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शनिवार, 10 नवंबर 2012

शिवपुराण के अनुसार भगवानशिव के दस प्रमुख अवतार ।

शिवपुराण के अनुसार भगवानशिव के दस प्रमुख अवतार ।
यह दस अवतार इस प्रकार है जो मानव को सभी इच्छित फल प्रदान करने वाले हैं-

1. महाकाल- शिव के दस प्रमुख अवतारों में पहला अवतार महाकाल नाम
से विख्यात हैं। भगवान शिव का महाकाल स्वरुप अपने भक्तों को भोग और मोक्षप्रदान करने वाला परम कल्याणी हैं। इस अवतार की शक्ति मां महाकाली मानी जाती हैं।
2. तार- शिव के दस प्रमुख अवतारों में दूसरा अवतार तार नाम से विख्यात हैं। भगवान शिव का तार स्वरुप अपने भक्तों को भुक्ति-मुक्ति दोनों फल प्रदान करने वाला हैं। इस अवतार की शक्ति तारादेवी मानी जाती हैं।
3. बाल भुवनेश- शिव के दस प्रमुख अवतारों में तीसराअवतार बाल भुवनेश नाम से विख्यात हैं। भगवान शिव का बाल भुवनेश स्वरुप अपने भक्तों को सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करने वाला हैं। इस अवतार की शक्ति को बाला भुवनेशी माना जाता हैं।
4.षोडश श्रीविद्येश- शिव के दस प्रमुख अवतारों में चौथा अवतार षोडश श्रीविद्येश नामसे विख्यात हैं। भगवान शिव का षोडश श्रीविद्येश स्वरुपअपने भक्तों को सुख, भोग और मोक्ष प्रदान करने वाला हैं। इस अवतार की शक्ति को देवी षोडशी श्रीविद्या माना जाता हैं।
5. भैरव- शिव के दस प्रमुख अवतारों में पांचवा अवतारभैरव नाम से विख्यात हैं। भगवान शिव का भैरव स्वरुप अपने भक्तों को मनोवांछितफल प्रदान करने वाला हैं। इसअवतार की शक्ति भैरवी गिरिजा मानी जाती हैं।
6. छिन्नमस्तक- शिव के दस प्रमुख अवतारों में छठा अवतार छिन्नमस्तक नाम से विख्यात हैं। भगवान शिव का छिन्नमस्तक स्वरुप अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करनेवाला हैं। इस अवतार की शक्ति देवी छिन्नमस्ता मानी जाती हैं।
7. धूमवान- शिव के दस प्रमुख अवतारों में सातवां अवतार धूमवान नाम से विख्यात हैं। भगवान शिव का धूमवान स्वरुप अपने भक्तों की सभी प्रकार से श्रेष्ठ फल देने वाला हैं। इस अवतार की शक्ति को देवी धूमावती माना जाता हैं।
8. बगलामुख- शिव के दस प्रमुख अवतारों में आठवांअवतार बगलामुख नाम से विख्यात हैं। भगवान शिव का बगलामुख स्वरुप अपने भक्तोंको परम आनंद प्रदानकरने वाला हैं। इस अवतार की शक्तिको देवी बगलामुखीमाना जाता हैं।
9. मातंग- शिव के दस प्रमुख अवतारों में नौवांअवतार मातंग के नाम से विख्यात हैं। भगवान शिव का मातंग स्वरुप अपने भक्तों की समस्त अभिलाषाओं को पूर्ण करने वाला हैं। इस अवतार की शक्ति को देवी मातंगी माना जाता हैं।
10. कमल- शिव के दस प्रमुखअवतारों में दसवां अवतार कमल नाम से विख्यात हैं। भगवान शिव का कमल स्वरुप अपने भक्तों को भुक्ति और मुक्ति प्रदान करने वाला हैं। इस अवतार की शक्ति कोदेवी कमला माना जाता हैं।
विद्वानो के मत से उक्त शिव के सभी प्रमुख अवतार व्यक्ति को सुख, समृद्धि, भोग, मोक्ष प्रदान करने वालेएवं व्यक्ति की रक्षाकरने वाले हैं।

कार्तिक कृष्ण की त्रयोदशी के दिन धन्वतरि त्रयोदशी

पंचांग के अनुसार हर साल कार्तिक कृष्ण की त्रयोदशी के दिन धन्वतरि त्रयोदशी मनायी जाती है। जिसे आम बोलचाल में ‘धनतेरस’ कहा जाता है।....
 
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धनतेरस के दिन नए बर्तन या सोना-चांदी खरीदने की परम्परा है। इस पर्व पर बर्तन खरीदने की शुरआत कब और कैसे हुई
, इसका कोई निश्चित प्रमाण तो नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है कि जन्म के समय धन्वन्तरि के हाथों में अमृत कलश था। यही कारण होगा कि लोग इस दिन बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं। ...परम्परा के अनुसार धनतेरस की संध्या को यम के नाम का दीया घर की देहरी पर रखा जाता है और उनकी पूजा करके प्रार्थना की जाती है कि वह घर में प्रवेश नहीं करें और किसी को कष्ट नहीं पहुंचाएं। देखा जाए तो यह धार्मिक मान्यता मनुष्य के स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन से प्रेरित है।
पौराणिक कथा
एक बार राजा हिम ने अपने पुत्र की कुंडली बनवाई, इसमें यह बात सामने आयी कि शादी के ठीक चौथे दिन सांप के काटने से उसकी मौत हो जाएगी। हिम की पुत्रवधू को जब इस बात का पता चला तो उसने निश्चय किया कि वह हर हाल में अपने पति को यम के कोप से बचाएगी। शादी के चौथे दिन उसने पति के कमरे के बाहर घर के सभी जेवर और सोने-चांदी के सिक्कों का ढेर बनाकर उसे पहाड़ का रूप दे दिया और खुद रात भर बैठकर उसे गाना और कहानी सुनाने लगी ताकि उसे नींद नहीं आए।

रात के समय जब यम सांप के रूप में उसके पति को डंसने आया तो वह आभूषणों के पहाड़ को पार नहीं कर सका और उसी ढेर पर बैठकर गाना सुनने लगा। इस तरह पूरी रात बीत गई। अगली सुबह सांप को लौटना पड़ा। इस तरह उसने अपने पति की जान बचा ली। माना जाता है कि तभी से लोग घर की सुख-समृद्धि के लिए धनतेरस के दिन अपने घर के बाहर यम के नाम का दीया निकालते हैं ताकि यम उनके परिवार को कोई नुकसान नहीं पहुंचाए।

शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

गौ मूत्र से बिजली तैयार - ऊर्जा के स्त्रोत में नया अध्याय,


ऊर्जा के स्त्रोत में नया अध्याय,गौ मूत्र से बिजली तैयार

गौ माता दूध देती है ये हम सब जानते है, लेकिन गाय बिजली भी पैदा कर सकती है. इस शोध से आप भी चकरा सकते है.
झारखंड में बोकारो के सरस्वती विद्या मन्दिर के छात्रों ने छात्रों ने गौ मूत्र से ऊर्जा के नए स्रोत को ढ़ूंढ़ा है.
कम होते ऊर्जा के स्रोत में जुड़ा नया अध्याय.
अब गौ मूत्र से जलेगी बिजली. छात्रों की ये पहल सराहनीयहै.

गौ मूत्र से कैसे ब
नेगी बिजली?
गाय का गोबर वायरस को नष्ट करता है और गौ मूत्र सभी औषधियों में श्रेष्ठ माना गया है. इस तरह अब गौमूत्र से बिजली पैदा की तैयारी होरही है. गाय के दूध का सर्फेस टेंशन कम होता है.
एक काँपर और एक जिंक इलेक्ट्राड का प्लेट गौ मूत्र में डालने के बाद इलेक्ट्रान का प्रवाह होता है. छात्रों ने अपने शोध में इसे करके दिखा भी दिया.

बिजली संकट
ऊर्जा उत्पादन के लिए जरुरी संसाधनों के घटते भण्डार से देश चिन्तित है. जबकि इसका उपाय शुद्धदेसी आसान और कम खर्च में अपने देश में ही मौजूद है.
सरस्वती विद्या मन्दिर के छात्रों ने ऊर्जा के नए स्रोत ढ़ूंढकर गाय की महानता और उपयोगिता में एक नया अध्याय जोड़ दिया है.
गौ मूत्र वैसे भी यूँ ही बेकार चला जाता है. छात्रों के इस प्रयास को बड़े स्तर पर अपनाया जाए तो ऊर्जा की कमी को रोका जा सकता है.
पुराणों , ग्रंथों में कहा गया है कि गौ मूत्र धन्वन्तरी है और इस शोध से यह साबित भी होता है.

जय गौ माता

घुटनों के दर्द

घुटनों के दर्द

घुटनों के दर्द की मुख्य वजह खून में युरिक एसिड के लेविल का बढना है। इसे शरीर से बाहर निकालने के लिये रोगी को दो बातों का अनुसरण करना हितकर होता है। १..मौसम के मुताबिक ३ से ६ लिटर पानी पीने की आदत बनानी चाहिये।
२..हरी सब्जी और फ़ल या इनका रस ८०० मिलि प्रतिदिन पीना चाहिये।

...सवेरे मैथी दाना के बारीक चुर्ण की एक चम्मच की मात्रा से पानी के साथ फंक्की लगाने से घुटनों का दर्द समाप्त होता है। विशेषकर बुढ़ापे में घुटने नहीं दुखते।

सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से ही घुटनों का दर्द समाप्त हो जाता है।

नारियल की गिरी अक्सर खाते रहने से घुटनों का दर्द होने की संभावना नहीं रहती।

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