यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 22 नवंबर 2011

क्यों की आप स्वयं ही कह रही हैं की आ बेल मुझे मार.. - by Leeladhar Rathi

अगर आप महिलाओं के लिए असुरक्षित इस शहर में सुरक्षित जीवन यापन करना चाहती हैं तो जींस नहीं पहनने के खाप पंचायत के फैसले को मान ले... मैं यह बात इसलिए नहीं कह रहा हूँ की मुझे उस खाप पंचायत का सदस्य बनना है वरन इसलिए कह रहा हूँ क्यों की समाज में तेजी से बढ रही महिलाओ के साथ छेड़खानी की कई मुख्य वजहों में से एक मुख्य वजह लड़कियों का जींस टॉप जेसे बोल्ड कपड़ों का पहनावा भी है...
ऐसा कहकर में लड़कियों पर प्रतिबंधात्मक बात जरूर कह रहा हूँ परन्तु इसका ये अर्थ कतई नहीं होना चाहिए की मैं उन्हें बुरका पहनकर घर से निकलने
की सलाह दे रहा हूँ......कई महिला संगठन इस समय खाप पंचायत की तीव्र आलोचना कर रहे हैं...उनका मत है की ऐसा करना महिलाओं के हितो और उनकी स्वतंत्रता पर पुरुष प्रधान समाज द्वारा प्रतिबन्ध लगाना होगा ...जब की मैं सोचता हूँ की स्त्रियों का हर वो काम जिस से किसी के मन में उनके प्रति विशुद्ध विकार उत्पन्न हो और उन विकारो के परिणाम स्वरुप कोई दूषित घटना घटित होने की आशंका हो से उन्हें दूर रहना चाहिए....

एक प्रसिद्ध जींस बनाने वाली कम्पनी किलर ने अपनी जींस बेचने के लिए एक विज्ञापन जारी किया ...जिसमे लड़की का पीछे से लिया गया चित्र दिखाया गया { चित्र क्र.१ } इस चित्र को देखने के बाद कह सकते हैं की उस लड़की द्वारा दोनों हाथ ऊपर उठाकर यह सन्देश देने की कोशिश की गयी है की इसे पहनने के बाद आप कितने कम्फर्ट रहते हैं यह एक सामान्य बात थी जो हमने आसानी से इस चित्र को देखने के बाद महसूस की,परन्तु अगर यही बात इस फोटो के माध्यम से कंपनी को बताना थी तो उन्होंने उस लड़की का फोटो पीछे की बजाय सामने की और से क्यों नहीं लिया.....???
क्या पीछे से दिखाए गए इस द्रश्य में कुछ ऐसा भी है जो कंपनी अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए दिखाना चाहती है...??
यु तो जींस और टॉप अपने आप में एक बोल्ड पहनावा है जिसे पहनने के बाद शारीर का हर अंग अपने आप में आकार लिए हुए दिखाई देता है... इसे जितना फीट पहनते हैं यह उतना ही खुलकर दीखता है,अगर इस पहनावे को आप शरीर से सटाकर नहीं पहनेंगे तो ये कतई अच्छा नहीं दिखेगा,इसका तात्पर्य यह हुआ की अगर आपको जींस पहनना है तो आपको अपने किसी भी शारीरिक अंग की बनावट का प्रदर्शन करने में कोई गुरेज नहीं है अर्थात आप चाहते हैं की आप बोल्ड दिखे ....अगर पहले चित्र को ध्यान से देखे तो यही बात निकलकर सामने आती है..जो कंपनी भी आपको दिखाना चाहती है की जींस को अगर अच्छी तरह पहना जाये तो आपके शारीर का हर हिस्सा कुछ खास अंदाज में दिखेगा ...
और अगर आपके शरीर का खास हिस्सा इस पहनावे में उत्तेजक दिखता है तो फिर आपको हर समय सावधान की मुद्रा में रहना चाहिए .. क्यों की अगर आप स्वयं अपने लटको झटको से किसी को विचलित करती हैं तो मुझे नहीं लगता की आपको किसी प्रकार की सुरक्षा की आवश्यकता है क्यों की आप स्वयं ही कह रही हैं की आ बेल मुझे मार..


by Leeladhar Rathi
नोट : इस ब्लॉग पर प्रस्तुत लेख या चित्र आदि में से कई संकलित किये हुए हैं यदि किसी लेख या चित्र में किसी को आपत्ति है तो कृपया मुझे अवगत करावे इस ब्लॉग से वह चित्र या लेख हटा दिया जायेगा. इस ब्लॉग का उद्देश्य सिर्फ सुचना एवं ज्ञान का प्रसार करना है

सोच रहा हूँ मैं भी नेता बन जाऊं,

सोच रहा हूँ मैं भी नेता बन जाऊं,
मंच पर खड़े होकर सबको बेवकूफ बनाऊं,
अगर भूले से जीत गया ,
समझो फिर तो देश गया,
खूब ही मौज उड़ाऊंगा,
रिश्वत भी जमकर खाऊंगा,
सांसद निधि का क्या सोचना है,
वो तो माल ही अपना है,
शुरु करूँगा बड़ी बड़ी योजनायें,
सब खाएं और सबसे ज्यादा मुझको खिलाएं,
एक बार के कार्यकाल में ,
जिन्दगी भर रहूँगा भौकाल में,
नहीं होगा कोई मेरा सानी,
पलक झपकते ही बन जाऊंगा अम्बानी,
जनता से मुझको क्या मतलब,
दिखाऊंगा एक से एक करतब,
ख़बरों में रोज मैं आऊंगा ,
झूठे इल्जाम लगाऊंगा,
होगा सब तरफ मेरा ही चर्चा,
लाखों में होगा मेरा रोज का खर्चा,
पर देखता हूँ जब फूटपाथ पर पड़े बच्चे को,
भूख से बिलखते देश के भविष्य को ,
चूर चूर हो जाता है नेता बनने का सपना,
लूटता है जो देश को बोलकर अपना,
गरीब पिसता रहता है राजनीति के खेल में,
नेता मौज उड़ाते है कभी संसद में कभी जेल में,
क्या मैं ईमानदार नेता बन पाऊंगा,
क्या देश की सच्ची सेवा कर पाउँगा,
अरे मैं कुछ भूल रहा हूँ,
हाँ सुन लो सब मैं पूछ रहा हूँ,
क्या कोई पार्टी देशभक्त को टिकट देगी?
और दे भी दी तो जनता भी क्या ईमानदार को वोट देगी? ........ दिव्येन्द्र कुमार


नोट : इस ब्लॉग पर प्रस्तुत लेख या चित्र आदि में से कई संकलित किये हुए हैं यदि किसी लेख या चित्र में किसी को आपत्ति है तो कृपया मुझे अवगत करावे इस ब्लॉग से वह चित्र या लेख हटा दिया जायेगा. इस ब्लॉग का उद्देश्य सिर्फ सुचना एवं ज्ञान का प्रसार करना है

function disabled

Old Post from Sanwariya