स लगता है l उसके ऊपर से सरकार की तरफ से सरकारी पैसे के साथ किसानों को मुफ्त की सुविधाएं दी जाती हैं l
जैसे मुफ्त की बिजली, मुफ्त का पानी, कर्ज माफी और यहां तक की नगद में सहायता राशि भी सरकार द्वारा किसानों को प्रदान की जाती है l ऐसे में किसानों को सरकार से टकराव की बजाय सरकार का एहसानमंद होना चाहिए l
किसानों को किसी प्रकार से अपने आंदोलन की आड़ में देश के दूसरे नागरिकों को सड़के जाम करके और तोड़फोड़ करके परेशान करने का कोई हक नहीं है l
तुमको अन्नदाता का तगमा राजनेता लगा सकते हैं जिनको  तुष्टिकरण करके तुम्हारे वोटों का लालच हो , तो असलियत समझो और भगवान बनने की भूल मत करो ! अन्न उत्पादक का सम्मान भी तभी सम्भव होगा जब अन्न उत्पादक समाज के दूसरे वर्गों का सम्मान करें !
अगर किसान सिर्फ अन्न की पैदावार करके खुद को अन्नदाता कहलाता है या अन्नदाता समझता है तो हर इंसान किसी न किसी प्रकार का दाता है l जरा आप खुद पहचानिए की आप कौन से दाता हैं

आंखों के डॉक्टर -चक्षु दाता,
वस्त्र के निर्माता- वस्त्र दाता,
शिक्षक-शिक्षा दाता, वाहन निर्माता-वाहन दाता,
घर बनाने वाला मजदूर और होटल व्यवसाय व्यावसायी-आश्रय दाता,
न्यायालय में वकील और जज-न्याय दाता,
जल की पाइप पर का काम करने वाला -जल दाता,
सुनार-आभूषण दाता,
बिजली का काम करने वाले-विद्युत दाता,
लोगों तक समाचार पहुंचाने वाला मीडिया- सूचना दाता
आदि आदि
कोई दाता छूट गया हो तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं  l
मुझे क्षमा करके आप क्षमा दाता तो बन सकते हैं l
😜🤣😀🤔
दाता तो सिर्फ ईश्वर है,  जो बिना मांगे हमें बिना किसी मूल्य लिए इतना कुछ देता है इसलिए वह दाता कहलाता है l जिसमें पैसा लेकर वस्तु बेच दिया वह दाता कैसे हो सकता है l
बाकी नारी जो घर में सबको बिना किसी पैसा लिए खाना बनाकर खिलाती है सही मायने में अन्नदाता वही है l

किसी को पोस्ट अच्छी न लगे तो गेँहू-जीरी की बोरियाँ और सब्जियाँ मुफ्त वितरण करके अन्नदाता बनने का अनुभव महसूस करे  ।
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#किसानआंदोलन
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शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2024

अपने अस्तित्व, अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए…!! हमें जागना होगा

हमें जागना होगा


एक आदमी एक मुर्गा खरीद कर लाया। एक दिन वह मुर्गे को मारना चाहता था, इसलिए उस ने मुर्गे को मारने का बहाना सोचा और मुर्गे से कहा, “तुम कल से बाँग नहीं दोगे, नहीं तो मै तुम्हें मार डालूँगा।” मुर्गे ने कहा, “ठीक है, सर, जो भी आप चाहते हैं, वैसा ही होगा !” सुबह , जैसे ही मुर्गे के बाँग का समय हुआ, मालिक ने देखा कि मुर्गा बाँग नहीं दे रहा है, लेकिन हमेशा की तरह, अपने पंख फड़फड़ा रहा है।  मालिक ने अगला आदेश जारी किया कि कल से तुम अपने पंख भी नहीं फड़फड़ाओगे, नहीं तो मैं वध कर दूँगा। अगली सुबह, बाँग के समय, मुर्गे ने आज्ञा का पालन करते हुए अपने पंख नहीं फड़फड़ाए, लेकिन आदत से, मजबूर था, अपनी गर्दन को लंबा किया और उसे उठाया।

मालिक ने परेशान होकर अगला आदेश जारी कर दिया कि कल से गर्दन भी नहीं हिलनी चाहिए। अगले दिन मुर्गा चुपचाप मुर्गी बनकर सहमा रहा और कुछ नहीं किया। मालिक ने सोचा ये तो बात नहीं बनी, इस बार मालिक ने भी कुछ ऐसा सोचा जो वास्तव में मुर्गे के लिए नामुमकिन था।

मालिक ने कहा कि कल से तुम्हें अंडे देने होंगे नहीं तो मै तेरा वध कर दूँगा। अब मुर्गे को अपनी मौत साफ दिखाई देने लगी और वह बहुत रोया।  मालिक ने पूछा, “क्या बात है?” मौत के डर से रो रहे हो?…मुर्गे का जवाब बहुत सुंदर और सार्थक था। मुर्गा कहने लगा: “नहीं, मै इसलिए रो रहा हूँ कि, अंडे न देने पर मरने से बेहतर है बाँग देकर मरता…बाँग मेरी पहचान और अस्मिता थी ,मैंने सब कुछ त्याग दिया और तुम्हारी हर बात मानी , लेकिन जिसका इरादा ही मारने का हो तो उसके आगे समर्पण नहीं संघर्ष करने से ही जान बचाई जा सकती है, जो मैं नहीं कर सका…”

अपने अस्तित्व, अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए संघर्ष करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए…!! हमें जागना होगा…….

हम यहां मुर्गे की बात नहीं कर रहे हैं…!! विचार अवश्य करियेगा….!! हमें जागना होगा…..

जय श्रीराम


रविवार, 18 फ़रवरी 2024

इस छोटे से गांव में बनती है कैन्सर की चमत्कारी दवाँ, रोज़ाना देश-विदेश से आते हैं हज़ारों रोगी, इस उपयोगी जानकारी को शेयर कर लोगों का भला करे

 इस छोटे से गांव में बनती है कैन्सर की चमत्कारी दवाँ, रोज़ाना देश-विदेश से आते हैं हज़ारों रोगी, इस उपयोगी जानकारी को शेयर कर लोगों का भला करे



आज हम आपको कैन्सर और अन्य बड़े से बड़े और असाध्य रोगों का इलाज करने वाले वैद्य के बारे में बताने जा रहे है। इससे पहले आपसे निवेदन है की इस जानकारी को शेयर कर जनहित में पहुँचाये ताकि लोगों का भला हो वो रोग मुक्त हो जाए, इस जानकारी को पीड़ितों तक पहुँचाने पर लोग आपको आशीर्वाद देंगे और भला हो यही कहेंगे, इस अमूल्य जानकारी को शेयर कर मानवता का फ़र्ज़ निभाए। हम बात कर रहे है कान्हावाडी गांव की।

कान्हावाडी गांव जिला बेतुल यहाँ पर केन्सर का कारगर इलाज होता है और भी बहुत सारी बीमारिया ठीक होती है

वैद्य बाबूलाल पूरा पता बेतुल जिला से 35 km घोडाडोंगरी और वहाँ से कान्हावाडी 3km दूर है। मिलने का समय रविवार और मंगलवार सुबह 8 बजे से पर वहा पे नंबर बहुत लगते है इसलिये अगले दिन रात को जाना पड़ता है।

वैसे तो बैतूल जिले की ख्याति वैसे तो सतपुड़ा के जंगलों की वजह से है, लेकिन यहां के जंगलों में कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी को खत्म कर देने वाली बहुमूल्य जड़ी-बूटियां मिलने से भी यह देश-विदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। दवा लेने के लिए यहां बड़ी संख्या में मरीज पहुंचते हैं। घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के ग्राम कान्हावाड़ी में रहने वाले भगत बाबूलाल पिछले कई सालों से जड़ी-बूटी एवं औषधियों के द्वारा कैंसर जैसी बीमारी से लोगों को छुटकारा दिलाने में लगे हुए हैं। इस नेक कार्य के बदले में लोगों से वे एक रुपए तक नहीं लेते हैं। कैंसर बीमारी से निजात के लिए देश भर से लोग यहां अपना इलाज कराने आते हैं। चूंकि मरीजों को उनकी दवा से फायदा पहुंचता है इसलिए उनके यहां प्रत्येक रविवार एवं मंगलवार को दिखाने वालों का ताता लगा रहता है।

पूरा पता :

NAME : Bhagat Babu Lal

VILLAGE  : Kanhavadi

DISTRICT : Betul (Kanhavadi 35 KM Away From Betul)

TEHSIL : Ghoradongri (Kanhavadi 3 KM Away From Ghoradongri)

STATE : Madhya Pradesh

आपको एक दिन पहले से लगाना पड़ता है नंबर क्यूँकि यहाँ प्रतिदिन हज़ारों लोग आते है :

कान्हावाड़ी में इलाज के लिए बाहर से आने वाले लोगों को एक दिन पहले नंबर लगाना पड़ता है। एक दिन में करीब 1000 से ऊपर मरीज यहां इलाज के लिए पहुंचते हैं। खासकर महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए यहां एक दिन पहले ही रात में आ जाते हैं। सुबह से नंबर लगाकर अपनी बारी आने का इंतजार करना पड़ता है। कई बार भीड़ अधिक होने के कारण पांच से छह तक लग जाते हैं। बताया गया कि मुम्बई, लखनऊ, भोपाल, दिल्ली सहित देश भर से लोग जिन्हें पता लगता है वे यहां कैंसरे से छुटकारे की आस लेकर पहुंचते हैं। वैसे अभी तक यह सुनने में नहीं आया कि यहां से इलाज कराने के बाद मायूस लौटा हो। यहीं कारण है कि बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं।

आपको जड़ी-बूटी के इलाज के साथ परहेज भी करना होगा :

भगत बाबूलाल जो जड़ी-बूटी देते हैं उसका असर परहेज करने पर ही होता है। जड़ी-बूटियों से इलाज के दौरान मांस-मदिरा सहित अन्य प्रकार की सब्जियां प्रतिबंधित कर दी जाती है। जिसका कड़ाई से पालन करना होता है। तभी इन जड़ी-बूटी दवाईयों का असर होता है। वैसे जिन लोगों ने नियमों का परिपालन कर दवाओं का सेवन किया हैं उन्हें काफी हद तक इससे छुटकारा मिला है। बताया गया कि भगत बाबूलाल सुबह से शाम तक खड़े रहकर ही मरीजों को देखते हैं। इलाज के मामले में वे इतने सिद्धहस्त हो चुके हैं कि नाड़ी पकड़कर ही मर्ज और उसका इलाज बता देते हैं।

सुचना : ये पोस्ट जनहित में जारी की गई है, कृपया लोगों तक पहचाएँ भला होगा।

शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2024

हड्डी का कमजोर होकर टूटना। हड्डी के अन्य रोगों का उपचार

हड्डी का कमजोर होकर टूटना....


हड्डी के अन्य रोगों का उपचार....

अधिकतर अधिक आयु के लोगों को यह रोग होता है। यह कैल्शियम की कमी से होता है। इसकी कमी से यह बच्चों में भी हो सकता है क्योंकि इसकी कमी से बच्चों के हाथ-पैरों की ह़ड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इस कारण से हल्का चोट लगने पर भी बच्चों की हड्डी टूट सकती हैं। सिर के बल गिरने से सिर में गड्ढे़ भी पड़ जाते हैं।

▪️कारण.....

          किसी ऊंचे स्थान से गिरना, दब जाना, टकराने से और चोट लगने से हड्डी टूट जाती है। इसे अस्थि भंग भी कहा जा सकता है।

▪️लक्षण.....

          हड्डी टूट जाने पर बहुत ही तेज दर्द होता है और शरीर में भी सूजन आ जाती है।

▪️विभिन्न औषधियों से उपचार.....

 ▪️मेथी....

मेथी के बीजों का पाउडर 5 से 10 ग्राम बच्चों को 3 से 6 ग्राम खिलाने से हडि्डयां मजबूत होती हैं।

 ▪️टमाटर.....

हडि्डयों की कमजोरी दूर करने के लिए टमाटर का सेवन उपयोगी है। टमाटर में फल और सब्जियों की अपेक्षा चूना अधिक पाया जाता है। चूना हडि्डयों को मजबूत बनाता है।


 ▪️चूना....

चूने को पानी में घोलकर छोड़ दें। कम से कम 6 घंटे बाद ऊपर से पानी निकालकर दूसरे बर्तन में या शीशी में डालकर रख दें। इसमें से 1 से 20 ग्राम रोज 3 बार खायें। इससे हड्डी की कमजोरी दूर होगी।

 ▪️बबूल.....

बबूल के बीजों का पाउडर शहद मिलाकर चाटने से टूटी हुई हड्डी भी जुड़ जाती है।

बबूल की जड़ का 6 ग्राम चूर्ण-शहद और बकरी के दूध में मिलाकर पीने से तीन दिन में ही टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।

बबूल के पंचाग का 6 ग्राम चूर्ण शहद और बकरी के दूध में मिलाकर पीने से तीन दिनों में ही टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।\

 ▪️शिलाजीत....

लगभग 100 ग्राम शिलाजीत को 100 ग्राम पीपल के दूध में घोटकर मटर के बराबर गोलियां बना लें और 2-2 गोली सुबह-शाम दूध के साथ लेने से टूटी हुई हड्डी जल्दी भी जुड़ जाती है।

लगभग 1 से 3 ग्राम तक शुद्ध शिलाजीत नियमित गाय के दूध के साथ खाने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है।

▪️मोरपंख....

चूना और मक्खन मिलाकर लगा दें और ऊपर से मोर के पंख के रोयों की पट्टी बांधने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। इसे 5 से 7 दिन बाद बदलते रहना लाभदायक भी है।

▪️विजयसार...

विजयसार की लकड़ी का चूर्ण 4 से 6 ग्राम तक सुबह-शाम दूध के साथ लेने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है और दर्द भी ठीक हो जाता है। साथ ही टूटी हुई हड्डी पर इसकी लकड़ी को घिसकर लेप भी करना चाहिए।

 ▪️नारियल की गिरी....

चार भाग नारियल की गिरी में एक भाग पिसी हुई हल्दी मिलाकर पोटली बांधकर गर्म-गर्म सेंक करना चाहिए।

▪️गेहूं....

लगभग 15 ग्राम गेहूं जलाकर उसकी राख में उतना ही गुड़ और घी मिलाकर कुछ दिनों तक चाटने से चोट के दर्द में लाभ होता है।

▪️सेंधानमक....

सेंधानमक तथा खांड मिलाकर फंकी लेने से चोट की पीड़ा मिट जाती है।

▪️हल्दी.....

हड्डी के टूटने पर नियमित हल्दी का सेवन करें। इससे फायदा मिलेगा। एक प्याज को पीसकर एक चम्मच हल्दी मिलाकर कपड़े में बांध लें। इसे तिल के तेल में रखकर गर्म करें और इससे फिर सेंक करें। कुछ देर तक सेंकने के बाद पोटली खोलकर दर्द वाले स्थान पर बांध दें। इससे हडि्डयों की कमजोरी दूर हो जाती है

 ▪️सोयाबीन...

सोयाबीन हडि्डयों से सम्बन्धित रोग जैसे हडि्डयों में क्षारता को दूर करता है। सोयाबीन को अपनाकर हम स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकते हैं। अस्थि क्षारता यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें हडि्डयां कमजोर हो जाती हैं और उसमें फैक्चर हो जाता है। हडि्डयां कैल्शियम लेना बंद कर देती है इसका परिणाम यह होता है कि हडि्डयां टूटती ज्यादा है और बनती कम हैं।

▪️अर्जुन...

अर्जुन की छाल दूध के साथ दें। इसमें सूजन तथा दर्द कम करने की शक्ति निहित है।

हड्डी टूटने पर, प्लास्टर चढ़ा हो, तो अर्जुन की छाल का महीन चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार एक कप दूध के साथ कुछ हफ्ते तक सेवन करने से हड्डी जल्द ही जुड़कर मजबूत हो जाती है। हड्डी जहां टूटी हो वहां पर छाल को घी में पीसकर लेप करें और पट्टी बांधकर रखें। इससे भी हड्डी शीघ्र जुड़ जाती है।

अर्जुन की छाल के बारीक चूर्ण की फंकी लेकर दूध पीने से टूटी हुई हड्डी जुड़ जाती है। चूर्ण को पानी के साथ पीसकर लेप करने से भी दर्द में आराम मिलता है।


गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024

आर्थिक आज़ादी का बिगुल-2*(यात्रा -प्रारम्भ.. ओर एक पड़ाव)

*आर्थिक आज़ादी का बिगुल-2*
(यात्रा -प्रारम्भ.. ओर एक पड़ाव)




   *कल मैंने आर्थिक आजादी* का बिगुल शीर्षक से एक आलेख लिखा,ओर उसमे जिक्र किया कि दुनिया मे गरीबी अभिशाप है,ओर इससे बाहर निकलना है..ओर साथ मे यह भी की यह मुश्किल नहि है...जरा सोचिए *एक केरु गांव का छोटा सा बच्चा , जिसकी उम्र महज़ 2 साल की हो,ओर पिताजी का साया नही रहे..वो कैसे आज जोधपूर के प्रमुख उद्योगपति बन गए*?वो आप ओर हमारे बीच मे रहते है,आप करीब से जानते है।आदरणीय सत्यनारायण जी धूत
*आप उनके जीवन का अध्ययन कीजिये*।उतनी न सही,लेकिन आपके जीवन की गाड़ी पटरी पर जरूर आजायेगी। किसी ने कहा,जब आप चांद को पाने के लिए उछलते हो तो,हो सकता है चांद हाथ लग जाये,नही तो सितारे जरूर आपकी मुट्ठी में होंगे।लेकिन कोशिश आपको करनी है।
नए लोगो के लिए एक बहाना स्पष्ठ रहता है कि पूंजी नही है,तो कैसे शरू करे।फिर दूसरा कोई कहेगा अनुभव नही है,बिना अनुभव के कैसे आगे बढ़े?और तीसरा कहेगा कि भावनात्मक परिपक्वता नही है,यानी साहस नही है। आज केवल इन 3 विषय पर बात करते है।
यदि अनुभव नही है,तो आप किसी के साथ वर्किंग पार्टनर की तरह आ सकते है,आज सूरत का व्यवसायिक मॉडल है,जो इसी पर टीका है।आपकी छवि ईमानदार और अच्छी है कोई आपको वर्किंग पार्टनर के रूप में ले लेगा।या जैसा हमारे जोधपुर के मेयर रहे श्री घनश्याम जी ओझा ने बहुत साल आर्यन जिंक में सर्विस की..ऐसा आप भी कर सकते है। आज एक सफल उधोगपति ही नही है,शहर के 5 साल मेयर भी रहे है।और आप जितने भी लोग आज आप को शहर में एक अच्छी पोजीशन में दिखते है,अधिकांश तय लोगो ने संव्य या उनके पिता जी ने या परिवार के किसी सदस्य ने पहले किसी के आधीन नोकरी की,काम सीखा ओर अपना काम किया?हज़ारो लाखों लोगों ने यही रास्ता अख्तियार किया।आप भी कर सकते है।फिर कोई कहेगा,चलो काम तो सीख गए,अब व्यापार कैसे शरू करे?हमारे पास पूंजी नही है?* *कभी अवसर आया तो इन सभी महान उधमियों के जीवन चरित्र आपके मध्य रखूंगा..उनके संघर्ष.. और उत्कर्ष की कहानी*..आप डिटेल में समझेंगे।लेकिन आज सार यह है कि आप अपना व्यवहार इतना श्रेष्ठ बनाओ की कोई आपको पैसा या माल उधार दे तो ,उसको सपने में भी नही लगना चाहिए कि,उसके पैसे जोखम में है।वो आपको कई बार कसौटी पर परखेगा..आप से आगे व्यवसाय नही करने की बात करेगा..आप से आज तक का हिसाब क्लियर करने की बात कहेगा,आपका असली चरित्र की पहचान अब होनी है।अब आपका जवाब क्या है? अब आप कितने रेस्पेक्ट से उनका खाता सेटल करते है। यदि इस कोटरी(परीक्षा)से आप बेदाग निकल गए,ओर यह खुशबू आपकी मार्किट में स्थापित हो गयी कि बन्दा व्यवहार  ओर लेंन देंन के चरित्र में अव्वल है..आप समझ लीजिए आपके जीवन की गाड़ी पटरी पर दौड़ पड़ेगी।
वरना अमूमन ओर बहुत से लोग इस ढलान पर फिसल जाते है, अब उनसे काम नही करना है,अगला उधार बन्द कर रहा है तो बेवजह कोई डिस्प्यूट खड़ा कर देगा,हिसाब में कोई लोचा डाल देगा..ऊंची ओर बदजबान से बात कर लेगा..आप समझिए यदि आप इस ढलान में फिसल गये, तो जीवन कठिन हो जाएगा।दूसरे लोग भी चमकने लगेंगे।सर्वत्र यह हवा फैल जाएगी..की आप व्यवहार कुशल नही है। मेरे पिताजी हमेशा यह सलाह देते थे,ऐसे समय मे यदि किसी को(दोनो पक्षो में से)नुकशान उठाना हो तो  भी यह आपको उठाना चाहिए।देखिए इस *तात्कालिक हानि का असर कैसे आपके उज्ज्वल व्यवसाय का भविष्य का आधार बनता है*। इसलिए वित्तीय व्यवहार  के लिए आपकी साख आपके व्यवसाय का वो ऑक्सीजन है,जब आप पहाड़ो पर चढ़ाई करेंगे,तो इसकी बहुत जरूरत होगी।
दूसरा आप ने काम सीख लिया,अब आप अपना कार्य करना चाहते है..आपके पास पूंजी नही है।आप अत्यंत छोटे स्केल पर शरू कीजिये..बाज़ार में उधार माल बेचने का रिवाज है..आप को यदि 30 दिन की उधार पर माल मिला है,आप उसको 30 दिन में भुगतान कीजिये..आपका माल उचित मुनाफा से 30 दिन का रोटेशन नही हो रहा है,तो आप मार्जिन कम कर लीजिए, आये मूल्य पर बेच दे, ओर समय पर भुगतान कर साख को बचा ले। आपके व्यवसाय का रोटेशन ठीक होने पर वो  उधार की लिमिट 30 से 45 दिन60 दिन कर देंगे..बड़े व्यापारियों को माल काटने वाला चाहिए,ओर पैसा सेफ चाहिए..यदि उसका आपने दिल जीत लिया तो आप को हीरो बना देगा। ऐसे में कई दफा आपके चरित्र की विभिन्न तरीके से परीक्षा होती है,कोई अन्य पर्तिस्पर्धी आपको आपके पहले सप्लाई कर्ता से अच्छे आफर दे कर आपको उससे तोड़ना चाहेगा.. तो ऐसे में पहले अगले का हिसाब जीरो करे, फिर शरू करे।वैसे श्रेष्ठ यह रहता है कि आपको उसके साथ ही बने रहना चाहिए..वो अपनी सम्पूर्ण ताकत आपके पीछे लगा देगा,आपको हारने नही देगा। आपके व्यवसाय में जब पैसे का रोटेशन होते दीख रहा है..तो आप उसको अपनी कैपिटल नही मान ले..।लोग तुरन्त बड़ी गाड़ी बड़े मकान में इन्वेस्टमेंट कर देते है।और अपना लेंन देन का सिस्टम खराब कर लेते है।आपको सख्ती से अपने को नियंत्रण में रखना है।पैसा जो है,आपके पास किसी की अमानत है।आप केवल अपने मार्ज़ीन या प्रॉफिट का ही इन्वेस्ट करे।आप कुछ दिनों में ही एक अलग लेवल पर होंगे।
*इसलिए बहाने बनाने छोड़े,पूंजी नही है,साहस नही है और अनुभव नही..आप इस कहानी को ,उक्त फॉर्मूले को आजमाए..आप के हाथ मे चांद नही तो सितारों से खाली नही होंगे*।
*रामानंद काबरा*
94140 70142

रविवार, 11 फ़रवरी 2024

गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं। जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है।



1-हर व्यक्ति जन्म लेता है गो-पुत्र के रूप में-इसलिये उसका एक गोत्र होता है।

2-हर व्यक्ति अपना विवाह मुहूर्त चाहता है -गो धूलि बेला में।

3-हर व्यक्ति मृत्यु के बाद जाना चाहता है गोलोक धाम,हर  आत्मा चाहती है गोलोकवास

4-हर जीव वैतरणी पार करना चाहता है -मृत्यु से पहले गो दान करके।
           सोचिये ! हर कामना पूरी करने के लिए गो माता का सहारा। लेकिन उसी गो माता की सेवा के लिए समय नही होता है।

     गो माता के विषय में कुछ रोचक जानकारी
1. गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनन्दपूर्वक चैन की सांस लेती है। वहाँ वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं। 

      2. जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस जगह देवी देवता पुष्प वर्षा करते हैं। 

3. गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे ; गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होती है। 

4. जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता है उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेती है। 

5. गौ माता के खुर्र में नागदेवता का वास होता है। जहाँ गौ माता विचरण करती है उस जगह सांप बिच्छू नहीं आते। 

6. गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता है।

7. गौ माता कि एक आँख में सुर्य व दूसरी आँख में चन्द्र देव का वास होता है।

8. गौ माता के दुध मे सुवर्ण तत्व पाया जाता है जो रोगों की क्षमता को कम करता है। 

9. गौ माता की पूँछ में हनुमानजी का वास होता है। किसी व्यक्ति को बुरी नजर हो जाये तो गौ माता की पूँछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है। 

10. गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता है, उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होती है। रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ में हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है। 

11. एक गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी देवताओं को भोग लग जाता है।

12. गौ माता के दूध घी मक्खन दही गोबर गोमुत्र से बने पंचगव्य हजारों रोगों की दवा है। इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते हैं।

13. जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है। 

14. गौ माता के चारों चरणों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है।

15. गौ माता के गर्भ से ही महान विद्वान धर्म रक्षक गौ कर्ण जी महाराज पैदा हुए थे। 

16. गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी देवताओं ने अवतार लिये हैं। 

17. जब गौ माता बछड़े को जन्म देती तब पहला दूध बांझ स्त्री को पिलाने से उनका बांझपन मिट जाता है। 

18. स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र को रोजाना दो तोला सात पट कपड़े में छानकर सेवन करने से सारे रोग मिट जाते हैं। 
19. गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी देखती है उनके ऊपर गौकृपा हो जाती है। 

20. काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते हैं। जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता है उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है। 

21. गाय एक चलता फिरता मंदिर है। हमारे सनातन धर्म में तैंतीस कोटि देवी देवता है, हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी देवताओं के मंदिर जा कर उनके दर्शन नहीं कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते हैं। 

22. कोई भी शुभ कार्य अटका हुआ हो बार-बार प्रयत्न करने पर भी सफल नहीं हो रहा हो तो गौ माता के कान में कहिये रूका हुआ काम बन जायेगा।

 23. गौ माता सर्व सुखों की दातार है। 

         हे मां आप अनंत ! आपके गुण अनंत ! इतना मुझमें सामर्थ्य नहीं कि मैं आपके गुणों का बखान कर सकूँ।
    *☆गोसेवा धर्म हमारा है*

सोमवार, 5 फ़रवरी 2024

आँखों की रोशनी बढ़ाने के आसान घरेलू योग,

आँखों की रोशनी बढ़ाने के आसान घरेलू योग,,

आँखों की रोशनी कम होने के कई लक्षण होते हैं जैसे- की धुंधला दिखाई देना, सिर में दर्द रहना, दूर और पास की चीजें देखने मे तकलीफ होना। इनके वजह से चश्मे का इस्तेमाल करना पड़ता है। आगे दिए हुए उपायों को आजमाने से आंखों की रोशनी को तेज करने में मदद मिलेगी और साथ मे चस्मा भी जल्द ही हट जाएगा। चस्मा लगाना तो आज कल का फैशन बन गया है लेकिन जो लोग मजबूरी में चस्मा लगाते हैं! उनके लिए तो यह जी का जंजाल ही लगता है। जिन लोगों की आंखों की रोशनी कम हो जाती है,केवल वही लोग मजबूरी में चश्मा लगाने का दर्द समझ सकते हैं। कुछ लोग चश्मे की बजाय लैंस का प्रयोग करते हैं, परंतु लैंस लगाने के बाद आंखों का और अधिक ध्यान रखना पड़ता है। इसलिए हम ऐसे नुस्खे बताने जा रहे हैं!जिससे न केवल आंखों की रोशनी तेज होगी बल्कि चश्मे से भी जल्द ही छुटकारा मिल जाएगा। इन नुस्खों का प्रयोग रात को सोने से पहले जरूर करे।
आंखों की रोशनी तेज करने के घरेलू योग,,
आंवला आँखों के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। आंवले से बने मुरब्बे का प्रतिदिन दो बार सेवन करने से आंखों की रोशनी तेज होती है। 
 दो बादाम, आधा चम्मच मिश्री और एक चम्मच सौंफ को पीस ले। इस मिश्रण का रोज दूध के साथ सोने से पहले जरूर सेवन करें। इससे आंखों को लाभ मिलेगा।
 मिश्री और जीरे को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। इसे रोज घी के साथ एक चम्मच  इस्तेमाल करें। इससे  आपकी आँखों की रोशनी बढ़ेगी।
आंखों के लिए गन्ना और केला भी बहुत फायदेमंद होता है । गन्ने के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। 
 गाय का घी हाथों में लगाकर कान में पीछे यानी कनपटी पर हल्के हाथ से मसाज करें। ऐसा करने से आँखों की रोशनी तेज होती है। 
आँखों के लिए तांबे का पानी भी बहुत लाभकारी होता है। ऐसा करने के लिए एक लीटर पानी को तांबे के जग में भरकरप  रातभर के लिए रख दे। सुबह उठकर ही इस पानी को पियें । इससे आंखों की रोशनी तेज होने में मदद मिलती है।
 रात को सरसों के तेल से पैर के तलवों की मालिश करके ही सोएं और सुबह घास पर नंगें पैर चलने से भी बहुत फायदा मिलता है।
अंगूर को भी रोजाना खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है इसलिए अन्गूर का सेवन अवश्य करें।
आंखों की एक्सरसाइज करने से भी फायदा मिलता है। एक्सरसाइज के लिए अपनी आंखों को घड़ी की तरह गोल,गोल घुमाएं और फिर उल्टी दिशा में भी घुमाएं। ऐसा करने से भी आंखों की रोशनी बढ़ती थी।
आंखों को एक जगह पर फोकस करने से भी बहुत लाभ मिलता है। इसके लिए एक पेन लें और उसे आंखों की सीध लाये और उसे आगे पीछे करते रहें। कोशिश करे कि आंखों का फोकस पर्ण की और ही रहे। इस तरह करने से भी आंखों को फायदा मिलता है।
इन सभी नुस्खों को जरूर आजमाएं, ऐसा करने से आपकी आंखों को बहुत लाभ मिलेगा और आंखों की रोशनी तेज होने के साथ जल्द ही चश्मा भी हट जाएगा। 
आयुर्वेद अपनाएं स्वस्थ जीवन पाएं!
जय श्री राम।🌹🌹,,🙏🙏,,🌹🌹

थाइराइड का अचूक उपचार

थाइराइड का अचूक उपचार,,
आज के समय में ज़्यादातर लोगों को थाइराइड की समस्या है, इसके कारण सैकड़ों बीमारियां घेर लेती है।
मोटापा इसी के कारण ये तयबढ़ जाता है।
लोग दवा खाते रहते हैं लेकिन ये ठीक नही होता।
इसलिए दवा के साथ कुछ नियम जान लें 10 दिन में थाइराइड से आराम मिल जायेगा।

1: घर से रिफाइंड तेल बिलकुल हटा दीजिये, न सोयाबीन न सूरजमुखी, भोजन के लिए सरसों का तेल, तिल का तेल या देशी घी का प्रयोग करें।

2: आयोडीन नमक के नाम से बिकने वाला ज़हर बंद करके सेंधा नमक का प्रयोग करें, समुद्री नमक BP, थाइराइड, त्वचा रोग और हार्ट के रोगों को जन्म देता है।

3: दाल बनाते समय सीधे कुकर में दाल डाल कर सीटी न लगाएं, पहले उसे खुला रखें, जब एक उबाल आ जाये तब दाल से फेना जैसा निकलेगा, उसे किसी चमचे से निकाल कर फेंक दें, फिर सीटी लगा कर दाल पकाएं।

इन तीन उपायों को अगर अपना लिया तो पहले तो किसी को थाइराइड होगा नही और अगर पहले से है तो दवा खा कर 10 दिन में ठीक हो जायेगा।

थाइराइड की दवा,,

2 चम्मच गाजर का रस
3 चम्मच खीरे का रस
1 चम्मच पिसी अलसी

तीनो को आपस में मिला कर सुबह खाली पेट खा लें।
इसे खाने के आधे घंटे बाद तक कुछ नही खाना है।

ये इलाज़ रोज सुबह खाली पेट कर लें 7 दिन में परिणाम देख लें।
घर पर ENO बनाये,,
सामग्री --- 100 ग्राम ENO बनाने के लिए 
1---40 ग्राम नीबू सत्व 
2----55 ग्राम खाने वाला सोडा
3-----05 ग्राम सेंधा नमक
सभी सामग्री को अच्छे से मिलाकर airtight कांच की बोतल में भरकर रखे।
प्रयोग ---- 
एक गिलास पानी में 3-4 ग्राम डाल कर अच्छे से मिलाए । बिलकुल ENO जैसा बन जायेगा ।
ये साम्रगी किराणे की दुकान पर मिल जायेगी ।
कुल 8 से 10 ₹ में 100 ग्राम ENO तैयार हो जाएगा, जबकि Eno का पेकेट 5gm 7 rs.मे आता है।
उच्च रक्तचाप,,

जिन मरीजों को रोज BP की दवा खानी पड़ती है उनके लिए एक अचूक हथियार है।

200 ग्राम बड़ी इलायची ले कर तवे पर भूने, इतना भूनना है कि इलायची जल कर राख हो जाये, इस राख को पीस कर किसी डिब्बी में भर लें, सुबह खाली पेट और शाम को भोजन से 1 घंटा पहले 5 ग्राम राख को 2 चम्मच शहद में मिला कर खा लें।

नियमित 15-20 दिन इस उपचार को करने के बाद आपको BP की किसी दवा को खाने की ज़रूरत नही पड़ेगी।

फ्रीज़ किए गए नींबू के आश्चर्यजनक परिणाम

सबसे पहले नींबू को धोकर फ्रीज़र में रखिए 
5 से 10 घंटे बाद वह बर्फ़ जैसा ठंडा तथा कड़ा हो जाएगा
अब उपयोग मे लाने के लिए उसे कद्दूकस कर लें
इसे आप जो भी खाएँ उस पर डाल कर इसे खा सकते हैं
इससे खाद्य पदार्थ में एक अलग ही टेस्ट आऐगा
नीबू के रस में विटामिन सी होता है। ये आप जानते हैं,आइये देखें इसके और क्या-क्या फायदे हैं

नीबू के छिलके में ५ से १० गुना अधिक विटामिन सी होता है और वही हम फेंक देते हैं

नींबू के छिलके में शरीर कॆ सभी विषेले द्रव्यों को बाहर निकालने की क्षमता होती है

नींबू का छिलका कैंसर का नाश करता है , इसका छिलका कैमोथेरेपी से 100,00 गुना ज्यादा प्रभावी है

यह बैक्टेरियल इन्फेक्शन, फंगस आदि पर भी प्रभावी है

नींबू का रस विशेषत: छिलका, रक्तदाब तथा मानसिक दबाव को नियंत्रित करता है

नींबू का छिलका १२ से ज्यादा प्रकार के कैंसर में पूर्ण प्रभावी है और वो भी बिना किसी साईड इफेक्ट के

इसलिये आप अच्छे पके हुए तथा स्वच्छ नींबू फ्रीज़र में रखें और कद्दूकस कर प्रतिदिन अपने आहार के साथ प्रयोग करें

 चीनी एक जहर है जो अनेक रोगों का कारण है, जानिये कैसे...

(1)-- चीनी बनाने की प्रक्रिया में गंधक का सबसे अधिक प्रयोग होता है । गंधक माने पटाखों का मसाला

(2)-- गंधक अत्यंत कठोर धातु है जो शरीर मेँ चला तो जाता है परंतु बाहर नहीँ निकलता ।

(3)-- चीनी कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाती है जिसके कारण हृदयघात या हार्ट अटैक आता है ।

(4)-- चीनी शरीर के वजन को अनियन्त्रित कर देती है जिसके कारण मोटापा होता है ।

(5)-- चीनी रक्तचाप या ब्लड प्रैशर को बढ़ाती है ।

(6)-- चीनी ब्रेन अटैक का एक प्रमुख कारण है ।

(7)-- चीनी की मिठास को आधुनिक चिकित्सा मेँ सूक्रोज़ कहते हैँ जो इंसान और जानवर दोनो पचा नहीँ पाते ।

(8)-- चीनी बनाने की प्रक्रिया मेँ तेइस हानिकारक रसायनोँ का प्रयोग किया जाता है ।

(9)-- चीनी डाइबिटीज़ का एक प्रमुख कारण है ।

(10)-- चीनी पेट की जलन का एक प्रमुख कारण है ।

(11)-- चीनी शरीर मे ट्राइ ग्लिसराइड को बढ़ाती है ।

(12)-- चीनी पेरेलिसिस अटैक या लकवा होने का एक प्रमुख कारण है।

(13) चीनी बनाने की सबसे पहली मिल अंग्रेजो ने 1868 मेँ लगाई थी ।उसके पहले भारतवासी शुद्ध देशी गुड़ खाते थे और कभी बीमार नहीँ पड़ते थे ।

(14) मेहरबानी करके जितना हो सके, चीनी से गुड़ पे आएँ ।
अच्छी बातें, अच्छे लोगों, अपने मित्र , रिश्तेदार में अवश्य शेयर करें।
आयुर्वेद अपनाए स्वस्थ जीवन पाए!  
जय श्री राम!
🌹 ,,🙏🙏,,🌹

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